Tuesday, December 2, 2014

बुर किसी और से चुदा लूंगी

                   
अबे भोसड़ी के तुझे मैंने पीछे से चोदने की इजाज़त दे दी तो तू जाने क्या करने लगा ?  कभी तू लौड़ा मेरी बुर में पेलता है कभी गांड में ? कभी

तेरा लण्ड मेरी बुर में नहीं घुस पाता तो सीधे मेरी जाँघों के बीच घुस जाता है . तुझे मादर चोद पीछे से चोदने की तमीज नहीं है क्या ?  न तू बुर चोद पाता है और न ही तेरा लण्ड ? क्या तू माँ का लौड़ा पहली बार किसी को पीछे से चोद रहा है ? क्या तूने कभी किसी की बुर पीछे से नहीं चोदी ?  किसी की गांड पीछे से नहीं मारी ? तू तो बिलकुल अनाडी लगता है यार मुझे . अब तू ही बता मैं बुर चुदवा कर मज़ा लूं की तुझे चोदना सिखाऊँ और गांड मारना सिखाऊँ ? तुझे पहले बताना चाहिए था की मुझे पीछे से चोदना नहीं आता ?  अच्छा ठीक है अब चल मेरे सामने आ जा मैं तेरा लण्ड चाटती हूँ, बुर मैं किसी और से चुदवा लूंगी।  
दोस्तों मेरा नाम है मिस रूचि। एक सच्ची बात बता रही हूँ आपको मुझे बड़ी मुश्किल से अपनी पसंद का लण्ड मिलता है . मैं छोटे मोटे लण्ड को तो घास नहीं डालती ? मुझे साले इतने छोटे लण्ड बहन चोद समझ में नहीं आते ? मैं तो बड़े बड़े घोड़े जैसे लण्ड की दीवानी हूँ . एक तो मुझे हर किसी का लौड़ा पसंद आता नहीं है और जब किसी का लौड़ा पसंद आ जाता है तो मैं उसे कभी छोड़ती नहीं ? फिर तो उस लण्ड का एक एक बूँद रस निचोड़ लेती हूँ मैं और निचोड़ लेती है मेरी बुर, बहन चोद ? 
मेरे पास ऐसे कई लण्ड है जिनसे मैं आये दिन चुदवाती हूँ . लण्ड पकड़ने की आदत मुझे 14 साल की उम्र में लग गयी थी . मैं एक बंगाली लड़की हूँ . मेरी चूंचियाँ मुझे बहुत परेशान करती है . पहले भी करती थी . मैं जब तेरा साल की थी तभी से मेरी चूंची बड़ी होने लगी थी . मेरे चूतड बड़े होने लगे थे . मेरी गांड मटकने लगी थी और मेरी झाटें निकलने लगी थी . 14 साल में आते आते मुझे लडको से बेहद लगाव होने लगा।  मैं लड़कों के लण्ड पर नज़र रखने लगी। 
एक दिन मैंने अपनी सहेली के मुह से लण्ड के बारे में खूब सुना . उसकी शादी हो गयी थी . वह अपनी सुहागरात में कई लौड़ों से चुदवा कर आयी थी . उसने बताया की लण्ड बुर कैसे चोदता है ? उसने मुझे अपने हसबैंड के लण्ड का साईज भी बताया और यह भी बताया की उसने किस तरह मेरी बुर में लण्ड पेला ? मेरी सहेली बुर चोदी बड़ी हरामी है . उसने अपनी सुहागरात में दो दो मर्दों से चुदवाया ? और अब वह बीवियों की अदला बदली में जाने लगी है .  मर्दों की भी अदला बदली बड़े धड़ल्ले से करने लगी है . गैर मर्दों से भकाभक चुदवाने लगी है .मैंने तभी सोच लिया की मैं भी इसी की तरह बनूगी  . मैं भी जब शादी करूंगी तो लण्ड देख कर शादी करूंगी नहीं तो लव मैरिज कर लूंगी  पहले लण्ड पकड़ कर देख लूंगी ? लण्ड का मुठ्ठ मार कर लण्ड पी कर देख लूंगी . जब मुझे लण्ड का साईज और लण्ड का स्वाद दोनों पसंद आयेंगे तभी मैं उससे शादी करूंगी . उसके बाद मैं अपनी सहेली की तरह मैं भी मर्दों की अदला बदली करूंगी और जवानी का पूरा पूरा मज़ा उठाऊंगी ? 
एक दिन मैं घर पर अकेली थी . अचानक मेरा फोन बज उठा . 
मैंने कहा :- हेलो रज्जो क्या हाल है री तेरा ? . 
उधर से आवाज़ आयी :- मेरे हाल तो ठीक है पर मेरी बहन चोद बुर के हाल बिगड़ रहे है ? 
मैंने कहा :- तू क्या बके जा रही है ? ठीक ठीक बता न ? 
उसने कहा :- यार मेरे अब्बा ने मेरी बुर का इंतजाम कर दिया है . मेरा निकाह होने वाला है . 
मैंने कहा :- तो फिर क्या मुबारक हो तुझे ? 
उसने कहा :- मुबारक तो भी तुझे हो रूचि ? 
मैंने कहा :- तू क्या कह रही है शादी तेरी है यार मेरी नहीं ?
उसने फिर कहा :- यार जानती हूँ पर तू भी मेरे साथ सुहागरात मनाएगी न ? 
मैंने कहा :- वो तो मैं मजाक कर रही थी . 
उसने कहा :- पर मैं मजाक नहीं कर रही हूँ . मैं बिना तेरे अपने मियां के लण्ड पर हाथ नहीं लगाऊंगी ? मेरे मियां के लण्ड पर तेरा भी हक है यार ? 
मैंने कहा :- यार पहले तू शादी कर फिर देखती हूँ ? 
वह बोली :-मैं देखती नहीं हूँ, ऐसा कहने से काम नहीं चलेगा ? मैं पेलूंगी तेरी बुर में अपने मियां का लण्ड ?  
जब उसका निकाह हुआ तो मैं बड़ी खुश थी . उसने मुझे अपने मियां से मिलवा भी दिया .  मैं पूरे समय उससे हंसी मजाक भी करती रही .  
दूसरे दिन रज्जो का फोन आ गया। 
रज्जो बोली :- यार आज है मेरी सुहागरात . आज तुझे होटल राज में दिन में 11 बजे आना है ? 
मैंने कहा :- अरे यार ऐसा न कर ? तू पहले मना ले अपनी सुहागरात।  मैं फिर बाद में मिलूंगी .
रज्जो बोली :- अच्छा, अब तेरी गांड फट रही है . मेरा मियां का लण्ड देखे बिना ही तेरी गांड फटने लगी . अरी सुन जब तेरी शादी होगी न तब मैं खुद तेरे से पहले पकड़ लूंगी तेरे हसबैंड का लण्ड ? अब चल आ जा मैं तेरा इंतज़ार कर रही हूँ . और हां सुन हम लोग दिन में मनाते है सुहागरात ?
मै उसके कहने पर चली गयी . उसने मुझे अपने मियां अकरम से फिर मिलवाया .  पहले तो खूब बातें हुई फिर थोडा व्हस्की का स्वाद लिया गया   थोडा नशा चढ़ने लगा . 
तब वह बोली :-  अब मैं ठीक से मिलवाती हूँ अपनी सहेली को ? देखो ये है मेरी बुर चोदी सहेली रूचि ? बड़ी नटखट है भोषडी वाली ? 
मैंने कहा :- और तू बहन चोद अपने बारे में क्यों नहीं बता रही है ? अरे मेरे जीजू ये है मेरी सबसे बड़ी ऐय्यास और चुदक्कड दोस्त जिसे कहते है रज्जो ?
अकरम बोला  :- भई मैं तुम दोनों सहेलियों के बीच में कुछ नहीं कह सकता ? 
रज्जो बोली :- हां मैं चुदक्कड़ हूँ पर आज मैं तेरी बुर चोदूंगी रूचि ?  मैं अपने मियां का लौड़ा अपनी चूत में नहीं तेरी चूत में पेलूँगी .  
मैंने कहा :- तू तो ऐसे कह रही है जैसे की तू पहले इसका लौड़ा पकड़ चुकी है . 
रज्जो बोली :- अरे यार मैं शादी के पहले इसका लण्ड पकड़ा ही नहीं बल्कि इससे चुदवा भी चुकी हूँ . जानती हो अकरम मेरे जीजू का दोस्त है . एक दिन मैं अपने जीजू से चुदवा रही थी . मुझे जीजू का लौड़ा पसंद आया . उस दिन मैंने मजाक मजाक में कह दिया जीजू मैं भी किसी ऐसे लड़के से शादी करूंगी जिसका लण्ड तेरे लण्ड जैसा हो . जीजू ने मेरी बात की गाँठ बाँध ली . एक दिन उसने मुझे अपने घर में बुलाया और मेरे कपडे उतार कर मेरी चूंचियाँ दबाने लगा . मैंने भी उसका लण्ड खोला और सहलाने लगी . लण्ड तुरंत ही खड़ा हो गया . मैं उसे हिला हिला कर मज़ा ले रही थी .
तब वह बोला :-   रज्जो तुमको ऐसे ही लण्ड वाला दूल्हा चाहिए न ? 
मैंने कहा :-  हां  
तब उसने कहा :- अच्छा तुम अपनी आँखे बंद करो . 
मैंने आँखे बंद कर ली ? तब फिर वह बोला रज्जो अब अपनी आँखे खोलो .  मैंने जैसे ही आँखे खोली मैंने देखा की मेरे सामने एक बड़ा लौड़ा टन टना रहा है . लौड़ा मुझे एक नज़र में ही भा गया . उसने कहा रज्जो यह है मेरा दोस्त अकरम और तेरा होने वाला दूल्हा ? बोलो इसका लौड़ा पसंद आया तुम्हे ? मैंने कहा हाय अल्ला, कितना मस्त है लण्ड ? कितना कड़क है लण्ड और कितना ऊपर से नीचे तक मोटा है बहन चोद ?  बड़ा प्यारा लग रहा है लण्ड ? मैं तो इसी से शादी करूंगी . बस मेरी शादी हो गयी . पर उस दिन मैंने उससे खूब चुदवाया .  मैंने दोनों से एक साथ चुदवाया . अब आज मेरी सुहागरात है पर यही लण्ड आज तेरी बुर पहले चोदेगा और मेरी बुर बाद में ?  
मैं उसकी कहानी सुनकर हंस पड़ी और कहा :-  तू भोषडी की है बहुत हरामी चीज ? मैं समझ गयी की तू आज मेरी चूत में अपने मियां का लण्ड पेल कर ही दम लेगी . 
रज्जो ने मेरे कपडे खोल दिए और मुझे नंगी कर दिया . वह तो पहले से ही नंगी थी . मुझे अपने हसबैंड का लौड़ा पकड़ा कर खुद मेरी चूत सहलाने लगी . चूत की झांटों पर हाथ फेरने लगी . वैसे मैं झांट बना कर रखती हूँ पर इत्तिफाक से एक हफ्ते से बनायी नहीं है .
रज्जो बोली यार तू चिंता न कर मेरे मियां को छोटी छोटी झांट वाली चूत बहुत पसंद है . मैं लण्ड को देखे चली जा रही थी . घुमा घुमा कर देख रही थी लण्ड ? बड़ा प्यार आ रहा था मुझे लण्ड पर ? फिर मैं लण्ड का सुपाडा चाटने में जुट गयी . मुझे अकरम का लण्ड और लण्ड का सुपाडा दोनों खूब मज़ा दे रहे थे . मेरी चूत में आग लग चुकी थी . अब तो वह भट्टी हो गयी . अकरम समझ गया की अब मैं ज्यादा देर तक नहीं रुक सकती . उसने मुझे नीचे लिटा दिया और भक्क से पेल दिया लण्ड ? अकरम दनादन्न चोदने लगा मेरी बुर ? रज्जो मेरी चूंचियाँ दबाने लगी और मैं उसकी बुर पर हाथ फेरने लगी . वह अपने मियां के पेल्हड़ भी सहला रही थी . बीच बीच ने उसका लण्ड मेरी बुर से निकाल कर चूस भी लेती थी . हम तीनो इस समय ज़न्नत का मज़ा लेने भी जुटी थी . 
उस दिन मुझे मालूम हुआ की कितना मज़ा आता है बुर चुदवाने में ?
दोस्तों, अगर आपका भी लण्ड इसी तरह चोदता है तो आप भी आ जाईये मेरी बुर चोदने ? 
उसके बाद मेरी चूत की आग और भड़क गयी . मुझे लण्ड की जरुरत हर दिन महसूस होने लगी . मैं भी बड़ी मादर चोद हूँ . मैंने लण्ड का इंतजाम कर ही लिया और आये दिन चुदाने लगी बुर  . कभी घर में कभी बाहर कभी किसी होटल में और कभी ट्रेन में भी . मैं लण्ड पकड़ने का कोई मौका नहीं छोड़ती ? एक दिन क्या हुआ मेरे बॉय फ्रेंड बसंत ने कहा यार रूचि एक मेरा दोस्त है मोहन उसे बुर चोदने की बड़ी इच्छा है मैं चाहता हूँ की तुम उससे चुदवा लो प्लीज . मैं उसका कहना मान गयी और आज वह मेरे घर आया और अपनी बात कह दी .
मैंने कहा हां ठीक है मैं बसंत की गर्ल फ्रेंड हूँ और उससे अक्सर चुदवाती रहती हूँ . उसने आज तुम्हे भेजा है मुझे चोदने के लिए तो आओ पहले थोडा व्हिस्की पी लो फिर चोदो तो ज्यादा मज़ा आएगा ? हम दोनों शराब पीने लगे . मैंने धीरे धीरे करके अपने सारे कपडे खोल डाले मैं मादर चोद नंगी हो गयी उसके आगे . फिर मैंने उसे नंगा किया . उसका लौड़ा पकड़ कर हिलाया तो लौड़ा खड़ा हो गया . मुझे लौड़ा पसंद आया और मैं लण्ड चाटने लगी . लण्ड वास्तव में बड़ा स्वादिस्ट था . फिर मैंने कहा चलो तुम पहले मुझे पीछे से चोदो .
उसे चोदने में परेशानी हो रही थी. उसे बुर चोदने का अनुभव नहीं था, वह ठीक से चोद नहीं पा रहा था। तब मैंने कहा अच्छा तू भोसड़ी का अपना लण्ड खड़ा करके नीचे लेट जा ? मैं चोदूंगी तेरा लण्ड और तुझे सिखाऊंगी की कैसे चोदी जाती है बुर ? मैं उसके ऊपर चढ़ बैठी और झुक कर मर्दों की तरह चोदने लगी उसका लण्ड।  उसे आने लगा मज़ा ? फिर मैंने कहा देख मोहन  नीचे लेटती  मेरी चूत में लौड़ा घुसा कर इसी चोद ? वह वाकई चोदने लगा ?  उसे पीछे चोदने में दिक्कत हो रही थी तब मैंने कहा ठीक है तू आगे चोद ले ? मैं पीछे से बुर किसी और से चुदवा लूंगी क्योंकि मुझे कुतिया की तरह पीछे से चुदवाना बड़ा अच्छा लगता है।  एक दिन रज्जो का फोन आया बोली अरी रूचि सुन अब मैं अपनी माँ चुदवाती हूँ। मैंने कल ही अपने मियां का लौड़ा अपनी माँ के भोसड़ा में घुसा दिया। जानती हो क्यों ?
हुआ यह की मेरी अम्मी ने कहा रज्जो आज तू मेरे जीजा से चुदवा ले भोसड़ी की ? मैं जानती हूँ की मेरी अम्मी अपने जीजू से चुदवाती है।  मैं भी मूड में थी। मैंने कहा ठीक है अम्मी मैं चुदवा लूंगी तो फिर मेरा खालू साला मेरे सामने नंगा होकर खड़ा हो गया। मैंने उसका लण्ड पकड़ लिया।  तब अम्मी ने मेरे मियां के लण्ड पर हाथ रख दिया। फिर मैं और बेशरम हो गयी ? मैंने कहा हाय अल्ला, तो बुर चोदी अम्मी मेरे मरद से अपना भोसड़ा चुदवायेगी ? आजा इधर मैं ही पेलती हूँ  अपने मियां का लण्ड तेरे भोसड़ा में ?  फिर मैं चुदाने लगी अपनी माँ।   
मैंने कहा :- यार रज्जो अब तो मेरा भी मन हो रहा है अपनी माँ चुदाने का ?
वह बोली :- पहले तू मेरे पास आ जा।  मैं तुझे सिखा दूँगी की माँ कैसे चुदाई जाती है ? अब तो मैं अपनी माँ कई मर्दों से चुदवाने लगी हूँ।  
मैंने कहा :- तो फिर तू भी बहन चोद चुदवाती होती उन लोगों से ?
वह बोली :- हां यही तो फायदा है माँ चुदाने का ?
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