मैं साजिया, साइमा, फ़ना, फ़िरोज़ा चारों लड़कियां एक ही कमरे में बैठी हुई खूब हंसी मजाक और गन्दी गन्दी बातें खुल कर कर रहीं थीं। घर का माहौल बड़ा
रंगीन था क्योंकि आज मेरे भाई जान की सुहागरात है और यह सुना है की यह सुहागरात दो दिन तक मनाई जाएगी। घर पूरा मेहमानों से भरा हुआ है. चारों तरह शोरगुल हो रहा है। हंसी ख़ुशी का नज़ारा है। चाहे लड़के हों या लड़कियां, औरतें हों या मरद सब अपनी अपनी टोली में मस्त हैं। घर हो या बाहर सब एक जगह इसी तरह का माहौल है। अच्छी बात यह है की ऐसे माहौल में कहीं कोई पाबन्दी नहीं होती ? पूरी आज़ादी होती है चाहे जो कहो, चाहे जो करो, कोई मना करने वाला नहीं है। एक और बात है की शादी के माहौल में एक दूसरे को गालियां देना और चोदा चोदी की बातें करना एक अच्छा शगुन माना जाता है। मैं आपको दूँ की हम चारों शादी शुदा लड़कियां हैं और चारों के मियां भी यहीं मौजूद हैं।
इतने में साइमा बोली यार मेरी चूत में तो बहन चोद आज सवेरे से ही आग लगी हुई है। मैं तो आज किसी को नहीं छोडूंगी। मेरे सामने जो भी आएगा, मैं उसी का लौड़ा घुसेड़ लूंगी अपनी चूत में वो भोसड़ी वाला चाहे कोई भी हो ? इसके जबाब में फ़ना बोली यार मेरे मियां का लौड़ा न पेल लेना अपनी चूत में तू साइमा क्योंकि उसकी नियत पहले ही मेरी फूफी के भोसड़ा पर ख़राब हो चुकी है। कल रात में जाने कहाँ से उसने फूफी का भोसड़ा देख लिया। तब से मुझसे कह रहा है फ़ना आज तो मैं सबसे पहले तेरी फूफी का भोसड़ा चोदूंगा। तब तक फ़िरोज़ा बोली हाय फना आज तुम मेरे मियां से बच कर रहना ? कल रात मैं जब उसका लण्ड हिला रहा थी तो मैंने तेरा ज़िकर छेड़ दिया। बस तेरा नाम लेते ही उसका लौड़ा मादर चोद दूना हो गया। साला टन्ना कर मेरे सामने गुर्राने लगा। मैं समझ गयी की मेरा मियां फ़िरोज़ा की बुर चोदना चाहता है। मैंने पूंछा तो उसने साफ़ साफ़ कह दिया हां फ़िरोज़ा मैं तो पहले अपना लण्ड उसकी बुर में नहीं उसके मुंह में घुसाना चाहता हूँ। फना बोली हाय अल्ला, वो मुझे इतना चाहता है ? फिर तो मैं उसका लण्ड ज़रूर चूसूंगी ? मैंने कहा देखो यार एक बात तो है की आज बुर हो चाहे भोसड़ा चोदी सबकी जाएगी। और कोई भोसड़ी वाला अपनी बीवी नहीं चोदेगा ? सब के सब मरद एक दूसरे की बीवी पर आँखें गड़ाए बैठे हुए हैं। जैसे ही उन्हें मौक़ा मिलेगा वैसे ही वो लण्ड भक्क से पेल देंगें। इसलिए अपनी अपनी चूत तैयार रखो।
साइमा बोली अरी साजिया चूत ही नहीं अपनी अपनी गांड भी तैयार रखो। यहाँ कुछ मरद ऐसे है मादर चोद जो गांड भी मारेंगें ? फना बोली यार एक कहावत है न जब सिर दिया ओखली में तो फिर चोटों की क्या परवाह ? जब चुदाने ही निकली हूँ तो लण्ड चाहे बुर में घुसे चाहे गांड में ? चाहे मुंह में घुसे चाहे चूंची में ? कौन बुर चोदी इसकी परवाह करती है ? फ़िरोज़ा ने बताया यार मुझे मालूम हुआ है की जैसी अंदर कमरे में दूल्हा दुल्हन की सुहागरात होगी वैसी ही बाहर भी सुहागरात होगी। वह भी एकदम खुल्लम खुल्ला ? साइमा बोली तो क्या बाहर लोग एक दूसरे की बीवी चोदेंगें ? मैंने कहा बाहर ही नहीं बल्कि अंदर भी। मैं सुनकर आई हूँ की पहले दूल्हा अपनी बीवी चोदेगा ? फिर उसके दोस्त उसकी बीवी चोदेंगें और दूल्हा अपने दोस्तों की बीवियां चोदेगा ? साइमा बड़ी खुश होकर बोली यार अब तो मैं दो दिन खूब जम कर ऐय्यासी करूंगी ? मैं तो सबके लण्ड पकड़ूंगी और सबके लौड़ों से चुदवाऊँगी अपनी चूत बहन चोद ? इतने में साइमा की अम्मी आ गयीं।
साइमा की माँ ने कहा :- मैंने तुम्हारी बातें सुन ली हैं। अब जाओ भोसड़ी वालियों और मोटे मोटे लण्ड से अपनी अपनी माँ चुदाओ ?
बस इतनी सी बात कह कर वह मुस्कराती हुई चली गयीं। मैंने हंस कर कहा अरी बुर चोदी साइमा तुझे तो अपनी माँ चुदाने की इज़ाज़त मिल गयी है। अब बोल तू किसका लण्ड पेलने जा रही है अपनी माँ के भोसड़ा में ? साइमा ने कहा इज़ाज़त सिर्फ मुझे ही नहीं मिली है बल्कि हम सबको भी मिली है। अब तो हम सबको अपनी अपनी माँ चुदानी है। अब सब लोग मिलकर सबसे पहले यह पता लगाओ की किस किस के लण्ड मोटे हैं ? मोटे मोटे कितने लण्ड यहाँ मौजूद हैं ? और उसके बाद यह भी तय करो की किसका मोटा लण्ड किसकी माँ के भोसड़ा में पेला जाएगा ? फ़िरोज़ा बोली इसका मतलब यह है की सबकी भोसड़ी की अम्मियाँ मोटे मोटे लण्ड से ही चुदवाना चाहती हैं।
जब आसिया खाला ने कहा की तुम लोग अपनी अपनी माँ चुदाओ तो हम सब सोंचने लगीं।
इतने में अचानक कमरे में दो आदमी आ गये। उन्हें देख कर फ़िरोज़ा बोली वाओ, भोसड़ा का तू मेरा ससुर हसन कब आ गया ? उसने कहा - अरे बहू मुझे भी इस सुहागरात में शामिल होने का दावतनामा मिला है - तुझे दावतनामा नहीं मिला है मादर चोद, तेरे लण्ड को मिला है दावतनामा बुर चोदने के लिए। पहले यह बता की तेरे साथ यह कौन है ? - यह असद है मेरा दोस्त मैं इसे अपने साथ ले आया - क्या इससे तेरी ख़ास मोहब्बत है ? - मेरी मोहब्बत नहीं है. इसकी मोहब्बत मेरी बीवी से है और मेरी मोहब्बत इसकी बीवी से है। - क्या मतलब ज़रा खुल के बता बेटी चोद - अरे बहू सीधी सी बात है मैं इसकी बीवी चोदता हूँ और ये मेरी बीवी चोदता है। फ़िरोज़ा उठी और बोली भोसड़ी के हसन मैं तेरा लण्ड तो पहचानती हूँ अब मैं वो लण्ड देखना चाहती हूँ जो मेरी सास का भोसड़ा चोदता है। उसने झट्ट से असद के पैजामे में हाथ घुसेड़ दिया और अंदर ही अंदर लण्ड सहलाने लगी। लण्ड बहन चोद खड़ा हो गया। वह बोली अरी साजिया मुझे तो अपनी माँ का भोसड़ा चोदने के लिए लण्ड मिल गया और तेरी भी माँ चोदने के लिए लण्ड मिल गया। इन दोनों भोसड़ी वालों के लण्ड मोटे मोटे हैं। इधर आ और मेरे ससुर का लण्ड पकड़ के देख ले ? मैंने वाकई सबके सामने उसका लौड़ा खोला तो वह फंफनाकर खड़ा हो गया मेरे आगे। मैंने कहा वाओ मैं इसी लण्ड से अपनी माँ चुदवाऊँगी।
उधर फ़ना बाहर गयी और अपने साथ दो मस्त हट्टे कट्टे आदमी लेकर आ गयी। मैं आपजो यह बता दूँ की फना मेरी पड़ोसन शकीला आंटी की बेटी है। यह परिवार मेरे परिवार से खूब घुला मिला है . इसका अब्बा मेरी माँ चोदता है और मेरा अब्बा इसकी माँ चोदता है। इसलिए ये लोग हमारे सभी शादी व्याह में ख़ास तौर से रहतें हैं। फ़ना बोली अरे सुनो तुम लोग ये दोनों मेरे अब्बा के दोस्त है। असलम और अज़हर। इन दोनों के लण्ड बड़े मोटे मोटे हैं।
साइमा बोली - फिर क्या ? अब चलो हम लोग अपनी अपनी माँ का भोसड़ा चुदवायें ? पहले सब लोग अपने अपने कपडे उतार दें और मादर चोद हो जायें बिलकुल नंगी। फिर इन चारों भोसड़ी वालों को नंगा करके इनके लण्ड पकड़े हुए हम लोग अम्मियों के कमरे में दाखिल हो जायें और एक एक लण्ड घुसेड़ दें अपनी अपनी माँ के भोसड़ा में। सबने एक आवाज़ में हां कह दी और फिर सब अपने अपने कपड़े उतारने लगीं। तब तक किसी ने बताया की सुहागरात शुरू हो गयी है और दुलहन ने चुदवाना शुरू कर दिया है अब तुम लोग भी जाओ और सबसे बहन चोद भकाभक झमाझम चुदना शुरू कर दो।
मैंने फिर असलम का लण्ड पकड़ लिया। साइमा ने अज़हर का लण्ड, फना ने हसन का लण्ड और फ़िरोज़ा ने असद का लण्ड पकड़ लिया . हम चारों नंगी नंगी एक एक लण्ड पकडे हुए अम्मियों के कमरे में दाखिल हो गयीं. वहाँ का नज़ारा देख कर तो हम सब दंग रह गयी। हमने देखा की मेरी अम्मी ताहिरा एकदम नंगी नंगी अपना भोसड़ा फैलाये हुए बड़ी मस्ती से साइमा के मियां का लण्ड चूस रही हैं। साइमा का मियां तारिक तो अम्मी के मुंह को चूत समझ कर चोदता चला जा रहा है। साइमा बोली भोसड़ी की खाला तुझे मेरे मियां का लण्ड पसंद आ गया है ?
उसके सामने साइमा की अम्मी आसिया भी अपने सारे कपडे खोल कर फ़िरोज़ा के मियां का लण्ड चाटने में जुटी है। उसका मियां नदीम भोसड़ी का बड़ी मस्ती से अपना लण्ड चटवा रहा है। फ़िरोज़ा बोली हाय साइमा अब तो मेरा मियां तेरी माँ चोदेगा ?
उसके बगल में फ़िरोज़ा की अम्मी मुमताज़ भोसड़ी की फ़ना के मियां कादर का लण्ड हिला रही है। बीच बीच उसे चूम चाट रही है। बड़ी मस्ती आ रही उस माँ की लौड़ी को पराये मरद का लण्ड चाटने में।
उसके सामने फ़ना की अम्मी मेरे मियां नियाज़ का लौड़ा अपने मुंह में घुसा कर चूस रही है। मैंने कहा आंटी पूरा लौड़ा घुसा के चूस लो क्योंकि अभी मैं तेरे भोसड़ा में पेलूँगी लण्ड ? तुझे तो चुदाने का बड़ा शौक है न ?
वे सब हम लोगों के हाथ में एक एक लण्ड देख कर बड़ी हैरान हुई और बोली हाय दईया तुम सब कहाँ ले कर जा रही हो इन सबके लण्ड ? मैंने जबाब दिया हम तो तुम सबके भोसड़ा में लण्ड पेलने आयीं है मगर तुम तो पहले से ही लण्ड चूस रही हो। इतने में मुमताज़ (मेरी मामी जान) बोली अरी बुर चोदियों हम लोग ये सारे लण्ड तुम लोगों की बुर में घुसेड़ेंगी। तुम सब अपनी अपनी माँ का भोसड़ा चुदाने आई हो तो हम लोग भी अपनी अपनी बेटी की बुर चुदाने के लिए तैयार हैं। अब मैं तुम लोगो के मियों के लण्ड एक दूसरे के बीवी की बुर में ठोंकूंगी।
बस मेरी अम्मी उठीं, मेरे पास आई और मुझे साइमा के मियां का लण्ड पकड़ा दिया तब मैंने भी उसे असलम का लण्ड पकड़ा दिया।
साइमा की अम्मी ने साइमा को फ़िरोज़ा के मियां का लण्ड पकड़ा दिया और साइमा ने अपनी अम्मी को अज़हर का लण्ड पकड़ा दिया।
फ़िरोज़ा की अम्मी ने फ़ना के मियां का लण्ड अपनी बेटी को पकड़ा दिया और फ़िरोज़ा ने अपनी अम्मी को असद का लण्ड पकड़ा दिया और
फ़ना की अम्मी शकीला ने मेरे मियां नियाज़ का लण्ड अपनी बेटी फ़ना को पकड़ा दिया और फना ने हसन का लण्ड अपनी अम्मी को पकड़ा दिया।
इस तरह मैं साइमा के मियां से चुदवाने लगी, साइमा फ़िरोज़ा के मियां से चुदवाने लगी, फ़िरोज़ा फ़ना के मियां से चुदवाने लगी और फ़ना मेरे मियां से चुदवाने लगी। हमारे सामने ही असलम मेरी माँ का भोसड़ा चोदने लगा, अज़हर साइमा की माँ का भोसड़ा चोदने लगा, असद फ़िरोज़ा की माँ का भोसड़ा चोदने लगा और हसन फ़ना की माँ का भोसड़ा चोदने लगा।
अब पूरे कमरे में एक तरफ चुदने लगा सबकी माँ का भोसड़ा और दूसरी तरफ चुदने लगी सबकी बिटिया की बुर।
हम चारों लड़कियों ने पहले कभी एक दूसरे मरद का लण्ड नहीं देखा था आज जब हम दूसरे के मियां से चुदवा रहीं है और सबके लण्ड देख भी रहीं है तो बड़ा मज़ा आ रहा है। उससे भी ज्यादा मज़ा अपनी अपनी माँ का भोसड़ा चुदवाने में आ रहा है। उन लोगों के लिए भी नया लण्ड है और नये लौड़े से चुदवाने का मज़ा ही कुछ और होता है ? हमारी अम्मियाँ भी अपने सामने अपनी अपनी बेटियों की बुर चुदवा कर बड़ा मज़ा ले रहीं है। ऐसा नज़ारा हर शादी व्याह में देखने को मिलता है। वैसे तो मैं अपनी माँ का भोसड़ा कई बार चुदवा चुकी हूँ लेकिन आज सबके साथ माँ चुदाने में जो मज़ा आ रहा है वह पहले नहीं आया। साइमा बोली हाय साजिया आज चुद रहा है मस्ती से तेरी माँ का भोसड़ा। तू माँ की लौड़ी बड़ी हरामजादी है अपनी माँ चुदाया करती हूँ तेरी बहन की बुर बहन चोद ? मैंने कहा और तू मादर चोद क्या अपनी माँ के भोसड़ा का आचार डालती है ? तू भी तो भकाभक चुदवा रही है अपनी माँ ? फ़ना बोली ये भोसड़ी की फ़िरोज़ा तो अपनी चूत बाज़ार में रख देती है और लोग अपना अपना लण्ड पेलते रहतें हैं। यही हाल इसकी माँ की चूत का हैं यार ? फ़िरोज़ा बोली तेरी तो बहन का भोसड़ा बुर चोदी पहले अपनी बुर का ख्याल रख ? पता नहीं कितने लण्ड पेलती है ससुरी अपनी बुर में और अपनी माँ की बुर में ? इस तर ही गन्दी गन्दी बातें करती हुई सब की सब अपनी बुर चुदवाने में जुटी थीं।
चुदाने के बाद मैं बगल के कमरे में घुस गयी तो वहाँ का सीन तो और भी गज़ब का था। वहाँ मेरी नन्द और साइमा की नन्द अपनी अपनी माँ चुदवा रही थीं। मतलब की हम दोनों की सास के भोसड़ा में लण्ड घुसे हुए थे। मैंने देखा की मेरी नन्द मेरे अब्बू का लण्ड पकड़ कर अपनी माँ के भोसड़ा में ठोंक रही है। और मेरी सास साइमा के अब्बू का लण्ड अपनी बिटिया की बुर में घुसा रही है। दोनों माँ बेटी एक दूसरे की बुर में लण्ड पेल पेल कर चुदा रही है और चुदवा भी रही हैं। उसी के बगल में साइमा की नन्द फ़िरोज़ा के अब्बू का लण्ड अपनी माँ की चूत में पेल रही है और उसकी माँ फना के अब्बू का लण्ड अपनी बिटिया की बुर में पेल रही है . इधर भी माँ बेटी एक दूसरे की चूत में लण्ड पेल पेल कर चुदाई का मज़ा ले रहीं हैं। पूरे घर में एक तरफ चुद रहा है सबकी माँ का भोसड़ा और दूसरी तरफ चुद रही है सबकी बिटिया की बुर ?
उधर दुल्हन अब अपने दूल्हे के दोस्तों से चुदवाने लगी है और दूल्हा अपने दोस्तों की बीवियां चोदने लगा है। हम चारों लड़कियां अब इस जुगाड़ में है की सबके लण्ड अपनी अपनी बुर में घुसा कर चुदाया जाये ? अभी तो दूल्हे के दोस्तों से भी हमें चुदवाना है।
फ़िरोज़ा बोली :- यार साजिया , पहले हम चारों एक दूसरे के मियां से एक एक बार ठीक से चुदा तो लें ?
फ़ना बोली :- हां फ़िरोज़ा बिलकुल सही कह यही है। लेकिन हम सब कम से कम एक एक बार एक दूसरे के अब्बू से चुदवा कर भी तो मज़ा ले लें ?
साइमा बोली :- यार यहाँ जितने लण्ड हैं मैं तो कहती हूँ की सब के सब भोसड़ी वाले एक एक बार तो हम सबको चोदें और हम सबकी माँ चोदें ?
मैंने कहा :- तुम लोग ठीक कह रही हो। अब यह सुहाग रात तब तक चलती रहेगी जब तक हर एक की चूत में हर एक का लण्ड घुस न जाये ? जब तक हर एक की माँ का भोसड़ा ठीक से चुद न जाये और जब तक हर एक की बुर , हर एक का लण्ड खा न ले ?
तो दोस्तों, यह माँ चुदाने का खेल दो दिन तक चलता रहा।
एक दिन मैं बैठी हुई अपनी सहेली से चूत लण्ड की बातें कर रही थी। इतने में मेरा मोबाइल बज उठा।
=०=०=०=०=०=०=०=००=००=०=०=०समाप्त
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माँ चुदा रही हूँ अपनी |
इतने में साइमा बोली यार मेरी चूत में तो बहन चोद आज सवेरे से ही आग लगी हुई है। मैं तो आज किसी को नहीं छोडूंगी। मेरे सामने जो भी आएगा, मैं उसी का लौड़ा घुसेड़ लूंगी अपनी चूत में वो भोसड़ी वाला चाहे कोई भी हो ? इसके जबाब में फ़ना बोली यार मेरे मियां का लौड़ा न पेल लेना अपनी चूत में तू साइमा क्योंकि उसकी नियत पहले ही मेरी फूफी के भोसड़ा पर ख़राब हो चुकी है। कल रात में जाने कहाँ से उसने फूफी का भोसड़ा देख लिया। तब से मुझसे कह रहा है फ़ना आज तो मैं सबसे पहले तेरी फूफी का भोसड़ा चोदूंगा। तब तक फ़िरोज़ा बोली हाय फना आज तुम मेरे मियां से बच कर रहना ? कल रात मैं जब उसका लण्ड हिला रहा थी तो मैंने तेरा ज़िकर छेड़ दिया। बस तेरा नाम लेते ही उसका लौड़ा मादर चोद दूना हो गया। साला टन्ना कर मेरे सामने गुर्राने लगा। मैं समझ गयी की मेरा मियां फ़िरोज़ा की बुर चोदना चाहता है। मैंने पूंछा तो उसने साफ़ साफ़ कह दिया हां फ़िरोज़ा मैं तो पहले अपना लण्ड उसकी बुर में नहीं उसके मुंह में घुसाना चाहता हूँ। फना बोली हाय अल्ला, वो मुझे इतना चाहता है ? फिर तो मैं उसका लण्ड ज़रूर चूसूंगी ? मैंने कहा देखो यार एक बात तो है की आज बुर हो चाहे भोसड़ा चोदी सबकी जाएगी। और कोई भोसड़ी वाला अपनी बीवी नहीं चोदेगा ? सब के सब मरद एक दूसरे की बीवी पर आँखें गड़ाए बैठे हुए हैं। जैसे ही उन्हें मौक़ा मिलेगा वैसे ही वो लण्ड भक्क से पेल देंगें। इसलिए अपनी अपनी चूत तैयार रखो।
साइमा बोली अरी साजिया चूत ही नहीं अपनी अपनी गांड भी तैयार रखो। यहाँ कुछ मरद ऐसे है मादर चोद जो गांड भी मारेंगें ? फना बोली यार एक कहावत है न जब सिर दिया ओखली में तो फिर चोटों की क्या परवाह ? जब चुदाने ही निकली हूँ तो लण्ड चाहे बुर में घुसे चाहे गांड में ? चाहे मुंह में घुसे चाहे चूंची में ? कौन बुर चोदी इसकी परवाह करती है ? फ़िरोज़ा ने बताया यार मुझे मालूम हुआ है की जैसी अंदर कमरे में दूल्हा दुल्हन की सुहागरात होगी वैसी ही बाहर भी सुहागरात होगी। वह भी एकदम खुल्लम खुल्ला ? साइमा बोली तो क्या बाहर लोग एक दूसरे की बीवी चोदेंगें ? मैंने कहा बाहर ही नहीं बल्कि अंदर भी। मैं सुनकर आई हूँ की पहले दूल्हा अपनी बीवी चोदेगा ? फिर उसके दोस्त उसकी बीवी चोदेंगें और दूल्हा अपने दोस्तों की बीवियां चोदेगा ? साइमा बड़ी खुश होकर बोली यार अब तो मैं दो दिन खूब जम कर ऐय्यासी करूंगी ? मैं तो सबके लण्ड पकड़ूंगी और सबके लौड़ों से चुदवाऊँगी अपनी चूत बहन चोद ? इतने में साइमा की अम्मी आ गयीं।
साइमा की माँ ने कहा :- मैंने तुम्हारी बातें सुन ली हैं। अब जाओ भोसड़ी वालियों और मोटे मोटे लण्ड से अपनी अपनी माँ चुदाओ ?
बस इतनी सी बात कह कर वह मुस्कराती हुई चली गयीं। मैंने हंस कर कहा अरी बुर चोदी साइमा तुझे तो अपनी माँ चुदाने की इज़ाज़त मिल गयी है। अब बोल तू किसका लण्ड पेलने जा रही है अपनी माँ के भोसड़ा में ? साइमा ने कहा इज़ाज़त सिर्फ मुझे ही नहीं मिली है बल्कि हम सबको भी मिली है। अब तो हम सबको अपनी अपनी माँ चुदानी है। अब सब लोग मिलकर सबसे पहले यह पता लगाओ की किस किस के लण्ड मोटे हैं ? मोटे मोटे कितने लण्ड यहाँ मौजूद हैं ? और उसके बाद यह भी तय करो की किसका मोटा लण्ड किसकी माँ के भोसड़ा में पेला जाएगा ? फ़िरोज़ा बोली इसका मतलब यह है की सबकी भोसड़ी की अम्मियाँ मोटे मोटे लण्ड से ही चुदवाना चाहती हैं।
जब आसिया खाला ने कहा की तुम लोग अपनी अपनी माँ चुदाओ तो हम सब सोंचने लगीं।
इतने में अचानक कमरे में दो आदमी आ गये। उन्हें देख कर फ़िरोज़ा बोली वाओ, भोसड़ा का तू मेरा ससुर हसन कब आ गया ? उसने कहा - अरे बहू मुझे भी इस सुहागरात में शामिल होने का दावतनामा मिला है - तुझे दावतनामा नहीं मिला है मादर चोद, तेरे लण्ड को मिला है दावतनामा बुर चोदने के लिए। पहले यह बता की तेरे साथ यह कौन है ? - यह असद है मेरा दोस्त मैं इसे अपने साथ ले आया - क्या इससे तेरी ख़ास मोहब्बत है ? - मेरी मोहब्बत नहीं है. इसकी मोहब्बत मेरी बीवी से है और मेरी मोहब्बत इसकी बीवी से है। - क्या मतलब ज़रा खुल के बता बेटी चोद - अरे बहू सीधी सी बात है मैं इसकी बीवी चोदता हूँ और ये मेरी बीवी चोदता है। फ़िरोज़ा उठी और बोली भोसड़ी के हसन मैं तेरा लण्ड तो पहचानती हूँ अब मैं वो लण्ड देखना चाहती हूँ जो मेरी सास का भोसड़ा चोदता है। उसने झट्ट से असद के पैजामे में हाथ घुसेड़ दिया और अंदर ही अंदर लण्ड सहलाने लगी। लण्ड बहन चोद खड़ा हो गया। वह बोली अरी साजिया मुझे तो अपनी माँ का भोसड़ा चोदने के लिए लण्ड मिल गया और तेरी भी माँ चोदने के लिए लण्ड मिल गया। इन दोनों भोसड़ी वालों के लण्ड मोटे मोटे हैं। इधर आ और मेरे ससुर का लण्ड पकड़ के देख ले ? मैंने वाकई सबके सामने उसका लौड़ा खोला तो वह फंफनाकर खड़ा हो गया मेरे आगे। मैंने कहा वाओ मैं इसी लण्ड से अपनी माँ चुदवाऊँगी।
उधर फ़ना बाहर गयी और अपने साथ दो मस्त हट्टे कट्टे आदमी लेकर आ गयी। मैं आपजो यह बता दूँ की फना मेरी पड़ोसन शकीला आंटी की बेटी है। यह परिवार मेरे परिवार से खूब घुला मिला है . इसका अब्बा मेरी माँ चोदता है और मेरा अब्बा इसकी माँ चोदता है। इसलिए ये लोग हमारे सभी शादी व्याह में ख़ास तौर से रहतें हैं। फ़ना बोली अरे सुनो तुम लोग ये दोनों मेरे अब्बा के दोस्त है। असलम और अज़हर। इन दोनों के लण्ड बड़े मोटे मोटे हैं।
साइमा बोली - फिर क्या ? अब चलो हम लोग अपनी अपनी माँ का भोसड़ा चुदवायें ? पहले सब लोग अपने अपने कपडे उतार दें और मादर चोद हो जायें बिलकुल नंगी। फिर इन चारों भोसड़ी वालों को नंगा करके इनके लण्ड पकड़े हुए हम लोग अम्मियों के कमरे में दाखिल हो जायें और एक एक लण्ड घुसेड़ दें अपनी अपनी माँ के भोसड़ा में। सबने एक आवाज़ में हां कह दी और फिर सब अपने अपने कपड़े उतारने लगीं। तब तक किसी ने बताया की सुहागरात शुरू हो गयी है और दुलहन ने चुदवाना शुरू कर दिया है अब तुम लोग भी जाओ और सबसे बहन चोद भकाभक झमाझम चुदना शुरू कर दो।
मैंने फिर असलम का लण्ड पकड़ लिया। साइमा ने अज़हर का लण्ड, फना ने हसन का लण्ड और फ़िरोज़ा ने असद का लण्ड पकड़ लिया . हम चारों नंगी नंगी एक एक लण्ड पकडे हुए अम्मियों के कमरे में दाखिल हो गयीं. वहाँ का नज़ारा देख कर तो हम सब दंग रह गयी। हमने देखा की मेरी अम्मी ताहिरा एकदम नंगी नंगी अपना भोसड़ा फैलाये हुए बड़ी मस्ती से साइमा के मियां का लण्ड चूस रही हैं। साइमा का मियां तारिक तो अम्मी के मुंह को चूत समझ कर चोदता चला जा रहा है। साइमा बोली भोसड़ी की खाला तुझे मेरे मियां का लण्ड पसंद आ गया है ?
उसके सामने साइमा की अम्मी आसिया भी अपने सारे कपडे खोल कर फ़िरोज़ा के मियां का लण्ड चाटने में जुटी है। उसका मियां नदीम भोसड़ी का बड़ी मस्ती से अपना लण्ड चटवा रहा है। फ़िरोज़ा बोली हाय साइमा अब तो मेरा मियां तेरी माँ चोदेगा ?
उसके बगल में फ़िरोज़ा की अम्मी मुमताज़ भोसड़ी की फ़ना के मियां कादर का लण्ड हिला रही है। बीच बीच उसे चूम चाट रही है। बड़ी मस्ती आ रही उस माँ की लौड़ी को पराये मरद का लण्ड चाटने में।
उसके सामने फ़ना की अम्मी मेरे मियां नियाज़ का लौड़ा अपने मुंह में घुसा कर चूस रही है। मैंने कहा आंटी पूरा लौड़ा घुसा के चूस लो क्योंकि अभी मैं तेरे भोसड़ा में पेलूँगी लण्ड ? तुझे तो चुदाने का बड़ा शौक है न ?
वे सब हम लोगों के हाथ में एक एक लण्ड देख कर बड़ी हैरान हुई और बोली हाय दईया तुम सब कहाँ ले कर जा रही हो इन सबके लण्ड ? मैंने जबाब दिया हम तो तुम सबके भोसड़ा में लण्ड पेलने आयीं है मगर तुम तो पहले से ही लण्ड चूस रही हो। इतने में मुमताज़ (मेरी मामी जान) बोली अरी बुर चोदियों हम लोग ये सारे लण्ड तुम लोगों की बुर में घुसेड़ेंगी। तुम सब अपनी अपनी माँ का भोसड़ा चुदाने आई हो तो हम लोग भी अपनी अपनी बेटी की बुर चुदाने के लिए तैयार हैं। अब मैं तुम लोगो के मियों के लण्ड एक दूसरे के बीवी की बुर में ठोंकूंगी।
बस मेरी अम्मी उठीं, मेरे पास आई और मुझे साइमा के मियां का लण्ड पकड़ा दिया तब मैंने भी उसे असलम का लण्ड पकड़ा दिया।
साइमा की अम्मी ने साइमा को फ़िरोज़ा के मियां का लण्ड पकड़ा दिया और साइमा ने अपनी अम्मी को अज़हर का लण्ड पकड़ा दिया।
फ़िरोज़ा की अम्मी ने फ़ना के मियां का लण्ड अपनी बेटी को पकड़ा दिया और फ़िरोज़ा ने अपनी अम्मी को असद का लण्ड पकड़ा दिया और
फ़ना की अम्मी शकीला ने मेरे मियां नियाज़ का लण्ड अपनी बेटी फ़ना को पकड़ा दिया और फना ने हसन का लण्ड अपनी अम्मी को पकड़ा दिया।
इस तरह मैं साइमा के मियां से चुदवाने लगी, साइमा फ़िरोज़ा के मियां से चुदवाने लगी, फ़िरोज़ा फ़ना के मियां से चुदवाने लगी और फ़ना मेरे मियां से चुदवाने लगी। हमारे सामने ही असलम मेरी माँ का भोसड़ा चोदने लगा, अज़हर साइमा की माँ का भोसड़ा चोदने लगा, असद फ़िरोज़ा की माँ का भोसड़ा चोदने लगा और हसन फ़ना की माँ का भोसड़ा चोदने लगा।
अब पूरे कमरे में एक तरफ चुदने लगा सबकी माँ का भोसड़ा और दूसरी तरफ चुदने लगी सबकी बिटिया की बुर।
हम चारों लड़कियों ने पहले कभी एक दूसरे मरद का लण्ड नहीं देखा था आज जब हम दूसरे के मियां से चुदवा रहीं है और सबके लण्ड देख भी रहीं है तो बड़ा मज़ा आ रहा है। उससे भी ज्यादा मज़ा अपनी अपनी माँ का भोसड़ा चुदवाने में आ रहा है। उन लोगों के लिए भी नया लण्ड है और नये लौड़े से चुदवाने का मज़ा ही कुछ और होता है ? हमारी अम्मियाँ भी अपने सामने अपनी अपनी बेटियों की बुर चुदवा कर बड़ा मज़ा ले रहीं है। ऐसा नज़ारा हर शादी व्याह में देखने को मिलता है। वैसे तो मैं अपनी माँ का भोसड़ा कई बार चुदवा चुकी हूँ लेकिन आज सबके साथ माँ चुदाने में जो मज़ा आ रहा है वह पहले नहीं आया। साइमा बोली हाय साजिया आज चुद रहा है मस्ती से तेरी माँ का भोसड़ा। तू माँ की लौड़ी बड़ी हरामजादी है अपनी माँ चुदाया करती हूँ तेरी बहन की बुर बहन चोद ? मैंने कहा और तू मादर चोद क्या अपनी माँ के भोसड़ा का आचार डालती है ? तू भी तो भकाभक चुदवा रही है अपनी माँ ? फ़ना बोली ये भोसड़ी की फ़िरोज़ा तो अपनी चूत बाज़ार में रख देती है और लोग अपना अपना लण्ड पेलते रहतें हैं। यही हाल इसकी माँ की चूत का हैं यार ? फ़िरोज़ा बोली तेरी तो बहन का भोसड़ा बुर चोदी पहले अपनी बुर का ख्याल रख ? पता नहीं कितने लण्ड पेलती है ससुरी अपनी बुर में और अपनी माँ की बुर में ? इस तर ही गन्दी गन्दी बातें करती हुई सब की सब अपनी बुर चुदवाने में जुटी थीं।
चुदाने के बाद मैं बगल के कमरे में घुस गयी तो वहाँ का सीन तो और भी गज़ब का था। वहाँ मेरी नन्द और साइमा की नन्द अपनी अपनी माँ चुदवा रही थीं। मतलब की हम दोनों की सास के भोसड़ा में लण्ड घुसे हुए थे। मैंने देखा की मेरी नन्द मेरे अब्बू का लण्ड पकड़ कर अपनी माँ के भोसड़ा में ठोंक रही है। और मेरी सास साइमा के अब्बू का लण्ड अपनी बिटिया की बुर में घुसा रही है। दोनों माँ बेटी एक दूसरे की बुर में लण्ड पेल पेल कर चुदा रही है और चुदवा भी रही हैं। उसी के बगल में साइमा की नन्द फ़िरोज़ा के अब्बू का लण्ड अपनी माँ की चूत में पेल रही है और उसकी माँ फना के अब्बू का लण्ड अपनी बिटिया की बुर में पेल रही है . इधर भी माँ बेटी एक दूसरे की चूत में लण्ड पेल पेल कर चुदाई का मज़ा ले रहीं हैं। पूरे घर में एक तरफ चुद रहा है सबकी माँ का भोसड़ा और दूसरी तरफ चुद रही है सबकी बिटिया की बुर ?
उधर दुल्हन अब अपने दूल्हे के दोस्तों से चुदवाने लगी है और दूल्हा अपने दोस्तों की बीवियां चोदने लगा है। हम चारों लड़कियां अब इस जुगाड़ में है की सबके लण्ड अपनी अपनी बुर में घुसा कर चुदाया जाये ? अभी तो दूल्हे के दोस्तों से भी हमें चुदवाना है।
फ़िरोज़ा बोली :- यार साजिया , पहले हम चारों एक दूसरे के मियां से एक एक बार ठीक से चुदा तो लें ?
फ़ना बोली :- हां फ़िरोज़ा बिलकुल सही कह यही है। लेकिन हम सब कम से कम एक एक बार एक दूसरे के अब्बू से चुदवा कर भी तो मज़ा ले लें ?
साइमा बोली :- यार यहाँ जितने लण्ड हैं मैं तो कहती हूँ की सब के सब भोसड़ी वाले एक एक बार तो हम सबको चोदें और हम सबकी माँ चोदें ?
मैंने कहा :- तुम लोग ठीक कह रही हो। अब यह सुहाग रात तब तक चलती रहेगी जब तक हर एक की चूत में हर एक का लण्ड घुस न जाये ? जब तक हर एक की माँ का भोसड़ा ठीक से चुद न जाये और जब तक हर एक की बुर , हर एक का लण्ड खा न ले ?
तो दोस्तों, यह माँ चुदाने का खेल दो दिन तक चलता रहा।
एक दिन मैं बैठी हुई अपनी सहेली से चूत लण्ड की बातें कर रही थी। इतने में मेरा मोबाइल बज उठा।
- मैंने कहा वाओ, तू भोसड़ी की खुशबू इतने दिनों के बाद फोन कर रही है ? तू बुर चोदी गांड मरा रही थी की माँ चुदा रही थी अपनी ?
- अरे यार मैं बाहर गयी थी। तू बता कैसी है तू। खूब चुदाई करवा रही है की नहीं ?
- हां चुदाई नहीं कवाऊंगी तो फिर चूत का क्या आचार बनाऊँगी ?
- अच्छा सुन मेरे भाई जान की शादी होने वाली है और मैंने जश्न मनाना शुरू कर दिया है। तुमको उसमे आना है ?
- हां हां बिलकुल आऊँगी और जो तू कहेगी वो मैं करके दिखाऊँगी।
- देख बुर चोदी साजिया, तीन दिन तक लगातार चोदा चोदी का प्रोग्राम है । पहले दिन "माँ का भोसड़ा बिटिया की बुर" - इसमें सभी बेटियां अपनी अपनी माँ का भोसड़ा चुदवायेंगी और माँ अपनी अपनी बेटियों की बुर चुदवायेंगी। फिर एक दूसरे की माँ चुदवायेंगी और एक दूसरे की बेटियां भी। दूसरे दिन "सास का भोसड़ा बहू की बुर" - बहू अपनी सास का भोसड़ा चुदवायेगी और सास अपनी बहू की बुर। इसमें भी अदला बदली होगी। सास किसी और की बहू की बुर चुदवायेगी फिर बहू किसी और की सास का भोसड़ा चुदवायेगी ? तीसरे दिन "लड़कियों की चूत लड़कों के लण्ड" - इसमें कुआंरी लड़कियां कुंआरे लड़कों से चुदवायेंगी। इसमें कोई लड़की या लड़का २१ साल से कम उम्र का नहीं होगा। तुमको अपनी माँ के साथ पहले दिन, अपनी सास के साथ दूसरे दिन और तीसरे दिन भी रहना होगा ?
- मैं तीसरे दिन क्या अपनी झांटें उखाड़ने आऊँगी। नहीं झांटें उखाड़ने नहीं ? लकड़ी लड़कियों की चोदा चोदी देखने आओगी। ये सभी चुदाई के कार्यक्रम खुले आम होंगें। आस पास लोगों की एक बड़ी सी भीड़ होगी जो हमारे खेल का मज़ा लेंगें ।
- ओ के मैं जरूर आऊँगी ।
=०=०=०=०=०=०=०=००=००=०=०=०समाप्त
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