- बबली - यार कैसे नहीं फटेगी गांड बहन चोद ? वैसे तो हर एक की सुहागरात में एक दुल्हन होती है और उसे चोदने वाला एक दूल्हा ? लेकिन जबकिसी की सुहागरात में दुल्हन एक हो और उसे चोदने वाले दूल्हे कई हो तो उस भोसड़ी वाली की गांड फटेगी न ?
- सुनीता - हां यार कह तो बिलकुल सही रही है बहन चोद ? लेकिन कुछ ज़रा खुल कर बता न ? तभी तो मज़ा आएगा ?
- बबली - अच्छा तू माँ की लौड़ी मेरी गाड़ फटने की कहानी सुनकर मज़ा लेगी ?
- सुनीता देखो बुर चोदी सुनीता, गांड सबकी फटती है। मेरी भी फटी थी गांड ? और आज भी जब कब फटती रहती है गांड ? लेकिन किसी की गांड बहन चोद उसकी सुहागरात में ही फट जाए तो वह मजेदार बात है न ?
- बबली - हा है तूने तो अपनी सुहागरात में एक ही लण्ड पेला होगा अपनी चूत में तो एक लण्ड से गांड क्या फटेगी ससुरी ?
- सुनीता - तो क्या तूने कई लण्ड पेले थे अपनी चूत में उस दिन भोसड़ी वाली, बबली ?
- बबली - हां यार हां उस दिन मेरे हसबैंड ने जब एक एक करके मेरे सारे कपडे उतारे और मुझे पूरी तरह नंगी कर दिया तो मैं बहुत गरम हो गयी ? मैं लण्ड के तड़पने लगी। मैंने भी फ़टाफ़ट उसे नंगा किया और उसका लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी। मैं उसका लण्ड चारों तरफ से घुमा घुमा कर देख रही थी। मेरे मन में लड्डू फूट रहे थे ? मैं चुदाने के लिए बेताब हो रही थी। तभी अचानक मैंने अपना सर ऊपर उठाया तो देखा की मेरी आँखों के सामने ३/४ लण्ड और टन टना रहे है। एक से एक बढ़िया लण्ड ? मोटे मोटे और लम्बे चौड़े लण्ड ? मेरा तो मन ख़ुशी से झूम उठा। मैं सोंचने लगी की मैं तो एक लण्ड के लिए तरस रही थी यहाँ तो हर तरफ लण्ड ही लण्ड दिखाई पड़ रहे है ? लेकिन जैसे ही मन में दूसरा ख़याल आया की ये सब के सब बहन चोद मेरी बुर चोदने आये है तो मेरी गांड फट गयी ? मेरा दिल धक धक करने लगा की मैं कैसे इतने लोगों से चुदवाऊँगी ? मेरी तो चूत एक ही दिन में बन जाएगी भोसड़ा ? तब तक मेरा हसबैंड बोला ये सब मेरे दोस्त है, बबली ?
- सुनीता - हाय दईया, तो इसका मतलब तेरे हसबैंड ने पहले ही दिन से अपनी बीवी चुदवाना शुरू कर दिया ?
- बबली - हां सुनीता मैं तो पहले ही दिन से गैर मर्दों से चुदवाने लगी। मैंने अपने हसबैंड से पूंछा की क्या इतने सारे लोग मुझे एक साथ चोदेंगें तो वह बोला अरे नहीं यार देखो ये साले सब भोसड़ी के पिए हुए है। दारू में बिलकुल धुत्त है तू इनका लण्ड पकड़ हिलाना शुरू कर दे तो आधे तो साले बहुत जल्दी ही झड़ जाएंगे ? मैंने उसकी बात मान ली ? इतने में वे सब मस्ती से कुछ न कुछ बोलने लगे। एक बोला - भाभी मेरा भी लौड़ा पकड़ लो न प्लीज ? मैंने कहा आ भोसड़ी के मैं सबसे पहले तेरे लण्ड की माँ चोदती हूँ। मेरे मुंह से गालियां सुनकर सबके सब लड़के और जोश में आ गए ? सबके लण्ड और टन्ना उठे ? मैं समझ गयी की जो लण्ड जितना ज्यादा ताव में आएगा वो उतनी ही जल्दी झड़ेगा ? मैं उसका लण्ड पकड़ कर चूम चूम कर मुठ्ठ मारने लगी। वो मादर चोद बिना चोदे ही मेरी चूंचियों पर झड़ गया ? दूसरा बोला - हाय भाभी मेरे लण्ड को अपनी चूत में घुसा लो न प्लीज ? मैंने कहा तू माँ का लौड़ा इधर आ और अपना लौड़ा मेरी चूत में पीछे से घुसा दे और चोदना शुरू कर जैसे तू अपनी भाभी की बुर चोदता है। वह आया और लण्ड घुसाकर चोदने लगा फिर पूंछा भाभी तुम्हे कैसे मालूम की मैं अपनी भाभी की बुर चोदता हूँ। मैंने कहा मेरे प्यारे देवर ये बात तो तेरे लण्ड में लिखी है जो मैंने पढ़ लिया ? सब लोग हंस पड़े ?
- सुनीता - यार तेरी ये सेक्सी और मस्त मस्त बातें सुन कर मैं भी चुदासी हो गयी हूँ।
- बबली - तू चिंता न कर कहो तो मैं अभी तेरी चूत में २/३ लण्ड घुसा दूँ ?
- सुनीता - नहीं यार, अभी नहीं ? अभी तो तू अपनी पूरी कहानी सुना दे मुझे ? मुझे तो सुनने में ज्यादा मज़ा आ रहा है।
- बबली - तो सुन आगे क्या क्या हुआ ? तीसरा बोला - आज पूरा मौक़ा है भाभी ? आज मैं तेरी चूत खूब जम कर चोदूंगा जैसे तेरा हसबैंड मेरी बीवी चोदता है। उसकी बात सुनकर मेरा माथा ठनका लेकिन मैने उसे मजाक में लेते हुए कहा आ न भोसड़ी का तू मुझे अपनी बीवी की तरह चोद ले, रंडी की तरह चोद ले मुझे, अपनी पड़ोसन की तरह चोद साले अपनी साली की तरह चोद ले ? मैं देखती हूँ तेरी गांड में कितना दम है ? वो जब नजदीक आया तो मेरी नज़र लण्ड पर पड़ी ? लण्ड मुझे पसंद आ गया मैं मस्ती में आ गयी और मन बना लिया की मैं इससे अच्छी तरह चुदवा लेती हूँ। मैं लण्ड पकड़ कर चाटने लगी, सुपाड़ा पूरा मुंह में घुसा कर चूसने लगी। मैं जान गयी की ये लौड़ा मेरी चूत की चटनी बना सकता है। मैं उसके पेल्हड़ भी सहला रही थी। मैंने जोश में थी और बोली आज तू पूरा लौड़ा घुसा घुसा कर चोद ? मेरी बातें सुन कर वह भकाभक चोदने लगा धक्के पे धक्का लगाने लगा, लेकिन १०/१२ धक्कों में ही मेरी चूत के बाहर उगल के चला गया ? अब आया चौथा लौड़ा ? वह आते ही बोला भाभी मैं गांड भी मारता हूँ। मैंने कहा तो मार ले न मेरी गांड ? और अगर तूने ठीक से नहीं मारी मेरी गांड तो फिर मैं मारूंगी तेरी गांड ? बोल साले गांडू राजा पहले तू मेरी बुर चोदेगा की गांड मारेगा ? वह बोला भाभी बुर तो साले सभी चोदते है ? गांड बहुत कम लोग मारते है। आज तो मैं तेरी गांड ही मारूंगा और बुर किसी और दिन चोदूंगा ? मैंने कहा देखो मेरे प्यारे गांडू राजा आज तू चाहे मेरी बुर चोद ले और चाहे मेरी गांड मार ले ? आज के बाद तुझे मैं न अपनी बुर छूने दूँगी मैं और न गांड ? वह बोला तो ठीक है भाभी आज पहले चूत चोद लेता हूँ और फिर गांड में लण्ड घुसा के निकल जाऊंगा ? बस उसने लण्ड मेरी बुर में घुसा दिया और चोदने लगा ? उसे मज़ा आने लगा और मुझे भी ? उसकी स्पीड बढती गयी और मैं भी गांड उठा उठा के चुदवाती गयी। उसने स्पीड और तेज की फिर और तेज की और तब बोला अरे भाभी लो मैं तो निकल गया ? उसने मेरी चूंचियों पर ही सारा माल उगल दिया।
- सुनीता - हाय रे इसका मतलब तूने खूब मज़ा लूटा ?
- बबली - हां यार क्यों न लूटूँ ? जब मेरे हसबैंड ने कह दिया की तुम्हे सबसे चुदवाना है तो फिर डर किस बात का ?
- सुनीता - पर अभी तक तो तूने बुर चोदी बबली अपने मियां से चुदवाया ही नहीं ?
- बबली - तो तेरी माँ क्यों चुदी जा रही है भोसड़ी की, सुनीता ? सुन न आगे ?
- सुनीता - हां सुना माँ की लौड़ी ?
- बबली - जब चारों लण्ड चारों खाने चित्त हो गये तब मैं उठी और अपने हसबैंड का लौड़ा पकड़ कर हिलाने लगी। मैंने लण्ड चूमते हुए पूंछा अब कोई और तो नहीं है बहन चोद चोदने वाला ? उसने कहा हां है न एक आदमी और तुम्हे चोदने वाला ? मैं इधर उधर देखने लगी लेकिन मुझे वहां कोई और नज़र नहीं आया। मैं बोली तो कहाँ है वो भोसड़ी वाला ? वह मुस्कराकर बोला मैं हूँ न भोसड़ी वाला ? मैं भी तो चोदूंगा तेरी बुर बबली ? मैं बड़ी जोर से खिलखिलाकर हंस पड़ी और उसका लौड़ा चाटने लगी। फिर मैंने बड़े इत्मीनान से अपने हसबैंड से चुदवाया।
- सुनीता - अच्छा ये बता की इन पाँचों लण्ड में सबसे बढ़िया लण्ड तुझे किसका लगा ?
- बबली - अपने मियां का लण्ड ? हां यार बड़ा मस्ताना लौड़ा है मेरे पति का ? कहो तो एक दिन पेल दू तेरी चूत में सुनीता ?
- सुनीता - हाय दईया, कितना मज़ा आएगा तेरे पति से चुदवाने में ? तूने तो मेरे मुंह की बात छीन ली बबली। तेरी बात सुनकर मेरे रोंगटे क्या मेरी झांटें भी खड़ी हो गयी है। बोल किस दिन चुदवायेगी तू मेरी बुर अपने मियां से ?
- बबली - जिस दिन तू चुदवायेगी मेरी बुर अपने मियां से ?
- सुनीता - अच्छा कल की कहानी तो पूरी कर, बबली ?
- बबली - मैं अपनी कहानी बाद में पूरी करूंगी तो पहले अपनी कहानी बता ? कल यहाँ से जाकर तूने क्या किया ?
- सुनीता - झांटें उखाड़ी मैंने कल अपनी, बहन चोद ? तुझे क्या तो बता न आगे क्या हुआ ?
- बबली - बहनोई के सामने उखाड़ी अपनी झांटें तूने ? या फिर उसकी उखाड़ लीं झांटें ?
- सुनीता - तू मानेगी नहीं बुर चोदी, बबली ? चल शुरू हो जा ?
- बबली - अभी तो तुझे शुरू होना पडेगा नहीं मैं चोदूंगी तेरी माँ भोसड़ी की ? तेरे चेहरे पर लिखा है की कल कुछ हुआ ? साफ़ साफ बता ? सुनीता - अच्छा बाबा सुनाती हूँ :- तू तो जानती है की कल कितनी जोर से पानी बरस रहा था ? मैं जब यहाँ से गयी तो देखा की मेरा बहनोई बिलकुल भीगा हुआ है। मैंने जल्दी से दरवाजा खोला और उसे एक तौलिया देकर बाथ रूम जाने को कहा। वह अपने सारे कपडे खोल कर सिर्फ एक तौलिया लपेटे हुए बाहर आ गया। मैं तेरी कहानी सुनकर चुदासी तो हो ही गयी थी। मेरी चूत पहले से ही गीली थी। मैंने जब उसे बाथ रूम से नंगे बदन आते हुए देखा तो मेरी चूत में आग लग गयी। मेरी नियत ख़राब हो गयी। मेरा दिल उस पर आ गया। मैं हाथ बढाकर उसकी तौलिया खींचने ही वाली थी की वह बोला भाभी मैं बड़ी देर से आपका इंतज़ार कर रहा था। अगर मोबाइल न होता तो मैं अभी बाहर भीगता ही रहता ? मुझे थोड़ी ठंड लग रही है, प्लीज एक कप चाय बना दो। मैं चाय बनाने लगी और उसे एक लुंगी के साथ एक शाल दे दी ओढने को। वह ड्राइंग रूम में बैठ गया और मैं फिर चाय लेकर आ गयी। मैंने भी सिर्फ पेटीकोट पहना हुआ था। ऊपर कुछ नहीं। मेरी चूंचियां बिलकुल नंगी थी। हां एक चुन्नी जरूर ओढ़ ली थी। मैंने झुककर उसके सामने चाय रखी तो उसकी निगाह मेरी चूंचियों पर पड़ गयी। उसकी ललचाई आँखों को मैं भांप गयी। मैं भी उसी के साथ चाय पीने लगी। मैं बार बार अपनी चुन्नी नीचे गिरा देती थी और फिर संभाल लेती थी। एक बार मेरे मुंह से निकला उँ हुं बार बार बुर चोदी नीचे गिर जाती है ? तो वह मुस्कराकर बोला तो इसे उत्त्तर कर रख दो न भाभी ? मैं बोली वाओ, तो तुम मुझे नंगी देखना चाहते हो. भोसड़ी के ? वह बोला नहीं भाभी तेरी प्यारी प्यारी गालियां सुनना चाहता हूँ । मैंने कहा अच्छा तो क्या गालियां सुनकर तेरा लण्ड खड़ा होने लगता है ( मैंने जानबूझ कर लण्ड की गाली निकाली) वह तुरंत बोला अरे भाभी पता नहीं क्या क्या होने लगता है यहाँ ? बस मैं तो इसी के इंतज़ार में थी। मैं भी जोश में आ गयी और उठ कर उसकी लुंगी में हाथ डाल कर लण्ड पकड़ते हुए कहा वाओ, ये तो वाकई खड़ा है यार ? इतने में मेरी चुन्नी फिर गिर पड़ी पर मैंने इस बार उसे नहीं उठाया। वह मेरी नंगी चूंचियां देखता रहा। मैंने कहा अबे मादर चोद पकड़ कर देखो न मेरी चूंची। उसकी हिम्मत खुली और उसने दबोच लिया अपने दोनों हाथों से मेरी चूंचियां। मसलने लगा मेरी चूंचियां और मैं उसका लण्ड हिला हिला कर मस्ती करने लगी। लण्ड मुझे अच्छा लगा और मैं उसे प्रेम से चाटने लगी।
- बबली - ये तो बता सुनीता रानी, उसने तेरी चूत चाटी की नहीं ?
- सुनीता - अरे यार खूब मस्ती से चाटी उसने मेरी चूत और तभी तो फिर मैं अपने आप को रोक नहीं पायी और उसका लौड़ा घुसेड़ लिया अपनी बुर में। वह जितनी मस्ती से चोदने लगा मैं उतनी ही मस्ती से चुदवाने लगी। यार बबली उसका ८" का लौड़ा मोटा भी है और सख्त भी। मेरी चूत के चारों तरफ से चिपक कर आने जाने लगा। मैं मस्ती में सराबोर हो गयी ?
- बबली - तो फिर रात में कितनी बार चोदा उस भोसड़ी वाले ने तुझे ?
- सुनीता - रात में तो उसने दो बार ही चोदा लेकिन सुबह उठते ही एक बार और घुसा दिया अपना लण्ड मेरी चूत में। फिर तो मै चुदवाकर ही उठी बिस्तर से ? अरे हां यार तू तो बहन चोद बड़ी चालाक है। मेरी कहानी तो सुन ली अब सूना न अपनी कहानी ?
- बबली - मेरी कौन सी कहानी ? मैं तो सूना चुकी हूँ।
- सुनीता - अरे वही सुहागरात वाली कहानी जब तेरी गांड फट गयी थी इतने ज्यादा लण्ड देख कर ? उस रात के बाद क्या हुआ ?
- बबली - अच्छा सुन अब आगे और क्या हुआ ? मैंने तो पहले उन चारों मादर चोदों के लण्ड का सड़का मार मार कर खलास कर दिया फिर बाद में अपने हसबैंड से मस्ती से चुदवाया। ऐसा करते करते मैं थक चुकी थी तो मुझे सवेरे करीब ६ बजे नींद आ गयी और मैं सो गयी। फिर दोपहर में १ बजे उठी और फिर नहाया धोया। मेरे पति का भी यही हाल था। शाम को उसने कहा चलो आज मैं तुम्हे इसी होटल में चाय पिलाता हूँ। उसकी बात सुनकर मैं तैयार होने लगी ?
ऐसा कह कर वह चली गयी ? बबली बोली हाय सुनीता तेरी भाभी तो बड़ी मस्त है, तेरी चूत का बड़ा ख्याल रखती है ? वह बोली मैं भी तो उस भोसड़ी वाली की चूत का ख्याल रखती हूँ। मेरे बॉय फ्रेंड्स जब जब आतें है तब तब मेरी भाभी की बुर चोद कर जाते है। अच्छा अब तो बता आगे क्या हुआ ? तू अपनी कहानी सुना ? बड़ा मज़ा आ रहा है मुझे ?
बबली सुनाने लगी :- मेरा हसबैंड शाम को उसी होटल के बड़े कमरे में ले गया। मैंने देखा की वहां वही चारों लड़के बैठे जो मुझे रात में चोदने आये थे। उनके साथ बैठी तीन मस्त जवान लड़कियां ? उन की मांग में सिन्दूर देख कर मैं समझ गयी की ये किसी की बीवियां है। तब तक मेरा पति बोला बबली देखो ये चारों है मेरे दोस्त और ये है इनकी बीवियां।
बबली ने एक लड़के की तरफ इशारा करके कहा हां ये बोला था मेरा लौड़ा पकड़ लो भाभी ? - उसका मियां बोला अच्छा तो यह है विकी और इसकी बीवी है नीता ? - बबली बोली और इसने कहा था मेरे लण्ड को अपनी चूत में घुसा लो भाभी ? - ये है सनी और इसकी बीवी है रूचि ? बबली फिर बोली और इसने कहा था आज मैं तेरी चूत जम कर चोदूंगा भाभी जैसे तेरा पति मेरी बीवी चोदता है मैं तभी समझ गयी की कुछ दाल में काला है - अच्छा तो वो लड़का है ये बंटी और इसकी बीवी है रेखा - बबली ने आगे बताया की इसने कहा था मैं तो गांड मारता हूँ भाभी - ओ हो, तो ये है असर और इसकी बीवी सारा ? बबली फिर मजाक में मुस्कराकर बोली और बाद में जिसने मुझे खूब धकाधक चोदा वो तुम हो भोसड़ी के रोहित, मेरा हसबैंड ?
इतने में नीता बोली :- अरे बबली भाभी, असल में ये पांचों लोग दोस्त है और इन सबने सबकी बीवियां सुहागरात में चोदी है।
रूचि बोली :- हां भाभी मैं भी इन चारों से अपनी सुहागरात में चुदवा चुकी हूँ। और तब से आज तक बराबर चुदवा रही हूँ।
रेखा बोली :- हम सब बड़ी लकी है की हमें सुहागरात में ही पांच पांच मर्दों से चुदवाने का औका मिला ? और यह सिलसिला आज तक चला आ रहा है। बबली भाभी जब तुम वहां अपने मियां से चुदवा रही थी तो ये चारों यहाँ इसी कमरे में एक दूसरे की बीवी चोद रहे थे।
सारा बोली :- हाय दईया कितना मज़ा आया था मुझे अपनी सुहागरात में जब इन पाँचों के लण्ड मेरी चूत में घुस घुस कर चोद रहे थे। वो मज़ा मैं आजतक नहीं भूली। अब भी मुझे बिना इन लोगो के लण्ड पकडे चैन नहीं मिलता ? रोहित की शादी सबसे बाद में हुई है। तो बबली भाभी आज रात को तुम हम सबके सामने हमारे मर्दों से फिर चुदवाओ ? और हम सब तेरे सामने तेरे मरद से चुदवायेंगी ?
फिर क्या सुनीता रात भर पाँचों बीवियों ने एक दूसरे के हसबैंड से खूब चुदवाया। -
०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=० समाप्त
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