Thursday, December 4, 2014

घर में २४ घंटे चोदा चोदी

 मैंने सवेरे उठते ही सबसे पहले एक जबरदस्त अंगड़ाई ली और फिर बिस्तर से उत्तर कर बाथ रूम जाने लगी।  जाते समय मेरी नज़र दीदी के बिस्तर पर पड़ी।
 मैंने देखा की उसकी चादर के नीचे कुछ उथल पुथल हो रही है। मैं मुस्कराई और मन ही मन कहने लगी की आज सवेरे सवेरे ही भोसड़ी का जीजू दीदी के ऊपर चढ़ बैठा। क्यों न हो  ? सवेरे सवेरे लौड़ा साला सबसे ज्यादा टन्ना जाता है।  बड़ा सख्त रहता है लौड़ा सवेरे ४ बजे से ७ बजे तक।  मैं भी अक्सर सवेरे सवेरे लण्ड चूसती हूँ।  बड़ा मज़ा आता है यार और फिर खूब मस्ती से चुदवाती भी हूँ। 
मैं जब बाथ रूम से लौटी तो फिर मेरी नज़र उस तरफ चली गयी। इस बार मैंने जो देखा उससे मेरे अंदर खलभली मच गयी।  मैंने देखा की वह जीजू नहीं था बल्कि मेरा मियां था भोसड़ी वाला।  जी हां उसकी चादर हटी हुई थी।  दीदी और मेरा मियां दोनों नंगे थे।  दीदी मेरे मियां का लण्ड चूस रही थी और वह दीदी की बुर सहला रहा था। यह सब देखकर मेरे बदन में आग लग गयी।  फिर मैं अम्मी की तरफ मुड़ी तो वहां भी जो हो रहा था उससे मेरी चूत साली गनगना उठी ।  मेरा भी मन लण्ड पकड़ने का हो गया . मैंने देखा की अम्मी अपनी दोनों टाँगे फैलाये हुए जीजू का लण्ड चपर चपर चूस रही है।  दोनों मादर चोद बिलकुल नंगे।  अब घर में बचा केवल एक लण्ड वह भी मेरे अब्बू का ? लेकिन वह इत्तिफ़ाक़ से मॉर्निंग वाक् पर चला गया था ।  अब मैं लण्ड तड़पने लगी। मेरा हाथ चूत पर था और एक चूंची पर।
अचानक डोर बेल बज उठी। मैंने दरवाजा खोला तो देखा की सामने बल्लू अंकल खड़े है।  मैंने उसे फ़ौरन अंदर बैठाया।  गर्मी के दिन थे।  अंकल सोफा - कम बेड पर बैठे थे। वह हमारे पडोसी है और हमारे उसकी फैमिली के साथ चोदा चोदी के सम्बन्ध है।
मैं बोली :- अरे भोसड़ी के अंकल आज सवेरे सवेरे ही ? कोई ख़ास बात है क्या ?
वह बोला :- नहीं नहीं यार कोई ख़ास बात नहीं ही मैं तो मॉर्निंग वाक् करके आ रहा हूँ। सोंचा की चलो महक से मिलता चलूँ।
मैंने कहा :- अच्छा किया की आप आ गए .  सवेरे का मौसम बड़ा अच्छा होता है
वह बोला :- हां यह बात तो है बेटी महक ? अब ज़रा एक कप गरम गरम चाय पिलाओ बेटी ?
मैंने कहा :-  चाय नहीं अंकल, सवेरे सवेरे मेरी गरम गरम चूत पियो और मैं तेरा गरम गरम लण्ड पियूंगी।  यहाँ मेरे घर में मेरी दीदी मेरा मियां का लण्ड पी रही है।  मेरी अम्मी जीजू का लण्ड पी रही है।  मेरा अब्बू घर पर है नहीं ? अब तुम आ गये हो तो मैं तेरा लण्ड पियूंगी। 
ऐसा कह कर मैंने अपनी नाईटी खोल दी और मैं नंगी नंगी ही अंकल के कपडे उतारने लगी। उसे बिलकुल नंगा कर दिया और लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी ।  मैंने कहा अंकल तेरा लौड़ा भोसड़ी का एकदम टना टन्न खड़ा है ? वह बोला हां महक मैं तो तुझे लण्ड पकड़ाने ही आया हूँ। मैंने कहा तो फिर इतनी देर से क्यों अपनी माँ चुदा रहा था भोसड़ी का, अंकल ? मैंने सोफ़ा को बेड बनाया और उस पर अंकल को लिटा दिया।  फिर मैंने अपनी चूत उसके मुंह पर रख दी और झुक कर उसका लण्ड मुंह में लेकर चूसने लगी।
तब तक अंदर से चुदाई की आवाजें आने लगीं।  मैंने कहा अंकल देखो जीजू मेरी माँ का भोसड़ा चोद रहा है, मेरा मियां दीदी की बुर चोद रहा है और अब मैं तुमसे चुदाने वाली हूँ। तब तक अंकल की बीवी यानी सिमरन आंटी आ गयीं। मैंने दरवाजा खोल कर उसे बैठा लिया और उसी के सामने अंकल का लण्ड फिर चाटने लगी। मैं बोली हाय आंटी आज तो अंकल का लौड़ा बहुत प्यारा लग रहा है मुझे। देखो कैसे टन्ना रहा है भोसड़ी का ? आज तो ८" से ऊपर निकल गया इसका लौड़ा आंटी ?
आंटी बोली हां बेटी महक तेरे अब्बू का भी लौड़ा इसी तरह टन्नाता है तब उसे चूसने में खूब मज़ा आता है।  मैं बोली रुको आंटी, मेरा अब्बू अभी आता ही होगा।  वो तो मादर चोद बड़ा चोदू है। उसका लौड़ा तो भोसड़ी का सबकी बुर में बिना रुके घुस जाता है।  मैं बात कर ही रही थी की अब्बू आ गया।  उसने मुझे अंकल का लण्ड चाटते हुए देखा तो फ़ौरन अपने कपडे खोल कर लौड़ा आंटी के मुंह में पेल दिया और बोला भाभी मैं सोंच ही रहा था की मैं अभी जाकर सिमरन भाभी की बुर चोदूंगा।  तुम यहाँ मिल गयी तो मज़ा आ गया।  तब तक आंटी भी अपने कपडे उतार चुकी थी।  इधर अंकल ने मेरी बुर में लण्ड पेला उधर अब्बू ने आंटी की बुर में लण्ड पेला।  अब एक ही कमरे में दो दो चूत चुदने लगीं।  मैं अंकल से भकाभक चुदवाने लगी और आंटी मेरे अब्बू से।  मेरा घर तो चुदाई की आवाज़ों से गूंजने लगा।
दिन में मेरा मियां, जीजू और मेरा अब्बू तीनो अपने ऑफिस निकल गये। अब घर में बस तीन औरतें रह गयी, मैं, मेरी दीदी और अम्मी।
दोस्तों, मैं आपको बताना चाहूंगी की हम लोगों के पास पैसा बहुत है।  धन दौलत बहुत है।  अपनी बड़ी सी कोठी है। ४/५ बड़ी बड़ी गाड़ियां है, कई मकान है, कई नौकर हैं, ड्राईवर हैं, माली हैं, बहुत बड़ा बिज़नेस है उसके कई कर्मचारी हैं।  कुल मिलाकर हम लोग उच्च घराने वाले हैं. इसलिए हमें ऐय्यासी के अलावा कुछ करना ही नहीं पड़ता ? जी हाँ हम सब बहुत ऐय्यास औरतें है, खूब दारू पीती हैं, सिगरेट फूंकती हैं, शॉपिंग करती है, गॉशिप करती है, घूमती फिरतीं है और खुल्लम खुल्ला चुदवाती हैं, गांड मरवाती है, लौड़ा चूसती है, झांटें बनवाती हैं, एक दूसरे की चूत में लौड़ा पेलती हैं, ब्लू फ़िल्में देखती हैं, सबकी चूत, बुर, गांड, चूंची, भोसड़ा, लण्ड, चूतड़ आदि की फोटो खींचतीं है, अपनी ब्लू फ़िल्में भी बनाती है और फिर उन्हें टी वी पर देख देख कर खूब एन्जॉय करती हैं । हम सब एकसाथ मिलकर गज़ब की ऐय्यासी करती है।  बाहर के जो लोग हमारे संपर्क में आते जातें है हम उन्हें अपनी ऐय्यासी में शामिल कर लेतीं हैं जैसे हमने बल्लू अंकल की पंजाबी फैमिली शामिल कर ली है।  
करीब १० बजे मेरी नन्द का फोन आ गया वह बोली भाभी तुमको एक राज़ की बताना चाहती हूँ।  आज मेरा अब्बू तेरे पास आ रहा है।  उसका मन तेरी माँ का भोसड़ा चोदने का है। उसकी नज़र तो तुम्हारी चूत पर भी है भाभी ? अब तुम देख लेना मैंने बता दिया बस ?  मैंने पूंछा अरी यह तो बता दे की उसका लौड़ा कैसा है ? वह हंसकर बोली अरे वह तो बड़ा मोटा तगड़ा है. उसका लण्ड तो बिलकुल सलमान खान जैसा है भाभी ?  मेरे अब्बू से चुदाओगी तो ज़न्नत का मज़ा आएगा ? बस ससुर तो १० मिनट में ही मेरे सामने आकर खड़ा हो गया । उधर से अम्मी आ गयीं ।  अम्मी तो देखते ही लट्टू हो गईं। दिल तो मेरा भी आ गया उस पर।  लेकिन मैंने सोंचा की अम्मी को लण्ड पकड़ने दो पहले फिर मैं तो देख ही लूंगी।  इतने में अचानक दीदी का देवर भी आ गया। उसे देख कर तो मेरी चूत में आग लग गयी।  मैंने मन बना लिया की मैं इस भोसड़ी वाले का लण्ड पहले पकड़ूंगी।
मैंने अम्मी को अंदर बुलाकर कहा देखो अम्मी मैंने भी ससुर का लौड़ा नहीं देखा लेकिन आज उसका मूड अच्छा लगता है।  तुम उसके लण्ड पर हाथ रख दो काम बन जाये तो फिर चुदवा लो अपना भोसड़ा।  मौका बढ़िया है अम्मी। मैं इधर दीदी के देवर का लौड़ा पकड़ती हूँ। तुम उधर ससुर को दारू पिलाओ मैं इधर अमन को दारू पिलाती हूँ।  अम्मी उसके पास चली गयी और मैंने अमन (दीदी का देवर) को अपने कमरे में बुला लिया। मैं उसके साथ दारू पीने लगी और उसे अपनी चूंचियां दिखाने लगी और बातें करने लगी।
  • मैंने कहा अरे यार तेरा 'ये' साला क्या गांड मरा रहा है साला ? (मैंने उसके लण्ड पर हाथ मारा)
  • अरे भाभी आपने तो इसे जगा दिया ? अब क्या होगा ? 
  • होगा क्या ? इसकी माँ चोदूंगी मैं ?
  • आपकी चूंचियां मस्त है भाभी ?
  • अरे पकड़ कर देखो इन्हे ? मर्दों की तरह मसलो मेरी चूंचियां। लो मेरा हुक खोलो फिर ब्रा खोलो और चूसो चूंचियां ?
  • उसने चूंचियां पकड़ लीं और मसलने लगा।  बोला वाओ ये तो मेरी नुशरत भाभी की चूंचियों के टक्कर की है ?
  • क्या तुम अपनी भाभी की चूंचियां पकड़ने तो अमन ? क्या मेरी दीदी की बुर चोदते हो तुम ?
  • हां मैं भाभी की चूंचियां भी पकड़ता हूँ और उसकी बुर भी चोदता हूँ।
मैं उसका लौड़ा पैजामे के ऊपर से ही सहलाने लगी तब तक मेरी दीदी कमरे में आ गयीं। आते ही बोलीं - अरे अमन माँ का लौड़ा तू कब आया ? वह बोला अभी अभी आधे घंटे पहले आया हूँ भाभी ? दीदी बोलीं भोसड़ी के अमन पहले तू इसके पूरे कपड़े तो उतार ले ? इस बुर चोदी महक को पूरी तरह नंगी तो कर ले फिर इसकी चूंचियां मसल ? और तू सुन महक तू जल्दी से इसके कपडे खोल कर इसे नंगा कर दे। इसका लौड़ा बड़ा शानदार है।  मैं तो इससे खूब चुदवाती हूँ।  आज तू भी चुदवाकर मज़ा ले ले। मैंने कहा अरे दीदी मेरा ससुर भी आया है वह अम्मी के कमरे में है ? देख ज़रा क्या अम्मी ने उसका लौड़ा पकड़ा की नहीं ? अगर पकड़ लिया तो बताओ की कैसा लगता है उसका लौड़ा ? तब तक दीदी ने अमन का लण्ड मुझे पकड़ा दिया और कहा ले भोसड़ी की महक, तू इसे चूस मैं उसका लौड़ा देखती हूँ।  दीदी उधर चली गयी।
इधर अमन का लौड़ा और टन्ना गया।  मैंने कहा यार ये तो ८" से ज्यादा हो गया है बहन चोद ? मैं पागलों की तरह लण्ड चाटने लगी।  सुपाड़े के चारों तरफ जबान घुमा घुमा कर चाटने लगी।  पेल्हड़ भी मस्ती से चाटने लगी।  फिर मेरे मन में आया की क्या मेरे ससुर का लौड़ा भी ऐसा ही है ? बस मैं लण्ड पकड़ कर उसे अम्मी के कमरे में ले जाने लगी।  वह बोला अरे चुदवाओगी की नहीं महक ? मैंने तू चुप रह भोसड़ी का मैं जो करती मुझे करने दे।  मैं लौड़ा पकड़ कर अम्मी के पास पहुँच गयी तो देखा की अम्मी अपना भोसड़ा चुदवा रही है।  दीदी भी अपनी चूत खोले ससुर के पेल्हड़ सहला रही हैं। अपनी चूंचियां नुचवा रही है।  मैं बोली भोसड़ी की अम्मी इसका लौड़ा देखो ज़रा कैसे घोड़े की तरह हिनहिना रहा है ?
अम्मी ने हाथ बढ़ाया और मैंने लौड़ा उसे पकड़ा दिया। अम्मी अमन का लण्ड चाटने लगीं।  तब तक मैंने ससुर का लण्ड अम्मी के भोसड़ा से निकाल लिया और उसे हिला कर देखने लगी।  मैंने कहा मादर चोद ससुर भोसड़ी के तूने वहां तो कभी पकड़ाया नहीं अपना लौड़ा मुझे ? और यहाँ आ गया तू मेरी माँ का भोसड़ा चोदने ? मुझे मालूम हो गया की इसका लौड़ा अमन  के लौड़े से ज्यादा मोटा तगड़ा है।  अम्मी और दीदी तुम लोग जानती हो इसका क्या नाम है ? इस लण्ड का नाम है सलमान खान ? और यह नाम रखा है मेरी बुर चोदी नन्द ने।  देखो न उसी तरह मोटा तगड़ा हैं न लण्ड ?
हम सब इसी बात पर हंसने लगीं।
अब मैं और दीदी मिलकर ससुर का लण्ड चाटने लगीं।  थोड़ी देर में मैंने दीदी की बुर में लौड़ा पेल दिया और कहा दीदी चुदा ले इस बहन के लौड़े से ?  वह बोली नहीं महक पहले तू चुदा ?  मैं तो वहाँ भी चुदा लूंगी । और एक बार नहीं इससे तो बार बार चुदवाऊँगी मैं ? अब आया है इसका लण्ड मेरे कब्जे में ? उधर अमन अम्मी की बुर चोदने लगा।  मैं दोनों की बुर चुदवाकर मस्त हो रही थी।  लेकिन थोड़ी देर में दीदी ने घुसा दिया ससुर लण्ड मेरी चूत में ? वह बोली अरी महक मैं भी तो चुदवा लूँ अपनी छोटी बहन की बुर ?  इसी तरह हम तीनो इन मादर चोद दोनों मर्दों से अदल बदल कर बड़ी देर तक चुदवाती रहीं।
शाम को ८ बजे फिर महफ़िल जम गयी ।
इसमें बल्लू अंकल की पूरी फैमिली आ गयी यानी बल्लू और उसकी बीवी सिमरन आंटी, उसकी बड़ी बेटी ललिता और धरम सिंह, उसकी छोटी बेटी परणीता और करन सिंह ?
इधर मेरा अब्बू खालिद और अम्मी नसीबा, मेरी दीदी नुशरत और जीजू हसन, मैं महक और मेरा मियां अज़हर। 
आपने अभी तक "wife swapping"  "husband swapping"  "couple swapping" की कहानियां पढ़ी होंगीं।  "swapping" किया किया भी होगा।  मगर आज मैं आपको  "family swapping" की कहानी सूनाने जा रही हूँ जो की बहुत कम होता है ? फैमिली की अदला बदली इसलिए कठिन है की फैमिली के सभी लोग प्रायः इसके लिए एक स्वर में तैयार नहीं होते ? और अगर हो जायें तो फिर सोने में सुहागा हो जाये ? ऐसा हो गया हमारे साथ और इसीलिए बल्लू अंकल की पूरी फैमिली हमारे साथ अदला बदली के लिए तौयार है।
सभी लोग मस्ती में बैठे हुए हैं . शराब और सिगरेट का दौर चल रहा है. सभी मियां बीवियां धकाधक शराब और सिगरेट पी रही है। गन्दी गन्दी अश्लील बातें हो रही हैं। आप भी थोड़ा सुनिए क्या बातें हो रही है :-
"यह जवानी बहन चोद बड़ी हरामजादी है - मुझे तो यार अब अपने मियां का लौड़ा साला अच्छा ही नहीं लगता - सही कहा तुमने, जो मज़ा पराये मर्दों के लौड़ों में है वो अपने लौड़े में कहाँ - अरे भाभी तेरी  चुदाने की अदा बड़ी मस्त है -  तेरे  लण्ड की माँ की चूत साला  जब  देखो तब मुंह बाये खड़ा रहता है - मज़ा तो यार दूसरों की बीवियां चोदने में है - शबाना बुर चोदी रोज़ अपने अब्बा से चुदवातीहै - रेखा मेरी दोस्त है लेकिन गांड मेरे दोस्त से मरवाती है माँ की लौड़ी - अरे यार, मैं जब भी उससे बात करती हूँ तो मेरी झांटें सुलगने लगती है - माँ चुदाये भोसड़ी वाली मेरे लौड़े से ? न जाने क्यों उसकी गाड़ में दर्द होने लगता है ? मैं तो अपने मियां का लण्ड छूती तक नहीं पर बाकी सबके लण्ड खूब चाटती हूँ - मज़ा तो वाकई पराये मर्दों के लण्ड में है - वगैरह
सभी के थोड़े थोड़े कपडे खुलते जा रहें हैं । चूंचियां तो सबकी आधे से अधिक खुली हुई हैं। बीवियों की टांगें खुली हुई हैं, किसी किसी की जांघें खुल गयी हैं।  किसी की चूत भी दिखाई पड़ने लगी है।  किसी बीवी की झांटें भी साफ़ नज़र आ रही है। किसी बीवी की गांड भी नज़र आ रही है।  मर्दों के लण्ड अंदर ही उछाल मार रहें है।  लुंगिया खुली जा रही है।  कहीं कहीं पेल्हड़ दिखाई पड़ रहें है ।  बड़ा सेक्सी और मस्त माहौल बन गया है।  मैंने कहा मैं अब दो ग्रुप बनाती हूँ पहला - बल्लू अंकल, धर्म सिंह और करन सिंह. उनके साथ मैं, मेरी अम्मी और मेरी दीदी
दूसरा ग्रुप - मेरा अब्बू, जीजू और मेरा हसबैंड उनके साथ सिमरन आंटी, ललिता और परणीता
मेरी अम्मी अपना भोसड़ा चुदवाते हुए अपनी दोनों बेटियों की बुर चुदवायेगी । उन्हें चोदने वाले होंगें बल्लू अंकल और उसके दोनों दामाद धरम और करन।  इसी तरह सिमरन आंटी अपना भोसड़ा चुदवाते हुए अपनी दोनों बेटियों की बुर चुदवायेंगी और उन्हें चोदेंगें मेरे जीजू, मेरा हसबैंड और मेरा अब्बू ?
मेरी बात खत्म होते ही सबसे पहले अम्मी ने खड़े होकर अपने सारे कपडे खोल कर फेंका और आगे बढ़ कर धरम का लौड़ा पकड़ लिया। मेरी दीदी भी बुर चोदी उठी और बल्लू अंकल का लौड़ा हिलाने लगी फिर मैं आगे बढ़ी और कारन का लण्ड चाटने लगी।  ने मेरे बदन पर कोई कपड़ा था और ने दीदी के बदन पर।  हम तीनो नंगी और वो मादर चोद तीनो नंगे ? उधर सिमरन आंटी ने आगे बढ़कर मेरे मियां का लौड़ा पकड़ लिया और उसकी चुम्मी लेने लगीं , उसकी बेटी ललिता भोसड़ी वाली ने मेरे जीजू का लण्ड हथिया लिया।  उसे हिला हिला कर मज़ा लेने लगी और माँ की लौड़ी परणीता ने मेरे अब्बू का लौड़ा लुंगी ने निकाला और उसे अपने दोनों हाथों के बीच रख कर मथानी की तरह रगड़ने लगी।  लौड़ा साला टन्नाने लगा।
अब एक ही हाल में एक फैमिली के मर्द दूसरी फैमिली की बीवियां चोदने लगे ? दूसरी फैमिली के मर्द पहली फैमिली की बीवियां चोदने लगे। इसी बीच होने लगी लण्ड की अदला बदली।  मसलन मैंने बल्लू अंकल का लौड़ा अपनी चूत में पेला तो फिर मैंने धरम से भी चुदवाया और से करन से भी।  दीदी और अम्मी  तीनो लण्ड से चुदवाया।  रात भर यही होत्ता रहा।  उधर मेरे अब्बू ने आंटी का भोसड़ा चोदा तो उसकी दोनों बेटियों की बुर चोदी। मेरे मियां ने भी तीनो की बुर चोद कर खूब मज़ा लिया।  जीजू तो भोसड़ी का खूब उछल उछल कर तीनो की चूत चोद कर बड़ा खुश हो रहा था। वो सिर्फ यह देखता है की मैं किसकी बीवी चोद रहा हूँ ? उसको इस बात की कोई परवाह नहीं है की उसकी बीवी कौन चोद रहा है ?
यही हाल तो सब लोगों का था ।  सबके मन में यही चल रहा था की भाड़ में जाये मेरी बीवी की बुर, मैं तो दूसरों की बीवियों की बुर चोदूंगा।  भाड़ में जाये मेरे मियां का लण्ड, मैं तो दूसरों के मियों के लण्ड पेलूँगी अपनी बुर में और मजे से चुदवाऊँगी गैर मर्दों से ?
दूसरे दिन सवेरे सवेरे मेरी खाला अपनी बेटी के साथ आ गयीं, हम लोगों ने वेलकम किया और फिर बातें होने लगीं।  खाला बोली हाय नसीबा (मेरी अम्मी) दीदी सुना है यहाँ २४ घंटे चोदा चोदी होती है ? अम्मी बोली हां तुमने ठीक सुना है।  फिर खाला एकदम से बोल पड़ीं इसीलिए मैं अपनी बेटी की बुर चुदवाने आई हूँ दीदी। तब तक उसकी बेटी बोली अरे नहीं नसीबा खाला मैं आई हूँ अपनी माँ का भोसड़ा चुदवाने ? जबसे मेरी अम्मी ने सुना की खालू का लौड़ा जबरदस्त है तब से मेरी अम्मी अपना भोसड़ा चुदवाने के लिए बेताब है, खाला ? इतने में मैं बोली अरी सबिया मैं पहले पेलूँगी अपने अब्बू का लण्ड तेरी बुर में फिर तेरी माँ की बुर में ?
थोड़ी देर में मेरा देवर अपने दोस्त के साथ आ गया।  वह बोला भाभी मैं तो अपने दोस्त के साथ यहाँ लड़कियां चोदने आया हूँ।  मैंने बताया की मेरे भोले देवर भोसड़ी के यहाँ लड़कियों के साथ बीवियों की बुर चोदी जाती है और चोदा जाता है माँ का भोसड़ा ? अभी तुम लोग यहाँ हम सबकी बुर चोदो।  मेरी खाला की बेटी चोदो, उसकी माँ चोदो और सबकी बीवियां चोदो। उसके बाद अपनी माँ को भेज देना।  मैं चोदूंगी तेरी माँ का भोसड़ा, समझा तू ?
तो दोस्तों, इसी तरह होती रहती है मेरे घर में २४ घंटें चोदा चोदी ?

०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०= समाप्त                                                                 


 
Previous Post
Next Post

0 comments: