मुझे "chulbuleblogs" की कहानियां पढ़ने का बड़ा शौक है। मैं इन कहानियों पर गिद्ध की नज़र रखती हूँ ? जैसे जैसे नयी कहानियां आती जाती है
वैसे वैसे मैं पढ़ती जाती हूँ। मैं हर दिन पढ़ती हूँ इसकी कहानियां और हर एक कहानी पढ़ती हूँ। मुझे इसकी कहानियां रात में पढने में ज्यादा मज़ा आता है। थोड़ा पढ़ते ही मेरे कपडे अपने आप उतरने लगते है और मैं बस दो मिनट में ही अपनी चूंची और चूत बाहर निकाल लेती हूँ। फिर धीरे से बिलकुल नंगी हो जाती हूँ, मैं अपने पूरे कपडे उतार कर एकदम नंगी होकर इन कहानियां को पढ़कर बड़ा एन्जॉय करती हूँ। जब तक कहानी खत्म नहीं होती तब तक मेरा हाथ मेरी चूंची और मेरी चूत पर ही रहता है। और जब मुझे मौक़ा मिलता है तो कहानी पढ़ते ही किसी लड़के को या फिर
किसी मरद को बुला लेती हूँ , उसका लण्ड पकडे पकड़े कहानी पढ़ती हूँ। बीच बीच में लण्ड की चुम्मी लेते हुए, लण्ड चाटते हुए और लण्ड चूसते हुए कहानी पढ़ती हूँ। कहानी खत्म होने के पहले ही लण्ड बहन चोद अपनी बुर में घुसा लेती हूँ मैं ? कहानी बहन चोद इतनी गरम होती है की बिना चुदाये रह नहीं सकती मैं ?
"चुलबुलेब्लोग्स" की कहानी, मेरी चूत और लण्ड जब ये तीनो एक साथ होते है तो मुझे ज़न्नत का मज़ा मिलता है ?
उस समय घर में जो भी मरद होता है मैं उसका लण्ड पकड़ लेती हूँ मैं बिलकुल भी नहीं शर्माती और न ही झिझकती हूँ। लण्ड जैसे ही हाथ में आता है तो फिर उसे बिना अपनी बुर में घुसाये रह नहीं सकती मैं ? यही हाल हुआ उस दिन जब मैंने अपने ससुर का ही लण्ड पकड़ लिया ?
मेरा नाम है मिसेज फ़िरोज़ा खान, मेरी शादी के दो साल हो चुके है मेरा शौहर विदेश में रहता है , मैं यहाँ अपनी सास मिसेज आसमा , अपने ससुर आमिर खान और अपनी नन्द सारा के साथ रहती हूँ।
उस रात मैं घर में अकेली थी. मैंने लैपटॉप खोला और कहानियां पढ़ने लगी। मेरे कपडे उतरने लगे और मैं देझते ही देखते नंगी हो गयी । मैं बुरी तरह कहानियों में खो गयी थी । मेरा हाथ कभी मेरी चूंची पर कभी मेरी चूत पर जाने लगा । कहानी बहुत ही गरम थी । "बेटी, तेरे ससुर का लण्ड" की थी कहानी और मैं पढ़ते पढ़ते बहुत गरम हो गयी।
अचानक मैं पीछे मुड़ी तो देखा की मेरा ससुर नंगे बदन एक तौलिया लपेटे खड़ा है। मेरे मुंह से निकला भोसड़ी के ससुर छिप छिप कर मेरी चूंची देख रहा है तू ? मेरी चूत देख रहा है तू मादर चोद ? मैं समझ गयी की उसकी नियत ख़राब हो गयी है। लेकिन इधर मेरी नियत उस पर ज्यादा ख़राब हो गयी। मैंने फ़ौरन उसकी तौलिया खींच ली और कहा भोसड़ी के अपनी नंगी बहू के आगे तौलिया पहन कर आता है ? नंगा नहीं आ सकता तू माँ का लौड़ा ? नंगी बहू के आगे नंगा होने में तेरी गांड फट रही है क्या ? जब मैं नंगी हूँ तो तू भी हो जा नंगा भोसड़ी के ससुर ? मैं उसका लण्ड पकड़ कर गालियां बकने लगी। वही गालियां जो कहानी में लिखी थी। लण्ड साला टन टना कर दूना हो गया। मैं समझ गयी की उसे भी मज़ा आ रहा है। वह बोला तू बुर चोदी फ़िरोज़ा बड़ी सेक्सी लग रही है मुझे ? ले पी ले मेरा लण्ड ? यह सुनकर मैं और गरमा गयी, लण्ड मुंह में ले लिया और चूसने लगी। उसके चूतड़ों पर हाथ फिराने लगी। मैं उसकी गांड सहलाने लगी और वह मेरी चूंची ?
मैंने अपने पर्श से एक इंची टेप निकाला और लौड़ा नापने लगी ? मैं अपने पर्श में एक इंची टेप लण्ड नापने के लिए, एक रेज़र झांटें बनाने के लिए, एक कैंची झांटें ट्रिम करने के लिए और एक पैकट कंडोम लण्ड पर चढाने के लिए हमेशा रखती हूँ। लण्ड नापते हुए मैं बोली हाय अल्ला, ये तो ९" से बड़ा है और मोटा बहन चोद ५ १/२ " से ज्यादा ? इसका सुपाड़ा ही ३ से ३ १/२" का है ? ये तो मेरे अब्बा के लण्ड से बड़ा है ? अब आएगा तेरे इस जबरजंग लण्ड से चुदवाने का मज़ा ? मेरी मस्त मस्त बातें सुनकर ससुर का लण्ड और टन्नाने लगा ? हिनहिनाने लगा साला भोसड़ी का लण्ड ? एकदम लाठी की तरह हो गया लण्ड ? लाठी के मुठ्ठ की तरह लण्ड का सुपाड़ा था उसका? एकदम सीधा सख्त और तोप की तरह लण्ड ? तोप के गोला की तरह लण्ड का सुपाड़ा ? मैं बड़ी देर तक लण्ड पकड़ कर चारों तरफ घुमा घुमा कर देखती रही। चिकना लण्ड और चिकने पेल्हड़ वाकई बड़े सेक्सी लग रहे थे। मैं लण्ड मुंह में भर कर चूसने लगी और जबान निकाल कर कुतिया की तरह चाटने लगी लण्ड ?
बस उस रात मैंने पहली बार अपने ससुर का लण्ड अपनी चूत में पेला और खूब भकाभक चुदवाया ? सवेरा होने तक मैं उससे तीन बार चुदवा लिया। मुझे अपने ससुर का लण्ड बेहद पसंद आया ?
एक दिन मैं और मेरी नन्द थी घर पर ? मैं शॉपिंग के लिए बाज़ार गयी थी जब वहां से वापस आयी तो घर में घुसते ही मुझे नन्द के कमरे से आवाज़ आती हुई सुनायी पड़ी। वह बोल रही थी
"हाय रब्बा इतना बड़ा लौड़ा तूने भोसड़ी के, अब तक कहाँ छुपा कर रखा था ? अपनी बहन की बुर में पेलने के लिए या फिर अपनी बेटी की चूत चोदने के लिए ? हाय अल्ला, देखो न साला कैसे मेरी गालियां सुन सुन अपनी मुंडी हिला रहा है तेरा लौड़ा ससुर जी ? इसकी तो आज मैं चोदूंगी माँ ? आज मैं इसे कच्चा चबा जाऊँगी समझा माँ का लौड़ा ससुर का बच्चा मादर चोद ? भून डालूंगी तेरा ये हक्कानी लण्ड अपनी चूत में घुसाकर"
मुझे समझने में देर नहीं लगी की मेरी नन्द अपने ससुर का लण्ड चूस रही है ? मैं सोंचने लगी की जब मैं अपने ससुर से चुदवाती हूँ तो मेरी नन्द भी अपने ससुर से चुदवाये तो इसमें हर्ज़ क्या है ? मैं सोंचने लगी की अगर मैं अपने ससुर का लण्ड इसकी बुर में पेलूँ और ये अपने ससुर का लण्ड मेरी बुर में पेले तो कितना अच्छा हो ? बस यही बात मेरे मन में आती रही ? मैं केवल पेटीकोट पहने हुए अपनी नंगी चूंचियां उछालती हुई दन्न से कमरे में घुस गयी। मैंने जो देखा उससे और हैरान हो गयी। नन्द की बुर में भी एक लण्ड घुसा था ? वह बुर चोदी दो दो लण्ड का मज़ा एक साथ ले रही थी। एक बुर में लण्ड और एक मुंह में लण्ड ? मैं जान गयी की मेरी नन्द मेरी ही तरह लण्ड की आदी हो गयी है। इसे भी लण्ड का पूरा चस्का लग गया है। यह भी मेरी तरह लण्ड के आगे किसी रिश्ते को नहीं मानती ? अपने अब्बा का भी लण्ड पी लेती होगी माँ की लौड़ी ? अपनी माँ का भोसड़ा भी चुदवाती होगी मेरी नन्द ? जैसे मैं अपनी माँ का भोसड़ा चुदवाती हूँ। अब मैं इससे खुल कर बात करूंगी।
मैं घुसते ही बोली :- दो दो लण्ड हो मेरी नन्द रानी ?
वह बोली :- हाय भाभी, अच्छा हुआ की तुम आ गयी। ले अब तू पकड़ मेरे ससुर का लण्ड पकड़ ? पकड़ कर ये बता की तुझे अपने ससुर का लण्ड ज्यादा पसंद है की मेरे ससुर का लण्ड ? मैंने हाथ बढ़ा कर लण्ड पकड़ तो लिया लेकिन एक सवाल कर बैठी ?
मैंने पूंछा :- हाय दईया, तू जानती है की मैं तेरे अब्बा का लण्ड पकड़ती हूँ। और क्या तू भी अपने अब्बा का लण्ड पकड़ती है ?
वह बोली :- अरे भाभी तू मेरे अब्बा है अपनी बुर ? मैं हूँ और मैं भी चुदवाती हूँ अपने अब्बा से ? इसमें हर्ज़ क्या है चोद ? आज मैं अपने ससुर से चुदवा रही हूँ और तू भी चुदवायेगी।
देखो भाभी, ये मेरे ससुर का लण्ड है पर लण्ड मेरा ससुर नहीं है ? मैं अपने ससुर की बहू हूँ पर मेरी चूत ससुर की बहू नहीं है ?
इसलिए ससुर से चुदाने में कोई हर्ज़ नहीं है। लण्ड सिर्फ लण्ड है और चूत सिर्फ चूत ? लण्ड चूत किसी और रिश्ते को नहीं मानते ?
अब जो भी लण्ड मेरे सामने आता है मैं उसे घुसेड़ लेती हूँ अपनी चूत में ?
मैं बोली :- हाय अल्ला, तू तो बिलकुल मेरी तरह ही है, नन्द रानी ? मैं भी किसी भी लण्ड से चुदवा लेती हूँ अपनी बुर । अपनी माँ के भोसड़ा चुदवा लेती हूँ मैं और अब अपनी सास का भोसड़ा भी चुदवाऊँगी। यार बड़ा मज़ा आ रहा है ज़िन्दगी में है बहन चोद ?
उस दिन मैंने नन्द के ससुर से खूब चुदवाया और मेरी नन्द ने अपने ससुर के दोस्त से चुदवाया ? दोनों आंमे सामने बड़ी देर तक लण्ड अदल बदल कर चुदवाती रही ?
अब मेरी हिम्मत बहुत बढ़ चुकी थी। एक तो अपने ससुर से चुदवाकर और दूसरे अपनी नन्द के ससुर से चुदवाकर।
इसी तरह एक दिन मैं दोपहर में घर आ गयी। गर्मी के दिन थे ? मैं अपने पूरे कपडे उतार कर एकदम नंगी अपने कमरे में बैठी थी। इतने में मेरी सास अंदर आ गयी।
एक दिन मेरा ससुर बोला :- बहू, आज क्या तेरी माँ का भोसड़ा चुदेगा ?
मैंने कहा :- नहीं भोसड़ी के ससुर जी, आज चुदेगी तेरी बिटिया की बुर ?
बस वह मुस्कराता हुआ चला गया।
होने लगी बीवियों की अदल बदल कर चुदाई
एक दिन मेरा खालू मेरी ससुराल खाला के साथ आ गया। उधर से मेरा जेठ और मेरी जेठानी आ गये. हालांकि वे लोग अलग घर में रहते है लेकिन अक्सर आते रहते है। रात को जब मैं बिस्तर से उठी तो देखा की जेठानी के कमरे की लाईट जल रही है. मैं अंदर झाँकने लगी। मैंने देखा की मेरी खाला मेरे जेठ का लण्ड चाट रही है और मेरी जेठानी मेरे खालू का लण्ड चाट रही है। चार के चारों एकदम नंगे ? मैं उन्हें टक टकी लगा कर देखने लगी।
मेरी जेठानी बोली :- मुझे हस्बैंड्स के लण्ड अदल बदल कर चूसने में बड़ा मज़ा आता है।
खालू बोला :- मुझे बीवियों की अदला बदली करके चोदने में बड़ा मज़ा आता है। तब तक जाने कहाँ से मेरा नंदोई टपक पड़ा कमरे में ?
वह बोला :- बीवियों की अदला बदली करके मुझे भी चोदने में बड़ा मज़ा आता है लेकिन आज मेरी बीवी बुर चोदी है नहीं ? बस मैं वहीँ से बड़ी और से बोल पड़ी :- मैं हूँ तेरी बीवी भोसड़ी के नंदोई ? आज मुझे अपनी बीवी बनाकर तू कर ले बीवियों की अदला बदली और चोद ले मेरी खाल का भोसड़ा और चोद ले मेरी जेठानी की बुर ?
तब तक जेठानी बोली :- आ जा न मेरी देवरानी फ़िरोज़ा आज तू भी चुदवा ले मेरे मियां से ? चूस ले मेरे मियां का लण्ड और घुसेड़ ले अपने खालू का लण्ड अपनी चूत में ? मैं भी देखूं की तू कैसे पराये मर्दों से चुदवाती है भोसड़ी वाली फ़िरोज़ा ?
बस इधर मैं नंगी हुई और उधर मेरा नंदोई ? जेठानी तो खालू का लण्ड चूस ही रही थी। मैं जेठ का लण्ड चूसने लगी और खाला मेरे नंदोई का लण्ड ?
मैंने मस्ती से जेठ का लण्ड अपनी चूत में घुसा कर चुदवाने लगी। मेरे दाहिनी तरफ मेरी जेठानी खालू का लण्ड अपनी बुर में पेलवा लिया और झमाझम चुदवाने लगी। दूसरी तरफ मेरी खाल नंदोई का लण्ड अपने भोसड़ा में घुसेड़ा और भकाभक चुदवाने लगी। इस तरह हम तीनो गैर मर्दों से चुदवाने का मज़ा लेने लगी। फिर रात भर लण्ड अदल बदल कर चुदवाती रही।
तब मेरी जेठानी बोली :- फ़िरोज़ा, मैं तेरे अब्बा से चुदवाना चाहती हूँ। मैं अपने ससुर से भी चुदवाती हूँ जैसे तुम चुवाती हो।
तब तक नन्द बोली :- हाय भाभी मैं भी चुदवाऊँगी तेरे अब्बा से ? सुना है उसका लौड़ा बड़ा मस्त है।
मैं बोली :- ठीक है सारा मैं भी तेरे अब्बा से अपनी माँ का भोसड़ा चुदवाऊँगी। तब तक मेरी सास आ गयी। वह बोली सुनो मेरी बुर चोदियों मैं आने वाले इतवार को सभी को बुला रही हूँ। और फिर २/३ दिन लगातार होगी घनघोर चुदाई। सबकी बुर चोदी जाएगी सबकी माँ चोदी जाएगी और सबकी बेटियां भी चोदी जाएँगी ?
मैंने कहा हां मैं तो सबसे पहले अपने ससुर की बिटिया की बुर चुदवाऊँगी।
०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=० समाप्त

किसी मरद को बुला लेती हूँ , उसका लण्ड पकडे पकड़े कहानी पढ़ती हूँ। बीच बीच में लण्ड की चुम्मी लेते हुए, लण्ड चाटते हुए और लण्ड चूसते हुए कहानी पढ़ती हूँ। कहानी खत्म होने के पहले ही लण्ड बहन चोद अपनी बुर में घुसा लेती हूँ मैं ? कहानी बहन चोद इतनी गरम होती है की बिना चुदाये रह नहीं सकती मैं ?
"चुलबुलेब्लोग्स" की कहानी, मेरी चूत और लण्ड जब ये तीनो एक साथ होते है तो मुझे ज़न्नत का मज़ा मिलता है ?
उस समय घर में जो भी मरद होता है मैं उसका लण्ड पकड़ लेती हूँ मैं बिलकुल भी नहीं शर्माती और न ही झिझकती हूँ। लण्ड जैसे ही हाथ में आता है तो फिर उसे बिना अपनी बुर में घुसाये रह नहीं सकती मैं ? यही हाल हुआ उस दिन जब मैंने अपने ससुर का ही लण्ड पकड़ लिया ?
मेरा नाम है मिसेज फ़िरोज़ा खान, मेरी शादी के दो साल हो चुके है मेरा शौहर विदेश में रहता है , मैं यहाँ अपनी सास मिसेज आसमा , अपने ससुर आमिर खान और अपनी नन्द सारा के साथ रहती हूँ।
उस रात मैं घर में अकेली थी. मैंने लैपटॉप खोला और कहानियां पढ़ने लगी। मेरे कपडे उतरने लगे और मैं देझते ही देखते नंगी हो गयी । मैं बुरी तरह कहानियों में खो गयी थी । मेरा हाथ कभी मेरी चूंची पर कभी मेरी चूत पर जाने लगा । कहानी बहुत ही गरम थी । "बेटी, तेरे ससुर का लण्ड" की थी कहानी और मैं पढ़ते पढ़ते बहुत गरम हो गयी।
अचानक मैं पीछे मुड़ी तो देखा की मेरा ससुर नंगे बदन एक तौलिया लपेटे खड़ा है। मेरे मुंह से निकला भोसड़ी के ससुर छिप छिप कर मेरी चूंची देख रहा है तू ? मेरी चूत देख रहा है तू मादर चोद ? मैं समझ गयी की उसकी नियत ख़राब हो गयी है। लेकिन इधर मेरी नियत उस पर ज्यादा ख़राब हो गयी। मैंने फ़ौरन उसकी तौलिया खींच ली और कहा भोसड़ी के अपनी नंगी बहू के आगे तौलिया पहन कर आता है ? नंगा नहीं आ सकता तू माँ का लौड़ा ? नंगी बहू के आगे नंगा होने में तेरी गांड फट रही है क्या ? जब मैं नंगी हूँ तो तू भी हो जा नंगा भोसड़ी के ससुर ? मैं उसका लण्ड पकड़ कर गालियां बकने लगी। वही गालियां जो कहानी में लिखी थी। लण्ड साला टन टना कर दूना हो गया। मैं समझ गयी की उसे भी मज़ा आ रहा है। वह बोला तू बुर चोदी फ़िरोज़ा बड़ी सेक्सी लग रही है मुझे ? ले पी ले मेरा लण्ड ? यह सुनकर मैं और गरमा गयी, लण्ड मुंह में ले लिया और चूसने लगी। उसके चूतड़ों पर हाथ फिराने लगी। मैं उसकी गांड सहलाने लगी और वह मेरी चूंची ?
मैंने अपने पर्श से एक इंची टेप निकाला और लौड़ा नापने लगी ? मैं अपने पर्श में एक इंची टेप लण्ड नापने के लिए, एक रेज़र झांटें बनाने के लिए, एक कैंची झांटें ट्रिम करने के लिए और एक पैकट कंडोम लण्ड पर चढाने के लिए हमेशा रखती हूँ। लण्ड नापते हुए मैं बोली हाय अल्ला, ये तो ९" से बड़ा है और मोटा बहन चोद ५ १/२ " से ज्यादा ? इसका सुपाड़ा ही ३ से ३ १/२" का है ? ये तो मेरे अब्बा के लण्ड से बड़ा है ? अब आएगा तेरे इस जबरजंग लण्ड से चुदवाने का मज़ा ? मेरी मस्त मस्त बातें सुनकर ससुर का लण्ड और टन्नाने लगा ? हिनहिनाने लगा साला भोसड़ी का लण्ड ? एकदम लाठी की तरह हो गया लण्ड ? लाठी के मुठ्ठ की तरह लण्ड का सुपाड़ा था उसका? एकदम सीधा सख्त और तोप की तरह लण्ड ? तोप के गोला की तरह लण्ड का सुपाड़ा ? मैं बड़ी देर तक लण्ड पकड़ कर चारों तरफ घुमा घुमा कर देखती रही। चिकना लण्ड और चिकने पेल्हड़ वाकई बड़े सेक्सी लग रहे थे। मैं लण्ड मुंह में भर कर चूसने लगी और जबान निकाल कर कुतिया की तरह चाटने लगी लण्ड ?
बस उस रात मैंने पहली बार अपने ससुर का लण्ड अपनी चूत में पेला और खूब भकाभक चुदवाया ? सवेरा होने तक मैं उससे तीन बार चुदवा लिया। मुझे अपने ससुर का लण्ड बेहद पसंद आया ?
एक दिन मैं और मेरी नन्द थी घर पर ? मैं शॉपिंग के लिए बाज़ार गयी थी जब वहां से वापस आयी तो घर में घुसते ही मुझे नन्द के कमरे से आवाज़ आती हुई सुनायी पड़ी। वह बोल रही थी
"हाय रब्बा इतना बड़ा लौड़ा तूने भोसड़ी के, अब तक कहाँ छुपा कर रखा था ? अपनी बहन की बुर में पेलने के लिए या फिर अपनी बेटी की चूत चोदने के लिए ? हाय अल्ला, देखो न साला कैसे मेरी गालियां सुन सुन अपनी मुंडी हिला रहा है तेरा लौड़ा ससुर जी ? इसकी तो आज मैं चोदूंगी माँ ? आज मैं इसे कच्चा चबा जाऊँगी समझा माँ का लौड़ा ससुर का बच्चा मादर चोद ? भून डालूंगी तेरा ये हक्कानी लण्ड अपनी चूत में घुसाकर"
मुझे समझने में देर नहीं लगी की मेरी नन्द अपने ससुर का लण्ड चूस रही है ? मैं सोंचने लगी की जब मैं अपने ससुर से चुदवाती हूँ तो मेरी नन्द भी अपने ससुर से चुदवाये तो इसमें हर्ज़ क्या है ? मैं सोंचने लगी की अगर मैं अपने ससुर का लण्ड इसकी बुर में पेलूँ और ये अपने ससुर का लण्ड मेरी बुर में पेले तो कितना अच्छा हो ? बस यही बात मेरे मन में आती रही ? मैं केवल पेटीकोट पहने हुए अपनी नंगी चूंचियां उछालती हुई दन्न से कमरे में घुस गयी। मैंने जो देखा उससे और हैरान हो गयी। नन्द की बुर में भी एक लण्ड घुसा था ? वह बुर चोदी दो दो लण्ड का मज़ा एक साथ ले रही थी। एक बुर में लण्ड और एक मुंह में लण्ड ? मैं जान गयी की मेरी नन्द मेरी ही तरह लण्ड की आदी हो गयी है। इसे भी लण्ड का पूरा चस्का लग गया है। यह भी मेरी तरह लण्ड के आगे किसी रिश्ते को नहीं मानती ? अपने अब्बा का भी लण्ड पी लेती होगी माँ की लौड़ी ? अपनी माँ का भोसड़ा भी चुदवाती होगी मेरी नन्द ? जैसे मैं अपनी माँ का भोसड़ा चुदवाती हूँ। अब मैं इससे खुल कर बात करूंगी।
मैं घुसते ही बोली :- दो दो लण्ड हो मेरी नन्द रानी ?
वह बोली :- हाय भाभी, अच्छा हुआ की तुम आ गयी। ले अब तू पकड़ मेरे ससुर का लण्ड पकड़ ? पकड़ कर ये बता की तुझे अपने ससुर का लण्ड ज्यादा पसंद है की मेरे ससुर का लण्ड ? मैंने हाथ बढ़ा कर लण्ड पकड़ तो लिया लेकिन एक सवाल कर बैठी ?
मैंने पूंछा :- हाय दईया, तू जानती है की मैं तेरे अब्बा का लण्ड पकड़ती हूँ। और क्या तू भी अपने अब्बा का लण्ड पकड़ती है ?
वह बोली :- अरे भाभी तू मेरे अब्बा है अपनी बुर ? मैं हूँ और मैं भी चुदवाती हूँ अपने अब्बा से ? इसमें हर्ज़ क्या है चोद ? आज मैं अपने ससुर से चुदवा रही हूँ और तू भी चुदवायेगी।
देखो भाभी, ये मेरे ससुर का लण्ड है पर लण्ड मेरा ससुर नहीं है ? मैं अपने ससुर की बहू हूँ पर मेरी चूत ससुर की बहू नहीं है ?
इसलिए ससुर से चुदाने में कोई हर्ज़ नहीं है। लण्ड सिर्फ लण्ड है और चूत सिर्फ चूत ? लण्ड चूत किसी और रिश्ते को नहीं मानते ?
अब जो भी लण्ड मेरे सामने आता है मैं उसे घुसेड़ लेती हूँ अपनी चूत में ?
मैं बोली :- हाय अल्ला, तू तो बिलकुल मेरी तरह ही है, नन्द रानी ? मैं भी किसी भी लण्ड से चुदवा लेती हूँ अपनी बुर । अपनी माँ के भोसड़ा चुदवा लेती हूँ मैं और अब अपनी सास का भोसड़ा भी चुदवाऊँगी। यार बड़ा मज़ा आ रहा है ज़िन्दगी में है बहन चोद ?
उस दिन मैंने नन्द के ससुर से खूब चुदवाया और मेरी नन्द ने अपने ससुर के दोस्त से चुदवाया ? दोनों आंमे सामने बड़ी देर तक लण्ड अदल बदल कर चुदवाती रही ?
अब मेरी हिम्मत बहुत बढ़ चुकी थी। एक तो अपने ससुर से चुदवाकर और दूसरे अपनी नन्द के ससुर से चुदवाकर।
इसी तरह एक दिन मैं दोपहर में घर आ गयी। गर्मी के दिन थे ? मैं अपने पूरे कपडे उतार कर एकदम नंगी अपने कमरे में बैठी थी। इतने में मेरी सास अंदर आ गयी।
- वह बोली :- हाय दईया तू किससे चुदवाकर आ रही है बुर चोदी मेरी बहू फ़िरोज़ा ?
- मैं बोली :- माँ चुदवाकर आ रही हूँ अपनी, मेरी भोसड़ी की सास आसमा ?
- क्यों क्या तुझे अपनी सास चुदवाने में शर्म आती है की तेरी गांड फटती है सास का भोसड़ा देख कर ?
- जब बड़े बड़े लण्ड देख कर मेरी गांड नहीं फटी तो तेरा भोसड़ा देख कर क्या फटेगी ?
- कितने बड़े बड़े लण्ड देखा है तूने बहन चोद ?
- अपने ससुर का लण्ड देखा, अपनी नन्द के ससुर का लण्ड देखा, उसके दोस्त का लण्ड देखा और आज रात को अपने नंदोई का लण्ड देखूँगी ?
- हाय दईया तू इन सबसे चुदवाती है भोसड़ी वाली ?
- हां बिलकुल चुदवाती हूँ। और आज रात को ही मैं अपने ससुर की बेटी चुदवाऊँगी सासू जी ?
- तो फिर अपनी नन्द की माँ भी चुदवा ले मेरी रानी फ़िरोज़ा बहू ? मेरी बड़ी तमन्ना है की मेरी बहू मेरी बुर चुदवाये और मैं उसकी बुर चुदवाऊँ ?
- हां सासू जी तुमने तो मेरे मुंह की बात छीन ली। आज मैं चोदूंगी तेरी बुर और तुम चोदना मेरी बुर ? ठीक है न ?
एक दिन मेरा ससुर बोला :- बहू, आज क्या तेरी माँ का भोसड़ा चुदेगा ?
मैंने कहा :- नहीं भोसड़ी के ससुर जी, आज चुदेगी तेरी बिटिया की बुर ?
बस वह मुस्कराता हुआ चला गया।
होने लगी बीवियों की अदल बदल कर चुदाई
एक दिन मेरा खालू मेरी ससुराल खाला के साथ आ गया। उधर से मेरा जेठ और मेरी जेठानी आ गये. हालांकि वे लोग अलग घर में रहते है लेकिन अक्सर आते रहते है। रात को जब मैं बिस्तर से उठी तो देखा की जेठानी के कमरे की लाईट जल रही है. मैं अंदर झाँकने लगी। मैंने देखा की मेरी खाला मेरे जेठ का लण्ड चाट रही है और मेरी जेठानी मेरे खालू का लण्ड चाट रही है। चार के चारों एकदम नंगे ? मैं उन्हें टक टकी लगा कर देखने लगी।
मेरी जेठानी बोली :- मुझे हस्बैंड्स के लण्ड अदल बदल कर चूसने में बड़ा मज़ा आता है।
खालू बोला :- मुझे बीवियों की अदला बदली करके चोदने में बड़ा मज़ा आता है। तब तक जाने कहाँ से मेरा नंदोई टपक पड़ा कमरे में ?
वह बोला :- बीवियों की अदला बदली करके मुझे भी चोदने में बड़ा मज़ा आता है लेकिन आज मेरी बीवी बुर चोदी है नहीं ? बस मैं वहीँ से बड़ी और से बोल पड़ी :- मैं हूँ तेरी बीवी भोसड़ी के नंदोई ? आज मुझे अपनी बीवी बनाकर तू कर ले बीवियों की अदला बदली और चोद ले मेरी खाल का भोसड़ा और चोद ले मेरी जेठानी की बुर ?
तब तक जेठानी बोली :- आ जा न मेरी देवरानी फ़िरोज़ा आज तू भी चुदवा ले मेरे मियां से ? चूस ले मेरे मियां का लण्ड और घुसेड़ ले अपने खालू का लण्ड अपनी चूत में ? मैं भी देखूं की तू कैसे पराये मर्दों से चुदवाती है भोसड़ी वाली फ़िरोज़ा ?
बस इधर मैं नंगी हुई और उधर मेरा नंदोई ? जेठानी तो खालू का लण्ड चूस ही रही थी। मैं जेठ का लण्ड चूसने लगी और खाला मेरे नंदोई का लण्ड ?
मैंने मस्ती से जेठ का लण्ड अपनी चूत में घुसा कर चुदवाने लगी। मेरे दाहिनी तरफ मेरी जेठानी खालू का लण्ड अपनी बुर में पेलवा लिया और झमाझम चुदवाने लगी। दूसरी तरफ मेरी खाल नंदोई का लण्ड अपने भोसड़ा में घुसेड़ा और भकाभक चुदवाने लगी। इस तरह हम तीनो गैर मर्दों से चुदवाने का मज़ा लेने लगी। फिर रात भर लण्ड अदल बदल कर चुदवाती रही।
तब मेरी जेठानी बोली :- फ़िरोज़ा, मैं तेरे अब्बा से चुदवाना चाहती हूँ। मैं अपने ससुर से भी चुदवाती हूँ जैसे तुम चुवाती हो।
तब तक नन्द बोली :- हाय भाभी मैं भी चुदवाऊँगी तेरे अब्बा से ? सुना है उसका लौड़ा बड़ा मस्त है।
मैं बोली :- ठीक है सारा मैं भी तेरे अब्बा से अपनी माँ का भोसड़ा चुदवाऊँगी। तब तक मेरी सास आ गयी। वह बोली सुनो मेरी बुर चोदियों मैं आने वाले इतवार को सभी को बुला रही हूँ। और फिर २/३ दिन लगातार होगी घनघोर चुदाई। सबकी बुर चोदी जाएगी सबकी माँ चोदी जाएगी और सबकी बेटियां भी चोदी जाएँगी ?
मैंने कहा हां मैं तो सबसे पहले अपने ससुर की बिटिया की बुर चुदवाऊँगी।
०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=० समाप्त
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