Sunday, May 11, 2014

ठोंक दो पूरा लण्ड अंकल

अरे सोंच क्या रहा है इतनी देर से तू भोसड़ी का अंकल, ठोंक दो पूरा लण्ड मेरी मौसी के भोसड़ा में ? यह किसी लड़की की छोटी मोटी चूत नहीं है अंकल,
यह है मेरी मौसी का भोसड़ा ? इसमें तेरे जैसा लण्ड जब पूरा का पूरा घुस कर चोदता है तभी इस भोसड़ी वाली को मज़ा आता है। इसमें जीजा के जैसे लण्ड बहन चोद गोता लगाया करते है ? और जानते हो अंकल,  मौसी आज से नहीं जाने कबसे चुदवा रही है अपना भोसड़ा ? रोज़ दो चार लण्ड से जब तक चुदवा नहीं लेती है मेरी बुर चोदी मौसी तब तक इसे नींद नहीं आती ? मेरी बात सुन कर माइकल अंकल लण्ड में जोश आ गया।   वह साला फूल कर और गुर्राने लगा। लण्ड का माथा कुतुबमीनार की तरह हिलाने लगा।  मैं उसका टन टनाता हुआ लौड़ा देख कर खुश हो रही थी।  इतने में उसने लौड़ा मौसी के भोसड़ा पे टिका दिया और  गांड से जोर लगा कर एक धक्का मारा तो लौड़ा घुस गया गप्प से मौसी के भोसड़ा में ? अंकल मस्त होकर चोदने लगा भोसड़ा ? मैं मस्ती से अपनी मौसी का चुद्ता हुआ भोसड़ा देखने लगी।
इतने में आंटी नशे में झूमती हुई मेरे मौसा सायरस से बोली :- माँ लौड़ा सायरस तू देख रहा है की रूबी बुर चोदी कैसे तेरी बीवी का भोसड़ा मेरे हसबैंड से चुदवा रही है। तेरी बीवी भी बहन चोद अपनी गांड उठा उठा के चुदवाने में मस्त हो रही है। साले मादर चोद तेरा लौड़ा क्या घास चरने गया है भोसड़ा के ? निकाल अपना लण्ड और ठोंक दे रूबी की चूत में ? जब तक इसकी बुर का मुंह बंद नहीं होगा तब तक इसका मुंह बंद नहीं होगा ?
बस सायरस मादर चोद उठा और मुझे अपनी खींच कर मेरे कपडे उतार कर मुझे नंगी कर दिया फिर अपने कपडे उतार कर लौड़ा मेरे मुंह में घुसेड़ दिया।  मौसा का लण्ड चूसने में मुझे मज़ा आने लगा  . थोड़ी देर में उसने वाकई घुसा दिया लण्ड चूत में ? मैं भी रंडी की चुदवाने लगी। 
उधर मौसी की नशे में लड़खड़ाती हुई आवाज़ में बोली :- अरे भोसड़ी के रॉबर्ट तुम अपनी बीवी की बुर चुदते हुए देख रहे हो और तेरी गांड में कोई दर्द नहीं हो रहा है ?  तेरे पास लण्ड है की नहीं ? या फिर किसी की बुर में गुसेड कर तू भूल आया है बहन चोद अपना लौड़ा ? तेरी बीवी चुद रही है और तेरा लौड़ा साला आराम कर रहा है।  तुझे लिसा का भोसड़ा दिखाई नहीं पड़ता क्या ? अरे बाबा ठोंक दे न अपना लण्ड लिसा के भोसड़ा में और ले ले अपनी बीवी चोदने का बदला ? तेरा लौड़ा खड़ा न हो तो इधर आ मेरे मैं खड़ा कर देती हूँ तेरा लण्ड ?
बस मेरे हसबैंड ने लिसा आंटी को अपनी तरफ घसीट लिया उसके बदन सिर्फ पेटीकोट ही था।  उसे खोल कर रॉबर्ट ने उसकी बड़ी बड़ी चूंचियां पीना शुरू किया।  इतने में आंटी ने उसकी पेंट खोल दी।  उसने चड्ढी नहीं पहनी थी।  पेंट खुलते ही लौड़ा सीधे टन टनाता हुआ उसके हाथ में गया।  वह बोली वाओ, कितना मोटा तगड़ा लण्ड है तेरे हसबैंड का रूबी ? आंटी चाटने लगी लण्ड ? थोड़ी देर में उसने आंटी के भोसड़ा में ठोंक दिया लण्ड और चोदने लगा भकाभक भोसड़ा ?
इस तरह हम तीनो मैं, मेरी मौसी और मेरी आंटी एक दूसरे के हसबैंड से चुदवाने लगी। 
माइकल अंकल मेरे पड़ोस में रहते है। मैं उसके घर खूब आती जाती हूँ।  उसकी बीवी लिसा आंटी से हमारी बहुत अच्छी दोस्ती है। ४५ साल क अंकल बड़े हैण्डम, स्मार्ट और तगड़े तंदुरुस्त आदमी है। खूब गोरे चिट्टे है और मस्त बातें करते है।  लड़कियों से और दूसरों की बीवियों से खुल कर सेक्सी बातें करने के शौक़ीन है।  इसमें उसका साथ उसकी बीवी लिसा आंटी भी देती है।  लिसा आंटी कुछ कम नहीं है।  उसे भी लोगों की माँ बहन चोदने में खूब मज़ा आता है। मैं अपने हसबैंड रॉबर्ट के साथ जब उसके घर जाती हूँ तो दारू पीते हुए खूब गन्दी गन्दी बातें होती है।  अश्लील खुल्लम खुल्ला बातें होती है।  बड़ा मज़ा आता है। न हमको कोई शर्म आती है बहन चोद और न उनको कोई शर्म ?
मेरा हूँ मिसेज रूबी ३० साल की राबर्ट की मद मस्त बीवी ? हम दोनों भी आंटी अंकल की तरह खुला जीवन जीते है और खूब एन्जॉय करते है ? मैं अपनी मौसी मिसेज लीना के साथ रहती हूँ।  मौसा मिस्टर सायरस है।  मौसा ४० साल का और मौसी ३५ साल की है।  हम उम्र होने के नाते हम दोनों में दोस्ती है।  मौसी मुझे अपनी सहेली समझती है और मैं उन्हें सहेली के रूप में ही देखती हूँ।  मेरे मौसी मौसा दोनों माइकल अंकल और लिसा आंटी से अच्छी तरह परिचित है। ये दोनों भी अंकल आंटी से वैसे ही बातें करते है जैसे हम लोग उनसे करते है।  कभी कभी जब तीनो कपल साथ मिलते है तो खूब मज़ा आता है। हमारे समाज में दारू पीना, डांस करना और सेक्स करना एक आम बात है जिसका फायदा सब लोग उठाते है। 
बात उन दिनों की है जब मैं मौसी के घर पी जी की पढ़ाई करने आयी थी। मैं २३ साल की मस्त जवान लड़की थी। मुझे शराब पीना और डांस करना अच्छा लगता था । में कॉलेज बड़ी मशहूर थी। एक दिन क्लास में मेरी मेम ने पूंछा रूबी तू इतनी देर से हॉस्टल में क्या कर रही थी ? मेरे मुंह से एकदम से निकला - माँ चुदा रही थी मेम ?  सारा क्लास खिलखिला कर हंस पड़ा ? मेम भी हंस पड़ी ? मेम बोली रूबी एक बार फिर बताओ की तू क्या कर रही थी हॉस्टल में ? मैंने फिर जबाब दिया - बताया न मेम,  माँ चुदा रही थी अपनी ?  एक बात फिर ठहाका लगा क्लास में तब से मैं पूरे कॉलेज में मशहूर हो गयी।  लोग मुझे माँ चुदाने वाली लड़की के नाम से जानने लगे ? मैं क्लास के बाहर बिंदास गालियां देने लगी।  मैंने ये देखा की लड़के मेरी गालियां सुनने के लिए कॉलेज जरूर आते थे। एक दिन मैंने एक लड़को को बुलाया और कहा ?
  • बोल भोसड़ी का कहाँ से आया है तू ?
  • सहारनपर से आया हूँ मैं 
  • तू झूंठ बोल रहा है बहन चोद सही सही बता कहाँ से आया है तू ? (सारे लड़के घेरा बना कर खड़े हुए थे )  
  • बताया न की मैं सहारनपुर से आया हूँ। 
  • नहीं, तू सहारनपुर से नहीं, अपनी माँ की बुर से आया है तू ? (सब लड़के खिलखिला कर हंस पड़े ? ) अच्छा बता यहाँ तू अपनी गांड मराने आया है की अपनी माँ चुदाने आया है ?  
  • नहीं यार मैं तो पढ़ाई करने आया हूँ ? कुछ सीखने आया हूँ ?
  • चुदाई सीखने आया है तू यहाँ ? लण्ड खड़ा होता है तेरा ? (इस बात पर लड़के खूब हँसे )
  • हां हां सब होता है लेकिन मुझे ये सब नहीं सीखना है ?
  • तो क्या झांट बनाने आया है तू बहन का लौड़ा ? ले ये मेरी भी झांटें बना दे (मैंने अपनी जींस की दो बटन खोल कर अपनी छोटी छोटी झांटें दिखा दी ) सब लड़कों ने खूब तालियां बजाई ।   
तब तक उधर से प्रिंसिपल सर आ गए तो सब के सब भाग खड़े हुए ? मेरी इंग्लिश कुछ वीक थी, मुझे मालूम हुआ की माइकल सर इंग्लिश घर पर पढ़ाते है। मैं एक दिन उसके घर चली गयी ।  उसका घर मेरे घर के नजदीक ही था। मैं जैंसे ही पहुंची तो
  • उसने हंस कर कहा वाओ, तुम चुदाने वाली लड़की हो ?
  • मैंने भी हंस कर कहा हां सर आप सही कह रहे है ? सर मैं आपसे इंग्लिश पढ़ने आयी हूँ। 
  • वाओ, ये बहुत अच्छा है मैं तुम्हे पढ़ा दूंगा ?
  • आप क्या अकेले ही रहते है सर ?
  • हां फिलहाल अकेला हूँ।  अभी मेरी वाईफ नहीं है वह एक साल बाद आएगी ?
बस मैं उसके पास शाम को पढने जाने लगी । मुझे उसका स्वाभाव बहुत अच्छा लगा। बहुत प्यारी प्यारी बातें करते थे अंकल , मैं उससे बहुत प्रभावित हो गयी। मेरी नज़र उसके सेक्सी बदन पर रहती थी। उसकी चौड़ी छाती उस पर घने बाल अच्छे लगते थे मुझे ? वह अक्सर मुझे नंगे बदन और शराब पी कर ही पढ़ाते थे।  मैं भी उसके साथ शराब पीने लगी।  एक दिन कुछ ज्यादा ही शराब हो गयी। मुझे मस्ती आने लगी ?  मुझे शरारत सूझी ?  मैं गन्दी गन्दी बातें करने लगी ?
मैं बोली - भोसड़ी के अंकल घर पे अकेले क्या करते रहते हो ?  क्या गांड मराया करते हो अपनी ?
वह बोला - रूबी मुझे गांड मारने / मराने में मज़ा नहीं आता ? इसलिए मैं किसी की गांड नहीं मारता ?
मैं बोली - तो क्या माँ चुदाया करता है तू अपनी मादर चोद ? (वह मेरी गालियां बहुत एन्जॉय कर रहा था )
वह बोला - माँ तो है ही नहीं तो चुदाऊँगा क्या ?
मैं बोली - तो क्या फिर अपने लण्ड का मुठ्ठ मारा करता है तू बहन चोद ?
वह बोला :-हां अब सही कहा तुमने रूबी ? बस मैं अकेले बैठा हुआ मुठ्ठ मारा करता हूँ ?
मैं बोली - आज मैं मारूंगी तेरे लण्ड का मुठ्ठ ? ला पकड़ा मुझे अपना ये भोसड़ी वाला लण्ड ?
और मैं इतना कह कर उसका बारबूडा खोलने लगी। उसके मुंह से निकला रूबी पहले अपनी खोलो फिर मेरा खोला ?  इतने में मैं अपने कपडे उतारने लगी।  मेरी बड़ी बड़ी नंगी चूंचियां देख कर वह आहें भरने लगा ? और जब मैंने अपनी चूत खोली तब तो उसके होश उड़ गए। वह बोला रूबी तुम कितनी खूबसूरत हो ?  क्या मस्त चूंचियां है तेरी, क्या मस्त चूत है तेरी ? क्या मस्त और सेक्सी गांड है तेरी ? मैं बोली अब तो साले अपना खोल के दिखाओ लण्ड ?  मैंने उसका बारबूडा नीचे खींच दिया उसका लौड़ा साला टन्ना कर सांप के फ़न की तरह मेरे सामने खड़ा हो गया।  मैं बोली बाप रे बाप इतना बड़ा लण्ड अंकल ? इतना मोटा लण्ड अंकल ? इतना खूखार लण्ड है तेरा भोसड़ी वाले, अंकल ? अभी तक इसे छुपाकर क्यों रखा माँ के लौड़े ? मुझे पहले क्यों नहीं पकड़ाया ? बस मैं लण्ड चाटने लगी।  वह मेरा पूरा बदन सहलाने लगा। 
वह पहला दिन था जब मैंने उसके लण्ड का मुठ्ठ मारा और सारा का सारा वीर्य मुंह में गिरवाकर खूब पिया लण्ड ?
उसके बाद तो पढ़ना लिखना गया एक कोने में ? मैं सर के घर जाती, खूब उसके साथ शराब पीती, उसके कपडे खोल कर उसे नंगा कर देती, वह मुझे नंगी कर देता, खूब अश्लील और गन्दी गन्दी बातें करती, लण्ड पकड़ कर हिलाती झुलाती, लण्ड चाट चूस कर मुठ्ठ मारती और फिर झड़ता हुआ लण्ड पीकर वापस चली जाती ? हर दिन बस यही होता रहता।  मैं जवानी में लण्ड का मज़ा लेने लगी और एक दिन मैंने लण्ड अपनी चूत में पेलवा लिया।  पहले तो हुआ थोड़ा दर्द हुआ लेकिन बाद चुदाने में जो मज़ा आया उसका बयान करना नामुमकिन है।  मैं जाती और सर  से अक्सर चुदवाकर चली आती ?
मैं लीना मौसी के साथ रहती थी।  उससे खूब घुली मिली थी। लेकिन उससे न तो अश्लील बातें करती थी औ न ही गाली गलौज ।   एक दिन मैं कॉलेज से जल्दी आ गयी और धीरे से अपने कमरे में चली गयी।  मैंने अपने कपडे बदले और धीरे धीरे ऊपर से उत्तर रही थी तभी मौसी के कमरे से कुछ कुलबुलाहट की आवाज़ें मुझे सुनायी पड़ी ।  मैं सोंचा की मौसा तो बाहर टूर पे गया है तो यहाँ कौन है मौसी के कमरे में मैं पहले थोड़ा कान लगा कर बातें सुनने लगी। मुझे सुनायी पड़ा ,,,,,,,,,,,,,,,,,?
आज तो तेरा लण्ड भोसड़ी का कुछ ज्यादा मोटा लग रहा है (आवाज़ तो मेरी मौसी जी ही है पर लण्ड किसका है ? ) - अरे भाभी तेरे हाथ में जाकर साला मोटा हो ही जाता है  -  और इस तेरे दोस्त का लण्ड तो साला  बढ़ता ही जा रहा है - (मैं समझ गयी की अंदर दो दो लण्ड है ) मेरी लण्ड देखने की इच्छा बढ़ गयी ।  मैं खिड़की से झांक कर अंदर देखने लगी।  देखते ही मेरी चूत में आग लग गयी।  मैंने देखा की मौसी एक लण्ड मुंह में लिए हुए चूस रही है और दूसरे लण्ड पर बैठी हुई अपना भोसड़ा चुदवा रही है। - हाय गोपी अब तुम पेलो लण्ड मेरी बुर में सल्लू का लण्ड चूसती हूँ।  मौसी चित लेटी हुई लण्ड पीते हुए चुदवाने लगी।  अचानक उसकी नज़र मेरी नज़र से टकरा गयी। 
वह बोली :-  हाय दईया, तू बुर चोदी रूबी छुप छुप कर क्यों देख रही है मेरी चुदाई ? आ इधर आ मेरे माँ की लौड़ी ?
उसने मुझे अंदर बुला लिया।  मैं जैसे ही अंदर घुसी तो वह बोली ले भोसड़ी वाली पकड़ मेरे दोस्त का लण्ड ? इतनी बड़ी बड़ी चूंचियां लिए घूमती है तू, मोटी मोटी जांघे और बड़ी सी गांड लिए घूमती है तू मैं जान गयी हूँ तुझे लण्ड की जरुरत है बहन चोद ?
मैंने लण्ड पकड़ा तो मौसी ने मेरे सारे कपडे खोल कर फेंक दिया और मैं भी उसी की तरह नंगी हो गयी।  मुझे नंगी द्देख कर दोनों लण्ड साले और टन्ना उठे ? मौसी बोली रूबी आज मैं तेरी बुर चुदवाऊँगी ? आज मैं तेरी बुर में एक एक करके दोनों लण्ड पेलूँगी ? आज मैं तुझे जवानी का असली मज़ा लेने दूँगी।  जैसे मैं ले रही हूँ।  देखो मैं झांट किसी की परवाह नहीं करती ? दुनिया को अपनी चूत के रखती हूँ ? जिसका लण्ड पसंद आता है उसे अपनी बुर में घुसा लेती हूँ।  मैंने कहा तो मौसा जी कुछ नहीं कहते ? वह बोली तेरे मौसा की माँ की चूत ? वो भी तो भोसड़ी वाला दूसरों की बीवियां चोदता है।  गॉड ने उसका लौड़ा बड़ा मोटा और लंबा बनाया है। सबकी बीवियां बहन चोद उसका लण्ड पिया करती है।  मैं इसीलिए तो पराये मर्दों से चुदवाने लगी रूबी ? अब तो मुझे इतना मज़ा आत है की मैं अपने हसबैंड का लण्ड ही भूल गयी।  अब मेरा मन मौसा का लण्ड पकड़ने का हो गया। मैं सल्लू का लौड़ा मुंह में लेकर चूसने लगी, गोपी मेरी चूत चाटने लगी और मौसी उसका लण्ड चाटने लगी।  उस दिन मौसी ने मुझे सिखाया की कैसे दो दो लण्ड से चुदवाई जाती है चूत ? उसने खुद भी चुदवा कर बताया और तबसे मैं मौसी को दिलो जान से चाहने लगी। 
मैं जब पढ़ाई पूरी करने के बाद अपने घर वापस गयी तो मेरी शादी को गयी।  मेरा हसबैंड रॉबर्ट बंगलोर में था तो मैं यहाँ चली गयी। अभी २/३ महीने पहले मेरा ट्रांसफर दिल्ली हो गया तो मैं मौसी के साथ दिल्ली में उसी घर में रहने लगी जहाँ पहले रहती थी।
मेरे दिमाग में पुरानी यादें फिर ताज़ा हो गयीं।  मुझे माइकल सर का लण्ड याद आने लगा। आंटी को कभी मैंने कभी देखा नहीं था  मिलने की इच्छा बढ़ गयी।  इधर मेरे अंदर मौसा का लौड़ा पकड़ने की इच्छा बढ़ने लगी। मैं हर रोज़ किसी न किसी  तरह से उसका लण्ड देखना चाहती थी। एक दिन इत्तिफ़ाक़ से महफ़िल जम गयी।  मैं और मेरा हसबैंड रॉबर्ट, मौसी और उसका हसबैंड सायरस चारों बैठ कर व्हिस्की पीने लगे।
अचानक मौसी अपना ब्लाउज़ उतारते हुए बोली :- वाओ, आज कितनी गर्मी है यार ?  मुझे तो एक भी कपड़ा बर्दास्त नहीं हो रहा है बदन पर ?
मैंने जबाब दिया :- तो उतार कर फेंक क्यों नहीं देती कपडे ? मेरी भोसड़ी की मौसी ?
उसने कहा :- रूबी क्या तुम्हे गर्मी नहीं लग रही है ?  मुझे तो ऊपर से भी और नीछे से भी गर्मी लग रहा है यार ?
मैंने कहा :- अच्छा नीचे तो तेरे भोसड़ा की गर्मी है मौसी ? इसका मतलब तेरा भोसड़ा जल रहा है ?
उसने जबाब दिया :- गर्मी तो तेरी चूत में भी है बुर चोदी रूबी ?
 मैं उठी और अपने कपडे  खोलने लगी।  मैं एक ब्रा और पैंटी में आ गयी।  मौसा मुझे ललचाई आँखों से देखने लगा।  उधर तब तक मौसी ने अपनी चूंचियां ही खोल दी सबके सामने ? मेरा हसबैंड तो अपने होंठ चाटने लगा मौसी की चूंचियां देख कर ? मेरे मुंह से निकला यार रॉबर्ट अपने होंठ क्यों चाट रहे हो मौसी की चूंची चाटो न ? मौसी ने फ़ौरन मेरी बात पकड़ी और बोली रूबी देख माँ की लौड़ी मैं तेरे हसबैंड को अपनी चूंचियां तब चटाऊंगी जब तू मेरे हसबैंड का लण्ड चाटेगी ?
मैं बोली :- अरे मौसी मैं तो तैयार ही बैठी हूँ मौसा का लौड़ा चाटने के लिए ?
अब मैं उठी और उसकी पेंट खोलने लगी।  आखिर में जब मैंने चड्ढी खोली तो लौड़ा साला उछल कर मेरे सामने आ गया।  मैं बोली वाओ, बड़ा मस्त लौड़ा है मौसी ? बड़ा शानदार है भोसड़ी का ? मैं बहुत दिनों से इसे पकड़ना चाहती थी।  लण्ड और बढ़ गया।  तब मैंने कहा हां मौसी तुम सही कह रही थी।  इसका लौड़ा इतना प्यारा मोटा और खूबसूरत है की इसे पी जाने का मन करता है।  सारी बीवियां बहन चोद इसीलिए इसका लण्ड पीती है।  तब तक मौसी भी मेरे हसबैंड का लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी। 
वह बोली :- रूबी तेरे हसबैंड का लौड़ा भी बड़ा दमदार है साला ? आज मुझे आएगा मज़ा अपना भोसड़ा चुदवाने में ?  हम चारों लोग नशे थे।  मौसी ने मुझे आँख मारी और मेरे हसबैंड का लण्ड पकडे पकडे बेड रूम में चली गयी उसके पीछे पीछे मैं भी मौसा का लौड़ा पकडे हुए उसी रूम में आ गयी। मौसी के बगल में मैं लेट गयी। मौसा मेरे ऊपर चढ़ बैठा और मेरा हसबैंड मौसी के ऊपर ? मैं मस्त होकर मौसा से चुदवाने लगी और मौसी मेरे हसबैंड से चुदवाने लगी। अपने हसबैंड के सामने किसी और के हसबैंड से चुदवाने के वाकई बड़ा मज़ा आता है। इसी तरह मर्दों को भी अपनी बीवी के सामने किसी और की बीवी चोदने में मज़ा आता है।
चुदाने के बाद मैंने कहा :- मौसी,  एक दिन माइकल सर से चुदवाने का प्रोग्राम रखो ? सुना है की उसकी बीवी आ गयी है। वह भी मस्ती से पराये मर्दों से चुदवाती है।  तब हमने एक ग्रुप सेक्स का प्लान बनाया ?
दोस्तों, आपने जो ऊपर पढ़ा वही हमारा प्लान था।  जिसमे मैं मौसा से चुदवा रही हूँ ? मौसी माइकल अंकल से चुदवा रही है ? और आंटी मेरे हसबैंड रॉबर्ट से चुदवा रही है।    दूसरी पारी में पार्टनर बदल गये।  मैंने माइकल अंकल का लण्ड  अपनी चूत में घुसा कर चुदवाने लगी।   मौसी ने मेरे हसबैंड लण्ड पर धावा बोल दिया। पहल तो उसे खूब चूमा चाटा और बाद में घुसेड़ लिया अपने भोसड़ा में ? लीसा आंटी ने भी मौसा के लण्ड पर हमला बोला। उसे चूस कर अपने भोसड़ा में पेल लिया।  हम तीनो मस्ती से चुदवाने एक दूसरे के हसबैंड से ? 
हमें आगे चल कर कई कपल मिल गये और हमारा ग्रुप सेक्स का काफिला बढ़ता गया। सारे मरद भोसड़ी वाले दूसरों की बीवियों की बुर में ठोंकते है लण्ड और बीवियां पराये मर्दों से दनादन्न ठोंकवाती है लण्ड ?

-०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०-०=० समाप्त                   
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