Saturday, March 21, 2015

प्यार की सौगात

Pyaar Ki Saugat

आसमानों की दुनिया नहीं मेरे पास

मैं हूँ ग़रीब… दूँगी बस तेरा साथ

चाँद तारे क्या मैं लाऊँ झूठ क्यूँ मैं बताऊँ

सच्ची सच्ची बोली बोली दिल की हर बात

ताजमहल ना मैं मांगूँ ना मांगूं गाड़ी बंगले

देने है तू दे दे साजन उमर भर हाथों में हाथ

आसमानों की दुनिया नहीं मेरे पास

छोटा सा घर हो बस उसमें साजन हो

साथ तेरे बस मैं रहूँ दिन हो या रात

हूँ मैं गरीब बस दूँगी तेरा साथ

कोई वादा मैं ना करूँ कोई कसमें न खाती

मैं हूँ गरीब मैं तो बस दूँ प्यार से हर क़ुर्बानी

एहसास तेरे दिल का बन के दूँगी बस मैं प्यार की सौगात…
Previous Post
Next Post

0 comments: