मैं कोई मजाक नहीं कर रही हूँ तुझसे, मैं सच कह रही हूँ, बेटी फ़ना। अब तेरी उम्र माँ चुदाने की हो गयी है। २१ साल से ज्यादा की हो गयी है तू। माशा
अल्ला बड़ी जवान और खूबसूरत लग रही है तू, बुर चोदी ? तेरा बदन भी गदराया हुआ है, चूंचियां बड़ी बड़ी हो गयीं है तेरी, गांड भी मोटी हो गयी है तेरी, चूतड़ भी उभर आयें हैं। झांटें तो बहुत पहले आ गयीं होंगीं तेरी ? अब यह बता की तेरी झांटें घनी घनी हैं की नहीं ? वह बोली हां आंटी घनी घनी हैं। तो फिर अब तू किस बात का इंतज़ार कर रही है माँ की लौड़ी ? बस शुरू कर दे जल्दी से अपनी माँ चुदाना ?
इस उम्र में तीन चीजें लड़कियां सीख ही लेती है एक तो शराब पीना और गाली देना, दूसरा लण्ड पकड़ना और तीसरा माँ चुदाना ? तू भोसड़ी वाली शराब पीती है, गाली भी देती है तू, लण्ड भी लड़कों के पकड़ती है तू, यह मैं अच्छी तरह जानती हूँ क्योंकि जिन लड़कों के तू लण्ड पकड़ती है वही लड़के मादर चोद मेरा भोसड़ा चोदते है।
मेरी बेटी तमन्ना तेरी उम्र की है देखो कितनी मस्ती से अपनी माँ चुदवाती है। हर दूसरे दिन मेरे भोसड़ा में पेल देती है लण्ड ? अपने दोस्तों को लाती है और लण्ड मुझे पकड़ा देती है। उसे बड़ा मज़ा आता है अपनी माँ चुदाने में ? कभी कभी तो वह मेरा भोसड़ा अपनी सहेलियों के सामने चुदवाती है। कई लड़कियां मेरी बेटी से 'माँ चुदाना' सीख चुकीं हैं और कई सीखने आती है। कई लड़कियों के घर जाकर उनकी माँ चुदवाती है। मैं तो कहती हूँ की तू मेरी बेटी से मिल ले और जल्दी से तू भी सीख ले माँ चुदाना ? अच्छा यह बता लण्ड चाटना, लण्ड चूसना, लण्ड पीना सब जानती है न तू भोसड़ी की ?
वह बोली :- हां आंटी यह सब तो जानती हूँ।
मैंने पूंछा :- लण्ड का मुठ्ठ मारना जानती है न तू ?
वह बोली :- हां आंटी, जानती हूँ मुठ्ठ मार कर लण्ड का सारा वीर्य पी जाती हूँ मैं ? शुरू शुरू में कुछ अजीब सा लगा लेकिन फिर मज़ा आने लगा।
मैंने पूंछा :- कभी गांड मरवाई है तूने अपनी फ़ना ?
वह बोली :- नहीं आंटी नहीं मरवाई, मुझे लगता है की मेरी गांड फट जाएगी ?
मैंने पूंछा :- कभी कोई लण्ड अपनी चूत में पेला है तूने ?
वह बोली :- नहीं आंटी, अभी तक कोई लण्ड नहीं पेला मैंने अपनी चूत में ?
मैंने कहा :- तो क्या किसी और की चूत में पेला लण्ड कभी ?
वह बोली :- हां पेला है, आंटी। एक बार अपनी सहेली समीना की चूत में पेला मैंने अपने दोस्त का लण्ड ?
मैंने कहा :- तो फिर तूने अपनी चूत में क्यों नहीं पेला लण्ड ?
वह बोली :- मैं डरती हूँ आंटी, की कहीं कुछ हो न जाये ? अगर कुछ हो गया तो बिना चुदाये ही मेरी माँ चुद जाएगी, बहन चोद ?
मैंने कहा :- तो फिर तूने अपनी माँ की चूत में क्यों नहीं पेला लण्ड ?
वह बोली :- मैं अभी अम्मी से खुली नहीं हूँ, आंटी ? अम्मी नहीं जानती है की मैं लण्ड भी पकड़ती हूँ।
मैं मिसेज सायरा हूँ, दोस्तों, और इस समय मैं अपनी सहेली मिसेज नाज़नीन की बेटी फ़ना से बात कर रही हूँ। फ़ना ने जवानी का मज़ा लेना शुरू तो कर दिया है लेकिन वह अभी पूरी आज़ादी से मज़ा ले नहीं पा रही है। अभी वह पूरी तरह बेशरम नहीं हुई है। कुछ कहीं डर, संकोच, झिझक बाकी है। जब तक यह सब दूर नहीं होगा तब तक उसे पूरा आनंद नहीं मिलेगा। पूरी तरह खुल कर एन्जॉय नहीं कर पायेगी। लड़की जब पूरी तरह खुलकर, बिना किसी लाज़ शर्म के उन्मुक्त होकर सेक्स करती है तभी उसे जवानी का असली मज़ा मिलता है, जैसे आजकल मेरी बेटी तमन्ना कर रही है। मैं यह बात समझ गयी की नाज़नीन जब तक अपनी बेटी को अपनी दोस्त का दर्ज़ा नहीं देगी तब तक उसका खुलना मुमकिन नहीं है। इसलिए अब मुझे नाज़नीन की गांड में उंगली करनी पड़ेगी। मैं दूसरे ही दिन उसके पास पहुँच गयी ।
इधर फ़ना मेरी बेटी तमन्ना से मिली और खूब ढेर सारी बातें करने लगी। मैं भी उन दोनों के साथ बैठ गयी। तमन्ना बोली फ़ना मैं भी पहले बिलकुल तुम्हारी ही तरह थी। मैं भी माँ चुदाने से बहुत शर्माती थी। लेकिन एक दिन कुछ ऐसा हुआ की मेरा मन ही बदल गया। मैं जिस मोहल्ले में पहले रहती थी वहां पास में एक मौलाना रहते थे। मैं उसके घर आने जाने लगी और इस तरह थोड़ी नजदीकियां बढ़ गयीं।
एक दिन मैं उसके पास बैठी थी तो वह अचानक बोला तमन्ना मेरे पास एक 'पेन ड्राइव' है उसमे कुछ फोटो हैं, तुम उन्हें मेरे लैपटॉप पर खोलकर एक फाइल में सेव कर दो क्योंकि मुझे कंप्यूटर चलाना ठीक से आता नहीं है। मैंने कहा हां अंकल मैं सेव कर दूँगी तुम मुझे पेन ड्राइव दे दो। मैंने उसे लैपटॉप पर लगा दिया। जैसे वह ऑन हुआ तो फोटो आना शुरू हो गयीं, पहली ३/४ फोटो तो ठीक ठाक निकल गयीं फिर एकदम से पूरे स्क्रीन पर एक बड़ा सा 'लण्ड' आ गया। उस टन टनाते हुए लण्ड की फोटो देख कर मेरे पूरे बदन में खलभली मच गयी। फिर अगली फोटो ने भी वही लण्ड लेकिन एक अलग पोज़ में ? तीसरी फोटो में एक बड़ा चिकने लण्ड का सुपाड़ा पूरे स्क्रीन पर देखा ? लण्ड वही था। मेरी तो चूत में बहन चोद लग गयी आग ? चौथी फोटो में वही बिना झांट का लण्ड चिकने पेल्हड़ के साथ ? मैं सोंचने लगी की यह है कौन भोसड़ी का जिसका लौड़ा इतना बड़ा और इतना मोटा है ? तब तक अंकल बोला बेटी तमन्ना फोटो आ गयीं न लैपटॉप पर ? मैंने कहा हां आ रही हैं अंकल ? मैं आगे बढ़ने लगी।
आगे मैंने जो देखा उससे तो मेरी चूत की आग भड़क उठी। मैंने उस आदमी की नंगी फोटो देखी जिसका लण्ड था। मैं फिर अपनी औकात पर आ गयी और बोली भोसड़ी के अंकल मादर चोद तेरी बिटिया की बुर साले अपने लण्ड की फोटो मुझे इस तरह दिखाता है ? सीधे सीधे अपना लण्ड दिखाने में तेरी गांड फटती है क्या ? वह बोला अरे तमन्ना तेरे पास गलत पेन ड्राइव चला गया। ला मुझे वह वापस कर दे ? मैं बोली अब तो मैं झांट वापस नहीं करूंगी। पूरा देख लूँ पहले फिर बताती हूँ तुझे बेटी चोद ? आगे मैंने देखा की एक लड़की उसका लण्ड पकडे हुए है और वह भी पूरी तरह नंगी है। फिर लड़की लण्ड चाटती हुई दिखाई पड़ी। अगली फोटो में एक औरत भी नंगी नंगी दिखायी पड़ी। अगली फोटो में वह लड़की लण्ड अपने हाथ से उस औरत के भोसड़ा में घुसाती हुई दिखाई पड़ी।
तब तक कमरे में एक मस्त जवान लड़की आ गयी। उसने मेरे हाथ में लैपटॉप देखा और उसमे फोटो देखी तो वह बोल पड़ी - अरे भोसड़ी के अब्बू, बहन चोद कौन सा पेन ड्राइव दे दिया है इसे ? उसने अपना हाथ अंकल की लुंगी में घुसा दिया और अंदर से खड़ा लण्ड निकाल कर बोली मादर चोद अब्बू इस तरह खोल कर क्यों नहीं दिखाता अपना लौड़ा ? मैंने जब उसका लौड़ा देखा तो मेरी सांस ऊपर की ऊपर और नीचे की नीचे रह गयी । वह बोली तमन्ना तू मेरे अब्बू का लण्ड खुद पकड़ कर देख ले। मेरा हाथ वाकई लण्ड पर चला गया।
तब उसने बताया की मेरा नाम हिना है और यह मेरा अब्बू है अब्दुल। इसे लड़कियां चोदने का बड़ा शौक है। बड़े मन से चोदता है लड़कियों की बुर और लड़कियों की माँ का भोसड़ा ? इस पेन ड्राइव में जो लड़की है वह शन्नो है मेरी दोस्त। वह मेरे अब्बू का लण्ड पकड़ कर अपनी माँ के भोसड़ा में पेल रही है। शन्नो को अपनी माँ चुदाने का बड़ा शौक है। मैं भी वहीँ थी तो शन्नो के कहने पर मैंने एक वीडियो बना लिया और फोटो भी खींच ली। जो लड़की मेरे अब्बू का लण्ड एक बार पकड़ लेती है वह अपनी बुर चुदवाती जरूर है और फिर अपनी माँ भोसड़ा भी चुदवाती है। यह अभी कल की ही चुदाई का पेन ड्राइव है। मुझे भी अंकल का लण्ड पसंद आ गया और मैंने फिर वहीँ चुदवाया। इतना बड़ा लौड़ा पहली बार मैंने अपनी चूत में पेला। दूसरे दिन मैने साफ़ साफ़ बड़ी बेशरमी से अपनी अम्मी को सच सच बता दिया तो वह खुद चुदवाने के लिए तैयार हो गयीं। मैंने उसी दिन अंकल से पहली बार अपनी माँ चुदवाई । उसके बाद तो फिर चुदाने का सिलसिला चालू हो गया। अब तो मैं आये दिन अपनी माँ चुदवाती रहती हूँ।
यह कहानी सुनकर फ़ना के मन में अपनी माँ चुदाने की तमन्ना जाग उठी।
आगे की कहानी अब आपको फ़ना खुद सुनायेगी:-
मैं तमन्ना के घर से बुरी तरह गरम होकर अपने घर आ गयी। रास्ते भर यही सोंचती रही की देखो तमन्ना अपनी माँ चुदवाकर कितनी खुश है ? उसकी अम्मी अपने सामने अपनी बेटी को मस्ती से चुदवाने देती है। दोनों मिलकर कैसे मजे से जवानी का मज़ा लूट रही हैं ? अगर मेरी अम्मी भी ऐसी ही हो जाएँ तो कितना मज़ा आ जाये ? मैं कमरे में दाखिल हुई तो मुझे अंदर से आवाजें सुनायीं पड़ी। कुछ आहट हुई तो अम्मी ने आवाज़ लगायी अरी फ़ना तू आ गयी बुर चोदी ? और देख जल्दी के अपने कपडे बदल कर आ जा मेरे कमरे में भोसड़ी वाली। मैं अम्मी के मुंह से पहली बार गाली सुन कर खुश भी हुई और हैरान भी हुई की अचानक अम्मी के व्यव्हार में इतनी तब्दीली कैसे हो गयी ? खैर, मैं कपडे बदल कर कमरे में घुसी तो देखा की अम्मी बिना कपड़ों के बैठी हैं। उसके बदन पर एक भी कपड़ा नहीं बल्कि उसके हाथ में एक टन टनाता हुआ लण्ड है ? मैं बोली हाय अल्ला, ये क्या हो रहा है अम्मी ? वह बोली अरी माँ की लौड़ी ले पहले यह जमाल अंकल का लौड़ा पकड़ फिर मैं बताती हूँ की क्या हो रहा है ?
मैंने लण्ड पकड़ लिया और आहिस्ते आहिस्ते हिलाने लगी। तब तक अम्मी ने पीछे से मेरे कपडे खोल कर अलग कर दिया बोलीं अरी फ़ना लण्ड पकड़ने का मज़ा कपडे खोल कर ही आता है। लण्ड जब लड़की की चूंची, चूत, गांड आदि देखता है तो और मस्ती में और सख्त हो जाता है तभी लण्ड पकड़ने में मज़ा आता है और चुदवाने में उससे ज्यादा ? अब तू सच सच बता तूने अभी तक कितने लण्ड पकडे हैं ? अब मैं समझ गयी की अम्मी को मालूम हो गया है की मैं लण्ड पकड़ती हूँ। इसलिए झूंठ बोलना ठीक नहीं है। मैंने कहा हां अम्मी मैं ३/४ लड़कों लण्ड पकड़ चुकी हूँ और उनका मुठ्ठ मार कर लण्ड पी भी चुकी हूँ। मेरी बात सुनकर अम्मी बोलीं शाबाश बेटी यह तुमने बहुत अच्छा किया। जवानी में लण्ड का मज़ा जरूर लेना चाहिए। अब तुम यह भी बता दो की क्या तूने कभी किसी लड़के से चुदवाया है ? मैंने कहा नहीं अम्मी कभी नहीं चुदवाया क्योंकि मुझे चुदवाने से बहुत डर लगता है। तब अम्मी ने कहा देखो फ़ना चुदवाने कोई बात नहीं है ? अब मैं तुम्हे बताऊँगी की कैसे चुदवाया जाता है ? अम्मी ने उसी दिन मुझे चुदाना भी सिखा दिया।
दो दिन बाद मैं अपने बॉय फ्रेंड को लेकर घर आ गयी। मैंने उसे अम्मी से मिलवाया। अम्मी भी खुश हो गयीं। हम तीनो बैठे हुए बातें करने लगी।
तब तक सायरा आंटी का फोन आ गया वह बोली :- हाय, क्या कर रही है तू, भोसड़ी की फ़ना ?
मैंने जबाब दिया :- आंटी, मैं भोसड़ी की, माँ चुदा रही हूँ अपनी ?
आंटी बोली :- हाय दईया, तब तो मैं भी अभी आती हूँ । मैं तुझे अपनी माँ चुदवाते हुए देखूँगी।
०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=० समाप्त
अल्ला बड़ी जवान और खूबसूरत लग रही है तू, बुर चोदी ? तेरा बदन भी गदराया हुआ है, चूंचियां बड़ी बड़ी हो गयीं है तेरी, गांड भी मोटी हो गयी है तेरी, चूतड़ भी उभर आयें हैं। झांटें तो बहुत पहले आ गयीं होंगीं तेरी ? अब यह बता की तेरी झांटें घनी घनी हैं की नहीं ? वह बोली हां आंटी घनी घनी हैं। तो फिर अब तू किस बात का इंतज़ार कर रही है माँ की लौड़ी ? बस शुरू कर दे जल्दी से अपनी माँ चुदाना ?
इस उम्र में तीन चीजें लड़कियां सीख ही लेती है एक तो शराब पीना और गाली देना, दूसरा लण्ड पकड़ना और तीसरा माँ चुदाना ? तू भोसड़ी वाली शराब पीती है, गाली भी देती है तू, लण्ड भी लड़कों के पकड़ती है तू, यह मैं अच्छी तरह जानती हूँ क्योंकि जिन लड़कों के तू लण्ड पकड़ती है वही लड़के मादर चोद मेरा भोसड़ा चोदते है।
मेरी बेटी तमन्ना तेरी उम्र की है देखो कितनी मस्ती से अपनी माँ चुदवाती है। हर दूसरे दिन मेरे भोसड़ा में पेल देती है लण्ड ? अपने दोस्तों को लाती है और लण्ड मुझे पकड़ा देती है। उसे बड़ा मज़ा आता है अपनी माँ चुदाने में ? कभी कभी तो वह मेरा भोसड़ा अपनी सहेलियों के सामने चुदवाती है। कई लड़कियां मेरी बेटी से 'माँ चुदाना' सीख चुकीं हैं और कई सीखने आती है। कई लड़कियों के घर जाकर उनकी माँ चुदवाती है। मैं तो कहती हूँ की तू मेरी बेटी से मिल ले और जल्दी से तू भी सीख ले माँ चुदाना ? अच्छा यह बता लण्ड चाटना, लण्ड चूसना, लण्ड पीना सब जानती है न तू भोसड़ी की ?
वह बोली :- हां आंटी यह सब तो जानती हूँ।
मैंने पूंछा :- लण्ड का मुठ्ठ मारना जानती है न तू ?
वह बोली :- हां आंटी, जानती हूँ मुठ्ठ मार कर लण्ड का सारा वीर्य पी जाती हूँ मैं ? शुरू शुरू में कुछ अजीब सा लगा लेकिन फिर मज़ा आने लगा।
मैंने पूंछा :- कभी गांड मरवाई है तूने अपनी फ़ना ?
वह बोली :- नहीं आंटी नहीं मरवाई, मुझे लगता है की मेरी गांड फट जाएगी ?
मैंने पूंछा :- कभी कोई लण्ड अपनी चूत में पेला है तूने ?
वह बोली :- नहीं आंटी, अभी तक कोई लण्ड नहीं पेला मैंने अपनी चूत में ?
मैंने कहा :- तो क्या किसी और की चूत में पेला लण्ड कभी ?
वह बोली :- हां पेला है, आंटी। एक बार अपनी सहेली समीना की चूत में पेला मैंने अपने दोस्त का लण्ड ?
मैंने कहा :- तो फिर तूने अपनी चूत में क्यों नहीं पेला लण्ड ?
वह बोली :- मैं डरती हूँ आंटी, की कहीं कुछ हो न जाये ? अगर कुछ हो गया तो बिना चुदाये ही मेरी माँ चुद जाएगी, बहन चोद ?
मैंने कहा :- तो फिर तूने अपनी माँ की चूत में क्यों नहीं पेला लण्ड ?
वह बोली :- मैं अभी अम्मी से खुली नहीं हूँ, आंटी ? अम्मी नहीं जानती है की मैं लण्ड भी पकड़ती हूँ।
मैं मिसेज सायरा हूँ, दोस्तों, और इस समय मैं अपनी सहेली मिसेज नाज़नीन की बेटी फ़ना से बात कर रही हूँ। फ़ना ने जवानी का मज़ा लेना शुरू तो कर दिया है लेकिन वह अभी पूरी आज़ादी से मज़ा ले नहीं पा रही है। अभी वह पूरी तरह बेशरम नहीं हुई है। कुछ कहीं डर, संकोच, झिझक बाकी है। जब तक यह सब दूर नहीं होगा तब तक उसे पूरा आनंद नहीं मिलेगा। पूरी तरह खुल कर एन्जॉय नहीं कर पायेगी। लड़की जब पूरी तरह खुलकर, बिना किसी लाज़ शर्म के उन्मुक्त होकर सेक्स करती है तभी उसे जवानी का असली मज़ा मिलता है, जैसे आजकल मेरी बेटी तमन्ना कर रही है। मैं यह बात समझ गयी की नाज़नीन जब तक अपनी बेटी को अपनी दोस्त का दर्ज़ा नहीं देगी तब तक उसका खुलना मुमकिन नहीं है। इसलिए अब मुझे नाज़नीन की गांड में उंगली करनी पड़ेगी। मैं दूसरे ही दिन उसके पास पहुँच गयी ।
- मैंने कहा अरी नाज़नीन क्या कर रही है तू भोसड़ी की ?
- वह बोली कोई खास तो नहीं कर रही हूँ यार ? बस यूं ही बैठी हुई टी वी देख रही थी।
- तो क्या ब्लू फिल्म देख रही है तू ? फ़ना नहीं दिखाई पड़ रही है कहीं ?
- वह अभी बाहर गयी है अपने दोस्तों के पास ?
- तो क्या तेरा भोसड़ा चुदाने का इंतज़ाम करने गयी है फ़ना ?
- कहाँ यार ? मैं तो जाने कबसे इंतज़ार कर रही हूँ की वह अपनी माँ का भोसड़ा चुदवाये ? पर सच है की वह अभी अपनी माँ नहीं चुदवाती ?
- क्यों नहीं चुदवाती ? अब तो वह जवान हो गयी है। और तुम दो ही लोग तो हो घर में। कब तक तुम एक दूसरे से छुप छुप कर लण्ड पकड़ती रहोगी ? कब तक उससे बचा बचा कर अपनी बुर चुदवाती रहोगी तुम ?
- मुझे तो लगता है की फ़ना अभी लण्ड ही नहीं पकड़ती ? वो तो बहुत शर्माती है बहन चोद ?
- तू भोसड़ी वाली क्या जाने की फ़ना क्या क्या करती है ? वह लण्ड पकड़ती भी है और लण्ड पीती भी है। तूने कभी उसके सामने सेक्स की बातें की हैं, कभी अपने मुंह से लण्ड, बुर, चूत, चूंची, गांड, चूतड़, सुनाया तूने उसे ? कभी उसको लण्ड पकड़ाया तूने ? नहीं ना ? कभी उसकी चूत के बारे में सोंचा है तूने ? अरी अब वह जवान हो गयी है उसे भी लण्ड चाहिए ?
- हां यार तू सच कह रही है पर क्या करूँ मैं ?
- तू ज़रा सोंच माँ की लौडीं जब तू इतनी बड़ी होकर उससे शर्मातीं है तो वह बिचारी तो शरमायेगी ही तुमसे ? पहले तू अपनी शर्म की माँ चोद फिर उसकी शर्म की माँ चोद ? बाकी सब ठीक हो जायेगा ?
इधर फ़ना मेरी बेटी तमन्ना से मिली और खूब ढेर सारी बातें करने लगी। मैं भी उन दोनों के साथ बैठ गयी। तमन्ना बोली फ़ना मैं भी पहले बिलकुल तुम्हारी ही तरह थी। मैं भी माँ चुदाने से बहुत शर्माती थी। लेकिन एक दिन कुछ ऐसा हुआ की मेरा मन ही बदल गया। मैं जिस मोहल्ले में पहले रहती थी वहां पास में एक मौलाना रहते थे। मैं उसके घर आने जाने लगी और इस तरह थोड़ी नजदीकियां बढ़ गयीं।
एक दिन मैं उसके पास बैठी थी तो वह अचानक बोला तमन्ना मेरे पास एक 'पेन ड्राइव' है उसमे कुछ फोटो हैं, तुम उन्हें मेरे लैपटॉप पर खोलकर एक फाइल में सेव कर दो क्योंकि मुझे कंप्यूटर चलाना ठीक से आता नहीं है। मैंने कहा हां अंकल मैं सेव कर दूँगी तुम मुझे पेन ड्राइव दे दो। मैंने उसे लैपटॉप पर लगा दिया। जैसे वह ऑन हुआ तो फोटो आना शुरू हो गयीं, पहली ३/४ फोटो तो ठीक ठाक निकल गयीं फिर एकदम से पूरे स्क्रीन पर एक बड़ा सा 'लण्ड' आ गया। उस टन टनाते हुए लण्ड की फोटो देख कर मेरे पूरे बदन में खलभली मच गयी। फिर अगली फोटो ने भी वही लण्ड लेकिन एक अलग पोज़ में ? तीसरी फोटो में एक बड़ा चिकने लण्ड का सुपाड़ा पूरे स्क्रीन पर देखा ? लण्ड वही था। मेरी तो चूत में बहन चोद लग गयी आग ? चौथी फोटो में वही बिना झांट का लण्ड चिकने पेल्हड़ के साथ ? मैं सोंचने लगी की यह है कौन भोसड़ी का जिसका लौड़ा इतना बड़ा और इतना मोटा है ? तब तक अंकल बोला बेटी तमन्ना फोटो आ गयीं न लैपटॉप पर ? मैंने कहा हां आ रही हैं अंकल ? मैं आगे बढ़ने लगी।
आगे मैंने जो देखा उससे तो मेरी चूत की आग भड़क उठी। मैंने उस आदमी की नंगी फोटो देखी जिसका लण्ड था। मैं फिर अपनी औकात पर आ गयी और बोली भोसड़ी के अंकल मादर चोद तेरी बिटिया की बुर साले अपने लण्ड की फोटो मुझे इस तरह दिखाता है ? सीधे सीधे अपना लण्ड दिखाने में तेरी गांड फटती है क्या ? वह बोला अरे तमन्ना तेरे पास गलत पेन ड्राइव चला गया। ला मुझे वह वापस कर दे ? मैं बोली अब तो मैं झांट वापस नहीं करूंगी। पूरा देख लूँ पहले फिर बताती हूँ तुझे बेटी चोद ? आगे मैंने देखा की एक लड़की उसका लण्ड पकडे हुए है और वह भी पूरी तरह नंगी है। फिर लड़की लण्ड चाटती हुई दिखाई पड़ी। अगली फोटो में एक औरत भी नंगी नंगी दिखायी पड़ी। अगली फोटो में वह लड़की लण्ड अपने हाथ से उस औरत के भोसड़ा में घुसाती हुई दिखाई पड़ी।
तब तक कमरे में एक मस्त जवान लड़की आ गयी। उसने मेरे हाथ में लैपटॉप देखा और उसमे फोटो देखी तो वह बोल पड़ी - अरे भोसड़ी के अब्बू, बहन चोद कौन सा पेन ड्राइव दे दिया है इसे ? उसने अपना हाथ अंकल की लुंगी में घुसा दिया और अंदर से खड़ा लण्ड निकाल कर बोली मादर चोद अब्बू इस तरह खोल कर क्यों नहीं दिखाता अपना लौड़ा ? मैंने जब उसका लौड़ा देखा तो मेरी सांस ऊपर की ऊपर और नीचे की नीचे रह गयी । वह बोली तमन्ना तू मेरे अब्बू का लण्ड खुद पकड़ कर देख ले। मेरा हाथ वाकई लण्ड पर चला गया।
तब उसने बताया की मेरा नाम हिना है और यह मेरा अब्बू है अब्दुल। इसे लड़कियां चोदने का बड़ा शौक है। बड़े मन से चोदता है लड़कियों की बुर और लड़कियों की माँ का भोसड़ा ? इस पेन ड्राइव में जो लड़की है वह शन्नो है मेरी दोस्त। वह मेरे अब्बू का लण्ड पकड़ कर अपनी माँ के भोसड़ा में पेल रही है। शन्नो को अपनी माँ चुदाने का बड़ा शौक है। मैं भी वहीँ थी तो शन्नो के कहने पर मैंने एक वीडियो बना लिया और फोटो भी खींच ली। जो लड़की मेरे अब्बू का लण्ड एक बार पकड़ लेती है वह अपनी बुर चुदवाती जरूर है और फिर अपनी माँ भोसड़ा भी चुदवाती है। यह अभी कल की ही चुदाई का पेन ड्राइव है। मुझे भी अंकल का लण्ड पसंद आ गया और मैंने फिर वहीँ चुदवाया। इतना बड़ा लौड़ा पहली बार मैंने अपनी चूत में पेला। दूसरे दिन मैने साफ़ साफ़ बड़ी बेशरमी से अपनी अम्मी को सच सच बता दिया तो वह खुद चुदवाने के लिए तैयार हो गयीं। मैंने उसी दिन अंकल से पहली बार अपनी माँ चुदवाई । उसके बाद तो फिर चुदाने का सिलसिला चालू हो गया। अब तो मैं आये दिन अपनी माँ चुदवाती रहती हूँ।
यह कहानी सुनकर फ़ना के मन में अपनी माँ चुदाने की तमन्ना जाग उठी।
आगे की कहानी अब आपको फ़ना खुद सुनायेगी:-
मैं तमन्ना के घर से बुरी तरह गरम होकर अपने घर आ गयी। रास्ते भर यही सोंचती रही की देखो तमन्ना अपनी माँ चुदवाकर कितनी खुश है ? उसकी अम्मी अपने सामने अपनी बेटी को मस्ती से चुदवाने देती है। दोनों मिलकर कैसे मजे से जवानी का मज़ा लूट रही हैं ? अगर मेरी अम्मी भी ऐसी ही हो जाएँ तो कितना मज़ा आ जाये ? मैं कमरे में दाखिल हुई तो मुझे अंदर से आवाजें सुनायीं पड़ी। कुछ आहट हुई तो अम्मी ने आवाज़ लगायी अरी फ़ना तू आ गयी बुर चोदी ? और देख जल्दी के अपने कपडे बदल कर आ जा मेरे कमरे में भोसड़ी वाली। मैं अम्मी के मुंह से पहली बार गाली सुन कर खुश भी हुई और हैरान भी हुई की अचानक अम्मी के व्यव्हार में इतनी तब्दीली कैसे हो गयी ? खैर, मैं कपडे बदल कर कमरे में घुसी तो देखा की अम्मी बिना कपड़ों के बैठी हैं। उसके बदन पर एक भी कपड़ा नहीं बल्कि उसके हाथ में एक टन टनाता हुआ लण्ड है ? मैं बोली हाय अल्ला, ये क्या हो रहा है अम्मी ? वह बोली अरी माँ की लौड़ी ले पहले यह जमाल अंकल का लौड़ा पकड़ फिर मैं बताती हूँ की क्या हो रहा है ?
मैंने लण्ड पकड़ लिया और आहिस्ते आहिस्ते हिलाने लगी। तब तक अम्मी ने पीछे से मेरे कपडे खोल कर अलग कर दिया बोलीं अरी फ़ना लण्ड पकड़ने का मज़ा कपडे खोल कर ही आता है। लण्ड जब लड़की की चूंची, चूत, गांड आदि देखता है तो और मस्ती में और सख्त हो जाता है तभी लण्ड पकड़ने में मज़ा आता है और चुदवाने में उससे ज्यादा ? अब तू सच सच बता तूने अभी तक कितने लण्ड पकडे हैं ? अब मैं समझ गयी की अम्मी को मालूम हो गया है की मैं लण्ड पकड़ती हूँ। इसलिए झूंठ बोलना ठीक नहीं है। मैंने कहा हां अम्मी मैं ३/४ लड़कों लण्ड पकड़ चुकी हूँ और उनका मुठ्ठ मार कर लण्ड पी भी चुकी हूँ। मेरी बात सुनकर अम्मी बोलीं शाबाश बेटी यह तुमने बहुत अच्छा किया। जवानी में लण्ड का मज़ा जरूर लेना चाहिए। अब तुम यह भी बता दो की क्या तूने कभी किसी लड़के से चुदवाया है ? मैंने कहा नहीं अम्मी कभी नहीं चुदवाया क्योंकि मुझे चुदवाने से बहुत डर लगता है। तब अम्मी ने कहा देखो फ़ना चुदवाने कोई बात नहीं है ? अब मैं तुम्हे बताऊँगी की कैसे चुदवाया जाता है ? अम्मी ने उसी दिन मुझे चुदाना भी सिखा दिया।
दो दिन बाद मैं अपने बॉय फ्रेंड को लेकर घर आ गयी। मैंने उसे अम्मी से मिलवाया। अम्मी भी खुश हो गयीं। हम तीनो बैठे हुए बातें करने लगी।
- इतने में वह बोला यार फ़ना तेरी अम्मी तो बहुत खूबसूरत है ?
- मैंने कहा हां हैं तो खूबसूरत ? तेरे लण्ड में सुरसुरी हो रही क्या, भोसड़ी के ? (मेरी बात सुनकर अम्मी बहुत खुश हुई और मुस्कराने लगी)
- तब तक वह भी खुल कर बोला हां फ़ना हो तो रही है सुरसुरी यार ?
- मैंने कहा तो फिर क्या तू मेरी माँ चोदेगा ?
- अगर तुम मौक़ा दोगी तो क्यों नहीं चोदूंगा ?
- बड़े हरामी हो मादर चोद ? तुझे बिलकुल शर्म नहीं आती मेरी माँ के बारे में ऐसा कहते हुए ?
- अच्छा ये बताओ तुम्हे शर्म क्यों नहीं आई जब तूने शमा की माँ के बारे में ऐसा ही कहा था ? तुम ही ने कहा था मुझे यार साहिर एक दिन शमा की माँ चोदो ?
- मैंने शमा को यह बात बताई तो उसने दूसरे ही दिन मुझसे अपनी माँ चुदवा ली. यह बात मैंने तुझे बता भी दिया था। अब जब मैं उसकी माँ चोद सकता हूँ तो तेरी माँ क्यों नहीं चोद सकता ?
तब तक सायरा आंटी का फोन आ गया वह बोली :- हाय, क्या कर रही है तू, भोसड़ी की फ़ना ?
मैंने जबाब दिया :- आंटी, मैं भोसड़ी की, माँ चुदा रही हूँ अपनी ?
आंटी बोली :- हाय दईया, तब तो मैं भी अभी आती हूँ । मैं तुझे अपनी माँ चुदवाते हुए देखूँगी।
०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=० समाप्त
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