Monday, February 2, 2015

तेरी माँ की चूत, नन्द रानी

एक दिन मेरे और मेरी नन्द के बीच तू तू मैं मैं हो गयी।  न मैं भोसड़ी वाली कम हूँ और न मेरी बुर चोदी नन्द ? मैं भी बड़ी बेशरम हूँ और मेरी नन्द भी।  मैं भी
बड़ी मुंह फट हूँ और मेरी नन्द भी ? जब भी हम दोनों के बीच लड़ाई झगड़ा होता है तो देखने यालों की भीड़ लग जाती है।  मैं नन्द के ऊपर चढ़ जाती हूँ और नन्द मेरे ऊपर चढ़ जाती है।  मैं उसकी माँ बहन एक कर देती हूँ और वह भी मेरी माँ बहन एक कर देती है। जब मैं उसकी माँ चोदने लगती हूँ तो वह भी मेरी माँ चोदने लगती है। 
इसी तरह एक दिन का किस्सा मैं तुम्हे बता रही हूँ। एक दिन मैं घर ज़रा देर से पहुंची।  मुझे देख कर मेरी नन्द ने ताना मारा ?
  • कहाँ से आ रही है तू इतनी देर से अपनी माँ चुदवा कर, भाभी ?
  • माँ तो तू चुदवा कर आती है अपनी, मेरी नन्द रानी ? मैं तो एक जरुरी काम से रुक गयी थी। 
  • तो सीधे सीधे क्यों नहीं कहती हो भाभी जान की तुझे लण्ड हिलाने में देर हो गयी ? (इतने में घर के सब लोग इकठ्ठा हो गये और मजे लेने लगे)  
  • तो भोसड़ी की नन्द रानी, तू समझ रही है की मैं बाहर किसी का लण्ड हिलाने गयी थी ?  अरे लण्ड तो तू हिलाने जाती है बाहर, बहन चोद ? तू लड़कों के लण्ड हिलाने में बड़ी एक्सपर्ट हो गयी है।  मैं सब जानती हूँ।  तू कभी कॉलेज में लड़कों के लण्ड हिलाती है और कभी सिनेमा हाल में ? मेरे पास तेरे पल पल की खबर रहती है। अब तू मेरा मुंह न खुलवा मेरा नहीं तो मैं तेरी सारी इज्जत तेरी गांड में घुसा दूँगी ?
  • गांड में तो मैं घुसा दूँगी तेरी सारी इज्जत भाभी जान ? मैं बड़ी कुत्ती चीज हूँ।  मेरे मुंह न लगना नहीं तो मैं अभी तेरी माँ खुले आम चोदने लगूंगी। मैं अभी खोल खोल के बताने लगूंगी सबको की तू क्या क्या है करती है रात में, मादर चोद ? सारी पोल पट्टी खोल दूँगी तो तेरी गांड फट जाएगी भाभी।  मुझे किसी भोसड़ी वाले का डर नहीं है।  
  • तो खोल दे न मेरी पोल पट्टी ? तुझे किस भोसड़ी वाली ने रोका है ? धमकी किसको देती है तू माँ की लौड़ी ? मेरे पास न कोई पोल है और न कोई पट्टी तो फिर तू खोलेगी क्या, बाबा जी लण्ड ?
  • हां हां मैं वही बताऊँगी की तू कितने बाबाओं का लण्ड पकड़ती है ? कितने लोगों से छुप छुप कर चुदवाती है  ? अरे गांड मराती है तू अपनी खुल्लम खुल्ला ? अब माँ भी चुदाने लगो तो इज़्ज़त और बढ़ जाएगी तेरी, बुर चोदी भाभी ?
  • देख बहन की लौड़ी मेरी नन्द रानी, मैं छुप छुप कर कोई काम नहीं करती ?  मैं जो भी करती हूँ डंके के चोट पर करती हूँ। तेरे मर्द का लौड़ा पकड़ती हूँ तो छुपा कर नहीं पकड़ती सबके सामने पकड़ती हूँ।  सबको दिखा कर चूसती हूँ तेरे मियां का लण्ड ? सबके सामने तेरे मरद से चुदवाती हूँ ? बोल आज तक तू मेरी एक झांट भी उखाड़ पायी ? उखाड़ना तो दूर रहा, तू मेरी एक झांट भी टेढ़ी नहीं कर पायी अभी तक ?
  • अच्छा तो क्या तूने मेरी झांटें उखाड़ ली थी उस दिन जब मैं तेरे आगे तेरे भाई जान से चुदवा रही थी। उस दिन तो तू ही मेरे पास आई थी और कह रहा थी की मेरी प्यारी नन्द रानी आज तुम मेरे भाई जान से चुदवा लो। मेरा भाई तुझे दिल दे बैठा है यार ? तुम्हे दिल से चाहता है वो ? देखो मना न करना नहीं तो उस बिचारे का दिल टूट जाएगा ? उससे चुदवाने के लिए मिन्नतें कर रही थी तू मुझसे ?  मुझे भी तरस आ गया तो मैं उसे अपनी बुर दे बैठी ? और आज तू मेरी गांड में ऊँगली कर रही है ?
  • गांड तो मरवाई नहीं तूने उस दिन मेरे भाई जान से यह कह कर मैं गांड किसी और से मरवा लूंगी ? अब बता न सबके सामने की तू किस किस से मरवाती है अपनी गांड ? किस किस के लण्ड पेलती है तू अपनी गांड में ? और किस किस के लण्ड ठोंकती है तू अपनी माँ के भोसड़ा में ?
  • अपनी माँ के भोसड़ा में नहीं, तेरी माँ के भोसड़ा में पेलूँगी लण्ड, भाभी ?  
  • तो तू भी कान खोल कर सुन ले मेरी नन्द रानी, पहले मैं चोदूंगी तेरी माँ का भोसड़ा ? 
दोस्तों, मैं इससे पहले की आपको आगे की कहानी सुनाऊँ,  मैं आपको अपनी बीती हुई कहानी सुनाना चाहती हूँ।  मैं समीरा हूँ २४ साल की एक मदमस्त जवान बड़ी बड़ी चूंचियों वाली लड़की। मैं गोरी हूँ, बड़े बड़े चूतड़ों वाली और सेक्सी चूत वाली हूँ।  मुझे लड़कों के बीच रहने में खूब मज़ा आता है।  और मैं अब तो मर्दों के बीच भी रहने लगी हूँ। मेरे अब्बा है अज़ीज़ अहमद और अम्मी ज़ाहिरा खान ? मेरी शादी हो चुकी है।  मैं ससुराल में बहुत खुश हूँ।  मेरी एक नन्द है अदा जिससे मेरी अक्सर नोंक झोंक होती रहती है
माईके में मुझे पूरी आज़ादी मिली थी और इत्तिफ़ाक़ से मुझे ससुराल में भी पूरी आज़ादी मिली हुई है।  माईके में मेरे ऊपर कोई पाबन्दी नहीं है।  घर में गाली गलौज का पूरा माहौल है।  अम्मी तो खूब गालियां निकालती है यही हाल अब्बा का भी है।  मैं भी उसी में ढल गयी।  अब तो मैं भी गालियों के बिना बात ही नहीं करती ? अभी उस दिन मैं दरवाजे पर ही सब्जी खरीद रही थी मैं बोली भोसड़ी के तेरे बैगन का क्या भाव है ? वह बोला ३० रुपया किलो मैं बोली बहन के लौड़े थोड़ा कम करो ? फिर बोली आलू का क्या भाव है वो बोला ३० रुपया किलो मैंने मुस्कराते हुए बड़ी कटीली नज़रों से देख कर कहा बहन का लण्ड इतना मंहगा क्यों बेचता है ? चल एक किलो दे दे ? वह मुस्कराता हुआ तौलने लगा।  फिरा कहा २५० ग्राम लहसुन दे दे भोसड़ी के और एक किलो प्याज ? ज़रा ठीक से तौलना नहीं तो मैं तेरी गांड मार दूँगी ? सब्जी वाला रोज़ आता है।  मुझे जरूर सब्जियां बेंचता है और मेरी गालियों का मज़ा लेता है।  मेरी  गालियों का मज़ा मेरे मोहल्ले वाले भी लूटते है ?                                        
अब्बा से मैं बहुत परेशान रहती हूँ ? वज़ह यह है की बहन चोद जो भी लड़की मिलती है वो कहती है यार समीरा अपने अब्बा का लण्ड पकड़ाओ ?  जब कोई शादी शुदा लड़की मिलती है तो वह कहती है यार समीरा किसी दिन मेरी बुर में भी पेल दो अपने अब्बा का लण्ड ? कभी किसी की बीवी कहती है यार अपने अब्बा से कहो मुझे चोद ले ? कभी कोई कहती है मेरी माँ चुदवा दो अपने अब्बा से समीरा ? कभी कोई बोलती है मैं तेरे अब्बा का लण्ड पियूंगी।  कोई कहती है लण्ड चाटने आऊँगी तेरे अब्बा का तेरे घर में किसी दिन ? कोई कहती है अपनी बेटी की बुर में पेलूँगी तेरे अब्बा का लण्ड ? कोई कहती है अपनी माँ का भोसड़ा चुदाने आ रही हूँ मैं समीरा तेरे अब्बा से ? कोई कहती है यार मेरी भी गांड में घुसा दो अपने अब्बा का लण्ड ?
मैं आज़िज़ आ चुकी हूँ लोगों की बातें सुन सुन कर ? इतना लंबा चौड़ा मोटा ताज़ा और सख्त बना दिया है खुदा ने मेरे अब्बा लण्ड की उसे हर कोई अपनी चूत में, अपनी बिटिया की चूत में, अपनी बहू की बुर में, अपनी सास के भोसड़ा में, अपनी माँ के भोसड़ा में, अपनी गांड में, अपने मुंह में घुसाना चाहती है उसका लण्ड ?  यानी लण्ड एक चुदाने वाली अनेक ? मैं क्या करूँ किस किस की चुदवाऊँ चूत और किस किस की मरवाऊँ गांड ?
एक दिन मैं जाने लगी तो अब्बा बोला अरी समीरा कहाँ जा रही है तो अपनी माँ चुदाने ? मैं बोली मैं अपने कॉलेज जा रही हूँ बहन चोद ? अम्मी बोली देख भोसड़ी की ज़रा सहूलियत से काम लेना ज़रा ? अपनी माँ न चुदवाने लगना वहां सबके सामने ? हां अगर जरुरत पड़े तो किसी की भी गांड मार देना ? मैं देखती हूँ कौन उखाड़ेगा मादर चोद तेरी झांट ? मैं उसकी माँ चोद दूँगी ? मेरा सीना चौड़ा हो गया और मैं कॉलेज चली गयी। वहां तो मैं लड़को की माँ बहन चोदती ही रहती हूँ। बड़ा मज़ा आता है यार मुझे लड़कों के बीच ?
आजकल, मैं अपनी ससुराल में हूँ और आपने देखा की मैं किसी तरह अपनी नन्द से बक झक कर रही हूँ।  वह मुझे गाली देती है और मैं उसे गाली देती हूँ।  आपको एक राज़ की बात बताती हूँ ? अभी तक तो मैं उसकी माँ गालियों से चोदती थी लेकिन अब मैं वाकई लण्ड पेल कर उसकी माँ चोदती हूँ। वह भी कम नहीं है।  वह भी मेरी माँ की चूत में लण्ड पेलती है और बड़े प्यार से चोदती है। एक दूसरे की माँ चोदने का सिलसिला जब चला तो आजतक चला आ रहा है।  अब तो हमारी अम्मियों को भी हमसे चुदवाने में मज़ा आने लगा है।  वो दोनों भी भोसड़ी वाली अपनी अपनी बेटियां चुदवाने लगी हैं।  अब तो पूरी ऐय्यासी का माहौल हो गया है, चाहे मेरा माइका हो चाहे मेरी ससुराल ?     
     
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