मेरा मामू मुझसे सिर्फ दो साल ही बड़ा है। मैं २३ साल की हूँ तो वह २५ साल का ? इसलिए मैं उसे मामू कम दोस्त ज्यादा मानती हूँ। मैं जब उसके घर जाती
हूँ तो उसके साथ रहती हूँ और खूब बातें करती हूँ। वह जब मेरे घर आता है तो मेरे पास ही रहता है और मुझसे खूब बातें करता है। हम दोनों हर तरह की बातें करते है और खुल कर करते है। धीरे धीरे मैं जब जवान होती गयी तो मेरे मुंह से गालियां निकलने लगी। इसका कारण यह है की मेरे कॉलेज में लड़कियां गालियों से ही बात करती है ? गलियों से ही लड़कों की गांड मारती है और उनकी मां चोदती है। इधर मेरे घर में भी मेरी अम्मी खूब गालियां बकती है और अब्बा भी ? मैं जब २२ साल की हुई तो अम्मी भी मुझे भोसड़ी वाली, बुर चोदी, माँ की लौड़ी, बहन की लौड़ी कह कर बुलाने लगी। अब्बा भी कभी कभी माँ बहन की गाली देकर बुलाने लगे ? फिर मैं भी गाली देना खूब अच्छी तरह से सीख गयी। अब तो मैं भी बड़ी बेशर्मी से सबकी माँ बहन चोदती रहती हूँ। घर हो चाहे बाहर अब मुझे गाली देने में कोई शर्म नहीं आती ?
एक दिन मैं बाहर जा रही थी तो अब्बू ने टोक दिया बोला माँ चुदाने जा रही है तू भोसड़ी की समीना ? मैंने कहा :- नहीं अब्बू, माँ चुदाने नहीं, अपनी झांटें बनवाने जा रही हूँ ?
आगे बढ़ी तो साला खालू बोल पड़ा :- कहाँ जा रही है तू समीना अपनी गांड उठा के ?
मैं भी गुस्से में थी तो बोल पड़ी :- तेरी माँ का भोसड़ा चुदाने जा रही हूँ मादर चोद खालू फिर बुदबुदाने लगी साला रोज़ रोज़ तो चटवाता है अपना लण्ड बहन चोद फिर भी लार टपकाता रहता है, भोसड़ी का ? मेरे घर में चोदा चोदी की पूरी आज़ादी है। कहीं कोई पाबन्दी नहीं है।
हुआ ये की जब मैं २१ साल की हुई तो एक दिन मैंने अपनी अम्मी आयसा को युसूफ अंकल का लण्ड चूसते हुए देख लिया था। वह समझी की मैं घर में नहीं हूँ जब की मैं ऊपर थी। मैं जब के कमरे में घुसी तो उसे एकदम नंगी नंगी अंकल का लण्ड चूसते हुए देख लिया। मेरी नज़र लण्ड पर भी पड़ी। मेरे अंदर भी झुरझुरी होने लगी। तब तक अम्मी बोली अरी भोसड़ी की समीना अब तू भी चुदवाया कर अपनी बुर ? अब तू बहन चोद जवान हो गयी है। ज़िन्दगी का मज़ा लेना शुरू कर दे ? आ इधर और पकड़ अपने अंकल का लण्ड ?
अम्मी मुझे लण्ड पकड़ा कर चली गयी। अंकल ने मेरे सारे कपडे उतारे और मुझे मजे से अपना लण्ड चटवाने लगे। मेरा मुंह अपने आप खुल आया और मैंने लण्ड मुंह में भर लिया ? मैं लॉलीपॉप की तरह लण्ड चाट रही थी बार बार सुपाड़ा बाहर निकाल निकाल कर लण्ड को आम की गुठली की तरह चूस रही थी। मैं निडर थी अब कोई और टोकने वाला था ही नहीं ? मैं लण्ड चूसती गयी और अंकल मेरे मुंह में खलास हो गया। मुझे पहले तो बड़ा ख़राब लगा लेकिन फिर उसका स्वाद आने लगा। अब तो मैं लण्ड का एक एक बूँद पी जाती हूँ। उस दिन मुझे अम्मी के सामने लण्ड पीने का मौक़ा मिला ? उसके बाद यह सिलसिला चल पड़ा। मैं खालू का लण्ड पीने लगी, अब्बू का लण्ड पीने लगी, चचा जान का लण्ड पीने लगी और जीजू का लण्ड पीने लगी और इसी तरह मैंने एक दिन दीदी के ससुर का भी लण्ड पी लिया।
मेरे घर की तरह और भी बहुत घर है जहाँ चोदना चुदाना बड़ी आज़ादी से होता है।
यह बात मुझे तब मालूम हुई जब मैं अपने सहेली सलमा के घर गयी। मैं जैसे ही पहुंची तो उसकी अम्मी ने दरवाजा खोला। मुझे कमरे में बैठाते हुए वह बोली अरी वो सलमा बुर चोदी देख तेरी सहेली सलमा आयी है। मैं उसकी अम्मी के साथ थोड़ी तक बैठी रही लेकिन वह नहीं आयी तो उसकी अम्मी फिर बोली अरी भोसड़ी की सलमा माँ चुदा रही है क्या अपनी ? आती क्यों नहीं जल्दी से माँ की लौड़ी। बस सलमा आ गयी वह बोली इतनी जल्दी तेरी गांड क्यों फटने लगती है अम्मी ?
बस मैं समझ गयी की इसके घर का माहौल भी मेरे घर जैसा ही है। उसकी अम्मी चली गयी और सलमा मुझे अंदर कमरे में ले गयी। वह सोफ़ा पर बैठ गयी और मैं उसके आगे कुर्शी पर। इतने में उसका अब्बा आ गया मैंने शकील अंकल को आदाब बोला। अंकल एकदम नंगे बदन था सिर्फ एक पैजामा पहने था। सलमा के बगल में बैठ गया। बात बात करते सलमा ने अपने अब्बा के पैजामे के नाड़ा खोल डाला और अपना हाथ घुसेड़ कर उसका लण्ड पकड़ के सहलाने लगी। लण्ड भी अंदर और सलमा का हाथ भी अंदर पर उसकी हरकतें ऊपर से साफ़ साफ़ दिखाई पड़ रही थी की वह लण्ड पकड़ कर बार बार ऊपर नीचे कर रही है। मेरी जान उसके लण्ड पर अटक गयी। मेरी भी इच्छा हुई की मैं लण्ड देखूं ? इतने में सलमा ने मुझे और पास आने का इशारा किया। मैं कुर्शी खसकाकर और उसके पास चली गयी। तब उसने झट्ट से लण्ड पैजामे के बाहर निकाल लिया और मुझे दिखाते हुए बोली समीना ले पकड़ न मेरे अब्बू का लण्ड ? और बता की तुझे ये लण्ड पसंद है की नहीं ? मेरा हाथ अपने आप बढ़ गया और मैंने लण्ड मुठ्ठी में पकड़ लिया।
लण्ड पकड़ते ही मेरी चूत गनगना उठी, मेरी लार टपकने लगी और मेरा मन लण्ड चाटने का हो गया
मैंने बहुत रोक अपने आपको लेकिन मेरी जबान निकल ही आयी और सुपाड़े को छूने लगी। तब तक सलमा आ गयी वह बोली हां यार चाटो न मेरे अब्बू का लण्ड डरती क्यों है माँ की लौड़ी ? बड़ा मस्त लौड़ा है ? इतना कह वह मेरे सरे कपडे उतारने लगी। मैंने भी रोका नहीं और पूरी नंगी हो गयी उन दोनों के आगे। तब तक मैंने लण्ड पूरा का पूरा मुंह में घुसेड़ लिया था। मैं चपर चपर लण्ड चूसने और चाटने में मगन हो गयी। अंकल मेरी चूंची सहलाने लगा और सलमा मेरे चूतड़ और मेरी गांड ?
मेरा एक मामू जान है जो आप ऊपर पढ़ चुके है। उसका नाम है साजिद खान। वह आ गया। उस दिन घर पर कोई नहीं था मेरे सिवा ? मैंने उसे बैठाया और खूब बातें करने लगी। मैं थोड़ा मूड में आ गयी । मामू भी मूड में था।
बस मैंने मामू की पेंट खोल दी और नीचे खसका दी। उसे बेड पर लिटा दिया और लण्ड पकड़ कर चूसने लगी जैसा की आप ऊपर फोटो में देख रहे है। मम्मू जान का लण्ड मुझे पसंद आ गया। उसका सुपाड़ा बड़ा खूबसूरत लग रहा था। मैं उसे बड़ी देर तक चाटती रही। फिर लण्ड मुंह में घुसा कर चूसती रही। आज पहली बार मैं मामू जान का लण्ड चूस रही थी। मेरा बदन गरम हो गया और मेरे सरे कपडे उत्तर गये। मैं नंगी नंगी बड़ी बेशर्मी से लण्ड चूसने में जुटी थी की उसका फोन आ गया।
वह बोला हेलो तारिक़ बोल भोसड़ी के क्या हो रहा है ? ,,,,,,,, अच्छा तू मेरे पास आना चाहता है ? होल्ड करो ,,,,, फिर वह मुझसे बोला समीना मेरा एक दोस्त आना चाहता है मैं उसे यही बुला लूँ ? मैंने कहा हां बुला लो लेकिन मैं उसका भी लण्ड चूसूंगी ? वह बोला ठीक है. मामू ने उससे हां कह दी। थोड़ी देर में डोर बेल बजी और उसका दोस्त अंदर आ गया। मैं एक चादर ओढ़ कर लेट गयी। मामू बोला समीना ये मेरा दोस्त अली है। इसकी शादी हो गयी है और मैं इसकी बीवी चोदता हूँ। मैंने कहा भोसड़ी के बड़े हरामी हो दोस्तों की बीवियां चोदते हो ? मामू बोला यार मैंने इसकी बीवी इसकी सुहागरात में ही चोदी थी अब यह मेरी सुहागरात में मेरी बीवी चोदेगा ? मैंने कहा अच्छा तब तो मैं देखूँगी की इसका लौड़ा कैसा है ? ऐसा कह कर मैंने चादर फेंक दी और एकदम नंगी उसके सामने खड़ी हो गयी। वह मुझे आँखे फाड़ फाड़ कर देखने लगा। मैं बोली चल खोल अपना लौड़ा भोसड़ी के और दिखा मुझे अपना लण्ड ? मैं उसके कपडे उतारने लगी और जब उसका लौड़ा हिला हिला कर मैंने खड़ा किया तो मज़ा आ गया। मैं बोली हाय मामू ये तो तेरे लौड़े से कुछ ज्यादा मोटा है ? बस मैं उसका लौड़ा चाटने लगी और दूसरे हाथ से मामू का लण्ड हिलाने लगी।
मुझे दो लण्ड एक साथ चाटने और चूसने में बड़ा मज़ा आता है। मैं अली का लौड़ा चूस रही थी और मामू का लण्ड अपनी बुर में घुसा कर चुदवा रही थी। इतने में समीना बुर चोदी मेरे अब्बा का लौड़ा पकडे हुए कमरे में आ गयी। मैं बोली अरी सलमा तू मेरे अब्बा का लण्ड चूस रही है ? वह बोली नहीं यार मैं अभी तेरे अब्बा से अपनी माँ चुदवाकर आ रही हूँ। और मैं तुझे यह बताने आयी हूँ की मेरा अब्बा तेरी माँ चोद रहा है। तेरी माँ के भोसड़ा में घुसा है मेरे अब्बा का लण्ड ? मैं बोली तो फिर तू घुसा ले मेरे अब्बा का लण्ड अपनी बुर में और यही मेरे सामने चुदा भोसड़ी की ? सलमा बोली मैं यही तो करने आयी हूँ यहाँ ?
सलमा मेरे अब्बा से चुदवाने लगी और मैं अली और अपने मामू से ? दो दो लण्ड पकड़ कर मेरी इच्छा गांड मराने की हो गयी। मैंने सोंचा की अली का लौड़ा मोटा है इसलिए इसे मैं अपनी बुर में घुसाती हूँ और मामू का लण्ड गांड में ? बस मैं बोली अरे वो मामू मादर चोद तू अपना लण्ड मेरी गांड में घुसा और मेरी मेरी गांड मार ? आज मैं तेरे से गांड भी मरवाकर देख लेती हूँ। अब मेरी गांड में लण्ड और मेरी बुर में लण्ड ? मैं दोनों का मज़ा एक साथ लेने लगी। उधर मेरा अब्बा सलमा की बुर भकाभक चोदे चला जा रहा था। अब्बा बोला समीना तेरी सहेली की बुर बड़ी मक्खन जैसी है। देखो न कितनी मस्ती से चुदवा रही है भोसड़ी वाली ? इसकी माँ भी ऐसे ही चुदवाती है, बुर चोदी ? मुझे तो माँ बेटी दोनों को चोदने में मज़ा आया ?
तब मुझे देख कर सलमा बोली हाय समीना मेरी भी गांड मरवा दो प्लीज ? मैंने बहुत दिनों से गांड नहीं मरवाई ? मैंने पूंछा अपनी माँ का गांड मरवाई है तूने कभी ? वह बोली हां मरवाई है। मेरा खालू साल कभी कभी मेरी माँ की गांड मारता है ? खालू का लण्ड लंबा है पर थोड़ा पतला है इसलिए सटासट चला जाता है गांड में ? मैंने मामू से कहा यार मेरी सहेली की भी गांड मार दो प्लीज। मामू ने लण्ड सलमा की गांड में घुसा दिया। सलमा बुर चुदाने के साथ साथ गांड भी मरवाने लगी अपनी ?
मैं समझ गयी की चलो मामी से भी अच्छी गुजरेगी क्योंकी यह भी चुदाने में मेरी ही टक्कर की लग रही है।
०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=० समाप्त
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मामू जान का लण्ड पी रही हूँ |
हूँ तो उसके साथ रहती हूँ और खूब बातें करती हूँ। वह जब मेरे घर आता है तो मेरे पास ही रहता है और मुझसे खूब बातें करता है। हम दोनों हर तरह की बातें करते है और खुल कर करते है। धीरे धीरे मैं जब जवान होती गयी तो मेरे मुंह से गालियां निकलने लगी। इसका कारण यह है की मेरे कॉलेज में लड़कियां गालियों से ही बात करती है ? गलियों से ही लड़कों की गांड मारती है और उनकी मां चोदती है। इधर मेरे घर में भी मेरी अम्मी खूब गालियां बकती है और अब्बा भी ? मैं जब २२ साल की हुई तो अम्मी भी मुझे भोसड़ी वाली, बुर चोदी, माँ की लौड़ी, बहन की लौड़ी कह कर बुलाने लगी। अब्बा भी कभी कभी माँ बहन की गाली देकर बुलाने लगे ? फिर मैं भी गाली देना खूब अच्छी तरह से सीख गयी। अब तो मैं भी बड़ी बेशर्मी से सबकी माँ बहन चोदती रहती हूँ। घर हो चाहे बाहर अब मुझे गाली देने में कोई शर्म नहीं आती ?
एक दिन मैं बाहर जा रही थी तो अब्बू ने टोक दिया बोला माँ चुदाने जा रही है तू भोसड़ी की समीना ? मैंने कहा :- नहीं अब्बू, माँ चुदाने नहीं, अपनी झांटें बनवाने जा रही हूँ ?
आगे बढ़ी तो साला खालू बोल पड़ा :- कहाँ जा रही है तू समीना अपनी गांड उठा के ?
मैं भी गुस्से में थी तो बोल पड़ी :- तेरी माँ का भोसड़ा चुदाने जा रही हूँ मादर चोद खालू फिर बुदबुदाने लगी साला रोज़ रोज़ तो चटवाता है अपना लण्ड बहन चोद फिर भी लार टपकाता रहता है, भोसड़ी का ? मेरे घर में चोदा चोदी की पूरी आज़ादी है। कहीं कोई पाबन्दी नहीं है।
हुआ ये की जब मैं २१ साल की हुई तो एक दिन मैंने अपनी अम्मी आयसा को युसूफ अंकल का लण्ड चूसते हुए देख लिया था। वह समझी की मैं घर में नहीं हूँ जब की मैं ऊपर थी। मैं जब के कमरे में घुसी तो उसे एकदम नंगी नंगी अंकल का लण्ड चूसते हुए देख लिया। मेरी नज़र लण्ड पर भी पड़ी। मेरे अंदर भी झुरझुरी होने लगी। तब तक अम्मी बोली अरी भोसड़ी की समीना अब तू भी चुदवाया कर अपनी बुर ? अब तू बहन चोद जवान हो गयी है। ज़िन्दगी का मज़ा लेना शुरू कर दे ? आ इधर और पकड़ अपने अंकल का लण्ड ?
अम्मी मुझे लण्ड पकड़ा कर चली गयी। अंकल ने मेरे सारे कपडे उतारे और मुझे मजे से अपना लण्ड चटवाने लगे। मेरा मुंह अपने आप खुल आया और मैंने लण्ड मुंह में भर लिया ? मैं लॉलीपॉप की तरह लण्ड चाट रही थी बार बार सुपाड़ा बाहर निकाल निकाल कर लण्ड को आम की गुठली की तरह चूस रही थी। मैं निडर थी अब कोई और टोकने वाला था ही नहीं ? मैं लण्ड चूसती गयी और अंकल मेरे मुंह में खलास हो गया। मुझे पहले तो बड़ा ख़राब लगा लेकिन फिर उसका स्वाद आने लगा। अब तो मैं लण्ड का एक एक बूँद पी जाती हूँ। उस दिन मुझे अम्मी के सामने लण्ड पीने का मौक़ा मिला ? उसके बाद यह सिलसिला चल पड़ा। मैं खालू का लण्ड पीने लगी, अब्बू का लण्ड पीने लगी, चचा जान का लण्ड पीने लगी और जीजू का लण्ड पीने लगी और इसी तरह मैंने एक दिन दीदी के ससुर का भी लण्ड पी लिया।
मेरे घर की तरह और भी बहुत घर है जहाँ चोदना चुदाना बड़ी आज़ादी से होता है।
यह बात मुझे तब मालूम हुई जब मैं अपने सहेली सलमा के घर गयी। मैं जैसे ही पहुंची तो उसकी अम्मी ने दरवाजा खोला। मुझे कमरे में बैठाते हुए वह बोली अरी वो सलमा बुर चोदी देख तेरी सहेली सलमा आयी है। मैं उसकी अम्मी के साथ थोड़ी तक बैठी रही लेकिन वह नहीं आयी तो उसकी अम्मी फिर बोली अरी भोसड़ी की सलमा माँ चुदा रही है क्या अपनी ? आती क्यों नहीं जल्दी से माँ की लौड़ी। बस सलमा आ गयी वह बोली इतनी जल्दी तेरी गांड क्यों फटने लगती है अम्मी ?
बस मैं समझ गयी की इसके घर का माहौल भी मेरे घर जैसा ही है। उसकी अम्मी चली गयी और सलमा मुझे अंदर कमरे में ले गयी। वह सोफ़ा पर बैठ गयी और मैं उसके आगे कुर्शी पर। इतने में उसका अब्बा आ गया मैंने शकील अंकल को आदाब बोला। अंकल एकदम नंगे बदन था सिर्फ एक पैजामा पहने था। सलमा के बगल में बैठ गया। बात बात करते सलमा ने अपने अब्बा के पैजामे के नाड़ा खोल डाला और अपना हाथ घुसेड़ कर उसका लण्ड पकड़ के सहलाने लगी। लण्ड भी अंदर और सलमा का हाथ भी अंदर पर उसकी हरकतें ऊपर से साफ़ साफ़ दिखाई पड़ रही थी की वह लण्ड पकड़ कर बार बार ऊपर नीचे कर रही है। मेरी जान उसके लण्ड पर अटक गयी। मेरी भी इच्छा हुई की मैं लण्ड देखूं ? इतने में सलमा ने मुझे और पास आने का इशारा किया। मैं कुर्शी खसकाकर और उसके पास चली गयी। तब उसने झट्ट से लण्ड पैजामे के बाहर निकाल लिया और मुझे दिखाते हुए बोली समीना ले पकड़ न मेरे अब्बू का लण्ड ? और बता की तुझे ये लण्ड पसंद है की नहीं ? मेरा हाथ अपने आप बढ़ गया और मैंने लण्ड मुठ्ठी में पकड़ लिया।
लण्ड पकड़ते ही मेरी चूत गनगना उठी, मेरी लार टपकने लगी और मेरा मन लण्ड चाटने का हो गया
मैंने बहुत रोक अपने आपको लेकिन मेरी जबान निकल ही आयी और सुपाड़े को छूने लगी। तब तक सलमा आ गयी वह बोली हां यार चाटो न मेरे अब्बू का लण्ड डरती क्यों है माँ की लौड़ी ? बड़ा मस्त लौड़ा है ? इतना कह वह मेरे सरे कपडे उतारने लगी। मैंने भी रोका नहीं और पूरी नंगी हो गयी उन दोनों के आगे। तब तक मैंने लण्ड पूरा का पूरा मुंह में घुसेड़ लिया था। मैं चपर चपर लण्ड चूसने और चाटने में मगन हो गयी। अंकल मेरी चूंची सहलाने लगा और सलमा मेरे चूतड़ और मेरी गांड ?
- अचानक सलमा बोली - हाय समीना, माँ चुदवायेगी तू मेरे अब्बा से अपनी ?
- मैंने जबाब दिया - हां जरूर चुदवाऊँगी अपनी माँ ? पर मैं पहले अपनी बुर चुदवाऊँगी सलमा ? मुझे तेरे अब्बा का लौड़ा पसंद आ गया है।
- वह बोली - यार आज तो तुम चुदवाकर ही जाना ? लेकिन मैं तेरी माँ का भोसड़ा भी चोदूंगी ?
- तो यार मैं भी तेरी माँ का भोसड़ा चोदूंगी ?
- ठीक तो है समीना ? तू अपने अब्बा का लण्ड मेरी माँ के भोसड़ा में घुसा दे और मैं अपने अब्बा का लण्ड तेरी माँ के भोसड़ा में घुसा दूँ ?
- हां मुझे मजूर है सलमा ? बड़ा मज़ा आएगा ?
मेरा एक मामू जान है जो आप ऊपर पढ़ चुके है। उसका नाम है साजिद खान। वह आ गया। उस दिन घर पर कोई नहीं था मेरे सिवा ? मैंने उसे बैठाया और खूब बातें करने लगी। मैं थोड़ा मूड में आ गयी । मामू भी मूड में था।
- वह बोला - समीना, आज मैं बहुत खुश हूँ, बोलो क्या पियोगी ?
- मैंने जबाब दिया - तेरा लण्ड पियूंगी मामू जान ?
- अरे क्या कह रही हो तुम ? मैं तो व्हिस्की की बात कर रहा हूँ।
- हां मैं भी व्हिस्की की बात कर रही हूँ। मैं व्हिस्की के साथ ही लण्ड पीती हूँ।
- अरे लण्ड से क्या दूध निकलता है जो तू पीती है, बहन चोद ?
- लण्ड से दूध नहीं भोसड़ी के मामू जान मक्खन निकलता है वही मैं पीती हूँ ?
- हां ऐसे बोलो दूध तो तेरी चूंचियों में निकलता है, समीना ?
- हां चूंचियों से निकलता है लेकिन जब कोई बच्चा होता है तब भोसड़ी के ? अभी मैं अभी शादीशुदा नहीं हूँ।
- इसका मतलब की तेरी शादी नहीं हुई फिर भी लण्ड पीती है तू, माँ की लौड़ी ?
- अम्मी कहती है की शादी के पहले लण्ड पीना, लण्ड चाटना चूसना और बुर चुदवाना सब सीख लो जैसे लड़कियां खाना बनाना सीख लेती है। नहीं तो तेरी सास कहेगी हाय दईया बहू को तो बुर चुदवाना भी नहीं आता ? इसकी माँ ने बुर चुदाना तक नहीं सिखाया, भोसड़ी वाली ने ?
- तू बड़ी चालक हो गयी है समीना बातें खूब मना लेती है ?
- अरे मैं लण्ड का कीमा भी बना लेती हूँ मामू जान ?
बस मैंने मामू की पेंट खोल दी और नीचे खसका दी। उसे बेड पर लिटा दिया और लण्ड पकड़ कर चूसने लगी जैसा की आप ऊपर फोटो में देख रहे है। मम्मू जान का लण्ड मुझे पसंद आ गया। उसका सुपाड़ा बड़ा खूबसूरत लग रहा था। मैं उसे बड़ी देर तक चाटती रही। फिर लण्ड मुंह में घुसा कर चूसती रही। आज पहली बार मैं मामू जान का लण्ड चूस रही थी। मेरा बदन गरम हो गया और मेरे सरे कपडे उत्तर गये। मैं नंगी नंगी बड़ी बेशर्मी से लण्ड चूसने में जुटी थी की उसका फोन आ गया।
वह बोला हेलो तारिक़ बोल भोसड़ी के क्या हो रहा है ? ,,,,,,,, अच्छा तू मेरे पास आना चाहता है ? होल्ड करो ,,,,, फिर वह मुझसे बोला समीना मेरा एक दोस्त आना चाहता है मैं उसे यही बुला लूँ ? मैंने कहा हां बुला लो लेकिन मैं उसका भी लण्ड चूसूंगी ? वह बोला ठीक है. मामू ने उससे हां कह दी। थोड़ी देर में डोर बेल बजी और उसका दोस्त अंदर आ गया। मैं एक चादर ओढ़ कर लेट गयी। मामू बोला समीना ये मेरा दोस्त अली है। इसकी शादी हो गयी है और मैं इसकी बीवी चोदता हूँ। मैंने कहा भोसड़ी के बड़े हरामी हो दोस्तों की बीवियां चोदते हो ? मामू बोला यार मैंने इसकी बीवी इसकी सुहागरात में ही चोदी थी अब यह मेरी सुहागरात में मेरी बीवी चोदेगा ? मैंने कहा अच्छा तब तो मैं देखूँगी की इसका लौड़ा कैसा है ? ऐसा कह कर मैंने चादर फेंक दी और एकदम नंगी उसके सामने खड़ी हो गयी। वह मुझे आँखे फाड़ फाड़ कर देखने लगा। मैं बोली चल खोल अपना लौड़ा भोसड़ी के और दिखा मुझे अपना लण्ड ? मैं उसके कपडे उतारने लगी और जब उसका लौड़ा हिला हिला कर मैंने खड़ा किया तो मज़ा आ गया। मैं बोली हाय मामू ये तो तेरे लौड़े से कुछ ज्यादा मोटा है ? बस मैं उसका लौड़ा चाटने लगी और दूसरे हाथ से मामू का लण्ड हिलाने लगी।
मुझे दो लण्ड एक साथ चाटने और चूसने में बड़ा मज़ा आता है। मैं अली का लौड़ा चूस रही थी और मामू का लण्ड अपनी बुर में घुसा कर चुदवा रही थी। इतने में समीना बुर चोदी मेरे अब्बा का लौड़ा पकडे हुए कमरे में आ गयी। मैं बोली अरी सलमा तू मेरे अब्बा का लण्ड चूस रही है ? वह बोली नहीं यार मैं अभी तेरे अब्बा से अपनी माँ चुदवाकर आ रही हूँ। और मैं तुझे यह बताने आयी हूँ की मेरा अब्बा तेरी माँ चोद रहा है। तेरी माँ के भोसड़ा में घुसा है मेरे अब्बा का लण्ड ? मैं बोली तो फिर तू घुसा ले मेरे अब्बा का लण्ड अपनी बुर में और यही मेरे सामने चुदा भोसड़ी की ? सलमा बोली मैं यही तो करने आयी हूँ यहाँ ?
सलमा मेरे अब्बा से चुदवाने लगी और मैं अली और अपने मामू से ? दो दो लण्ड पकड़ कर मेरी इच्छा गांड मराने की हो गयी। मैंने सोंचा की अली का लौड़ा मोटा है इसलिए इसे मैं अपनी बुर में घुसाती हूँ और मामू का लण्ड गांड में ? बस मैं बोली अरे वो मामू मादर चोद तू अपना लण्ड मेरी गांड में घुसा और मेरी मेरी गांड मार ? आज मैं तेरे से गांड भी मरवाकर देख लेती हूँ। अब मेरी गांड में लण्ड और मेरी बुर में लण्ड ? मैं दोनों का मज़ा एक साथ लेने लगी। उधर मेरा अब्बा सलमा की बुर भकाभक चोदे चला जा रहा था। अब्बा बोला समीना तेरी सहेली की बुर बड़ी मक्खन जैसी है। देखो न कितनी मस्ती से चुदवा रही है भोसड़ी वाली ? इसकी माँ भी ऐसे ही चुदवाती है, बुर चोदी ? मुझे तो माँ बेटी दोनों को चोदने में मज़ा आया ?
तब मुझे देख कर सलमा बोली हाय समीना मेरी भी गांड मरवा दो प्लीज ? मैंने बहुत दिनों से गांड नहीं मरवाई ? मैंने पूंछा अपनी माँ का गांड मरवाई है तूने कभी ? वह बोली हां मरवाई है। मेरा खालू साल कभी कभी मेरी माँ की गांड मारता है ? खालू का लण्ड लंबा है पर थोड़ा पतला है इसलिए सटासट चला जाता है गांड में ? मैंने मामू से कहा यार मेरी सहेली की भी गांड मार दो प्लीज। मामू ने लण्ड सलमा की गांड में घुसा दिया। सलमा बुर चुदाने के साथ साथ गांड भी मरवाने लगी अपनी ?
- शाम को जब मेरी अम्मी घर आयी तो मैंने कहा - हाय अम्मी तुम्हे कैसा लगा सलमा के अब्बा का लण्ड ?
- वह बोली - हाय अल्ला, तू बुर चोदी मुझसे पूंछ रही है भोसड़ी वाली ? तू बता उसका लौड़ा तुझे कैसा लगा ?
- मैं कैसे बताऊँ ? चुदवा कर तो तू आ रही है बेटी चोद और पूंछ मुझसे रही है ?
- चुदवाकर तो तू भी आयी थी कल ? मैं सब जानती हूँ ? तू मुझसे कुछ छुपा नहीं सकती माँ की लौड़ी समीना ? तूने मुझे बताया बहन चोद ? बताया होता तो मैं उसी दिन जाकर चुदवा लेती यार ?
- इसका मतलब तुझे उसका लण्ड पसंद आ गया ?
- हां वाकई मुझे अच्छा लगा उसका लण्ड ? बड़ा प्यारा भी है और सख्त भी ? अब तो वह जब कब आकर चोदा करेगा ? मैंने उससे कहा एक दिन मेरे सामने चोदो मेरी बेटी की बुर ?
- मैंने भी उससे कहा है की अंकल एक दिन मेरी माँ का भोसड़ा मेरे सामने चोदो ?
मैं समझ गयी की चलो मामी से भी अच्छी गुजरेगी क्योंकी यह भी चुदाने में मेरी ही टक्कर की लग रही है।
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