अरे देखो न बहन चोद ये कितना लम्बा, मोटा और सख्त लौड़ा है, बेटी रोज़ा ? मुझे तो यह लौड़ा बहुत पसंद आया . इसे पियो तो तुम्हे मज़ा आ जायेगा . पहले इसे चाटो चूसो और इससे खेलो, फिर मुठ्ठ मार कर खूब मस्ती से पियो लौड़ा . बड़ा रसभरा लौड़ा है बेटी ? इस तरह के लौड़े बहुत कम मिलते है . मैं कई दिनों से ऐसे ही लौड़े की तलास में थी आज इत्तिफाक से मेरे हाथ में ऐसा लौड़ा आ गया . मन तो मेरा भी हो रहा है इसे पीने का लेकिन तुम पहले पी लो इसे और खूब मज़ा लूटो . मैं भी बाद में पियूंगी . ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, ?
रोज़ा ने जैसे ही पकड़ा लौड़ा, वह बोली :- हाय अम्मी, लौड़ा तो बड़ा शानदार है . बिलकुल तोप जैसा लग रहा है, बहन चोद ? और इसका सुपाड़ा तो बिलकुल तोप का गोला है अम्मी ? ये तो मेरे अन्थोनी सर के लौड़े की ही तरह लग रहा है, अम्मी ? इससे चुदाने में भी खूब मज़ा आता है ऐसा मेरी साजिया मेम कह रही थी .
मैंने कहा :- हां बेटी, अभी चुदाने की बिलकुल मत सोंचना . तेरी चूत अभी थोड़ी कच्ची है . इसे पक जाने दो फिर मैं बताऊंगी कैसे चुदाया जाता है ? अभी तो तुम खूब लौड़ा पियो और मजे लूटो . अच्छा क्या तुम अन्थोनी का लौड़ा पकड़ चुकी हो ? और यह बात तुम्हे साजिया ने कैसे बताई कि अभी मत चुदाना ?
वह बोली :- हाय अम्मी तुम जानती हो की मैं एक बिंदास लड़की हूँ . कॉलेज में मैं गाली देने के लिए बहुत मशहूर हूँ . एक दिन मुझे साजिया मेम ने बुलाया और खुल कर बातें की . मुझसे कहा रोज़ा तुम लण्ड की बातें करती हो, लण्ड की गालियां देती हो, तुमने कभी लण्ड देखा है . किसी का लण्ड पकड़ा है कभी तुमने ? मैंने कहा नहीं मेम मैंने न लण्ड देखा और न पकड़ा . तब एक दिन वह मुझे अपने घर ले गयी और मुझसे खूब गन्दी गन्दी बातें की . गालियिों से बातें की .
मुझे कई लौड़ों की तस्वीर दिखाई तो मेरे बदन की आग भड़क उठी .
फिर उसने कहा चलो ज़रा अंदर . मैं जब अंदर कमरे में गयी तो मैंने देखा की अन्थोनी सर लेटे हुए है . मेम ने कहा इनको जानती हो रोज़ा ? मैंने कहा हां मेम मैं जानती हूँ . ये अन्थोनी सर है . वह बोली नहीं यह भोषड़ी का अन्थोनी है ? यह मादर चोद अन्थोनी है ? इसकी माँ चोदती हूँ मैं ? मैं इसके लण्ड की भी माँ चोदती हूँ, रोज़ा ? मेम मुझे गालियां सुनाकर मेरी उत्तेजना बढ़ा रही थी . फिर मेम ने कहा रोज़ा तुमने इसका लौड़ा देखा है बहन चोद ? मैंने जबाब दिया नहीं देखा मेम ? उसने सर के ऊपर से चादर हटाई और कहा लो देखो न इसका लौड़ा ? मेरी नज़र जैसे उसके मस्ताने लौड़े पर पड़ी मैं बोली उठी हाय अल्ला, इतना बड़ा लौड़ा ? इतना मोटा लौड़ा ? मेम क्या लौड़े इतने बड़े बड़े होते है ? उसने कहा हां बिलकुल होते है ? तुम मेरा साथ दो तो मैं तुम्हे इससे भी बड़े बड़े लौड़े दिखाऊंगी . ऐसा कह कर मेम ने मुझे लौड़ा पकड़ा दिया और अपने कपडे उतारने लगी . मैंने जब उसकी बड़ी बड़ी सुडौल चूंचियां देखी तो मैं सोंचने लगी की मेरी चूंचियां इतनी बड़ी बड़ी कब होंगी ? उसकी चूत एकदम चिकनी बड़ी मस्त लग रही थी अम्मी , वह मादर चोद एकदम नंगी हो गयी . उसे नंगी देख कर अंकल का लौड़ा और टन टना गया . फिर मेम भी मेरे साथ लौड़ा चाटने लगी . मेम ने मुझे लौड़ा चाटना और चूसना सिखाया और कहा तुम अभी चुदवाना नहीं ? अभी तुम बैठ कर मेरी चुदाई देखो . अम्मी, मेरा वह पहला दिन था जब मैंने किसी की चुदाई देखी . आखिर में मेम ने लण्ड का मुठ्ठ मारा और मुझसे भी मरवाया . मैं उनसे मुठ्ठ मारना भी सीख गयी . बाद में मैंने मेम के साथ लौड़ा पिया, अम्मी। मुझे उस दिन बड़ा मज़ा आया था .
मैं बोली :- तो फिर उसी तरह यह लौड़ा भी पियो, बेटी .
ऐसा कह कर मैंने लौड़ा रोज़ा के मुंह में घुसेड़ दिया . वह मस्त होकर पीने लगी लण्ड . मैं जब लौट कर आयी तो देखा की रोज़ा दनादन्न लौड़े का मुठ्ठ मारे चली जा रही है . उसकी चूंचियां खुली हुई है . उसकी चूत भी दिख रही है . रोज़ा की निगाहें लौड़े पर और उसके सुपाड़े पर टिकी थी . मैंने ताहिर को देखा तो वह बोला हां भाभी रोज़ा तो बड़ी अच्छी तरह से सड़का मार लेती है . मुझे ऐसा लगता है कि यह पहले भी मुठ्ठ मार चुकी है . इतने में रोज़ा बोली हां भोषड़ी के अंकल मैं मार चुकी हूँ मुठ्ठ ? मुझे जिसका लौड़ा जिसका पसंद आता है मैं उसका मुठ्ठ मारती हूँ और लौड़ा पी जाती हूँ बहन चोद ? आज तेरा लौड़ा पियूंगी मादर चोद ? ऐसा कहते ही उसने देखा कि लण्ड अपना वीर्य उगलने लगा है . रोज़ा ने उसे अपनी जबान पर रोका और पी गयी . जितनी भी पिचकारी आयी वो सब रोज़ा ने अपने मुंह में ले ली . मैं जान गयी कि रोज़ा को इसका अनुभव है . अब इसे जल्दी ही बुर चुदवाना सिखाना पड़ेगा ? अब यह लौड़े का पूरा मज़ा लूटने के लिए बिलकुल तैयार है . तब तक उसकी उम्र भी २० साल की हो गयी थी . ऐसा सीन देख कर मेरा भोषडा भी गरमा गया .
मैंने सोंच लिया की मैं रोज़ा से ही कहूँगी की मेरा भोषडा चोदो .
ऐसा सोंचते ही मैं उसके सामने चली गयी और उसका हौसला बढ़ाने के लिए मैंने भी जबान निकाल कर लौड़ा चाटने लगी . फिर हम तीनो बाथ रूम गयी और वहाँ खूब नहा धो कर वापस आयी .
दो घटे के बाद मैंने फिर लौड़ा रोज़ा को पकड़ा दिया . इस बार उसकी मस्ती और बढ़ गयी . वह बोली अंकल भोषड़ी के तुम मेरी माँ चोदने आये थे . तुझे मादर चोद नहीं मालूम था की उसकी बेटी रोज़ा भी जवान हो गयी है . तो फिर किसी और को भी साथ ले आते ? दो लण्ड होते तो हम दोनों अदल बदल कर लण्ड पीतीं कितना मज़ा आता ? खैर अगली बार जब आना तो किसी को साथ लेते आना समझे माँ के लौड़े ? इस बार मैं भी रोज़ा के साथ लौड़ा चाटने लगी . मैं उसके मुंह में लौड़ा घुसेड़ती तो फिर वह मेरे मुंह में घुसेड़ती ? मैं उसकी चूंचियों पर लौड़ा फिराती तो वह मेरी चूंचियों पर लौड़ा फिराती . मैं सुपाड़ा चाटती तो वह पेल्हड़ ? मैं पेल्हड़ चाटती तो वह सुपाड़ा ?
इतने में मैंने कहा :- रोज़ा आज तुम मेरा भोषडा चोदो , बेटी ? ठोंक दो लौड़ा मेरे भोषडा में ? चोद लो अपनी माँ का भोषडा और इसी तरह सीख लो बुर चुदाना ?
रोज़ा ने तुरंत लौड़ा मेरे भोषडा के मुंह से टिका दिया और ताहिर के चूतड़ से धक्का मारा तो लौड़ा पूरा बहन चोद घुस गया मेरे भोषडा में . रोज़ा ताहिर कि कमर पकड़ कर चोदने लगी मेरा भोषडा ?
मैंने कहा :- कैसा लग रहा है तुम्हे रोज़ा अपनी माँ चोदने में ?
रोज़ा बोली :- बहुत मज़ा आ रहा है मुझे अपनी माँ चोदने में, अम्मी ?
मैंने कहा :- मैं भी इसी तरह अपनी बेटी चोदूंगी .
रोज़ा बोली :- हां चोदो न जल्दी से अपनी बेटी मेरी बुर चोदी माँ . मैं तो उस दिन का बड़ी बेकरारी से इंतज़ार कर रही हूँ . मेरी चूत तो ससुरी जाने कबसे लौड़ा लौड़ा चिल्ला रहा है ?
उस दिन मैंने जम कर ताहिर से अपनी बेटी रोज़ा के आमने चुदवाया . बार बार उससे ही लौड़ा अपने भोषडा में ठोंकवाया . लौड़ा जितनी बार फ़िशल कर इधर उधर होता तो रोज़ा ही उसे फिर अंदर घुसा देती . मैं अपनी बेटी से चुदवा कर मस्त हो रही थी ., मैंने भी ठान लिया की मैं भी अब अपनी बेटी की बुर चोद कर उसे पूरा मज़ा दूँगी . मैं उसे सिखाऊंगी की किस तरह दो दो / तीन तीन लण्ड से चुदवाया जाता है ?
उसके दोस्त मेरा भोषडा चोदें और मेरे दोस्त उसकी बुर चोदें ?
इसलिए मैं रोज़ा से बिलकुल खुल गयी हूँ . वह भी मुझसे खुल गयी है . हम दोनों के बीच कोई शर्म नहीं है .अभी आपने इसे ऊपर पढ़ भी लिया है . एक घंटे में दोनों सफीक और रफ़ी आ गये . मैंने उन्हें बैठाया और बातें करने लगी . इतने में रोज़ा भी आ गयी . मैंने कहा बेटी ये है सफीक अंकल और ये है रफ़ी अंकल . ये दोनों मेरे दोस्त है . फिर मैंने उन दोनों से कहा ये है मेरी बेटी . बड़ी चंचल स्वाभाव की है . नटखट है और माँ की लौड़ी बड़ी शरारती भी है . अच्छा बोलो क्या पियोगे तुम लोग ? रफ़ी मजाक में बोला सवेरे सवेरे तो दूध पिया जाता है भाभी . रोज़ा तब तक बोल पड़ी तो सीधे मुंह लगा के पी लो न दूध मेरी अम्मी का ? बड़ा मज़ा आएगा अंकल ? सफीक बोला तुम भी तो पियो रोज़ा ? इससे पहले की रोज़ा जबाब देती,
मैंने कहा रोज़ा दूध नहीं लौड़ा पीती है . तुम लोग दूध पियो हम लोग लौड़ा पियेंगी .
मैंने अपना ब्लाउज़ और ब्रा उतार कर अपनी चूंचियां खोल दी . वे दोनों मेरे अगल बगल बैठ गये और एक एक चूंची अपने मुंह में डाल कर चूसने लगे . उधर रोज़ा रफ़ी के कपडे खोलने लगी . उसकी कमीज उतारी . उसकी पैंट की बेल्ट खोल दी और फिर उसकी बटन खोली, जिप खोली और फिर धीरे से पैंट ही खींच ली . अब वह केवल एक चड्ढी में आ गया . उसके लण्ड का उभार साफ साफ झलक रहा था . यही हाल रोज़ा ने सफीक का भी कर दिया . उसके कपडे भी सभी खोल कर उसे चड्ढी तक ले आयी . मैंने अपना एक हाथ रफ़ी के लण्ड पर रखा और दूसरा हाथ सफीक के लण्ड पर . दोनों लण्ड चड्ढी के ऊपर से ही रगड़ने लगी . इतने में रोज़ा ने मेरे पेटीकोट का नाड़ा खींच लिया . मैंने अपनी गांड उचकाई तो उसने पेटीकोट उतार फेंका . मैं मादर चोद बिलकुल नंगी हो गयी . रोज़ा मेरी चूत सहलाने लगी और फिर अपना मुंह उसमे घुसेड़ दिया . वह मेरी चूत का दाना चाटने लगी . मेरे अंदर हर तरफ से मस्ती छा गयी . थोड़ी देर इस तरह का मज़ा लेने के बाद मैं उठी और रफ़ी कि चड्ढी खींच कर उतार दी . उसका लौड़ा फनफना कर मेरे सामने खड़ा हो गया . मुझे देख कर रोज़ा ने भी सफीक कि चड्ढी खोल दी और उसका टन टनाता हुआ लण्ड पकड़ लिया .
वह बोली :- हाय अम्मी ये तो बहन चोद बड़ा सालिड लौड़ा है ? और तेरे हाथ में जो रफ़ी अंकल का लौड़ा है वह भी भोषड़ी का बड़ा जबर्दस्त लौड़ा है ? आजकल बड़े अच्छे अच्छे लण्ड देखने को मिल रहे है अम्मी .
मैंने कहा :- हां बेटी रोज़ा, आज तुम एक एक करके दोनों लण्ड पियो . ये दोनों मेरे चहेते लण्ड है . मैं इन्हे कई बार पी चुकी हूँ . कई बार इन्हे अपने भोषडा में पेला है मैंने ? बड़ा मज़ा आता है इनसे चुदवाने में .
ऐसा कह कर मैंने रफ़ी का लौड़ा उसके मुंह में ठूंस दिया . रोज़ा लौड़ा चूसने लगी . मैंने दूसरा लण्ड उसके हाथ में पकड़ा दिया . अब मैं रोज़ा के कपडे खोलने लगी . उसका सलवार कुरता उतार दिया . उसकी मस्त चूंचियां ब्रा के अंदर से झाँकने लगी . वे दोनों मादर चोद आँख गड़ाए हुए चूंचियां देखने लगे . मैंने फिर धीरे से ब्रा भी खोल दी . रोज़ा की दोनों चूंचियां नंगी नंगी बाहर आ गयी . उन्हें देख कर दोनों के लौड़े एकदम से और टन्ना गये . फिर मैंने जब उसकी पैंटी खोली तो उसकी छोटी छोटी झांटों वाली चूत नंगी हो गयी . वे दोनों साले एकटक चूत देखने लगी . इतनी बढियां चूत उन लोगों ने पहले कभी देखी नहीं थी .
रफ़ी बोला :- भाभी रोज़ा की चूत तो बहुत सेक्सी है . बड़ी खूबसूरत है .
सफीक बोला :- हां भाभी इसकी चूत और चूंची दोनों बड़ी मस्त है . आज तो मेरा लौड़ा ईद मनायेगा इनके साथ . मैंने कहा :- यार मेरी बेटी की बुर अभी एकदम ताज़ी है . आजतक किसी का भी लौड़ा नहीं घुसा है इसमें ? अभी तो यह सबका लौड़ा पी पी कर मज़ा ले रही है .
रफ़ी बोला :- अरे भाभी कब तक लौड़ा पीती रहेगी रोज़ा बिचारी ? अब उसकी चूत को भी लौड़ा पीने दो ?
मैंने कहा पहले तुम दोनों मेरी बेटी को अपना अपना लौड़ा पिलाओ . फिर देखती हूँ मैं .
रोज़ा रफ़ी का लौड़ा पीने लगी और मैं सफीक का लौड़ा ? फिर हम लौड़ा अदल बदल कर एक दूसरे के मुंह में घुसेड़ घुसेड़ कर पीने लगी . इतना मज़ा आ रहा था की मैं उसका बयां नहीं कर सकती . थोड़ी देर में सफीक बहन चोद झड़ने लगा तो हम ने मिलकर उसका वीर्य पियाऔर लौड़ा चाटा . फिर रफ़ी झड़ा तो उसका भी हमने मिलके लौड़ा पिया और चाटा . दोनों लण्ड बड़े मस्त और रसदार निकले .
उसके बाद फिर लंच हुआ ; खूब बातें हुई और समय निकल गया . रोज़ा फिर सफीक का लौड़ा पकड़ कर बैठ गयी . इस बार रफ़ी बोला भाभी प्लीज मझे रोज़ा की बुर में लौड़ा पेलने दो . सफीक ने भी हां में हां मिलाई . बोला भाभी एक न एक दिन तो इसे चुदवाना ही है तो फिर आज क्यों नहीं ? मैंने देखा की रोज़ा भी तैयार है . मैंने हां कर दी . रफ़ी ने लण्ड रोज़ा की बुर पे रखा और धीरे से घुसाने लगा . मैं बगल में बैठी उसकी बुर फैलाने लगी . रोज़ा के मुंह से एक बार निकला उई माँ, फिर उसने गप्प से लौड़ा पेल लिया . वह खुद अपनी गांड उठा उठा कर चुदाने लगी . उसकी चूंचियां नाचने लगी . थोड़ी देर में सफीक बोला यार अब मुझे चोदने दो . तुम अपना लौड़ा निकालो . वह बोला मैं कहा ले जाऊं अपना लौड़ा यार ? तब मैंने कहा तुम अपना लौड़ा मेरे भोषडा में पेल दो . रफ़ी मुझे चोदने लगा . अब ये दोनों बहन चोद बार बार मेरी चूत से लण्ड निकाल कर रोज़ा की चूत में पेलते और फिर उसकी चूत से निकाल कर मेरी चूत में पेलते . इस खेल में हम सब को मज़ा आ रहा था . उस दिन से रोज़ा और मैं दोनों साथ साथ चुदवाने लगी .
शाम को हम दोनों ८ बजे बैठी शराब पी रही थी . तभी डोर बेल बजी . मैंने दरवाजा खोला तो एक लड़का बोला मैं रोज़ा से मिलने आया हूँ . मैंने उसे बैठाया और रोज़ा को बुला लिया . वह इसे देखते ही बोली अरे आसिक तुम आ गये . फिर उसने मुझसे कहा अम्मी ये मेरा दोस्त है . मैंने उसे भी शराब में शामिल कर लिया .
रोज़ा बोली :- अम्मी जानती हो आसिक किसलिए आया है ?
मैंने कहा :- नहीं, मैं बिलकुल नहीं जानती ? बताओ न किसलिए आया है आसिक ?
रोज़ा बोली :- आसिक मेरी माँ चोदने आया है, अम्मी .
मैंने कहा :- तो फिर चुदवाओ न अपनी माँ ? जल्दी से पेलो इसका लण्ड अपनी माँ की चूत में ? और हां सुनो मेरी बेटी, आज से मैं तुम्हे रोज़ एक नया लण्ड पिलाऊंगी .
उस समय मैं बहुत खुश हुई क्योंकि जो मैं चाहती थी वह होने लगा .
मेरी बेटी के दोस्त मुझे चोदने लगे और मेरे दोस्त मेरी बेटी चोदने लगे .
=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०= समाप्त

मैंने कहा :- हां बेटी, अभी चुदाने की बिलकुल मत सोंचना . तेरी चूत अभी थोड़ी कच्ची है . इसे पक जाने दो फिर मैं बताऊंगी कैसे चुदाया जाता है ? अभी तो तुम खूब लौड़ा पियो और मजे लूटो . अच्छा क्या तुम अन्थोनी का लौड़ा पकड़ चुकी हो ? और यह बात तुम्हे साजिया ने कैसे बताई कि अभी मत चुदाना ?
वह बोली :- हाय अम्मी तुम जानती हो की मैं एक बिंदास लड़की हूँ . कॉलेज में मैं गाली देने के लिए बहुत मशहूर हूँ . एक दिन मुझे साजिया मेम ने बुलाया और खुल कर बातें की . मुझसे कहा रोज़ा तुम लण्ड की बातें करती हो, लण्ड की गालियां देती हो, तुमने कभी लण्ड देखा है . किसी का लण्ड पकड़ा है कभी तुमने ? मैंने कहा नहीं मेम मैंने न लण्ड देखा और न पकड़ा . तब एक दिन वह मुझे अपने घर ले गयी और मुझसे खूब गन्दी गन्दी बातें की . गालियिों से बातें की .
मुझे कई लौड़ों की तस्वीर दिखाई तो मेरे बदन की आग भड़क उठी .
फिर उसने कहा चलो ज़रा अंदर . मैं जब अंदर कमरे में गयी तो मैंने देखा की अन्थोनी सर लेटे हुए है . मेम ने कहा इनको जानती हो रोज़ा ? मैंने कहा हां मेम मैं जानती हूँ . ये अन्थोनी सर है . वह बोली नहीं यह भोषड़ी का अन्थोनी है ? यह मादर चोद अन्थोनी है ? इसकी माँ चोदती हूँ मैं ? मैं इसके लण्ड की भी माँ चोदती हूँ, रोज़ा ? मेम मुझे गालियां सुनाकर मेरी उत्तेजना बढ़ा रही थी . फिर मेम ने कहा रोज़ा तुमने इसका लौड़ा देखा है बहन चोद ? मैंने जबाब दिया नहीं देखा मेम ? उसने सर के ऊपर से चादर हटाई और कहा लो देखो न इसका लौड़ा ? मेरी नज़र जैसे उसके मस्ताने लौड़े पर पड़ी मैं बोली उठी हाय अल्ला, इतना बड़ा लौड़ा ? इतना मोटा लौड़ा ? मेम क्या लौड़े इतने बड़े बड़े होते है ? उसने कहा हां बिलकुल होते है ? तुम मेरा साथ दो तो मैं तुम्हे इससे भी बड़े बड़े लौड़े दिखाऊंगी . ऐसा कह कर मेम ने मुझे लौड़ा पकड़ा दिया और अपने कपडे उतारने लगी . मैंने जब उसकी बड़ी बड़ी सुडौल चूंचियां देखी तो मैं सोंचने लगी की मेरी चूंचियां इतनी बड़ी बड़ी कब होंगी ? उसकी चूत एकदम चिकनी बड़ी मस्त लग रही थी अम्मी , वह मादर चोद एकदम नंगी हो गयी . उसे नंगी देख कर अंकल का लौड़ा और टन टना गया . फिर मेम भी मेरे साथ लौड़ा चाटने लगी . मेम ने मुझे लौड़ा चाटना और चूसना सिखाया और कहा तुम अभी चुदवाना नहीं ? अभी तुम बैठ कर मेरी चुदाई देखो . अम्मी, मेरा वह पहला दिन था जब मैंने किसी की चुदाई देखी . आखिर में मेम ने लण्ड का मुठ्ठ मारा और मुझसे भी मरवाया . मैं उनसे मुठ्ठ मारना भी सीख गयी . बाद में मैंने मेम के साथ लौड़ा पिया, अम्मी। मुझे उस दिन बड़ा मज़ा आया था .
मैं बोली :- तो फिर उसी तरह यह लौड़ा भी पियो, बेटी .
ऐसा कह कर मैंने लौड़ा रोज़ा के मुंह में घुसेड़ दिया . वह मस्त होकर पीने लगी लण्ड . मैं जब लौट कर आयी तो देखा की रोज़ा दनादन्न लौड़े का मुठ्ठ मारे चली जा रही है . उसकी चूंचियां खुली हुई है . उसकी चूत भी दिख रही है . रोज़ा की निगाहें लौड़े पर और उसके सुपाड़े पर टिकी थी . मैंने ताहिर को देखा तो वह बोला हां भाभी रोज़ा तो बड़ी अच्छी तरह से सड़का मार लेती है . मुझे ऐसा लगता है कि यह पहले भी मुठ्ठ मार चुकी है . इतने में रोज़ा बोली हां भोषड़ी के अंकल मैं मार चुकी हूँ मुठ्ठ ? मुझे जिसका लौड़ा जिसका पसंद आता है मैं उसका मुठ्ठ मारती हूँ और लौड़ा पी जाती हूँ बहन चोद ? आज तेरा लौड़ा पियूंगी मादर चोद ? ऐसा कहते ही उसने देखा कि लण्ड अपना वीर्य उगलने लगा है . रोज़ा ने उसे अपनी जबान पर रोका और पी गयी . जितनी भी पिचकारी आयी वो सब रोज़ा ने अपने मुंह में ले ली . मैं जान गयी कि रोज़ा को इसका अनुभव है . अब इसे जल्दी ही बुर चुदवाना सिखाना पड़ेगा ? अब यह लौड़े का पूरा मज़ा लूटने के लिए बिलकुल तैयार है . तब तक उसकी उम्र भी २० साल की हो गयी थी . ऐसा सीन देख कर मेरा भोषडा भी गरमा गया .
मैंने सोंच लिया की मैं रोज़ा से ही कहूँगी की मेरा भोषडा चोदो .
ऐसा सोंचते ही मैं उसके सामने चली गयी और उसका हौसला बढ़ाने के लिए मैंने भी जबान निकाल कर लौड़ा चाटने लगी . फिर हम तीनो बाथ रूम गयी और वहाँ खूब नहा धो कर वापस आयी .
दो घटे के बाद मैंने फिर लौड़ा रोज़ा को पकड़ा दिया . इस बार उसकी मस्ती और बढ़ गयी . वह बोली अंकल भोषड़ी के तुम मेरी माँ चोदने आये थे . तुझे मादर चोद नहीं मालूम था की उसकी बेटी रोज़ा भी जवान हो गयी है . तो फिर किसी और को भी साथ ले आते ? दो लण्ड होते तो हम दोनों अदल बदल कर लण्ड पीतीं कितना मज़ा आता ? खैर अगली बार जब आना तो किसी को साथ लेते आना समझे माँ के लौड़े ? इस बार मैं भी रोज़ा के साथ लौड़ा चाटने लगी . मैं उसके मुंह में लौड़ा घुसेड़ती तो फिर वह मेरे मुंह में घुसेड़ती ? मैं उसकी चूंचियों पर लौड़ा फिराती तो वह मेरी चूंचियों पर लौड़ा फिराती . मैं सुपाड़ा चाटती तो वह पेल्हड़ ? मैं पेल्हड़ चाटती तो वह सुपाड़ा ?
इतने में मैंने कहा :- रोज़ा आज तुम मेरा भोषडा चोदो , बेटी ? ठोंक दो लौड़ा मेरे भोषडा में ? चोद लो अपनी माँ का भोषडा और इसी तरह सीख लो बुर चुदाना ?
रोज़ा ने तुरंत लौड़ा मेरे भोषडा के मुंह से टिका दिया और ताहिर के चूतड़ से धक्का मारा तो लौड़ा पूरा बहन चोद घुस गया मेरे भोषडा में . रोज़ा ताहिर कि कमर पकड़ कर चोदने लगी मेरा भोषडा ?
मैंने कहा :- कैसा लग रहा है तुम्हे रोज़ा अपनी माँ चोदने में ?
रोज़ा बोली :- बहुत मज़ा आ रहा है मुझे अपनी माँ चोदने में, अम्मी ?
मैंने कहा :- मैं भी इसी तरह अपनी बेटी चोदूंगी .
रोज़ा बोली :- हां चोदो न जल्दी से अपनी बेटी मेरी बुर चोदी माँ . मैं तो उस दिन का बड़ी बेकरारी से इंतज़ार कर रही हूँ . मेरी चूत तो ससुरी जाने कबसे लौड़ा लौड़ा चिल्ला रहा है ?
उस दिन मैंने जम कर ताहिर से अपनी बेटी रोज़ा के आमने चुदवाया . बार बार उससे ही लौड़ा अपने भोषडा में ठोंकवाया . लौड़ा जितनी बार फ़िशल कर इधर उधर होता तो रोज़ा ही उसे फिर अंदर घुसा देती . मैं अपनी बेटी से चुदवा कर मस्त हो रही थी ., मैंने भी ठान लिया की मैं भी अब अपनी बेटी की बुर चोद कर उसे पूरा मज़ा दूँगी . मैं उसे सिखाऊंगी की किस तरह दो दो / तीन तीन लण्ड से चुदवाया जाता है ?
- दूसरे दिन सवेरे सवेरे मैंने फोन उठाया और कहा :- अरे सफीक तू बहन चोद कहाँ घूम रहा है इस समय ?
- वह बोला :- शहनाज़ भाभी मैं मार्निंग वॉक कर रहा हूँ .
- मैं बोली :- ठीक है वॉक करने के बाद मेरे घर आना .
- भाभी मेरे साथ मेरा दोस्त रफ़ी भी है .
- उस बहन चोद को भी लेते आना . वो तो तुम्हारा जिगरी दोस्त है न ? मैंने सुना है की तुम उसकी बीवी चोदते हो ? साले तू अपनी बीवी दूसरों से चुदवाता है ?
- वह भी तो चोदता है मेरी बीवी भाभी .
- तुम लोगों की बीवियों को कोई ऐतराज़ नहीं होता है क्या ?
- अरे भाभी बीवियां तो मादर चोद चाहती ही है गैर मर्दों से चुदवाना . मेरी बीवी तो बहुत खुश है . वह बड़े मजे से चुदवाती है रफ़ी से ? बड़ी बेशरम हो गयी है माँ की लौड़ी मेरी बीवी ?
- आज तुम मुझे चोदोगे सफीक और तेरा दोस्त भी मुझे चोदेगा ? लेकिन यह सब दूसरी पारी में होगा
- ऐसा क्यों भाभी ? पहली पारी में क्या तुम हमारी गांड मरोगी ?
- पहली पारी में तुम मेरी बेटी को लौड़ा पिलाओगे ? मेरी बेटी तेरे दोस्त का भी लौड़ा पियेगी .
- अरे वाह ? इसका मतलब तेरी बेटी जवान हो गयी है भाभी ?
- हां हां मादर चोद वह जवान हो गयी है जल्दी से आ जा ?
उसके दोस्त मेरा भोषडा चोदें और मेरे दोस्त उसकी बुर चोदें ?
इसलिए मैं रोज़ा से बिलकुल खुल गयी हूँ . वह भी मुझसे खुल गयी है . हम दोनों के बीच कोई शर्म नहीं है .अभी आपने इसे ऊपर पढ़ भी लिया है . एक घंटे में दोनों सफीक और रफ़ी आ गये . मैंने उन्हें बैठाया और बातें करने लगी . इतने में रोज़ा भी आ गयी . मैंने कहा बेटी ये है सफीक अंकल और ये है रफ़ी अंकल . ये दोनों मेरे दोस्त है . फिर मैंने उन दोनों से कहा ये है मेरी बेटी . बड़ी चंचल स्वाभाव की है . नटखट है और माँ की लौड़ी बड़ी शरारती भी है . अच्छा बोलो क्या पियोगे तुम लोग ? रफ़ी मजाक में बोला सवेरे सवेरे तो दूध पिया जाता है भाभी . रोज़ा तब तक बोल पड़ी तो सीधे मुंह लगा के पी लो न दूध मेरी अम्मी का ? बड़ा मज़ा आएगा अंकल ? सफीक बोला तुम भी तो पियो रोज़ा ? इससे पहले की रोज़ा जबाब देती,
मैंने कहा रोज़ा दूध नहीं लौड़ा पीती है . तुम लोग दूध पियो हम लोग लौड़ा पियेंगी .
मैंने अपना ब्लाउज़ और ब्रा उतार कर अपनी चूंचियां खोल दी . वे दोनों मेरे अगल बगल बैठ गये और एक एक चूंची अपने मुंह में डाल कर चूसने लगे . उधर रोज़ा रफ़ी के कपडे खोलने लगी . उसकी कमीज उतारी . उसकी पैंट की बेल्ट खोल दी और फिर उसकी बटन खोली, जिप खोली और फिर धीरे से पैंट ही खींच ली . अब वह केवल एक चड्ढी में आ गया . उसके लण्ड का उभार साफ साफ झलक रहा था . यही हाल रोज़ा ने सफीक का भी कर दिया . उसके कपडे भी सभी खोल कर उसे चड्ढी तक ले आयी . मैंने अपना एक हाथ रफ़ी के लण्ड पर रखा और दूसरा हाथ सफीक के लण्ड पर . दोनों लण्ड चड्ढी के ऊपर से ही रगड़ने लगी . इतने में रोज़ा ने मेरे पेटीकोट का नाड़ा खींच लिया . मैंने अपनी गांड उचकाई तो उसने पेटीकोट उतार फेंका . मैं मादर चोद बिलकुल नंगी हो गयी . रोज़ा मेरी चूत सहलाने लगी और फिर अपना मुंह उसमे घुसेड़ दिया . वह मेरी चूत का दाना चाटने लगी . मेरे अंदर हर तरफ से मस्ती छा गयी . थोड़ी देर इस तरह का मज़ा लेने के बाद मैं उठी और रफ़ी कि चड्ढी खींच कर उतार दी . उसका लौड़ा फनफना कर मेरे सामने खड़ा हो गया . मुझे देख कर रोज़ा ने भी सफीक कि चड्ढी खोल दी और उसका टन टनाता हुआ लण्ड पकड़ लिया .
वह बोली :- हाय अम्मी ये तो बहन चोद बड़ा सालिड लौड़ा है ? और तेरे हाथ में जो रफ़ी अंकल का लौड़ा है वह भी भोषड़ी का बड़ा जबर्दस्त लौड़ा है ? आजकल बड़े अच्छे अच्छे लण्ड देखने को मिल रहे है अम्मी .
मैंने कहा :- हां बेटी रोज़ा, आज तुम एक एक करके दोनों लण्ड पियो . ये दोनों मेरे चहेते लण्ड है . मैं इन्हे कई बार पी चुकी हूँ . कई बार इन्हे अपने भोषडा में पेला है मैंने ? बड़ा मज़ा आता है इनसे चुदवाने में .
ऐसा कह कर मैंने रफ़ी का लौड़ा उसके मुंह में ठूंस दिया . रोज़ा लौड़ा चूसने लगी . मैंने दूसरा लण्ड उसके हाथ में पकड़ा दिया . अब मैं रोज़ा के कपडे खोलने लगी . उसका सलवार कुरता उतार दिया . उसकी मस्त चूंचियां ब्रा के अंदर से झाँकने लगी . वे दोनों मादर चोद आँख गड़ाए हुए चूंचियां देखने लगे . मैंने फिर धीरे से ब्रा भी खोल दी . रोज़ा की दोनों चूंचियां नंगी नंगी बाहर आ गयी . उन्हें देख कर दोनों के लौड़े एकदम से और टन्ना गये . फिर मैंने जब उसकी पैंटी खोली तो उसकी छोटी छोटी झांटों वाली चूत नंगी हो गयी . वे दोनों साले एकटक चूत देखने लगी . इतनी बढियां चूत उन लोगों ने पहले कभी देखी नहीं थी .
रफ़ी बोला :- भाभी रोज़ा की चूत तो बहुत सेक्सी है . बड़ी खूबसूरत है .
सफीक बोला :- हां भाभी इसकी चूत और चूंची दोनों बड़ी मस्त है . आज तो मेरा लौड़ा ईद मनायेगा इनके साथ . मैंने कहा :- यार मेरी बेटी की बुर अभी एकदम ताज़ी है . आजतक किसी का भी लौड़ा नहीं घुसा है इसमें ? अभी तो यह सबका लौड़ा पी पी कर मज़ा ले रही है .
रफ़ी बोला :- अरे भाभी कब तक लौड़ा पीती रहेगी रोज़ा बिचारी ? अब उसकी चूत को भी लौड़ा पीने दो ?
मैंने कहा पहले तुम दोनों मेरी बेटी को अपना अपना लौड़ा पिलाओ . फिर देखती हूँ मैं .
रोज़ा रफ़ी का लौड़ा पीने लगी और मैं सफीक का लौड़ा ? फिर हम लौड़ा अदल बदल कर एक दूसरे के मुंह में घुसेड़ घुसेड़ कर पीने लगी . इतना मज़ा आ रहा था की मैं उसका बयां नहीं कर सकती . थोड़ी देर में सफीक बहन चोद झड़ने लगा तो हम ने मिलकर उसका वीर्य पियाऔर लौड़ा चाटा . फिर रफ़ी झड़ा तो उसका भी हमने मिलके लौड़ा पिया और चाटा . दोनों लण्ड बड़े मस्त और रसदार निकले .
उसके बाद फिर लंच हुआ ; खूब बातें हुई और समय निकल गया . रोज़ा फिर सफीक का लौड़ा पकड़ कर बैठ गयी . इस बार रफ़ी बोला भाभी प्लीज मझे रोज़ा की बुर में लौड़ा पेलने दो . सफीक ने भी हां में हां मिलाई . बोला भाभी एक न एक दिन तो इसे चुदवाना ही है तो फिर आज क्यों नहीं ? मैंने देखा की रोज़ा भी तैयार है . मैंने हां कर दी . रफ़ी ने लण्ड रोज़ा की बुर पे रखा और धीरे से घुसाने लगा . मैं बगल में बैठी उसकी बुर फैलाने लगी . रोज़ा के मुंह से एक बार निकला उई माँ, फिर उसने गप्प से लौड़ा पेल लिया . वह खुद अपनी गांड उठा उठा कर चुदाने लगी . उसकी चूंचियां नाचने लगी . थोड़ी देर में सफीक बोला यार अब मुझे चोदने दो . तुम अपना लौड़ा निकालो . वह बोला मैं कहा ले जाऊं अपना लौड़ा यार ? तब मैंने कहा तुम अपना लौड़ा मेरे भोषडा में पेल दो . रफ़ी मुझे चोदने लगा . अब ये दोनों बहन चोद बार बार मेरी चूत से लण्ड निकाल कर रोज़ा की चूत में पेलते और फिर उसकी चूत से निकाल कर मेरी चूत में पेलते . इस खेल में हम सब को मज़ा आ रहा था . उस दिन से रोज़ा और मैं दोनों साथ साथ चुदवाने लगी .
शाम को हम दोनों ८ बजे बैठी शराब पी रही थी . तभी डोर बेल बजी . मैंने दरवाजा खोला तो एक लड़का बोला मैं रोज़ा से मिलने आया हूँ . मैंने उसे बैठाया और रोज़ा को बुला लिया . वह इसे देखते ही बोली अरे आसिक तुम आ गये . फिर उसने मुझसे कहा अम्मी ये मेरा दोस्त है . मैंने उसे भी शराब में शामिल कर लिया .
रोज़ा बोली :- अम्मी जानती हो आसिक किसलिए आया है ?
मैंने कहा :- नहीं, मैं बिलकुल नहीं जानती ? बताओ न किसलिए आया है आसिक ?
रोज़ा बोली :- आसिक मेरी माँ चोदने आया है, अम्मी .
मैंने कहा :- तो फिर चुदवाओ न अपनी माँ ? जल्दी से पेलो इसका लण्ड अपनी माँ की चूत में ? और हां सुनो मेरी बेटी, आज से मैं तुम्हे रोज़ एक नया लण्ड पिलाऊंगी .
उस समय मैं बहुत खुश हुई क्योंकि जो मैं चाहती थी वह होने लगा .
मेरी बेटी के दोस्त मुझे चोदने लगे और मेरे दोस्त मेरी बेटी चोदने लगे .
=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०= समाप्त
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