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बहनोई ने चोदा |
मैं फिर बोली वाओ, ये और बढ़ता ही चला जा रहा है साला ? अमन की बीवी ने ठीक ही कहा था की राका का लौड़ा मादर चोद खड़ा होने पर थोड़ा टेढ़ा हो जाता है और तब ज्यादा सुन्दर लगने लगता है। हाय रे कितना मस्त लौड़ा है तेरा मेरे बहनोई जी ? इसे इतने दिनों तक मुझसे क्यों छुपा कर रखा भोसड़ी वाले लण्ड को तूने ? इसे मुझे पकड़ाने में क्या तेरी गांड फट रही थी ? आज भी तू चला जाता अगर मैंने तुझे रोक न लिया होता ? अरे माँ का लौड़ा, क्या मैं तुझे अच्छी नहीं लगती ? क्या मेरी चूंचियां तुम्हे अच्छी नहीं लगती ? क्या मेरी गांड भी तुम्हे अपनी तरफ नहीं खींचती ? क्या तुम मुझे चोदने से कतराते हो ? क्या तेरे लण्ड में ताकत नहीं है ? क्या तेरा लण्ड जल्दी झड़ जाता है ? तू मर्द है बहन चोद की नामर्द ?
वह बोला :- नहीं भाभी ऐसी कोई बात नहीं है ? मैं तो तुम्हे बिलकुल नंगी देखना चाहता हूँ भाभी ? चोदना चाहता हूँ तुझे भाभी ? तुम इतनी खूबसूरत हो भाभी की मैं क्या कोई भी तुम्हे देख कर तुम्हे भूल नहीं सकता ? मैं तो तुम्हे बहुत पसंद करता हूँ।
मैंने कहा :- घंटा पसंद करते हो तुम मुझे ? आज तेरी शादी का एक साल हो गया है। एक साल लग गया तुझे अपना लण्ड मुझे पकड़ाने में ?
वह बोला :- मैं तो जाने कबसे तुम्हे लण्ड पकड़ाना चाहता था भाभी ? मैंने तो जाने कितनी बार तेरे नाम का मुठ्ठ मारा है भाभी ?
मैं बोली :- तो फिर मेरी बुर चोदने में तेरी माँ क्यों चुद रही है, भोसड़ी के ? अब ज़रा सोंच अगर तूने पहले पकड़ाया होता मुझे अपना लण्ड, तो अब तक जाने कितनी बार मैं तुमसे चुदवा चुकी होती ? खैर कोई बात नहीं मेरे राजा अब लाओ मैं पहले चाटती हूँ और चूसती हूँ तेरा लण्ड उसके बाद इसे अपनी चूत में घुसा कर मस्ती से चुदवाऊँगी ?
ऐसा कह कर मैं लण्ड चाटने लगी। उसके पेल्हड़ चाटने लगी और उसके सुपाड़े के चारों ओर जबान फिराने लगी। मैं मस्ती में सराबोर होती जा रही थी। मेरे बदन पर एक भी कपड़ा नहीं हा। मैं उसके आगे पूरी नंगी थी। वह मेरी चूंची दबाने लगा और मेरी बिना झांट की चिकनी चूत पर हाथ फेरने लगा मेरी गांड सहलाने लगा। मेरी मोटी मोटी जाँघों पर अपनी गदेली रगड़ने लगा ?
मेरा नाम अरुणा है मैं २८ साल की हूँ। राका मेरी छोटी बहन पलक का पति है। मैं सेक्स में बहुत तेज हूँ अपने मन की करती हूँ और किसी मादर चोद से नहीं डरती जबसे मेरी शादी हो गयी तबसे मैं और बेशरम ही गयी। मुझे लण्ड चाहिए तो चाहिए चाहे जो भी कीमत हो ? मैं हर कीमत चुकाने को तैयार हूँ पर लण्ड छोड़ने को नहीं ? आज मुझे राका पकड़ में आ गया। मैंने का मौक़ा देखा और लण्ड पकड़ लिया। लण्ड इत्तिफ़ाक़ से मुझे पसंद आ गया। अब आज से मैं इसे अपनी चूत का गुलाम बना लूंगी। इतना मज़ा दूँगी भोसड़ी वाले को की यह ज़िन्दगी भर मुझे भूल नहीं पायेगा माँ का लौड़ा ? मैं यही सोंच कर उसका लण्ड चूसे चली जा रही हूँ । वह सी सी करता रहा और मैं लण्ड चूसती जा रही हूँ।
जब मेरी चूत बहुत गरम हो गयी तो मैंने लण्ड उसके ऊपर खूब रगड़ा और कहा हां राजा अब पेलो अपना लण्ड और चोदो मेरी बुर ? वह भी मस्ती में आ गया और झमाझम अपनी गांड उठा उठा के चोदने लगा। मैंने अपनी गांड के नीचे एक तकिया लगा ली है जिससे मेरी चूत ऊपर उठ गयी । फिर मैंने अपनी दोनों टाँगे उसके कंधे पर रख दिया है और चुदवाने में जुट गयी। वह मेरी मस्त चूंचियां उछलती हुई देख देख कर चोदने का पूरा मज़ा ले रहा है। मैं बोलने लगी हाय राजा तेरा लौड़ा बड़ा मज़ा दे रहा है भोसड़ी का ?
हाय पूरा पेले के चोदो लण्ड, मुझे अपनी बीवी की तरह चोदो, ओ' माई गॉड कितना बढ़िया चोदते हो यार ? मुझे आजतक किसी ने भी इतना अच्छा नहीं चोदा, स्पीड बढ़ा दे बहन के लौड़ा थोड़ा ? मज़ा अ रहा है , मेरी तो जान ही निकले जा आरही है। उई माँ ये तो बड़ी दूर तक छोड़ रहा है मेरी बुर, मेरी चूत का बरता बना तरह है टेरा लण्ड ? ओये भोसड़ी वाले अब ज़रा पीछे से चोद कर दिखा। वह मुझे पीछे से चोदने लगा और मैं कुतिया की तरह चुदवाने लगी। मेरी मस्तानी चूंचियां नीचे हिल रही थी। मेरी मस्त गांड पर भी उसकी नज़र थी। वह बोला अरी अरुणा भाभी किसी दिन मैं तेरी गांड भी मारूंगा ? मैंने कहा अबे बहन के लौड़े जब तेरी इच्छा हो तब मार लेना मेरी गांड लेकिन अभी तो मेरी चूत अच्छी तरह चोद ? बिलकुल कुत्ते की तरह चोद मेरी बुर ?
"वैसे भी अब तू मेरा कुत्ता है मैं जब भी बुर का टुकड़ा तेरी तरह फेकूंगी तू मेरे पास दौड़ा चला आएगा"
मैं इसी तरह बक बक करती हुई चुदवाने का पूरा मज़ा लूटने लगी। और जवानी का पूरा फायदा उठाने लगी। फिर चढ़ गयी उसके लण्ड पे और कूद कूद कर भकाभक चुदवाने लगी। तब फिर वह बोला भाभी मैं खलास होने वाला हूँ। वैसे मैं भी निकलने वाली ही थी। लो मैं ढीली भी हो गयी। बस मैंने लण्ड मुठ्ठी में लिया और मारने लगी फ़टाफ़ट सड़का ? जैसे ही लण्ड ने पिचकारी मारना शुरू किया तो पूरा वीर्य मेरी चूंचियों पर ही उगल दिया फिर मैं उसे मुंह में घुसेड़ कर चाटने लगी ? मुझे झड़ता हुआ लण्ड चाटने में खूब मज़ा आता है।
राका मुझे चोद कर चला गया। मैं बाथ रूम गयी और खूब अच्छी तरह से नहा धोकर वापस आई उसके बाद खाना खाया और फिर थोड़ा आराम किया। इतने में किसी ने डोर बेल बजा दी। मैंने उठ कर दरवाजा खोला और बोली वाओ, सनी तुम बहुत दिनों के बाद आये हो यार अंदर आओ न ? मैंने उसे अंदर बैठाया और बातें करने लगी।
मैं बोली :- मेरी नन्द कैसी है (सनी मेरी नन्द सलोनी का हसबैंड है यानी मेरा नंदोई )
वह बोला :- वो तो बहुत अच्छी है ? मजे कर रही है तेरी नन्द, भाभी ?
मैंने कहा :- क्या मतलब ? कौन सा मज़ा कर रही है बुर चोदी ? क्या उसे अभी चोद कर आ रहे हो तुम ?
वह बोला :- अरे भाभी वो ससुरी मुझसे कम और दूसरों से ज्यादा चुदवाती है ?
मैंने कहा :- क्या कह रहे हो तुम सनी ? क्या तेरी बीवी दूसरों से चुदवाती है या फिर तुम अपनी बीवी दूसरों से चुदवाते हो ?
वह बोला :- नहीं भाभी उसकी लार तो पराये मर्दों के लण्ड देख कर टपकने लगती है ? मैंने जब देखा की वह गैर मर्दों से चुदवाये चली जा रही है तो फिर मैंने भी परायी बीवियां चोदना शुरू कर दिया भाभी। मैं तो अभी अपने दोस्त अनिल की बीवी चोद कर आ रहा हूँ।
मैंने कहा :- हाय दईया तुम तो बड़े चोदू हो ? तेरा लण्ड तो बड़ा हरामी हो चुका है माँ का लौड़ा ? लो पहले थोड़ा व्हिक्सी पी लो फिर ज़रा दिखाओ तो अपना लौड़ा मुझे ? मैं भी देखूं की कितना सयाना हो गया है तेरा लण्ड ?
बस हम दोनों बैठ कर दारू का मज़ा लेने लगे।
मैं तो पहले ही आपको बता चुकी हूँ की नौजवान लड़के मेरी कमजोरी है। मैं जब कभी किसी नौजवान लड़के से मिलती हूँ तो सबसे पहले उसके लण्ड के बारे में सोंचने लगती हूँ। मैं सोंचने लगी की सनी का लौड़ा कैसा होगा ? लंबा होगा की मोटा या फिर दोनों ? मैं जल्दी से जल्दी उसका लण्ड पकड़ कर देखना चाहती थी। मैं उसकी उत्तेजना बढ़ाने के लिए अपने कपडे खोलने लगी। मैंने अपनी साडी खोल दी और फिर आहिस्ते से अपना ब्लाउज़ उतार दिया। मेरी दोनों बड़ी बड़ी चूंचियां ब्रा से ही झाँकने लगी। सनी की नज़रें वही गड गयीं। मैंने कहा सनी सच बताओ तुम्हे चूत ज्यादा अच्छी लगती है की चूंची ? वह तपाक से बोला दोनों ? देखो भाभी चूंची देख देख कर चूत चोदने में बड़ा मज़ा आता है। चूंची जितनी मस्त होती है चोदने में उतना ज्यादा मज़ा आता है। मैं तो चूंची का दीवाना हूँ। पहले खूब मसल मसल कर चूंचियों का मज़ा लेता हूँ फिर चोदता हूँ ?
मैंने कहा तो तुझे किसी ने मना किया है भोसड़ी के ? ले चूस ले पहले मेरी चूंचियां फिर मसलना बाद में ? ऐसा कहते हुए मैंने ब्रा खोल कर नीचे फेंक दी। सनी की आँखें फटी जा रही थी मेरी बड़ी बड़ी सुडौल चूंचियां देख कर ? वह बोला भाभी इतनी अच्छी चूंचियां अब तक मैंने किसी और की नहीं देखीं ? वह उठा और मसलने लगा मेरी चूंची। मुझे मज़ा आने लगा। तब तक मैं उसकी कमीज और बनियाइन उतार चुकी थी। उसके चौड़ी चौड़ी छाती के बालों पर उंगलियां फिराने लगी।
फिर उसने मेरे पेटीकोट का नाड़ा खींच लिया और वह ज़मीं पर गिर पड़ा। मैं मादर चोद एकदम नंगी हो गयी और बड़ी बेशर्मी से उसके आगे खड़ी रही। उसका हाथ चूत पर गया और वह सहलाने लगा। वह बोला भाभी तेरी छोटी छोटी झांटों वाली बुर बड़ी मस्तानी लग रही है। वाओ, कितनी गरम है बुर चोदी तेरी बुर भाभी ? उसकी सेक्सी बातें सुनकर मेरी आग और भड़क गयी। मैंने फ़टाफ़ट उसकी पैंट खोली और उसका टन टनाता हुआ लौड़ा पकड़ लिया। लौड़ा हाथ में आते ही उछाल मारने लगा। मैं बोली बाप रे बाप इतना बड़ा लौड़ा है तेरा ? मैं तो समझती थी की कोई चूहा ऐसा होगा तेरा लण्ड पर ये तो बिलकुल अज़गर सांप की तरह है भोसड़ी वाला ? मज़ा आ गया तेरा लौड़ा देख कर सनी ? अब मेरी बुर चुदवाने की इच्छा दुगुनी हो गयी है।
मैं तो मजे से लौड़ा चाटने लगी और वह मेरी गांड और बुर सहलाने लगा। थोड़ी देर में मैं उसके ऊपर चढ़ बैठी और अपनी चूत उसके मुंह पे रख दी। मुझे लड़कों से चूत चटाने में बड़ा मज़ा आता है, सनी अब तक बहुत गरम हो गया और बोला लाओ भाभी मैं चोदूंगा तेरी चूत ऐसा कहा और गप्प से घुसा दिया लण्ड ? मैं तो इसी के इंतज़ार में ही थी, बस चुदवाने लगी अपनी बुर और लेने लगी जवानी का मज़ा। मुझे लगा की बहनोई और नंदोई का लौड़ा करीब करीब बराबर है मुझे दोनों से चुदवाने में मज़ा आया। हां नंदोई के लण्ड का स्वाद कुछ अलग ही लगा। अब ये दोनों भोसड़ी के जब भी आते है तो मेरी चूत चोद कर ही जाते है ? मैं भी दोनों से चुदा चुदा कर एन्जॉय करती हूँ ।
एक दिन मैं अचानक अपनी दोस्त फरीदा के घर चली गयी। मुझे देख कर वह बहुत खुश हुई। मुझे अंदर के कमरे में बैठाया और बातें करने लगी।
- मैंने पूंछा क्या कर रही हो यार ?
- वह मुस्कराकर बोली सच बताऊँ, माँ चुदा रही हूँ अपनी ?
- क्या कह रही तू भोसड़ी वाली मैं मजाक नहीं कर रही हूँ ?
- मैं भी मजाक नहीं कर रही हूँ यार मैं सच में अपनी माँ चुदा रही हूँ।
- मुझे तो यकीन नहीं होता यार ? अब और चूतिया न बनाओ मुझे ?
- तू नहीं मानती तो चल मैं तुझे दिखा देती हूँ।
- मैंने पूंछा यार ये तेरी माँ चोदने वाला कौन है ?
- ये मेरा ससुर है भोसड़ी का ? इसका जिस दिन मैंने पहली बार लौड़ा पकड़ा था उसी दिन इसके लण्ड की गुलाम हो गयी थी मैं ? इतना बढ़िया लण्ड मैंने ज़िन्दगी में कभी किसी का नहीं देखा तब मेरे मन में आया की मैं एक दिन इससे अपनी माँ का भोसड़ा चुदवाऊँगी ? आज वह अचानक आ गया तो मैंने कहा ससुर जी आज तुम चोदो मेरी माँ का भोसड़ा ? ऐसा कह कर मैंने अम्मी का हाथ उसके लण्ड पर रख दिया। बस काम शुरू हो गया ? जैसे मैंने ससुर का लण्ड अपनी माँ के भोसड़ा में पेला वैसे ही तुम आ गयी अरुणा ?
- वाओ, यार तेरी सच्ची कहानी में बड़ा दम है।
- मैं तो कहती हूँ की तू भी मेरे ससुर से चुदवा ले अरुणा मौका बड़ा बढ़िया है ? तू भी ले ले उसके लण्ड का मज़ा ?
- यार देखो वो अभी तेरी माँ चोदेगा उसके बाद थोड़ा आराम करेगा और तब एक घंटे के बाद उसका लौड़ा दुबारा खड़ा होगा ? मैं तब तक रुक नहीं सकती ?
- तो तू अभी मेरे जीजा से चुदवाकर जा ? वह आजकल आया हुआ है। हमारे घर का रिवाज़ है की हम अपने जवान मेहमान को खाली नहीं जाने देतीं ? अगर वह लड़का है तो किसी को चोद कर जायेगा और अगर वह लड़की है तो किसी से चुदवाकर जाएगी। मेरे जीजू का भी लण्ड कम नहीं है यार ? तुम्हे चुदाने में मज़ा आ जायेगा ?
फरीदा अपने सारे कपडे उतार कर वही मेरी बुर चुदवाती रही। बीच बीच में वह लण्ड मेरी चूत से निकाल कर चाटती रही ? मैं ज़िन्दगी में पहली बार किसी मुस्लिम लण्ड से चुदवा रही थी। मुझे उसका लौड़ा बहुत पसंद आया। उसका सुपाड़ा तो वाकई लाजबाब था। इतना साफ सुथरा, इतना गोल मटोल बिलकुल लाल टमाटर जैसा और इतना खूबसूरत सुपाड़ा मेरे दिल में समां गया।
जाते जाते मैंने कहा फरीदा किसी दिन मैं तेरे ससुर से चुदवाने जरूर आऊँगी।
०=०=०=०=०=०=०=०=००=०=०=०=०=० समाप्त
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