Sunday, December 21, 2014

मैं 'लण्ड' से बातें करती हूँ

                                     
    • मैंने पहले तो लण्ड चूमा और फिर बोली  :- हाय मेरे लण्ड राजा, आज तो तू बड़ा प्यारा लग रहा है मुझे ? कितना खूबसूरत हो गया है तू, भोसड़ी
      का ?
    • लण्ड - खूबसूरत तो तू भी हो गयी है मेरी जान ? मैं तो तुझे देख कर ख़ुशी से फूला नहीं समा रहा हूँ। 
    • मैं -  तू तो मादर चोद अपनी झांटें बनवाने के बाद और चमक उठा है । मन करता है तुझे कच्चा खा जाऊं मेरे लण्ड राजा ?
    • लण्ड -  कच्चा तो मुझे तेरी चूत खाती ही है मेरी जान ? तू बस मेरी झांटें बनाया कर मैं इसी तरह चमका करूंगा ?
    • मैं - तेरा सुपाड़ा तो रोज़ रोज़ फूलता ही जा रहा है।  बड़ा मोटा हो गया है तू ?
    • लण्ड -  अब रोज़ रोज़ मुझे अपनी चूत में पेलोगी तो मैं मोटा तो हो ही जाऊंगा यार ?
    • मैंने बड़े प्यार से लण्ड को पुचकारा और बोली - लगता है आजकल तुझे लड़कियां चोदने का मौक़ा खूब मिल रहा है। बुर चोदने में तू बड़ा एक्सपर्ट होता जा रहा है ?  
    • लण्ड - हां यह बात सही है जाने मन ? मुझे लड़कियां चोदने में बड़ा मज़ा आ रहा है।  मैं वाकई बुर चोदने में एक्सपर्ट हो रहा हूँ। 
    • मैं - अच्छा भोसड़ा भी चोदता है तू ? कब से चोद रहा है तू भोसड़ा, बहन चोद ?
    • लण्ड - हां हां बिलकुल चोदता हूँ भोसड़ा ? मैं तो जाने कब से चोद रहा हूँ भोसड़ा ? कोई चुदवाये तो मुझसे अपना भोसड़ा ?
    • मैं - हाय अल्ला, माँ का भोसड़ा चोदता है तू ?
    • लण्ड - हां बेशक चोदता हूँ ?
    • मैं - तो फिर मेरी माँ का भोसड़ा चोदोगे ?
    • लण्ड - अरे यार मुझे तेरी माँ का भोसड़ा चोदने में बड़ा मज़ा आएगा ? मैं तो जाने कबसे तेरी माँ चोदना चाहता हूँ ? मैं तो एक एक दिन गिन गिन कर गुज़ार रहा हूँ ? जल्दी चुदवा अपनी माँ का भोसड़ा बुर चोदी 'रेहाना' ? बोल कब चुदवायेगी तू ?
    • मैं - हां हां मैं बताऊँगी कब चोदना है तुझे मेरी माँ का भोसड़ा ? मेरी खाला का भोसड़ा, मेरी आंटी का भोसड़ा, मेरी मामी जान का भोसड़ा ? कभी इसका भोसड़ा चोदना कभी उसका भोसड़ा ? सबका भोसड़ा सबके सामने चोदना ?
    • लण्ड - ओ के मेरी रानी, मैं सबके सामने सबका भोसड़ा चोदूंगा।  यह मेरा वादा है ?
    मैं बड़ी मस्ती से इसी तरह लण्ड से बातें करती रहती हूँ।  लण्ड भी बहन चोद अपना सर हिला हिला कर जबाब देता रहता है।  मुझे लण्ड से खेलना बहुत पसंद है।  मैं लण्ड अपने पूरे बदन पर घुमा घुमा कर खेलती रहती हूँ। बीच बीच लण्ड चूमती चाटती रहती हूँ।  लण्ड के सुपाड़े पर जबान फिराती रहती हूँ। उसके पेल्हड़ भी चूमती रहती हूँ।  उसका चुम्मा लेती रहती हूँ। और खूब हंस हंस कर बातें करती रहती हूँ। 
    मैंने अपने निपल्स पर लण्ड लगा कर कहा :- मेरे प्यारे लण्ड राजा,  लो पहले थोड़ा दूध पी लो।  दूध पीकर तू और मोटा हो जायगा भोसड़ी का ? लण्ड बोला :- हां हां बिलकुल पियूँगा दूध क्योंकि हर लड़की मुझे दूध पिला पिला कर मोटा कर देती है। 
    मैंने कहा :- हां हां बिलकुल जानती हूँ हर लड़की बुर चोदी, हर औरत भोसड़ी की मोटा लण्ड पसंद करती है ?
    लण्ड बोला :- तो फिर दोनों चूंचियों का दूध पिलाओ न मुझे प्लीज ?
    मैंने कहा :- अच्छा तू दोनों चूंचियों का दूध पीना चाहता है भोसड़ी का ? कोई बात नहीं, दोनों चूंचियों का दूध पी लो ? खूब मन लगा कर पियो दूध माँ के लौड़े ? और मोटे हो जाओ भोसड़ी के ?
    लण्ड बोला :- अरे मेरी रानी मुझे इन दोनों मस्त और बड़ी बड़ी चूंचियों के बीच घुसा दो प्लीज ?
    मैंने कहा :- ओ हो अब तू चूंचियों के बीच घुसना चाहता है ? तो लो घुसो भोसड़ी के मेरी दोनों चूंचियों के बीच ? अच्छा  मैं समझ गयी तू मेरी बड़ी बड़ी चूंचियां चोदना चाहता है ? ठीक है चोद ले,  तुझे तो मैं बुर चोदी मना भी नहीं कर सकती क्योंकि मैं तुझसे बेहद मोहब्बत करती हूँ मेरे लण्ड राजा ? लण्ड बोला :- अरे मेरी रानी रेहाना ज़रा मेरा सुपाड़ा चाटो, उसके चारों तरफ अपनी जबान घुमाओ और बार घुमाओ प्लीज ?
    मैंने कहा :-  अच्छा तू चाहता है की मैं अपनी जबान निकाल तेरा सुपाड़ा बार बार चाटती रहूँ ?  ओ के मैं चाटती रहूंगी तेरा सुपाड़ा,  तू चोदना शुरू कर ? हां भई हां पहले चूंचियां अच्छी तरह चोद ले फिर मेरी मेरे मुंह में घुस जाना ?
    मैं बिलकुल आम की गुठली की तरह बार बार मुंह से निकाल कर चूसूंगी तुझे,  मेरे लण्ड राजा ?
    तो मित्रों, अब तो आप समझ ही गये होंगें की मैं रेहाना हूँ और इस वख्त बिलकुल निःवस्त्र बैठी हूँ।  मेरे बदन पर एक भी कपड़ा नहीं है।  मेरा सारा का सारा बदन खुले आसमान की तरह खुला है।  मेरे हाथ में एक टन टनाता हुआ लण्ड है और मैं लण्ड से बातें कर रहीं हूँ। लण्ड वाला भी भोसड़ी का बिलकुल नंगा है और उसका नाम है परवेज़ ? परवेज़ मेरा बॉय फ्रेंड है और मैं उससे बहुत प्यार करती हूँ। उसके लण्ड से ज्यादा प्यार करती हूँ।  मेरी पर्श में परवेज़ की तश्वीर हो या न हो पर उसके लण्ड की तश्वीर जरूर होगी। परवेज़ का इतना बढ़िया लण्ड न होता तो मैं हरगिज़ उससे प्यार नहीं करती ? मैं एक राज़ की बात आपको बता रही हूँ की मैं हर उस मरद से प्यार करती हूँ जिसका लण्ड मेरे मन का होता है। इसलिए परवेज़ की तरह मेरे और भी ऐसे मर्द है जिनसे मैं बेहद  करती हूँ। हां हां प्यार करने का मतलब उनसे चुदवाती हूँ। उनके लण्ड से बातें करती हूँ,  उनके लण्ड से खेलती हूँ और फिर उनके लण्ड अपनी चूत में पेल कर चुदवाती हूँ।
    मेरे घर में सब लोग मेरे "लण्ड - प्रेम" को जानते हैं। मेरे नाते रिश्ते दारों में भी सब लोग जानते है की रेहाना बुर चोदी लण्ड से बहुत प्यार करती है ? मेरे मोहल्ले में भी लोग जान गये है।  मैं अपने "लण्ड - प्रेम"  को छुपाती नहीं हूँ।  खुल कर लण्ड से प्यार करती हूँ और खुल कर चुदवाती हूँ। 
    इसका एक बहुत बड़ा फायदा है दोस्तों, की मेरे पास हर वह मर्द चला आता है जिसका लण्ड लम्बा चौड़ा होता है,  मोटा तगड़ा होता है और जो चूत में देर तक ठहर सकता है। इस "लण्ड - प्रेम"  में मैं मर्द को सिर्फ मर्द मानती हूँ। उसके आगे कोई और रिस्ता हरगिज़ नहीं मानती ? यही कारण है की मैं अपने अब्बू के लण्ड से भी प्यार करती हूँ।
    एक दिन जब मैं बस से आ रही थी तो उसमे बहुत भीड़ थी।  बैठने की भी जगह नहीं थी।  मैं खड़ी थी और मेरे अगल बगल लड़के खड़े थे। बस चलती तो थोड़े बहुत धक्के लगते ही थे।  उन्ही धक्को में कभी कभी मेरे चूतड़ लड़कों से टकरा जाते, कभी मेरी चूंची टकरा जाती तो कभी मेरा हाथ। मैं मन में सोंचने लगी इन मादर चोदों का लण्ड टकराये तो मज़ा आये ? बस मैं जान बूझ कर थोड़ा और टकराने लगी।  तब मुझे पीछे खड़े एक लड़के के लण्ड से टकराने का अहसास हुआ। दूसरी बार मैं उससे और कस के टकराई और अब पक्का हो गया की उसका लौड़ा खड़ा है।  मैंने दाहिना हाथ नीचे किया और बायें हाथ से रॉड पकड़ लिया।  अपना दाहिना हाथ नीचे लटका दिया।  इस बार जब धक्का लगा तो मैंने अपना हाथ उसके लण्ड से टकरा दिया।  ऐसा २/३ बार हुआ तो मैं उसकी तरफ देख कर थोड़ा मुस्कराई। 
    मैंने मन में कहा भोसड़ी के एक जवान लड़की तेरा लण्ड पकड़ना चाहती है तू उसे कहीं ले आजा और मस्ती से उसकी बुर चोद ले ? ऐसा माल रोज़ रोज़ नहीं मिलता ? फिर आगे के स्टेशन पर मैं उत्तर गयी।  मैंने पीछे मुड़ कर देखा की वही लड़का मेरे पीछे पीछे आ रहा है। वह जब नजदीक आया तो मुझे देख कर मुस्कराने लगा। मैं बोली साला तू मर्द होकर शर्माता है।  चल हट मैं ऐसे शर्मीले लड़कों से बात नहीं करती ? वह बोला नहीं मेम मैं शर्मा नहीं रहा हूँ।  मैं तो तुम्हे देख रहा हूँ। तुम मुझे बहुत अच्छी लग रही हो ? मैंने पलट कर कहा सीधे सीधे बोल तू क्या चाहता है ? मैं उसे उकसा रही थी लेकिन वह माँ का लौड़ा खुल ही नहीं रहा था। मैंने मन में कहा यार मैंने तेरा लण्ड मुंह में लेना चाहती हूँ।  तेरा लण्ड अपनी बुर में घुसाना चाहती हूँ। चुदवाना चाहती हूँ तुझे बहन चोद ?  तू कुछ तो आगे बढ़ ? वह बोला मैं तुमसे मिलना चाहता हूँ।  तब मेरा सब्र का बाँध टूट गया।  मैं रुकी और बोली भोसड़ी के मिल तो रही हूँ मैं तुमसे बोल न क्या कहना है ? तेरी गांड क्यों फट रही है ? तब वह बोला मैं तुसे अकेले में मिलना चाहता हूँ।  मैंने कहा अच्छा ठीक है तू मेरे पीछे पीछे चल मैं तुझे अपने घर ले चलती हूँ। वह चलने लगा मेरे पीछे पीछे।          
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