एक दिन मैंने काजल मौसी को लण्ड चूसते हुए देख लिया। पहले तो मुझे यकीन ही नहीं हुआ की यह मेरी मौसी हैं क्योंकि वह बिलकुल निःवस्त्र थी। उसके
बदन पर एक भी कपड़ा नहीं था। मैं उसकी बड़ी बड़ी चूंचियां, बड़े बड़े चूतड़ और एक मस्तानी बिना झांट की चूत देखने लगी। जब मेरी निगाह उसके चेहरे पर पड़ी तब मुझे मालूम हुआ की अरे यह तो मेरी काजल मौसी हैं।
मैं बार बार उसका नंगा बदन देखने लगी और देखने लगी वह लण्ड जिसे मौसी अपनी जबान से बार बार चाट रहीं थी। मेरी नज़रें बड़ी देर तक लण्ड पर टिकीं रहीं और इधर मेरी चूत की ऐसी की तैसी हुई जा रही थी। वह बुर चोदी काबू के बाहर होती जा रही थी। मेरा मन हो रहा था की मैं भोसड़ी वाली मौसी के हाथ से लण्ड छीन लूं और उसे मुंह में लेकर चूसने लगूँ । मैं वाकई पहली बार एक टन टनाता हुआ लण्ड देख रही थी। मुझे उस दिन मालूम हुआ की लण्ड वास्तव में कितना बड़ा, मोटा तगड़ा और खूबसूरत होता है ? मैं अपने आप को रोक नहीं पायी। मैं मन ही मन मौसी को गाली देने लगी। मौसी की माँ की चूत, इसकी बहन की बुर, मादर चोद देखती हूँ यह कैसे रोकती है मुझे भोसड़ी वाली ? वह मेरा क्या उखाड़ लेगी, माँ की लौड़ी ? ज्यादा बोलेगी तो मैं उसकी गांड में ठोंक दूँगी यही लण्ड ? मैंने ठान लिया की आज मैं लण्ड पकड़ कर ही दम लूंगी ?
बस मैं दनदनाती हुई कमरे में घुस गयी और बोली :- वाओ, यह क्या कर रही हो तुम भोसड़ी की मौसी अकेले अकेले ? मुझे भी पकड़ाओ लण्ड ?
वह भी बड़ी बेशर्मी से बोली :- लण्ड चूस रही हूँ बुर चोदी कामिनी और क्या कर रही हूँ ? दिखाई नहीं पड़ता क्या तुझे, बहन चोद ? पहले तू भोसड़ी की बता की तू कहाँ अपनी माँ चुदा रही थी इतनी देर से ? मैं तो तुझे पहले लण्ड पकड़ाना चाहती थी ? इसलिए मैंने पूरा घर ढूंढ लिया पर तेरा कहीं पता नहीं था।
मैंने कहा :- अरे मौसी मैं छत पर थी।
वह बोली :- तो छत पर तू किसका लण्ड हिला रही थी, माँ की लौड़ी कामिनी ?
मैंने कहा :- मैंने तो आज तक कोई लण्ड ही नहीं पकड़ा ? तो हिलाऊँगी क्या बाबा जी का घंटा ?
वह बोली :- क्या कह रही है तू बुर चोदी कामिनी ? मुझे तेरी बातों पर कतई विश्वाश नहीं होता ? ऐसा कैसे हो सकता है ? कहीं तू झूंठ तो नहीं बोल रही है मुझसे ? मुझे चूतिया तो नहीं बना रही है तू, बहन चोद ? सच सच बता मुझको, नहीं तो जा मै तुझे लण्ड नहीं पकड़ाऊँगी ?
मैंने कहा :- मैं सच सच ही बता रही हूँ, मौसी ? मैं तुझसे झूंठ नहीं बोल रही हूँ। रिश्ते में तू मेरी मौसी जरूर है लेकिन मैं तुझे मौसी कम दोस्त ज्यादा मानती हूँ। मैं तुमसे केवल चार साल ही तो छोटी हूँ। मैं २१ साल की हूँ तो तुम २५ साल की हो। एक दोस्त होने के नाते मैंने तुमसे सच्ची सच्ची अपने मन की बता दी ? अब तू इसे झूंठ मानती है तो मैं क्या कर सकती हूँ ?
वह बोली :- अच्छा एक बार मेरी कसम खा कर बता की तूने अभी तक कोई लण्ड नहीं पकड़ा ?
मैंने कहा :- हां मौसी मैं तेरी कसम खा कर कह रही हूँ की मैंने कभी कोई लण्ड नहीं पकड़ा ?
वह बोली :- तब तो तू वाकई बड़ी भोली भाली सीधी साधी लड़की है। तब तो तू भोसड़ी वाली कुछ भी नहीं जानती ?
मैंने जबाब दिया :- नहीं काजल मौसी ऐसा नहीं है की मैं कुछ भी नहीं जानती ? मैं बहुत कुछ जानती हूँ मौसी ? कॉलेज में लड़कियां खूब बातें करती है। लण्ड, चूत, गांड, चूंची, चोदना, चुदाना सब की बातें करती हैं। गालियां खूब बकतीं हैं। मैं भी बहुत सी गालियां सीख गयी हूँ। उनके बीच अपनी जगह बनाये रखने के लिए मैं भी खूब गालियां देती हूँ। लड़कों की bc mc करती रहती हूँ ?
वह बोली :- यह bc mc क्या होता है कामिनी ?
मैंने बताया :- bc mc माने बहन चोद और मादर चोद ? bc mc तो हर लड़की की जबान पर रहता है, मौसी ? इसके अलावा भोसड़ी का, माँ का लौड़ा , बहन का लौड़ा, बहन का लण्ड, तेरी माँ का भोसड़ा, तेरी बहन की बुर, गांडू कहीं का, साला झांटू यह सब भी तो कॉलेज में चलता ही रहता है ? अरे लड़कियां तो आजकल मौसी लण्ड की बातें और लण्ड के साइज़ की बातें खूब करती हैं ? मैं भी लण्ड के साइज़ की बातें करती हूँ। खूब इधर उधर की हांकती रहती हूँ पर हकीकत तो यही हैं न की मैंने आज तक कोई लण्ड नहीं देखा ?
मौसी ने कहा :- अच्छा तो ले पकड़ लण्ड और चाटना शुरू कर दे। मगर पहले अपने सारे कपडे उतार कर फेंक दे ? लण्ड का मज़ा नंगी होकर पकड़ने में ज्यादा आता है। मैं तुझे आज ही लण्ड चाटना, चूसना और मुठ्ठ मारना सिखा देती हूँ। बाद में बुर चुदाना और गांड मराना भी सिखा दूँगी ? गाली बकना तो तुझे आता ही है। बस तू तो हो जाएगी पक्की रंडी भोसड़ी की कामिनी ?
हम दोनों इसी बात पर हंसने लगीं।
दोस्तों, मैं कामिनी हूँ और एक डिग्री कॉलेज की स्टूडेंट हूँ। मैं अपनी काजल मौसी के साथ रहती हूँ। मेरी मौसी एक मैनेजमेंट इंस्टिट्यूट में सिस्टैंट प्रोफ़ेसर हैं। उसके संपर्क में कई लड़के रहते हैं। कुछ तो उसके कॉलेज के हैं लेकिन ज्यादा तर दूसरे कॉलेज के हैं जहाँ मौसी २/३ सहेलियां टीचर हैं। मैंने कई बार मौसी को लड़कों से हंस हंस कर बातें करते देखा है। अश्लील बातें और गाली गलौज करते हुए देखा है । लेकिन मुझे यह नहीं मालूम था की मौसी अपनी चूत भी चुदाने लगी हैं। हालांकि मैंने अभी तक कोई लण्ड उसकी चूत में घुसते हुए नहीं देखा लेकिन अगर मैं थोड़ा लेट हो जाती तो वह भी देख लेती। पर यह ठीक ही हुआ अब मैं अपने सामने खुल्लम खुल्ला उसे चुदवाते हुए देखूँगी। ऐसा सोंचते हुए मैं अपने कपडे उतारने लगी। बस २ मिनट में ही मैं भी मौसी की तरह बिलकुल नंगी हो गयी। उस लड़का मुझे एकटक देखने लगा और देखने लगा मेरी मस्त चूंचियां, मेरी सेक्सी चूत और मेरी चूतड़ों के बीच मस्तानी गांड ? मैंने भी घूम कर उसे अपना पूरा नंगा बदन दिखा दिया।
उसका लण्ड भी साला खड़े हो के मुझे देखने लगा। मौसी ने लण्ड मुझे पकड़ा दिया और मैं उसे बड़े प्यार से घुमा घुमा के देखने लगी। उसके पेल्हड़ सहलाने लगी। मैंने कहा मौसी यह मेरी ज़िन्दगी का पहला लण्ड है । वह बोली जानती हो यह किसका लण्ड है। यह मेरे बॉस मिस्टर रॉबर्ट डिसूज़ा का लण्ड है कामिनी। मुझे यह लण्ड बहुत पसंद है इसलिए मैं अक्सर इसी से चुदवाती हूँ। मेरे सामने एक इंची टेप पड़ा था। मैं उसे उठा कर लण्ड नापने लगी। मौसी बोलीं अरी नापती क्यों है यह ८" से ज्यादा लंबा है और ५" से ज्यादा मोटा है ? लेकिन मैंने नाप कर देख ही लिया । मैं बोली अरे मौसी यह तो ८ १/२ " लंबा और ५ १/२" मोटा है ? वह बोली वाओ, तो आधा इंच तेरे हाथ में जाकर बढ़ गया बहन चोद ? मैं मस्ती से लण्ड चाटने और चूसने लगी। इतने में मौसी ने किसी को फोन लगा दिया और उससे बात करने लगीं। हेलो पिंटू तू भोसड़ी का क्या कर रहा है,,,,,,? कुछ नहीं तो फिर यहाँ मेरे घर अभी आ जा ,,,,,,, ? क्या तेरा दोस्त है ,,,,,,तेरे सामने नंगा लेटा है ,,,,,? तो उसे भी ले आ न ,,,,,?
मैं जान गयी की मौसी ने किन्ही दो लड़कों को बुलाया है। मौसी मेरे पास आई और बोली अरी पगली ऐसे नहीं, ऐसे चूसा जाता है लण्ड ? ऐसे पूरी जबान निकाल कर चाटा जाता है लण्ड और ऐसे सहलाये जातें है पेल्हड़ ? मौसी मेरी गांड सहलाने लगीं और मेरी चूत भी। बस थोड़ी देर में घंटी बजी । मौसी ने दरवाजा खोला और वह दो लड़कों के साथ वापस कमरे में आ गयीं। तब मैं नंगी नंगी लण्ड चूसने में जुटीं थी। मैंने आँख उठा कर देखा की मौसी उन दोनों के लण्ड अपने दोनों हाथ में लिए हुए खड़ी हैं। मैं दोनोंहुए लण्ड लड़कों को नंगा देख कर बहुत खुश हुई और उनके टन टनाते हुए लण्ड देख कर तो बहुत ज्यादा खुश हुई। मेरी चूत की आग और भड़क उठी। तब मौसी बोली कामिनी देख यह है पिंटू का लण्ड और यह इसके दोस्त रोहित का लण्ड ? मैं दोनों लण्ड देख कर ललचा गयी। पहले ही दिन मैं तीन तीन टन्नाते लण्ड देख कर मस्त हो गयी और भकाभक चुदवाने की सोंचने लगी।
इतने में मौसी बोली :- तू बोल भोसड़ी की कामिनी, कौन सा लण्ड तेरी चूत में पेल दूँ ?
मैंने भी मस्ती से बोली :- तू बोल भोसड़ी की काजल, कौन सा लण्ड तेरी बुर में ठोंक दूँ ?
हम दोनों हँसते हुए एक दूसरे के साथ मस्ती करने लगी। उधर तीनो मरद भी भोसड़ी वाले मज़ा करने लगे। मौसी ने मेरी चूत में हाथ लगाया और उसे सहला सहला कर और उत्तेजित कर दिया फिर आहिस्ते से घुसेड़ दिया पिंटू का लण्ड। लण्ड पूरा घुसते ही मैं बोली उई माँ मर गयी मैं ? पूरा पेल दिया लण्ड तूने ? फाड़ डाली मेरी चूत ? तेरी माँ का भोसड़ा साले मैं इसका बदला तेरी गांड मार कर लूंगी। उधर मौसी ने रोहित का लण्ड मेरे मुंह में घुसाते हुए कहा ले मादर चोद कामिनी अब तू लण्ड चाटते हुए अपनी बुर चुदवा। पिंटू ने चोदने की स्पीड तेज कर दी। मैं धकापेल चुदवाने लगी एक रंडी की तरह। आज मुझे मालूम हुआ की चुदाने में कितना मज़ा आता है ? मौसी मेरे सामने अपनी दोनों टाँगें फैलाकर रॉबर्ट से झमाझम चुदवाने लगीं ?
मैं मौसी को देख कर चुदवा रही थी और मौसी मुझे देख कर चुदवा रही थी। फिर मौसी थोड़ा आगे बढ़ी और मेरे साथ रोहित का लण्ड चाटने लगीं। मैं अपने मुंह से निकाल कर लण्ड मौसी के मुंह में घुसा देती और वह अपने मुंह से निकाल कर लण्ड मेरे मुंह में घुसा देती।
सच बताऊँ दोस्तों, मैंने कभी इतनी मस्ती की कल्पना भी न की थी।
मैं तो खलास हो चुकी थी। बस दो मिनट में पिंटू बोला कामिनी मैं खलास हो रहा हूँ । बस मौसी ने लण्ड मेरी चूत से निकाला और बोली ले कामिनी इसे मुठ्ठी से पकड़ कर जल्दी जल्दी ऊपर नीचे कर। मैं वैसा ही करने लगी। मौसी ने कहा हां इसी तरह करती रह ? इसी को मुठ्ठ मारना कहते है पगली ? इसे सड़का मारना भी कहते हैं। तू अपना मुंह खोल ले और लण्ड से निकलने वाला सारा वीर्य पी जाना भोसड़ी की। पिंटू उधर बोले जा रहा था हां उई हां हो ओ हो और जल्दी जल्दी करो कामिनी बड़ा अच्छा लग रहा है, बड़ा मज़ा आ रहा है। हां हो हो आ ऊ मैं तो मुंह खोले हुए थी। इतने में लण्ड मादर चोद उगलने लगा मक्खन मेरे मुंह में और मैं पीने लगी लण्ड, चाटने लगी लण्ड ? मुझे देख कर मौसी बोली हाय दईया तू तो बड़े मजे से पी रही है लण्ड ? इतने में रोहित बोला मैं भी निकलने वाला हो गया काजल ? मौसी ने कहा ले बुर चोदी कामिनी तू इसे भी पी ले। मैं रोहित का लौड़ा भी पीने लगी तब तक रॉबर्ट भी बहन चोद झंड गया और मौसी उसका झड़ता हुआ लण्ड पीने लगी।
मेरा यह पहला अनुभव था लेकिन बड़ा मस्त और मजेदार अनुभव ?
अब मेरा मौसी के साथ चोदा चोदी मौज़ मस्ती का दौर शुरू हो गया। एक दिन सवेरे सवेरे मैं बिस्तर पर लेटे लेटे ही बोली हरामजादी भोसड़ी वाली मौसी तेरी बहन का लण्ड, तेरी बिटिया की बुर, बहन चोद ? वह बोली अरी कामिनी तुझे क्या हो गया है ? तू मुझे मेरी बहन का लण्ड कह रही है इसका मतलब तो तेरी माँ का लण्ड हुआ और देख मेरी शादी तो हुई नहीं है, तो बिटिया की बुर कहाँ से आ गयी माँ की लौड़ी ? मैंने कहा अच्छा मैं क्या तेरी बिटिया की तरह नहीं हूँ ? अगर हूँ, तो ले देख अपनी बिटिया की बुर ? मैंने उसे अपना पेटीकोट खोलकर अपनी बुर दिखाते हुए कहा। वह हंसने लगी और बोली आज तेरी मस्ती सवेरे से ही शुरू हो गयी, कामिनी ? मैंने कहा हां मौसी मेरा मन तुझे गाली देने का हो रहा था इसलिए दे दिया। मैं वाकई आज बड़ी मस्ती में हूँ मौसी ? वह बोली अच्छा ठीक है मैं अभी तेरी बुर में लण्ड पेल कर तेरी मस्ती निकालती हूँ।
उसी दिन शाम को मेरा फोन आ गया। फोन मेरी सहेली समीना का था इसलिए मैंने स्पीकर ऑन कर दिया ताकि हमारी बातें मौसी भी सुन लें।
मैंने पूंछा :- तो फिर आरिफ जीजू तुम समीना की बुर के अलावा किसी किस की बुर चोदते हो ? सच्ची सच्ची बताना नहीं तो मैं तेरी गांड मार दूँगी।
वह बोला :- मुझे तो जिसकी बुर मिल जाती है उसकी चोद देता हूँ।
मैंने पूंछा :- अरसद की बीवी चोदते हो ?
वह बोला :- हां खूब चोदता हूँ और यह भी मेरी बीवी चोदता है।
मैंने कहा :- साले भोसड़ी के तुम बड़े हरामी हो। और किसी किस को चोदते हो ?
वह बोला :- मैं समीना की माँ चोदता हूँ, उसकी खाला जान और उसकी भाभी जान की बुर चोदता हूँ। उसकी सहेलियां चोदता हूँ।
मौसी बोली :- तो तेरी बीवी कोई ऐतराज़ नहीं करती बहन चोद ?
वह बोला :- ऐतराज़ क्यों करेगी ? वह भी तो मेरे भाइयों से चुदवाती है। मेरे खाला से, मेरे मामू , मेरे बहनोई से गचागच चुदवाती है। हमारे यहाँ पूरी आज़ादी है। कोई किसी को भी चोद लेता है और कोई किसी से भी चुदवा लेती है।
मौसी बोली :- अरसद क्या तुम्हारे यहाँ भी ऐसा ही होता है ?
वह बोला :- हां बिलकुल ऐसा ही होता है।
फिर मैंने आरिफ के लण्ड पर हाथ रखा और मौसी ने अरसद के लण्ड पर ? दोनों लण्ड खुल कर सामने आ गये। दोनों बहन चोद खड़े थे। मैं बोली हाय मौसी ये तो कुछ अलग तरह के लण्ड लग रहे हैं। मौसी ने बताया हां पगली ये मुस्लिम लण्ड है। इनके सुपाड़े हमेशा खुले रहतें है और चोदने में बड़ा मज़ा देते हैं। फिर मैंने दोनों को बिलकुल नंगा कर दिया और खुद भी नंगी हो गयी। मौसी ने भी अपने कपडे उतार कर फेंक दिया। हम चारों नशे में थे । हम उन्हें बेड रूम ले गयीं और फिर चूसने लगीं लण्ड . रात भर हम दोनों ने भकाभक चुदवाया।
दो दिन बाद जब समीना आई तो मैंने उसे पूरा किस्सा सुनाया। वह सुनकर बड़ी खुश हुई। मैजे कहा हाय समीना तेरे जीजू का लण्ड तो वाकई बड़ा मोटा है। हम दोनों को उससे चुदवाकर बड़ा मज़ा आया।
वह बोली :- हाय कामिनी, मेरे ससुर का लण्ड तो इससे ज्यादा मोटा है। मैं किसी दिन तुम्हे उसका लण्ड पकड़ाऊँगी तब तुम्हे और ज्यादा मज़ा आएगा ?
०=-०=०=०=०=०=०=०==०=० समाप्त
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मौसी ने पकड़ा दिया लण्ड |
मैं बार बार उसका नंगा बदन देखने लगी और देखने लगी वह लण्ड जिसे मौसी अपनी जबान से बार बार चाट रहीं थी। मेरी नज़रें बड़ी देर तक लण्ड पर टिकीं रहीं और इधर मेरी चूत की ऐसी की तैसी हुई जा रही थी। वह बुर चोदी काबू के बाहर होती जा रही थी। मेरा मन हो रहा था की मैं भोसड़ी वाली मौसी के हाथ से लण्ड छीन लूं और उसे मुंह में लेकर चूसने लगूँ । मैं वाकई पहली बार एक टन टनाता हुआ लण्ड देख रही थी। मुझे उस दिन मालूम हुआ की लण्ड वास्तव में कितना बड़ा, मोटा तगड़ा और खूबसूरत होता है ? मैं अपने आप को रोक नहीं पायी। मैं मन ही मन मौसी को गाली देने लगी। मौसी की माँ की चूत, इसकी बहन की बुर, मादर चोद देखती हूँ यह कैसे रोकती है मुझे भोसड़ी वाली ? वह मेरा क्या उखाड़ लेगी, माँ की लौड़ी ? ज्यादा बोलेगी तो मैं उसकी गांड में ठोंक दूँगी यही लण्ड ? मैंने ठान लिया की आज मैं लण्ड पकड़ कर ही दम लूंगी ?
बस मैं दनदनाती हुई कमरे में घुस गयी और बोली :- वाओ, यह क्या कर रही हो तुम भोसड़ी की मौसी अकेले अकेले ? मुझे भी पकड़ाओ लण्ड ?
वह भी बड़ी बेशर्मी से बोली :- लण्ड चूस रही हूँ बुर चोदी कामिनी और क्या कर रही हूँ ? दिखाई नहीं पड़ता क्या तुझे, बहन चोद ? पहले तू भोसड़ी की बता की तू कहाँ अपनी माँ चुदा रही थी इतनी देर से ? मैं तो तुझे पहले लण्ड पकड़ाना चाहती थी ? इसलिए मैंने पूरा घर ढूंढ लिया पर तेरा कहीं पता नहीं था।
मैंने कहा :- अरे मौसी मैं छत पर थी।
वह बोली :- तो छत पर तू किसका लण्ड हिला रही थी, माँ की लौड़ी कामिनी ?
मैंने कहा :- मैंने तो आज तक कोई लण्ड ही नहीं पकड़ा ? तो हिलाऊँगी क्या बाबा जी का घंटा ?
वह बोली :- क्या कह रही है तू बुर चोदी कामिनी ? मुझे तेरी बातों पर कतई विश्वाश नहीं होता ? ऐसा कैसे हो सकता है ? कहीं तू झूंठ तो नहीं बोल रही है मुझसे ? मुझे चूतिया तो नहीं बना रही है तू, बहन चोद ? सच सच बता मुझको, नहीं तो जा मै तुझे लण्ड नहीं पकड़ाऊँगी ?
मैंने कहा :- मैं सच सच ही बता रही हूँ, मौसी ? मैं तुझसे झूंठ नहीं बोल रही हूँ। रिश्ते में तू मेरी मौसी जरूर है लेकिन मैं तुझे मौसी कम दोस्त ज्यादा मानती हूँ। मैं तुमसे केवल चार साल ही तो छोटी हूँ। मैं २१ साल की हूँ तो तुम २५ साल की हो। एक दोस्त होने के नाते मैंने तुमसे सच्ची सच्ची अपने मन की बता दी ? अब तू इसे झूंठ मानती है तो मैं क्या कर सकती हूँ ?
वह बोली :- अच्छा एक बार मेरी कसम खा कर बता की तूने अभी तक कोई लण्ड नहीं पकड़ा ?
मैंने कहा :- हां मौसी मैं तेरी कसम खा कर कह रही हूँ की मैंने कभी कोई लण्ड नहीं पकड़ा ?
वह बोली :- तब तो तू वाकई बड़ी भोली भाली सीधी साधी लड़की है। तब तो तू भोसड़ी वाली कुछ भी नहीं जानती ?
मैंने जबाब दिया :- नहीं काजल मौसी ऐसा नहीं है की मैं कुछ भी नहीं जानती ? मैं बहुत कुछ जानती हूँ मौसी ? कॉलेज में लड़कियां खूब बातें करती है। लण्ड, चूत, गांड, चूंची, चोदना, चुदाना सब की बातें करती हैं। गालियां खूब बकतीं हैं। मैं भी बहुत सी गालियां सीख गयी हूँ। उनके बीच अपनी जगह बनाये रखने के लिए मैं भी खूब गालियां देती हूँ। लड़कों की bc mc करती रहती हूँ ?
वह बोली :- यह bc mc क्या होता है कामिनी ?
मैंने बताया :- bc mc माने बहन चोद और मादर चोद ? bc mc तो हर लड़की की जबान पर रहता है, मौसी ? इसके अलावा भोसड़ी का, माँ का लौड़ा , बहन का लौड़ा, बहन का लण्ड, तेरी माँ का भोसड़ा, तेरी बहन की बुर, गांडू कहीं का, साला झांटू यह सब भी तो कॉलेज में चलता ही रहता है ? अरे लड़कियां तो आजकल मौसी लण्ड की बातें और लण्ड के साइज़ की बातें खूब करती हैं ? मैं भी लण्ड के साइज़ की बातें करती हूँ। खूब इधर उधर की हांकती रहती हूँ पर हकीकत तो यही हैं न की मैंने आज तक कोई लण्ड नहीं देखा ?
मौसी ने कहा :- अच्छा तो ले पकड़ लण्ड और चाटना शुरू कर दे। मगर पहले अपने सारे कपडे उतार कर फेंक दे ? लण्ड का मज़ा नंगी होकर पकड़ने में ज्यादा आता है। मैं तुझे आज ही लण्ड चाटना, चूसना और मुठ्ठ मारना सिखा देती हूँ। बाद में बुर चुदाना और गांड मराना भी सिखा दूँगी ? गाली बकना तो तुझे आता ही है। बस तू तो हो जाएगी पक्की रंडी भोसड़ी की कामिनी ?
हम दोनों इसी बात पर हंसने लगीं।
दोस्तों, मैं कामिनी हूँ और एक डिग्री कॉलेज की स्टूडेंट हूँ। मैं अपनी काजल मौसी के साथ रहती हूँ। मेरी मौसी एक मैनेजमेंट इंस्टिट्यूट में सिस्टैंट प्रोफ़ेसर हैं। उसके संपर्क में कई लड़के रहते हैं। कुछ तो उसके कॉलेज के हैं लेकिन ज्यादा तर दूसरे कॉलेज के हैं जहाँ मौसी २/३ सहेलियां टीचर हैं। मैंने कई बार मौसी को लड़कों से हंस हंस कर बातें करते देखा है। अश्लील बातें और गाली गलौज करते हुए देखा है । लेकिन मुझे यह नहीं मालूम था की मौसी अपनी चूत भी चुदाने लगी हैं। हालांकि मैंने अभी तक कोई लण्ड उसकी चूत में घुसते हुए नहीं देखा लेकिन अगर मैं थोड़ा लेट हो जाती तो वह भी देख लेती। पर यह ठीक ही हुआ अब मैं अपने सामने खुल्लम खुल्ला उसे चुदवाते हुए देखूँगी। ऐसा सोंचते हुए मैं अपने कपडे उतारने लगी। बस २ मिनट में ही मैं भी मौसी की तरह बिलकुल नंगी हो गयी। उस लड़का मुझे एकटक देखने लगा और देखने लगा मेरी मस्त चूंचियां, मेरी सेक्सी चूत और मेरी चूतड़ों के बीच मस्तानी गांड ? मैंने भी घूम कर उसे अपना पूरा नंगा बदन दिखा दिया।
उसका लण्ड भी साला खड़े हो के मुझे देखने लगा। मौसी ने लण्ड मुझे पकड़ा दिया और मैं उसे बड़े प्यार से घुमा घुमा के देखने लगी। उसके पेल्हड़ सहलाने लगी। मैंने कहा मौसी यह मेरी ज़िन्दगी का पहला लण्ड है । वह बोली जानती हो यह किसका लण्ड है। यह मेरे बॉस मिस्टर रॉबर्ट डिसूज़ा का लण्ड है कामिनी। मुझे यह लण्ड बहुत पसंद है इसलिए मैं अक्सर इसी से चुदवाती हूँ। मेरे सामने एक इंची टेप पड़ा था। मैं उसे उठा कर लण्ड नापने लगी। मौसी बोलीं अरी नापती क्यों है यह ८" से ज्यादा लंबा है और ५" से ज्यादा मोटा है ? लेकिन मैंने नाप कर देख ही लिया । मैं बोली अरे मौसी यह तो ८ १/२ " लंबा और ५ १/२" मोटा है ? वह बोली वाओ, तो आधा इंच तेरे हाथ में जाकर बढ़ गया बहन चोद ? मैं मस्ती से लण्ड चाटने और चूसने लगी। इतने में मौसी ने किसी को फोन लगा दिया और उससे बात करने लगीं। हेलो पिंटू तू भोसड़ी का क्या कर रहा है,,,,,,? कुछ नहीं तो फिर यहाँ मेरे घर अभी आ जा ,,,,,,, ? क्या तेरा दोस्त है ,,,,,,तेरे सामने नंगा लेटा है ,,,,,? तो उसे भी ले आ न ,,,,,?
मैं जान गयी की मौसी ने किन्ही दो लड़कों को बुलाया है। मौसी मेरे पास आई और बोली अरी पगली ऐसे नहीं, ऐसे चूसा जाता है लण्ड ? ऐसे पूरी जबान निकाल कर चाटा जाता है लण्ड और ऐसे सहलाये जातें है पेल्हड़ ? मौसी मेरी गांड सहलाने लगीं और मेरी चूत भी। बस थोड़ी देर में घंटी बजी । मौसी ने दरवाजा खोला और वह दो लड़कों के साथ वापस कमरे में आ गयीं। तब मैं नंगी नंगी लण्ड चूसने में जुटीं थी। मैंने आँख उठा कर देखा की मौसी उन दोनों के लण्ड अपने दोनों हाथ में लिए हुए खड़ी हैं। मैं दोनोंहुए लण्ड लड़कों को नंगा देख कर बहुत खुश हुई और उनके टन टनाते हुए लण्ड देख कर तो बहुत ज्यादा खुश हुई। मेरी चूत की आग और भड़क उठी। तब मौसी बोली कामिनी देख यह है पिंटू का लण्ड और यह इसके दोस्त रोहित का लण्ड ? मैं दोनों लण्ड देख कर ललचा गयी। पहले ही दिन मैं तीन तीन टन्नाते लण्ड देख कर मस्त हो गयी और भकाभक चुदवाने की सोंचने लगी।
इतने में मौसी बोली :- तू बोल भोसड़ी की कामिनी, कौन सा लण्ड तेरी चूत में पेल दूँ ?
मैंने भी मस्ती से बोली :- तू बोल भोसड़ी की काजल, कौन सा लण्ड तेरी बुर में ठोंक दूँ ?
हम दोनों हँसते हुए एक दूसरे के साथ मस्ती करने लगी। उधर तीनो मरद भी भोसड़ी वाले मज़ा करने लगे। मौसी ने मेरी चूत में हाथ लगाया और उसे सहला सहला कर और उत्तेजित कर दिया फिर आहिस्ते से घुसेड़ दिया पिंटू का लण्ड। लण्ड पूरा घुसते ही मैं बोली उई माँ मर गयी मैं ? पूरा पेल दिया लण्ड तूने ? फाड़ डाली मेरी चूत ? तेरी माँ का भोसड़ा साले मैं इसका बदला तेरी गांड मार कर लूंगी। उधर मौसी ने रोहित का लण्ड मेरे मुंह में घुसाते हुए कहा ले मादर चोद कामिनी अब तू लण्ड चाटते हुए अपनी बुर चुदवा। पिंटू ने चोदने की स्पीड तेज कर दी। मैं धकापेल चुदवाने लगी एक रंडी की तरह। आज मुझे मालूम हुआ की चुदाने में कितना मज़ा आता है ? मौसी मेरे सामने अपनी दोनों टाँगें फैलाकर रॉबर्ट से झमाझम चुदवाने लगीं ?
मैं मौसी को देख कर चुदवा रही थी और मौसी मुझे देख कर चुदवा रही थी। फिर मौसी थोड़ा आगे बढ़ी और मेरे साथ रोहित का लण्ड चाटने लगीं। मैं अपने मुंह से निकाल कर लण्ड मौसी के मुंह में घुसा देती और वह अपने मुंह से निकाल कर लण्ड मेरे मुंह में घुसा देती।
सच बताऊँ दोस्तों, मैंने कभी इतनी मस्ती की कल्पना भी न की थी।
मैं तो खलास हो चुकी थी। बस दो मिनट में पिंटू बोला कामिनी मैं खलास हो रहा हूँ । बस मौसी ने लण्ड मेरी चूत से निकाला और बोली ले कामिनी इसे मुठ्ठी से पकड़ कर जल्दी जल्दी ऊपर नीचे कर। मैं वैसा ही करने लगी। मौसी ने कहा हां इसी तरह करती रह ? इसी को मुठ्ठ मारना कहते है पगली ? इसे सड़का मारना भी कहते हैं। तू अपना मुंह खोल ले और लण्ड से निकलने वाला सारा वीर्य पी जाना भोसड़ी की। पिंटू उधर बोले जा रहा था हां उई हां हो ओ हो और जल्दी जल्दी करो कामिनी बड़ा अच्छा लग रहा है, बड़ा मज़ा आ रहा है। हां हो हो आ ऊ मैं तो मुंह खोले हुए थी। इतने में लण्ड मादर चोद उगलने लगा मक्खन मेरे मुंह में और मैं पीने लगी लण्ड, चाटने लगी लण्ड ? मुझे देख कर मौसी बोली हाय दईया तू तो बड़े मजे से पी रही है लण्ड ? इतने में रोहित बोला मैं भी निकलने वाला हो गया काजल ? मौसी ने कहा ले बुर चोदी कामिनी तू इसे भी पी ले। मैं रोहित का लौड़ा भी पीने लगी तब तक रॉबर्ट भी बहन चोद झंड गया और मौसी उसका झड़ता हुआ लण्ड पीने लगी।
मेरा यह पहला अनुभव था लेकिन बड़ा मस्त और मजेदार अनुभव ?
अब मेरा मौसी के साथ चोदा चोदी मौज़ मस्ती का दौर शुरू हो गया। एक दिन सवेरे सवेरे मैं बिस्तर पर लेटे लेटे ही बोली हरामजादी भोसड़ी वाली मौसी तेरी बहन का लण्ड, तेरी बिटिया की बुर, बहन चोद ? वह बोली अरी कामिनी तुझे क्या हो गया है ? तू मुझे मेरी बहन का लण्ड कह रही है इसका मतलब तो तेरी माँ का लण्ड हुआ और देख मेरी शादी तो हुई नहीं है, तो बिटिया की बुर कहाँ से आ गयी माँ की लौड़ी ? मैंने कहा अच्छा मैं क्या तेरी बिटिया की तरह नहीं हूँ ? अगर हूँ, तो ले देख अपनी बिटिया की बुर ? मैंने उसे अपना पेटीकोट खोलकर अपनी बुर दिखाते हुए कहा। वह हंसने लगी और बोली आज तेरी मस्ती सवेरे से ही शुरू हो गयी, कामिनी ? मैंने कहा हां मौसी मेरा मन तुझे गाली देने का हो रहा था इसलिए दे दिया। मैं वाकई आज बड़ी मस्ती में हूँ मौसी ? वह बोली अच्छा ठीक है मैं अभी तेरी बुर में लण्ड पेल कर तेरी मस्ती निकालती हूँ।
उसी दिन शाम को मेरा फोन आ गया। फोन मेरी सहेली समीना का था इसलिए मैंने स्पीकर ऑन कर दिया ताकि हमारी बातें मौसी भी सुन लें।
- मैंने कहा हां बोल समीना कैसी है तू ?
- वह बोली ठीक हूँ यार ? मैं अभी अजमेर जा रही हूँ।
- अच्छा तो कोई ख़ास काम है क्या ?
- हां खास काम ही है, कामिनी ? मेरा जीजू अपने दोस्त के साथ आया हुआ है । जानती हो क्यों ? वो दोनों भोसड़ी के मुझे चोदने आएं हैं लेकिन मैं ट्रैन पकड़ने जा रही हूँ। मेरे पास टाइम नहीं है।
- हां तो बोल मैं इसमें क्या कर सकती हूँ यार समीना।
- सुन कामिनी तू इन दोनों से चुदवा ले प्लीज। दोनों मादर चोदों के लण्ड खड़े हैं मैंने ऊपर से टटोल कर देखा है। मेरे पास समय होता तो मैं दोनों से खूब मस्ती से चुदवा लेती ? मैं जब लौट कर आऊँगी तो तू जिससे कहेगी मैं उससे चुदवा लूंगी। प्लीज कामिनी मेरी बात मान जा ? (मौसी ने मुझे आँख मारते हुए इशारा किया - बुला ले उन्हें जल्दी से)
- अच्छा ठीक है भेज दे उन दोनों को लेकिन मैं तो उन्हें पहचानती नहीं हूँ। तो पहचानूँगी कैसे ?
- देखो मैं एक कोड वर्ड बता रही हूँ "गोलमगोल लण्ड" और दूसरा यह की मेरे जीजू आरिफ का लौड़ा थोड़ा ज्यादा मोटा है और सुपाड़ा बिलकुल गोल है। उसके दोस्त अरसद का लण्ड खड़ा होने पर टेढ़ा हो जाता है। दोनों गोरे है हट्टे कट्टे हैं और दोनों की झांटें बिलकुल साफ़ हैं। दोनों चिकने और सख्त लण्ड हैं। और एक बात है दोनों भोसड़ी के चूत बहुत बढ़िया चाटते हैं। तुम अपनी चूत जरूर चटवाना कामिनी ?
- ठीक है अब मैं उनसे चुदवा कर फिर तुम्हे बताऊँगी।
मैंने पूंछा :- तो फिर आरिफ जीजू तुम समीना की बुर के अलावा किसी किस की बुर चोदते हो ? सच्ची सच्ची बताना नहीं तो मैं तेरी गांड मार दूँगी।
वह बोला :- मुझे तो जिसकी बुर मिल जाती है उसकी चोद देता हूँ।
मैंने पूंछा :- अरसद की बीवी चोदते हो ?
वह बोला :- हां खूब चोदता हूँ और यह भी मेरी बीवी चोदता है।
मैंने कहा :- साले भोसड़ी के तुम बड़े हरामी हो। और किसी किस को चोदते हो ?
वह बोला :- मैं समीना की माँ चोदता हूँ, उसकी खाला जान और उसकी भाभी जान की बुर चोदता हूँ। उसकी सहेलियां चोदता हूँ।
मौसी बोली :- तो तेरी बीवी कोई ऐतराज़ नहीं करती बहन चोद ?
वह बोला :- ऐतराज़ क्यों करेगी ? वह भी तो मेरे भाइयों से चुदवाती है। मेरे खाला से, मेरे मामू , मेरे बहनोई से गचागच चुदवाती है। हमारे यहाँ पूरी आज़ादी है। कोई किसी को भी चोद लेता है और कोई किसी से भी चुदवा लेती है।
मौसी बोली :- अरसद क्या तुम्हारे यहाँ भी ऐसा ही होता है ?
वह बोला :- हां बिलकुल ऐसा ही होता है।
फिर मैंने आरिफ के लण्ड पर हाथ रखा और मौसी ने अरसद के लण्ड पर ? दोनों लण्ड खुल कर सामने आ गये। दोनों बहन चोद खड़े थे। मैं बोली हाय मौसी ये तो कुछ अलग तरह के लण्ड लग रहे हैं। मौसी ने बताया हां पगली ये मुस्लिम लण्ड है। इनके सुपाड़े हमेशा खुले रहतें है और चोदने में बड़ा मज़ा देते हैं। फिर मैंने दोनों को बिलकुल नंगा कर दिया और खुद भी नंगी हो गयी। मौसी ने भी अपने कपडे उतार कर फेंक दिया। हम चारों नशे में थे । हम उन्हें बेड रूम ले गयीं और फिर चूसने लगीं लण्ड . रात भर हम दोनों ने भकाभक चुदवाया।
दो दिन बाद जब समीना आई तो मैंने उसे पूरा किस्सा सुनाया। वह सुनकर बड़ी खुश हुई। मैजे कहा हाय समीना तेरे जीजू का लण्ड तो वाकई बड़ा मोटा है। हम दोनों को उससे चुदवाकर बड़ा मज़ा आया।
वह बोली :- हाय कामिनी, मेरे ससुर का लण्ड तो इससे ज्यादा मोटा है। मैं किसी दिन तुम्हे उसका लण्ड पकड़ाऊँगी तब तुम्हे और ज्यादा मज़ा आएगा ?
०=-०=०=०=०=०=०=०==०=० समाप्त
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