Monday, April 6, 2015

मुहब्बत मेरे नाम कर दो

इससे पहले कि वक्त का कारवाँ गुज़र जाए

तुम अपने जज़बों की सच्चाईयाँ मेरे नाम कर दो

इससे पहले कि सन्नाटा तन्हाई के ज़हर में ढलने लगे

तुम अपनी मोहब्बत का जाम-ए-अमृत मेरे नाम कर दो

इससे पहले कि ज़िंदगी की शाम ढल जाए

तुम अपने जीवन की कोई नई सुबह मेरे नाम कर दो

इससे पहले कि ये लम्हे, ये घड़ियाँ तक़दीर के हाथों गुम हो जाएँ

तुम मेरा एक काम कर दो अपने दिल की धड़कन मेरे नाम कर दो!
Previous Post
Next Post

0 comments: