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जेठानी की माँ चोद दूँगी |
उसकी गांड में लण्ड ? मुझे किसी का डर नहीं है, अम्मी ? मैं किसी की परवाह नहीं करती ? मेरा मियां भी मेरे आगे कुछ बोल नहीं सकता और अगर बोलेगा तो उसकी भी खैर नहीं बहन चोद ? मैं गलत बात किसी की भी बर्दास्त नहीं कर सकती ? प्यार से कोई भी मुझसे कुछ भी करवा सकता है ? इस बात से मैं इंकार नहीं करती ? प्यार से तो कोई मेरी माँ भी चोदे तो मैं ख़ुशी ख़ुशी चुदवा लूंगी ? लेकिन अगर किसी ने मेरे साथ जबरदस्ती की तो उसकी माँ का भोसड़ा ? मैं किसी से दबने वाली नहीं हूँ। कोई मुझ पर हॉबी होने की कोशिश न करे वरना माँ बहन चोदना मुझे भी आता है ?
मेरा नाम है सानिया मैं २५ साल की हूँ। मैं एक मद मस्त खूबसूरत, सेक्सी और पढ़ी लिखी बीवी हूँ। आज की दुनिया से भली भांति परिचित हूँ, मैं ? मैंने अपने कॉलेज के दिनों में कई लड़कों की गांड मारी है। कई लड़कों की माँ चोदी है और कई लड़कों की झांटें उखाड़ ली है मैंने ? हां मस्ती में आ के मैंने कई लड़कों के लण्ड पकड़ें है, कई लड़कों के लण्ड चूसे हैं, लण्ड चाटें हैं और कईं लड़कों से चुदवाया भी है। अकेले भी चुदवाया है और ग्रुप में भी ? मुझे लण्ड की बहुत अच्छी पहचान है। मैं लण्ड पकड़ते ही जान जाती हूँ की यह लण्ड चूसने वाला है, पीने वाला है, बुर चोदने वाला है या फिर गांड मारने वाला है ? मैं फिर लण्ड का उसी तरह इस्तेमाल करती हूँ।
मेरी शादी अभी ६ महीने पहले हुई है। मेरी अम्मी है बेगम नूरशफ़ा उसकी उम्र है ४५ साल। उसको इस बात का डर है की कहीं मेरी जेठानी मुझ पर हॉबी न हो जायें ? कहीं मेरी जेठानी मुझ पर अपना हुकुम न चलाने लगें ? कही ऐसा न हो की मेरी बेटी को उससे दब कर रहना पड़े ? इसलिए मैंने अम्मी से खुल कहा की वह बिलकुल निश्चिन्त रहें। मुझे न कोई मादर चोद दबा सकता है और न मुझ पर कोई बुर चोदी हॉबी हो सकती है। मैं यह बात अच्छी तरह जानती हूँ की मेरी जेठानी भी बेहद चालाक है, बिंदास है और खूबसूरत है। वह भी मेरी तरह गोरी चिट्टी है, बड़े बड़े चूतड़ और मस्त गांड वाली है। उसकी चूंचियां मेरी चूंचियों से थोड़ी बड़ी हैं। टक्कर बराबर की है लेकिन मैं अपनी बहन चोद जेठानी की माँ चोद दूँगी अम्मी ?
मेरी जेठानी का नाम है आसिया। उसकी शादी के दो साल हो चुके हैं। वह चतुर है और दबंग भी है। ससुराल में उसकी चलती है। मेरी सास और ससुर को भी पानी पिलाया करती है बुर चोदी। मेरी एक देवरानी भी है,आसिता ? वह बहुत अच्छी है। उसकी शादी के अभी दो महीने ही हुए हैं। मैं उसकी सुहागरात के दिन से ही उससे खुल कर बातें करने लगी हूँ। मैंने तो यह भी पूंछ लिया आसिता यह बताओ की तेरे मियां का लौड़ा कितना बड़ा है ? तुम्हे पसंद आया की नहीं ? चुदवाने में मज़ा आया की नहीं ? तो उसने जबाब दिया जीजी तुम तो उसकी भाभी हो तुमने उसका लण्ड जरूर पकड़ा होगा ? तुम बताओ न की मेरे मियां के लण्ड का साइज़ क्या है ? मैंने चुपके से कहा :-
"मैं तेरे मियां के लण्ड का साइज़ उस दिन बताऊँगी जिस दिन तू मेरे मियां के लण्ड का साइज़ बताएगी"
इसी बात पर हम दोनों मुस्करा पड़ी। लेकिन उस दिन से ही वह मेरी तरफ आ गयी। मेरी एक नन्द है हिया। वह भी शादी शुदा है । मेरी सुहागरात का इंतज़ाम उसकी ने किया था। मेरा मियां जब मुझे चोद कर थोड़ा बाहर गया तब हिया मेरे पास आई और बोली भाभी लण्ड बदल कर चुदवाने का मन है तेरा ? कोई दूसरा लण्ड पेलूँ तेरी चूत में भाभी ? मैंने भी मस्ती में कह दिया अगर पेलने का मन है तो अपने मियां का लण्ड पेल दे मेरी चूत में ? वह वास्तव में अपने मियां को लेकर मेरे कमरे में आ गयी और मुझे उसका लण्ड पकड़ा दिया ? मैंने जैसे ही लण्ड पकड़ा तो मुझे मज़ा आ गया। मैंने कहा अरे हिया तेरे भाई जान कहाँ गये ? वह बोली अरे भाभी तुम मेरे मियां से चुदवाओ वह अपनी भाभी की बुर चोदने गया है। यानी मेरी सुहागरात में ही मेरा मियां जेठानी की बुर चोद रहा था। अब यह तो पक्का हो गया की जेठानी मेरे मियां का लण्ड चूसती है और मेरे मियां से चुदवाती हैं तभी मैंने ठान लिया की मैं जल्दी ही उसके मियां यानी अपने जेठ का लण्ड चूसूंगी और उसी के लण्ड से चुदवाऊँगी। इधर हिया का मियां मुझे चोदने में जुट गया और हिया मेरी चूंचियां मसलने में ? मुझे अपनी सुहागरात में ही अपने नंदोई से चुदवाने में बड़ा मज़ा आया।
इस तरह हिया भी मेरे नजदीक आ गयी। एक दिन मैं उसे अपने माईके ले गयी और वहां दो लड़के से उसकी बुर चुदवाई। तबसे हिया मेरी गुलाम हो गयी। मेरी नज़र अपने जेठ के लण्ड पर थी। मैं जल्दी से जल्दी उसका लण्ड पकड़ना चाहती थी। इत्तिफ़ाक़ से एक दिन ऐसा आया जब की घर में वह अकेला था और इधर मैं भी अकेली थी। रात का समय था। मुझे नींद नहीं आ रही थी मैं बस मन ही मन सोंच रहे थी की जेठ का लौड़ा कैसा होगा ? मोटा होगा की नहीं सुपाड़ा गोल होगा की अंडाकार ? लण्ड में ताकत कितनी होगी ? कितना कड़क होगा इसका लण्ड ? यही सब बातें मेरे मन में चल रही थीं। मैं अचानक बाथ रूम के लिए उठी तब देखा की उसके कमरे की धीमी धीमी लाईट जल रही हैं। मैंने झाँक कर देखा की उसका हाथ लुंगी के अंदर है। मेरे बदन का रोम रोम खड़ा हो गया। लेकिन मैं अंदर नहीं गयी। इतने में वह उठा और बाथ जाने लगा तब मैं दौड़ कर अपने कमरे में आई और बिस्तर पर लेट गई । मैं तो नंगी थी ही। मैं एक चुन्नी ओढ़ कर लेट गई। मेरी दोनों चूंचियां नंगी दिख रही थी। मेरी जांघे भी पूरी नंगी थी। मैंने चुन्नी इस कदर ओढ़ी की कोई भी मेरी चूत झांक कर देख सके. मैं सोने का नाटक करने लगी। अचानक वह बाथ रूम से निकल कर मेरे कमरे में आ गया।
थोड़ी देर तो खड़े खड़े मुझे देखता रहा। मैंने मन में कहा अबे भोसड़ी के मर्द है तो पकड़ ले मेरी चूंची। फिरा अपना हाथ मादर चोद मेरी गांड पर ? पेल दे अपना लण्ड मेरी चूत में माँ के लौड़े। शर्मा क्यों रहा है ? तेरी माँ क्यों चुद रही है ? बढ़ा न अपना हाथ ? तब तक उसने धीरे से मेरी चूची हाथ रख दिया। मैं बिना डुले चुपचाप लेटी रही। फिर उसने मेरे चूतड़ों पर हाथ फेरा। मैं गनगना उठी। उसने चूंची पर और थोड़ा जोर लगाया तो मैं बोली और जोर से दबाओ न जेठ जी। बड़ा मज़ा आ रहा है। तब वह जान गया की मैं जग रही हूँ। वह बोली बड़ी खूबसूरत हो तुम सानिया ? मैंने फिर अपनी दोनों टांगें फैला दी और कहा तुम भी तो बहुत हैंडसम हो भोसड़ी के जेठ जी ? मैं तो बहुत दिनों से तुमसे चुदवाने के लिए बेताब हूँ। कहाँ है तेरा मादर चोद लण्ड ? मैं तेरे लण्ड के लिए तड़प रही हूँ जेठ जी ? कहाँ छुपा कर रखा है मेरे लण्ड राजा को तूने ?
मैंने उसकी लुंगी खोल कर फेंक दी। वह बेटी चोद नंगा हो गया और उसका लौड़ा टन टना उठा। मैंने लण्ड पकड़ कर कहा हाय दईया कितना प्यारा लौड़ा है आपका जेठ जी। बस उसने मुझे अपनी तरफ खींच कर चिपका लिया। मैं झुक कर लौड़ा पीने लगी। मुझे लण्ड चूसने का मज़ा आने लगा मेरा अनुमान सही निकला। लौड़ा मोटा था और लंबा भी। सुपाड़ा अंडाकार और मस्त पेल्हड़ ? मैंने अपनी चूत खोल दी। वह चाटने लगा मेरी बुर। उसके बाद जैसे ही उसने लण्ड मेरी चूत में घुसेड़ा वैसे मैं मस्त हो के चुदवाने लगी। रात में मैंने ३ बार चुदवाया भोसड़ी वाले से और फिर सवेरे उठ कर भी चुदवाया। उसे मेरी बुर चोदने में इतना मज़ा आया की वह भी मेरा गुलाम हो गया। उसके बाद जब मेरी नन्द हिया आई तो मैंने कहा अरी माँ की लौड़ी इधर आ न मेरे पास मैं तुम्हे एक बात बताती हूँ। कल मैंने तेरे बड़े बही जान से रात भर चुदवाया। बड़ा मस्त लौड़ा है उसका हिया ? उसने भी मुझे खूब अपनी गांड उछाल उछाल कर चोदा ? अपने जेठ से चुदवाने का मज़ा लूट लिया मैंने, हिया ?
वह बोली अरे भाभी कल मुझे भी मस्ती से चुदवाने का मौक़ा मिल गया। मैंने पूंछा तूने किससे चुदवाया ? वह बोली अरे भाभी कल मैंने अपने ससुर के चुदवाया। क्या लौड़ा है भोसड़ी वाले का ? ८" से ९" का लौड़ा मोटा तगड़ा बहन चोद मेरी चूत के चारों तरफ से चिपक चिपक कर घुसता रहा रात भर। मैंने भी खूब मस्ती से चुदवाया। भाभी मैं किसी दिन उसका लण्ड तेरी में चूत में पेलूँगी। देखना कितना मज़ा आएगा तुम्हे उससे चुदवाने में ? मैं मुस्कराकर बोली हां मैं जानती हूँ हिया की तू अपना वादा जरूर निभाएगी। मेरी भी तमन्ना है तेरे ससुर से चुदवाने की ? मैं हर उस लण्ड से चुदवाना चाहती हूँ जो मेरे मन का हो ? लेकिन मेरी एक बहुत बड़ी इच्छा है, हिया। उसने पूंछा बताओ न भाभी क्या इच्छा है आपकी ? मैंने कहा मैं किसी दिन अपनी सास का भोसड़ा यानी तेरी माँ का भोसड़ा चोदना चाहती हूँ। वह बोली अरे भाभी यह तो तुमने मेरे मन की बात कह दी। मैं तो खुद ही अपनी माँ का भोसड़ा चुदवाती हूँ। मैं तो सोंच ही रही थी की मैं किसी दिन अपने ससुर का लण्ड अपनी माँ के भोसड़ा में पेलूँगी। वो मेरी माँ का भोसड़ा भी चोदे और मेरी भाभी की बुर भी चोदे तो कितना मज़ा आएगा भाभी ? ऐसा कह कर हिया मेरे गले से लिपट गयी। वह मुझे बहुत चाहने लगी।
- एक दिन मैं आँगन से निकल रही थी तो जेठानी ने मुझे बुला कर कहा - तू आजकल बड़ा मटक मटक कर चल रही है बुर चोदी सानिया ? कुछ बड़े बूढ़ों का लिहाज़ है की नहीं ?
- मैंने कहा - अरे जीजी, मैं तो लिहाज़ करती हूँ बड़े बूढ़ों का ? मैं तो सीधे सीधे ही चलती हूँ। मटक मटक कर तो तुम चलती हो जेठानी जी। (इतने में घर के सब लोग चारों तरह खड़े हो गए और हम दोनों की नोंक झोंक का मज़ा लेने लगे )
- अच्छा तो मेरी आँखों में धूल झोंक रही है तू ? देख न अपनी गांड ? कितनी मोटी हो गयी है ससुरी ? और आगे से तेरी ये चूंचियां बहन चोद उछल रही हैं ? इन पर कोई बस है तेरा की नहीं ? किसको दिखा दिखा कर चलती है तू यहाँ अपनी चूंचियां, मेरी भोसड़ी की देवरानी ?
- मेरी चूंचियों से तो तेरी चूंचियां बड़ी बड़ी हैं, बहन चोद जीजी ? और देखो न जितनी तेरी चूंचियां नंगी दिख रही हैं उतनी तो मेरी नहीं दिख रहीं हैं ? और तेरी गांड तो मेरी गांड से ज्यादा मोटी है, जेठानी जी ? ऐसे मैं तू मटकती है की मैं ?
- अच्छा तो तू चूतिया बना रही है, मुझे ? अपना पेटीकोट पहले देख मादर चोद ? ज़रा और नीचे हो जाए तो तेरी झांटें दिखने लगेंगी, माँ की लौड़ी सानिया ? इतने नीचे करके पेटीकोट पहनती है तू ?
- तू चिंता न कर जेठानी मेरी झांटें नहीं दिखेंगीं ? क्योंकि मैं झांटें बनवाकर आई हूँ।
- हाय दईया तू किसी और से झांटें बनवाती है अपनी ? कौन बनाता है तेरी झांटें ? किसको दिखाती है तो अपनी चूत ? और अगर चूत दिखाती है तो चुदवाती भी होगी तू ? बोल किससे भिड़ गया है तेरा काँटा ?
- तेरे मियां से बनवाती हूँ अपनी झांटें समझी मेरी बुर चोदी जेठानी ? उसी के आगे खोल देती हूँ मैं अपनी चूत ? अब बोल तेरी गांड फट गयी न ?
- मेरी गांड क्यों फटेगी बहन चोद ? मैं भी बनवाती हूँ अपनी झांटें तेरे मियाँ से ?
- झूंठ मत बोल मैं सब जानती हूँ तेरी करतूत ? तू मेरे मियां के लण्ड की झांटें बनाती है ? और खुद अपनी झांटें किसी और से बनवाती है कहो तो तेरी पोल खोल दूँ अभी ? मैं सब जानती हूँ तू भोसड़ी वाली किस किस के लण्ड पकड़ती है ?
- तेरी माँ का भोसड़ा सानिया, तू कुछ नहीं जानती है मेरे बारे में ? तू जो यहाँ मुझसे जबान लड़ा रही है उसका अंजाम अच्छा नहीं होगा तेरे लिए ? मैंने अच्छों अच्छों की गांड मार दी है तू क्या चीज है मेरे लिए ? मैं इस घर की बड़ी बहू हूँ ? तू क्या उखाड़ लेगी मेरा ?
- मैं तेरी झांटें उखाड़ लूंगी जेठानी। तू मेरे मुंह लगेगी तो मैं तेरी माँ चोद दूँगी ? लण्ड तेरी गांड में ठोंक दूँगी ? मुझे सीधी शादी देवरानी न समझना ? मैं इतनी भोली भाली नहीं हूँ की कोई मेरी गांड मारती रहे और मैं मरवाती रहूँ ? माँ चोदना मुझे भी आता है आसिया जेठानी ?
- कितनो की माँ चोदी है तूने, भोसड़ी की सानिया ?
- मैं माँ चोदने के बाद गिनती नहीं की कितनी माँ चोदीं मैंने ? लेकिन हां जो मेरे मुंह लगती है मैं उसकी माँ जरूर चोदती हूँ ?
एक दिन मैंने जेठानी को बिना कपड़ों के देख लिया। वह अपने कमरे में थी और बाथ रूम से निकली थीं । मैं उसे एकदम नंगी पहली बार देख रही थी। मैंने मन में कहा की यक़ीनन जेठानी मुझसे ज्यादा सुन्दर हैं। इतने में बाथ रूम से एक मस्त जवान लड़का निकला मैं उसे देख कर मस्त हो गयी। मेरे बदन में आग लग गयी। मेरी चूत एकदम से गरमा उठी क्योंकि वह लड़का बिलकुल नंगा था और उसका लण्ड खड़ा था। जेठानी बोली देखा फज़ल झांटें बन जाने के बाद लौड़ा कितना बड़ा और खूबसूरत दिखने लगता है ? मैं समझ गयी की जेठानी अभी अभी उसकी झांटें बना कर निकली हैं। मैं सोंचने लगी की लौड़ा तो इसका मुझे भी पसंद आ गया है मगर यह लड़का है कौन ?
फिर जेठानी ने उसका लण्ड पकड़ कर हिलाया तो लण्ड और टन्ना गया। उसे अपनी चूंचियों पर रगड़ते हुए कहा फज़ल तुम मुझे पहले भी चोद चुके हो। मैं चाहती हूँ की आज तुम मेरी देवरानी की बुर चोदो। देखो यार ३ दिनों से घर में कोई लौड़ा नहीं है। मैं और देवरानी सानिया दोनों लण्ड के लिए तड़प रहीं है। अब तुम आ गए हो तो मैं चाहती हूँ की तुमसे पहले अपनी देवरानी चुदवा लूँ ? तुम बैठो मैं उसे बुलाकर लाती हूँ। बस जेठानी आवाज़ लगाने लगीं अरी वो सानिया मेरे कमरे में आ जा। मैं वहां से फ़ौरन भागी और छत पर चली गयी। जेठानी ने मुझे देख लिया और नीचे से ही चिल्ला पड़ी सानिया वहां क्या माँ चुदा रही है तू अपनी, भोसड़ी की ? जल्दी से नीचे मेरे कमरे में आ ? मैं कमरे में घुसी तो नजदीक से उसका खड़ा लण्ड देखा। मैं बोली हाय जीजी ये कौन है मादर चोद नंगा खड़ा है यहाँ तेरे सामने ?
वह बोली सानिया इसे मैंने ही नंगा किया है। यह गांव के रिश्ते से मेरा देवर है। और यह तुम्हारा भी देवर है। मैंने अभी इसकी झांटे बनायीं है। इसका लौड़ा पकड़ कर देखो न सानिया ? मैंने हाथ बढाकर लौड़ा पकड़ लिया और तब तक जेठानी ने मेरे कपडे उतार डाले। मैं माँ की लौड़ी पूरी नंगी हो गयी। मैंने कहा वाओ, लौड़ा तो बड़ा मस्त है जीजी ? वह बोली देख सानिया तू मेरी माँ का भोसड़ा चोदना चाहती है न ? तो उसका भोसड़ा बाद में चोद लेना लेकिन आज मैं तेरी बुर चुदवाना चाहती हूँ। मैं जानती हूँ की तू लण्ड की भूंखी है। ३ दिन से तुझे कोई लण्ड नसीब नहीं हुआ। मैंने कहा अरे जीजी तुम्हे भी तो ३ दिन से कोई लौड़ा नहीं मिला ? वह बोली आज चौथे दिन लौड़ा मिला है तो इस पर पहला हक़ तेरा है क्योंकि तू मुझसे छोटी है, सानिया।
जेठानी की यह बात सुनकर मैं पानी पानी हो गयी और उसके गले लग गयी। मैं सोंचने लगी कितनी अच्छी है मेरी जेठानी ? मैं बिना मतलब ही इसकी माँ चोदने की बात कह रही थी ? इतने में जेठानी में मेरी बुर में लण्ड घुसा दिया और मैं मस्ती से चुदवाने लगी। मैंने चुदवाते हुए कहा जीजी मुझे माफ़ कर दो मैंने तुम्हे माँ की गाली दी। वह बोली अरी सानिया मुझे तेरी गालियां बड़ी प्यारी लगतीं है। सच बताऊँ मैं तुमसे गालियां सुनने के लिए ही तुम्हे छेड़ती हूँ। मैं तो तुम्हे दिल से प्यार करती हूँ। और सुन भोसड़ी की तू क्या समझती है की तू बच जाएगी मेरी माँ चोदने से ? तुझे मेरी माँ के भोसड़ा में लण्ड पेलना ही पडेगा सानिया। मैं तुमसे अपनी माँ जरूर चुदवाऊँगी ? मैं मुस्कराते हुए चुदवाने में जुट गयी। थोड़ी देर तक चुदाने के बाद मैंने लण्ड जेठानी की चूत में घुसा दिया और कहा जीजी अब मैं तेरी बुर चोदूंगी। वह भी मुस्कराकर चुदवाने लगीं और मैं लण्ड के पेल्हड़ सहलाने लगी।
इतने में भोसड़ी की मेरी नन्द हिया एकदम नंगी नंगी एक आदमी का लण्ड पकडे हुए कमरे में घुस आई। मैंने कहा अरी बुर चोदी हिया तू यहाँ वह भी नंगी नंगी और ये लौड़ा किसका पकड़ रखा है तूने बहन चोद ? वह मुझे लण्ड दिखाती हुई बोली ये मेरे ससुर का लण्ड है भाभी। तू मेरी बड़ी भाभी की बुर चोद रही है तो अब मैं तेरी बुर चोदूंगी सानिया भाभी ? ऐसा कह कर उसने लण्ड मुझे पकड़ा दिया। मैं तो लण्ड पकड़ कर मस्त हो गयी क्योंकि उसका लौड़ा बड़ा मोटा और लंबा था। मैं चूसने लगी लण्ड ? तब तक मेरी देवरानी आ गयी। वह बोली अरी मेरी सानिया जेठानी तेरे मियां का लण्ड ८" का है जीजी और मोटा भी ५ १/२ " का है। मैं अभी अभी उससे चुदवाकर आ रही हूँ। अब तू बता मेरे मियां के लण्ड का साइज़ ? मैंने कहा उसका भोसड़ी का लण्ड ८" से ज्यादा बड़ा है और ५" से ज्यादा मोटा है ? तेरे मियां को चूंची चोदने में खूब मज़ा आता है आसिता। तब तक जेठानी बोली हां आसिता तेरा मियां कभी कभी गांड भी मारता है। मुझे तो उससे गांड मरवाने में भी मज़ा आता है। आसिता बोली अब तो मैं तुम दोनों के मियों से चुदवाने लगीं हूँ जीजी ?
एक दिन मेरी जेठानी बोली सानिया आज मेरी माँ आने वाली है। आज तुम चोदना मेरी माँ का भोसड़ा ?
मैंने कहा हां जीजी मेरी भी माँ आने वाली है। तुम भी चोदना मेरी माँ का भोसड़ा ?
हम दोनों इसी बात कर खूब खिलखिला कर हंस पड़ीं।
०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०= समाप्त
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