तू तो बड़ी दग़ाबाज़ निकली मेरी बुर चोदी जेठानी ? अकेले अकेले अपनी माँ चुदवा ली तूने भोसड़ी वाले माइकल से और किसी को कानो कान खबर नहीं
हुई बहन चोद ? मैंने कहा था तुझसे की जब माइकल तेरी माँ चोदने आये तो मुझे जरूर बता देना मैं भी अपनी माँ चुदवाऊँगी माइकल से पर तूने तो मुझे मौक़ा ही नहीं दिया माँ की लौड़ी ?
जेठानी बोली :- अरी तू बहन चोद ऐसा क्यों कह रही है ? माइकल तो मुझे चोद कर किसी और को चोदने फ़ौरन चला गया तो मैं क्या करती ?
मैंने जबाब दिया :- मैं ऐसा इसलिए कह रही हूँ जेठानी जी की मेरी मॉम काले लण्ड बहुत पसंद करती है। काले लण्ड के आगे अपना भोसड़ा खोल कर घूमती रहती है और इधर मेरी भी चूत काले लण्ड की बड़ी दीवानी है। माइकल काला है तो उसका लण्ड भी काला होगा ? मैंने मन में कहा की जेठानी ने तो अपनी माँ काले लण्ड से चुदवा लिया अब मैं भी जल्दी ही काले लण्ड से अपनी माँ चुदवाऊँगी।
जेठानी बोली :- तू इतना ज्यादा काला लौड़ा पसंद करती है बहन चोद ?
मैंने कहा :- हां मेरी जेठानी जी, सुनो कल मैं अपने माईके में थी। वहां अचानक मेरे घर में कीथ अंकल का दोस्त आ गया। वह काला था। बस मेरी नियत ख़राब हो गयी और मेरी चूत उसे देख कर मचल उठी। बड़ी बुरी तरह ललचा गयी मेरी चूत और मन ही मन कहने लगी की बुर चोदी लोरी जब तू अपने अंकल कीथ से बेधड़क चुदवा सकती है तो उसके दोस्त से क्यों नहीं चुदवा सकती ? क्यों नहीं इस भोसड़ी वाले का लण्ड पकड़ कर नंगा कर देती हो ? मेरा मन तो इसके लण्ड पर अटक गया है लोरी ? आज मैं इसका लण्ड अपने अंदर घुसाकर कर ही दम लूँगी ? बस मैं अंकल का लण्ड पकड़ने का प्लान बनाने लगी और सबसे पहले उसे शराब का एक मस्त पैग बना कर थमा दिया ? मैंने मन में कहा भोसड़ी के अंकल, जैसे मैं तुझे शराब का गिलास थमा रही हूँ वैसे ही तू अपना लण्ड मुझे थमा दे ?
जेठानी बोली :- तो फिर तूने थामा उसका मादर चोद का लण्ड ? जल्दी से बता न मुझे ?
मैंने कहा :- अरी सुन न इतनी उतावली क्यों हो रही है, मेरी बुर चोदी जेठानी ? सुन न मैं सुनाती हूँ . मैं पहले तो उससे इधर उधर की बातें करती रही फिर एकदम से बोली अरे हां डगलस अंकल तुम तो कीथ के दोस्त हो न और मैं यह अच्छी तरह जानती हूँ की कीथ भोसड़ी का लड़कियां खूब चोदता है तो क्या तुम भी लड़कियां चोदते हो अंकल ?
मैंने कहा :- अरे फिर मैं कहाँ रुकने वाली थी ? मैंने उससे खड़े हो जाओ भोसड़े के और वह खड़ा हो गया। मैं नीचे घुटनो के बल बैठ गयी और उसकी पैंट खोलने लगी। पैंट के बाद उसकी चड्ढी भी खोल दी तब लौड़ा फन फनाता हुआ बाहर निकल आया ? काला काला अजगर की तरह मोटा लण्ड देख कर मैं तो हैरान हो गयी जेठानी ? उसकी खाल नीचे खसक चुकी थी और सुपाड़ा चमचमाता हुआ मेरे मुंह के सामने आ गया। मेरी जबान अपने आप निकली और मैं लण्ड चाटने लगी। मैं सुपाड़े से पेल्हड़ तक और पेल्हड़ से सुपाड़े तक लण्ड चाटने में व्यस्त हो गयी। इतने में उसने मेरी झुक कर चूंचियां खोल दी और मुझे उठा लिया। मेरी चड्ढी खोल कर मेरी चूत सहलाने लगा। न उसकी झांटें थी और न मेरी। मैं उसे लण्ड पकडे पकडे बेड पर ले गयी और अपनी चूत उसके मुंह पर रख दी। वह मेरी बुर चाटने लगा और मैं झुक कर उसका लण्ड ?
जेठानी बोली :- वाओ, यार मेरी तो बहन चोद चूत गीली हो गयी है. मैं चुदासी हो गयी हूँ।
मैंने कहा :- कहो तो बुलाऊँ भोसड़ी वाले डगलस को ? बोलो पियोगी उसका लण्ड, जेठानी जी ?
वह बोली :- यार मैं इस समय किसी का भी लण्ड पी लूंगी ? तू बस जल्दी से बुला ले किसी भोसड़ी वाले को ?
मेरी जेठानी का नाम है मिसेज सोफी। वह मुझसे केवल एक साल ही बड़ी है। बड़ी गोरी चिट्टी और बड़ी बड़ी चूंचियों वाली है बुर चोदी जेठानी ? उसे देख कर लोगों के लण्ड टन टनाने लगते है।
मैं जेठानी को दिल से चाहती हूँ और यह भी चाहती हूँ की जो मुझे चोदे वह उसे भी चोदे और जो उसे चोदे वह मुझे भी चोदे ?
इससे मुझे नये नये लण्ड से चुदाने का मौक़ा मिलता रहेगा और उसे भी ?
मेरी सच्ची कहानी ही इतनी हॉट है की जेठानी की बुर चुदासी हो गयी। मैं सोंच ही रही थी की किसको बुलाया जाए तब एकदम से किसी ने दरवाजा खटखटाया। मैं उठी और दरवाजा खोला तो देखा की सामने बहादुर खड़ा है। वह मेरी कार साफ करने रोज़ आता है। मैंने उसे उन निगाहों से कभी नहीं देखा जिन निगाहों से मैं आज उसे देख रही थी। वह लगभग २४ साल का गोरा चिट्टा लड़का आज मुझे बड़ा स्मार्ट और सेक्सी लग रहा था। मैंने उसे अंदर बुला लिया और बात करने लगी। मैंने पूंछा बहादुर तुम गाडी साफ़ करने के अलावा और क्या क्या करते हो ? वह बोला मैडम मैं घर के सारे काम करता हूँ। जो मेरी मालकिन कहती है मैं वह सब करता हूँ - तो तुम अपनी मालकिन का हुकुम बजाते हो - जा हां मैडम और मुझे बड़ी ख़ुशी होती है हुकुम बजने में - अपनी मालकिन की मालिस भी करते हो तुम - हां अगर मालकिन कहती है तो करता हूँ - तुम अकेले करते हो की किसी और के साथ भी - अगर मालकिन कहती है तो मैं बुला लेता हूँ - तेरा दोस्त कहाँ है - यही बाहर खड़ा है - अच्छा तो तुम अपने दोस्त को भी बुला लाओ ।
बहादुर बाहर गया और अपने दोस्त को लेकर फिर मेरे सामने आ गया। मैं उसके दोस्त को देख कर बहुत खुश हुई क्योंकि वह भी जवान और गोरा चिट्टा था। बहादुर बोला मैडम यह थापा है मेरा दोस्त ? मैंने कहा तो तुम हम दोनों की मालिश कर सकते हो। वह बोला हां मैडम जरूर कर सकता हूँ। अब आप बताईये की तेल मालिस करवायेंगी या फिर सूखी मालिस ? मैंने कहा पहले तुम सूखी मालिस ही करो। मेरी सारी बातें जेठानी सुन रही थी। उसकी चूत में आग तो पहले से ही लगी थी। मेरी चूत में भी बुरी तरह आग लग गयी।
उन दोनों ने अपने अपने कपडे उतार कर एक एक अंगौछा पहन लिया और हमारे सामने आ गये। बहादुर मेरा हाथ दबाने लगा और थापा जेठानी का हाथ। मैंने कहा बहादुर मेरा ब्लाउज़ खोल फिर मालिस करो। मेरा ब्लाउज़ खुल गया तो मेरी बड़ी बड़ी चूंचियां झाँकने लगी। यही हाल जेठानी का भी था। उसकी चूंचियां मेरे से कुछ बड़ी थी। उन दोनों मदर चोदों की निगाहें हमारी चूंचियों पर जम गयी। मैंने सोंचा की अब काम बन जाएगा ? थापा तुम मेरी ब्रा भी खोल दो न प्लीज और फिर ठीक से मालिश करो। उसकी चूंचियां खुलते ही वो दोनों अपने अपने होठ चाटने लगे। तब तक मैंने भी अपनी ब्रा खुलवा ली। जेठानी मुझे आँख मारती हुई बोली अरे थापा भोसड़ी के मेरी चूंचियों की भी मालिस करो न ? बस थापा का हाथ चूंचियां दबाने लगा। इधर मैंने कहा मादर चोद बहादुर तू भी मेरी चूंचियां दबा दबा कर मालिस कर ? जेठानी ने थापा का अंगौछा खींच लिया और बोली इसे हटाओ चोद बड़ी दिक्कत पैदा कर रहा है। अब थापा केवल चड्ढी में आ गया। मैंने भी बहादुर का अंगौछा खोल डाला।
मैंने पूंछा :- बहादुर तुम अपनी मालकिन की मालिश इसी तरह करते हो ?
बहादुर :- जी मैडम, वो जैसा करवाती है वैसा करता हूँ।
मैं बोली :- वो भी इसी तरह करवाती है जैसे मैं करवा रही हूँ ?
बहादुर :- वो तो अपने पूरे कपडे उतार कर करवाती है मैडम।
जेठानी :- तो भोसड़ी के बहादुर तू भी अपने कपडे उतार देता है क्या ?
बहादुर :- मैं नहीं मैडम, मालकिन खुद मेरे कपडे उतार देती है।
तब फिर जेठानी ने थापा की चड्ढी खींच कर बोली मैं भी तेरे कपडे उतार देती हूँ मादर चोद ? चड्ढी के खुलते ही थापा का लण्ड टन टना कर बाहर आ गया। उसका लण्ड मैंने भी देखा तो ख़ुशी के मारे पागल होने लगी। फिर मैंने जब बहादुर का लण्ड देखा तो मेरा मन नाच उठा। दोनों गोरे गोरे छोटी छोटी काली काली झांटों वाले लण्ड बड़े सेक्सी और मस्त लग रहे थे।
जेठानी :- अरे तेरा लण्ड तो भोसड़ी का खड़ा है यार ? बड़ा प्यारा और मोटा ताज़ा लण्ड है तेरा थापा ?
जेठानी ऐसा कह कर कर लण्ड हिला हिला कर देखने लगीं . तब तक मैं भी बहादुर का लण्ड खोल चुकी थी।
मैं बोली :- अरे जेठानी जी देखो इसका भी लौड़ा बड़ा लंबा चौड़ा है।
उसने एक निगाह मारी और बोली हां लोरी इन दोनों लण्ड मेरे मन पसंद है।
ऐसा कह कर वह उठ खड़ी हुई और अपना पेटीकोट खोल कर उन दोनों को अपनी चूत दिखाती हुई बोली :- अब बताओ तुम भोसड़ी वालों मेरी चूत में पेलोगे अपना लण्ड ? चोदोगे मेरी चूत ? चोदोगे मेरी देवरानी की चूत ?
थापा बोला :- हां मैडम जरूर चोदूंगा क्योंकि मेरी सभी मालकिन मुझसे मालिस के बाद अपनी चूत चुदवाती है।
तब तक मैं भी पूरी नंगी हो चुकी थी।
मेरी चूत देख कर बहादुर ने कहा :- पर एक बात है मैडम, हम दोनों चूत चोदने के पहले चूत चाटते है।
जेठानी बोली :- तो फिर थापा तुम चाटो मेरी चूत और मैं चाटूंगी तेरा लण्ड ? बहादुर चाटेगा मेरी देवरानी की चूत वह चाटेगी बहादुर का लण्ड ? देखो भोसड़ी वालों मालिस कराना तो बहाना है असली काम तो तुमसे अपनी बुर चुदवाना है। मैंने देखा की जेठानी बड़ी मस्ती से लण्ड चाट रही है तो मैं थापा की गांड पर हाथ फेरने लगी। जेठानी का हाथ भी बहादुर के चूतड़ों पर चलने लगा। थोड़ी देर में वह बोली हाय लोरी ले तू अब थापा का लण्ड चाट और मैं बहादुर का लण्ड चाटती हूँ। लण्ड की अदला बदली कर ली तो मज़ा दूना हो गया। हम दोनों ने उन दोनों से अपनी अपनी बुर चटवाई उसका भी खूब मज़ा लिया। तब तक जेठानी बुरी तरह चुदासी हो गयी तो मैंने बहादुर को इशारा किया तो उसने गप्प से पेल दिया अपना लण्ड उसकी चूत में ? जेठानी आह कह कर भकाभक चुदवाने लगी। इधर मैं उठी और थापा का लौड़ा उसके मुंह में घुसा दिया। वह कहने लगी अरी लोरी तू भी तो चुदवा मेरे साथ ? मैंने कहा नहीं मैं पहले तेरी बुर चोदूंगी इन दोनों लौड़ों से। मैं बाद में चुदवा लूंगी। वह बहुत खुश हो गयी और लण्ड चूसते हुए अपनी बुर चुदवाने लगी। फिर मैंने थापा का लण्ड उसकी बुर में पेल दिया और बहादुर का लण्ड उसकी गांड में घुसा दिया। वह बोली हाय लोरी तू मेरी गांड भी मारेगी ? मैंने कहा अरे जीजी गांड मरवाते हुए बुर चुदाने का मज़ा कुछ और ही होता है।
वह बोली यार लोरी तू तो मेरी बुर ऐसे चुदवा रही है जैसे मैं अपनी माँ का भोसड़ा चुदवाती हूँ।
जेठानी बोली :- यार, लोरी तूने तो अपनी कहानी सुनाते सुनाते मेरी बुर चुदवा दी। तेरी कहानी वहीँ रह गयी। अब तू मुझे यह बता की उस भोसड़ी वाले ने तेरी बुर चोदी की नहीं ? और अगर चोदी तो चोदी ?
मैंने बताया :- अरे जीजी मैं जब उसका लण्ड चाट रही थी और वह मेरी बुर चाट रहा था। उसी समय मेरी मॉम आ गयीं । वो तो लण्ड देख कर उछल पड़ी और दूर से ही बोली अरी माँ की लौड़ी लोरी तू इसे मेरे भोसड़ा में अभी पेल दे ? मैं इसे देखकर ललचा गयी हूँ। तू तो जानती है की मुझे काले लण्ड बहुत अच्छे लगते है। मैं भी मस्ती में थी और बोली हां आ न मेरे पास मुझे अपनी माँ का भोसड़ा चुदाने में बड़ा मज़ा आता है, वह मेरे पास आई और मेरे साथ लण्ड चाटने लगी। मॉम ने फिर धीरे से लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया और बोली लोरी मैं पहले अपनी बेटी की बुर चुदवाऊँगी । मैं मॉम के सामने धकाधक चुदवाने लगी अपनी बुर और लेने लगी काले लण्ड का पूरा मज़ा। चुदवाने के बाद मैंने उस भोसड़ी वाले डगलस को जाने नहीं दिया. उसे रात में रोक लिया और व्हिस्की पीने के बाद मैंने रात भर चुदाया अपनी माँ का भोसड़ा .
एक दिन मैं पूरे घर में जेठानी को ढूंढने लगी । बड़ी देर बाद वह मुझे छत पर मिली। मैं देखते ही बोली बुर चोदी सोफी, मेरी भोसड़ी की जेठानी, मादर चोद तेरी बहन का लण्ड भोसड़ी वाली तू यहाँ क्या अपनी माँ चुदा रही है या फिर अकेले अकेले अपनी झांटें उखाड़ रही है ? वह बोली अरी मेरी बहन चोद देवरानी मैं यहाँ अपनी चूत को धूप खिला रही हूँ। मैंने कहा देख नीचे तेरी बहन आई है अपने हसबैंड के साथ ? यार तेरा बहनोई तो बड़ा मस्त और सेक्सी लड़का है। मेरा तो दिल उस पर आ गया है। आज उसका लण्ड मुझे पकड़ा दो जेठानी जी। वह बोली अरे क्या रेने आई है ? वो तो खुद बहुत बड़ी बुर चोदी है खूब गालियां देती है । उसी से बात कर लो न और चुदाओ अपनी चूत ? मैंने कहा :-
देखो जेठानी जी मैं तेरे हसबैंड से चुदवाती हूँ और तू मेरे हसबैंड चुदवाती है.
मैं अपने जेठ से चुदवाती हूँ और तू अपने देवर से चुदवाती है पर आज मैं तेरे बहनोई से चुदवाऊँगी
इतने में पीछे से आवाज़ आई तो फिर मैं भी अपने दीदी के देवर से चुदवाऊँगी ? मैंने पीछे मुद कर देखा तो वह रेने थी। रेने मुझे देखकर हंसने लगी और बोली भोसड़ी की लोरी तू मेरे मियां का लण्ड लेगी तो मैं तेरे मियां का लण्ड लूंगी ? मैं चुदाने में तुमसे कम नहीं हूँ। चल नीचे मैं खुद अपने हसबैंड का लण्ड तेरी बुर में पेल देती हूँ। बस फिर क्या मैंने जेठानी के सामने उसके बहनोई से धकापेल चुदवाया और उसकी बहन ने मेरे हसबैंड से धकापेल चुदवाया।
जेठानी हम दोनों की चूत में एक दूसरे के मियां का लण्ड पेलती रहीं।
इसी तरह एक दिन माइकल आ गया । जेठानी बोली वाओ, लोरी आज मैं चोदूंगी तेरी माँ का भोसड़ा ? उस दिन यही माइकल मेरी माँ चोद कर चला गया था लेकिन आज मैं रात भर इसका लण्ड पेलूँगी तेरी माँ की चूत में, लोरी ?
मेरी मॉम ने भी इस काले लण्ड से चुदवा चुदवा कर रात भर मज़ा लिया
०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=० समाप्त
हुई बहन चोद ? मैंने कहा था तुझसे की जब माइकल तेरी माँ चोदने आये तो मुझे जरूर बता देना मैं भी अपनी माँ चुदवाऊँगी माइकल से पर तूने तो मुझे मौक़ा ही नहीं दिया माँ की लौड़ी ?
जेठानी बोली :- अरी तू बहन चोद ऐसा क्यों कह रही है ? माइकल तो मुझे चोद कर किसी और को चोदने फ़ौरन चला गया तो मैं क्या करती ?
मैंने जबाब दिया :- मैं ऐसा इसलिए कह रही हूँ जेठानी जी की मेरी मॉम काले लण्ड बहुत पसंद करती है। काले लण्ड के आगे अपना भोसड़ा खोल कर घूमती रहती है और इधर मेरी भी चूत काले लण्ड की बड़ी दीवानी है। माइकल काला है तो उसका लण्ड भी काला होगा ? मैंने मन में कहा की जेठानी ने तो अपनी माँ काले लण्ड से चुदवा लिया अब मैं भी जल्दी ही काले लण्ड से अपनी माँ चुदवाऊँगी।
जेठानी बोली :- तू इतना ज्यादा काला लौड़ा पसंद करती है बहन चोद ?
मैंने कहा :- हां मेरी जेठानी जी, सुनो कल मैं अपने माईके में थी। वहां अचानक मेरे घर में कीथ अंकल का दोस्त आ गया। वह काला था। बस मेरी नियत ख़राब हो गयी और मेरी चूत उसे देख कर मचल उठी। बड़ी बुरी तरह ललचा गयी मेरी चूत और मन ही मन कहने लगी की बुर चोदी लोरी जब तू अपने अंकल कीथ से बेधड़क चुदवा सकती है तो उसके दोस्त से क्यों नहीं चुदवा सकती ? क्यों नहीं इस भोसड़ी वाले का लण्ड पकड़ कर नंगा कर देती हो ? मेरा मन तो इसके लण्ड पर अटक गया है लोरी ? आज मैं इसका लण्ड अपने अंदर घुसाकर कर ही दम लूँगी ? बस मैं अंकल का लण्ड पकड़ने का प्लान बनाने लगी और सबसे पहले उसे शराब का एक मस्त पैग बना कर थमा दिया ? मैंने मन में कहा भोसड़ी के अंकल, जैसे मैं तुझे शराब का गिलास थमा रही हूँ वैसे ही तू अपना लण्ड मुझे थमा दे ?
जेठानी बोली :- तो फिर तूने थामा उसका मादर चोद का लण्ड ? जल्दी से बता न मुझे ?
मैंने कहा :- अरी सुन न इतनी उतावली क्यों हो रही है, मेरी बुर चोदी जेठानी ? सुन न मैं सुनाती हूँ . मैं पहले तो उससे इधर उधर की बातें करती रही फिर एकदम से बोली अरे हां डगलस अंकल तुम तो कीथ के दोस्त हो न और मैं यह अच्छी तरह जानती हूँ की कीथ भोसड़ी का लड़कियां खूब चोदता है तो क्या तुम भी लड़कियां चोदते हो अंकल ?
- वह बोला :- लोरी, तूने बिलकुल ठीक पकड़ा ?
- अरे अंकल अभी पकड़ा कहाँ ? पकड़ाओगे तभी तो मैं पकड़ूंगी ? मैं तो बड़ी बेताब हो रही हूँ पकड़ने के लिए ?
- अरे मेरा मतलब वो नहीं है लोरी ? मतलब तो यह है की तूने मुझे सही पहचाना ?
- वाओ, तो तुम भी भोसड़ी के लड़कियां चोदते हो ?
- हां हां बिलकुल चोदता हूँ लोरी यह सही बात है ?
- वो मई गॉड ? तो फिर लड़कियों की माँ भी चोदते होगे क्योंकि कीथ तो मेरी माँ भी चोदता है ?
- वाओ, तो इसका मतलब तुम कीथ से चुदवाती हो ?
- हां भाई हां मैं भी उससे चुदवाती हौं और मैं अपनी माँ भी चुदवाती हूँ ?
- अब मैं भोसड़ी वाले कीथ को नहीं छोड़ूंगा। उसने मुझे कभी बताया ही नहीं ?
- तो फिर तुमको किसने बताया और तुम यहाँ कैसे पहुंचे,अंकल ?
- अरे कल मैं उसकी बीवी चोद रहा था तब उसने बतया की डगलस तेरा दोस्त तो लोरी की बुर चोदता है और उसकी माँ का भोसड़ा भी ? फिर उसी ने कहा की तुम लोरी के घर एक बार चले जाओ न और मैं आ गया ?
- तो फिर माँ के लौड़े भोसड़ी के, मादर चोद इतनी देर से बैठा है तू मेरे सामने, यह बात कहने में तेरी माँ चुद रही थी क्या ? इतनी देर से अपनी गांड क्यों मरा रहे थे ? एक बात और साफ़ हो गयी की तुम और कीथ दोनों एक दूसरे की बीवियां चोदते हो ?
- हां अब तुमने सही पकड़ा लोरी ?
- अभी कहाँ पकड़ा अब पकड़ने जा रही हूँ भोसड़ी के।
मैंने कहा :- अरे फिर मैं कहाँ रुकने वाली थी ? मैंने उससे खड़े हो जाओ भोसड़े के और वह खड़ा हो गया। मैं नीचे घुटनो के बल बैठ गयी और उसकी पैंट खोलने लगी। पैंट के बाद उसकी चड्ढी भी खोल दी तब लौड़ा फन फनाता हुआ बाहर निकल आया ? काला काला अजगर की तरह मोटा लण्ड देख कर मैं तो हैरान हो गयी जेठानी ? उसकी खाल नीचे खसक चुकी थी और सुपाड़ा चमचमाता हुआ मेरे मुंह के सामने आ गया। मेरी जबान अपने आप निकली और मैं लण्ड चाटने लगी। मैं सुपाड़े से पेल्हड़ तक और पेल्हड़ से सुपाड़े तक लण्ड चाटने में व्यस्त हो गयी। इतने में उसने मेरी झुक कर चूंचियां खोल दी और मुझे उठा लिया। मेरी चड्ढी खोल कर मेरी चूत सहलाने लगा। न उसकी झांटें थी और न मेरी। मैं उसे लण्ड पकडे पकडे बेड पर ले गयी और अपनी चूत उसके मुंह पर रख दी। वह मेरी बुर चाटने लगा और मैं झुक कर उसका लण्ड ?
जेठानी बोली :- वाओ, यार मेरी तो बहन चोद चूत गीली हो गयी है. मैं चुदासी हो गयी हूँ।
मैंने कहा :- कहो तो बुलाऊँ भोसड़ी वाले डगलस को ? बोलो पियोगी उसका लण्ड, जेठानी जी ?
वह बोली :- यार मैं इस समय किसी का भी लण्ड पी लूंगी ? तू बस जल्दी से बुला ले किसी भोसड़ी वाले को ?
मेरी जेठानी का नाम है मिसेज सोफी। वह मुझसे केवल एक साल ही बड़ी है। बड़ी गोरी चिट्टी और बड़ी बड़ी चूंचियों वाली है बुर चोदी जेठानी ? उसे देख कर लोगों के लण्ड टन टनाने लगते है।
मैं जेठानी को दिल से चाहती हूँ और यह भी चाहती हूँ की जो मुझे चोदे वह उसे भी चोदे और जो उसे चोदे वह मुझे भी चोदे ?
इससे मुझे नये नये लण्ड से चुदाने का मौक़ा मिलता रहेगा और उसे भी ?
मेरी सच्ची कहानी ही इतनी हॉट है की जेठानी की बुर चुदासी हो गयी। मैं सोंच ही रही थी की किसको बुलाया जाए तब एकदम से किसी ने दरवाजा खटखटाया। मैं उठी और दरवाजा खोला तो देखा की सामने बहादुर खड़ा है। वह मेरी कार साफ करने रोज़ आता है। मैंने उसे उन निगाहों से कभी नहीं देखा जिन निगाहों से मैं आज उसे देख रही थी। वह लगभग २४ साल का गोरा चिट्टा लड़का आज मुझे बड़ा स्मार्ट और सेक्सी लग रहा था। मैंने उसे अंदर बुला लिया और बात करने लगी। मैंने पूंछा बहादुर तुम गाडी साफ़ करने के अलावा और क्या क्या करते हो ? वह बोला मैडम मैं घर के सारे काम करता हूँ। जो मेरी मालकिन कहती है मैं वह सब करता हूँ - तो तुम अपनी मालकिन का हुकुम बजाते हो - जा हां मैडम और मुझे बड़ी ख़ुशी होती है हुकुम बजने में - अपनी मालकिन की मालिस भी करते हो तुम - हां अगर मालकिन कहती है तो करता हूँ - तुम अकेले करते हो की किसी और के साथ भी - अगर मालकिन कहती है तो मैं बुला लेता हूँ - तेरा दोस्त कहाँ है - यही बाहर खड़ा है - अच्छा तो तुम अपने दोस्त को भी बुला लाओ ।
बहादुर बाहर गया और अपने दोस्त को लेकर फिर मेरे सामने आ गया। मैं उसके दोस्त को देख कर बहुत खुश हुई क्योंकि वह भी जवान और गोरा चिट्टा था। बहादुर बोला मैडम यह थापा है मेरा दोस्त ? मैंने कहा तो तुम हम दोनों की मालिश कर सकते हो। वह बोला हां मैडम जरूर कर सकता हूँ। अब आप बताईये की तेल मालिस करवायेंगी या फिर सूखी मालिस ? मैंने कहा पहले तुम सूखी मालिस ही करो। मेरी सारी बातें जेठानी सुन रही थी। उसकी चूत में आग तो पहले से ही लगी थी। मेरी चूत में भी बुरी तरह आग लग गयी।
उन दोनों ने अपने अपने कपडे उतार कर एक एक अंगौछा पहन लिया और हमारे सामने आ गये। बहादुर मेरा हाथ दबाने लगा और थापा जेठानी का हाथ। मैंने कहा बहादुर मेरा ब्लाउज़ खोल फिर मालिस करो। मेरा ब्लाउज़ खुल गया तो मेरी बड़ी बड़ी चूंचियां झाँकने लगी। यही हाल जेठानी का भी था। उसकी चूंचियां मेरे से कुछ बड़ी थी। उन दोनों मदर चोदों की निगाहें हमारी चूंचियों पर जम गयी। मैंने सोंचा की अब काम बन जाएगा ? थापा तुम मेरी ब्रा भी खोल दो न प्लीज और फिर ठीक से मालिश करो। उसकी चूंचियां खुलते ही वो दोनों अपने अपने होठ चाटने लगे। तब तक मैंने भी अपनी ब्रा खुलवा ली। जेठानी मुझे आँख मारती हुई बोली अरे थापा भोसड़ी के मेरी चूंचियों की भी मालिस करो न ? बस थापा का हाथ चूंचियां दबाने लगा। इधर मैंने कहा मादर चोद बहादुर तू भी मेरी चूंचियां दबा दबा कर मालिस कर ? जेठानी ने थापा का अंगौछा खींच लिया और बोली इसे हटाओ चोद बड़ी दिक्कत पैदा कर रहा है। अब थापा केवल चड्ढी में आ गया। मैंने भी बहादुर का अंगौछा खोल डाला।
मैंने पूंछा :- बहादुर तुम अपनी मालकिन की मालिश इसी तरह करते हो ?
बहादुर :- जी मैडम, वो जैसा करवाती है वैसा करता हूँ।
मैं बोली :- वो भी इसी तरह करवाती है जैसे मैं करवा रही हूँ ?
बहादुर :- वो तो अपने पूरे कपडे उतार कर करवाती है मैडम।
जेठानी :- तो भोसड़ी के बहादुर तू भी अपने कपडे उतार देता है क्या ?
बहादुर :- मैं नहीं मैडम, मालकिन खुद मेरे कपडे उतार देती है।
तब फिर जेठानी ने थापा की चड्ढी खींच कर बोली मैं भी तेरे कपडे उतार देती हूँ मादर चोद ? चड्ढी के खुलते ही थापा का लण्ड टन टना कर बाहर आ गया। उसका लण्ड मैंने भी देखा तो ख़ुशी के मारे पागल होने लगी। फिर मैंने जब बहादुर का लण्ड देखा तो मेरा मन नाच उठा। दोनों गोरे गोरे छोटी छोटी काली काली झांटों वाले लण्ड बड़े सेक्सी और मस्त लग रहे थे।
जेठानी :- अरे तेरा लण्ड तो भोसड़ी का खड़ा है यार ? बड़ा प्यारा और मोटा ताज़ा लण्ड है तेरा थापा ?
जेठानी ऐसा कह कर कर लण्ड हिला हिला कर देखने लगीं . तब तक मैं भी बहादुर का लण्ड खोल चुकी थी।
मैं बोली :- अरे जेठानी जी देखो इसका भी लौड़ा बड़ा लंबा चौड़ा है।
उसने एक निगाह मारी और बोली हां लोरी इन दोनों लण्ड मेरे मन पसंद है।
ऐसा कह कर वह उठ खड़ी हुई और अपना पेटीकोट खोल कर उन दोनों को अपनी चूत दिखाती हुई बोली :- अब बताओ तुम भोसड़ी वालों मेरी चूत में पेलोगे अपना लण्ड ? चोदोगे मेरी चूत ? चोदोगे मेरी देवरानी की चूत ?
थापा बोला :- हां मैडम जरूर चोदूंगा क्योंकि मेरी सभी मालकिन मुझसे मालिस के बाद अपनी चूत चुदवाती है।
तब तक मैं भी पूरी नंगी हो चुकी थी।
मेरी चूत देख कर बहादुर ने कहा :- पर एक बात है मैडम, हम दोनों चूत चोदने के पहले चूत चाटते है।
जेठानी बोली :- तो फिर थापा तुम चाटो मेरी चूत और मैं चाटूंगी तेरा लण्ड ? बहादुर चाटेगा मेरी देवरानी की चूत वह चाटेगी बहादुर का लण्ड ? देखो भोसड़ी वालों मालिस कराना तो बहाना है असली काम तो तुमसे अपनी बुर चुदवाना है। मैंने देखा की जेठानी बड़ी मस्ती से लण्ड चाट रही है तो मैं थापा की गांड पर हाथ फेरने लगी। जेठानी का हाथ भी बहादुर के चूतड़ों पर चलने लगा। थोड़ी देर में वह बोली हाय लोरी ले तू अब थापा का लण्ड चाट और मैं बहादुर का लण्ड चाटती हूँ। लण्ड की अदला बदली कर ली तो मज़ा दूना हो गया। हम दोनों ने उन दोनों से अपनी अपनी बुर चटवाई उसका भी खूब मज़ा लिया। तब तक जेठानी बुरी तरह चुदासी हो गयी तो मैंने बहादुर को इशारा किया तो उसने गप्प से पेल दिया अपना लण्ड उसकी चूत में ? जेठानी आह कह कर भकाभक चुदवाने लगी। इधर मैं उठी और थापा का लौड़ा उसके मुंह में घुसा दिया। वह कहने लगी अरी लोरी तू भी तो चुदवा मेरे साथ ? मैंने कहा नहीं मैं पहले तेरी बुर चोदूंगी इन दोनों लौड़ों से। मैं बाद में चुदवा लूंगी। वह बहुत खुश हो गयी और लण्ड चूसते हुए अपनी बुर चुदवाने लगी। फिर मैंने थापा का लण्ड उसकी बुर में पेल दिया और बहादुर का लण्ड उसकी गांड में घुसा दिया। वह बोली हाय लोरी तू मेरी गांड भी मारेगी ? मैंने कहा अरे जीजी गांड मरवाते हुए बुर चुदाने का मज़ा कुछ और ही होता है।
वह बोली यार लोरी तू तो मेरी बुर ऐसे चुदवा रही है जैसे मैं अपनी माँ का भोसड़ा चुदवाती हूँ।
जेठानी बोली :- यार, लोरी तूने तो अपनी कहानी सुनाते सुनाते मेरी बुर चुदवा दी। तेरी कहानी वहीँ रह गयी। अब तू मुझे यह बता की उस भोसड़ी वाले ने तेरी बुर चोदी की नहीं ? और अगर चोदी तो चोदी ?
मैंने बताया :- अरे जीजी मैं जब उसका लण्ड चाट रही थी और वह मेरी बुर चाट रहा था। उसी समय मेरी मॉम आ गयीं । वो तो लण्ड देख कर उछल पड़ी और दूर से ही बोली अरी माँ की लौड़ी लोरी तू इसे मेरे भोसड़ा में अभी पेल दे ? मैं इसे देखकर ललचा गयी हूँ। तू तो जानती है की मुझे काले लण्ड बहुत अच्छे लगते है। मैं भी मस्ती में थी और बोली हां आ न मेरे पास मुझे अपनी माँ का भोसड़ा चुदाने में बड़ा मज़ा आता है, वह मेरे पास आई और मेरे साथ लण्ड चाटने लगी। मॉम ने फिर धीरे से लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया और बोली लोरी मैं पहले अपनी बेटी की बुर चुदवाऊँगी । मैं मॉम के सामने धकाधक चुदवाने लगी अपनी बुर और लेने लगी काले लण्ड का पूरा मज़ा। चुदवाने के बाद मैंने उस भोसड़ी वाले डगलस को जाने नहीं दिया. उसे रात में रोक लिया और व्हिस्की पीने के बाद मैंने रात भर चुदाया अपनी माँ का भोसड़ा .
एक दिन मैं पूरे घर में जेठानी को ढूंढने लगी । बड़ी देर बाद वह मुझे छत पर मिली। मैं देखते ही बोली बुर चोदी सोफी, मेरी भोसड़ी की जेठानी, मादर चोद तेरी बहन का लण्ड भोसड़ी वाली तू यहाँ क्या अपनी माँ चुदा रही है या फिर अकेले अकेले अपनी झांटें उखाड़ रही है ? वह बोली अरी मेरी बहन चोद देवरानी मैं यहाँ अपनी चूत को धूप खिला रही हूँ। मैंने कहा देख नीचे तेरी बहन आई है अपने हसबैंड के साथ ? यार तेरा बहनोई तो बड़ा मस्त और सेक्सी लड़का है। मेरा तो दिल उस पर आ गया है। आज उसका लण्ड मुझे पकड़ा दो जेठानी जी। वह बोली अरे क्या रेने आई है ? वो तो खुद बहुत बड़ी बुर चोदी है खूब गालियां देती है । उसी से बात कर लो न और चुदाओ अपनी चूत ? मैंने कहा :-
देखो जेठानी जी मैं तेरे हसबैंड से चुदवाती हूँ और तू मेरे हसबैंड चुदवाती है.
मैं अपने जेठ से चुदवाती हूँ और तू अपने देवर से चुदवाती है पर आज मैं तेरे बहनोई से चुदवाऊँगी
इतने में पीछे से आवाज़ आई तो फिर मैं भी अपने दीदी के देवर से चुदवाऊँगी ? मैंने पीछे मुद कर देखा तो वह रेने थी। रेने मुझे देखकर हंसने लगी और बोली भोसड़ी की लोरी तू मेरे मियां का लण्ड लेगी तो मैं तेरे मियां का लण्ड लूंगी ? मैं चुदाने में तुमसे कम नहीं हूँ। चल नीचे मैं खुद अपने हसबैंड का लण्ड तेरी बुर में पेल देती हूँ। बस फिर क्या मैंने जेठानी के सामने उसके बहनोई से धकापेल चुदवाया और उसकी बहन ने मेरे हसबैंड से धकापेल चुदवाया।
जेठानी हम दोनों की चूत में एक दूसरे के मियां का लण्ड पेलती रहीं।
इसी तरह एक दिन माइकल आ गया । जेठानी बोली वाओ, लोरी आज मैं चोदूंगी तेरी माँ का भोसड़ा ? उस दिन यही माइकल मेरी माँ चोद कर चला गया था लेकिन आज मैं रात भर इसका लण्ड पेलूँगी तेरी माँ की चूत में, लोरी ?
मेरी मॉम ने भी इस काले लण्ड से चुदवा चुदवा कर रात भर मज़ा लिया
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