चाँद का क्या कसूर अगर रात बेवफा निकली
कुछ पल ठहरी फिर चल निकली
उनसे क्या कहें, वो तो सच्चे थे
शायद हमारी तकदीर ही हमसे खफा निकली…
***
चाँद की चाँदनी में एक पालकी बनाई है
और यह पालकी हमने बड़े प्यार से सजाई है
दुआ है ए हवा तुझसे ज़रा धीरे चलना
मेरे यार को बड़ी प्यारी नींद आई है…
कुछ पल ठहरी फिर चल निकली
उनसे क्या कहें, वो तो सच्चे थे
शायद हमारी तकदीर ही हमसे खफा निकली…
***
चाँद की चाँदनी में एक पालकी बनाई है
और यह पालकी हमने बड़े प्यार से सजाई है
दुआ है ए हवा तुझसे ज़रा धीरे चलना
मेरे यार को बड़ी प्यारी नींद आई है…
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