सायमा मेरी बड़ी पक्की दोस्त है। हम दोनों एक दूसरे से कुछ भी नहीं छिपाती है। सब खुल कर एक दूसरे को बता देतीं है। शादी उसकी भी हो चुकी है औ
मेरी भी। मैं एक दिन उसके घर पहुँच गयी तो उसने आवाज़ देकर मुझे अंदर ही बुला लिया ? मैं कमरे में बिना हिचक के घुस गयी। मैंने देखा की सायमा बुर चोदी सोफ़ा पर बैठी हुई अपने अब्बा की लुंगी के अंदर हाथ डाल कर उसका लण्ड हिला रही है। एक सेकण्ड के लिए तो मैं झिझकी, थोड़ी शर्म भी आई पर फिर सोंचा की जब सायमा भोसड़ी नहीं शर्मा रही है तो मैं क्यों सरमाऊं ? बस मैं संभल कर बैठ गयी ?
- मैं बोली अरी सायमा ये तू क्या कर रही है ?
- वह बोली लण्ड का मज़ा ले रही हूँ यार और क्या ? तू नहीं लेती क्या लण्ड का मज़ा क्या ?
- हां मैं भी लेती हूँ पर अपने अब्बा का ही ,,,,,,,,,?
- यार लण्ड सिर्फ लण्ड होता है उसमे किसी भोसड़ी वाले का नाम नहीं लिखा होता है। मुझे तो बस लण्ड से मोहब्बत है लण्ड वाले से क्या लेना देना ? (मैंने मन में सोंचा यार यह किस तरह का सोंच है ? )
- तब तक वह फिर बोली अच्छा ये बता फ़िरोज़ा तूने आज किसका लण्ड पकड़ा है ?
- यार लण्ड पकड़ना तो दूर रहा, मैंने तो आज कोई लण्ड देखा भी नहीं ?
- तो फिर ले देख ले मेरे अब्बा का लण्ड (ऐसा कह कर उसने लुंगी खोल कर फेंक दी और लण्ड मुझे दिखा दिया ) वह फिर बोली यही लण्ड चोदेगा तेरी माँ का भोसड़ा फ़िरोज़ा ?
- मेरी माँ के भोसड़ा ने कौन सी ख़ता की है जो तेरे अब्बा का लण्ड मेरी माँ का भोसड़ा चोदेगा ?
- तो फिर मेरी माँ के भोसड़ा ने कौन सी ख़ता की थी जो तेरा अब्बा मेरी माँ का भोसड़ा चोद गया ?
उसके बाद मुझे थोड़ी थोड़ी पिक्चर साफ़ दिखने लगी । मैं सोंचने लगी की अगर मेरे अब्बा ने इसकी माँ चोदी है तो इसका अब्बा मेरी माँ जरूर चोदेगा ? फिर सोंचा की यह काम तो रज़ामंदी से भी हो सकता है। मेरा अब्बा और उसका अब्बा दोनों एक दूसरे की बीवी चोदते होंगें जैसा की अक्सर होता है ? पर अगर रज़ामंदी से है तो यह बात सायमा को कैसे मालूम होना चाहिए । और हां सायमा भोसड़ी वाली वाली, इतनी अपने अब्बा से खुली कैसे है की उसका लौड़ा पकड़ कर हिला रही है और उसी के सामने मेरी माँ चोदने की बात कर रही है । बस कई सवाल मेरे दिमाग में घूमने लगे। मैं सब बातों का खुलासा चाहती थी लेकिन इसका खुलासा तो केवल सायना ही कर सकती है बुर चोदी ?
मैं जब दूसरे दिन सायमा से मिली तो सबसे यही पूंछ बैठी की तू भोसड़ी वाली अपने अब्बा से इतनी खुल कैसे गयी की हिलाने लगी उसका लण्ड ? चूमने चाटने लगी उसका लण्ड और अपनी बुर में घुसा कर चुदाने भी लगी ? वह बोली यार ये बात उस समय की है जब मैं २४ साल की थी और मेरी शादी नहीं हुई थी। पहली बात तो यह है की मेरे घर में खुलकर बात करने की और गाली वगैरह देने की पूरी आज़ादी है । मैं तो अपने अब्बा को भी भोसड़ी का, माँ का लौड़ा, बहन का लौड़ा, बेटी चोद, मादर चोद, सब कह देती हूँ। वह भी मुझे भोसड़ी वाली, बुर चोदी, माँ की लौड़ी, सब बोलता रहता है। मेरी अम्मी तो खुल्लम खुल्ला सबको गाली देकर बात करती है । उसकी गालियों में 'लण्ड' का इस्तेमाल ज्यादा होता है ? जैसे कभी कभी अब्बा से कहती है कहाँ से आ रहा ही तू अपना लण्ड हिला के ? तेरा लण्ड उखाड़ के फेंक दूँगी, तेरे लण्ड नोच लूंगी बहन चोद, तेरे लण्ड की गांड फटेगी तब तुझे मालूम होगा, तेरे लण्ड की माँ की चूत ? तो घर का माहौल बड़ा सेक्सी बना रहता है।
मैंने अम्मी की बुर उसकी चूंची कई बार देखीं, अब्बा का लण्ड कई बार नहाते हुए, कपडे बदलते हुए, लुंगी पहनते हुए दिख जाता था। मेरी भी चूंचियां कई बार उसके सामने खुल चुकी है। लेकिन इन सब पर किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया। एक दिन मैंने अम्मी को बल्लू अंकल का लौड़ा चूसते हुए देख लिया। वह भी जान गयी की सायमा ने मुझे देख लिया है तो वहीं से आज़ाज़ लगाई अरी ओ सायमा बुर चोदी यहाँ मेरे कमरे में आ ? मैं जब पहुंची तब वह बोली तूने मुझे लण्ड चूसते हुए देख ही लिया है तो फिर पकड़ कर ठीक से देखो लण्ड ? अब तू २४ साल कोई हो गयी है। तेरी बुर बड़े बड़े लण्ड खाने लायक हो गयी है। आजा और लण्ड पकड़ कर देख ? मैं अभी बाथ रूम से आती हूँ। अम्मी ने अंकल का लौड़ा मुझे पकड़ा दिया। उसी दिन से मैं अम्मी से खुल गयी । क्योंकि उसी दिन अम्मी ने लण्ड मेरी चूत में घुसा कर मेरी बुर चुदवाई थी। उसके बाद से मैं भी अम्मी का भोसड़ा चुदवाने लगी।
अब आई अब्बा के लण्ड की बात ? तो उस दिन रात थी। रात के ११ बजे थे। उस दिन मेरा मामू आया था। मेरे मामू जान का बदन मेरे अब्बा के बदन से मिलता जुलता है ? मामू जान का लण्ड मैं पिछले दो आल से पकड़ रही थी। उसका मोटा तगड़ा लौड़ा मुझे बहुत अच्छा लगता है। पहले कई बार लण्ड चूसती थी, फिर मुठ्ठ मार कर लण्ड पी लेती थी। लेकिन फिर चूत की गर्मी मिटाने के लिए मैं चुदवाने लगी। उसके लण्ड का सुपाड़ा तो गज़ब का है फ़िरोज़ा ? ऐसा चिपक कर घुसता है चूत में की मज़ा आ जाता है ?
हां तो उस दिन रात को कमरे में अन्धेरा था। मुझे लगा की मामू जान नंगा नंगा मेरे कमरे में घुस आया है। बस मैंने उसका लण्ड बड़ी बेशर्मी से पकड़ कर मुंह में घुसा लिया और चूसने लगी ? मुझे लगा की आज लण्ड कुछ थोड़ा अलग तरीके का लग रहा है लेकिन मैं चूसने में जुटी रही। लण्ड और सख्त हो गया तो मुझे मज़ा आने लगा। इतने में किसी ने बगल में बाथ रूम की लाईट जला दी। मैंने सर उठा कर देखा तो वह मेरा अब्बा था। वह भी बोला अरे सायमा तू ? मैं तो समझा की तेरी खाला है ? मेरे मुंह सी निकला हाय अल्ला अब्बा तू ? मैं तो समझी की मामू जान है ? अब अब्बा यह जान गया की मैं मामू जान का लण्ड चूसती हूँ और उससे चुदवाती हूँ। मैं यह जान गयी की मेरा अब्बा मेरी खाला को अपना लौड़ा पकड़ाता है उसका चोदता है भोसड़ा ? हम दोनों की पोल एक दूसरे के सामने खुल गयी ?
मैं भी जोश में थी और वह भी। फिर वह बोला फ़िरोज़ा अब जो होना हा वो हो गया ? अब तुम मेरा लण्ड ठीक से चूसो ? अपने मामू जान का लण्ड समझ कर चूसो ? मेरे मुंह से निकला और तू भी मुझे अपनी साली समझ कर चोद ले, मेरी बुर को मेरी खाला की बुर समझ ले ? हुआ भी यही। अब्बा भोसड़ी वाले ने बड़ी बेशर्मी से लण्ड मेरी चूत में पेल दिया और चोदने लगा ? मैं भी मादर चोद बड़ी ऐय्यास निकली। मैं भी अपनी चूत फैलाकर रंडी की तरह चुदवाने लगी। बस उसी दिन से मैं अब्बा से खुल गयी।
मैंने कहा :- यार सायमा, बड़ी मस्त और सेक्सी कहानी है तेरी ? मेरे घर का भी माहौल करीब करीब ऐसा ही है। चूत में आग लगी होती है तब वह कोई रिस्ता नहीं देखती वह तो लण्ड देखती है बस लण्ड ? और जब लण्ड में आग लगी होती है तो उसे घुसेड़ने के लिए चूत का दरवाजा चाहिए बस ?
दो दिन बाद मैं सायमा के घर अचानक पहुँच गयी ?
- वह बोली - हाय फ़िरोज़ा, क्या चुदाने आई है तू बहन चोद ?
- मैंने जबाब दिया :- चुदाने नहीं चोदने आई हूँ मैं ?
- वाओ, किसे चोदने आई है तू भोसड़ी की ?
- तेरे मियां का लण्ड चोदने आई हूँ मैं ? और लण्ड चोद कर ही जाऊँगी मैं ?
- तेरा मियां कहाँ है माँ का लौड़ा, फ़िरोज़ा ?
- वही तो नहीं है यार ? अगर होता तो मैं उसका लौड़ा तेरी बुर में घुसा देती ?
- तो क्या हुआ कभी तो आएगा तेरा मियाँ ?
- हां जब आएगा तब तुम चोद लेना मेरे मियां का लण्ड ?
- तो तू भोंसड़ी की मानेगी नहीं ? चोद कर ही जाएगी मेरे मियां का लण्ड ? चल मेरे साथ अंदर और चोद ले लौड़ा ? मैं भी देखती हूँ तू कैसे चोदती है लौड़ा ? क्या तू मिल चुकी है म्रेरे मियां से ? उसे पहचानती है तू ? उसके लण्ड के बारे में कुछ पता है तुझे ?
- अरे बुर चोदी सायमा जब मैंने कभी तेरे मियां को नहीं देखा तो उसका लण्ड कैसे देख लूंगी ? अब तू ही बता कैसा है उसका लौड़ा ? कितना बड़ा है लौड़ा ? दिखने में कैसा है लौड़ा ? यार देखा तो मैंने भी ठीक से नहीं अपने मियां का लण्ड ? अब मैं क्या बताऊँ बहन चोद ?
हम दोनों तो हक्का बक्का रह गयी उसकी बात सुनकर ? सायमा ने पीछे मुड़ कर देखा तो वह उसके मामू जान की लड़की थी ज़ोया ?
सायमा बोली :- हाय रब्बा तू मेरे मियां से चुदवाती है ?
उसने जबाब दिया :- हां मैं चुदवाती हूँ तेरे मियां से ? और मैं उससे अपनी माँ भी चुदवाती हूँ। जीजा मेरी माँ का भोसड़ा बड़ी मस्ती से चोदता है ? हम दोनों को तेरे मियां का लण्ड बहुत पसंद है दीदी ?
मैंने कहा :- यार अब तो मुझे मज़ा ही आ जायेगा ? अब तो मैं रात भर चोदूंगी तेरे मियां का लण्ड ?
सायमा बोली :- अरी ज़ोया जा तू फ़िरोज़ा को लेकर मेरे मियां के पास। आज यह मेरे मियां का लण्ड चोदेगी ? तू भी वहीँ बैठ कर देख की कैसे चोदा जाता है लण्ड ? मैं अभी थोड़ी देर में आऊँगी ?
मैं ज़ोया के साथ चल पड़ी । ज़ोया जैसे ही मुझे लेकर बाहर निकली तो मैंने पूंछा तू कब से चुदवा रही है सायमा के मियां से ? उसने जबाब दिया उसकी सुहागरात से ही चुदवा रही हूँ फ़िरोज़ा दीदी ? मैंने ही दीदी की सुहागरात में जीजू का लौड़ा खोल कर दीदी को पकड़ाया था। लण्ड मैंने पहले चूमा, पहले चूसा और फिर दीदी को दिया।
मैंने कहा :- क्या तेरे रीत रिवाज़ में ऐसा होता है ?
वह बोली :- होता तो नहीं है दीदी, लेकिन मैं बड़ी हरामजादी हूँ न ? मैं तो चुपके से ही कमरे में ही बैठ गयी थी जीजा का लण्ड पकड़ने के लिए ? जीजा इसलिए मना नहीं कर पाया की उसे अपने दोस्तों से अपनी बीवी चुदवानी थी। और दीदी इसलिए नहीं बोली क्योंकि उसे तो पहले ही दिन से गैर मर्दों से चुदवाना था ? और मैं ये दोनों काम बाखूबी कर सकती थी। और जानती हो फ़िरोज़ा दीदी ? सायमा दीदी एक बार चुदवा कर हटी तो दूसरी बार जीजू का दोस्त उसे चोदने लगा ? बस मुझे मौक़ा मिल गया और मैं जीजू से चुदवाने लगी। वैसे मैं तुम्हे बता रही हूँ, फ़िरोज़ा दीदी, की मेरी सायमा दीदी बड़ी चुदक्कड़ है। लेकिन मैं भी कम नहीं हूँ। दीदी मेरे अब्बा से चुदवाती है तो मैं उसके अब्बा से चुदवाती हूँ। अब देखो न मेरी शादी होने वाली है लेकिन मेरी दीदी अभी से मेरे होने वाले मियां के लण्ड पर दांत लगाये बैठी है।
तब तक सायमा के मियां का कमरा आ गया। मैंने जब पहली बार सायमा के मियां को देखा तो मेरी चूत फड़फड़ा उठी। इतना गोरा चिट्टा, तगड़ा तंदुरुस्त हैंडसम लकड़ा देख कर मैं ललचा गयी। तब तक ज़ोया बोली लो भोसड़ी के जीजा ये है मेरी दीदी की सहेली फ़िरोज़ा ? ये आज तेरा लण्ड चोदेँगीँ ? तू आजतक सबकी बुर चोदता आया है न आज तू अपना लण्ड चुदवा माँ के लौड़े ? ज़ोया फटाफट उसके कपडे उतारने लगी। वह जब नंगा हुआ तो उसका लौड़ा हिला हिला कर मुझे दिखाने लगी। मैं भी अपने कपडे खोल चुकी थी। मुझे नंगी देख कर लौड़ा और कूदने लगा। बस मैं चढ़ बैठी लौड़े पर ? मैंने हमला बोल दिया लण्ड पर। पहले अपनी चूत उसके मुंह पे रखी और झुक कर लौड़ा अपने मुंह में लिया। मैं चूसने लगी लण्ड और वह चाटने लगा मेरी बुर ? थोड़ी देर में मैं घूम गयी और लण्ड पर चढ़ बैठी। लण्ड पूरा मेरी चूत में घुस गया और मैं कूद कूद कर लण्ड चोदने लगी। ठीक वैसे ही चोदने लगी जैसे मरद बुर चोदते है ? मैं बोल रही थी साले शब्बीर के बच्चे मैं तेरे लण्ड की बना दूँगी चटनी ? बहन की बुर चोदूँगी तेरे लण्ड की ? चोद डालूंगी तेरे लण्ड की माँ का भोसड़ा ? भून डालूंगी तेरा लौड़ा अपनी चूत में घुसा के ? आज रात भर मारूंगी भोसड़ी के तेरी गांड ? मैं यही सब अनाप सनाप बोल बोल कर उसका लण्ड चोदे जा रही थी । ज़ोया बड़ा मज़ा ले रही थी।
वह बोली :- हाय दीदी मैं भी लण्ड चोदना सीख रही हूँ। मैं कल ही सायमा के अब्बा का लण्ड चोदूंगी ? अच्छा ये बताओ दीदी की क्या तुम अपने मियां का लण्ड ऐसे ही चोदती हो ?
मैं बोली :- मेरे मियां का लण्ड या तो मेरी सहेलियां चोदती है या फिर मेरे मियां के दोस्तों की बीवियां चोदती है। मेरे मियां को अपने दोस्तों की बीवियां चोदने का बड़ा शौक है। रोज़ ही किसी न किसी की बीवी चोदता रहता है माँ का लौड़ा ?
वह बोली :- हाय दीदी किसी दिन मेरी भी बुर चुदवा लो न अपने मियां से ?
मैंने कहा :- तुम चुदाओ नहीं, तुम चोदो मेरे मियां का लण्ड ? अगले हफ्ते वह आने वाला है मैं तुझे फोन कर दूँगी ? मैं तो चाहती हूँ की तुम सबसे पहले चोदो मेरे मियां का लण्ड ? फिर अपनी माँ से भी चुदाओ उसका लण्ड ?
मैं इसी तरह की बातें कर कर के रात भर सायमा के मियां से चुदवाती रही ?
०=०=०=०=०=०=०=०=०=०= समाप्त
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