एक दिन मैं अपनी सहेली निदा के घर अचानक पहुँच गयी। मैंने घंटी बजायी तो एक मेड सर्वेन्ट ने दरवाजा खोला। मैंने कहा की मैं महक हूँ और निदा से
मिलने आई हूँ। उसने मुझे अंदर बैठा लिया और निदा को बताया की आपसे आपकी सहेली महक मिलने आई है। उसने कहा महक को मेरे कमरे में भेज दो। वह मेड सर्वेंट मेरे पास आई और बोली आपको मेम ने अंदर कमरे में बुलाया है। मैं अंदर चली गयी। मैंने देखा की निदा अपने अब्बा के बगल में बैठी है। मैंने अंकल को आदाब किया। तब तक मेरी नज़र निदा के हाथ पर पड़ी । मैंने देखा की वह अपने अब्बा के पैजामे के अंदर हाथ डाल कर अंदर ही अंदर उसका लण्ड हिला रही है। मैं समझ तो गयी लेकिन चुप रही। थोड़ी देर तक वह मुझसे बात करती रही फिर उसने मुझे अपने पास बुलाया। मैं उठकर उसके पास गयी तो उसने झट्ट से टन टनाता हुआ लण्ड पैजामे के बाहर निकाला और मुझे दिखाते हुए कहा महक लो आज तुम मेरे अब्बा का लण्ड चोदो जैसे मैंने उस दिन तेरे अब्बा का लण्ड चोदा था ? मैंने लण्ड देखा तो एक ही नज़र में मेरी लार बहन चोद टपकने लगी। मुझे तो बड़े और मोटे लण्ड बहुत अच्छे लगते हैं। मैं मुस्कराई और लपक कर लण्ड पकड़ लिया। निदा घूम कर मेरे कपडे उतारने लगी और मैंने भी मस्ती से अपने सारे कपड़े उतरवा लिया। अब मैं मादर चोद बिलकुल नंगी हो गयी थी । निदा ने अपने अब्बा का पैजामा भी खोल डाला तो वह भी मादर चोद नंगा हो गया। मैंने लौड़ा मुंह में भरा और मस्ती से चूसने लगी। मुझे कोई शर्म तो थी नहीं क्योंकि निदा बुर चोदी मेरे अब्बा का लण्ड ऐसे ही चूसती है। मैंने मन में सोंच लिया की अब मैं निदा के अब्बा से वैसे ही चुदवाऊँगी जैसे निदा मेरे अब्बा से चुदवाती है। लण्ड चूसते चूसते मैं बुरी तरह मस्त हो गयी थी। मेरी चूत भठ्ठी की तरह जलने लगी थी। मेरे सामने उसके अंदर लण्ड पेलने के अलावा और कोई चारा न था। बस मैं उठी और उसके ऊपर चढ़ बैठी। मेरे बैठते ही लण्ड बहन चोद मेरी चूत में सटाक से पूरा का पूरा घुस गया। फिर मैं कूद कूद कर वैसे ही चुदवाने लगी जैसे निदा मेरे अब्बा के लण्ड पर कूद कूद कर चुदवाती है।
मुझे देख कर निदा बोली हाय महक भोसड़ी की, तू तो बहन चोद चुदवा नहीं रही है बल्कि लण्ड चोद रही है ? मैंने कहा तू भी तो बुर चोदी मेरे अब्बा का लण्ड चोदती है ? थोड़ी देर में मैं पीछे से चुदवाने लगी और आगे झुक कर निदा की बुर चाटने लगी । निदा मेरे आगे अपनी दोनों टांगें फैलाये हुए लेटी थी। थोड़ी देर में वह उठी और मेरी चूंचियां मसलने लगी। मुझे अपने अब्बा से चुदवाने में उसे भी बड़ा मज़ा आ रहा था। असली बात तो यह है की वह भी अपने अब्बा से चुदवाती है और मैं भी अपने अब्बा से चुदवाती हूँ। मैंने एक दिन अब्बा को अपनी भाभी की बुर चोदते हुए देख लिया था। मैंने सोंचा की जो भोसड़ी का अपनी बहू की बुर चोद सकता है वह अपनी बेटी की भी बुर चोद सकता है ? मैं उसका लण्ड देख कर ललचा गयी थी।
रात का समय था और कहते है की रात में औरत को लण्ड के अलावा कुछ और नज़र नहीं आता ? वह भूल जाती है की लण्ड बहन चोद है किसका ? वो बस पकड़ कर चूसने लगती है लण्ड ? न कोई नाता न कोई रिस्ता बस लण्ड मुंह के अंदर ?
उस दिन मेरे साथ भी यही हुआ। मैं फिर अंदर घुस गयी और बोली भाभी बुर चोदी तू मेरे अब्बा से चुदवा रही है ? वह बोली तो क्या हुआ तू भी चुदवा ले भोसड़ी वाली ले पकड़ के देख लण्ड ? (भाभी मुझे लण्ड दिखाती हुई बोली) मैं भी अपने आप को रोक न सकी। मैं इतनी गरम हो गयी थी की मैं भूल गयी की नाता रिस्ता और पकड़ लिया लण्ड ? बस उसी दिन से रास्ता खुल गया और भाभी की तरह मैं भी चुदवाने लगी।
मैं बहन चोद चुदाने में बड़ी बेशरम हो चुकी हूँ। मुझे जब कोई लण्ड दिखाई पड़ता है, तो मैं सारी दुनिया भूल जाती हूँ और वह लण्ड अपने कब्जे में ले लेती हूँ ? लण्ड भोसड़ी का चाहे जिसका हो मैं इसकी परवाह नहीं करती ? लण्ड जब मेरी पकड़ में आ जाता है तो मैं उससे चुदवाती जरूर हूँ और अगर चुदवाने का मौक़ा नहीं मिलता तो फिर मुठ्ठ मार कर पी लेती हूँ लण्ड ? आप इसे अच्छा कहें या बुरा, मुझे लण्ड का वीर्य पीने में बड़ा मज़ा आता है और मैं इसका कोई भी मौक़ा बरबाद नहीं करती ? उस दिन मैं निदा के अब्बा से चुदवाकर सीधे अपने घर आ गयी।
एक दिन जब मैं शाम को घर आई तो देखा की कमरे में आदिल अंकल बैठे है। मैं उन्हें अच्छी तरह जानती हूँ। वह बड़े स्मार्ट गोरे चिट्टे और तगड़े तंदुरुस्त आदमी हैं। अच्छी बात यह है की वह न तो टोपी पहनते हैं और न ही दाढ़ी बढ़ाते हैं। बिलकुल क्लीन सेव रहते है इसीलिए बड़े हैंडसम लगते हैं। उनका हमारे घर आना जाना बहुत दिनों से है। मेरे अब्बा और अम्मी से खूब घुले मिले हैं। मैंने उसे आदाब किया तो वह बहुत खुश हो गए। अम्मी उसके बगल में सट कर बैठी थी। इतने में अम्मी ने कहा अरी महक जल्दी से थोड़ा हलवा बनाकर ले आ ? तेरे अंकल को हलवा बहुत अच्छा लगता है। बस मैं किचेन में घुस गयी और हलवा बनाने लगी। करीब १५ मिनट के बाद मैं हलवा लेकर कमरे में वापस आई तो वहां का सीन देख कर मैं दंग रह गयी। मैंने देखा की मेरी अम्मी अंकल के पैजामे के अंदर हाथ डाले हुए उसका लण्ड आहिस्ता आहिस्ता हिला रही हैं । पैजामे का नाड़ा बिलकुल खुला हुआ है। उधर अंकल भी मादर चोद अम्मी के ब्लाउज़ के अंदर हाथ घुसेड़ कर उसकी चूंचियां दबा रहा है। उन लोगों को मालूम ही नहीं हुआ की मैं हलवा लेकर उनके सामने कमरे में खड़ी हूँ। मैंने हलवा मेज पर रख दिया तो उसकी आवाज़ से अम्मी ने सिर उठाया।
जैसे अम्मी ने मुझे देखा वैसे पैजामे से अंकल का खड़ा लण्ड मुझे दिखाते हुए बोली लो अंकल का लण्ड चोदो, बेटी महक ? मैं तो यह सुन कर सन्न रह गयी। मैंने कहा हाय दईया अम्मी यह क्या कह रहीं है आप ? वह बोली हां मैं ठीक कह रही हूँ। लो लण्ड चोदो आदिल अंकल का ? यह बिचारा दो बार लौट गया यहाँ से। दोनों बार तुमसे अपना लण्ड चुदवाने आया था। आज भी वापस जा रहा था तब रुको अभी महक आती होगी ? आज तुम उससे अपना लण्ड चुदवा कर ही जाना ? तुम जब हलवा बनाने गयीं तो मैंने सोंचा की तब तक मैं इसका लण्ड खड़ा कर देती हूँ। अब देखो न कैसे टन्ना कर खड़ा हो गया है इसका लण्ड अब तुम चोदो इसे जैसे तुमने निदा के अब्बा का लण्ड चोदा था ? मैं मन ही मन समझ गयी की अम्मी को मालूम हो गया की मैं निदा के अब्बा से चुदवाती हूँ। मेरी निगाह आदिल अंकल के लण्ड पर चिपक गयी। लण्ड मुझे पसंद आ गया था तो मैंने हाथ बढ़ाकर पकड़ ही लिया लण्ड ? मैंने कहा अम्मी अब तुम कहती हो तो मैं जरूर चोदूंगी अंकल का लण्ड ?
मैं उसे लण्ड पकड़े पकड़े अंदर बेड रूम ले गयी और उसे चित लिटा दिया। फिर मैंने उसी के सामने अपने एक एक करके सभी कपड़े उतारे। मेरी जब चूंचियां खुली तो उसका लौड़ा और टन्ना गया। साला सिर हिलाने लगा उसका टन टनाता हुआ लण्ड ? उसके बाद जब मैंने पेटीकोट खोला और उसने मेरी मोटी मोटी जाँघों के बीच नंगी चूत देखीं तो उसकी आँखें खुल गयीं। उसको उम्मीद नहीं थी की मेरी चूत इतनी मस्त होगी ? बस मैं गचाक से चढ़ बैठी अंकल के ऊपर और उसके लण्ड को धर दबोचा। मैं लण्ड से खेलने लगी। फिर मैं घूम गयी और रख दी अपनी चूत अंकल के मुंह पर। अंकल मेरी बुर चाटने लगा और मैं उसका लण्ड चाटने लगी। मैं मन में सोंच रही थी की अम्मी जब इसका लण्ड पकड़ती है तो इससे अपना भोसड़ा जरूर चुदवाती होगी ? और आज से नहीं जाने कब से चुदवा रही है अम्मी अपना भोसड़ा ? मैंने फ़ौरन पूंछा भोसड़ी के अंकल तू मेरी माँ कब से चोद रहा है ? उसने भी तुरंत जबाब दिया जबसे तेरा अब्बा मेरी बीवी चोद रहा है ? अब मैं बिलकुल समझ गयी की अंकल और अब्बा दोनों एक दूसरे की बीवी चोदते हैं। उसके बाद मन में आया की अंकल की भी एक जवान मस्त खूबसूरत लड़की है। आज अंकल मुझे चोद रहा है तो इसकी लड़की भी मेरे अब्बा से चुदवाती होगी ? मैं ये सब बातें मन ही मन सोंच भी रही थी और लौड़ा भी मस्ती से चूस रही थी।
अंकल का लौड़ा बहन चोद ८" से बड़ा था और मोटा भी . मोटे लण्ड बड़े मजबूत और बलगर होते हैं। मुझे मोटे लण्ड से बहुत प्यार है क्योंकि वह चूत में चिपक कर घुसता है और चिपक कर चोदता है। उधर मेरी चूत अब लण्ड खाने के लिए पूरी तरह तैयार हो चुकी थी। फिर मैं अंकल की तरफ मुंह करके लण्ड पर बैठ गयी। मेरे बैठते ही लण्ड पूरा का पूरा मेरी चूत में घुस गया। मैं थोड़ा आगे झुक कर अपनी गांड के दोनों चूतड़ उठा उठा के लण्ड पर पटकने लगी । बार बार पटकने लगी, जल्दी जल्दी और जोर दारी से पटकने लगी। मैं भकाभक चोदने लगी लण्ड ? मैं बड़े प्यार और बड़ी सेक्सी अदा से किटकिटाती हुई गालियां भी देती जा रही थी। साले लण्ड तेरी माँ का भोसड़ा, तेरी बिटिया की बुर ? तेरी बहन का लण्ड साले मैं फाड़ डालूंगी तेरी गांड, भोसड़ी के ? मेरी लण्ड चोदने की स्पीड बढती जा रही थी। अंकल को मज़ा आ रहा था वह बोला हाय महक तू तो वाकई लण्ड बहुत बढ़िया चोद लेती है, यार ? इसीलिए लोग तेरी तारीफ करतें है ?
मेरी अम्मी बड़ी देर से बैठी हुई मुझे लण्ड चोदते हुए देख रही थी। मैं फिर घूम गयी और अपनी गांड अंकल की तरफ कर दी। लण्ड मेरी चूत में घुसा ही रहा। अंकल की तरफ गांड करके मैंने अपने दोनों हाथ पीछे टिका दिया और अपने चूतड़ उसकी जांघों पर रगड़ने लगी। जल्दी जल्दी आगे पीछे करने लगी गांड और इस तरह चोदने लगी लण्ड ? मैं फिर दांत पीस कर बड़े प्यार से बोली मादर चोद लण्ड ? बहन चोद साले मैं तेरी बना दूँगी चटनी बेटी चोद ? लौड़े मिया, मैं तेरा सारा गुमान तेरी गांड में घुसा दूँगी।
मेरी मीठी मीठी गालियां सुन सुन कर लण्ड साला और फूलता जा रहा था। और मोटा होता जा रहा था लण्ड ?
इतने में मेरी अम्मी बोली :- वाह बेटी वाह ? शाबाश महक ? मैंने आज तक किसी लड़की को इस तरह से लण्ड चोदते नहीं देखा ? मैं खुद भी इस तरह न चोद पाती हूँ और न चुदवा पाती हूँ। तूने तो कमाल कर दिया बेटी ? तूने यह सब सीखा कहाँ से है बुर चोदी महक ?
मैंने कहा :- अरे अम्मी यह सब मैंने chulbuleblogs की कहानियों से सीखा है। मैं उसकी हर कहानी बड़े ध्यान से पढ़ती हूँ। मैंने बहुत कुछ सीखा है इस ब्लॉग की कहानियों से ? मैंने गालियां भी यहीं से सीखी हैं और गालियां देते हुए चोदना और चुदवाना भी यहीं से सीखा है। सच तो यह है की अगर गालियों का दिल से और बड़े मन से सही इस्तेमाल किया जाये तो इससे बहुत फायदा मिल सकता है। लोग सेक्स में लण्ड और चूत का पूरा मज़ा नहीं लूट पाते ? मैं तो कहती हूँ की chulbuleblogs की कहानियां हर एक को पढ़ने चाहिए और तब सेक्स में लण्ड और चूत का पूरा मज़ा लेना चाहिए ? ख़ास तौर से जवान लड़के और लड़कियों को तो जरूर पढ़ना चाहिए ये कहानियां ? उनमें से अगर आप कहानी का हिस्सा निकाल भी दें तो भी बहुत कुछ है सीखने के लिए ?
मैं फिर लण्ड चोदने में बिजी हो गयी ?
दो दिन बाद मैं अचानक आदिल अंकल के घर पंहुच गयी। घर में सिर्फ उसकी बेटी हुमा थी। न उसका अब्बा था और न अम्मी। बस हम दोनों बैठी बातें करने लगीं। वह बोली हाय महक बोलो क्या पियोगी। मैंने कहा व्हिस्की पियूंगी। हम दोनों व्हिक्सी पीने लगीं और फिर बातें होने लगीं।
फिर हम दोनों ने वही किया जो हुमा चाहती थी।
=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०= समाप्त
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मैं चोदूंगी तेरा लण्ड अंकल |
मुझे देख कर निदा बोली हाय महक भोसड़ी की, तू तो बहन चोद चुदवा नहीं रही है बल्कि लण्ड चोद रही है ? मैंने कहा तू भी तो बुर चोदी मेरे अब्बा का लण्ड चोदती है ? थोड़ी देर में मैं पीछे से चुदवाने लगी और आगे झुक कर निदा की बुर चाटने लगी । निदा मेरे आगे अपनी दोनों टांगें फैलाये हुए लेटी थी। थोड़ी देर में वह उठी और मेरी चूंचियां मसलने लगी। मुझे अपने अब्बा से चुदवाने में उसे भी बड़ा मज़ा आ रहा था। असली बात तो यह है की वह भी अपने अब्बा से चुदवाती है और मैं भी अपने अब्बा से चुदवाती हूँ। मैंने एक दिन अब्बा को अपनी भाभी की बुर चोदते हुए देख लिया था। मैंने सोंचा की जो भोसड़ी का अपनी बहू की बुर चोद सकता है वह अपनी बेटी की भी बुर चोद सकता है ? मैं उसका लण्ड देख कर ललचा गयी थी।
रात का समय था और कहते है की रात में औरत को लण्ड के अलावा कुछ और नज़र नहीं आता ? वह भूल जाती है की लण्ड बहन चोद है किसका ? वो बस पकड़ कर चूसने लगती है लण्ड ? न कोई नाता न कोई रिस्ता बस लण्ड मुंह के अंदर ?
उस दिन मेरे साथ भी यही हुआ। मैं फिर अंदर घुस गयी और बोली भाभी बुर चोदी तू मेरे अब्बा से चुदवा रही है ? वह बोली तो क्या हुआ तू भी चुदवा ले भोसड़ी वाली ले पकड़ के देख लण्ड ? (भाभी मुझे लण्ड दिखाती हुई बोली) मैं भी अपने आप को रोक न सकी। मैं इतनी गरम हो गयी थी की मैं भूल गयी की नाता रिस्ता और पकड़ लिया लण्ड ? बस उसी दिन से रास्ता खुल गया और भाभी की तरह मैं भी चुदवाने लगी।
मैं बहन चोद चुदाने में बड़ी बेशरम हो चुकी हूँ। मुझे जब कोई लण्ड दिखाई पड़ता है, तो मैं सारी दुनिया भूल जाती हूँ और वह लण्ड अपने कब्जे में ले लेती हूँ ? लण्ड भोसड़ी का चाहे जिसका हो मैं इसकी परवाह नहीं करती ? लण्ड जब मेरी पकड़ में आ जाता है तो मैं उससे चुदवाती जरूर हूँ और अगर चुदवाने का मौक़ा नहीं मिलता तो फिर मुठ्ठ मार कर पी लेती हूँ लण्ड ? आप इसे अच्छा कहें या बुरा, मुझे लण्ड का वीर्य पीने में बड़ा मज़ा आता है और मैं इसका कोई भी मौक़ा बरबाद नहीं करती ? उस दिन मैं निदा के अब्बा से चुदवाकर सीधे अपने घर आ गयी।
एक दिन जब मैं शाम को घर आई तो देखा की कमरे में आदिल अंकल बैठे है। मैं उन्हें अच्छी तरह जानती हूँ। वह बड़े स्मार्ट गोरे चिट्टे और तगड़े तंदुरुस्त आदमी हैं। अच्छी बात यह है की वह न तो टोपी पहनते हैं और न ही दाढ़ी बढ़ाते हैं। बिलकुल क्लीन सेव रहते है इसीलिए बड़े हैंडसम लगते हैं। उनका हमारे घर आना जाना बहुत दिनों से है। मेरे अब्बा और अम्मी से खूब घुले मिले हैं। मैंने उसे आदाब किया तो वह बहुत खुश हो गए। अम्मी उसके बगल में सट कर बैठी थी। इतने में अम्मी ने कहा अरी महक जल्दी से थोड़ा हलवा बनाकर ले आ ? तेरे अंकल को हलवा बहुत अच्छा लगता है। बस मैं किचेन में घुस गयी और हलवा बनाने लगी। करीब १५ मिनट के बाद मैं हलवा लेकर कमरे में वापस आई तो वहां का सीन देख कर मैं दंग रह गयी। मैंने देखा की मेरी अम्मी अंकल के पैजामे के अंदर हाथ डाले हुए उसका लण्ड आहिस्ता आहिस्ता हिला रही हैं । पैजामे का नाड़ा बिलकुल खुला हुआ है। उधर अंकल भी मादर चोद अम्मी के ब्लाउज़ के अंदर हाथ घुसेड़ कर उसकी चूंचियां दबा रहा है। उन लोगों को मालूम ही नहीं हुआ की मैं हलवा लेकर उनके सामने कमरे में खड़ी हूँ। मैंने हलवा मेज पर रख दिया तो उसकी आवाज़ से अम्मी ने सिर उठाया।
जैसे अम्मी ने मुझे देखा वैसे पैजामे से अंकल का खड़ा लण्ड मुझे दिखाते हुए बोली लो अंकल का लण्ड चोदो, बेटी महक ? मैं तो यह सुन कर सन्न रह गयी। मैंने कहा हाय दईया अम्मी यह क्या कह रहीं है आप ? वह बोली हां मैं ठीक कह रही हूँ। लो लण्ड चोदो आदिल अंकल का ? यह बिचारा दो बार लौट गया यहाँ से। दोनों बार तुमसे अपना लण्ड चुदवाने आया था। आज भी वापस जा रहा था तब रुको अभी महक आती होगी ? आज तुम उससे अपना लण्ड चुदवा कर ही जाना ? तुम जब हलवा बनाने गयीं तो मैंने सोंचा की तब तक मैं इसका लण्ड खड़ा कर देती हूँ। अब देखो न कैसे टन्ना कर खड़ा हो गया है इसका लण्ड अब तुम चोदो इसे जैसे तुमने निदा के अब्बा का लण्ड चोदा था ? मैं मन ही मन समझ गयी की अम्मी को मालूम हो गया की मैं निदा के अब्बा से चुदवाती हूँ। मेरी निगाह आदिल अंकल के लण्ड पर चिपक गयी। लण्ड मुझे पसंद आ गया था तो मैंने हाथ बढ़ाकर पकड़ ही लिया लण्ड ? मैंने कहा अम्मी अब तुम कहती हो तो मैं जरूर चोदूंगी अंकल का लण्ड ?
मैं उसे लण्ड पकड़े पकड़े अंदर बेड रूम ले गयी और उसे चित लिटा दिया। फिर मैंने उसी के सामने अपने एक एक करके सभी कपड़े उतारे। मेरी जब चूंचियां खुली तो उसका लौड़ा और टन्ना गया। साला सिर हिलाने लगा उसका टन टनाता हुआ लण्ड ? उसके बाद जब मैंने पेटीकोट खोला और उसने मेरी मोटी मोटी जाँघों के बीच नंगी चूत देखीं तो उसकी आँखें खुल गयीं। उसको उम्मीद नहीं थी की मेरी चूत इतनी मस्त होगी ? बस मैं गचाक से चढ़ बैठी अंकल के ऊपर और उसके लण्ड को धर दबोचा। मैं लण्ड से खेलने लगी। फिर मैं घूम गयी और रख दी अपनी चूत अंकल के मुंह पर। अंकल मेरी बुर चाटने लगा और मैं उसका लण्ड चाटने लगी। मैं मन में सोंच रही थी की अम्मी जब इसका लण्ड पकड़ती है तो इससे अपना भोसड़ा जरूर चुदवाती होगी ? और आज से नहीं जाने कब से चुदवा रही है अम्मी अपना भोसड़ा ? मैंने फ़ौरन पूंछा भोसड़ी के अंकल तू मेरी माँ कब से चोद रहा है ? उसने भी तुरंत जबाब दिया जबसे तेरा अब्बा मेरी बीवी चोद रहा है ? अब मैं बिलकुल समझ गयी की अंकल और अब्बा दोनों एक दूसरे की बीवी चोदते हैं। उसके बाद मन में आया की अंकल की भी एक जवान मस्त खूबसूरत लड़की है। आज अंकल मुझे चोद रहा है तो इसकी लड़की भी मेरे अब्बा से चुदवाती होगी ? मैं ये सब बातें मन ही मन सोंच भी रही थी और लौड़ा भी मस्ती से चूस रही थी।
अंकल का लौड़ा बहन चोद ८" से बड़ा था और मोटा भी . मोटे लण्ड बड़े मजबूत और बलगर होते हैं। मुझे मोटे लण्ड से बहुत प्यार है क्योंकि वह चूत में चिपक कर घुसता है और चिपक कर चोदता है। उधर मेरी चूत अब लण्ड खाने के लिए पूरी तरह तैयार हो चुकी थी। फिर मैं अंकल की तरफ मुंह करके लण्ड पर बैठ गयी। मेरे बैठते ही लण्ड पूरा का पूरा मेरी चूत में घुस गया। मैं थोड़ा आगे झुक कर अपनी गांड के दोनों चूतड़ उठा उठा के लण्ड पर पटकने लगी । बार बार पटकने लगी, जल्दी जल्दी और जोर दारी से पटकने लगी। मैं भकाभक चोदने लगी लण्ड ? मैं बड़े प्यार और बड़ी सेक्सी अदा से किटकिटाती हुई गालियां भी देती जा रही थी। साले लण्ड तेरी माँ का भोसड़ा, तेरी बिटिया की बुर ? तेरी बहन का लण्ड साले मैं फाड़ डालूंगी तेरी गांड, भोसड़ी के ? मेरी लण्ड चोदने की स्पीड बढती जा रही थी। अंकल को मज़ा आ रहा था वह बोला हाय महक तू तो वाकई लण्ड बहुत बढ़िया चोद लेती है, यार ? इसीलिए लोग तेरी तारीफ करतें है ?
मेरी अम्मी बड़ी देर से बैठी हुई मुझे लण्ड चोदते हुए देख रही थी। मैं फिर घूम गयी और अपनी गांड अंकल की तरफ कर दी। लण्ड मेरी चूत में घुसा ही रहा। अंकल की तरफ गांड करके मैंने अपने दोनों हाथ पीछे टिका दिया और अपने चूतड़ उसकी जांघों पर रगड़ने लगी। जल्दी जल्दी आगे पीछे करने लगी गांड और इस तरह चोदने लगी लण्ड ? मैं फिर दांत पीस कर बड़े प्यार से बोली मादर चोद लण्ड ? बहन चोद साले मैं तेरी बना दूँगी चटनी बेटी चोद ? लौड़े मिया, मैं तेरा सारा गुमान तेरी गांड में घुसा दूँगी।
मेरी मीठी मीठी गालियां सुन सुन कर लण्ड साला और फूलता जा रहा था। और मोटा होता जा रहा था लण्ड ?
इतने में मेरी अम्मी बोली :- वाह बेटी वाह ? शाबाश महक ? मैंने आज तक किसी लड़की को इस तरह से लण्ड चोदते नहीं देखा ? मैं खुद भी इस तरह न चोद पाती हूँ और न चुदवा पाती हूँ। तूने तो कमाल कर दिया बेटी ? तूने यह सब सीखा कहाँ से है बुर चोदी महक ?
मैंने कहा :- अरे अम्मी यह सब मैंने chulbuleblogs की कहानियों से सीखा है। मैं उसकी हर कहानी बड़े ध्यान से पढ़ती हूँ। मैंने बहुत कुछ सीखा है इस ब्लॉग की कहानियों से ? मैंने गालियां भी यहीं से सीखी हैं और गालियां देते हुए चोदना और चुदवाना भी यहीं से सीखा है। सच तो यह है की अगर गालियों का दिल से और बड़े मन से सही इस्तेमाल किया जाये तो इससे बहुत फायदा मिल सकता है। लोग सेक्स में लण्ड और चूत का पूरा मज़ा नहीं लूट पाते ? मैं तो कहती हूँ की chulbuleblogs की कहानियां हर एक को पढ़ने चाहिए और तब सेक्स में लण्ड और चूत का पूरा मज़ा लेना चाहिए ? ख़ास तौर से जवान लड़के और लड़कियों को तो जरूर पढ़ना चाहिए ये कहानियां ? उनमें से अगर आप कहानी का हिस्सा निकाल भी दें तो भी बहुत कुछ है सीखने के लिए ?
मैं फिर लण्ड चोदने में बिजी हो गयी ?
दो दिन बाद मैं अचानक आदिल अंकल के घर पंहुच गयी। घर में सिर्फ उसकी बेटी हुमा थी। न उसका अब्बा था और न अम्मी। बस हम दोनों बैठी बातें करने लगीं। वह बोली हाय महक बोलो क्या पियोगी। मैंने कहा व्हिस्की पियूंगी। हम दोनों व्हिक्सी पीने लगीं और फिर बातें होने लगीं।
- मैंने पूंछा क्या हो रहा है आजकल, हुमा ? कैसी कट रही है ज़िन्दगी ?
- वह बोलो बड़ी मस्ती है यार ? मज़ा कर रही हूँ। ऐय्यासी कर रही हूँ।
- कैसे ऐय्यासी कर रही हो ? कुछ मुझे भी बताओ तो मैं भी करना शुरू कर दूँ यार ?
- यार ऐय्यासी का मतलब जवानी का पूरा मज़ा लूट रही हूँ मैं। खूब लण्ड पकड़ती हूँ और खूब चुदवाती हूँ।
- माँ भी चुदवाती हो अपनी ?
- हां बिलकुल चुदवाती हूँ। बिना माँ का भोसड़ा चुदाये ऐय्यासी कैसे हो सकती है ?
- तेरी माँ भी तो फिर अपनी बिटिया की बुर चुदवाती होगी ?
- हां चुदवाती है। मेरी अम्मी मेरी दोस्त है। मैं उसकी चूत का ख्याल रखती हूँ और वह मेरी चूत का ख्याल ?
- सुना है तू मेरे अब्बा से भी चुदवाती है ?
- अरे यार मैं क्या करूँ तेरा अब्बा का लौड़ा ही साला इतना शानदार है की उसे देख कर कौन भोसड़ी वाली अपनी बुर नहीं चुदवायेगी ?
- तूने कब देख लिया मेरे अब्बा का लण्ड माँ की लौड़ी हुमा ?
- अच्छा तो तुझे पूरी कहानी नहीं मालूम क्या ? सुन बुर चोदी महक, तेरा अब्बा और मेरा अब्बा दोनों भोसड़ी के बहुत दिनों से एक दूसरे की बीवी चोद रहे हैं। एक दिन मैंने तेरे अब्बा को अपनी अम्मी की बुर चोदते हुए देख लिया। मैं उस दिन कुछ नहीं बोली पूरी चुदाई छुप कर देखती रही। अगले हफ्ते फिर मैंने तेरे अब्बा को मेरी माँ चोदते हुए देखा ? इस बार मेरी नज़र तेरे अब्बा के लण्ड पर पड़ी ? बस मेरी चूत में आग लग गयी। मैं बस उसका लण्ड ही देखती रही। इतने में मेरी अम्मी बोली सुनो असलम मेरी बेटी भी जवान हो गयी है। २१ साल की उम्र है उसकी। मैं चाहती हूँ की वह भी लण्ड का मज़ा लेना शुरू कर दे ? तुम यार किसी दिन अपना लण्ड उसे पकड़ा दो न ? यह सुनकर मेरी हिम्मत खुल गयी। तीसरी बार जब तेरा अब्बा मेरे घर आया तो मै थोड़ा ज्यादा चहकने लगी। अम्मी बोली हुमा थोड़ी शराब बना कर ले आ ? मैं जब शराब बना कर लायी तो अम्मी उसका लण्ड ऊपर से दबा दबा कर मज़ा ले रही थी। फिर अम्मी ही बोली अरे हुमा इधर आ। मैं उसके पास गयी तो उसने मेरा हाथ लण्ड पर रख दिया और कहा ले हुमा अंकल का लण्ड पकड़ के देख भोसड़ी की ? इतनी बड़ी हो गयी है तू बुर चोदी अब तो लण्ड पकड़ना सीख ले ? अम्मी की मस्ती और गाली सुनकर मुझे जोश आ गया और मैंने तेरे अब्बा का लण्ड पकड़ लिया, महक ? वह मेरा पहला दिन था जब मैंने अपनी अम्मी के सामने तेरे अब्बा का लण्ड पिया ? अब तू बता महक तुझे मेरे अब्बा का लण्ड चोद कर कैसा लगा ?
- हाय अल्ला, तू सब जानती है ? तू जानती है की मैं तेरे अब्बा का लण्ड चोद चुकी हूँ।
- हां मैं जानती हूँ और अब मैं तुझसे सीखना चाहती हूँ की कैसे चोदा जाता है लण्ड ? अभी तक तो मैंने तेरे अब्बा से अपनी चूत चुदवाई है लेकिन अब मैं तेरे अब्बा का लण्ड चोदूंगी।
फिर हम दोनों ने वही किया जो हुमा चाहती थी।
=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०= समाप्त
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