मैं जिस कंपनी के काम करती हूँ उस कंपनी का बॉस मिस्टर जॉर्ज बड़ा स्मार्ट, हैंडसम और गुड लुकिंग आदमी है। मैं उसकी पी. ए. हूँ । वह काम भी खूब मेहनत से करता
है और करवाता भी है मेहनत से ? वैसे तो वह सबसे हंसकर और मस्ती से बात करता है लेकिन कभी कभी उसे बड़ा गुस्सा आता है और फिर गुस्से में वह गाली देने लगता है। गाली देना मुझे भी खूब आता है लेकिन मैं ऑफिस में कभी गालियां नहीं देती हूँ। हां बाहर मैं सबकी माँ बहन चोदती रहती हूँ। मेरी गाली बकने की आदत कॉलेज के दिनों में ही पड़ गयी थी जब मैं बिना हिचक, बिना किसी डर के हर एक को गालियां देती थी। लड़का हो चाहे लड़की, टीचर हो चाहे स्टूडेंट मैं सबको बिंदास गालियां सुनाया करती थी। उस समय मेरी गालियां देने की स्पीड बड़ी गजब की थी। मेरे मुंह से थ्री नॉट थ्री की गोलियों की तरह गालियां निकलती थीं। लोग बड़ा एन्जॉय करते थे। खास तौर से कॉलेज के लड़के मेरे आगे पीछे मेरी गालियां सुनने के लिए घूमा करते थे। मैं 'लण्ड' की गालियां खूब देती थी जिसे सुनकर लड़के खूब तालियां बजाया करते थे.
फ्रेंड्स मेरा नाम हैं मिस पामेला । मैं २५ साल की एक beautiful girl हूँ। मैं गोरी चिट्टी हूँ कद ५' ६" है । मेरे boobs बड़े भी हैं और सेक्सी भी। मेरी गांड तो बहुत ही मस्त है। मैं कॉलेज के दिनों के अक्सर ब्रा नहीं पहनती थी इसलिए मेरी चूंचियां आगे से चलने पर हिला करती थी. आजकल तो थोड़ा ज्यादा हिलती हैं क्योंकि और बड़ी हो गयी है न बुर चोदी ? मैं जींस और टॉप ज्यादा पहनती हूँ। हां कभी कभी साड़ी भी पहन लेती हूँ। इंग्लिश खूब बोलती हूँ पर गालियां हिंदी में ही देती हूँ। डांस बचपन से करती आ रही हूँ और शराब पीना मैंने १६ साल की उम्र से शुरू कर दिया था साथ में सिगरेट भी। १८ साल की उम्र में शराब के साथ लण्ड पीने लगी और १९ साल की होने तक मैं लण्ड अपनी चूत में घुसा कर धकाधक चुदवाने लगी।
पहले मैं चोरी छिपे लण्ड पीती थी। चोरी छिपे चुदवाती थी लेकिन एक दिन एक घटना से मैं अपनी मॉम के साथ चुदवाने लगी। वहीँ से मेरी ज़िन्दगी में एक बड़ा जबरदस्त नया मोड़ आया ? इस घटना के बारे मैं आपको बाद में बताऊँगी। धीरे धीरे मैं अपनी मॉम के सामने ही अपने दोस्तों के लण्ड पीने लगी और उसी के साथ अपनी माँ का भोसड़ा चुदवाने लगी ? मेरी मॉम भी अपने दोस्तों के लण्ड मेरी चूत में पेलने लगी । फिर तो हम दोनों आपस में पक्की दोस्त बन गयीं ? एक दूसरे का ख्याल रखने लगी । हमारे बीच कोई शर्म नहीं रही ? हम दोनों खूब गालियां दे दे कर बातें करने लगीं, साथ साथ शराब और लण्ड पीने लगीं, साथ साथ एक दूसरे के सामने चुदवाने भी लगीं ?
मैं ऑफिस में कई बार बॉस के कॅबिन में आती जाती रहती हूँ। काम का बोझ काफी रहता है लेकिन हम सब मिल जुल कर निपटा ही लेते हैं। हां कभी कभी जब बॉस ऑफिस के लोगों की गांड मारने लगता है तो बड़ा ख़राब लगता है। कभी कभी उसके मुंह से गालियां भी निकल जातीं है। मैं तो मुस्कराकर मुंह फेर लेती हूँ और मन ही मन कहती हूँ भोसड़ी के जॉर्ज कभी तुम मुझे गाली मत देना नहीं तो मैं सबके सामने तेरी माँ चोद दूँगी। न मुझे कोई शर्म है और न कोई डर ? तेरी माँ की ही नहीं बल्कि तेरी बहन की भी चोदूंगी बुर भोसड़ी के ? मैंने नोटिस किया की वह मुझे बड़े गौर से देखता है । मेरी चूंचियों पर ख़ास तौर से निगाह रहती है उसकी ? मैं कभी कभी अपने मन में कहने लगती हूँ की माँ का लौड़ा जॉर्ज मेरी चूंची क्या देखता है ? एक दिन मेरे घर आ जा मैं तुझे सब कुछ खोल कर दिखा दूँगी, भोसड़ी के ? बिलकुल नंगी हो जाऊँगी मैं तेरे आगे सर ? क्योंकि मैं मन ही मन तुझे चाहने लगी हूँ। शायद मेरे अंदर तेरा लण्ड पकड़ने की इच्छा प्रबल होती जा रही है। ऐसा सोंच कर मैं अंदर ही अंदर उत्तेजित होने लगती हूँ।
एक दिन किसी काम से वह मेरे घर आ गया। मैंने उसे बड़े आदर के साथ बैठाया और अपनी मॉम रोलेना से मिलवाया । मेरी मॉम उससे बातें करने लगी और वह मॉम को बड़ी देर तक देखता रहा। मैंने ड्रिंक्स ऑफर की और फिर हम लोग मस्ती से शराब पीने लगे। मैं भी फ्री ड्रेस में थी और मेरी मॉम भी। मेरी चूंचियां बाहर निकली थी और मॉम की भी। उस दिन मुझे यह महसूस हो गया की मैं इसके लण्ड तक बहुत जल्दी पहुँच जाऊँगी। थोड़ी देर के बाद वह नास्ता करके चला गया।
एक दिन मैं ऑफिस में साड़ी पहन कर गयी। नीचे केवल एक छोटी सी ब्रा थी जिसके अंदर से मेरी बड़ी बड़ी चूंचियां बाहर निकलने के लिए व्याकुल हो रही थीं। मैंने साड़ी का पल्लू ऊपर से लपेट लिया और काम करने लगी। इतने में बॉस ने सबको अपने कमरे में बुलाया। वह थोड़ा तनाव में था। उसने सबको काम दिया और कहा देखो यह काम बहुत अर्जेंट है। इसे आज ही करना होगा। तुम लोग आज अपना अपना काम खत्म करो और घर जाओ ? जो काम नहीं पूरा करेगा उसकी मैं माँ चोद दूंगा ? धीरे धीरे सब लोग अपना अपना काम पूरा करके जाने लगे। शाम तक सभी लोग चले गये । अब ऑफिस में केवल मैं और मेरा बॉस बचा। मैंने काम नहीं पूरा किया था।
मैं उस समय बड़ी मस्ती के मूड में थी। बॉस का तनाव भी खत्म हो गया था। मैं उसके पास गयी और उसकी मेज पर झुक कर बोली मैंने काम नहीं पूरा किया है तो क्या तुम मेरी माँ चोदोगे, सर ? वह मुझे हैरत भरी निगाहों से देखने लगा। फिर उसकी नज़रें मेरी चूंचियों पर टिक गयीं। मैंने फिर पूंछा बोलो न , सर अब क्या तुम मेरी माँ चोदोगे ? मेरी माँ के भोसड़ा में अपना लण्ड पेलोगे सर, की किसी और का लण्ड पेलोगे ? मेरे माँ चोदने मेरे घर आओगे की मैं आपके घर आऊँ अपनी माँ चुदाने ? मैं सवाल पर सवाल दागे जा रही थी लेकिन वह जबाब नहीं दे रहा था। वह कभी मुझे देखता और कभी मेरी चूंचियां ? फिर मैंने बड़े प्यार से उसका हाथ पकड़ कर अपनी चूंचियों पर छुवाया और बोली सर मेरी माँ चोदो और अपना वादा निभाओ प्लीज ? मैं तो ख़ुशी ख़ुशी अपनी माँ चुदवा लूंगी सर ?
मेरा तीर सही निशाने पर लगा तभी तो उसने कहा पामेला तुम चलो मैं आता हूँ। मेरे घर पहुचने के आधे घटें बाद डोर बेल बज उठी। तब तक मैंने सारी कहानी मॉम को बता दी। दरवाजा खोला तो सामने मेरा बॉस खड़ा था। मैंने उसका वेलकम किया और अंदर बैठाया। ड्रिंक्स तो पहले से ही तैयार थी। मेरी मॉम आ गई और फिर हम तीनो दारू पीने में मस्त हो गये।
पीते पीते मैंने कहा :- सर, आप बड़े स्मार्ट है। आपने एक ही झटके में सारा काम करवा लिया स्टाफ से ?
वह बोला :- लेकिन तुमने काम नहीं किया, पामेला ?
मैंने जबाब दिया :- तभी तो आज मैं अपनी माँ चुदा रही हूँ, सर ?
इस बात पर हम तीनो खिलखिलाकर हंस पड़े।
थोड़ी देर में बॉस का फोन आ गया । वह बात करने लगा । इतने में मॉम अंदर चली गयीं ।
बस मेरे चेहरे पर चमक आ गयी। मैं बॉस के पास आई और बोली अरे कहाँ है तेरा मादर चोद दोस्त ? अपनी बिटिया की बुर चुदा के आएगा क्या ?
मेरी गालियां सुन कर वह बोला वाओ, पामेला तुम तो बहुत गालियां देती हो ? बड़ी अच्छी अच्छी गालियां देती हो ? मैं तुम्हे पहली बार सुन रहा हूँ। ऑफिस में तो कभी नहीं सुनी तेरी गालियां ? मैंने कहा मैं ऑफिस में जिस दिन खुलकर गालियां देने लगूंगी उस दिन सबकी माँ चुद जायेगी ? इसलिए मैं चुप रहती हूँ और मन ही मन गालियां देती रहती हूँ। बॉस बोला पामेला अब तुम मन में नहीं बल्कि खुलकर मुझे दिया करो गालियां ? मुझे लड़कियों के मुंह से गालियां सुनने में बड़ा मज़ा आता है।
मैंने कहा ओ के, भोसड़ी के जॉर्ज आज तू मेरी माँ चोद ले नहीं तो मैं कल से तेरी माँ चोदूंगी।
इतने में उसका दोस्त पीटर आ गया। मुझे पीटर भी पसंद आ गया। वह भी नौजवान आदमी था। मैंने अनुमान लगाया की इसका भी लौड़ा मस्त होगा। आज मैं इन दोनों के लण्ड का मज़ा लूंगी। पीटर तो दनादन्न दो पैग पी गया शराब । अब हम लोग नशे में आ गये। मॉम ने अपना हाथ सर की जाँघों पर रखा और मैंने अपनी बाहें पीटर के गले में डाल दीं । मैं उसकी चुम्मी लेने लगी और वह मेरी। तब तक मॉम बॉस के कपडे उतार चुकी थी। बस चड्ढी बाकी थी। इधर मैंने भी अपने खोल डाले ? इधर मेरी चूंचियां नंगी हुई तो उधर बॉस का लौड़ा ? मॉम लण्ड पकड़ कर बोली वाओ, कितना मस्त लौड़ा है तेरे बॉस का पामेला ? देखो कैसे मेरे पकड़ते ही सर उठा कर खड़ा हो गया भोसड़ी का ? मॉम लण्ड चाटने लगीं ? तब तक मैंने भी पीटर मादर चोद को नंगा कर दिया। उसक लण्ड पकड़ कर हिलाया तो वह आसमान ताकने लगा। मैं कभी सर का लण्ड देखती और कभी पीटर का लण्ड ? मेरी चूत की आग बुरी तरह भड़क चुकी थी। मेरी मॉम का भी भोसड़ा जल रहा था। मैं भी जबान निकाल कर लण्ड चाटने लगी और पेल्हड़ सहलाने लगी।
फिर मैं रुक नही सकी और अपने टाँगे फैला कर पीटर का लण्ड अपनी चूत में घुसा लिया। लण्ड मोटा होने की वज़ह से मैं चिल्ला जरूर पड़ी लेकिन फिर मज़ा आने लगा। लण्ड साला चारों तरफ से चिपक कर चूत में आने जाने लगा। वह चोदता गया और मैं मदहोश होती गयी। मेरे सामने मेरा बॉस बहन चोद ऐसे मेरी माँ चोदने लगा जैसे वह अपनी बीवी चोद रहा हो ? अपनी गांड से जोर लगा लगा के धक्के पे धक्के मारे जा रहा था और मेरी मॉम भी मस्ती से एन्जॉय कर रही थीं।
मैंने कहा :- वाओ, भोसड़ी के जॉर्ज मेरी माँ का भोसड़ा चोद रहे हो ?
उसने जबाब दिया:- नहीं पामेला, मैं तेरी माँ नहीं चोद रहा हूँ मैं तो बस अपना वादा पूरा कर रहा रहा हूँ।
मैंने कहा :- अच्छा तो यह मेरे काम न करने का नतीजा है की तुम मेरी माँ चोद रहे हो माँ के लौड़े ?
उसने कहा :- हां इसमें कोई शक नहीं है। यह उसी का नतीजा है।
मैंने कहा :- तो अगर मैं रोज़ काम चोरी करूँ तो तुम रोज़ मेरी माँ चोदोगे ?
वह बोला :- पामेला अब तू ठीक से सुन, तू रोज़ काम चोरी करेगी तो मैं तुम्हे रोज़ चोदूंगा, तेरी माँ नहीं ?
मैंने कहा :- अरे जा जा भोसड़ी का ? अभी तक तो मुझे चोद नहीं पाया तू अब क्या चोदेगा मुझे ? तुझसे अच्छा तो तेरा दोस्त है जो मुझे चोद रहा है ?
वह बोला :- थोड़ा और इतजार कर ले पामेला ? मैं दूसरी पारी में देखता हूँ तू कहाँ बच कर जाती है मुझसे ?
इस तरह की गन्दी गन्दी बातें कर कर के चोदा चोदी करने में खूब मज़ा आता है। उस दिन रात भर इन दोनों ने मिलकर मुझे और मेरी माँ चोदी।
सुबह जाते जाते बॉस बोला - पामेला, मैं फिर आऊंगा तुम्हे चोदने ?
उसके बाद मैं जब कब चुदवाने लगी उससे और उसके दोस्तों से भी।
मेरे ऑफिस में बॉबी नाम की एक लड़की काम करती है। वह मुझसे काफी घुली मिली है।
मैंने भी मस्ती में कहा बॉबी तो फिर मैं चोदूंगी तेरी माँ का भोसड़ा और ठोकूँगी तेरी गांड में लण्ड ?
रात भर इसी तरह की बातें होतीं रही और होती रही घमाशान चुदाई। ऐसा कोई लण्ड नहीं बचा जिसने सबकी बुर चोदा न हो ? ऐसी कोई बुर नहीं बची जिसने सबके लण्ड अपने अंदर घुसेड़ा न हो ?
लोगों को इतना मज़ा आया की यह पार्टी दूसरे दिन भी चलती रही।
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माँ का भोसड़ा चुदा रही हूँ |
फ्रेंड्स मेरा नाम हैं मिस पामेला । मैं २५ साल की एक beautiful girl हूँ। मैं गोरी चिट्टी हूँ कद ५' ६" है । मेरे boobs बड़े भी हैं और सेक्सी भी। मेरी गांड तो बहुत ही मस्त है। मैं कॉलेज के दिनों के अक्सर ब्रा नहीं पहनती थी इसलिए मेरी चूंचियां आगे से चलने पर हिला करती थी. आजकल तो थोड़ा ज्यादा हिलती हैं क्योंकि और बड़ी हो गयी है न बुर चोदी ? मैं जींस और टॉप ज्यादा पहनती हूँ। हां कभी कभी साड़ी भी पहन लेती हूँ। इंग्लिश खूब बोलती हूँ पर गालियां हिंदी में ही देती हूँ। डांस बचपन से करती आ रही हूँ और शराब पीना मैंने १६ साल की उम्र से शुरू कर दिया था साथ में सिगरेट भी। १८ साल की उम्र में शराब के साथ लण्ड पीने लगी और १९ साल की होने तक मैं लण्ड अपनी चूत में घुसा कर धकाधक चुदवाने लगी।
पहले मैं चोरी छिपे लण्ड पीती थी। चोरी छिपे चुदवाती थी लेकिन एक दिन एक घटना से मैं अपनी मॉम के साथ चुदवाने लगी। वहीँ से मेरी ज़िन्दगी में एक बड़ा जबरदस्त नया मोड़ आया ? इस घटना के बारे मैं आपको बाद में बताऊँगी। धीरे धीरे मैं अपनी मॉम के सामने ही अपने दोस्तों के लण्ड पीने लगी और उसी के साथ अपनी माँ का भोसड़ा चुदवाने लगी ? मेरी मॉम भी अपने दोस्तों के लण्ड मेरी चूत में पेलने लगी । फिर तो हम दोनों आपस में पक्की दोस्त बन गयीं ? एक दूसरे का ख्याल रखने लगी । हमारे बीच कोई शर्म नहीं रही ? हम दोनों खूब गालियां दे दे कर बातें करने लगीं, साथ साथ शराब और लण्ड पीने लगीं, साथ साथ एक दूसरे के सामने चुदवाने भी लगीं ?
मैं ऑफिस में कई बार बॉस के कॅबिन में आती जाती रहती हूँ। काम का बोझ काफी रहता है लेकिन हम सब मिल जुल कर निपटा ही लेते हैं। हां कभी कभी जब बॉस ऑफिस के लोगों की गांड मारने लगता है तो बड़ा ख़राब लगता है। कभी कभी उसके मुंह से गालियां भी निकल जातीं है। मैं तो मुस्कराकर मुंह फेर लेती हूँ और मन ही मन कहती हूँ भोसड़ी के जॉर्ज कभी तुम मुझे गाली मत देना नहीं तो मैं सबके सामने तेरी माँ चोद दूँगी। न मुझे कोई शर्म है और न कोई डर ? तेरी माँ की ही नहीं बल्कि तेरी बहन की भी चोदूंगी बुर भोसड़ी के ? मैंने नोटिस किया की वह मुझे बड़े गौर से देखता है । मेरी चूंचियों पर ख़ास तौर से निगाह रहती है उसकी ? मैं कभी कभी अपने मन में कहने लगती हूँ की माँ का लौड़ा जॉर्ज मेरी चूंची क्या देखता है ? एक दिन मेरे घर आ जा मैं तुझे सब कुछ खोल कर दिखा दूँगी, भोसड़ी के ? बिलकुल नंगी हो जाऊँगी मैं तेरे आगे सर ? क्योंकि मैं मन ही मन तुझे चाहने लगी हूँ। शायद मेरे अंदर तेरा लण्ड पकड़ने की इच्छा प्रबल होती जा रही है। ऐसा सोंच कर मैं अंदर ही अंदर उत्तेजित होने लगती हूँ।
एक दिन किसी काम से वह मेरे घर आ गया। मैंने उसे बड़े आदर के साथ बैठाया और अपनी मॉम रोलेना से मिलवाया । मेरी मॉम उससे बातें करने लगी और वह मॉम को बड़ी देर तक देखता रहा। मैंने ड्रिंक्स ऑफर की और फिर हम लोग मस्ती से शराब पीने लगे। मैं भी फ्री ड्रेस में थी और मेरी मॉम भी। मेरी चूंचियां बाहर निकली थी और मॉम की भी। उस दिन मुझे यह महसूस हो गया की मैं इसके लण्ड तक बहुत जल्दी पहुँच जाऊँगी। थोड़ी देर के बाद वह नास्ता करके चला गया।
एक दिन मैं ऑफिस में साड़ी पहन कर गयी। नीचे केवल एक छोटी सी ब्रा थी जिसके अंदर से मेरी बड़ी बड़ी चूंचियां बाहर निकलने के लिए व्याकुल हो रही थीं। मैंने साड़ी का पल्लू ऊपर से लपेट लिया और काम करने लगी। इतने में बॉस ने सबको अपने कमरे में बुलाया। वह थोड़ा तनाव में था। उसने सबको काम दिया और कहा देखो यह काम बहुत अर्जेंट है। इसे आज ही करना होगा। तुम लोग आज अपना अपना काम खत्म करो और घर जाओ ? जो काम नहीं पूरा करेगा उसकी मैं माँ चोद दूंगा ? धीरे धीरे सब लोग अपना अपना काम पूरा करके जाने लगे। शाम तक सभी लोग चले गये । अब ऑफिस में केवल मैं और मेरा बॉस बचा। मैंने काम नहीं पूरा किया था।
मैं उस समय बड़ी मस्ती के मूड में थी। बॉस का तनाव भी खत्म हो गया था। मैं उसके पास गयी और उसकी मेज पर झुक कर बोली मैंने काम नहीं पूरा किया है तो क्या तुम मेरी माँ चोदोगे, सर ? वह मुझे हैरत भरी निगाहों से देखने लगा। फिर उसकी नज़रें मेरी चूंचियों पर टिक गयीं। मैंने फिर पूंछा बोलो न , सर अब क्या तुम मेरी माँ चोदोगे ? मेरी माँ के भोसड़ा में अपना लण्ड पेलोगे सर, की किसी और का लण्ड पेलोगे ? मेरे माँ चोदने मेरे घर आओगे की मैं आपके घर आऊँ अपनी माँ चुदाने ? मैं सवाल पर सवाल दागे जा रही थी लेकिन वह जबाब नहीं दे रहा था। वह कभी मुझे देखता और कभी मेरी चूंचियां ? फिर मैंने बड़े प्यार से उसका हाथ पकड़ कर अपनी चूंचियों पर छुवाया और बोली सर मेरी माँ चोदो और अपना वादा निभाओ प्लीज ? मैं तो ख़ुशी ख़ुशी अपनी माँ चुदवा लूंगी सर ?
मेरा तीर सही निशाने पर लगा तभी तो उसने कहा पामेला तुम चलो मैं आता हूँ। मेरे घर पहुचने के आधे घटें बाद डोर बेल बज उठी। तब तक मैंने सारी कहानी मॉम को बता दी। दरवाजा खोला तो सामने मेरा बॉस खड़ा था। मैंने उसका वेलकम किया और अंदर बैठाया। ड्रिंक्स तो पहले से ही तैयार थी। मेरी मॉम आ गई और फिर हम तीनो दारू पीने में मस्त हो गये।
पीते पीते मैंने कहा :- सर, आप बड़े स्मार्ट है। आपने एक ही झटके में सारा काम करवा लिया स्टाफ से ?
वह बोला :- लेकिन तुमने काम नहीं किया, पामेला ?
मैंने जबाब दिया :- तभी तो आज मैं अपनी माँ चुदा रही हूँ, सर ?
इस बात पर हम तीनो खिलखिलाकर हंस पड़े।
थोड़ी देर में बॉस का फोन आ गया । वह बात करने लगा । इतने में मॉम अंदर चली गयीं ।
- मैंने पूंछा किसका फोन था सर ?
- उसने बताया की पीटर का फोन था। वह मेरा दोस्त है और मेरा इंतज़ार कर रहा है ?
- मैंने कहा वाओ, तो फिर तुम कैसे चोदोगे मेरी माँ ? मैं तुम्हे यहाँ से बिना मेरी माँ चोदे नहीं जाने दूँगी ?
- मैंने उसे यहीं बुला लिया है पामेला ?
- अरे सर, तो यह कैसे होगा ? तुम कैसे चोदोगे मेरी माँ ? क्या वह भी चोदेगा मेरी माँ ?
- तुम कहोगी तो चोदेगा नहीं तो बाहर बैठा रहेगा ?
- बाहर बैठे बैठे क्या बाबा जी के लण्ड की झांटें उखाड़ेगा भोसड़ी का ? फिर उससे कहना की वह भी चोद ले मेरी माँ ?
बस मेरे चेहरे पर चमक आ गयी। मैं बॉस के पास आई और बोली अरे कहाँ है तेरा मादर चोद दोस्त ? अपनी बिटिया की बुर चुदा के आएगा क्या ?
मेरी गालियां सुन कर वह बोला वाओ, पामेला तुम तो बहुत गालियां देती हो ? बड़ी अच्छी अच्छी गालियां देती हो ? मैं तुम्हे पहली बार सुन रहा हूँ। ऑफिस में तो कभी नहीं सुनी तेरी गालियां ? मैंने कहा मैं ऑफिस में जिस दिन खुलकर गालियां देने लगूंगी उस दिन सबकी माँ चुद जायेगी ? इसलिए मैं चुप रहती हूँ और मन ही मन गालियां देती रहती हूँ। बॉस बोला पामेला अब तुम मन में नहीं बल्कि खुलकर मुझे दिया करो गालियां ? मुझे लड़कियों के मुंह से गालियां सुनने में बड़ा मज़ा आता है।
मैंने कहा ओ के, भोसड़ी के जॉर्ज आज तू मेरी माँ चोद ले नहीं तो मैं कल से तेरी माँ चोदूंगी।
इतने में उसका दोस्त पीटर आ गया। मुझे पीटर भी पसंद आ गया। वह भी नौजवान आदमी था। मैंने अनुमान लगाया की इसका भी लौड़ा मस्त होगा। आज मैं इन दोनों के लण्ड का मज़ा लूंगी। पीटर तो दनादन्न दो पैग पी गया शराब । अब हम लोग नशे में आ गये। मॉम ने अपना हाथ सर की जाँघों पर रखा और मैंने अपनी बाहें पीटर के गले में डाल दीं । मैं उसकी चुम्मी लेने लगी और वह मेरी। तब तक मॉम बॉस के कपडे उतार चुकी थी। बस चड्ढी बाकी थी। इधर मैंने भी अपने खोल डाले ? इधर मेरी चूंचियां नंगी हुई तो उधर बॉस का लौड़ा ? मॉम लण्ड पकड़ कर बोली वाओ, कितना मस्त लौड़ा है तेरे बॉस का पामेला ? देखो कैसे मेरे पकड़ते ही सर उठा कर खड़ा हो गया भोसड़ी का ? मॉम लण्ड चाटने लगीं ? तब तक मैंने भी पीटर मादर चोद को नंगा कर दिया। उसक लण्ड पकड़ कर हिलाया तो वह आसमान ताकने लगा। मैं कभी सर का लण्ड देखती और कभी पीटर का लण्ड ? मेरी चूत की आग बुरी तरह भड़क चुकी थी। मेरी मॉम का भी भोसड़ा जल रहा था। मैं भी जबान निकाल कर लण्ड चाटने लगी और पेल्हड़ सहलाने लगी।
फिर मैं रुक नही सकी और अपने टाँगे फैला कर पीटर का लण्ड अपनी चूत में घुसा लिया। लण्ड मोटा होने की वज़ह से मैं चिल्ला जरूर पड़ी लेकिन फिर मज़ा आने लगा। लण्ड साला चारों तरफ से चिपक कर चूत में आने जाने लगा। वह चोदता गया और मैं मदहोश होती गयी। मेरे सामने मेरा बॉस बहन चोद ऐसे मेरी माँ चोदने लगा जैसे वह अपनी बीवी चोद रहा हो ? अपनी गांड से जोर लगा लगा के धक्के पे धक्के मारे जा रहा था और मेरी मॉम भी मस्ती से एन्जॉय कर रही थीं।
मैंने कहा :- वाओ, भोसड़ी के जॉर्ज मेरी माँ का भोसड़ा चोद रहे हो ?
उसने जबाब दिया:- नहीं पामेला, मैं तेरी माँ नहीं चोद रहा हूँ मैं तो बस अपना वादा पूरा कर रहा रहा हूँ।
मैंने कहा :- अच्छा तो यह मेरे काम न करने का नतीजा है की तुम मेरी माँ चोद रहे हो माँ के लौड़े ?
उसने कहा :- हां इसमें कोई शक नहीं है। यह उसी का नतीजा है।
मैंने कहा :- तो अगर मैं रोज़ काम चोरी करूँ तो तुम रोज़ मेरी माँ चोदोगे ?
वह बोला :- पामेला अब तू ठीक से सुन, तू रोज़ काम चोरी करेगी तो मैं तुम्हे रोज़ चोदूंगा, तेरी माँ नहीं ?
मैंने कहा :- अरे जा जा भोसड़ी का ? अभी तक तो मुझे चोद नहीं पाया तू अब क्या चोदेगा मुझे ? तुझसे अच्छा तो तेरा दोस्त है जो मुझे चोद रहा है ?
वह बोला :- थोड़ा और इतजार कर ले पामेला ? मैं दूसरी पारी में देखता हूँ तू कहाँ बच कर जाती है मुझसे ?
इस तरह की गन्दी गन्दी बातें कर कर के चोदा चोदी करने में खूब मज़ा आता है। उस दिन रात भर इन दोनों ने मिलकर मुझे और मेरी माँ चोदी।
सुबह जाते जाते बॉस बोला - पामेला, मैं फिर आऊंगा तुम्हे चोदने ?
उसके बाद मैं जब कब चुदवाने लगी उससे और उसके दोस्तों से भी।
मेरे ऑफिस में बॉबी नाम की एक लड़की काम करती है। वह मुझसे काफी घुली मिली है।
- मैंने एक दिन उसे फोन लगाया और बोली हाय बॉबी क्या हो रहा है ?
- वह बोली यार पामेला बड़ी मस्ती हो रही है । आज छुट्टी का दिन मैं एन्जॉय कर रही हूँ।
- तू बहन चोद खुल कर क्यों नहीं बताती की तू कर क्या रही है ?
- सच बताऊँ यार ? मैं बॉस की बीवी चुदवा रही हूँ।
- क्यों झूंठ बोल रही है ? साला बॉस तो वैसे ही ऑफिस में सबकी माँ बहन चोदा करता है और तू उसकी ,,,,,,,,,,,,,,? मजाक मत कर सच सच बता तो मैं भी आऊँ तेरे साथ एन्जॉय करने ?
- हां यार मैं सच कह रही हूँ। उस दिन साला बॉस मुझे चोद कर गया और दूसरे दिन मुझे चोदने फिर आ गया। इत्तिफ़ाक़ से उस समय मैं घर में नहीं थी तो भोसड़ी वाला मेरी माँ चोद गया ? तब मैंने सोंचा की मैं भी बॉस की माँ बहन चोदूंगी लेकिन साले की न तो बहन है और न माँ ? बस ले दे के उसकी एक बीवी है। मैंने उससे नजदीकियां बढ़ायीं और आज मैं उसकी बीवी चुदवा रही हूँ। तेरा मन हो तो तू भी आ जा भोसड़ी की पामेला ?
- देख मुझे लगता है की तेरे पास एक लण्ड है वह जो बॉस की बीवी चोद रहा है ? उसे चोदने के बाद वह तुम्हे चोदेगा ? तो मैं क्या वहाँ तुम लोगों की चुदाई के धक्के गिनूंगी बैठी बैठी ?
- ज्यादा तीन पांच न कर ? तू आज आ बुर चोदी पामेला ? लण्ड तो मैं पेलूँगी तेरी बुर में ?
मैंने भी मस्ती में कहा बॉबी तो फिर मैं चोदूंगी तेरी माँ का भोसड़ा और ठोकूँगी तेरी गांड में लण्ड ?
रात भर इसी तरह की बातें होतीं रही और होती रही घमाशान चुदाई। ऐसा कोई लण्ड नहीं बचा जिसने सबकी बुर चोदा न हो ? ऐसी कोई बुर नहीं बची जिसने सबके लण्ड अपने अंदर घुसेड़ा न हो ?
लोगों को इतना मज़ा आया की यह पार्टी दूसरे दिन भी चलती रही।
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