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इसी लण्ड से तेरी बुर चोदूंगी, मौसी |
उसने डर के मारे अपना लौड़ा बाहर खींच लिया तो भी तू उसके ऊपर चढ़ बैठी थी मौसी ? तूने कहा - अबे साले माँ के लौड़े तेरी बिटिया की बुर, कुत्ते साले तुझे यह भी नहीं मालूम की जब लौड़ा एक बार पूरा घुस जाता है तो फिर बार बार गपागप घुसाते रहना चाहिए लण्ड ? अब तू अपना लण्ड मेरी बुर ने निकाल कर अपनी माँ चुदा रहा है क्या खड़े खड़े ? भोसड़ी के लौड़ा पेल कर जल्दी जल्दी चोद मेरी चूत ? पूरा का पूरा लौड़ा घुसेड़ दे अंदर और फिर पूरा का पूरा लौड़ा निकाल ले बाहर ? इसी तरह बार बार और जल्दी जल्दी करता रह बिना रुके ? आज मैं तुझे बताऊँगी कैसे चोदी जाती है बुर ? बिलकुल पिस्टन की तरह मेरी बुर में अंदर बाहर करता जा अपना लण्ड ?
हां हां शाबाश, इसी को कहते है बुर चोदना ? हां बस अपनी गांड से जोर लगा लगा के इसी तरह चोदता जा मेरी बुर ? और देख मेरी भतीजी पूजा है न जिससे तुम सबेरे मिल चुके हो उसकी भी बुर इसी तरह रात भर चोदना ? वह भी तुमसे मस्त हो के चुदवायेगी मेरी तरह ? हा हां और चोदो, अपनी बीवी की तरह चोदो मुझे, मैं तेरी रंडी हूँ यार मुझे चोदो मेरी माँ चोदो साले मेरी बिटिया की बुर चोदो ? पूजा की बुर चोदो, बहन चोद ? हां हां भकाभक चोदो ? सटासट चोदो ? झमाझम चोदो ? फाड़ डालो मेरी बुर चोदी चूत ? चीथड़े उड़ा दो मेरी चूत के आज ? खूब हचक हचक के चोदो मेरे राजा ? आज तेरा लौड़ा ज्यादा ही खूंखार है। बहुत बढ़िया चोद रहा है। आज अभी अगर पूजा यहाँ होती तो उसे मेरी चुदती हुई बुर देखने में कितना मज़ा आता ? वह भी चुदवा लेती तो कितना मज़ा आता ? पता नहीं भोसड़ी की कहाँ अपनी माँ चुदा रही है, पूजा ?
मौसी, तेरी प्यारी प्यारी सेक्सी बातें सुनकर मैं अपने आप को रोक नहीं सकी और कमरे में घुसते ही हुई बोली नहीं मौसी मैं यही हूँ। मैं अपनी माँ नहीं चुदा रही हूँ ? मैं अपनी मौसी की बुर चुदा रही हूँ। आज तो मेरी मौसी की बुर भोसड़ा बन जाएगी बहन चोद ? तब तक तुमने मुझे अपनी तरफ खींच लिया और बोली पूजा तू अपने कपडे खोल कर नंगी नंगी आजा मेरे पास ? मैं जैसे ही कपडे उतार कर तेरे पास गयी तो तूने लण्ड मेरे मुंह में घुसा दिया और बोली ले भोसड़ी की पूजा पहले थोड़ा लण्ड चूस ले फिर मैं चोदूंगी तेरी बुर ? तब तक मेरी चूत में बुरी तरह आग लग चुकी थी। मैं लण्ड चूसने लगी।
मौसी बोली पूजा यह बता जब तू छुप कर मुझे देख रही थी तो फिर आ क्यों नहीं गयी ? मुझसे क्या शर्म ? मैं तो और खुश हो जाती ? मैंने कहा अरे मौसी मैंने जब एक मस्त लौड़ा देखा, एक मस्त चूत देखी तो मेरे मन में आया की मैं यही बैठ कर तेरी चुदाई का मज़ा लूँ ? पर जब लौड़ा पूरा तेरी चूत में घुसा और जब तेरी प्यारी प्यारी गालियां मैंने सुनी और सबसे ज्यादा जब तुमने मुझे याद किया की पूजा अगर होती तो वह भी चुदवा लेती तब मेरे सब्र का बाँध टूट गया और मैं दौड़ कर आ गयी तेरे पास ?
मौसी बड़े प्यार से बोली अब आ गयी है तो ले चुदवा अपनी बुर ? मौसी ने पेल दिया लण्ड मेरी चूत में ? मैं फिर बड़ी मस्ती और बेशर्मी से चुदवाने लगी। मौसी लण्ड के पेल्हड़ सहलाने लगीं। बीच बीच में मेरी चूंचियों पर हाथ फिराने लगीं। लण्ड कभी कभी फिसल कर इधर उधर हो जाता था तो मौसी उसे मेरी बुर में फ़ौरन घुसेड़ देती। आज पहला दिन है जब मैं मौसी के सामने चुदवा रही हूँ। वह भी मुझे चुदवाते हुए देख कर मस्त होने लगी। इतने में मौसी नीचे मेरी गांड के पास अपना मुंह करके लेट गयी और लण्ड बीच बीच में मेरी चूत से निकाल कर चाटने लगीं ? थोड़ी देर चुदवाने के बाद मैंने कहा मौसी अब तुम चुदवाओ मैं पेल्हड़ चाटूंगी और बीच बीच में लण्ड भी चाटूंगी ? मैं मौसी की बुर चुदवाने लगी। मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था। मैं मन ही मन सोंचने लगी की मैं और किस किस से मौसी की बुर चुदवा सकती हूँ ? मैं मन ही मन मौसी की चूत के लिए लण्ड का इंतज़ाम करने लगी। थोड़ी देर में मैंने कहा ले मौसी मैं खलास हो रही हूँ तू लौड़ा संभाल ? मौसी लण्ड मिठ्ठी से पकड़ कर सदका मारने लगीं ? मौसी सटासट दनादन्न मरे जा रही थी लण्ड का मुठ्ठ और खूब गन्दी गन्दी गालियां भी बाके जा रही थी। अंततः लौड़ा उगलने लगा अपना वीर्य जिसे हम दोनों ने बड़ी मस्ती से पिया और चाटा ? मौसी को लण्ड चाटते हुए देख कर मैं बहुत मस्त हो गयी।
अचानक मेरा फोन आ गया। मैंने स्पीकर ऑन किया और बातें करने लगी। फोन मेरी सहेली बरखा का था।
- वह बोली - क्या कर रही है तू बहन चोद इस समय ?
- सच बताऊँ, अभी तो मैं अपनी बर चुदवा रही थी।
- और चुदवाने का मन है तेरा ? मैं भी तेरी बुर चुदवाना चाहती हूँ। इसीलिए तुझे फोन किया ?
- हां बोल न भोसड़ी की बरखा ? किससे चुदवायेगी तू मेरी बुर ?
- अपने हसबैंड से चुदवाऊँगी तेरी बुर, पूजा ?
- क्या बात करती है तू ? कोई बीवी अपने मरद का लण्ड किसी और की चूत में क्यों पेलेगी ? चूतिया न बना मुझे माँ की लौड़ी बरखा ?
- अरे यार सुन, जब मेरा मरद मुझे किसी और से चुदवाता है तो मैं अपने मरद से किसी और की बुर क्यों नहीं चुदवा सकती ?
- अरे यार तेरी बात में तो दम है। इसका मतलब तू अपने मरद के दोस्त के लण्ड से चुदवाती है। और तेरा मरद तेरी दोस्त की बुर चोदना चाहता है ?
- हां यार तू अब अच्छी तरह समझ गयी है। बोल कब भेज दूँ अपने मरद को तुझे चोदने के लिए ?
- आज ही भेज दो न ? नेक काम में देरी क्यों ?
- देख उसके साथ उसका एक और दोस्त है वह मुस्लिम है। मैं उससे भी चुदवाती हूँ। उसका लौड़ा बड़ा मस्त है और मोटा भी ? उससे चुदवाकर मैं मुस्लिम लण्ड की गुलाम हो गयी। तुझे भी मज़ा आएगा ? तेरे साथ कोई तेरी सहेली हो तो उसे भी चुदवा लेना यार ?
- अब तू मेरी चूत में और आग न लगा भोसड़ी वाली ? जल्दी से भेज दे उन दोनों मादर चोदों को मेरे पास। मैं इंतज़ार कर रही हूँ।
वह बोला आप तो बहुत कुछ कर सकती हैं । आपको खुदा ने बहुत अच्छा बनाया है, आपको खूबसूरत और सेक्सी बनाया है, अच्छी अच्छी बातें करने वाली बनाया है, एक सेक्सी जिस्म की मलिका बनाया है खुदा ने तुझे, तुम तो बहुत कुछ कर सकती हो ? मैंने कहा और मेरी मौसी ? वह बोला मौसी तुमसे कम नहीं हैं पूजा ? टक्कर बराबर की है ? मैंने कहा अभी आपने हम दोनों की टक्कर देखी कहाँ है ? वह बोला मैं वही तो देखने आया हूँ।
मैं फिर खुल कर बोली :- अच्छा तो बोलो पहले क्या देखोगे ? गांड देखोगे, की चूत देखोगे, की चूंचियां देखोगे या फिर मेरी झांटें देखोगे ? और यह भी बता दो की पहले किसकी देखोगे ? मेरी देखोगे की मेरी बुर चोदी मौसी की देखोगे ?
मेरी इस तरह की खुली खुली बात सुनकर उन दोनों के लण्ड अंदर ही अंदर टन टना उठे । उन्हें कोई जबाब नहीं सूझ रहा था। मैंने उसे और कुरेदा।
मैंने कहा :- अरे जीजा क्या हुआ ? तेरी गांड फट गयी की तेरी माँ चुद गयी। कोई जबाब क्यों नहीं देता, मादर चोद ?
तब तक सफीक बोला :- अरे यार शेखर, बरखा भाभी सही कह रही थी की तुम्हे पूजा से मिलकर बड़ा मज़ा आएगा ? भई मुझे तो वाकई बड़ा मज़ा आ रहा है। इतनी मस्त हसीना आजकल कहाँ देखने को मिलती है ? मैं तो कायल हो गया हूँ पूजा का ?
इतने में मौसी बोली :- कायल नहीं घायल हो गये तुम दोनों भोसड़ी के ? पूजा है ही ऐसी बुर चोदी ? सबके मुंह बंद कर देती है। और अपने दुश्मनो के तो गांड का छेद भी बंद कर देती है पूजा ? और अगर प्यार करने पर आ जाये तो फिर इससे ज्यादा कोई प्यार भी नहीं कर सकता ? एक बार जिसका प्यार से लण्ड पकड़ती है वो बहन चोद बार बार आता है इसे अपना लण्ड पकड़ाने ?
सफीक ने मजाक किया :- अरे मौसी पूजा क्या सिर्फ लण्ड पकड़ती है और कुछ नहीं ,,,,,,,,?
मौसी बोली :- तुम मर्दों के पास लण्ड के अलावा और है ही क्या पकड़ाने को ? ले दे के एक लण्ड ही है बस ? अगर लण्ड नहीं होता तो मर्दों की ज़िन्दगी कुत्तों से भी बदत्तर होती बहन चोद ? कुत्ते तो फिर भी चोद लेते हैं मर्द तो चोद भी नहीं पाते ?
शेखर ने कहा :- अगर लण्ड नहीं होता तो तेरी बुर चोदी बुर क्या करती , मौसी ?
पूजा बोली :- तब तो हम लोग कुत्तों से चुदवाया करती, बहन चोद ?
सफीक मुस्कराकर बोला :- तो फिर हम लोगों को कुत्ता ही समझ कर चुदवा लो, पूजा ?
पूजा बोली :- हां हां चुदवा लूंगी। मैं जानती हूँ की तुम दोनों चोदने आये हो ? लेकिन पहले अपना अपना लौड़ा तो दिखाओ ? हम भी देखें की किसका कितना बड़ा और कैसा लौड़ा है ?
शेखर बोला :- पूजा, अब तो हम पहले देखेंगे की किसकी कितनी बड़ी बड़ी चूंचियां है ? किसकी कितनी मोटी मोटी जांघें है ? किसकी कितनी मोटी गांड है और किसकी कितनी सेक्सी चूत है ?
फिर अचानक मैं खड़ी हुई और अपने कपडे खोलते खोलते बोली लो देख लो भोसड़ी वालों मेरी चूंची, मेरी गांड, मेरी चूत, मेरी जांघें, मेरी झांटें ? मुहे देख कर मौसी भी सबके सामने हो गयीं नंगी। शेखर और सफीक हम दोनों को एकटक देखने लगे और टन टनाने लगे उनके लण्ड ? मैं फिर शेखर को नंगा करने लगी और मौसी सफीक को। थोड़ी देर में शेखर का लौड़ा मेरे हाथ में आ गया। मैं उसे देख कर बहुत खुश हुई। मैं बोली हाय मौसी देख ज़रा इसका लौड़ा कितना मस्त और बढ़िया है बहन चोद ? बरखा बुर चोदी इससे चुदवा चुदवा कर बड़ा मज़ा लेती होगी। तब तक सफीक का लण्ड भी नंगा हो चुका था। मौसी बोली वाओ, पूजा देख इसका लौड़ा तो बहुत मोटा है और इसका सुपाड़ा तो बहुत चमक रहा है। यार इतना मस्ताना लण्ड मैं पहली बार देख रही हूँ। हाय दईया आज तो इससे चुदवा कर बड़ा मज़ा आएगा ? बरखा, माँ की लौड़ी सही कह रही थी की मुस्लिम लण्ड बड़ा बढ़िया होता है। अगर बुर चुदाना है तो मुस्लिम लण्ड से चुदाओ ? मैंने कहा मौसी तेरी चूत की चांदी हो गयी है आज ? आज तो तू भकर भकर चुदवायेगी भोसड़ी की अपनी बुर ? वह बोली तू भी तो आज लौड़े का मज़ा लेगी। तेरी चूत तो बड़ी खुश हो गयी है बुर चोदी ?
मैं शेखर का लण्ड चूस रही थी लेकिन नज़र सफीक के लण्ड पर थी। मौसी सफीक का लण्ड चूस रही थीं लेकिन बार बार शेखर का लण्ड देख रही थी। मेरी चूत की आग बढती गयी और आखिर में मैंने अपनी दोनों टांगें फैला दी। शेखर समझ गया की अब मैं चुदवाना चाहती हूँ। बस उसने फटाक से पेल दिया अपना लण्ड मेरी चूत में और मैं मस्ती से चुदवाने लगी। मौसी बोली हाय दईया पूजा बड़ी जल्दी है तुझे भोसड़ी वाली चुदवाने की ? ले फिर मैं भी चुदवाती हूँ। मैं क्यों पीछे रहूँ ? मौसी भी भकाभक चुदवाने लगी। वह बोली हाय राम मुस्लिम लण्ड से चुदाने में तो वाकई ज्यादा मज़ा आ रहा है ? सफीक भोसड़ी का देखो कैसे पूरा लौड़ा पेल पेल कर चोद रहा है मुझे ? ऐसे बरखा की बुर भी चोदता होगा यह माँ का लौड़ा ?
हम दोनों की ख़ुशी का ठिकाना न था। बुर चुदाने इतना मज़ा पहले कभी नहीं आया था। मैं २ मिनट में ही पीछे से चुदवाने लगी तो मौसी ने भी वही किया। बन गयी कुतिया और चुदवाने लगी अपनी चूत। थोड़ी देर में मौसी ने सफीक को नीचे लिटा दिए और उसके लण्ड पर बैठ गई। वह कूद कूद कर चुदवाने लगी अपनी बुर। उसे देख कर मैंने भी शेखर को ज़मीन पर लिटा दिया और उसके लण्ड पर बैठ कर चुदवाने लगी। मैंने कहा वाह मौसी वाह ? इस तरह चुदवाने में तो बहुत मज़ा आ रहा है ? थोड़ी में उसने इशारा किया तो मैं उठकर सफीक के लण्ड पर बैठ गयी और वह शेखर के लण्ड पर। अब मैं सफीक से चुदवाने लगी और मौसी शेखर से। लण्ड बदल गया तो मज़ा भी बदल गया। जवानी में बहन चोद बुर किसी भी तरह चुदवाओ, मज़ा तो आना ही है ? चुदवाने के बाद हम लोगों ने खूब मस्ती से बातें की। न खुद कपडे पहने और न किसी को पहनने दिया। हम लोग नंगी नंगी ही रात भर रहे और रात भर तीन तीन बार लण्ड अदल बदल कर चुदवाया। फिर सवेरे वे दोनों चले गए।
- दो दिन बाद मेरी एक दोस्त उषा आ गयी। आते ही बोली अरी पूजा सुना है तू बहन चोद अपनी मौसी की बुर चुदवाती है ? मैंने पूंछा पहले तू बुर चोदी यह बता की तुझे कैसे मालूम हुआ की मैं अपनी मौसी की बुर चुदवाती हूँ।
- भोसड़ी की अगर तू नहीं बताएगी तो क्या मुझे मालूम नहीं होगा ? और सुन माँ की लौड़ी आज मैं भी तेरी मौसी की बुर चोदने आई हूँ और तेरी भी बुर, हरामजादी पूजा ?
- अच्छा तो ये बता मादर चोद पहले की तू चोदेगी कैसे ? क्या तू अपनी चूंचियों से चोदेगी हमारी बुर ? तेरे पास लण्ड तो है नहीं ? बस चूत है वह भी मेरी तरह ? उषा ने ताली बजायी तो कमरे में दो लड़के घुस आये ।
- उषा बोली देख पूजा यह है मेरा हसबैंड भोसड़ी का अजय और यह है मेरे हसबैंड का दोस्त मादर चोद नकुल ? मेरा हसबैंड मेरी बुर अपने दोस्तों से चुदवाता है और मैं अपनी सहेलियों की बुर अपने हसबैंड से चुदवाती हूँ। आज मैंने रात भर नकुल से चुदवाया और अब मैं तेरी और तेरी मौसी की बुर चुदवाने आई हूँ।
- तो फिर चुदवा न भोसड़ी की उषा मेरी बुर ? देर क्यों कर रही है। मैं भी चुदासी बैठी हूँ और मेरी बुर चोदी मौसी भी।
०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०= समाप्त
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