Friday, January 23, 2015

एक लंड ससुर का था दूसरा,, ?

  • मैंने कहा :- देखो यार एक लण्ड तो मेरे ससुर का था यह तो पक्का है क्योंकि मैं लण्ड पकड़ते ही पहचान गयी की यह तो भोसड़ी का मेरे ससुर का ही लण्ड है और दूसरा लण्ड ,,,,,,,,,,मैं पहचान नहीं पा रही हूँ की उसे मैंने पहले कहाँ और कब पकड़ा ? हो सकता है की मेरे लिए नया लण्ड हो लेकिन मुझे बताया गया है की इस खेल में किसी के पास भी कोई नया लण्ड नहीं भेजा गया ?
  • मेरी नन्द शहाना बोली :- अरे भाभी लण्ड का हुलिया बताओ तो मैं भी अनुमान लगाऊं की किसका हो सकता है वो लण्ड ?
  • मैंने कहा :- पहले तू यह बता की तुझे रात में कौन कौन चोद गया ? वो दोनों लण्ड किसके थे ?
  • नन्द ने कहा :- एक तो मेरे देवर का था लण्ड भाभी ? उस भोसड़ी वाले ने मुझे पहले लण्ड पकड़ाया ही नहीं।  सीधे सीधे मेरी बुर में पेल दिया लण्ड और चोदने लगा लेकिन मेरी चूत ने फ़ौरन पहचान लिया की ये तो मेरे देवर का लौड़ा है और फिर जब मैंने उसे हाथ से पकड़ा तो बात पक्की हो गयी।  यह दूसरा लण्ड बहन चोद पता नहीं लग रहा है की किसका था लेकिन था साला बहुत मोटा और मस्त ?
  • इतने में मेरी सास बोली :- तुम दोनों बुर चोदी लण्ड अभी तक पहचान ही नहीं पायीं ? इसका मतलब अभी तक चुदवाने में तुम दोनों कच्ची हो अभी और जम के चुदवाओ ? एक ही लण्ड से बार बार चुदवाओ तब तुझे क्या तेरी बुर को भी याद हो जाएगा लण्ड ?
  • मैंने कहा :- अच्छा तो तुम भी बताओ न मेरी बुर चोदी सासू जी ? तुझे चोदने वाले वो दो लण्ड कौन कौन है ? तेरे भोसड़ा ने तो जरूर याद कर लिया होगा ? अब तो खुलासा कर दो भोसड़ी वाली सासू जी ?
  • सास बोली :- अरे मेरी हरामजादी बहू एक तो तेरा अब्बा का ही था लण्ड ? उससे तो मैंने पिछले हफ्ते ही २/३ बार चुदवाया था ।  मेरे लिया ताज़ा ताज़ा लण्ड था तो पहचान में तुरंत आ गया पर दूसरा लण्ड पता नहीं किसका था ? तेरी माँ ने कौन सा लण्ड घुसेड़ दिया मेरी बुर में ? मैंने बहुत कोशिश की याद करने की पर याद नहीं आ रहा है ? हां अगर अभी मेरे हाथ में वह लण्ड आ जाये तो मैं आँख बंद करके पहचान लूंगी ?
  • नन्द बोली :- अरे भाभी मैं फिर कह रही हूँ अपने उस लण्ड का हुलिया तो बताओ ?
  • मैंने कहा :- यार लण्ड मोटा था कड़क था और बड़ी देर तक चोदने वाला था अब काला था की गोरा मैं नहीं कह सकती क्योंकि देखा तो था नहीं ? हां मुझे चुदवाने में बड़ा मज़ा आया ? ऊँगलियों से टटोलकर मैंने अनुमान लगाया की लण्ड  सुपाड़ा गोल था बहन चोद ?
  • नन्द बोली :- भाभी कुछ समझ नहीं आ रहा ? कहीं यह तेरे जीजू का लण्ड तो नहीं ?
  • मैंने कहा :- नहीं यार उसका लण्ड तो मेरी चूत की नस नस पहचानती है ? उसे तो मैं छू कर ही पहचान लेती हूँ। 
वास्तव में यहाँ मेरी अम्मा ने एक कम्पटीशन रख दिया मेरी सास, मेरी नन्द और मेरे बीच -  की रात में तुम सब को दो दो तुम्न्हारी बुर चोदेंगें और सवेरे तुम्हे उन दोनों लण्ड के नाम बताने होंगें।  रात में सब लाईट बंद कर दी गयी और घर में घनघोर अन्धेरा हो गया।  रात भर हम तीनो ने दो दो लण्ड से खूब चुदाया।  पहले एक एक लण्ड आया चोदने जब वह झड़ गया और चोद कर चला गया तो दूसरा आ गया चोदने ? अब उन दोनों लण्ड के नाम बताने की बारी है वही याद कर रही हूँ मैं भी मेरे नन्द भी और सास भी।  एक एक लण्ड तो हम सबने पहचान लिया और वह सच भी निकला पर दूसरा बहन चोद किसी को भी समझ में नहीं आ रहा है ? जब की एक बात पक्की है हम सबने उससे कभी न कभी एक बार चुदवाया जरूर है।
मेरा नाम है निगार मैं इस घर की बहू हूँ। मेरी नन्द शहाना और सास वहीदा हैं।  मेरी अम्मी शहनाज़ अभी कुछ दिनों से यहीं रह रही हैं।  वैसे तो मैं मेरी सास और  नन्द तीनो मिलकर चोदा चोदी करती हैं और खूब मज़ा लूटतीं हैं।  हर दिन कुछ न कुछ नया करती रहती है ताकि मज़ा आये और हम लोग खूब एन्जॉय करें।  इसी बीच मेरी अम्मी भी आ गयी।  वह तो चोदा चोदी में बहुत आगे है।  गाली गलौज में बहुत आगे है और चुदाई के तरह तरह के खेल निकाला करती है। आज रात में उसने एक खेल निकाला जिसमे हम तीनो को अँधेरे में दो दो गैर मर्दों से चुदवाना है और फिर उनके लण्ड पहचानना है।  हम तीनो ने रात भर दो दो लौड़ों से खूब मस्ती से चुदवाया। सवेरे जब उन लोगों के नाम बताने की बारी आई तो हम सबने एक एक लण्ड तो पहचान लिया पर दूसरा लण्ड किस भोसड़ी वाले का था ? यह किसी को समझ में नहीं आ रहा है।
मैंने कहा :- शहाना तूने बताया की तेरा एक लण्ड तेरे देवर का था ।  अब दूसरे लण्ड का थोड़ा हुलिया बताओ तो मैं अंदाज़ लगाऊं ?
नन्द बोली :- अरे भाभी, मैंने पहले ही बताया लण्ड साला मोटा था और कड़क था।  लेकिन हां याद आया भाभी उसका लण्ड थोड़ा टेढ़ा था।  मैंने जब उसे अपनी मुठ्ठ में लिया और उसे कई बार ऊपर नीचे किया तब यह बात समझ में आई।
मैंने पूंछा :- क्या वह चोदने में हर बार पूरी ताकत से पूरा लण्ड घुसेड़ देता था ? बीच बीच में चूंचियां भी दबाता रहता था और तुम्हे चिपका भी लेता था।  नन्द बोली :- अरे हां भाभी हां ? तुमने बिलकुल ठीक कहा ? शायद तुम जानती हो उस लौड़े को भाभी ?
मैंने मुस्कराते हुए कहा :- अरे वह तेरी दीदी के ससुर मजीद का लौड़ा था मेरी नन्द रानी ? उसकी का लौड़ा खड़ा होने पर टेढ़ा हो जाता है। 
तब तक उधर से मेरी अम्मी बोली हाय निगार बुर चोदी तूने सही पहचाना ? अब तू बता की तूने इससे कब चुदवाया और भोसड़ी की शहाना तू भी याद कर की तूने कब पकड़ा इस मादर चोद का लण्ड ?
मैंने बताया :- शहाना, यह अभी दो महीने पहले की बात है।  तेरी दीदी का ससुर किसी काम से यहाँ आया था। उस समय घर में मैं थी, मेरी सास और तेरी दीदी का ससुर। रात के साढ़े ग्यारह बज चुके थे।  मुझे नींद नहीं आ रही थी।  मैं अपने कमरे में लेटी हुई करवटें बदल रही थी।  तभी मैं बाथ रूम जाने के लिए उठी।  वहां से जब आ रही थी तो देखा की सास के कमरे की लाईट धीमी धीमी जल रही है। मैं झाँक कर अंदर देखने लगी।  देखते ही मेरी चूत की भड़क उठी।  मैंने देखा की मेरी सास अपने देवर का लण्ड चाट रही है।  मैंने खड़ा लण्ड देखा तो मैं बुरी तरह ललचा गयी। मेरा मन हुआ की मैं भी घुस जाऊं कमरे में और लौड़ा चाटने लगूँ।  लेकिन मैं थोड़ी देर तक देखते रही। फिर सास को भोसड़ा चुदवाते हुए भी देखा। उस दिन यह पक्का हो गया की मेरी सास भोसड़ी की बड़ी चुदक्कड़ औरत है। 
मैं अचानक अपने कमरे में वापस आई तो मेरे मन में तेरी दीदी के ससुर का ख्याल आया।  मैं उसके कमरे में झाँक कर देखने लगी। मैं देखा वह भोसड़ी वाला अपना लण्ड हिला रहा है।  मेरी नज़र उसके लण्ड के सुपाड़े पर पड़ी। मेरे मुंह में पानी आ गया और मैंने धीरे से दरवाजे को धक्का दिया तो वह बहन चोद खुल गया।  फिर मैं चुपके से कमरे में दाखिल हो गयी और अंदर से सिटकिनी बंद कर ली। मैं आगे बढ़ी और फिर एकदम से टूट पड़ी उस पर।  मैं बोली भोसड़ी के अंकल मादर चोद गांडू कहीं का तेरी बहन का लण्ड साले तेरे सामने एक मस्त जवान खूबसूरत लड़की खड़ी है और तू अपना ही लण्ड पकड़ कर हिला रहा है।  मैं किसलिए हूँ बहन चोद ? चल हट मैं पकड़ती हूँ तेरा यह मादर चोद लण्ड ? मैंने हाथ बढ़ा कर लौड़ा पकड़ लिया।  तेरी गालियां सुनकर और मेरे पकड़ते ही लण्ड साला टन टना गया और अपना सिर हिलाने लगा।  मैंने लौड़ा कई बार चूमा फिर अपने सारे कपडे उतार कर बिलकुल नंगी हो गयी और लण्ड चाटने लगी।
फिर मैंने अपनी चूत उसके मुंह पर रख दी और कहा ले भोसड़ी के अब तू मेरी बुर चाट ? वह भी मस्ती से चाटने लगा मेरी चूत ।  थोड़ी देर में मैं बोली लो मादर चोद अब पेलो अपना लण्ड मेरी चूत में और चोदो ? खूब भकाभक चोदो।  गांड से जोर लगा के चोद जैसे तू अपनी बीवी चोदता है। वह भी मस्ती से उचक उचक कर मुझे चोदने लगा।  इस तरह मैंने उससे रात में तीन बार चुदवाया।  तबसे मुझे उसका लौड़ा याद हो गया।
अम्मी बोलीं :- शहाना अब तुम बताओ तुमने कब पकड़ा उसका लौड़ा ?
शहाना बोली :- दीदी की सुहागरात के दो दिन बाद सब मेहमान चले गये ।  कुछ ऐसा इत्तिफ़ाक़ हुआ की एक दिन मैं और दीदी का ससुर घर में रह गये ? शाम तक किसी और के आने की उम्मीद भी नहीं थी।  गर्मी के दिन थे। मैं एक छोटी सी ब्रा और नीचे पेटीकोट पहने हुए थी।  मैंने दुपट्टा भी नहीं डाला इसलिए मेरी मस्तानी बड़ी बड़ी चूंचियां मेरी ब्रा से झाँक रही थीं। वह केवल एक लुंगी पहने हुए मेरी चूंचियां निहार रहा था। उसकी चौड़ी छाती पर घने घने बाल बड़े सेक्सी लग रहे थे। मैं भी मस्ती में आने लगी और वह भी।  दरवाजा अंदर से बंद ही था . बाहर वाला कोई अंदर नहीं आ सकता था। मैंने मन में कहने लगी भोसड़ी का तू माँ का लौड़ा कैसा मर्द है ? इतनी जवान लड़की अपनी चूंचियां दिखा रही है और तेरे लण्ड में कोई हरकत नहीं हो रही है। साला पहल भी नहीं कर रहा है।  लगता है की इसकी गांड फट रही है ? इसकी माँ चुद रही हैं मेरी चूंचियां पकड़ने में ? तब मैं अपना पेटीकोट उठा के अपनी जांघें खुजलाते हुए उसे अपनी चूत की झलक दिखाने लगी। 
तब भी वह भोसड़ी वाला चुप रहा। फिर तो मैं बोल पड़ी भोसड़ी का अंकल तू मर्द है की नही ? तेरी बहन का भोसड़ा साले।  तेरी जगह मैं होती तो नोच डालती तेरी बहू की बहन की चूंचियां। और चोद डालती उसकी बुर चोदी बुर ? मादर चोद झांटू इतनी देर से अपना लण्ड हिला रहा है तू फिर भी खड़ा नहीं होता तेरा लण्ड ? मैंने दो तीन बार 'लण्ड' 'लण्ड' कहा और फिर बड़ी बेशर्मी से उसकी लुंगी खींच ली।  वह नंगा हो गया। उसका खड़ा लण्ड देख तो मेरे होश उड़ गये।  अब तो मेरी गांड फटने लगी।  मैंने झट्ट से पकड़ा लण्ड और उसे चारों तरफ से देखने लगी। मैंने ब्रा खोल दी और पेटीकोट खोल के नीचे फेंक दिया।  मेरे सामने वह खड़ा था और खड़ा था उसका लण्ड ?
मैं घुटनो के बल बैठ कर लण्ड चाटने लगी। उसका टेढ़ा लण्ड मुझे मस्त कर रहा था।  मैंने मुंह में ले लिया लण्ड और चूसने लगी।  वह मस्ताने लगा और बोला शहाना क्या तेरी दीदी भी इसी तरह लण्ड चूसती हैं ? मैंने कहा भोसड़ी के उसे अपना लण्ड चुसा के देखना मुझे क्या मालूम ? मैं बड़ी देर तक लण्ड चूसती ही रही।  फिर वह बोला हाय शहाना अब मैं झड़ जाऊंगा।  मैंने बोली तो मादर चोद तू झड़ जा मेरे मुंह में।  मैं दनादन्न लण्ड ऊपर नीचे करने लगी  . लण्ड गीला हो चुका था।  मैंने मुठ्ठ मारा तो वह भल्ल से उगलने लगा वीर्य और मैं मस्ती से पीने लगी उसका लण्ड ?
तब तक मेरी अम्मी आ गयीं।  एक दिन मैंने अम्मी को सारी बातें बता दीं और दीदी को भी।  कुछ दिन बाद मुझे मालूम हुआ की मेरी अम्मी उससे अपना भोसड़ा चुदवाने लगीं हैं और दीदी अपनी बुर ?  लेकिन मैंने उसके बाद न तो उसका लण्ड पकड़ा और न ही उसे अपनी बुर में पेला।
नन्द बोली :- अम्मी जान अब तुम बताओ भोसड़ी की ? तेरे भोसड़ा ने तो दोनों लण्ड पहचान लिए होंगें ?
मैंने कहा :- हां सासू तू तो बहन चोद लण्ड पहचानने में और लण्ड परखने में बड़ी तेज है। तेरे दो लण्ड कौन कौन थे जो तुझे रात में चोद गये ? 
सास बोली :- देख मेरी बुर चोदी बहू एक तो तेरे अब्बा का ही लण्ड था मादर चोद ? जिससे चुदवाकर मुझे बड़ा मज़ा आया। मैं बड़ी देर तक उसी से चुदवाती रही। उसका लण्ड मुझे बहुत पसंद है और उसका चोदने का तरीका हाय अल्ला ? बड़ा मज़ा देता है ? दूसरा साला लौड़ा समझ में नहीं आ रहा है बेटी शहाना ? मैंने बहुत कोशिश की पर पहचान नहीं पायी।  मेरा भोसड़ा भी नहीं पकड़ पाया उसे।  हां यह बात जरूर है उसने भी चोदा बहुत अच्छी तरह से ? मौक़ा मिले तो मैं दुबारा चुदवाऊँगी उससे ?
मैंने कहा :- कोई हुलिया तो बताओ लण्ड का ?  तो हम लोग भी अंदाज़ा लगायें ?
सास बोलीं :- उसका लण्ड है तो मोटा पर शायद तेरे अब्बा के लण्ड से थोड़ा छोटा है ? वह धचाधच्च चोदता है।  पूरा लौड़ा घुसेड़ कर चोदता है और मादर चोद चूंचियां भी खूब चोदता है ?
शहाना ने पूंछा :- अम्मी जान यह बताओ उसके पेल्हड़ कैसे हैं ?
सास बोलीं :- पेल्हड़ तो थोड़े बड़े बड़े है पर दोनों बराबर साइज़ के हैं ?
यह सुन कर शहाना मुस्कराने लगी और बोली :- अरी मेरी अम्मी जान वो तो सलमा के मियां का लण्ड है ? सलमा मेरी सहेली है। तुम्हे शायद याद नहीं है।  मैं बताती हूँ एक दिन सलमा अपने मियां के साथ मेरे घर आई थी। बातों ही बातों में उसके कहा शहाना तुम्हे याद है की जब तू अपनी शादी के बाद अपने मियां के साथ मेरे घर आई थी। तो तूने मुझे अपने मियां का लण्ड पकड़ा दिया था। उस दिन मैंने भी तेरे मियां का लण्ड पकड़ा और फिर मेरी माँ ने भी उसका लण्ड पकड़ा।  हम दोनों माँ बेटी ने तेरे सामने उसका लण्ड मिलकर चाटा और फिर मुठ्ठ मार कर लण्ड पिया ? आज मैं अपने मियां के साथ तेरे घर आई हूँ।  आज तू मेरे मियां का लण्ड पकड़ ले और अपनी माँ को भी पकड़ा दे ? आज मैं अपने सामने तुम दोनों से अपने मियां का लण्ड चटवाऊंगी। तुम दोनों तब तक चाटो और चूसो मेरे मियां का लण्ड जब तक वह झड़ न जाये ? तब फिर हम दोनों ने खूब मस्ती से उसका लण्ड चाटा, चूसा और पिया था अम्मी ? याद आया ? बड़ा मस्त लौड़ा है सलमा के मियां का अम्मी ?
सास बोली :- हां यार यह तो वही लण्ड था मादर चोद ? इसका मतलब रात में मुझे सलमा का मियां चोद रहा था।  अगर मैंने उस दिन उससे चुदवा लिया होता तो मेरे भोसड़ा को उसका लण्ड जरूर याद हो जाता ?
तो दोस्तों इस तरह यह खेल समाप्त हुआ।

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