- पता नहीं तू क्या क्या बके जा रही है मेरी बुर चोदी देवरानी ? तेरी सारी करतूतें तो मैं जानती हूँ। ज्यादा मेरे मुंह मत लगना नहीं तो मैं तेरी सारी पोल पट्टी खोल कर दूँगी, बहन चोद ? गांड में गुसा दूँगी तेरी सारी इज्जत ?
- इज्जत तो मैं तेरी गांड में घुसा दूँगी, जेठानी जी जब मैं अपना मुंह खोलूंगी ? ऊँट की चोरी निहुरे निहुरे नहीं होती, बहन चोद ? तू लाख छिपाने की कोशिश कर पर सही बात कभी छिपती नहीं है ? वह तो एक न एक दिन सबके सामने आ ही जाती है।
- क्या छिपाती हूँ मैं ? और कौन सा मेरा राज़ है जो तू मादर चोद जान गयी है ? अधिक से अधिक तू यह जान गयी होगी की मैं २/३ गैर मर्दों से चुदवाती हूँ। बस और क्या ? यह बात तो मेरे मियां भी जानता है ? जब उसे कोई ऐतराज़ नहीं है तो फिर तेरी गांड क्यों जल रही है ? अब तू जितनी चाहे उतनी उखाड़ ले मेरी झांटें भोसड़ी की देवरानी ?
- झांटें तो मैं तब उखाड़ूँगी तेरी जब तेरी हकीकत सबके सामने रखूंगी। तू बस २/३ मर्दों से ही नहीं चुदवाती है, भोसड़ी वाली ? तेरे और भी बड़े बड़े कार नामे है ? तू जितनी भोली भाली बनती है न बहन चोद उतनी है नहीं ? इसके अलावा तू कहाँ कहाँ जाती है और क्या करती है मैं सब जानती हूँ ? मैं तो यह भी जानती हूँ की तू चुदवाने के पीछे क्या क्या गुल खिला रही है।
- देख बहन की लौड़ी मेरी देवरानी, चुदवाती तो तू भी है बुर चोदी गैर मर्दों से ? मैं जानती हूँ कौन कौन आता है तेरा भोसड़ा चोदने ?
- हां मैं पराये मर्दों से चुदवाती हूँ मगर डंके की चोट पर चुदवाती हूँ तेरी तरह चोरी छिपे नहीं चुदवाती ? और तू तो मेरे मियां से भी छुप छुप कर चुदवाती है। बड़ा पसंद हैं न मेरे मियां का लौड़ा तुझे ? तेरी गांड में दम है तो सबके सामने चुदवाया कर मेरे शौहर से ?
- तो तू मेरे मियां से क्या नगाड़ा बजवा कर चुदवाती है भोसड़ी की ? उस दिन तो बड़े प्यार से कह रही थी जीजी तेरे मरद का लौड़ा तो बड़ा मोटा है मुझे बहुत अच्छा लगता है उससे चुदवाने में ? क्योंकि लौड़ा साला चिपक कर घुसता है चूत में और चिपक कर बार बार आता जाता है चूत में ?
- उस दिन की और बात थी। जब तू मेरे मियां से चुदवाती है तो मैं तेरे मियां से क्यों न चुदवाऊँ ? क्या मेरी चूत में आग नहीं है ?
- आग तो तेरे से ज्यादा तेरी माँ के भोसड़ा में है बहन चोद ? तभी तो तू अपनी माँ चुदवाती है। अभी कल ही मेरा ससुर तेरी माँ का भोसड़ा चोद रहा था और तू बैठी बैठी अपनी माँ चुदवा रही थी ?
- अच्छा, सूप बोले तो बोले, चलनी क्या बोले जिसमे बहत्तर छेद ? तेरी माँ जब जब यहाँ आती है तो मेरे ससुर से चुदवा कर जाती है। और तू बहन चोद उसका लौड़ा अपनी माँ के भोसड़ा में घुसाती है। मैं क्या देखती नहीं हूँ ? अंधी हूँ क्या मैं ? अरे तू तो कभी कभी उसका लौड़ा अपने मुंह में भी घुसा लेती है।
- तू भी तो पीती है अपने ससुर का लण्ड भोसड़ी वाली मेरी देवरानी ? अभी परसों तो रात में भकाभक चुदवा रही थी तू अपने ससुर से और कह रही थी मुझे रंडी की तरह चोदो ससुर जी ?
- अरे मेरी जेठानी तूने तो मेरे अब्बा को भी नहीं छोड़ा ? उसकी लुंगी खोल कर उसका लौड़ा चाटने लगी थी तू जब मैं तेरे कमरे में आयी थी। मेरे आने पर भी तूने लौड़ा चाटना बंद नहीं किया और गप्प से धुसा लिया था मेरे अब्बा का लण्ड अपनी बुर में ?
- तू भी तो मेरे अब्बा से चुदवाती है माँ की लौड़ी ? तुझे भी खूब मज़ा आता है उससे चुदवाने में ? तू भी तो उस दिन चुदवाते हुए कह रही थी हाय अंकल पूरा लौड़ा पेल कर चोदो ? घुसेड़ दो अपना भोसड़ी का पूरा लण्ड मेरी चूत में अंकल ?
- मैं क्या करती उसका लौड़ा ही इतना बड़ा और मोटा था की मुझे मज़ा आ रहा था तभी तो मैं मस्ती में बोल बोल कर चुदवा रही थी। सबको सुना सुना कर चुदवा रही थी। चोरी से तो नहीं चुदवा रही थी। मित्रों,
एक दिन मैं दौड़ी दौड़ी अपनी जेठानी के पास गयी और बोली जीजी मेरे साथ चलो देखो सासू जी कमरे में क्या हो रहा है ? वह मेरी बात मान गयी और मैं ऊपर झरोखे से नीचे कमरे का सारा सीन दिखाने लगी उसे। वह देख कर दंग रह गयी। उसने देखा की मेरी सास का भोसड़ा बिलकुल खुला हुआ है और उसमे घुसा है एक मोटा तगड़ा लण्ड ? वह आदमी साला भकाभक चोद रहा है सासू का भोसड़ा ? सासू भी मजे से चुदवाये चली जा रही है। लण्ड देख कर मेरी चूत ससुरी गरम हो गयी। जेठानी भी अपनी चूत सहलाने लगी। लण्ड बहन चोद इतना मोटा और लंबा था की हमारी नज़र उससे हट ही नहीं रही थी । मैं न उस आदमी को पहचान पायी और न उसके लण्ड को ? मेरी जेठानी भी सोंचती रही लेकिन वह भी नहीं पहचान पाई ?
मेरी सास का नाम है मिसेज नूरशफा ? हमें कुछ कुछ तो मालूम था की हमारी सास अपना भोसड़ा चुदवाने में बड़ी बेशरम है। एक दिन मुझे पड़ोस की आंटी हसीना ने बताया था की नफीसा तेरी सास बुर चोदी अपना भोसड़ा चुदवाने में बड़ी एक्सपर्ट है। उसे अगर लण्ड मिल जाए तो वह बीच सड़क पर अपना पेटीकोट खोल कर चुदवाने लगे। एक बार जब मैं अपने घर आयी तो देखा की वह मेरे मियां से चुदवा रही है। मैंने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया तो वह बोली हाय हसीना यार जब मैं तेरे घर आयी तो तेरा मियां नहाकर बाथ रूम से निकला था। चूंकि वह अकेला था इसलिए नंगा नंगा ही निकल आया। मैंने उसका लटकता हुआ मोटा ताज़ा लण्ड देख लिया। लण्ड आधा खड़ा था। बस मेरी नियत ख़राब हो गयी। मैं चुपके चुपके पीछे से गयी और लण्ड पकड़ लिया। वह भी जोश में आ गया और फिर मैंने मस्ती से चुदवाया । यार हसीना तुम भी किसी दिन मेरे मियां से चुदवा लेना ? बल्कि मैं तो कहती हूँ हम दोनों एक साथ अपने अपने मियां अदल बदल कर चुदवाएँ तो खूब मज़ा आएगा ? मैं तो खुद तेरा भोसड़ा अपने मियां से चुदवाऊँगी ? तब से मैं उसके मियां से चुदवाने लगी और वह मेरे मियां से ?
ये सब तो ठीक है पर सवाल बहन चोद वहां का वहीँ है। ये भोसड़ी का लण्ड है किसका जो मेरी सास का भोसड़ा चोद रहा है ?
इतने में मेरी ननद 'दिया' सासू के कमरे में आ गयी। वह चिल्ला कर बोली हाय अल्ला, तू भोसड़ी की अम्मी मेरे ससुर से चुदवा रही हो ? क्या तुझे मेरे ससुर का लौड़ा ज्यादा पसंद आ गया है ? चुदवाना था तो मुझे बता दिया होता ? मैं खुद अपने ससुर से अपनी माँ का भोसड़ा चुदवा लेती ? ख़ुशी ख़ुशी चुदवा लेती लेकिन यूँ चोरी छिपे चुदाने में क्या मज़ा आएगा अम्मी ?
सासू बोली :- अरी मेरी बुर चोदी दिया मैं जानती हूँ की तुम्हे अपनी माँ चुदाने में कोई शर्म नहीं है ? लेकिन मैं चोरी छिपे नहीं चुदा रही हूँ। खुलेआम चुदा रही हूँ। इसमें मेरा कोई कसूर नहीं है ? ये तेरा माँ का लौड़ा ससुर है न ? ये मेरे पीछे पीछे मेरे बेड रूम में आ गया। मैं नहा कर अपनी चूंचियों तक पेटीकोट चढ़ा कर कमरे में आयी थी। फिर मैंने कपडे बदलने के लिए अपना पेटीकोट नीचे गिरा दिया। मैं शीशे के सामने एकदम नंगी खड़ी हो गयी। इतने में साला तेरा ससुर आ गया बोला हाय भाभी तेरी तो चूंचियां बड़ी सेक्सी है और बड़ी मस्त है। उसने फ़ौरन मेरी दोनों चूंचियां पकड़ ली ? मुझे भी मस्ती छा गयी मैंने उसके लण्ड पर हाथ मार कर कहा तो क्या ये साला सेक्सी नहीं है तेरा लौड़ा ? मुझे महसूस हुआ की लण्ड तो पूरी तरह टन्ना कर खड़ा है बस मैंने उसे नंगा किया और लण्ड चाटने लगी। उसके बाद तो फिर भोसड़ा चुदवाना ही था बेटी दिया ? क्या तूने कभी नहीं पकड़ा अपने ससुर का लण्ड ?
वह बोली :- हां पकड़ा है इसी मादर चोद ने एक दिन पकड़ा दिया था मुझे अपना लण्ड ? लण्ड बहन चोद मुझे बहुत अच्छा लगा ? इतना लंबा चौड़ा सेक्सी लौड़ा भला कौन लड़की छोड़ देगी ? तभी से मुझे भी इससे चुदवाने की आदत पड़ गयी ?
सासू बोली :- यही तो मेरे साथ भी हुआ ? इसमें न कुसूर मेरा है और न तेरा ? ये सारा कुसूर इस बहन चोद 'लण्ड' का है बेटी ?
अब बात बिलकुल साफ़ हो गयी की वह आदमी मेरी नन्द का ससुर है। सास भी चुदवाती है उसके ससुर से और मेरी ननद भी चुदवाती है अपने ससुर से ? लण्ड उसका तो वाकई शानदार है। अब मैं भी किसी दिन इसे पेलूँगी अपनी बुर में और मेरी जेठानी भी चुदायेगी इस भोसड़ी वाले लण्ड से ?
बस फिर हम दोनों सास की चुदाई देखती रही।
दूसरे दिन जैसे ही नन्द हमारे सामने आयी वैसे ही हम दोनों उस पर चढ़ गयी
- मैं बोली - आय हाय मेरी ननद रानी आजकल तेरी ऊपर जवानी कुछ ज्यादा ही सवार हो गयी है ?
- जेठानी - तभी तो देखो आजकल कैसे अपनी चूंचियां उठा उठा के और गांड मटका मटका के चल रही है मेरी ननद रानी ?
- ननद - हुआ क्या बहन चोद कुछ तो बता ? इतनी खिंचाई क्यों कर रही हो मेरी ?
- मैं - अच्छा ? तू तो ऐसे बोल रही है जैसे कुछ जानती ही नहीं ? बड़ी भोली भाली बनती है तू माँ की लौड़ी ?
- ननद - क्या जानती हूँ मैं भाभी ? कुछ तो खोल के बताओ ?
- मैं - तू अपनी माँ चुदाना जानती है बुर चोदी दिया और क्या ?
- जेठानी - हमें नहीं मालूम था की मेरी ननद अपनी माँ चुदवाती है ? माँ का भोसड़ा चुदवाती है नहीं तो मैं भी सीख लेती माँ चुदाना ?
- मैं - मेरी नन्द खाली माँ ही नही चुदवाती है, जीजी ? वो तो अपनी बुर भी चुदवाती है वह भी अपने ससुर से ?
- जेठानी - हाय रब्बा, इसका मतलब उसका लौड़ा पसंद आ गया होगा मेरी नन्द रानी को ?
- ननद - अच्छा तो यह बात है ? कल तुमने मुझे अपनी माँ चुदवाते हुए देख लिया है। इसीलिए मेरी हंसी उड़ा रही हो ? लेकिन क्या तुम अपनी बुर नहीं चुदवाती हो ? क्या तुम दोनों गैर मर्दों के लण्ड नहीं चूसती हो ? मैं सब जानती हूँ ?
- जेठानी - अगर तू जानती है तो कभी तो मेरी भी चूत में कोई लौड़ा पेल दिया होता ? तुझे तो अपनी भाभी की बुर का ख्याल कभी आया ही नहीं ?
- मैं - मैं भी इंतज़ार करती रही की मेरी नन्द भी कभी न कभी मेरी बुर चुदवायेगी पर आजतक नहीं चुदवाया। बस अपनी माँ चुदवाती रहती है, वो
- ननद - तो क्या तुम दोनों ने कभी अपनी नन्द की बुर चुदवाई ? कभी उसके हाथ में भी कोई लण्ड रखा ?
- जेठानी - मुझे क्या मालूम की मेरी नन्द कब से लण्ड पकड़ने लगी। मुझे तो तब मालूम हुआ जब तेरा निकाह हुआ ? मन हो तो अब आ जा मैं घुसेड़ती हूँ तेरी चूत में लण्ड ?
- ननद - घुसेड़ तो मैं भी दूँगी तुम दोनों की बुर में लण्ड ? तुमने अगर पहले कहा होता तो अब तक दर्जनों लण्ड तेरी बुर में घुसेड़वा देती ?
- मैं - तो थोड़ा देर से ही सही, घुसेड़ना शुरू तो कर हमारी चूत में लण्ड ?
इतने में दनदनाती हुई मेरी सास कमरे में आ गयी बोली हाय दईया, तुम दोनों भोसड़ी वालियों अपनी अपनी माँ चुदा रही हो यहाँ ?
जेठानी बोली :- माँ नहीं चुदा रही हूँ सासू जी हम दोनों अपनी अपनी बुर चुदा रही है ? (उधर शब्बीर का लण्ड सिकुड़ने लगा )
वह बोली :- तुम्हे शर्म नहीं आती है यूँ खुले आम गैर मर्द से चुदवाने में ? क्या यही सिखाया है तुम्हारी माँ ने ?
मैं बोली :- सासू जी शर्म की हम दोनों ने माँ चोद दी है अब वह हमारे पास नहीं आती ?
वह बोली :- जबान लड़ाती है तू बुर चोदी बहू मुझसे ? अगर चुदाना ही था तो मुझसे पूंछ लिया होता ?
जेठानी बोली :- क्या तूने पूछा था किसी से अपने बेटी के ससुर से चुदवाने के लिए ? अरे भोसड़ी की मेरी सास तूने तो अपनी बेटी से भी नहीं पूंछा, जिसके ससुर का लण्ड तू अपने भोसड़ा में पेले हुए चुदवा रही थी ?
वह बोली :- हाय रब्बा, तो क्या तू मुझे चुदवाते हुए देख रही थी ?
जेठानी :- हां बिलकुल देख रही थी और जब तेरी बेटी आयी तो तूने बताया की मुझे किसी का भी लण्ड देखने के बाद अपने आप पर काबू नहीं रहता ? मैं फ़ौरन अपना भोसड़ा खोल कर चुदवाने लगती हूँ। तेरे ससुर के लण्ड को दिल दे बैठी हूँ बेटी अब भोसड़ा दे रही हूँ।
वह बोली :- हां मेरी बहू तू ठीक कह रही है। छोटी बहू भी ठीक कह रही है ? मैं तो शब्बीर का लण्ड देख कर भी ललचा गयी हूँ। तुम लोग पहले खूब चुदवा लो मस्ती से लेकिन मैं इससे चुदवाने के बाद ही मैं इसे जाने दूँगी।
ऐसा कह कर सासू ने लण्ड पकड़ कर हिलाया उसे चूमा और फिर मेरी बुर में घुसेड़ कर चली गयी। एक दिन मैं जेठानी के साथ बैठी थी। उधर से मेरी ननद भी गयी। हम तीनो बातें करने लगी।
मैं बोली :- यार आजकल पता नहीं क्या हो गया है मुझे ? मैं जितना चुदवाती हु उतना ही और चुदवाने का मन करता है बहन चोद ?
जेठानी बोली :- यह कसूर तेरा नहीं है नफीसा। यह कसूर तेरी चूत का है। मेरी भी चूत का है। जवानी में सबकी चूत यही कसूर करती है।
नन्द बोली :- हां भाभी मेरी भी चूत यही करती है। लेकिन मैं रूकती नहीं हूँ चुदवाती ही रहती हूँ।
इतने में उसका फोन आ गया। दिया बोली हां रफ़ी तू आ गया और तेरा दोस्त भी आया है। तो तू सीधे यही मेरे कमरे में आ जा। मैं अपनी दोनों भाभियों के साथ बैठी हूँ। बस १० मिनट में दो मस्त जवान लड़के आ गए। ननद बोली भाभी यह है रफ़ी और यह है इसका दोस्त सफी ? रफ़ी मेरा देवर है बड़ा हरामी देवर है अपनी भाभी की बुर की तलास में हमेशा रहता है भोसड़ी वाला। देखो आज अपने दोस्त सफी को भी लाया है। रफ़ी कुछ शर्मा गया तो दिया फिर बोली अरे शर्माता क्यों है माँ का लौड़े ? ये दोनों मेरी बुर चोदी भाभियाँ है। लो पहले दो दो पैग शराब पी लो फिर तुम लोग मेरी दोनों भाभियाँ चोदो ? दिया फिर मेरी तरफ मुंह करके बोली नफीसा भाभी आज मैंने इन दोनों को अपनी दोनों भाभियों की बुर चोदने के लिए बुलाया है। रफ़ी का लौड़ा गज़ब का है और सफी का लौड़ा मैंने कभी देखा ही नहीं है। बस इतना जानती हूँ की ये दोनों साले एक दूसरे की बीवी चोदते है। इसलिए बाहर ये जहाँ भी चोदने जाते है तो साथ साथ जाते है। बस मेरी चूत में आग लग गयी ? जेठानी तो एक पैग के बाद ही दोनों को नंगा करने लगी। दिया मेरे कपडे उतारने लगी। जैसे ही मैं नंगी हुई और उन लोगों ने मेरी चूंचियां देखीं , मेरी चूत देखी मेरी जेठानी को नंगी देखा तो उनके लण्ड टन टनाने लगे ? दिया ने तो सफी का लण्ड पकड़ कर भी देखा। उधर मैंने रफ़ी का लौड़ा पकड़ा। मैं उसका लण्ड चाटने लगी और जेठानी नन्द के साथ सफी का लण्ड चाटने लगी।
फिर अचानक मेरी सास भी कमरे में आ गयी। उसके बदन पर एक भी कपड़ा नहीं था। उसके दोनों हाथों में एक एक लण्ड था । दोनों लण्ड पकडे पकडे वह दन्न से कमरे में घुस आयी और बोली - लो मेरी मादर चोद बहुओं, पकड़ो एक एक लण्ड ? ये मेरी बहन का दामाद है हनीफ और ये अनीस उसका दोस्त ? मैंने अभी एक घंटे पहले इन दोनों बहन चोदों से अपना भोसड़ा चुदवाया है। एक घंटे के बाद दोनों लण्ड फिर खड़े हो गए है। अब ये दोनों मेरी दोनों बहुओं को चोदेंगे ? नफीसा तेरे पास जो लण्ड है वो मुझे दे दो और तुम हनीफ का लण्ड ले लो ?
फिर वह जेठानी से बोली बड़ी बहू तुम अनीस का लौड़ा पकड़ो और चूसो चाटो। अपने हाथ का लौड़ा मेरी बेटी की बुर में घुसा दो । मैंने देखा की सास ने शराब बहुत पी रखी थी। इसलिए उससे बहस करना ठीक नहीं था।
सास बोली - आज मैं अपनी बहुओं की बुर चुदवाऊँगी ? ताकि आगे चल कर ये दोनों मिल कर मेरा भोसड़ा चुदवायें ?
जैसा उसने कहा हम सबने वैसा ही किया। मैं हनीफ से चुदवाने लगी, जेठानी अनीस से चुदवाने लगी , मेरी नन्द सफी से चुदवाने लगी और मेरी सास रफ़ी का लौड़ा अपने भोसड़ा में पेल कर चुदवाने लगी। एक ही कमरे में ४ लण्ड ४ चूत मिलकर घमाशान चुदाई करने लगे।
हम चारों ने रात भर लण्ड अदल बदल कर मस्ती से चुदवाया ?
०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=० समाप्त
एक विशेष सूचना -
एक सर्वे के मुताबिक "chulbuleblogs" की कहानियां हर वर्ग के लोग पसंद करते है और पढ़कर एन्जॉय करते है। ख़ास तौर से एडल्ट लडकिया, बीवियां और महिलायें ज्यादा एन्जॉय करती है उन्हें wife swapping, group sex and incest stories खूब पसंद आती है। ये कहानियां काल्पनिक है और आपके व्यक्तिगत मनोरंजन के लिए है।
'सेक्स' ईश्वर का दिया हुआ अनमोल उपहार है इसका श्वेक्षा से उचित उपयोग करना चाहिए । इसमें जोर जबरदस्ती की कोई जगह नहीं है। और इसे हमेशा नाबालिगों से दूर रखना चाहिए ? इन कहानियों में न तो कोई जोर जबरदस्ती है और न ही कोई नाबालिग करेक्टर ? आप इसी तरह कहानियों का आनंद लेते रहे और अपने कमेंट्स कहानी के अंत में लिखते रहे ?
आपकी 'सेक्स लाइफ' सुखद हो ? यही हमारी कामना है।
0 comments: