इतवार का दिन था। मैं भी कुछ मस्ती में थी। मैंने सोंचा की चलो अपनी सहेली साइमा से साथ बैठ कर कुछ गप्प सप्प की जाये ? इसी ख्याल से मैं उसके
घर चली गयी। मैं अंदर घुसी तो बड़ा सन्नाटा था। कोई भी इधर उधर दिखाई नहीं पड़ रहा था। फिर एकदम से मेरे कानो में कुछ आवाज़ सुनाई पड़ी। आवाज़ कुछ जानी पहचानी थी। मैं उसी तरफ मुड़ गयी। फिर मैं उस कमरे में झाँक कर देखने लगी जहाँ से आवाज़ आ रही थी। मैंने जो भी अंदर देखा उसे देख कर दंग रह गयी। मैंने मन में कहा हाय दईया यह साइमा बुर चोदी क्या कर रही है ? यह तो भोसड़ी वाली मेरे अब्बा का लण्ड चूस रही है। साइमा के बदन पर एक भी कपड़ा नहीं था। यही हाल मेरे अब्बा का भी था। यानी दोनों बहन चोद नंगे। मैं आँखे फाड़ फाड़ कर दोनों को देखने लगी। मैं कभी साइमा का पूरा नंगा बदन देखती और कभी उसे अब्बा का लण्ड चूसते हुए देखती ? वह वास्तव में लण्ड बड़ी मस्ती से चाट रही थी, बार बार मुंह में घुसा घुसा कर चूस रही थी लण्ड ? वह बोली हाय अंकल बड़ा प्यारा है तेरा लौड़ा ? मुझे इससे प्यार हो गया है अंकल ? देखो न मेरी चूत में घुसने के पहले ही मेरे दिल में घुस गया तेरा लण्ड ? मैं जितना इसे चाटती हूँ यह बहन चोद उतना ही फूलता जा रहा है। तेरा लण्ड बड़ा सख्त है भोसड़ी के अंकल ? बिलकुल तोप जैसा है तेरा लण्ड और सुपाड़ा तो तोप का गोला जैसा ? अब मैं समझ गयी की मेरी अम्मी तुमसे अपना भोसड़ा क्यों बार बार चुदवाती हैं ? और तू भी मादर चोद मेरी अम्मी का भोसड़ा चोदने के क्यों इतना इंटरेस्ट लेता है ? मैं उन दोनों की बातों का मज़ा लेने लगी। साइमा के मुंह से अपने अब्बा के लण्ड की तारीफ सुनकर तो मैं फूली नहीं समा रही थी। मैंने मन में कहा हां लण्ड हो तो मेरे अब्बा के लण्ड जैसा ?
साइमा लण्ड चाटते हुए बोली अंकल जानते हो की तेरी बेटी समीना (मेरा नाम) मेरे अब्बा का लण्ड इसी तरह चाटती है। बड़ी 'लण्ड - चटोरी' है बुर चोदी समीना। पेल्हड़ से सुपाड़ा तक और फिर सुपाड़ा से पेल्हड़ तक लण्ड चाटती है वो ? मैंने उस दिन जब उसे अपने अब्बा का लण्ड चाटते हुए देखा तो मन में सोंच लिया की मैं भी एक दिन उसके अब्बा का लण्ड इसी तरह चाटूंगी और आज वह दिन आ गया है अंकल ? आज मैं तेरा लण्ड अपनी चूत में घुसा कर बिलकुल उसी तरह चुदवाऊँगी जैसे तेरी बेटी मेरे अब्बा से चुदवा रही थी। अब तो यह बात बिलकुल साफ़ हो गयी की साइमा ने मुझे उस दिन उसके अब्बा से चुदवाते हुए देख लिया था। मुझे उसके अब्बा का लण्ड वाकई बहुत पसंद है। और उसी दिन मुझे यह भी मालूम हुआ की मेरी अम्मी भी उसके लण्ड की दीवानी हैं। अपना भोसड़ा चुदवाती है मेरी अम्मी साइमा के अब्बा से ? मैं यह भी अच्छी तरह जान गयी की मेरा अब्बा और साइमा का अब्बा दोनों मादर चोद एक दूसरे की बीवी चोदते हैं।
मेरा अब्बा साइमा की माँ का चोदता है और साइमा का अब्बा मेरी माँ चोदता है। आज यह भी साफ़ हो गया की साइमा मेरे अब्बा से चुदवाती है और मैं साइमा के अब्बा से चुदवाती हूँ।
साइमा और मैं दोनों एक साथ पली बढ़ीं है। एक साथ खेली कूदीं हैं। एक ही साथ कॉलेज एक ही कॉलेज के पढ़ीं हैं। एक साथ ही जवान हुई हैं। मैं २६ साल की हूँ और साइमा २५ साल की। मैं भी लण्ड की जबरदस्त शौक़ीन हूँ और वह भी। मैं भी लण्ड चाटने चूसने और लण्ड पीने में एक्सपर्ट हूँ और साइमा भी। हम दोनों ने जाने कितने लड़कों के लण्ड चाटें है चूसे है और मुठ्ठ मार लण्ड पियें हैं। मेरी भी शादी हो चुकी है और उसकी भी। मैं अभी एक साल से उसके अब्बा से चुदवा रही हूँ। महीने में २/३ बार चुदवाने का मौक़ा मिल ही जाता है। मेरी अम्मी तो मुझसे ज्यादा चुदवाती है उससे ? आज से साइमा भी मेरे अब्बा से चुदवाने लगी हैं। अब मैं पूँछूँगी उससे की उसने मेरे अब्बा का लण्ड कब और कैसे पकड़ा ? उधर तब तक मेरा अब्बा खलास हो चुका था और साइमा उसका झड़ता हुआ लण्ड चटाने में जुटी थी।
मैंने कहा हाय कादर गचर गचर चोदो मुझे मेरा राजा . पूरा लौड़ा पेल के चोदो । मुझे अपनी बीवी समझ के चोदो, यार ? तब साइमा बोली अरी समीना मेरे मियां मुझे चोदते समय अपनी बीवी का नाम नहीं लेता ? वह भोसड़ी का दूसरों की बीवियों के नाम लेता है। मैंने कहा हां यार ऐसा तो मेरा मियां भी करता है। बुर मेरी लेता है और नाम दूसरों की बीवियों के लेता है। चोदता है मुझे और कहता है की मैं अपने दोस्त की बीवी चोद रहा हूँ। इतने में पीछे से मेरी अम्मी ने कहा ये मरद भोसड़ी के सब एक जैसे होतें है समीना। सब के सब दूसरों की बीवियां चोद चोद कर ज्यादा मज़ा लेता हैं। परायी बीवियों की बुर में लण्ड पेलने में इन्हे ज्यादा मज़ा आता है ? अम्मी को देख कर हम दोनों रुकी नहीं बल्कि बड़ी बेशर्मी से चुदवाती रहीं। तब तक साइमा बोली आजकल बीवियां भी पीछे नहीं हैं, आंटी ? वे भी पराये मर्दों से चुदवा चुदवा कर मज़ा लेतीं हैं। अम्मी ने कहा हां बुर चोदी साइमा बात तो सही है। लण्ड बहन चोद पराये मर्दों के ही अच्छे लगतें हैं ? मैं भी जब तेरे अब्बा से चुदवाती हूँ तो ज्यादा मज़ा आता है। मुझे तो तेरे मरद का लण्ड पसंद आ गया है, साइमा ? तुम दोनों एक दूसरे के मियां से चुदवा रही हो। कभी अपने मियां से एक दूसरे की माँ भी चुदवाओ ?
अम्मी की इसी बात से उन दोनों लण्ड और सख्त हो गये। अम्मी इतना कह कर चली गयी और हम दोनों धकापेल चुदवाने लगीं।
दूसरे दिन जब साइमा मिली तो मैंने कहा यार कल तेरे मरद का लौड़ा देख कर मेरी अम्मी की लार टपकने लगी थी। वह भी चुदवाने के मूड में आ गयीं थी लेकिन फिर उसने हम लोगों को disturab नहीं किया और चली गयीं। वह बोली यार क्यों न एक दिन हम दोनों अपनी अपनी माँ एक दूसरे के मियां से चुदवायें ? तेरी माँ की बात भी पूरी हो जाएगी और हम सबको मज़ा भी आ जायेगा ?
इतने में अचानक मेरा फोन बज उठा। मैंने कहा हां अम्मी बोलो क्या बात है ? वह बोली अरी समीना तू कहाँ अपनी माँ चुदा रही है ? इधर आ मेरे पास देख तेरी दीदी आई हुई है और तेरा जीजा भी ? बस मैं उछलती हुई अम्मी के पास पहुँच गयी। साइमा अपने घर चली गयी। मेरी शमीमा दीदी शादी के बाद आज पहली बार आयीं हैं। वह शादी के बाद अमेरिका चली गयी थी। मैं रज्जाक जीजू से मिलकर बहुत खुश हुई। उनके आने से पूरे घर में खुशियाँ बिखर गयीं। मैंने साइमा को फोन पर बताया तो वह भी खुश हुई। दूसरे दिन शाम को वह दौड़ी दौड़ी मेरे पास आई और बोली समीना यार ये कैसा इत्तिफ़ाक़ है की जो तेरे घर में होता है वो मेरे घर में भी होता है। और जो मेरे घर में होता है वो तेरे घर में भी होता है। अब देखो न मेरे घर में भी कल शाम को मेरे अल्ताफ़ जीजू मेरी दीदी के साथ आ गये।
अब मैं तुम्हे वो बताती हूँ जिसे सुनकर तेरी चूत बुर चोदी उछलने लगेगी। हुआ यह की रात में हम सब लोग अपने अपने बिस्तर पर चले गये। मेरी आँख लग गयी। रात में करीब १.०० बजे मेरी नींद खुली तो मैंने देखा की मेरे बिस्तर पर मेरा हसबैंड नहीं है। मैंने इधर उधर देखा पर कहीं कुछ नज़र नहीं आया। तब मैं बाहर गयी और बगल के कमरे में झाँक कर देखने लगी। मैंने देखा की मेरा हसबैंड बहन चोद मेरी माँ चोद रहा है। मेरी अम्मी भी गचर गचर अपना भोसड़ा चुदवा रहीं हैं। लेकिन वहां अब्बा नहीं था वहां। मैं उसे ढूंढने के लिए दूसरे कमरे में गयी तो वहां देखा की मेरी दीदी अब्बा का लण्ड चाट रही हैं। मैं समझ गयी की अब दीदी चुदवाने के मूड में हैं। बस मेरे बदन में आग लग गयी बहन चोद ? मैं सीधे सीधे दीदी के कमरे में घुस गयी वहां देखा की जीजू तो साला अकेले ही सो रहा है। मैं अपने सारे कपडे उतार कर उसी के बिस्तर में घुस गयी। घुसते ही मैंने जीजू का लौड़ा पकड़ लिया। लौड़ा अध टन्ना था। मेरे पकड़ते ही खड़ा होने लगा। वह बोला अरे क्या कर रही हो शमीमा ? मैंने कहा भोसड़ी के जीजू मैं तेरी बीवी नहीं हूँ। मैं तो साइमा हूँ तेरी बुर चोदी साली ? यह सुनते ही जीजू ने मुझे कस कर चिपका लिया। मैंने फिर कहा हां हां जीजू मैं तुमसे चुदवाने आई हूँ। तेरा लण्ड चूसने आई हूँ। तेरा लण्ड चोदने आई हूँ मेरे राजा ? मेरी मस्त और गन्दी बातें सुनकर उसका लौड़ा साला पूरा टन्ना गया। मैंने उसे नंगा किया और लौड़ा मुंह में घुसा कर चूसने लगी। वह मेरी चूंचियां मसलने लगा। यार समीना मुझे जीजू का लौड़ा बड़ा दमदार लगा ? बड़ा मोटा तगड़ा है उस भोसड़ी वाले का लण्ड ? तब मेरे मन में आया की मैं किसी तरह यह लौड़ा समीना की बुर में पेल दूँ तो कितना मज़ा आये ?
मैंने कहा हाय रे साइमा तूने यह सुनाकर वाकई मेरी चूत में आग लगा दी है। अब मैं जब तक तेरे जीजू से चुदवा नहीं लेती तब तक मुझे चैन नहीं मिलेगा।
मैं एक बात और सोंच रही हूँ साइमा की :-
क्यों न हम लोग फैमिली टू फैमिली चोदा चोदी करें ? "मर्दों की अदला बदली" और "बीवियों की अदला बदली" करके चोदा चोदी करें ? मतलब यह की मेरी फैमिली के मर्द तेरी फैमिली की बीवियां चोदें और तेरी फैमिली के मर्द मेरी फैमिली की बीवियां चोदें ? मेरे घर की बीवियां तेरे घर के मर्दों से चुदवायें और तेरे घर की बीवियां मेरे घर के मर्दों से चुदवायें ? यानी लण्ड मेरे घर के तो चूत तेरे घर की और लण्ड तेरे घर के तो चूत मेरे घर की ? साइमा बोली वाह यार क्या आईडिया है ? मेरे घर में ३ लण्ड ३ चूत हैं और तेरे घर में भी ३ लण्ड और ३ चूत हैं। तो फिर हो जाये अदला बदली ? यार बस आज ही चोदा चोदी का प्रोग्राम रख लो। फिर उसने हंस कर कहा यार मुझे तेरी माँ चुदाने में मज़ा आएगा और तुझे मेरी माँ चुदाने में ?
बस फिर क्या मैंने शाम को अपने घर में एक सेक्स पार्टी रख ली। मैंने सबको बता दिया अपने घर में भी और साइमा के घर में भी। शाम को साइमा अपने मियां कादर के साथ आई, उसका अब्बा मीर अम्मी शबाना के साथ आया, उसकी दीदी फरहा अपने मियां अल्ताफ के साथ आया ? मैं इधर अपने मियां नदीम के साथ, मेरी अम्मी मुमताज़ अब्बा खलील के साथ , और मेरी दीदी शमीमा अपने मियां रज्जाक के साथ बैठी थी। मैंने तुरंत नॉन - वेज snacks के साथ drinks चालू कर दी। लोग एक एक पैग तो फ़टाफ़ट गटक गये। मैंने दूसरा पैग बना दिया।
माहौल को गरम करने के लिए मैंने कहा :- साइमा, तेरा जीजू तो भोसड़ी का बड़ा हैंडसम है ? इसका लौड़ा भी हैंडसम है की नहीं ?
वह बोली :- अरी माँ की लौड़ी समीना तू खुद खोल कर क्यों नहीं देख लेती इसका लौड़ा बहन चोद ?
मैंने कहा :- मैं कैसे देख लूँ खोल कर ? जीजू तेरा है मादर चोद, बिना तेरी इज़ाज़त के भला कौन उसका लौड़ा देख सकता है ?
वह तुनुक कर बोली :- नहीं देखना है तो जा चुदा अपनी माँ का भोसड़ा, समीना ? लेकिन मैं तो देखूँगी तेरे जीजू का लण्ड ।
इतने में साइमा उठी और मेरे जीजू के लण्ड पर हाथ रख दिया। इतने में उसकी दीदी फरहा उठी और मेरे अब्बा के लण्ड ऊपर से दबाने लगी। फिर उसकी अम्मी ने मेरे मियां का लण्ड टटोलना शुरू कर दिया। इधर मैंने साइमा के जीजू के गले में अपनी बाहें डाल दी उसने मेरी चूंचियां दबाना शुरू कर दिया और मैंने उसका लौड़ा पकड़ लिया। मेरी दीदी अपनी चूंचियां खोल कर साइमा के अब्बा की गोद में जाकर बैठ गयी और बोली भोसड़ी के अंकल तू मेरी माँ चोदता है। आज तू मुझे चोद कर दिखा। मैं देखूँगी तेरे लौड़े में कितना दम है ? साइमा का हसबैंड मेरी अम्मी की तरफ झुका उसकी चूंचियां मसलने लगा। अम्मी भी उसका लण्ड सहलाने लगी। थोड़ी देर में होने लगी झमाझम चुदाई।
मेरा हसबैंड साइमा की माँ का भोसड़ा चोदने लगा । मेरा अब्बा भोसड़ी का साइमा की दीदी के ऊपर चढ़ बैठा और अपना लण्ड उसकी बुर में पेल दिया। उसकी दीदी भी मस्ती से चुदवाने लगी। साइमा बुर चोदी मेरे मियां का लण्ड अपनी बुर में पेलवाकर कर चुदाने लगी। उसी के सामने मैंने उसके जीजू का लण्ड पहले तो थोड़ा चूसा और फिर अपनी चूत में घुसा लिया। इतना मोटा और तगड़ा लण्ड मेरी बुर चोदने में जुट गया और मैं मस्ती से चुदवाने लगी। मेरी दीदी शमीमा ने साइमा के अब्बा का लण्ड अपनी बुर में घुसेड़ लिया और भकाभक चुदवाने लगी। मेरे बगल में साइमा का मियां तो मेरी माँ का भोसड़ा चोदने का मज़ा लूट रहा था। हम लोग खूब गन्दी गन्दी बातें और मस्त गालियां भी बकने लगी ताकि चुदाई में और जोश आ जाये ?
साइमा बोली :- हाय समीना, देख मैं तेरी माँ का भोसड़ा चुदा रही हूँ। और हां सुन भोसड़ी की यार तेरे जीजू का लण्ड तो बड़ा गांड फाडू है ?
मैंने कहा :- हां यार तेरे जीजू का लौड़ा भी बड़ा मस्त है यार। मुझे उससे चुदवाने में ज़न्नत का मज़ा आ रहा है। और उधर मैं भी मजे से तेरी माँ चुदा रही हूँ। अब मैं सबसे कहूँगी की मैंने साइमा की माँ चोद दी ?
साइमा की माँ बोली :- अरी समीना, अब मैं भी कहूँगी की मैंने मुमताज़ की बिटिया की बुर चोद दी।
तब तक बोली :- हां हां शबाना (साइमा की अम्मी) मैं सबसे कहूँगी की मैं शबाना की बिटिया की बुर चोद कर आ रही हूँ।
मैंने कहा :- जीजू, साइमा की माँ चोद रहे हो भोसड़ी के ? खूब गचागच चोदो बड़ा मस्त भोसड़ा है आंटी का ?
साइमा बोली :- हाय माँ के लौड़े जीजू, तू भोसड़ी का समीना की माँ का भोसड़ा चोद रहा है ? किसी दिन मैं तेरी माँ का भोसड़ा चोदूंगी।
साइमा बोली :- अरी समीना, तेरी बहन की बुर मादर चोद ? अगर तूने पहले प्लान बना लिया होता तो अब तक जाने कितनी बार हम लोग मर्दों की अदला बदली करके चुदवा लेतीं ?
इसी तरह हम सब लोग एक दूसरे को गालियां सुना सुना कर सबके अंदर चुदाई का जोश भरने लगीं ? सभी मर्दों के लण्ड हमारी गालियां सुन सुन कर और टन टनाने लगे ? और सख्त होने लगे भोसड़ी के लण्ड ? और फिर चुदाई का मज़ा दुगुना होने लगा।
एक दिन मेरे पास मेरी दोस्त करिश्मा का फोन आ गया।
करिश्मा मस्त होकर मेरे घर से सवेरे गयी।
०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=० समाप्त
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लण्ड चूस रही हूँ |
साइमा लण्ड चाटते हुए बोली अंकल जानते हो की तेरी बेटी समीना (मेरा नाम) मेरे अब्बा का लण्ड इसी तरह चाटती है। बड़ी 'लण्ड - चटोरी' है बुर चोदी समीना। पेल्हड़ से सुपाड़ा तक और फिर सुपाड़ा से पेल्हड़ तक लण्ड चाटती है वो ? मैंने उस दिन जब उसे अपने अब्बा का लण्ड चाटते हुए देखा तो मन में सोंच लिया की मैं भी एक दिन उसके अब्बा का लण्ड इसी तरह चाटूंगी और आज वह दिन आ गया है अंकल ? आज मैं तेरा लण्ड अपनी चूत में घुसा कर बिलकुल उसी तरह चुदवाऊँगी जैसे तेरी बेटी मेरे अब्बा से चुदवा रही थी। अब तो यह बात बिलकुल साफ़ हो गयी की साइमा ने मुझे उस दिन उसके अब्बा से चुदवाते हुए देख लिया था। मुझे उसके अब्बा का लण्ड वाकई बहुत पसंद है। और उसी दिन मुझे यह भी मालूम हुआ की मेरी अम्मी भी उसके लण्ड की दीवानी हैं। अपना भोसड़ा चुदवाती है मेरी अम्मी साइमा के अब्बा से ? मैं यह भी अच्छी तरह जान गयी की मेरा अब्बा और साइमा का अब्बा दोनों मादर चोद एक दूसरे की बीवी चोदते हैं।
मेरा अब्बा साइमा की माँ का चोदता है और साइमा का अब्बा मेरी माँ चोदता है। आज यह भी साफ़ हो गया की साइमा मेरे अब्बा से चुदवाती है और मैं साइमा के अब्बा से चुदवाती हूँ।
साइमा और मैं दोनों एक साथ पली बढ़ीं है। एक साथ खेली कूदीं हैं। एक ही साथ कॉलेज एक ही कॉलेज के पढ़ीं हैं। एक साथ ही जवान हुई हैं। मैं २६ साल की हूँ और साइमा २५ साल की। मैं भी लण्ड की जबरदस्त शौक़ीन हूँ और वह भी। मैं भी लण्ड चाटने चूसने और लण्ड पीने में एक्सपर्ट हूँ और साइमा भी। हम दोनों ने जाने कितने लड़कों के लण्ड चाटें है चूसे है और मुठ्ठ मार लण्ड पियें हैं। मेरी भी शादी हो चुकी है और उसकी भी। मैं अभी एक साल से उसके अब्बा से चुदवा रही हूँ। महीने में २/३ बार चुदवाने का मौक़ा मिल ही जाता है। मेरी अम्मी तो मुझसे ज्यादा चुदवाती है उससे ? आज से साइमा भी मेरे अब्बा से चुदवाने लगी हैं। अब मैं पूँछूँगी उससे की उसने मेरे अब्बा का लण्ड कब और कैसे पकड़ा ? उधर तब तक मेरा अब्बा खलास हो चुका था और साइमा उसका झड़ता हुआ लण्ड चटाने में जुटी थी।
- शाम को मैं साइमा से मिली तो मिलते ही पूंछा कैसा लगा मेरे अब्बा का लण्ड बुर चोदी साइमा ?
- वह बोली हाय अल्ला, क्या तुमने मुझे लण्ड चूसते हुए देख लिया भोसड़ी की, समीना ?
- मैंने कहा हां मैंने तुझे देख लिया माँ की लौड़ी, साइमा ? अब तू यह बता पहले की तूने मेरे अब्बा का लण्ड कैसे पकड़ा ?
- साइमा - अरे यार एक महीना पहले की बात है एक दिन मैं शाम को जब घर आई तो सीधे दनदनाती हुई अम्मी के कमरे में घुस गयी। मैंने देखा की अम्मी तेरे अब्बा का लौड़ा चूस रही हैं। मुझे देख कर वह थोड़ा रुक तो गयीं लेकिन फिर बड़ी बेशर्मी से बोली अरी साइमा ले तू भी पकड़ कर देख ले अंकल का लण्ड ? मुझे भी लालच आ गया और मैंने लौड़ा पकड़ लिया। मेरे पकड़ते ही लौड़ा आसमान ताकने लगा। मैंने उसे चूमा और कहा अम्मी लो अब तुम इसे चूसो। वह बोली नहीं नहीं साइमा अब तू चुदवा ले न अंकल से ? मैंने कहा नहीं अम्मी आज तुम चुदवाओ मैं किसी और दिन चुदवा लूंगी। मैं चली गयी। लेकिन मेरे मन से तेरा अब्बा का लण्ड नही गया ? आज जब वह आया तो पूंछा साइमा तेरी माँ कहाँ है ? मैंने कहा अच्छा क्या तुम मेरी माँ चोदने आया है भोसड़ी का अंकल ? आज मेरी माँ का भोसड़ा नहीं, माँ की बिटिया की बुर चोदो अंकल ? बस मैंने लण्ड पकड़ लिया और मस्ती से चूसने लगी। तब तक शायद तू आ गयी। और सुन समीना तूने मुझे अपने अबा का लण्ड चूसते हुए आज देख लिया लेकिन मैंने भी तुम्हे मेरे अब्बा लण्ड चूसते हुए देखा था ।
- मैं - अब यह बता की जिस दिन मैं तेरे अब्बा का लण्ड चूस रही थी। और तू मुझे छुप छुप कर देख रही थी तो उस दिन तूने मुझे क्यों नहीं बताया ?
- साइमा - मैंने उसी दिन यह सोंच लिया था की मैं पहले समीना के अब्बा का लण्ड चूसूंगी फिर उसे बताऊँगी। और आज मैं बताने ही जा रही थी तू पहले ही बोल पड़ी बहन चोद ? लेकिन एक बात है, मैं तेरे अब्बा के लण्ड पर मर मिटी हूँ।
- मैं - मैं भी तेरे अब्बा के लण्ड से मोहब्बत करने लगीं हूँ, साइमा ? और सुन भोसड़ी की अब मैं खुल कर अपने दिल की बात बता रही हूँ तुझे साइमा ? मैं तेरे मियां का लण्ड चूसना चाहती हूँ। मैं तेरे मियां से चुदवाना चाहती हूँ। बोल पेलेगी तू अपने मियां का लण्ड मेरी चूत में ?
- साइमा - हाय समीना तूने तो मेरे मुंह की बात छीन ली। मैं भी यही कहने जा रही थी। जब हम लोग एक दूसरे के अब्बा से चुदवा सकती हैं तो फिर क्यों न एक दूसरे के मियां से चुदवा लें ? मैं तो ख़ुशी ख़ुशी पेलूँगी अपने मियां का लण्ड तेरी चूत में ? मेरा मियां तैयार है तुम्हे चोदने के लिए।
- मैं - तैयार तो मेरा मियां भी है तुम्हे चोदने के लिए, साइमा ?
मैंने कहा हाय कादर गचर गचर चोदो मुझे मेरा राजा . पूरा लौड़ा पेल के चोदो । मुझे अपनी बीवी समझ के चोदो, यार ? तब साइमा बोली अरी समीना मेरे मियां मुझे चोदते समय अपनी बीवी का नाम नहीं लेता ? वह भोसड़ी का दूसरों की बीवियों के नाम लेता है। मैंने कहा हां यार ऐसा तो मेरा मियां भी करता है। बुर मेरी लेता है और नाम दूसरों की बीवियों के लेता है। चोदता है मुझे और कहता है की मैं अपने दोस्त की बीवी चोद रहा हूँ। इतने में पीछे से मेरी अम्मी ने कहा ये मरद भोसड़ी के सब एक जैसे होतें है समीना। सब के सब दूसरों की बीवियां चोद चोद कर ज्यादा मज़ा लेता हैं। परायी बीवियों की बुर में लण्ड पेलने में इन्हे ज्यादा मज़ा आता है ? अम्मी को देख कर हम दोनों रुकी नहीं बल्कि बड़ी बेशर्मी से चुदवाती रहीं। तब तक साइमा बोली आजकल बीवियां भी पीछे नहीं हैं, आंटी ? वे भी पराये मर्दों से चुदवा चुदवा कर मज़ा लेतीं हैं। अम्मी ने कहा हां बुर चोदी साइमा बात तो सही है। लण्ड बहन चोद पराये मर्दों के ही अच्छे लगतें हैं ? मैं भी जब तेरे अब्बा से चुदवाती हूँ तो ज्यादा मज़ा आता है। मुझे तो तेरे मरद का लण्ड पसंद आ गया है, साइमा ? तुम दोनों एक दूसरे के मियां से चुदवा रही हो। कभी अपने मियां से एक दूसरे की माँ भी चुदवाओ ?
अम्मी की इसी बात से उन दोनों लण्ड और सख्त हो गये। अम्मी इतना कह कर चली गयी और हम दोनों धकापेल चुदवाने लगीं।
दूसरे दिन जब साइमा मिली तो मैंने कहा यार कल तेरे मरद का लौड़ा देख कर मेरी अम्मी की लार टपकने लगी थी। वह भी चुदवाने के मूड में आ गयीं थी लेकिन फिर उसने हम लोगों को disturab नहीं किया और चली गयीं। वह बोली यार क्यों न एक दिन हम दोनों अपनी अपनी माँ एक दूसरे के मियां से चुदवायें ? तेरी माँ की बात भी पूरी हो जाएगी और हम सबको मज़ा भी आ जायेगा ?
इतने में अचानक मेरा फोन बज उठा। मैंने कहा हां अम्मी बोलो क्या बात है ? वह बोली अरी समीना तू कहाँ अपनी माँ चुदा रही है ? इधर आ मेरे पास देख तेरी दीदी आई हुई है और तेरा जीजा भी ? बस मैं उछलती हुई अम्मी के पास पहुँच गयी। साइमा अपने घर चली गयी। मेरी शमीमा दीदी शादी के बाद आज पहली बार आयीं हैं। वह शादी के बाद अमेरिका चली गयी थी। मैं रज्जाक जीजू से मिलकर बहुत खुश हुई। उनके आने से पूरे घर में खुशियाँ बिखर गयीं। मैंने साइमा को फोन पर बताया तो वह भी खुश हुई। दूसरे दिन शाम को वह दौड़ी दौड़ी मेरे पास आई और बोली समीना यार ये कैसा इत्तिफ़ाक़ है की जो तेरे घर में होता है वो मेरे घर में भी होता है। और जो मेरे घर में होता है वो तेरे घर में भी होता है। अब देखो न मेरे घर में भी कल शाम को मेरे अल्ताफ़ जीजू मेरी दीदी के साथ आ गये।
अब मैं तुम्हे वो बताती हूँ जिसे सुनकर तेरी चूत बुर चोदी उछलने लगेगी। हुआ यह की रात में हम सब लोग अपने अपने बिस्तर पर चले गये। मेरी आँख लग गयी। रात में करीब १.०० बजे मेरी नींद खुली तो मैंने देखा की मेरे बिस्तर पर मेरा हसबैंड नहीं है। मैंने इधर उधर देखा पर कहीं कुछ नज़र नहीं आया। तब मैं बाहर गयी और बगल के कमरे में झाँक कर देखने लगी। मैंने देखा की मेरा हसबैंड बहन चोद मेरी माँ चोद रहा है। मेरी अम्मी भी गचर गचर अपना भोसड़ा चुदवा रहीं हैं। लेकिन वहां अब्बा नहीं था वहां। मैं उसे ढूंढने के लिए दूसरे कमरे में गयी तो वहां देखा की मेरी दीदी अब्बा का लण्ड चाट रही हैं। मैं समझ गयी की अब दीदी चुदवाने के मूड में हैं। बस मेरे बदन में आग लग गयी बहन चोद ? मैं सीधे सीधे दीदी के कमरे में घुस गयी वहां देखा की जीजू तो साला अकेले ही सो रहा है। मैं अपने सारे कपडे उतार कर उसी के बिस्तर में घुस गयी। घुसते ही मैंने जीजू का लौड़ा पकड़ लिया। लौड़ा अध टन्ना था। मेरे पकड़ते ही खड़ा होने लगा। वह बोला अरे क्या कर रही हो शमीमा ? मैंने कहा भोसड़ी के जीजू मैं तेरी बीवी नहीं हूँ। मैं तो साइमा हूँ तेरी बुर चोदी साली ? यह सुनते ही जीजू ने मुझे कस कर चिपका लिया। मैंने फिर कहा हां हां जीजू मैं तुमसे चुदवाने आई हूँ। तेरा लण्ड चूसने आई हूँ। तेरा लण्ड चोदने आई हूँ मेरे राजा ? मेरी मस्त और गन्दी बातें सुनकर उसका लौड़ा साला पूरा टन्ना गया। मैंने उसे नंगा किया और लौड़ा मुंह में घुसा कर चूसने लगी। वह मेरी चूंचियां मसलने लगा। यार समीना मुझे जीजू का लौड़ा बड़ा दमदार लगा ? बड़ा मोटा तगड़ा है उस भोसड़ी वाले का लण्ड ? तब मेरे मन में आया की मैं किसी तरह यह लौड़ा समीना की बुर में पेल दूँ तो कितना मज़ा आये ?
मैंने कहा हाय रे साइमा तूने यह सुनाकर वाकई मेरी चूत में आग लगा दी है। अब मैं जब तक तेरे जीजू से चुदवा नहीं लेती तब तक मुझे चैन नहीं मिलेगा।
मैं एक बात और सोंच रही हूँ साइमा की :-
क्यों न हम लोग फैमिली टू फैमिली चोदा चोदी करें ? "मर्दों की अदला बदली" और "बीवियों की अदला बदली" करके चोदा चोदी करें ? मतलब यह की मेरी फैमिली के मर्द तेरी फैमिली की बीवियां चोदें और तेरी फैमिली के मर्द मेरी फैमिली की बीवियां चोदें ? मेरे घर की बीवियां तेरे घर के मर्दों से चुदवायें और तेरे घर की बीवियां मेरे घर के मर्दों से चुदवायें ? यानी लण्ड मेरे घर के तो चूत तेरे घर की और लण्ड तेरे घर के तो चूत मेरे घर की ? साइमा बोली वाह यार क्या आईडिया है ? मेरे घर में ३ लण्ड ३ चूत हैं और तेरे घर में भी ३ लण्ड और ३ चूत हैं। तो फिर हो जाये अदला बदली ? यार बस आज ही चोदा चोदी का प्रोग्राम रख लो। फिर उसने हंस कर कहा यार मुझे तेरी माँ चुदाने में मज़ा आएगा और तुझे मेरी माँ चुदाने में ?
बस फिर क्या मैंने शाम को अपने घर में एक सेक्स पार्टी रख ली। मैंने सबको बता दिया अपने घर में भी और साइमा के घर में भी। शाम को साइमा अपने मियां कादर के साथ आई, उसका अब्बा मीर अम्मी शबाना के साथ आया, उसकी दीदी फरहा अपने मियां अल्ताफ के साथ आया ? मैं इधर अपने मियां नदीम के साथ, मेरी अम्मी मुमताज़ अब्बा खलील के साथ , और मेरी दीदी शमीमा अपने मियां रज्जाक के साथ बैठी थी। मैंने तुरंत नॉन - वेज snacks के साथ drinks चालू कर दी। लोग एक एक पैग तो फ़टाफ़ट गटक गये। मैंने दूसरा पैग बना दिया।
माहौल को गरम करने के लिए मैंने कहा :- साइमा, तेरा जीजू तो भोसड़ी का बड़ा हैंडसम है ? इसका लौड़ा भी हैंडसम है की नहीं ?
वह बोली :- अरी माँ की लौड़ी समीना तू खुद खोल कर क्यों नहीं देख लेती इसका लौड़ा बहन चोद ?
मैंने कहा :- मैं कैसे देख लूँ खोल कर ? जीजू तेरा है मादर चोद, बिना तेरी इज़ाज़त के भला कौन उसका लौड़ा देख सकता है ?
वह तुनुक कर बोली :- नहीं देखना है तो जा चुदा अपनी माँ का भोसड़ा, समीना ? लेकिन मैं तो देखूँगी तेरे जीजू का लण्ड ।
इतने में साइमा उठी और मेरे जीजू के लण्ड पर हाथ रख दिया। इतने में उसकी दीदी फरहा उठी और मेरे अब्बा के लण्ड ऊपर से दबाने लगी। फिर उसकी अम्मी ने मेरे मियां का लण्ड टटोलना शुरू कर दिया। इधर मैंने साइमा के जीजू के गले में अपनी बाहें डाल दी उसने मेरी चूंचियां दबाना शुरू कर दिया और मैंने उसका लौड़ा पकड़ लिया। मेरी दीदी अपनी चूंचियां खोल कर साइमा के अब्बा की गोद में जाकर बैठ गयी और बोली भोसड़ी के अंकल तू मेरी माँ चोदता है। आज तू मुझे चोद कर दिखा। मैं देखूँगी तेरे लौड़े में कितना दम है ? साइमा का हसबैंड मेरी अम्मी की तरफ झुका उसकी चूंचियां मसलने लगा। अम्मी भी उसका लण्ड सहलाने लगी। थोड़ी देर में होने लगी झमाझम चुदाई।
मेरा हसबैंड साइमा की माँ का भोसड़ा चोदने लगा । मेरा अब्बा भोसड़ी का साइमा की दीदी के ऊपर चढ़ बैठा और अपना लण्ड उसकी बुर में पेल दिया। उसकी दीदी भी मस्ती से चुदवाने लगी। साइमा बुर चोदी मेरे मियां का लण्ड अपनी बुर में पेलवाकर कर चुदाने लगी। उसी के सामने मैंने उसके जीजू का लण्ड पहले तो थोड़ा चूसा और फिर अपनी चूत में घुसा लिया। इतना मोटा और तगड़ा लण्ड मेरी बुर चोदने में जुट गया और मैं मस्ती से चुदवाने लगी। मेरी दीदी शमीमा ने साइमा के अब्बा का लण्ड अपनी बुर में घुसेड़ लिया और भकाभक चुदवाने लगी। मेरे बगल में साइमा का मियां तो मेरी माँ का भोसड़ा चोदने का मज़ा लूट रहा था। हम लोग खूब गन्दी गन्दी बातें और मस्त गालियां भी बकने लगी ताकि चुदाई में और जोश आ जाये ?
साइमा बोली :- हाय समीना, देख मैं तेरी माँ का भोसड़ा चुदा रही हूँ। और हां सुन भोसड़ी की यार तेरे जीजू का लण्ड तो बड़ा गांड फाडू है ?
मैंने कहा :- हां यार तेरे जीजू का लौड़ा भी बड़ा मस्त है यार। मुझे उससे चुदवाने में ज़न्नत का मज़ा आ रहा है। और उधर मैं भी मजे से तेरी माँ चुदा रही हूँ। अब मैं सबसे कहूँगी की मैंने साइमा की माँ चोद दी ?
साइमा की माँ बोली :- अरी समीना, अब मैं भी कहूँगी की मैंने मुमताज़ की बिटिया की बुर चोद दी।
तब तक बोली :- हां हां शबाना (साइमा की अम्मी) मैं सबसे कहूँगी की मैं शबाना की बिटिया की बुर चोद कर आ रही हूँ।
मैंने कहा :- जीजू, साइमा की माँ चोद रहे हो भोसड़ी के ? खूब गचागच चोदो बड़ा मस्त भोसड़ा है आंटी का ?
साइमा बोली :- हाय माँ के लौड़े जीजू, तू भोसड़ी का समीना की माँ का भोसड़ा चोद रहा है ? किसी दिन मैं तेरी माँ का भोसड़ा चोदूंगी।
साइमा बोली :- अरी समीना, तेरी बहन की बुर मादर चोद ? अगर तूने पहले प्लान बना लिया होता तो अब तक जाने कितनी बार हम लोग मर्दों की अदला बदली करके चुदवा लेतीं ?
इसी तरह हम सब लोग एक दूसरे को गालियां सुना सुना कर सबके अंदर चुदाई का जोश भरने लगीं ? सभी मर्दों के लण्ड हमारी गालियां सुन सुन कर और टन टनाने लगे ? और सख्त होने लगे भोसड़ी के लण्ड ? और फिर चुदाई का मज़ा दुगुना होने लगा।
एक दिन मेरे पास मेरी दोस्त करिश्मा का फोन आ गया।
- वह बोली - समीना तू बुर चोदी मुझे बिलकुल भूल गयी ?
- मैंने कहा - नहीं यार मैं तुम्हे कैसे भूल सकती हूँ।
- नहीं तू वाकई भूल गयी है। तू यह भी भूल गयी की मैंने तुझे लण्ड पकड़ना सिखाया, बुर चुदाना सिखाया, गांड मराना सिखाया ? याद है की नहीं ?
- हां हां याद है करिश्मा। मैं भूली नहीं हूँ।
- तू वाकई भूल गयी है तभी तो तूने अभी तक अपने हसबैंड से न तो मेरी बुर चुदवाई और न ही मेरी माँ का भोसड़ा ? जब की जाने कितनी बार साइमा की बुर चुदवा चुकी है तू और उसकी माँ का भोसड़ा भी।
- wow , यार I am sorry, dear, यह भूल हो गयी है। अब बोल कब चुदवायेगी तू अपनी माँ ?
- अगले इतवार को मैं खुद आ रही हूँ तेर घर अपनी माँ चुदाने ? और सुन मैंने भी शादी कर ली है। मेरे हसबैंड का लण्ड ९" का है। वही लण्ड मैं तेरी बुर में घुसाने आ रही हूँ और तेरी माँ के भोसड़ा में भी।
करिश्मा मस्त होकर मेरे घर से सवेरे गयी।
०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=० समाप्त
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