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अंकल का लण्ड पीती हूँ |
मैं उसे दिलो जान से चाहती हूँ और वह मुझे ? न उसने शादी की है और न मैंने ? वह भी शराब पीता है और मैं भी। वह भी गोरा है और मैं भी। वह भी तगड़ा तंदुरुस्त है और मैं भी भरे भरे गदराये बदन वाली हूँ। उसका भी बड़ा और मोटा ताज़ा है लण्ड और मेरी भी बड़ी बड़ी सुडौल हैं चूंचियां ? मैं उसका लण्ड पीती हूँ और वह मेरी चूंचियां।
सबसे बड़ी बात यह है की न उसे मुझे चोदने में कोई शर्म आती है और न मुझे उससे चुदवाने में कोई शर्म आती है ? मैं उसे भोसड़ी का डेविड कहती हूँ और वह मुझे बुर चोदी मोनिका कहता है। मैं पहले उसे गाली देती हूँ फिर अपनी बुर देती हूँ और वह भी पहले मुझे गाली देता है फिर मुझे लण्ड देता है। हम दोनों में बहुत बढ़िया तालमेल है और मैं उससे करीब करीब हर दूसरे दिन मिलती हूँ।
डेविड अंकल मेरे घर एक थोड़ा दूर रहते हैं। मेरी उससे मुलाक़ात मेरी एक दोस्त शेफाली ने ही करवाई थी। वह मेरी ही उम्र की थी। आजकल वह लंदन चली गयी है। वह अंकल से चुदवाती थी। उसे अंकल का लण्ड बहुत पसंद था। वह अकसर अंकल के घर आती और कभी लण्ड पीकर आ जाती तो कभी चुदवाकर आ जाती। बातों बातो में उसने कई बार मुझे अंकल के लण्ड के किस्से सुनाये। बड़ी तारीफ किया करती थी वह उसके लण्ड की। तब मेरा भी मन हुआ की मैं भी अंकल का लण्ड पकड़ कर देखूं । एक दिन मैंने उससे कह दिया की यार शेफाली किसी दिन मुझे भी पकड़ाओ न अपने मादर चोद अंकल का लण्ड ? मैं भी देखूं की कैसा है उस भोसड़े वाले का लण्ड जिसकी तारीफ तू हमेशा करती रहती है ? वह बोली ठीक है कल मैं तुझे उसके पास ले चलूंगी। हां जाने के पहले अपनी झांटें जरूर बना लेना क्योंकि अंकल को बुर चाटने का बड़ा शौक है।
उस समय मेरी झांटें थोड़ा बड़ी हो गयी थी। मैं अभी अभी नयी ताज़ी जवान हुई थी तो मुझे झांटें रखाने का शौक हो गया था । मेरे शरीर पर और कहीं बाल नहीं थे ? मैंने सोंचा क्यों न झांटें रखा लूँ ? मुझे अपनी काली काली झांटे बड़ी अच्छी लगती थी। लेकिन मैंने उसके कहने पर सवेरे सवेरे अपनी झाटें साफ़ कर लीं। मेरी चूत एकदम चिकनी चकाचक चमकने लगी। मैं बड़ी खुश थी उस दिन। तब तक शेफाली आ गयी। इतवार का दिन था। वह मुझे अंकल के घर ले गयी और अंकल से कहा - good morning भोसड़ी के अंकल ? तू क्या कर रहा है सवेरे सवेरे माँ का लौड़ा डेविड ? लो इससे मिलो यह है मेरी सहेली मोनिका ? मैंने इससे तेरे लण्ड की बड़ी तारीफ की है इसलिए यह तेरा लण्ड देखने आई है। वह बोला वाओ, तो सिर्फ मेरा लण्ड देखेगी की कुछ और भी ,,,,,,,,,करेगी ?
शेफाली बोली - वाओ, लड़की देखते ही तेरी लार टपकने लगी। तेरे लण्ड में सुसुराहट होने लगी ? टन्नाने लगा तेरा मादर चोद लण्ड ?
वह बोला- अरे यार शेफाली तुझे तो मालूम है की मुझे चूंचियां बहुत पसंद है और मेरे लण्ड को भी। मोनिका की मस्त मस्त और बड़ी बड़ी चूंचियां देख कर मेरा लौड़ा साला आपे बाहर हुआ जा रहा है।
अंकल के मुंह से यह बात सुनकर मेरी चूत बहन चोद चुलबुला उठी। आग लग गयी मेरी चूत में। मैं लण्ड पकड़ने के लिए छटपटाने लगी। मेरा मन हुआ की मैं अभी इसके आगे नंगी हो जाऊं और इसे भी नंगा कर दूँ। तब तक शेफाली बोली ठीक है मैं अभी तेरे लण्ड की मस्ती निकालती हूँ। बस वह आगे बढ़ी और अंकल का बारबूडा नीचे घसीट कर उसे नंगा कर दिया। मैं उसका खड़ा लण्ड देख कर दंग रह गयी। मेरे मुंह से निकला वाओ, लौड़ा इतना बड़ा होता है क्या, शेफाली ? बाप रे बाप यह तो साला घोड़े के जैसा लण्ड है ? उसने पूंछा क्या तूने कभी घोड़े का लण्ड देखा है। मैंने जबाब दिया हां यार मैंने एक ब्लू फिल्म में घोड़े का लण्ड देखा है और उसे घोड़ी को चोदते हुए भी देखा है। मुझे वह फिल्म बहुत पसंद है मैं उसे कई बार देख चुकी हूँ। बस फरक इतना है की वह काला लण्ड है और यह गोरा लण्ड ? अंकल बोला यार शेफाली तेरी दोस्त मोनिका तो बहुत तेज है यार ? मुझे इसकी बातें बड़ी अच्छी लग रही हैं। मेरी इससे खूब पटरी खायेगी। बड़ा मज़ा आएगा मुझे इसके साथ, शेफाली।
मैं अंकल का लण्ड चाटने लगी और शेफाली मेरे कपड़े उतारने लगी। उसने मुझे पहले नंगी कर दिया और फिर बाद में वह अभी नंगी हो गयी। कमरे में हम तीन और तीनो भोसड़ी के नंगे। मुझे उसका लण्ड पीने में मज़ा आने लगा। शिफ़ाई उसके पेल्हड़ चाटने लगी और और अंकल मेरी चूत सहलाने लगे। वह बोला हाय शेफाली मोनिका की बुर बड़ी मस्त है यार और इसकी गांड भी चकाचक है। बोलो मैं पहले क्या चोदूँ चूत की इसकी गांड ? शेफाली बोली भोसड़े के डेविड अब दोनों तेरे सामने है। अब तू मादर चोद अपने लण्ड से पूंछ की वह पहले कहाँ अपना सिर घुसाना चाहता है ? तब तक मैं बोली यार शेफाली बुर चोदी पहले मुझे ठीक से लण्ड चूस लेने दे ? मैं पहले इसका जूस निकालूंगी। मैं पियूंगी इसका वीर्य और फिर दूसरी पारी में इसे पेलूँगी अपनी बुर में ? मुझे कोई जल्दी नहीं है ? अब तो इसका लौड़ा मेरे कब्जे है ? अब मैं चोदूंगी इसकी बिटीया की बुर ? मुझे पूरा मज़ा लेने दे माँ की लौड़ी शेफाली नहीं तो मैं तेरी भी माँ का चोद दूँगी भोसड़ा ? मैं बड़ी जोश में आ चुकी थी।
मैंने अंकल को नीचे ज़मीन पर लिटा दिया। उसकी दोनों टांगो के बीच में मैंने अपना मुंह घुसा दिया और लण्ड पूरा मुंह में भर कर चूसने लगी। उधर शेफाली मेरी टांगों के बीच अपना मुंह घुसेड़ रखा था। वह मेरी चूत चाटने लगी और उसकी चूत डेविड चाटने लगा। हम तीनो को डबल मज़ा मिलने लगा। मैं तो लण्ड में बिलकुल समा गयी थी। मैं सारी दुनिया भूल कर बस लण्ड चूसने में ही जुटी थी। मुझे वाकई बहुत दिनों के बाद इतना मस्त लौड़ा मिला है। मेरा मन उससे दूर होने का हो ही नहीं रहा था। मैं मन ही मन सोंचने लगी की अगर वह उस समय मूतने भी लगे तो भी मैं लण्ड बाहर नहीं निकालूंगी और पी जाऊँगी उसका पेशाब ? मैं इस कदर वासना में डूब चुकीं थी। मुझे पेल्हड़ भी चाटने में भी उतना ही मज़ा आ रहा था जितना लण्ड चाटने में ? मैं इतने में लण्ड मुठ्ठी में पकड़ कर बड़े जोश में आकर ऊपर नीचे करने लगी। जल्दी जल्दी करने लगी और गालियां भी बकने लगी। उसका फूलता हुआ सुपाड़ा देखने लगी। हां मैंने मुठ्ठ मारना शुरू कर दिया। मैं कॉलेज में भी कई लड़कों का मुठ्ठ मार कर लण्ड पीती थी।
अब तक लण्ड फूल कर कुप्पा हो चुका था। उसका बाँध टूटने वाला था। मैंने उसके आगे अपना मुंह फैलाये हुए स्पीड तेज कर दी । मैं बोलती जा रही थी आ भोसड़ी के निकल जल्दी से मादर चोद ? मैं तुझे पीने के लिए तैयार बैठी हूँ। आ न माँ के लौड़े तेरी बहन की बुर साले आ जा ? मेरे मुंह में उड़ेल दे अपना मक्खन ? तब तक अंकल के मुंह से निकला आ,, हो,, आये ,,मैं निकलने वाला हूँ ,, हाय ,, मोनिका तू भोसड़ी की ,,, ओ हो ,, हां ,, लो आ आ ,,,,? बस लण्ड ने लगातार तीन पिचकारी मेरे मुंह में गिरा दी। मक्खन सारा मेरे होठों से टपकने लगा। मेरी चूंचियों पर भी गिरा मक्खन। मैं झड़ता हुआ लण्ड प्रेम से चाटने लगी और मेरे साथ शेफाली भी ?
एक दिन मैं शेफाली के घर बिना उसे बताये पहुँच गयी। इत्तिफ़ाक़ से वह छुट्टी का दिन था। मैंने डोर बेल बजायी तो किसी ने दरवाजा खोला।
- मैंने कहा मेम मैं मोनिका हूँ और शेफाली से मिलने आई हूँ।
- उसने मुझे बड़े प्यार से अंदर बैठाया और बोली मैं लोपो हूँ शेफाली की मौसी ?
- o I see, मैं पहली बार देख रही हूँ आपको मौसी ?
- हां तुम मुझसे पहली बार मिल रही हो लेकिन मैं तुम्हे अच्छी तरह जानती हूँ।
- wow, ऐसा क्या ? आप मुझे जानती हैं मैंने ख़ुशी ज़ाहिर की ? शेफाली कहाँ है मौसी ?
- शेफाली अंदर है। अपनी माँ चुदा रही है ? (मौसी के इस बेबाक जबाब से मैं सन्न रह गयी)
- क्या वाकई यह सही है मौसी ? क्या आपने उसे ,,,,,,देखा है ?
- हां हां वह मेरे सामने अपनी माँ का भोसड़ा चुदा रही है। तुझे यकीन न हो तो चल मेरे साथ अंदर और खुद देख ले अपनी आँखों से मेरी बुर चोदी, मोनिका ? और यह भी देख ले की वह किससे चुदवा रही है अपनी माँ ?
मौसी बोली मोनिका मैं तुझे एक और जानकारी देती हूँ। डेविड और मेरा हसबैंड हार्डी दोनों दोस्त है । मैं भी डेविड से चुदवाती हूँ . डेविड ने शादी की नहीं है। अगर करता तो मेरा हसबैंड उसकी बीवी जरूर चोदता ? मुझे तो वाकई हार्डी का लण्ड चूसने में मज़ा आ रहा था। एक तो वह मेरे लिए नया लौड़ा था और दूसरे वह मोटा भी था और सख्त भी। उधर मेरी नज़र शेफाली की माँ के भोसड़ा पर भी थी। मैं सोंचने लगी की जब शेफाली बुर चोदी अपनी माँ चुदवा सकती है तो मैं क्यों नहीं चुदवा सकती अपनी माँ ? और अगर ये भोसड़ी वाले दोनों मिलकर मेरी माँ चोदें तो कितना मज़ा आएगा ? मैं इस तरह की बातें सोंच भी रही थी और सबके लण्ड चूत गांड चूंची पर नज़र भी रख रही थी। तब तक हार्डी ने लण्ड मेरी चूत में पेल दिया। लण्ड घुसते ही मैं चिल्ला उठी उई माँ फट गयी मेरी बुर ? साले तूने एकदम से बिना बताये घुसा दिया हाथी जैसे लण्ड मेरी छोटी सी चूत में ? मुझे सुनकर शेफाली बोली आये हाय मोनिका तू भोसड़ी के बड़े बड़े लण्ड घुसेड़वाती है अपनी चूत में और कहती है की तेरी चूत छोटी है। चूतिया बना रही है सबको ? चुदवाने के लिए तो अपनी टाँगे फैला देती है मादर चोद और अब चिल्ला रही है ?
मैंने देखा वह तो डेविड का लौड़ा घुसा कर चुदवा रही है और उसकी मौसी डेविड के पेल्हड़ सहला रही है। दोनों मिलकर डेविड से चुदवा रही है। कभी शेफाली की बुर में लण्ड घुसता है तो कभी उसकी मौसी के भोसड़ा में। डेविड भी मादर चोद बुर चोदने में बड़ा एक्सपर्ट है। मुझे वाकई सामूहिक चुदाई में ज्यादा मज़ा आता है। चुदवाने से ज्यादा दूसरे की चुदाई देखने में ज्याद मज़ा आता है। लण्ड अदल बदल कर चूत में पेलने में ज्यादा मज़ा आता है। शेफाली भी बुर चोदी बिलकुल मेरी ही तरह है।
- चुदवाते हुए मैंने डेविड से पूंछा - डेविड भोसड़ी का तू कब चोदेगा मेरी माँ ?
- वह बोला - जब तू अपनी माँ चुदवाने मुझे अपने घर ले जायेगी तब चोदूंगा तेरी माँ ।
- मैं तो तुझे आज ही ले जाऊँगी अपनी माँ का भोसड़ा चुदवाने ? बोल चलेगा आज मेरे घर ?
- नहीं यार आज नहीं। आज मुझे सपना की माँ चोदने जाना है। वह शाम को मेरे घर आएगी और मेरा लण्ड पकड़ कर मुझे अपने घर ले जाएगी। वह भोसड़ी की अपने सामने ही अपनी माँ चुदवाती है।
- तो फिर बोल कल चोदेगा तू मेरी माँ ?
- हां कल जरूर चलूँगा तेरे घर तेरे साथ ? अगर तू मुझसे अपनी माँ चुदवाने के लिए तैयार है तो मैं जरूर चोदूंगा। मैं तो इस मादर चोद हार्डी को भी ले जाऊँगी। इसका लौड़ा मैं खुद अपनी माँ के भोसड़ा में पेलूँगी।
- लेकिन पहले शेफाली से पूंछ तो ले ? मौसी से पूंछ तो ले. मोनिका ?
- शेफाली की माँ का भोसड़ा ? उसकी मौसी की बिटिया की बुर ? मैं न बुर चोदी शेफाली की परवाह करती हूँ और न भोसड़ी वाली मौसी की ? मैं तो हार्डी को लेकर ही जाऊँगी।
दूसरे दिन शाम को मैं इन दोनों को लेकर अपने घर पहुंची और अपनी मॉम से मिलवाया। मैंने कहा मॉम यह डेविड अंकल है। इसका लौड़ा बड़ा भी है और मोटा भी। और यह है हार्डी। मेरी दोस्त शेफाली की मौसी का हसबैंड ? कल मैंने इसे चुदवाया तो उझे बड़ा मज़ा आया। मैंने इससे कहा यार तू मेरी माँ चोदेगा तो यह फ़ौरन तैयार हो गया। इसका लण्ड मोटा भी है और सख्त भी। आज ये दोनों भोसड़ी वाले तुम्हे चोदने आये हैं मॉम ? मैंने एक एक पैग ड्रिंक्स सबको पकड़ा दिया और सबने एक स्वर में चियर्स कहा पीने लगे दारू । मॉम के चेहरे की चमक देखने वाली थी। मेरी मॉम बड़ी चुदक्कड़ है। उसे २/३ लण्ड से एक साथ चुदवाने में ज्यादा मज़ा आता है। मॉम बोली तो इसका मतलब यह है मोनिका की आज तू अपनी माँ का भोसड़ा चुदवायेगी। मैंने कहा हां मॉम इसमें कोई शक नहीं है।
इतने में एक लड़का कमरे में आ गया। मैंने कहा अरे तुम कौन हो ? और बिना परमिसन के कैसे घुस आये कमरे में। तब तक मॉम बोली यह है मिस्टर हिल्टन। मैंने ही इसे बुलाया हैं मोनिका ? आज यह मेरी बिटिया की बुर चोदेगा। इसका लौड़ा लंबा भी है और चौड़ा भी। यह तो तेरी माँ भी चोद चुका है, मोनिका अब यह बहन चोद, तुझे चोदेगा ?
बस सब लोग इतने में खिलखिलाकर हंस पड़े ? उसके बाद रात भर हुई झमाझम चुदाई।
०=०=०=०=०=००=०=०=०=०=०=०= समाप्त
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