Saturday, April 11, 2015

सपनों में आके मिलना कभी


Sapnon Me Aake Milna Kabhi


दिल की किताबों को पढ़ना कभी
सपनों में आके मिलना कभी
मैंने दुनिया सजाई है तेरे लिए
मेरी नज़रों की उम्मीद बनना कभी
बहुत दूर है सितारों से रोशन जहाँ
जरा हमकदम बन के चलना कभी
कितना नाज़ुक सीने में दिल है मेरा
तुम अंदाज ए मोहब्बत बन के धड़कना कभी..
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