Tuesday, March 31, 2015

चाँद की चाँदनी

चाँद का क्या कसूर अगर रात बेवफा निकली

कुछ पल ठहरी फिर चल निकली

उनसे क्या कहें, वो तो सच्चे थे

शायद हमारी तकदीर ही हमसे खफा निकली…

***

चाँद की चाँदनी में एक पालकी बनाई है

और यह पालकी हमने बड़े प्यार से सजाई है

दुआ है ए हवा तुझसे ज़रा धीरे चलना

मेरे यार को बड़ी प्यारी नींद आई है…
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