Friday, May 2, 2014

माँ चुदाने जा रही है तू ?

मेरे बॉय फ्रेंड ने जैसे ही मुझे फोन करके बुलाया तो मैं तैयार होकर जाने लगी।  जाते हुए अब्बा ने टोक दिया बोला -  तू क्या माँ चुदाने जा रही है अपनी,
छल्लो बहन चोद ? मैंने जबाब दिया नहीं मैं माँ चुदाने नहीं मैं अपने काम से जा रही हूँ, अब्बू ? आगे बढ़ी तो खालू ने टोका और बोला कहाँ जा रही है तू माँ की लौड़ी, छल्लो ? मैंने कहा मैं कहीं भी जा रही हूँ तेरी गांड क्यों फट रही है मादर चोद ? फिर बड़बड़ाती हुई बोली साला भोसड़ी का रोज़ ही तो अपना लण्ड पकड़ाता है मुझे है फिर भी अपनी लार टपकाया करता है, भोसड़ी वाला खालू  ?
मैं छलाँगें लगाती हुई आगे बढ़ गयी तो माँ का लौड़ा मेरा जीजू मिल गया ?
वह बोला - अरी छल्लो इतनी जल्दी में क्या अपनी माँ का भोसड़ा चुदाने जा रही है तू ? मैं तो तेरे पास आ रहा था तुझे चोदने और तू कहीं और चुदाने जा रही है ?
मैंने कहा - जीजू भोसड़ी के, मैं तेरी माँ चुदाने जा रही हूँ।  तेरी माँ के भोसड़ा में ठोंकने जा रही हूँ लण्ड ? टोंक दिया मुझे जाते जाते बहन चोद ? तेरे लण्ड में कोई दम तो है नहीं बहन चोद ? डालते ही झड़ जाता है तेरा लण्ड साला गांडू कहीं का ? न मेरी बुर ठीक से चोद पाता है तू और न मेरी माँ का भोसड़ा ? दीदी बिचारी चुदासी रह जाती है इसीलिए उसे गैर मर्दों से चुदवाना पड़ता है।  मैं यही सब बड़बड़ाती हुई भागी चली जा रही थी ?  मैं जब पहुंची अपने बॉय फ्रेंड के पास तो
वह बोला :- यार छल्लो,  मैंने आज तुझे चोदने के लिए नहीं बुलाया है ? देखो ये मेरा दोस्त है नसीर हसन इसे लड़कियों से मुठ्ठ मरवाने का बड़ा शौक है। इसको अपना झड़ता हुआ लण्ड चटाने में बड़ा मज़ा आता है। तुम अपने सारे कपडे खोल कर एकदम नंगी नंगी इसका मुठ्ठ यही मेरे सामने मारो और झड़ता हुआ लण्ड चाटो ?  फिर चुपचाप मेरे कान में बोला ये तुम्हे ३०००/- रुपया देगा ? मैं बहुत खुश हो गयी।  मैंने फ़टाफ़ट अपने कपडे खोल डाले।  मैं तो बहुत बड़ी बेशरम लड़की हूँ।  आपने देखा है की मैं अपने अब्बा का लौड़ा पकड़ती हूँ, अपने खालू से चुदवाती हूँ, अपने जीजू से चुदवाती हूँ।  मुझे किसी के सामने कपडे उतारने में कोई शर्म नहीं आती ? फिर मैं नसीर के पकडे खोलने लगी। उसका लण्ड मेरे हाथ में आते ही फनफना कर खड़ा हो गया साला ? मैंने कहा यार वज़ीर हसन तेरे दोस्त का लण्ड तो बड़ा तगड़ा है यार।  मुझे पसंद आ गया है। मैं लण्ड चूमती हुई बोली और फिर लण्ड का सुपाड़ा मुंह में भर कर चूसने लगी।  लण्ड मेरे मन का निकला इसलिए मुझे भी मज़ा आने लगा।  गीला हो गया मादर चोद लण्ड ?
बस मैं बार बार मुंह में लेती लण्ड और मुठ्ठ मारती।  फिर मुंह में लेती और मिठ्ठ मारती। मैंने लण्ड के सुपाड़े पर थूंका और उसे चाट लिया।  फिर थूंका और फिर चाटा।  ऐसा करने से उसे बड़ा मज़ा आया।  मैं थूंक थूंक कर चाटती रही लण्ड ? मैं इतने में लण्ड को गालियां सुनाने लगी।
                           "अबे भोसड़ी के लौड़े निकल साले ? निकाल अपना मक्खन बहन चोद, तेरी माँ का भोसड़ा, तेरी बहन की बुर,
                                          गांडू साले बेटी चोद उगल अपना वीर्य मेरे मुंह में माँ के लौड़े नहीं तो मैं तेरी माँ चोदूंगी ?
                                              बड़ा मोटा तगड़ा मेरी माँ का भोसड़ा चोदने वाला मादर चोद लण्ड है तू ? "
 मैं गाली दे दे कर मुठ्ठ मार रही थी। नसीर को भी मेरी गालियां सुन कर मज़ा आने लगा, उसका जोश बढ़ने लगा और लण्ड सख्त होने लगा।  उसका सुपाड़ा भी फूलने लगा और मैं सुपाड़ा देख कर मस्त हो रही थी।  इतने में बलबला कर लण्ड ने उगल दिया सारा वीर्य मेरे मुंह में।  मैं जबान निकाल निकाल कर चाटने लगी और तब तक चाटती रही जब तक लण्ड एक दम साफ़ नहीं हो गया।  नसीर बड़ा खुश हो गया और उससे ज्यादा मेरा दोस्त वज़ीर बड़ा खुश हुआ। उसने मुझे ३०००/- रुपया दिया।  मैं सोंचने लगी की यार इससे बढ़िया क्या है ? मज़ा भी खूब मिला और पैसे भी। यानी मज़ा का मज़ा और पैसा का पैसा ?
मैंने ऐसे ही पूंछ लिया :- यार वज़ीर ये बताओ क्या ये अपनी बीवी से भी मुठ्ठ मरवाता है ?
वह बोला :- हां यार यह अपनी बीवी से भी मुठ्ठ ही मरवाता है ? मेरे घर आकर मेरी बीवी से भी मुठ्ठ मरवाता है बहन चोद ?
मैंने कहा :- तो फिर इसकी बीवी चुदवाती किससे है ?
वह बोला :- मुझसे चुदवाती है इसकी बीवी ? मैं चोदता हूँ इसकी बीवी की बुर ?
मैंने कहा :- यार ये सब दोनों बीवियों के सामने होता है ?
वह बोला :- हां बिलकुल। यह मेरी बीवी से मेरे सामने अपने लण्ड का मुठ्ठ मरवाता है और मैं इसके सामने इसकी बीवी चोदता हूँ।  फिर जब मैं अपनी बीवी चोदता हूँ तो यह अपनी बीवी से मेरे सामने अपना मुठ्ठ मरवाता है।
मैं वहां से अपने घर चली आयी। आते ही सीधे अम्मी के कमरे में चली गयी। वहां मैंने देखा की अब्बा पड़ोस की आंटी का भोसड़ा चोद रहा है। मेरी नज़र उसके लण्ड पर पड़ी तो मैं हैरान हो गयी। मैं सोंचने लगी की वैसे तो मैं इसका लण्ड कई बार पकड़ चुकी हूँ पर आज तो ये कुछ ज्यादा ही टना टना रहा है।  बार बार लौड़ा पूरा का पूरा भोसड़ा के बाहर निकल आता है और फिर अंदर घुस जाता है। मैंने कहा अब्बा आज तो तेरा भोसड़ी का लण्ड बड़ा खूंखार लग रहा है।  आंटी के भोसड़ा की खैर नहीं है आज ? वह बोला हां छल्लो आज जाने क्यों मुझे आंटी को चोदने में ज्यादा मज़ा आ रहा है। मैं तो पहले भी इसे कई बार चोद चुका हूँ पर इतना मज़ा कभी नहीं आया ?
तब तक मेरी नज़र बगल के कमरे पर पड़ी।  वहां मैंने देखा की अंकल मेरी अम्मी का भोसड़ा चोद रहा है।  अम्मी भी मस्ती से चुदवाये चली जा रही है। मैंने कहा अम्मी तू माँ की लौड़ी इतना दूर क्यों चुदवा रही है।  तुम भी आंटी के बगल में लेट कर चुदवाओ ?
मैंने अंकल से कहा - अंकल तुम अपनी बीवी चुदवाते हुए मेरी माँ का भोसड़ा उसी के बगल में चोदो न ?
मैं समझ गयी की अब्बा और अंकल दोनों एक दूसरे की बीवी चोद रहे है। अंकल का लौड़ा भी बड़ा जबरदस्त था मादर चोद ? मेरा भी दिल उस पर आ गया।  अचानक अम्मी बोली अरी छल्लो तू अपने कपडे उतार कर मेरी जगह आ जा।  मैं खलास हो गयी हूँ।  तू अंकल का लौड़ा अपनी चूत में घुसा ले ? अम्मी बाथ रूम चली गयी।  मैंने फटाफट कपडे खोल कर अपनी चूत फैला के लौड़ा अंदर घुसा लिया। अब मैं मस्त हो के चुदवाने लगी।  नसीर का सड़का मार कर मैं बहुत चुदासी हो गयी थी।  अंकल के लण्ड ने मेरी चूत की आग बुझा दी।  मैं मस्ती हो गयी।  उधर आंटी भी खलास हो कर अब्बा का मुठ्ठ मारने लगी।  इधर मैं अंकल का लौड़ा पीने लगी उधर आंटी मेरे अब्बा का लौड़ा पीने लगी
एक दिन मैं अपने कमरे में अकेली बैठी थी की एकाएक  मेरी खाला की बेटी अदा मेरे कमरे में आ गयी। अदा मेरी उम्र ही की है।  मेरी उससे अच्छी दोस्ती है।  हम दोनों बातें करने लगी।
  • मैं बोली - अदा, आजकल तेरी चूंचियां कुछ ज्याद ही बढ़ गयी है। 
  • वह बोली - हां यार जब लड़के बहन चोद मेरी चूंचियां पकड़ेंगे तो बढ़ तो जाएँगी ही।
  • तो तू अपनी चूंचियां पकड़ाती है लड़कों को ? म 
  • लड़कों को क्या ? बड़े बड़े मर्दों को पकड़ाती हूँ मैं अपनी चूंचियां ? 
  • सच सच कह रही है तू की मुझे चूतिया बना रही है तू ? म 
  • सच कह रही हूँ यार ? तेरा अब्बा भी तो पकड़ कर दबाता है मेरी चूंचियां ?
  • हाय अल्ला, तो तू कुछ नहीं करती क्या बहन चोद ? म 
  • करती हूँ न मैं ? मैं भी उसका लण्ड पकड़ती हूँ। उसका लौड़ा मुंह में लेती हूँ ?
  • तो तू मेरे अब्बा का लौड़ा अपने मुंह में लेती है भोसड़ी वाली ? म 
  • मुंह में क्या यार मैं तो बुर में भी लेती हूँ तेरे अब्बा का लौड़ा ? चुदवाती हूँ मैं उससे ? और भी कुछ सुनेगी तू मुझसे भोसड़ी वाली ?
  • तो तू मुझे क्या बेवकूफ समझती है बुर चोदी अदा, मैं भी तेरे अब्बा से चुदवाती हूँ। पेलती हूँ मैं तेरे अब्बा का लण्ड अपनी चूत में ? म 
  • मैं तो तेरे अब्बा से अपनी माँ का भोसड़ा भी चुदवाती हूँ मालूम है मादर चोद तुझे ?
  • मैं तो हर दूसरे दिन अपनी माँ का भोसड़ा चुदवाती हूँ तेरे अब्बा से ?  म 
  • अच्छा बता मेरे अब्बा का लण्ड कैसा है ?
  • ८" लंबा और ५" चौड़ा है तेरे अब्बा का लौड़ा।  सुपाड़ा अंडाकार है।  लण्ड आगे में मोटा और पीछे से थोड़ा पतला है। म  
  • तू तो बिलकुल ठीक ठीक बता रही है।  अब तू बता मेरे अब्बा का लण्ड कैसा है ?
  •  ७ १/२" लंबा और ५ १/२" चौड़ा है ।   पीछे से मोटा और आगे से थोड़ा पतला है।  सुपाड़ा बिलकुल गोल है। म  
  • यार तू भी ठीक ठीक बता रही है ? इसका मतलब हम दोनों एक दूसरे के अब्बा से चुदवाती है ? और अपनी अपनी माँ भी चुदवाती है।
  • यार ये तो एक दूसरे के अब्बा के लण्ड के बारे हो गया ?  अब ये बता की अपनी अब्बा का लौड़ा पकड़ती है तू।  चुदवाती है उससे ? म 
  • हां चुदवाती हूँ यार ? मुझे तो तेरी अम्मी ने ही पकड़ा दिया था मेरे अब्बा का लण्ड ? उसी दिन मुझे मालूम हुआ की खाल मेरे अब्बा से चुदवाती है।  फिर खाला ने ही लण्ड मेरे मुंह में पेला पहले और फिर धीरे से मेरी बुर में।  बस मैं तभी से चुदवाने लगी अपने अब्बा से ?  
  • हां यार मेरे साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ।  मैं एक दिन भाभी के कमरे में घुस गयी।  भाभी मेरे अब्बा से चुदवा रही थी।  उसका लौड़ा पूरा का पूरा भाभी की बुर में घुसा था।  मैं वहां से जाने लगी तो भाभी ने मुझे बुला लिया और बोली अब तूने देख ही लिया है छल्लो तो फिर ठीक से देखो।  पकड़ के देखो अपने अब्बा का लण्ड ? मेरी चूत तो बहन चोद गरम हो ही गयी थी ।   चूत में आग हो तो फिर कोई रिस्ता नहीं दिखाई पड़ता बस लण्ड ही नज़र आता है।  मैं तभी से चुदवाने लगी।
इतने में अदा का फोन आ गया और वह चली गयी।
एक दिन मैं दीदी के कमरे में गयी तो देखा की दीदी एक दम नंगी सोफ़ा पर बैठी हुई है।  नीचे उसकी दोनों टांगों के बीच एक लड़का नंगा बैठा हुआ हैवह दीदी की बुर चाट रहा है।  दूसरा लड़का दीदी के बगल में बैठ कर दीदी की चूंची चूस रहा है और दीदी उसका लौड़ा धीरे धीरे सहला रही है।  मुझे देखते ही बोली - अरी छल्लो, अच्छा हुआ तू आ गयी।  देखो ये जो मेरी बुर चाट रहा है वो है कल्लू और जो मेरी चूंची चूस रहा है वो है लल्लू।  ये दोनों मेरी ससुराल के नौकर है ।  खाना बनाते है।  इन दोनों के लण्ड बड़े जबरदस्त है।  इसलिए ये मादर चोद दिन भर खाना बनाते है और रात भर बुर चोदते है।  कभी मेरी जेठानी की बुर, कभी देवरानी की बुर, कभी ननद की बुर, कभी सास का भोसड़ा चोदते है। मैं भी इनसे खूब चुदवाती हूँ। इसके अलावा जो भी मेरे घर आती है वह बुर चोदी चुदवा कर ही जाती है।  आज ये दोनों यहाँ मेरे पास किसी काम से आये है।  मैंने कहा तुम लोग दो दिन रुको और यहाँ सबकी बुर चोद कर जाओ।  लो तुम भी अपनी बुर चटवाओ पहले।  दीदी बोली अरे वो कल्लू अब तू मेरी छोटी बहन की बुर चाट भोसड़ी के ? तब तक मैं लल्लू से चुदवाती हूँ। मैं फ़ौरन अपने कपडे खोल कर अपनी बुर चटवाने लगी।  
बुर चटवाने में आज मुझे सबसे ज्यादा मज़ा आ रहा था। मैंने कहा - कल्लू तुम मेरी दोनों चूंचियां अपने हाथ से पकड़ कर बुर चाटो।  मुझे और मज़ा आने लगा।  उधर मैं दीदी की बुर चुदते हुए देख कर मज़ा ले रही थी। थोड़ी देर में मैं कल्लू का लौड़ा चाटने लगी।  मैं लण्ड खूब चाटती हूँ।  मैंने कहा दीदी लण्ड तो बहन चोद बड़ा सॉलिड है।  लगता है की लौड़ा चूत खा खा कर ज्यादा मोटा हो गया है।  ऐसा कह कर मैंने लौड़ा बुर में घुसेड़ लिया और मैं बिंदास होके चुदवाने लगी।  धच्च धच्च भच्च भच्च की आवाजें आने लगी।  मैं बोली हाय भोसड़ी के गांड से जोर लगा के चोद ? अपनी बीवी की तरह चोद मुझे ? अपनी भाभी की तरह चोद मेरी चूत ? तू तो बड़ा चोदू है साला ? वह बोला अरे बड़ी भाभी,  देखो छोटी भाभी की बुर चोदने में मुझे खूब मज़ा आ रहा है। 
तब तक पीछे से एक आवाज़ आयी साले भोसड़ी के भाभी की माँ चोदेगा तो और मज़ा आएगा ?  यह आवाज़ मेरी अम्मी की थी। अम्मी ने मुझे और दीदी को मस्ती से चुदवाते हुए देखा तो उसका भोसड़ा भी गरमा उठा।  वह बोली छल्लो तुम दोनों चुदवाने के बाद इन दोनों को मेरे कमरे में भेज देना।  मैं दोनों से एक साथ चुदवाऊँगी ?अम्मी ने अपने भोसड़ा के लिए दोनों का लण्ड बुक कर लिया ? थोड़ी देर में दीदी ने कहा कल्लू  मादर अब तू मुझे चोद और लल्लू तू मेरी बहन की बुर में घुसा अपना लौड़ा और चोद ? लण्ड बदले तो चुदाने में दुगुना मज़ा आने लगा। 
मैंने पूंछा :- दीदी, जीजा इस समय कहाँ और किसको चोद रहा है ?
वह बोली :- उस भोसड़ी वाले का क्या भरोषा ? पता नहीं बहन चोद किसी बुर चोद रहा है ? या फिर किसी से अपना मुठ्ठ मरवा रहा है माँ का लौड़ा ? अब तो मैं उससे नहीं गैरों से ही चुदवाती हूँ।  मैं उसकी परवाह नहीं करती ? तेरे जीजा की माँ का भोसड़ा ?
हम दोनों भकाभक चुदवाये चली जा रही थी।
लल्लू बोला :- हाय भाभी मुझे तो तेरी बहन की बुर चोदने में ज्यादा मज़ा आ रहा है।  बिलकुल मक्खन मलाई है इसकी बुर भाभी।  तुम्हारी जेठानी की तरह यह भी अपनी गांड उठा उठा के चुदवाती है।
दीदी बोली :- अभी आगे देखना भोसड़ी वालों, तुम्हे यहाँ सबकी बुर चोदने में खूब मज़ा आएगा। 
तब तक दोनों मादर चोद झड़ गये और मैं दीदी के साथ झड़ते हुए लण्ड चाटने लगी ?
रात में करीब १० बजे मैं अम्मी के कमरे में गयी तो वहाँ देखा अम्मी कल्लू और लल्लू का लण्ड पकडे दोनों चाट रही है।
मुझे देख कर अम्मी बोली :- अरे छल्लो ये बहन चोद तेरी दीदी के नौकर बड़े मस्त लण्ड वाले है साले ? बड़े नसीब वाले है साले इन्हे तो मुफ्त में बुर चोदने को मिलती है।
मैंने कहा :-  नसीब वाली घर की सारी बीवियां भी है जिन्हे इतने मस्त लौड़ों से चुदवाने का मौका मिलता है।  इतने बढ़िया लण्ड रोज़ रोज़ किसी को कहाँ मिलते है अम्मी ?
अम्मी बोली :- हां छल्लो इसीलिए तो मैं आज रात को इनका पूरा फायदा उठाना चाहती हूँ।  रात भर भोसड़ी वालों से चुदवाऊँगी मैं ?
 तब तक किसी ने पीछे से मुझे पकड़ लिया और बोला हां मैं भी रात भर तुम्हे चोदूंगा छल्लो ? मैं मुड़ी तो बोली अरे भोसड़ी के खालू तुम बहन चोद ? तू मादर चोद मुझे चोदने यहाँ आ गया ? तेरी बीवी क्या माँ चुदाने गयी है बुर चोदी ?
वह बोला :- नहीं यार छल्लो, तेरा मियां चोद रहा है तेरी बीवी ? मैं तो यहाँ तेरी माँ का भोसड़ा चोदने आया। था  मैंने देखा की तेरी माँ पहले से ही कल्लू और लल्लू से चुदवा रही है।  मैं तो जाने वाला था तब तक तुम नज़र आ गयी ? अब तो मैं तुझे चोद कर ही जाऊँगा छल्लो ?
मैंने बोली :- तू भोसड़ी का है ही बेटी चोद ? तो आजा और चोद ले बेटी की बुर ? मैंने उसके लण्ड पर हाथ मारते हुए कहा ?
बस जैसे हम दोनों नंगे हुए वैसे ही मैं खालू का लण्ड चाटने लगी और खालू मेरी चूत ?
रात भर उधर अम्मी ने उन दोनों से चुदवाया और मैंने इधर खालू से चुदवाया। 

०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=० समाप्त        
     

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