उछल के खड़ा हो जाता है ? मैं बार बार दबाती हूँ ये बार बार खड़ा हो जाता है . और मजे की बात यह है की हर बार इसका माथा और सख्त हो जाता है . इतना बड़ा स्मार्ट और प्यारा लण्ड मैंने पहले कभी नहीं देखा सर ? मैं तो इसका एक विडियो बना कर रखूंगी अपने पास . मैंने फ़ौरन लण्ड की नाप ली तो मेरे आँखे खुल गयी . लम्बा बहन चोद नौ इंच और मोटा साढ़े पांच इंच ? ऐसा लण्ड बड़ी मुश्किल से देखने को मिलता है सर ? मैं इस मामले में बड़ी लकी हूँ . सच मुझे इससे प्यार हो गया है . मैं इसे अपना दिल दे बैठी हूँ, सर .
विक्रम बोला :- अरे यार मेघना, इसे तेरा दिल नहीं तेरी चूत चाहिए ?
मैंने कहा :- वाओ ऐसा क्या ? अरे यार जब मैं ही इसकी हो चुकी हूँ तो फिर चूत क्या ? इसके लिए सब कुछ हाज़िर है ज़नाब ? चूत भी, चूंची भी, गांड भी, मुह भी और मेरा सारा जिस्म भी . मैं इस लण्ड की जबरदस्त दीवानी हो गयी हूँ . इतने में बॉस ने मेरी चूंचियों को दबाना शुरू किया .
वह चूंची मसलते हुए बोला :- और मैं इन चूंचियों का दीवाना हो चुका हूँ, मेघना . इस चिकनी चूत का दीवाना हो चुका हूँ मैं . मन करता है की मैं खुद नंगा होकर हमेशा तुम्हे नंगी नंगी लिए हुए बिस्तर पर यूँ ही पडा रहूँ और खेलता रहूँ तुम्हारी इन मस्त मस्त चूंचियों से ? मेरी पहले वाली सेक्रेटरी की चूंचियाँ छोटी छोटी थी . मुझे मज़ा नहीं आता था . उसको चोदने में भी मुझे मज़ा नहीं आता था क्योंकि लण्ड के घुसते ही वह चिल्लाने लगती थी . तीन कोने के मुह बनाने लगती थी .
मैंने कहा :- अरे वाह ? क्या इत्तिफाक है, सर ? मेरे पहले वाले बॉस का लण्ड छोटा था और इतना कड़क भी नहीं था . उसके चोदने में मुझे बिलकुल मज़ा नहीं आता था .
एक तो लण्ड छोटा और दूसरे वह झड भी जल्दी जाता था . मैं चुदासी ही रह जाती थी . फिर मैं उसके घर से निकल कर अपने बॉय फ्रेंड से चुदवा कर घर जाती थी . अब मुझे किसी और से चुदवाने की जरुरत नहीं पड़ेगी क्योंकि तेरा ये मुस्टंडा लण्ड ही मेरी बुर फाड़ देगा . ऐसा कह कर मैं लण्ड मुह में लेकर चाटने लगी . पेल्हड़ से सुपाडे तक और सुपाडे से पेल्हड़ तक बार बार लण्ड चाटने में मुझे मज़ा आता है . और फिर सुपाडा पूरा मुह में डाला और आम की गुठली की तरह चूसने लगी . उसका हाथ मेरी चूंची पर मेरी चूत पर चल रहा था . मेरी छोटी छोटी झांटें है . उन्ही पर बॉस ऊँगलियाँ फिरा रहा है . उसे भी मज़ा आ रहा है और मुझे भी .
थोड़ी देर में बॉस ने धीरे से लण्ड मेरी चूत के मुह पर रख दिया और एक धक्का दिया . सुपाडा साला अन्दर हो गया ? उसने दूसरा धक्का दिया तो आधा लण्ड गप्प से घुस गया . उसने फिर एक धक्का दिया तो गपाक से पूरा का पूरा लण्ड मेरी चूत में समा गया .
मैं बोली हाय रे हाय कितना मोटा है मादर चोद तेरा लण्ड ? इसकी माँ का भोषडा ? साला बड़ा बेरहम है भोषडी वाला ? बस बॉस शुरू हो गया धकापेल ? धच्च धच्च फच्च फच्च गच्च गच्च चोदने लगा मेरी बुर ? और मैं हरामजादी रंडी की तरह चुदवाने लगी . मैं तो अपने हसबैंड से भी इस तरह नहीं चुदवा पाऊंगी . मुझे तो गैर मर्दों के ही लण्ड पसंद आते है . इसलिए मैं शादी नहीं करूंगी और जिससे मन होगा उससे चुदवाती रहूंगी .
मैं पलंग के किनारे अपनी गांड के नीचे तकिया लगाकर अपनी दोनों टाँगे बॉस के कंधे पर रख कर चुदवा रही हूँ . बॉस नीचे खड़ा हुआ चोद रहा है . सामने ब्लू फिल्म चल रही है . मुझे ब्लू फिल्म देखने का बड़ा शौक है . फिर मैंने कहा बॉस यार अब तुम पीछे से चोदो . लेकिन बुर में पेलना लण्ड गांड में नहीं . मैं अभी गांड मराने के मूड में नहीं हूँ . मैं कुत्ती की तरह चुदाने लगी . थोड़ी देर में मैं उसके लण्ड पर बैठ गयी . और झुक कर खुद ही लण्ड चोदने लगी . वो नीचे मैं ऊपर मैं अपनी गांड उछाल उछाल कर लण्ड चोद रही हूँ .
मैंने कहा :- बॉस आज मैं तेरे लण्ड का तेल निकालूंगी . मैं चोदूंगी तेरा लण्ड और तेरे लण्ड की माँ ? ऐसा लण्ड चोदने को मुझे बार बार नहीं मिलेगा यार ?
बॉस बोला :- यार अब मैं निकलने वाला हूँ
तो मैं लण्ड से उतर गयी और सटासट मारने लगी मुठ्ठ ? मैं मुह खोले हुए सडका मार रही थी . अचानक पिच्च से एक पिचकारी मेरे मुह के अन्दर गयी . फिर दूसरी भी और तीसरी तो होठों तक ही रह गयी . फिर मेरे गाल पर और बाद में चूंची पर . मैं मादर चोद का सारा मक्खन चाट गयी . चुदाने के बाद जब मैं जाने लगी तो उसने मुझे टोका और कहा जानेमन कहाँ जा रही हो . देखो कल इतवार है . आज मैं रात भर तुम्हे चोदूंगा . मैंने हंस कर कहा यार मैं जा नहीं रही हूँ मैं तो बस नाटक कर रही थी . इतने मस्त लौड़े को छोड़ कर कौन जाएगी भोषडी वाली . मैं रुक गयी और खूब चुदाया .
दूसरे दिन मैंने कहा :- मेरी सहेली चोदोगे, सर ? उसका नाम है सपना ? बड़ी मस्त लड़की है . खूबसूरत है सेक्सी है ? मैं चाहती हूँ की उसे भी तेरे लण्ड का मज़ा मिले ?
वह बोला :- हां हां बिलकुल चोदूंगा ? मेरा लौड़ा है ही साला बुर चोदने के लिए . कल ही ले आना उसे ? और सुनो मेरा एक दोस्त है विशाल . मैं उसकी बीवी चोदता हूँ . मेरी शादी हुई नहीं है . मैं बदले में उसे किसी की बुर नहीं दे सकता . अब मैं चाहता हूँ की तुम उससे चुदवा लो प्लीज . मैं कल ही उसे बुला लेता हूँ .
मैंने कहा :- वाह क्या संयोग है यार ?
तुम मेरी दोस्त चोदोगे और मैं तेरे दोस्त से चुदवाऊँगी .
दूसरे दिन मैंने सपना को अपने घर बुला लिया और शाम को बॉस भी आ गया . बॉस ने सपना को देखा तो देखता रह गया . वह बोला वाओ कितनी सुन्दर है तेरी सहेली मेघना ? उधर सपना बोली ही विक्रम बड़े मस्त लगते हो यार ? मेघना सही कह रही थी की मेरा बॉस लाखों में एक है . ऐसा कह कर सपना उससे लिपट गयी . वह फिर बोली यार बड़े स्मार्ट लग रहे हो तुम ? अब देखती हूँ की तेरा लौड़ा कितना स्मार्ट है ? सपना बॉस की शर्ट उतारने लगी . शर्ट के उतारते ही उसकी छाती के घने घने बाल देख कर सपना मदहोश होने लगी . वह मस्ती से हाथ फेरने लगी बालों पर और बोली वाओ कितने सेक्सी हो तुम मेरे भोषडी के बॉस ? यार इतनी ही सेक्सी तेरी झांटे होंगी ? सपना ने कई बार उसकी छाती चूमी . फिर उसने लण्ड ढूंढना शुरू किया . उधर सपना बिना ब्रा के टॉप पहने थी उसकी दो बटन खुली थी . बॉस ने उसी में हाथ घुसेड दिया और चूंची पकड़ कर दबाने लगा . वह बोला हाय सपना इन्हें आज़ाद कर दो न प्लीज .
सपना ने टॉप उतार कर फेंक दिया और दोनों चूंची उसे दिखा कर बोली लो यार इन्हें पी कर देखो मादर चोद विक्रम ? विक्रम चूंची चूमने लगा चाटने लगा और पीने लगा . फिर उसने उसकी जींस भी खोल दी . अब सपना बिलकुल नंगी हो गयी . बॉस उसे नंगी देख कर मद होश हुआ जा रहा था . सपना उसे मेघना से ज्यादा खूबसूरत लग रही थी . उसकी चूंचियाँ ज्यादा बड़ी और सुडौल थी . उसके चूतड ज्यादा बड़े थे उसकी गांड ज्यादा मोटी थी और उसकी बुर तो गज़ब ढा रही थी . बॉस का लौड़ा खूब मस्ती से टन्ना गया था . इतने में सपना ने उसे नंगा कर दिया और लण्ड पकड़ लिया .
वह बोली :- बाप रे बाप इतना बड़ा लण्ड ? इतना मोटा लण्ड ? इतना कड़क लण्ड ? ये तो मेरी बुर एक मिनट में फाड़ कर रख देगा मेघना ? आज तेरी सहेली की बुर की खैर नहीं ?
मेघना बोली :- खैर तो आज तेरी गांड की भी नहीं है . मेरा बॉस बहन चोद गांड भी उतनी ही अच्छी तरह से मारता है जितनी अच्छी तरह से वह बुर चोदता है .
हम तीनो लोग नंगे नंगी हो गयी थी . हम दोनों बॉस के लण्ड पर टूट पड़ी . सपना लण्ड मुठ्ठी में पकडे थी . वह कभी खुद लण्ड चाटती और कभी मुझे चटा देती . मैं पेल्हड़ चाटती तो वह लण्ड चाटती और जब मैं लण्ड चाटती तो वह पेल्हड़ ? हम दोनों मस्ती में चूर हो रही थी . इतने में डोर बेल बजी . मैं जल्दी जल्दी गयी और दरवाजा खोला . मैंने देखा की एक जवान आदमी स्मार्ट सा बाहर खड़ा है . वह बोला यहाँ सपना जी है ? मैंने कहा हां है आप बैठिये मैं अभी बुलाती हूँ . मैं उसे बैठा कर सपना से आकर कहा यार कोई आदित्य आये है और तुम्हे पूंछ रहे है . आदमी तो बहन चोद बड़ा सेक्सी लग रहा है .
सपना बोली :- वाओ, यार मैं तो बताना ही भूल गयी तुमको की ये मेरा बॉस है . जैसे तुम अपने बॉस से चुदवाती हो वैसे मैं भी अपने बॉस से चुदवाती हूँ . मैंने इससे कहा था की यार एक दिन मेरी सहेली मेघना को चोद कर देखो . बड़ी मस्त लड़की है . जितनी मस्त है उतनी ही मस्ती से चुदवाती भी है . मेरी बात सुनकर उसका लौड़ा टन टना कर मेरे सामने खड़ा हो गया था . यार आज मैंने उसे तेरी बुर चोदने के लिए बुलाया है . तू उसे यही लेकर आजा न . तुम मेरे बॉस से चुदाओ और मैं तेरे बॉस से चुदाऊ ? फिर देखो कितना मज़ा आता है ?
मैंने कहा यार तूने यह बड़ा अच्छा काम किया है . मेरे भोषडा की आग और भड़क गयी है . मैं उस भोषडी वाले को अभी घसीट कर लाती हूँ . मैं जोश में आ गयी .
मैंने कहा :- आदित्य आप तो मेरी सहेली के बॉस है तो मेरे भी बॉस हुए . आप बड़े स्मार्ट है सेक्सी है और हट्टे कट्टे है ? आपने कैसे अपनी सेक्रेटरी को चोदना शुरू कर दिया ?
वह बोला :- इसके दो कारन है . पहला तो यह है की मैंने पहल नहीं की बल्कि आपकी दोस्त ने की ? दूसरा यह की मेरी कंपनी में सेक्रेटरी के साथ चोदा चोदी से सम्बन्ध बनाना अलाउड है .
मैंने कहा :- तो तुम मेरी दोस्त की लेते है बुर ? मारते हो उसकी गांड ? उसकी चूंची में पेलते हो लण्ड ?
वह बोला :- ये सब तो होता ही है यार ?
मैंने कहा :- तो फिर करों न भोषडी के . चुप चाप क्यों बैठे हो ? खोलो न अपना बहन चोद लौड़ा ?
इतना कह कर मैं उसके कपडे उतरने लगी . मैंने अपनी शाल नीचे गिरा दी . मुझे एकदम नंगी देख कर वह दंग रह गया . मैंने उसका लौड़ा पकड़ा और थोडा सहलाया उसे चूमा और चाटा तो वह गुर्रा कर खड़ा हो गया . मैं लण्ड पकडे पकडे घसीटते हुए उसे कमरे में ले आयी जहाँ सपना की बुर चुद रही थी . वह अपनी सेक्रेटरी की चूत चुदते हुए देखने लगा .
आदित्य ने देखा की अपना जितने मन से मुझसे चुदवाती है उतने ही मन से वह यहाँ मेघना के बॉस से चुदवा रही है . बस उसे जोश आ गया . उसके मन में आया की जब मेरी सेक्रेटरी किसी और के बोस से चुदवा रही है तो फिर मैं क्यों न किस और बॉस की सेक्रेटरी को चोदूं ? इतना सोचते है आदित्य टूट पड़ा मुझ पर ? मेरी चूंची पर हमला बोला और मेरी चूत को हाथों से ही रौंदने लगा . मैं भी जोश आ गयी . आज मैं अपने बॉस के सामने किसी और के बॉस से चुदवाने जा रही थी . मैंने लण्ड मुह में घुसेड लिया और पीने लगी लण्ड ? मैं उसे खूब प्यार कर रही थी बार बार लण्ड का सुपाडा निकाल निकाल कर चाटने लगी . फिर मैं अपने आप बोलने लगी साले माँ के लौड़े आज तू मेरी बुर चोदेगा ? मेरी चूत की शैर करेगा ? तू बड़ा हरामी लगता है मुझे तेरी माँ की मारूंगी गांड साले ? मैं तेरी बहन की बुर में ही तुझे पेल दूँगी . मैंने दो तीन थप्पड़ मारा लण्ड पर तो लण्ड और सर उठा कर खड़ा हो गया . मैं उसे गालियाँ दे रही थी .
उधर सपना भी बोल रही थी मादर चोद मेघना के बॉस के लण्ड आज मेरी चूत तेरी बनाएगी चटनी . तू जितना हरामी है न उससे ज्यादा हरामी है मेरी बुर ? मेरा भोषडा ? साले बहन के लौड़े अभी तू बहुत उछल रहा है न . आँखे दिखा रहा है मुझे . सांप की तरह फन निकाल कर खड़ा है तू बहन चोद मेरे सामने ? अभी तुझे अन्दर घुसाती हूँ . जैसे ही तू मेरी बुर में घुसेगा तो जल जायेगा ? यह कह कर सपना उसके लण्ड की चुम्मी लेने लगी . उसे प्यार करने लगी . उसे पुचकारने लगी . लण्ड बड़े ताव में आ गया और तब सपना ने देर नहीं लगाई . अपनी चूत का दरवाजा खोल दिया और भच्च से घुसेड लिया लण्ड.
उधर सपना मेरे बॉस से चुदवाने लगी और इधर मैं उसके बॉस से चुदवाने लगी .
उस दिन मुझे मालूम हो गया की सपना किस तरह चुदवाती है और उसे मालूम हो गया की मैं किस तरह चुदवाती हूँ . हम दोनों की दोस्ती और पक्की हो गयी . अब यह सिलसिला चल पड़ा ?
दूसरे दिन मैंने कहा :- यार सपना, बॉस के अलावा भी कई मर्द है जिनसे मैं चुदवाती हूँ . जिनके लण्ड मुझे बहुत अच्छे लगते है . जिनके लण्ड पीने में मुझे बड़ा मज़ा आता है .
सपना बोली :- वाओ, क्या बात है यार ? तो अब तुम उन सबके लण्ड मेरी बुर में पेलो . मैं उन सब मादर चोदों से चुदवाऊँगी . और हां मैं भी कई मर्दों के लण्ड की दीवानी हूँ . उनमे मुस्लिम लण्ड है काले लण्ड है अरबी लण्ड है और अफ्रीकन लण्ड है . मैं ये सारे लण्ड तुझे पकड़ाऊँगी . तेरे बुर में पेलूँगी और मस्ती से मैं फिर चोदूंगी तेरा भोषडा ?
=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०= समाप्त
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