Friday, December 5, 2014

जीजू तेरा झांट भर का लण्ड

मैंने कहा :- यह मैं क्या सुन रही हूँ जीजू ? लोग कहते है की तेरा लण्ड बहुत छोटा है।  अब इतने छोटे लण्ड से तो मेरी दीदी का काम नहीं चलने वाला ? तुम्हे
मैं और जीजू का लण्ड 
किसी बड़े लण्ड का इंतज़ाम करना पड़ेगा ? मुझे अगर पहले मालूम होता की तेरा लण्ड इतना छोटा है तो मैं तुम्हे अपना जीजू बनाती ही नहीं ? मैं किसी बड़े लण्ड वाले को अपना जीजू बनाती जिससे दीदी के काम के साथ साथ मेरा भी काम चलता रहता ?
वह बोला :- अरे ये सब बेकार की बातें तुम्हे किसने बता दी ?
मैंने कहा :- मुझे किसी और ने नहीं बताई ? मुझे तो तेरी बहन जी ने ही बताई है।  बातों ही बातों में वह कह गयी की मेरे भाई जान का लण्ड तो झांट भर का है ? अब तुम ही बताओ जीजू की मैं अपनी दीदी को इस झांट भर के लण्ड वाले मर्द को कैसे सौंप दूँ ? मुझे तो तुम्हे मर्द कहने में भी शर्म आ रही है ? अरे मर्द तो वह होता है जिसका लौड़ा हाथ भर का हो झांट भर का नहीं ? मैं तो १०" से कम वाले लण्ड को घास ही नहीं डालती ? तू अपना लौड़ा बढ़ा नहीं सकता और मेरी दीदी अब और कहीं जा नहीं सकती ? यह तो एक बहुत बड़ी समस्या खड़ी हो गयी मेरे आगे ? अब तू बता भोसड़ी का जीजू मैं क्या करूँ ? मुझे तो गुस्सा तेरी बहन पर भी आ रहा है।  उस बुर चोदी ने यह बात तेरी शादी के पहले क्यों नहीं बताई मुझे ? मैं किसी दिन तेरी बहन की बुर चोदूंगी जीजू ?
जीजू ने कहा :- खुशबू तू बहुत बात करती है।  जाने कहाँ कहाँ से क्या क्या सुन कर आती है तू ?
मैंने कहा :- देखो जीजू बात को इधर उधर घुमाओ नहीं ? बात घुमाने से तेरा लौड़ा बड़ा नहीं हो जायेगा ? अब यह सोंचो की तुम सुहागरात कैसे मनाओगे। ये तेरा झांट भर का लण्ड तो किसी काम का नहीं बहन चोद ? इसे तो मैं एक ही झटके में उखाड़ फेंकूंगी जैसे झांट के बाल उखाड़ती हूँ। अब सुहागरात में मेरी दीदी को चोदने के लिए किसी बड़े लण्ड का इंतज़ाम करो। हां अगर तुम न कर सको तो मुझे बताओ मैं कर दूँगी।  देखो हमारे रिवाज़ के मुताबिक तुम्हे एक सुहागरात यहाँ माननी होगी और एक अपने घर में ?
जीजू बोला :- अरे खुशबू तू मेरे सुहागरात की इतनी परवाह क्यों करती है ? मैं सब कर लूंगा।
मैंने कहा :- मुझे तेरे लण्ड से ज्यादा दीदी की चूत की परवाह है जीजू। उसे चोदने वाला कोई मस्त मोटा ताज़ा लौड़ा चाहिए ? मैं एक बात और बता दू तुझे।  इस सुहागरात की जिम्मेदारी मेरी है जीजू ? मुझे उस दिन सबकी चूत में गैर मर्दों के लण्ड पेलना है. अब देखो न घर में मेरी अम्मी जान है, मेरी बड़ी खाला जान है, मेरी छोटी खाला जान हैं, मेरी भाभी जान हैं, मेरी फ़ूफ़ी जान हैं, मेरी खाला की बेटी है, भाभी की बहन है, मेरी मामी जान है। मुझे सबकी चूत की फ़िक्र है।  सबकी बुर में लण्ड घुसाना मेरी जिम्मेदारी है।  इसके अलावा उस दिन तेरी बहन बुर चोदी फरहा भी होगी उसकी बुर का ख्याल रखना है मुझे और फिर उसकी अम्मी ? इन दोनों के लिए भी लौड़ा चाहिए न ?
जीजू बोला :- बाप रे बाप तू तो बड़ी इंतज़ाम कारी है खुशबू ? कितना बोझा है तेरे सर पर ? मुझे तो तेरे पर तरस आ रहा है ? तू यह सब कैसे कर पायेगी ? तूने सबकी चूत का ज़िक्र तो किया लेकिन तू अपनी चूत किसके हवाले रहेगी यह तो बताया ही नहीं, खुशबू ?
मैंने कहा :- अरे जीजू देखो,  उस दिन तुझे अपना लण्ड दीदी की बुर में छुआ कर आ जाना है।  तुम्हे उसका शौहर होने के नाते उसकी चूत का उद्घाटन करना है बस बाकी तो मैं उसकी चूत चुदवा लूंगी। 
जीजू बोला :- अच्छा खुशबू , अब मैंने सोंच लिया है की मैं तेरी दीदी की बुर का उद्घाटन करके तेरे साथ रात भर सुहागरात मनाऊंगा। तब तुम अपने जीजू के झांट भर के लण्ड का कमाल देखना ?
मैंने कहा :- आये हाय, कितना इतरा रहे हो अपने झांट भर के लण्ड पर ? चलो मैं भी देखती हूँ इस भोसड़ी वाले लण्ड का कमाल ?
दोस्तों, मैं खुशबू हूँ, २३ साल की एक खूबसूरत बिंदास लड़की ? मेरी दीदी हैं ज़ारा, और जीजू है अल्ताफ।  मेरी अम्मी फ़रीदा और अब्बा हैं हसन अली, जीजू की बहन है फरहा और उसकी अम्मी है ज़रीना। 
हमारा घर इस समय मेहमानों से खचाखच भरा है क्योंकि मेरी दीदी की शादी है।  शादी तो हो गयी है और आज उसकी सुहागरात है।  कई दिनों से घर में बड़ी चहल पहल है। हंसी ख़ुशी है, सबके चेहरे खिले हुए हैं और सबकी जबान खुली हुई है। ऐसे माहौल में गालियां देने की पूरी आज़ादी होती है।  सब मिलकर खूब बातें कर रही हैं। चारों तरफ गालियों की बौछार हो रही है। लड़कियां बहुत उत्साहित है। ऐसे मौकों पर गालियां देना और खूब अश्लील बातें करना अच्छा जाता है। शर्म लिहाज़ संकोच झिझक सबकी माँ चोदी जा रही है।  जिसका जो मन है वो वही गालियां निकाल कर सबका मनोरंजन कर रही है। औरतें और लड़कियां एक दूसरे को खूब गालियां दे दे कर बातें कर रही हैं ।  मर्दों को भी खूब गालियां दी जा रहीं है और मर्द सभी गालियां सुन सुन कर एन्जॉय कर रहे हैं। मस्ती चारों तरफ छायी हुई है। गालियों का आप भी कुछ मज़ा लीजिये दोस्तों  :-
फ़रज़ाना बड़ी खाला - हाय दईया, देखो आज भोसड़ी वाले सभी मरद कैसे अपना अपना लण्ड उलार रहे है। इनको यह नहीं पता है की आज लड़कियां ही इनकी गांड मारेंगी। खाला की बेटी हया :- हाय रब्बा, आज मैं पहली बार सब मर्दों के लण्ड देखूँगी।  कितना मज़ा आएगा ? भाभी की बहन ज़ोया - आज मैं भी पहली बार देखूँगी की मर्द भोसड़ी के कैसे ठोंकते है लण्ड परायी बीवियों की बुर में ? शबाना भाभी - हाय खुशबू,  तेरी माँ का भोसड़ा ? आज तो तेरी बुर चोदी जायेगी।  मुझे बहुत तंग करती है तू आज तेरी गांड में घुसेगा लण्ड ? मैं खुशबू  - अरे भाभी सबसे पहले तू चुदा ले अपनी बहन की बुर  ? वो देखो तेरी बहन ज़ोया कैसे अपनी चूंची उठा उठा कर चल रही है माँ की लौड़ी ? ज़ोया भाभी की बहन  - हाय खुशबू और तू अपने आप को देख पहले मादर चोद ? आज तो लोग चाटेंगें तेरी बुर।  मैं खुशबू - मेरी बुर चाटेंगें तो तेरी गांड में क्यों दर्द हो रहा है ? फातिमा छोटी खाला - हाय खुशबू देखो न तेरा अब्बू कैसे साला अपना लौड़ा हिला हिला कर मोटा कर रहा है ?  सकीला फूफी जान - हां भाभी, तेरा भोसड़ा तो आज बच नहीं पायेगा।  समीना मेरी सहेली - फ़रीदा आंटी (मेरी अम्मी) तेरी बिटिया की बुर ? आज बहुत दिनों के बाद मैं तेरी बेटी चोदूंगी, आंटी ? खाला की बेटी हया - अल्ताफ जीजू, तेरी माँ का भोसड़ा साले।  आज मेरा अब्बू चोदेगा तेरी माँ का भोसड़ा।  दीदी की सास - अरी जा जा हया पहले लण्ड पकड़ना सीख ? गांड मराना तो आता नहीं है तुझे, चली है भोसड़ा चुदाने ? मैं खुशबू - हाय मेरे बड़े खालू ? बेटी चोद तेरा लौड़ा कुछ ज्यादा ही उछल रहा है ? भाभी - अरी खुशबू अपने जीजू की बहन, बुर चोदी फरहा को देख आज अपनी झांटें बना के आई है की नहीं ?  इसकी चिकनी चूत तो सब लोग चोदेंगें।  छोटा खालू - अरी मेरी साली की बीवी जान आज कहाँ भागी जा रही है तू ? रोज़ तो लौड़ा पीती है तू मेरा ? आज किसका पियेगी लौड़ा ? जीजू की बहन फरहा :- आज मेरी माँ का भोसड़ा सारे मर्दों के लण्ड अपने भोसड़ा में डाल कर भून डालेगी और फिर भुना हुआ बैगन की तरह बाहर निकाल निकाल दिखाएगी सबको ? ,,,,,,,,,,,,,,? समीना - यार खुशबू आज मैं जब सबको नंगा और सबको नंगी देखूँगी तो कितना मज़ा आएगा ? मैं - अरी भोसड़ी की, समीना आज सब लोग तुझे भी नंगी देखेंगे। उन्हें भी खूब मज़ा आएगा ?
आदमी औरत लड़के और लड़कियां सभी जितनी खुश थीं उतनी ही गरम भी थीं।  जहाँ एक तरफ सबके लण्ड बुर चोदने के लिए मचल रहे थे वहीँ दूसरी तरफ सबकी चूत चुदवाने के लिए मचल रही थी। आज तो सब भोसड़ी वाली लण्ड चाटने, चूसने और लण्ड पीने के लिए बेताब हो रहीं है।  बस सबको समय का इंतज़ार है।  सबको मालूम है की आज तो होनी है खुल्लम खुल्ला चुदाई।
अचानक जीजू के दोस्त अपनी बीवियों के साथ आ गये ।  जीजू ने उन्हें सबसे मिलवाया। वह बोला यह है मेरा दोस्त आरिफ और इसकी बीवी आरती।  हां इसने हिन्दू लड़की से शादी किया है और यह है मेरा दूसरा दोस्त रोहित और इसकी बीवी रोली ? ये दोनों हमारी सुहागरात में शामिल होने आये है। 
मैंने कहा :- वाओ, तो ये लोग भी हमारी चोदा चोदी में शामिल होंगें ? ये लोग जीजू के दोस्त है तो हमारे भी जीजू हुए। अच्छा हां, तेरा तो लण्ड झांट भर का है इसलिए तुम बड़े बड़े लण्ड वाले दोस्त लेकर आये हो जीजू ?
वह बोला :- अब ये तो देख कर पता चलेगा की किसका लौड़ा कितना बड़ा है ?
फिर मैंने उन दोनों की तरफ देख कर कहा :- तुम लोग पूरी तरह तैयार हो जाओ आज मैं तुम दोनों के लण्ड केले के छिलके की तरह छीलूँगी।  मैं जानती हूँ की हिन्दू लण्ड को छीलने की जरुरत पड़ती है तभी उसका बहन चोद सुपाड़ा बाहर निकलता है। और कान लगा कर सुनो तुम लोग मेरी चूत अकेले ही तुम दोनों के लण्ड खा जाएगी।
आरती बोली :- वाओ, बड़ी भूंखी है तेरी चूत ? क्या उसे खाने को लण्ड नहीं मिलते ?
रोली बोली :- अरे भाई एक लण्ड से इसकी बुर चोदी बुर का पेट नहीं भरता ? इसे तो दर्जनों लण्ड चाहिए। 
सब लोग ठहाका लगा कर हंसने लगे.
आरती बोली :- देखो खुशबू हमें मुस्लिम लण्ड से बड़ा प्यार है। मैं मुस्लिम लण्ड बहुत पसंद करती हूँ क्योंकि वे सब बड़े बड़े होते है और साफ़ सुथरे होते हैं। समीना बोली :- हमारे यहाँ आकर आपको लण्ड की कमी हमसूस नहीं होगी ? यहाँ तो चारों तरफ लण्ड ही लण्ड है और सब मादर धकाधक चोदने वाले हैं। तो आज तुम लोगों की न चूत बच पायेगी और न गांड ? यहाँ पराये मर्दों से चुदवाने का रिवाज़ है, दीदी ?
रोली बोली :- हा मैं जानती हूँ।  इसीलिए तो पराये मर्दों से चुदवाने आई हूँ।
आखिर कार वह समय आ ही गया जिसका सबको इंतज़ार था। एक कमरे में सेज़ सज गयी जिसमे दूल्हा अपनी सुहागरात मनाएगा और उसके सामने एक बड़ा सा हाल है जहाँ चारों तरफ गद्दे बिछा दिए गये हैं,  उसके ऊपर सफ़ेद चादर और चारों तरफ मसनद। बगल में रखीं कई नैपकीन, तौलिया, पेपर नैपकीन, टेबल पर रखा हुआ कई तरह का चोदा चोदी का सामान ? मेरी दीदी ज़ारा सज़ धज कर आयीं और बेड पर बैठ गयीं. उधर से दूल्हा यानी मेरा जीजू दीदी के बगल में बैठ गया।  मैंने कमरे का दरवाजा खुला रखा हैं, मतलब यह की दरवाजा ओढ़का दिया गया हैं लेकिन अंदर से खुला है।  सिटकिनी नहीं लगायी गयी है . मैंने कहा जब सुहागरात खुल्लम खुल्ला हो रही है और इस कमरे में चोदने वालों की आवा जाही लगी रहेगी तो फिर दरवाजा क्यों बंद करना ? मैंने जीजू के दोनों दोस्तों को भी बुला लिया। आरिफ और रोहित अपनी बीवियों आरती और रोली के साथ अंदर आ गये।  मैंने बताया जीजू देखो पहले तुम अपना लण्ड जीजू की बुर में घुसाकर चोदो, चूत का उदघाटन करो और फिर अपनी बीवी अपने दोनों दोस्तों से चुदवाओ। फिर इसी कमरे में तुम इन दोनों की बीवियां चोदो।  मैं बाहर सबकी चूत में लण्ड घुसेड़ने का इंतज़ाम करने जा रही हूँ।
बाहर आकर मैंने छोटी खाला से कहा अरे बुर चोदी खाला तूने अपनी अभी तक अपना भोसड़ा नहीं खोला ? चल आजा मैं तेरे कपडे उतार देती हूँ।  मैंने उसे नंगी कर दिया और एक कोने में बैठा दिया फिर बड़े खाला की लुंगी खोल कर उसका मादर चोद लण्ड पकड़ कर हिलाया तो वह टन्ना कर खड़ा हो गया।  मैं लण्ड पकडे हुए उसे घसीट कर छोटी खाला के पास ले आई और कहा ले भोसड़ी की खाला ये अपने जीजू का लण्ड और इसे अपने बुर में घुसा कर चुदवा ? बड़ा मज़ा आएगा तुझे अपने जीजू से चुदवाकर ? फिर मैंने इसी तरह उसी के बगल में बड़ी खाला के भोसड़ा में छोटे खालू का लौड़ा पेल दिया और कहा तू अपने बहनोई से चुदवा ले अपनी बुर ? वे दोनों एक दूसरे के मियां से चुदवाने लगीं।
मैं ऊपर के कमरे में गयी तो मैंने देखा की अम्मी तो पहले से ही दीदी के ससुर का लण्ड चाट रही हैं। मैंने जब उसका लण्ड देखा तो मेरी भी चूत में आग लग गयी।  मैंने कहा अम्मी अभी तुम चुदवा लो बाद में मैं भी इससे चुदवाऊँगी।  मुझे तो इसका लौड़ा पसंद आ गया है।  मैं नीचे उतर ही रही थी तो इतने में मेरा अब्बू मिल गया ।  मैंने कहा अब्बू अम्मी तो दीदी के ससुर से चुदवा रही है. तुम जीजू की माँ का भोसड़ा चोदो न ? आखिर कार वह भी किसी न किसी से चुदवायेगी भोसड़ी वाली।  अब्बू ने बताया की खुशबू मैं उसी को चोदने जा रहा हूँ। फिर मैं नीचे उतर कर भाभी की तरफ पहुँच गयी ।  मैंने कहा आओ, तू तो बुर चोदी अपनी चूंचियां खोले बैठी है भाभी ? वह बोली अरे खुशबू अभी तेरी दीदी का देवर आया था वह साला मेरी चूंचियां दबा दबा कर खूब मज़ा लेकर गया। मैंने पूंछा तो तूने उसका लौड़ा पकड़ा भाभी ? वह बोली हां यार लौड़ा तो उसका बड़ा मस्त है।  वह बोल कर गया की भाभी किसी दिन आऊंगा तुझे चोदने ? तब मैंने भाभी , फूफी और मामी जान को एक साथ किया और उधर से भाई जान, मामू जान और फूफा को बुला लिया . मैंने मामू जान की लुंगी तुरंत खोल दी तो उसका लण्ड हिनहिनाने लगा ।  मैंने उसे भाभी को पकड़ा दिया  . फिर भाई जान का लण्ड बुआ को पकड़ा दिया। फिर मैं बढ़कर फूफा का पैजामा खोलने लगी ।  लण्ड जैसे ही बाहर निकला मैंने उसे पकड़ कर मामी के मुंह में घुसा दिया। मैंने कहा तुम इसी तरह एक दूसरे की बीवी चोदते रहो और इस मस्त सुहागरात का मज़ा लेते रहो।
अचानक किसी ने दरवाजा खटखटाया मैंने खोला तो देखाकी सामने रहीम चाचा खड़े हैं. मैंने उसे अंदर बैठा लिया।  रहीम चाचा मेरे कॉलोनी में ही रहते है, बड़े अच्छे और मस्त मौला आदमी है। वह बोला खुशबू मैं तो बस तुमसे मिलने चला आया .  रहीम चाचा से मेरी कोई सेक्स की नजदीकियां नहीं है।  न मैंने कभी उससे गालियों से बात की और न ही हंसी मजाक ? लेकिन मैं तो अपनी चोदा चोदी के इंतज़ाम में मस्त थी।
  • मैंने एकदम से कह दिया चाचा भोसड़ी के, आज मुझे आपसे एक चीज की जरुरत है।  बोलो दोगे मुझे ?  
  • वह बोला हां हां बोलो क्या जरुरत है तुझे ? मेरे पास है तो जरूर दूंगा तुझे खुशबू ? 
  • चाचा मुझे अपनी बिटिया की बुर दे दो ? (यह सुनकर वह भौचक्का रह गया) देखो चाचा आज मेरी दीदी की सुहागरात है मुझे उसमे तेरी बिटिया की बुर चोदनी है, बहन चोद  ?
  • अच्छा यह बात है ? सुहागरात में चुदाना तो बड़ा पॉक माना जाता है खुशबू ? मैं उसे अभी भेज देता हूँ।
  • भेजो नहीं उसे यहीं फोन करके बुला लो चाचा ? चाचा ने तुरंत फोन कर दिया। 
  • हां खुशबू बात हो गयी है वह बस आती ही होगी ?
  • और सुन, सुहागरात में चोदना भी बड़ा पॉक माना जाता है, चाचा ? तू भी आज माँ का लौड़ा चोद ले किसी की बुर, सुहागरात में ? बोल चाचा किसकी बुर चोदेगा तू  ?
  • अरे बेटी खुशबू , सुहागरात में तो बुर चोदी जाती है वह बुर किसी की भी हो इससे क्या फरक पड़ता है ?  
ऐसा कह कर मैं आगे बढ़ी और उसके पैजामे का नाड़ा खोल कर हाथ अंदर घुसेड़ दिया। मेरा हाथ लण्ड से टकरा गया।  मैं बोली हाय अल्ला, चाचा ये तो मादर चोद पहले से ही खड़ा है तेरा लण्ड भोसड़ी का ? वह बोला अरे बेटी जब तुम इतनी गरम गरम बातें करोगी तो लण्ड साला खड़ा तो हो ही जायेगा ? तब तक मैंने उसे पूरी तरह नंगा कर दिया। मैंने इधर अपनी चुन्नी भी फेंक दी। मैं बस पेटीकोट में थी। मेरी चूंचियां नंगी थीं।  इतने में उसकी बेटी तमन्ना कमरे में घुस आई। वह बोली हाय अब्बू तू भोसड़ी का खुशबू दीदी को अपना लौड़ा चटा रहा है। चाचा बोला नहीं बेटी खुशबू खुद मेरा लण्ड चाट रही है।  आज इसकी दीदी की सुहागरात है बेटी तमन्ना ? वह बोली अच्छा तो तूने मेरी बुर चुदवाने के लिए यहाँ बुलाया है ? हाय खुशबू दीदी बोलो मैं किससे चुदवाऊँ ? मैंने कहा पहले अपने कपडे तो खोल बुर चोदी तमन्ना फिर मैं लौड़ा घुसाती हूँ तेरी बुर में ? इस तरह मैंने रहीम चाचा और उसकी बेटी तमन्ना को भी शामिल कर लिया चुदाई में ?  मैं उन्हें मेन हॉल में ले गयी और बारी बारी से सबसे मिलवाया।
मैं आवाज़ लगायी अरी वो हया (खाला की लड़की ) लो तुम रहीम चाचा का लण्ड चूसो।  हया ने मेरे हाथ से लौड़ा ले लिया। तब तक मेरे तीन बॉय फ्रेंड्स आ गये हबीब, अमन और असर ? मैंने उन्हें चोदने के लिए बुलाया है।  फरहा खड़ी थी वह सबकी चुदाई बड़े ध्यान से देख रही थी।  मैंने उसके कंधे पर हाथ मार कर कहा अरी बुर चोदी फरहा तू हरामजादी बड़ी मादर चोद है।  अभी तक तूने किसी का लौड़ा नहीं पकड़ा ? वह बोली यार कोई लौड़ा खाली है ही नहीं ? किसका पकडूँ लण्ड ? मैंने कहा लो तुम अमन का पकड़ो लण्ड ? ये मेरा दोस्त है, तेरी ही बुर चोदने के लिए इसे बुलाया है।  तब तक भाभी की बहन मुझे दिखाई पड़ गयी।  मैंने कहा ज़ोया तुम असर का लण्ड पकड़ लो और इसे खूब चूस कर लण्ड की माँ चोद दो।  मैंने सुना है तुझे लण्ड चूसने में बड़ा मज़ा आता है। बाद में मैंने अपनी सहेली समीना के कपडे खोल कर उसे सबके सामने नंगी कर किया। फिर उसने मेरे कहने पर हबीब को नंगा कर दिया।  जब हबीब का लण्ड टन टनाता हुआ बाहर आया तो समीना उछल पड़ी और उसकी चूत की आग भड़क उठी। मैंने कहा समीना आज तू अपनी बुर चुदाना हबीब के लण्ड से शुरू कर ? वह हबीब पर चढ़ बैठी और अपनी चूत चटवाते हुए उसका लण्ड चाटने लगी।
मैंने सबकी बुर में लण्ड पेल दिया। फिर मैं पहुंची दीदी के कमरे में। पहुँचते ही मैंने देखा की जीजू आरती की बुर धकाधक चोदे चला जा रहा है।  आरिफ रोहित की बीवी चोद रहा है और रोहित दीदी की बुर चोदने में जुटा हुआ है ।  बड़ी धुआंधार चुदाई हो रही है।  बाहर भी चुदाई, अंदर भी चुदाई ? सबकी चूत चुद रही है, बुर चुद रही है सबका भोसड़ा चुद रहा है।  कोई गांड मार रहा है कोई लण्ड चूस रही है।  कोई लण्ड चाट रही है।  कोई चूंची चुदवा रही है। कोई गांड मरवा रही है। मैंने मन में कहा वाह सुहागरात हो तो ऐसी ?  मैं थोड़ी देर तक जीजू का लण्ड बुर चोदते हुए देखती रही।  और जब लौड़ा बुर से निकला तो आरती उसे तौलिया से पोंछ कर चाटने लगी।  मैं तो लण्ड देख कर दंग रह गयी।  बाप रे इतना बड़ा लण्ड ? इतना मोटा लण्ड जीजू का जिसे मैं झांट भर का कहती थी। तब तक जीजू की बहन फरहा चुदवाकर आ गयी । 
मैं बोली :- अरी बुर चोदी फरहा तू तो कहती थी की मेरे भाई जान का लण्ड झांट भर का है ? पर ये तो सबसे बड़ा लण्ड निकला यार ?
वह बोली :-  यार मैं तो मजाक कर रही थी और तूने उसे सही मान लिया तो मैं क्या करूँ ?
मैंने कहा :- यार मैं तो समझ  नहीं पायी की तू मजाक कर रही है ?
वह बोली :- अरे खुशबू भोसड़ी वाली ज़रा यह सोंच की क्या कोई लण्ड सिर्फ झांट भर का होता है ? अरे लण्ड का तो सुपाड़ा ही झांट से बहुत बड़ा होता है, खुशबू ? तुझे यह बात सच मानना ही नहीं चाहिए ? अब अगर मैं कहूँ की मेरे मियां के दोनों तरफ गांड है लण्ड है ही नहीं,  तो क्या तू मान लेगी माँ की लौड़ी ?
मैंने कहा :- अरी मेरी चुदक्कड़ फरहा, मैं भी मजाक कर रही हूँ।  असली बात यह है की जब तूने कहा की जीजू का लण्ड झांट भर का है तो मैं उसका लण्ड देखने लिए बेताब हो गयी।  मेरे बाथ रूम में एक छोटा सा सुराख़ है मैंने उसे पेंचकस से थोड़ा बड़ा किया और एक दिन जब जीजू नहा रहा था तो मैंने उसी सुराख़ से झाँक कर देखा।  मैंने देखा की उसका लण्ड तो मादर चोद बहुत बड़ा है।  सुपाड़ा ही कितना मोटा है और कितना प्यारा लग रहा है और जब यह खड़ा होगा तो कितना बड़ा हो जाएगा लण्ड, बहन चोद ? मैं तभी समझ गयी की फरहा मुझसे झूंठ बोल रही थी। 
बस मैंने इतनी बात कह कर जीजू का लण्ड पकड़ लिया और उसकी आँखों में आँखें डाल कर कहा हाय मेरे राज़ा तेरा लौड़ा तो झांट भर का नहीं, हाथ भर  का है, जीजू ? अब इसे पेलो मेरी बुर में और चोदो। 

०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=० समाप्त   

 





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