कहानी : नासिक का काल बॉय
मैं किशोर नासिक से ! यह मेरी सच्ची और पहली कहानी है। मैं एक काल बॉय हूँ। मैं आपको अपना अनुभव सुनाने आया हूँ। मुझे एक लड़की ललिता (नाम बदला हुआ) का ई-मेल मिला। उसने अपना फ़ोन नम्बर दिया हुआ था। मैंने उसे फ़ोन किया और बताया। तो उसने कहा कि वो नासिक में ही जॉब करती है और …... में रहती है।
मैंने उसे बताया कि मैं भी नजदीक ही में रहता हूँ जब भी उसे सर्विस चाहिए तो मुझे मेल कर बुला सकती है। उसने मुझे रविवार को अपने फ्लैट पर आने के लिए कहा। मैंने रविवार को सुबह 11 बजे उसके फ्लैट के पास पहुँच कर फोन किया तो वो गेट पर मुझे लेने आ गई।
फ़िर मैं उसके फ्लैट पर गया तो देखा कि वो दो कमरों का फ्लैट था। उसने बताया कि उसकी सहेलियाँ भी उसके साथ रहती हैं और वो जॉब पर गई हुई हैं। फ़िर हम दोनों बातें करने लगे। उसने बताया कि मैं उसे अच्छा लगा और मुझे अपना साथी बनाना चाहती है गुप्त सेक्स के लिए। तो मैंने उसे आश्वस्त किया कि मेरा काम इसी पर
निर्भर है कि बात छिपी रहे। किसी को नहीं पता चलेगा। तभी वो उठी और बीयर की बोतल फ़्रिज में से निकाल लाई और बोली- आपको पीने के बाद करना पसंद है या ? हमने बियर पीनी शुरू की, धीरे-धीरे वो मेरे नजदीक आ गई और उसने मुझे गाल पर चूम लिया। मैंने भी उसे कस कर गले लगा लिया और उसके गले और होंठों पर बेतहाशा चुम्बन करने लगा। क्या रस भरे होंठ थे उसके !
निर्भर है कि बात छिपी रहे। किसी को नहीं पता चलेगा। तभी वो उठी और बीयर की बोतल फ़्रिज में से निकाल लाई और बोली- आपको पीने के बाद करना पसंद है या ? हमने बियर पीनी शुरू की, धीरे-धीरे वो मेरे नजदीक आ गई और उसने मुझे गाल पर चूम लिया। मैंने भी उसे कस कर गले लगा लिया और उसके गले और होंठों पर बेतहाशा चुम्बन करने लगा। क्या रस भरे होंठ थे उसके !
फ़िर मैंने उसकी टी-शर्ट उतार दी, उसने मेरी शर्ट ! हम एक-दूसरे को चूमते रहे और नंगे होते रहे। फ़िर मैं उसे गोद में उठाकर बेडरूम में ले गया। तब मैंने गौर से उसे देखा- क्या सुंदर बदन था उसका ! 34-28-32 मैं उसके स्तनों को चूसने लगा। उसके मुँह से आवाजें निकल रही थी- आ आ आया आ अ -औ ऊ ओऊ ओह ह्ह्ह हह जोर से ! ओ ऊ ऊह ह्ह्छ हह !
आप ये कहानी अंतराग्नि डाट काम पर पढ़ रहे है
उसके हाथ मेरे बालों और मेरी कमर पर घूम रहे थे। फ़िर वो उठ कर नीचे बैठ गई और मेरे 7 इंच के लम्बे लंड को चूमने लगी, फ़िर धीरे से उसे अपने नरम होठों में दबाकर चूसने लगी। मैं तो जैसे स्वर्ग की सैर कर रहा था। तभी मैंने उसकी चूत में उंगली डाल कर अन्दर-बाहर करना शुरू किया तो वो बोली- धीरे करो ! दर्द हो रहा है, यह मेरा पहली बार है ! काफी देर यौनपूर्व-क्रीड़ा करने के बाद जब मैंने देखा कि वो पूर्ण उत्तेजित है तो मैंने उसकी टाँगें फैलाकर अपना लण्ड उसकी चूत पर लगाया और एक झटका दिया।
वो रोने लगी- दर्द हो रहा है ! मैंने उसे क्रीम लाने के लिए कहा, वो क्रीम लेकर आई और मेरे लंड और अपनी चूत पर लगाई। फ़िर मैंने झटका दिया तो मेरा लंड 3 इंच अन्दर चला गया वो चिल्लाई- ईई आया आ आ आह हह ! माँ !आय आय अ आ मर गई ई ई ! पर मैं लगातार धक्के लगाता रहा। थोड़ी देर बाद दर्द कम होने पर वो कमर हिलाकर सहयोग देने लगी। फ़िर मैंने उसे घोड़ी बना कर चोदना शुरू किया। करीब 25 मिनट उसे चोदने के बाद जिसमे वो 3 बार डिस्चार्ज हो चुकी थी, मैंने उसे कहा- मैं डिस्चार्ज होने वाला हूँ !
तो उसने कहा- अन्दर मत करो। जैसे ही मैंने लंड बाहर निकाला तो उसने उसे अपने मुँह में भर लिया और चूसने लगी। तभी मेरे लंड ने बारिश शुरू की और 6-7 तेज़ धार सीधे उसके मुँह में उड़ेल दी। वो भी थक कर वहीँ बिस्तर पर लेट गई। आधे घंटे के बाद मैंने कपड़े पहने और जाने लगा तो उसने मुझे मेरी फीस के ३००० रुपए दिए और चूम कर कहा- मैं जल्दी ही तुम्हें अपनी सहेलियों की सर्विस के लिए भी बुलाऊंगी।
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