उस दिन इत्तिफ़ाक़ से मेरी बेटी का फोन आ गया। रात के साढ़े ग्यारह बजे थे। मैंने फ़ोब उठाया और बोली हां बेटी खुशबू बोलो।
उसने कहा :- अम्मी एक बात पूंछ रही हूँ। तुम इस समय क्या कर रही हो ?
मैंने कहा :- सच सच बताऊँ बेटी ? मैं इस समय तेरे ससुर से चुदवा रही हूँ, बेटी ? हुआ यह की तेरा ससुर अपने कमरे में लेटा था। रात में मैं बाथ रूम के लिए उठी तो उसके कमरे की एक हलकी सी लाईट जल रही थी. मैंने अंदर झाँक कर देखा तो मेरी आँखें खुली की खुली रह गयीं। वह मादर चोद एकदम नंगा लेटा था और उसका लण्ड तन कर खड़ा हुआ था। मैं लण्ड देखकर ललचा गयी। मेरे मुंह से लार टपकने लगी। मेरे मन ने कहा हाय दईया इतना बड़ा मोटा ताज़ा लण्ड ? ये तो भोसड़ी का मेरे मन का लण्ड है ? फिर मैं अपने आप को रोक न सकी और दनदनाती हुई कमरे में घुस गय । मैंने कहा समधी जी तेरा लौड़ा तो बड़ा शानदार है बहन चोद ? तुम इसे अपने हाथ से क्यों हिला रहे हो ? मैं बुर चोदी किसलिए हूँ। बस मैंने अपना हाथ बढ़ा कर लण्ड पकड़ लिया और तब उसने मुझे चिपका लिया। बस इस तरह शुरू हो गयी हम दोनों के बीच चोदा चोदी ?
वह बोली :- तो फिर इरम भाभी क्या कर रहीं है अम्मी ?
मैंने कहा :- मैं अभी तेरी भाभी के कमरे में उसे देखने गयी थी। वह बहन चोद तेरे नंदोई शाहिद से चुदवा रही थी। तो मैंने उसे अपने कमरे में बुला लिया और कहा बहू तुम मेरे साथ चुदवाओ। अब हम दोनों सास बहू एक साथ इसी कमरे में एक दूसरे को देख देख कर चुदवा रहीं है।
तो बेटी यहां एक तरफ मेरा भोसड़ा, तेरे ससुर का लण्ड और दूसरी तरफ तेरी भाभी की बुर और तेरे नंदोई का लण्ड
अब तुम बताओ बेटी की तुम क्या कर रही हो वहां ? सब ठीक तो है न बेटी ?
वह बोली :- यहाँ सब ठीक है अम्मी। मेरी सास यहाँ मेरे इमरान अब्बू से चुदवा रही है और मैं अपनी नन्द के देवर असद से चुदवा रही हूँ। यहाँ भी सास बहू दोनों भोसड़ी वाली एक साथ एक ही कमरे में चुदा रही हैं ? मेरा तो यह पहला मौक़ा है अम्मी। मैं जब अपनी सास के कमरे में गयी थी तो देखा की वह मेरे अब्बू का लण्ड हिला रही है। मैं समझ गयी की आज मेरी सास का चुदेगा भोसड़ा ? यह देख कर मेरी चूत बहन चोद गरम हो गयी और मैं मुड़ी तो देखा की मेरे पीछे मेरी नन्द का देवर खड़ा है। मैं तो ताव में थी ही। मेरी नियत उस पर ख़राब हो गयी। मैंने उसकी लुंगी के अंदर हाथ घुसेड़ दिया और कहा अब तुम मुझे दिखाओ मादर चोद अपना लण्ड ? मेरे हाथ लगते ही उसका लण्ड टन्ना कर खड़ा हो गया। तब मैं बिना किसी झिझक के बड़ी बेशर्मी से उसका लण्ड पकडे पकडे सास के कमरे में दाखिल हो गयी। सास मुझे देख कर बड़ी खुश हो गयी और बोली हाय अल्ला, बड़ा बढ़िया लण्ड है बहू तेरी नन्द के देवर का ? ला मैं इसे पकड़ कर घुसेड़ती हूँ तेरी बुर में। आज मैं अपनी बहू की बुर चुदवाऊँगी। मैं इस तरह अपनी बुर चुदवाने लगी और मेरी सास अब्बू से अपना भोसड़ा चुदवाने लगी ।
तो अम्मी यहाँ एक तरफ मेरी सास का भोसड़ा, मेरे अब्बू का लण्ड और दूसरी तरफ मेरी चूत, मेरी नन्द के देवर लण्ड
दूसरे दिन मेरी बेटी खुशबू अपनी नन्द के देवर असद के साथ मेरे गार आ गयी। शाम का समय था। मैं उसे देख कर खुश हो गयी और बताया अरी खुशबू तेरा ससुर तो बहन चोद बड़ा मस्ता आदमी निकला। उसका लौड़ा इतना बढ़िया होगा इसका मुझे इल्म नहीं था। हाय अल्ला, कल रात को तो बड़ा मज़ा आ गया उससे चुदवाकर ? क्या मस्त चोदता है भोसड़ी का चूत ? तू ने कभी अपने ससुर चुदवाया बेटी खुशबू ?
उसने कहा अरे अम्मी उस मादर चोद ने कभी मुझे चोदा ही नहीं। मैंने आज तक उसका लण्ड ही नहीं देखा। मैंने कहा कोई बात नहीं आज उससे चुदवाकर देखना ? इतने में मेरी बहू इरम आ गयी। उसे देखते ही खुशबू बोली हाय भाभी कल तो तूने खूब जम कर चुदवाया। मेरे नंदोई का लौड़ा पसंद आया तुझे ? वह बोली हां खुशबू बहुत मस्त लौड़ा है उसका और मैंने क्या तेरी अम्मी ने भी चुदवाया उससे। मुझे तो अपनी सास का भोसड़ा चुदवाने में बड़ा मज़ा आया। खुशबू बोली हां भाभी सास का भोसड़ा तो मैं भी चोद कर आ रही हूँ। बड़ी बुर चोदी चुदक्कड़ है मेरी सास। जाने किस किस से चुदवाया करती है। लेकिन एक बात है अम्मी वह जितना प्यार मुझसे प्यार करती है उतना ही प्यार वह मेरी चूत से भी करती है। जो भी लण्ड उसके हाथ में आता है वह पहले मेरी चूत में पेलती है फिर अपने भोसड़ा में ? हम दोनों में ताल मेल बहुत बढ़िया है अम्मी। मैं उसके भोसड़ा में लण्ड घुसेड़ती हूँ वह मेरी चूत में। मैं उसकी गांड में लण्ड ठोंकती हूँ वह मेरी गांड में लण्ड ठोंकती है। खुदा करे की सबको ऐसी ही सास मिले।
तब तक इरम बोली अरी खुशबू मेरी भी सास ऐसी ही है। कल इसमें पहले मेरी बुर में तेरे नंदोई का लण्ड पेला था और बाद में तेरे ससुर का लण्ड भी घुसा दिया इसने मेरी बुर में ? मैंने इन दोनों मादर चोदों से रात भर खूब चुदवाया। मैंने कहा देखो बेटी मुझे अपनी बहू इरम पर नाज़ है। मेरी बहू मेरे भोसड़ा का बहुत ख्याल रखती है। उस दिन इसका खालू आया तो रात में इसने उसका लण्ड पकड़ कर मेरे मुंह में घुसा दिया और फिर मेरे भोसड़ा में। पहले मेरी बुर चुदवाई फिर अपनी बुर ?
खुदा करे की इस तरह की बहू सबको मिले ?
मैं अपनी बेटी और बहू से खुल कर इसी तरह की बातें कर रही थी। इतने में बेटी का ससुर आ गया। उसे देखते ही खुशबू बेटी बोली वाओ, मेरे भोसड़ी के ससुर तू बड़ा हरामजादा मादर चोद है साला गांडू कहीं का तेरी बहन की चूत, तेरी बिटिया की बुर साले तूने चुपके चुपके मेरी माँ का भोसड़ा चोद लिया। न चोदने पहले मुझसे पूंछा और न चोदने के बाद मुझे बताया ? और तूने तो कभी अपना लण्ड दिखाया तक नहीं मुझे ? अबे माँ के लौड़े अगर तू अपना लण्ड कभी मुझे पकड़ा देता तो क्या मैं उसे उखाड़ कर अपनी पर्श में रख लेती ? वह बोला ऐसा नहीं है खुशबू बहू। मैं तो तुम्हे जाने कबसे चोदने की फिराक में था लेकिन कभी हिम्मत ही नहीं हुई । मैं हमेशा यही सोंचता रहा की कहीं तुम बुरा न मान जाओ ? खुशबू बड़े प्यार से बोली अरे भोसड़ी के ससुर जी तुझे यह नहीं मालूम की कोई भी जवान लड़की, बहू या बेटी लण्ड पकड़ने के लिए कितनी बेताब रहती है ? उसे तो लण्ड पकड़ने में ख़ुशी होती है तो फिर वो बुरा क्यों मानेगी बुर चोदी ?
तब तक मेरी खुशबू उठी और अपने ससुर की लुंगी के अंदर हाथ घुसेड़ कर लण्ड पकड़ लिया और उसे अंदर ही अंदर सहलाने लगी। उधर मैं असद का लण्ड उसके पैजामे के अंदर हाथ डाल कर सहलाने लगी। इतने में किसी ने दरवाजा खटखटाया। इरम उठी और दरवाजा खोलने लगी। उसने बाहर देखा की इक़बाल अंकल खड़े हैं। उसने इकबाल को अंदर कमरे में बैठाया और मेरे पास आकर बोली सासू जी इकबाल अंकल आएं हैं। मैंने कहा ठीक है बहू तू उसे यहीं बुला ले ? बहू बोली अरे सासू जी यह क्या कह रही है तू भोसड़ी की ? तू यहाँ लण्ड पकड़ कर हिला रहा है। तेरी बेटी लण्ड हिला रही है। तो उसे यहाँ अंदर कैसे ले आऊँ ? कोई गैर मर्द यहाँ अंदर कैसे आ सकता है। मैंने कहा देख बहू तेरी गांड क्यों फट रही है ? मैं कह रही हूँ न ? तू जा बहन की लौड़ी और जल्दी से उसे यही ले आ ?
उसके कमरे में आते ही मैंने उससे पूंछा तू किसकी बुर में लण्ड पेल कर आ रहा है, इकबाल ? मेरे इस सवाल को सुनकर मेरी बेटी और बहू दोनों बड़ी दंग रह गयीं। तब मैंने बताया की इकबाल हमारे मामियां ससुर का लड़का है इसलिए मेरा देवर है। वह गाँव में रहता है और यहां आता जाता रहता है। इकबाल बोला सच बताऊँ भाभी अभी मैं आसिया की बुर चोद कर आ रहा हूँ। मैं बोली इकबाल मैंने सुना है की तुम गाँव में सबकी बीवियां चोदते हो ? उसने जबाब दिया ऐसा नहीं है भाभी। असली बात यह है की बीवियां खुद मुझसे चुदवाने आतीं है। कभी रात में आतीं है कभी दिन में और कभी कभी सवेर सवेरे ही आ जाती है चुदवाने। अब मैं क्या करूँ ? आते ही भोसड़ी वाली लण्ड पकड़ लेतीं है मेरा. फिर मुझे चोदना ही पड़ता है।
मैंने पूंछा गाँव की बीवियां ही आतीं है चुदवाने की लड़कियां भी। वह बोला अरे भाभी जवान जवान लड़कियां तो खूब आती हैं मुझसे चुदवाने ? कोई ससुरी लण्ड हिलाने आती है, कोई लण्ड चूसने चाटने आती है, कोई मुठ्ठ मार कर लण्ड पीने आती है, कोई चुदवाने आती है और कोई गांड मराने ? अभी उस दिन सलमा आ गयी बोली अंकल आज मुझे नहीं मेरी का भोसड़ा बजाओ ? आज मैं अपने सामने अपनी माँ चुदवाने आई हूँ। फिर वह माँ चुदवा कर ही गयी। एक और दिन एक औरत आई और बोली भाई जान आज मेरी बिटिया की बुर चोदो। आज मैं अपनी बेटी चुदाने आई हूँ। मैंने कहा इसका मतलब यह है की तेरा लौड़ा बड़ा मशहूर हो गया है बहन चोद ? शायद बड़ा दमदार है तेरा लौड़ा ? फिर मैं बोली इरम ले तू असद का लण्ड पकड़ और मैं इकबाल का लौड़ा देखती हूँ की कैसा है भोसड़ी वाला ?
ऐसा कह कर मैंने इकबाल की लुंगी खींच ली और उसे सबके सामने नंगा कर दिया। मैंने देखा की उसका लण्ड तो पहले से ही खड़ा है। मैंने लण्ड मुठ्ठी में लेकर चूमा और उसे पुचकारते हुए बोली हाय मेरे लण्ड राजा तू तो बड़ा खूबसूरत है बहन चोद ? मैं लण्ड चारों तरफ से घुमा घुमा कर देखने लगी। लण्ड बढ़ता ही जा रहा था। मैं बोली हाय खूशबू देख तो ये लौड़ा साला तेरे ससुर के लौड़े की तरह बड़ा हो गया है अरे दूसरे हाथ से पकड़ कर देख न ? उसने फ़ौरन लण्ड पकड़ा और बोली हाय अम्मी ये तो उससे कुछ ज्यादा मोटा लग रहा है। तब तक बहू बोली हाय दईया मुझे तो मोटे लण्ड बहुत अच्छे लगते हैं सासू जी। मैंने कहा अरी बहन की लौड़ी इरम, लौड़ा सबको मोटा ही अच्छा लगता है ?
मैंने कहा बहू तू भी पकड़ कर देख ले न। उसने भी पकड़ा और बोली सासू लम्बाई तो दोनों की बराबर है पर ये थोड़ा मोटा जरूर है। मैं बस जबान निकाल कर लण्ड चाटने लगी। तब तक मैं मादर चोद नंगी हो चुकी थी। मेरी बेटी खुशबू भी बुर चोदी बिलकुल नंगी हो गयी और बहू भी ? उधर तीनो मर्द ( बेटी का ससुर, असद और इकबाल) भी नंगे हो चुके थे। मैं इकबाल का लण्ड चूसने लगी, खुशबू अपने ससुरा का लण्ड और बहू असद का लण्ड चूसने लगी। थोड़ी ही देर में इकबाल भकाभक बजाने लगा मेरा भोसड़ा।
मेरे बगल में लेटी मेरी बेटी अपने ससुर से चकाधक बजवाने लगी अपनी चूत. और
मेरी दूसरी तरफ मेरी हरामजादी बहू भी फ़चाफ़च बजवाने लगी अपनी बुर .
माँ बेटी का साथ साथ चुदवाना, सास बहू का साथ साथ चुदवाना, नन्द भौजाई का साथ साथ चुदवाना हम तीनो को बहुत अच्छा लग रहा था।
मैं माँ भी थी और सास भी, खुशबू मेरी बेटी भी थी और नन्द भी। मेरी बहू इरम बहू भी थी और भौजाई भी। हम तीनो डबल डबल रोल निभा रही थी।
(१) मैं कभी माँ बन कर अपनी बेटी खुशबू की चूत में लण्ड पेल देती, कभी सास बन कर इरम की चूत में ? मैं कभी अपनी बिटिया की बुर चुदवाती कभी अपनी बहू की बुर ?
(२) खुशबू कभी बेटी बन कर अपनी माँ के भोसड़ा में लण्ड पेलती कभी नन्द बन कर अपनी भाभी की बुर में लण्ड पेलती ? कभी अपनी माँ का भोसड़ा बजवाती कभी अपनी भाभी की बुर ?
(३) इरम भी कभी बहू बन कर अपनी सास के भोसड़ा में लण्ड ठोंक देती कभी भाभी बन कर अपनी नन्द की बुर में लण्ड घुसा देती। कभी अपनी सास का भोसड़ा चुदवाती कभी अपनी नन्द की चूत ?
इतनी मस्ती से एक साथ चुदवाने का मज़ा हम सबको पहली बार मिल रहा था।
इस तरह की चुदाई का मज़ा बहुत कम लोगों को नसीब होता है।
खुशबू जब ससुराल चली गयी तो मैंने एक दिन उसे फोन किया और उसए बातें करने लगी।
तेरे ससुर का लण्ड है बेटी |
मैंने कहा :- सच सच बताऊँ बेटी ? मैं इस समय तेरे ससुर से चुदवा रही हूँ, बेटी ? हुआ यह की तेरा ससुर अपने कमरे में लेटा था। रात में मैं बाथ रूम के लिए उठी तो उसके कमरे की एक हलकी सी लाईट जल रही थी. मैंने अंदर झाँक कर देखा तो मेरी आँखें खुली की खुली रह गयीं। वह मादर चोद एकदम नंगा लेटा था और उसका लण्ड तन कर खड़ा हुआ था। मैं लण्ड देखकर ललचा गयी। मेरे मुंह से लार टपकने लगी। मेरे मन ने कहा हाय दईया इतना बड़ा मोटा ताज़ा लण्ड ? ये तो भोसड़ी का मेरे मन का लण्ड है ? फिर मैं अपने आप को रोक न सकी और दनदनाती हुई कमरे में घुस गय । मैंने कहा समधी जी तेरा लौड़ा तो बड़ा शानदार है बहन चोद ? तुम इसे अपने हाथ से क्यों हिला रहे हो ? मैं बुर चोदी किसलिए हूँ। बस मैंने अपना हाथ बढ़ा कर लण्ड पकड़ लिया और तब उसने मुझे चिपका लिया। बस इस तरह शुरू हो गयी हम दोनों के बीच चोदा चोदी ?
वह बोली :- तो फिर इरम भाभी क्या कर रहीं है अम्मी ?
मैंने कहा :- मैं अभी तेरी भाभी के कमरे में उसे देखने गयी थी। वह बहन चोद तेरे नंदोई शाहिद से चुदवा रही थी। तो मैंने उसे अपने कमरे में बुला लिया और कहा बहू तुम मेरे साथ चुदवाओ। अब हम दोनों सास बहू एक साथ इसी कमरे में एक दूसरे को देख देख कर चुदवा रहीं है।
तो बेटी यहां एक तरफ मेरा भोसड़ा, तेरे ससुर का लण्ड और दूसरी तरफ तेरी भाभी की बुर और तेरे नंदोई का लण्ड
अब तुम बताओ बेटी की तुम क्या कर रही हो वहां ? सब ठीक तो है न बेटी ?
वह बोली :- यहाँ सब ठीक है अम्मी। मेरी सास यहाँ मेरे इमरान अब्बू से चुदवा रही है और मैं अपनी नन्द के देवर असद से चुदवा रही हूँ। यहाँ भी सास बहू दोनों भोसड़ी वाली एक साथ एक ही कमरे में चुदा रही हैं ? मेरा तो यह पहला मौक़ा है अम्मी। मैं जब अपनी सास के कमरे में गयी थी तो देखा की वह मेरे अब्बू का लण्ड हिला रही है। मैं समझ गयी की आज मेरी सास का चुदेगा भोसड़ा ? यह देख कर मेरी चूत बहन चोद गरम हो गयी और मैं मुड़ी तो देखा की मेरे पीछे मेरी नन्द का देवर खड़ा है। मैं तो ताव में थी ही। मेरी नियत उस पर ख़राब हो गयी। मैंने उसकी लुंगी के अंदर हाथ घुसेड़ दिया और कहा अब तुम मुझे दिखाओ मादर चोद अपना लण्ड ? मेरे हाथ लगते ही उसका लण्ड टन्ना कर खड़ा हो गया। तब मैं बिना किसी झिझक के बड़ी बेशर्मी से उसका लण्ड पकडे पकडे सास के कमरे में दाखिल हो गयी। सास मुझे देख कर बड़ी खुश हो गयी और बोली हाय अल्ला, बड़ा बढ़िया लण्ड है बहू तेरी नन्द के देवर का ? ला मैं इसे पकड़ कर घुसेड़ती हूँ तेरी बुर में। आज मैं अपनी बहू की बुर चुदवाऊँगी। मैं इस तरह अपनी बुर चुदवाने लगी और मेरी सास अब्बू से अपना भोसड़ा चुदवाने लगी ।
तो अम्मी यहाँ एक तरफ मेरी सास का भोसड़ा, मेरे अब्बू का लण्ड और दूसरी तरफ मेरी चूत, मेरी नन्द के देवर लण्ड
दूसरे दिन मेरी बेटी खुशबू अपनी नन्द के देवर असद के साथ मेरे गार आ गयी। शाम का समय था। मैं उसे देख कर खुश हो गयी और बताया अरी खुशबू तेरा ससुर तो बहन चोद बड़ा मस्ता आदमी निकला। उसका लौड़ा इतना बढ़िया होगा इसका मुझे इल्म नहीं था। हाय अल्ला, कल रात को तो बड़ा मज़ा आ गया उससे चुदवाकर ? क्या मस्त चोदता है भोसड़ी का चूत ? तू ने कभी अपने ससुर चुदवाया बेटी खुशबू ?
उसने कहा अरे अम्मी उस मादर चोद ने कभी मुझे चोदा ही नहीं। मैंने आज तक उसका लण्ड ही नहीं देखा। मैंने कहा कोई बात नहीं आज उससे चुदवाकर देखना ? इतने में मेरी बहू इरम आ गयी। उसे देखते ही खुशबू बोली हाय भाभी कल तो तूने खूब जम कर चुदवाया। मेरे नंदोई का लौड़ा पसंद आया तुझे ? वह बोली हां खुशबू बहुत मस्त लौड़ा है उसका और मैंने क्या तेरी अम्मी ने भी चुदवाया उससे। मुझे तो अपनी सास का भोसड़ा चुदवाने में बड़ा मज़ा आया। खुशबू बोली हां भाभी सास का भोसड़ा तो मैं भी चोद कर आ रही हूँ। बड़ी बुर चोदी चुदक्कड़ है मेरी सास। जाने किस किस से चुदवाया करती है। लेकिन एक बात है अम्मी वह जितना प्यार मुझसे प्यार करती है उतना ही प्यार वह मेरी चूत से भी करती है। जो भी लण्ड उसके हाथ में आता है वह पहले मेरी चूत में पेलती है फिर अपने भोसड़ा में ? हम दोनों में ताल मेल बहुत बढ़िया है अम्मी। मैं उसके भोसड़ा में लण्ड घुसेड़ती हूँ वह मेरी चूत में। मैं उसकी गांड में लण्ड ठोंकती हूँ वह मेरी गांड में लण्ड ठोंकती है। खुदा करे की सबको ऐसी ही सास मिले।
तब तक इरम बोली अरी खुशबू मेरी भी सास ऐसी ही है। कल इसमें पहले मेरी बुर में तेरे नंदोई का लण्ड पेला था और बाद में तेरे ससुर का लण्ड भी घुसा दिया इसने मेरी बुर में ? मैंने इन दोनों मादर चोदों से रात भर खूब चुदवाया। मैंने कहा देखो बेटी मुझे अपनी बहू इरम पर नाज़ है। मेरी बहू मेरे भोसड़ा का बहुत ख्याल रखती है। उस दिन इसका खालू आया तो रात में इसने उसका लण्ड पकड़ कर मेरे मुंह में घुसा दिया और फिर मेरे भोसड़ा में। पहले मेरी बुर चुदवाई फिर अपनी बुर ?
खुदा करे की इस तरह की बहू सबको मिले ?
मैं अपनी बेटी और बहू से खुल कर इसी तरह की बातें कर रही थी। इतने में बेटी का ससुर आ गया। उसे देखते ही खुशबू बेटी बोली वाओ, मेरे भोसड़ी के ससुर तू बड़ा हरामजादा मादर चोद है साला गांडू कहीं का तेरी बहन की चूत, तेरी बिटिया की बुर साले तूने चुपके चुपके मेरी माँ का भोसड़ा चोद लिया। न चोदने पहले मुझसे पूंछा और न चोदने के बाद मुझे बताया ? और तूने तो कभी अपना लण्ड दिखाया तक नहीं मुझे ? अबे माँ के लौड़े अगर तू अपना लण्ड कभी मुझे पकड़ा देता तो क्या मैं उसे उखाड़ कर अपनी पर्श में रख लेती ? वह बोला ऐसा नहीं है खुशबू बहू। मैं तो तुम्हे जाने कबसे चोदने की फिराक में था लेकिन कभी हिम्मत ही नहीं हुई । मैं हमेशा यही सोंचता रहा की कहीं तुम बुरा न मान जाओ ? खुशबू बड़े प्यार से बोली अरे भोसड़ी के ससुर जी तुझे यह नहीं मालूम की कोई भी जवान लड़की, बहू या बेटी लण्ड पकड़ने के लिए कितनी बेताब रहती है ? उसे तो लण्ड पकड़ने में ख़ुशी होती है तो फिर वो बुरा क्यों मानेगी बुर चोदी ?
तब तक मेरी खुशबू उठी और अपने ससुर की लुंगी के अंदर हाथ घुसेड़ कर लण्ड पकड़ लिया और उसे अंदर ही अंदर सहलाने लगी। उधर मैं असद का लण्ड उसके पैजामे के अंदर हाथ डाल कर सहलाने लगी। इतने में किसी ने दरवाजा खटखटाया। इरम उठी और दरवाजा खोलने लगी। उसने बाहर देखा की इक़बाल अंकल खड़े हैं। उसने इकबाल को अंदर कमरे में बैठाया और मेरे पास आकर बोली सासू जी इकबाल अंकल आएं हैं। मैंने कहा ठीक है बहू तू उसे यहीं बुला ले ? बहू बोली अरे सासू जी यह क्या कह रही है तू भोसड़ी की ? तू यहाँ लण्ड पकड़ कर हिला रहा है। तेरी बेटी लण्ड हिला रही है। तो उसे यहाँ अंदर कैसे ले आऊँ ? कोई गैर मर्द यहाँ अंदर कैसे आ सकता है। मैंने कहा देख बहू तेरी गांड क्यों फट रही है ? मैं कह रही हूँ न ? तू जा बहन की लौड़ी और जल्दी से उसे यही ले आ ?
उसके कमरे में आते ही मैंने उससे पूंछा तू किसकी बुर में लण्ड पेल कर आ रहा है, इकबाल ? मेरे इस सवाल को सुनकर मेरी बेटी और बहू दोनों बड़ी दंग रह गयीं। तब मैंने बताया की इकबाल हमारे मामियां ससुर का लड़का है इसलिए मेरा देवर है। वह गाँव में रहता है और यहां आता जाता रहता है। इकबाल बोला सच बताऊँ भाभी अभी मैं आसिया की बुर चोद कर आ रहा हूँ। मैं बोली इकबाल मैंने सुना है की तुम गाँव में सबकी बीवियां चोदते हो ? उसने जबाब दिया ऐसा नहीं है भाभी। असली बात यह है की बीवियां खुद मुझसे चुदवाने आतीं है। कभी रात में आतीं है कभी दिन में और कभी कभी सवेर सवेरे ही आ जाती है चुदवाने। अब मैं क्या करूँ ? आते ही भोसड़ी वाली लण्ड पकड़ लेतीं है मेरा. फिर मुझे चोदना ही पड़ता है।
मैंने पूंछा गाँव की बीवियां ही आतीं है चुदवाने की लड़कियां भी। वह बोला अरे भाभी जवान जवान लड़कियां तो खूब आती हैं मुझसे चुदवाने ? कोई ससुरी लण्ड हिलाने आती है, कोई लण्ड चूसने चाटने आती है, कोई मुठ्ठ मार कर लण्ड पीने आती है, कोई चुदवाने आती है और कोई गांड मराने ? अभी उस दिन सलमा आ गयी बोली अंकल आज मुझे नहीं मेरी का भोसड़ा बजाओ ? आज मैं अपने सामने अपनी माँ चुदवाने आई हूँ। फिर वह माँ चुदवा कर ही गयी। एक और दिन एक औरत आई और बोली भाई जान आज मेरी बिटिया की बुर चोदो। आज मैं अपनी बेटी चुदाने आई हूँ। मैंने कहा इसका मतलब यह है की तेरा लौड़ा बड़ा मशहूर हो गया है बहन चोद ? शायद बड़ा दमदार है तेरा लौड़ा ? फिर मैं बोली इरम ले तू असद का लण्ड पकड़ और मैं इकबाल का लौड़ा देखती हूँ की कैसा है भोसड़ी वाला ?
ऐसा कह कर मैंने इकबाल की लुंगी खींच ली और उसे सबके सामने नंगा कर दिया। मैंने देखा की उसका लण्ड तो पहले से ही खड़ा है। मैंने लण्ड मुठ्ठी में लेकर चूमा और उसे पुचकारते हुए बोली हाय मेरे लण्ड राजा तू तो बड़ा खूबसूरत है बहन चोद ? मैं लण्ड चारों तरफ से घुमा घुमा कर देखने लगी। लण्ड बढ़ता ही जा रहा था। मैं बोली हाय खूशबू देख तो ये लौड़ा साला तेरे ससुर के लौड़े की तरह बड़ा हो गया है अरे दूसरे हाथ से पकड़ कर देख न ? उसने फ़ौरन लण्ड पकड़ा और बोली हाय अम्मी ये तो उससे कुछ ज्यादा मोटा लग रहा है। तब तक बहू बोली हाय दईया मुझे तो मोटे लण्ड बहुत अच्छे लगते हैं सासू जी। मैंने कहा अरी बहन की लौड़ी इरम, लौड़ा सबको मोटा ही अच्छा लगता है ?
मैंने कहा बहू तू भी पकड़ कर देख ले न। उसने भी पकड़ा और बोली सासू लम्बाई तो दोनों की बराबर है पर ये थोड़ा मोटा जरूर है। मैं बस जबान निकाल कर लण्ड चाटने लगी। तब तक मैं मादर चोद नंगी हो चुकी थी। मेरी बेटी खुशबू भी बुर चोदी बिलकुल नंगी हो गयी और बहू भी ? उधर तीनो मर्द ( बेटी का ससुर, असद और इकबाल) भी नंगे हो चुके थे। मैं इकबाल का लण्ड चूसने लगी, खुशबू अपने ससुरा का लण्ड और बहू असद का लण्ड चूसने लगी। थोड़ी ही देर में इकबाल भकाभक बजाने लगा मेरा भोसड़ा।
मेरे बगल में लेटी मेरी बेटी अपने ससुर से चकाधक बजवाने लगी अपनी चूत. और
मेरी दूसरी तरफ मेरी हरामजादी बहू भी फ़चाफ़च बजवाने लगी अपनी बुर .
माँ बेटी का साथ साथ चुदवाना, सास बहू का साथ साथ चुदवाना, नन्द भौजाई का साथ साथ चुदवाना हम तीनो को बहुत अच्छा लग रहा था।
मैं माँ भी थी और सास भी, खुशबू मेरी बेटी भी थी और नन्द भी। मेरी बहू इरम बहू भी थी और भौजाई भी। हम तीनो डबल डबल रोल निभा रही थी।
(१) मैं कभी माँ बन कर अपनी बेटी खुशबू की चूत में लण्ड पेल देती, कभी सास बन कर इरम की चूत में ? मैं कभी अपनी बिटिया की बुर चुदवाती कभी अपनी बहू की बुर ?
(२) खुशबू कभी बेटी बन कर अपनी माँ के भोसड़ा में लण्ड पेलती कभी नन्द बन कर अपनी भाभी की बुर में लण्ड पेलती ? कभी अपनी माँ का भोसड़ा बजवाती कभी अपनी भाभी की बुर ?
(३) इरम भी कभी बहू बन कर अपनी सास के भोसड़ा में लण्ड ठोंक देती कभी भाभी बन कर अपनी नन्द की बुर में लण्ड घुसा देती। कभी अपनी सास का भोसड़ा चुदवाती कभी अपनी नन्द की चूत ?
इतनी मस्ती से एक साथ चुदवाने का मज़ा हम सबको पहली बार मिल रहा था।
इस तरह की चुदाई का मज़ा बहुत कम लोगों को नसीब होता है।
खुशबू जब ससुराल चली गयी तो मैंने एक दिन उसे फोन किया और उसए बातें करने लगी।
- हां अम्मी बोलो कैसी हो भाभी कैसी हैं ?
- हम दोनों यहाँ ठीक है तुम बताओ वहां क्या हो रहा है ?
- यहाँ तो तेरे भोसड़ा का चर्चा हो रहा है अम्मी और भाभी की बुर का भी। मेरे ससुर ने यहाँ तुम दोनों की चूत की बड़ी तारीफ की है।
- हाय दईया मैं भी यहाँ तेरे ससुर के लण्ड की चर्चा कर रही हूँ। और हां जब से तेरा अब्बू तेरी सास का भोसड़ा बजा कर आया है तबसे दुबारा बजाने की बात बार बार कह रहा है। तेरी नन्द हया की चूत चोद कर उसे बड़ा मज़ा आया बेटी ?
- अरे अम्मी यहाँ तो मेरे अब्बू का लण्ड बड़ा पॉपुलर हो गया है। यहाँ की हर बीवी हर लड़की मेरे अब्बू से चुदवाना चाहती है बहन चोद ? मेरी जेठानी तो हर दिन मेरे अब्बू का लण्ड याद करती है क्योंकि वह कल ही अपने माईके से आई है। वह उस दिन नहीं थी। वो तो मेरे अब्बू से चुदवाने के लिए बुरी तरह तड़प रही है अम्मी ? उधर मेरी नन्द मेरे अब्बू से अपनी सास का भोसड़ा चुदवाना चाहती है। उसे तो बहुत जल्दी यहाँ आना पडेगा ? उससे कहना अम्मी की वह इकबाल अंकल को भी लेता आये क्योंकि मैंने उसके लण्ड के बारे में सबको बता दिया है। इसलिए यहाँ सब उससे चुदवाने के लिए तैयार बैठीं है।
- हां बेटी खुशबू वह जल्दी ही तेरे पास आएगा तेरा अब्बू ? और सुन खुशबू मैं किसी दिन तेरे दुबई वाले खालू को तेरे पास भेजूंगी। उससे तुम जरूर चुदवाना। फिर अपनी सास, अपनी नन्द और अपनी जेठानी की बुर भी चुदवाना क्योंकि उसका लौड़ा बहुत मोटा है। मैंने आज रात भर चुदवाया उससे। अच्छा बेटी फिर बात करूंगी। डोर बेल बजी है शायद कोई भोसड़ी वाला आया है ?
0 comments: