Wednesday, August 20, 2014

ससुर की झांटें बना रही हूँ माँ

ससुर की झांटें बना कर आई हूँ 
अम्मी ने हाँक लगाई अरी कहाँ मर गयी तू निदा बुर चोदी ? मैं इतनी देर से तुझे ढूंढ रही हूँ पता नहीं कहाँ कहाँ माँ चुदाती रहती है तू भोसड़ी वाली ? मैंने जबाब दिया अरी मैं यहाँ कमरे में अपने ससुर की झांटें बना रही हूँ, मेरी हरामजादी अम्मी ? अम्मी दौड़ी दौड़ी मेरे कमरे में आ गयी।  उसने देखा की मैं अपने ससुर का लण्ड पकड़ कर मस्ती से उसकी झांटें बना रह हूँ।  वह बोली अरी निदा तू माँ की लौड़ी यहाँ अपने ससुर की झांटें बना रही है वहां तेरी दीदी अपने जेठ की झांटें बना रही है।  मेरी झाटों की किसी को कोई परवाह ही नहीं है ?
मैं निदा की माँ हूँ  मैंने बात कह तो कह दी पर मेरी नज़र जब उसके ससुर के लण्ड पर पड़ी तो मेरी बुर में आग लग गयी बहन चोद ? टन टनाता हुआ मोटा मस्ताना लण्ड देख कर मेरी लार टपकने लगी।  मैं ललचा गयी।  मेरी चूत गीली हो गयी। मैंने निदा से कहा बेटी जा तू अपनी दीदी के जेठ की झांटें बनवा ले मैं तेरे ससुर जी झांटें बना देती हूँ। वह मेरे कहने से चली गयी और मैं उसका लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी। 
मैं मन में सोंच रही थी की हाय कितना प्यारा लौड़ा है इसका ? मुझे बहुत दिनों के बाद आज इतना बढ़िया लण्ड पकड़ने को मिला है. मेरी चूत बोली इसे मेरे अंदर घुसेड़ दो ? उधर मेरी गांड भी ससुरी बोलने लगी।  उसने कहा अरी भोसड़ी की आयसा पहले अपनी गांड मरा ले भोसड़ा तो चोदने वाले बहुत है।   मेरा मुंह कह रहा था की लण्ड मेरे अंदर से मत निकालो।  मुझे इसे अच्छी तरह से चूस लेने दो।  मैं बस लण्ड चूसने लगी और झांट बनाना भूल गयी।
एकाएक मेरी निगाह उसके पेल्हड़ पर पड़ी।  वहां भी झांटें थी।  तब मैंने सोंचा की पहले झांट बना लेती हूँ फिर लौड़ा चूसूंगी।  बस मैंने रेज़र उठाया और बिना साबुन पानी के छीलने लगी झांट ? पहले लण्ड की झााँटें साफ़ की और पेल्हड़ की झांटें हौले हौले बनाने लगी।  मैंने झांट का एक एक बाल  साफ़ कर दिया फिर उसे बाथ रूम लें गयी और खूब नहलाया।  लण्ड पर साबुन लागया और पेल्हड़ पर साबुन लगाया और खूब मस्ती से नहलाया। उसे भी मस्ती आ गयी उइतने में सने मभी मेरी चूंचियों पर साबुन लगाया मेरे चूतड़ों पर साबुन लगाया और मेरे भोसड़ा पर भी।  मुझे उसे नहलाने में मज़ा आ रहा था और उसे मुझे नहलाने में ? क्या मस्ती थी हम दोनों की।  बस मैंने वहीँ लौड़ा मुंह में घुसेड़ लिया और पीने लगी लण्ड ? मैं लण्ड पी ही रही थी की इतने में निदा बुर चोदी बाथ रूम में आ गयी। 
मुझे देखकर बोली वाओ, अम्मी तुम तो मेरे ससुर का लौड़ा पी रही हो ? मैं भी जोश में थी बोली हां पी तो रही हूँ माँ की लौड़ी।  अभी मैं इसे अपने भोसड़ा में पेलूँगी ? इससे अपना भोसड़ा चुदवाऊँगी।  तू अपनी दीदी के जेठ से चुदवा ले अपनी बुर बहन चोद ? वह बोली मैं तो अपनी बुर चुदवाकर आ रही हूँ अम्मी।  मैंने कहा तो तेरी दीदी क्या कर रही है, भोसड़ी वाली ? निदा बोली दीदी उसका लौड़ा दुबारा खड़ा कर रही है।  इस बार वो चुदवायेगी ? अब तू मेरे ससुर का लण्ड मुझे दे दे ? मैंने कहा मैं नहीं दूँगी अब यह लौड़ा तेरी माँ का भोसड़ा चोदेगा ? तू यही बैठ और चुदवा अपनी माँ का भोसड़ा ? निदा वही खड़ी खड़ी माँ चुदवाने लगी अपनी ?  उसने लण्ड जैसे ही मेरे भोसड़ा में पेला मुझे तो ज़न्नत का मज़ा मिलने लगा।  मैं बाथ रूम में ही भकाभक चुदवाने लगी।
तो देखा अपने दोस्तों, मेरी मस्तानी अम्मी को ? जितनी मस्त मेरी अम्मी है उतना ही मस्त उसका भोसड़ा भी है। मेरे ससुर का लौड़ा पसंद आ गया उसे अब उसका स्वाद अम्मी को लग गया है।  अब तो उसके लण्ड की खैर नहीं है।  अभी देखना दो दिन में कितनी बार चुदवाती है अम्मी अपना भोसड़ा ?  इतने में सोफिया आ गयी ।  वह बोली हाय आंटी सुना है तू अपने बेटी के ससुर से चुदवाती है।  अम्मी बोली हां चुदवाती हूँ तो तेरी गांड क्यों जल रही है ? वह बोली मेरी गांड नहीं जल रही है, आंटी ? गांड तो तेरी तेरी बहन की जल रही है ? वह मिली थी अभी मुझे बोली हाय सोफिया मेरी दीदी निदा के ससुर का लण्ड पीती है ।  उससे चुदवाती है।  लेकिन मुझे कभी नहीं पिलाया उसका लण्ड और न ही चुदवाया मेरी बुर ? एक दिन मैं भी अपनी बेटी के ससुर का लण्ड पिया  तो वह दौड़ी दौड़ी मेरे पास आयी और बोली हाय नाज़िया मैं भी पियूंगी तेरी बेटी के ससुर का लण्ड ?  तब मैंने लण्ड पिलाया ही नहीं बल्कि उसका भोसड़ा भी चुदवाया।  आज वो मुझे बुला सकती थी।  मेरी भी बुर चुदवा सकती थी लेकिन ससुरी बड़ी स्वार्थी निकली, भूल गयी मेरी बुर को ? खैर कोई बात नहीं आज तो मेरे बेटी का जेठ आ रहा है ? मैं पहले उसका लण्ड अपनी बेटी की बुर में पेलूँगी और फिर अपने भोसड़ा में ? मेरी बेटी मेरी चूत का ख़्याल रखती है और मैं उसकी चूत का ?  \
- मैंने उसके कान में कहा यार सोफिया तेरा मरद भी आया है न ?
- वह बोली हां आया तो है ?
- तो फिर आज उससे मेरी बुर चुदवा दे यार ? मैंने आजतक तेरे मरद का लौड़ा नहीं देखा ?
- ठीक है तो रात को छत से मेरे घर आ जाना ? मैं दरवाजा खुला रखूंगी।
- पर तू क्या बैठ कर मेरी बुर चुदवायेगी ?
- नहीं मैं अपने जीजू से चुदवाऊँगी वहीँ तेरे सामने ? बात हो गयी है।  आज रात को वो मुझे चोदेगा
- तो फिर तेरी माँ क्या करेगी ?
- अरे वो बुर चोदी मेरे ससुर से चुदवायेगी मेरा भी ससुर आया है ? उसका लौड़ा बड़ा मोटा है भोसड़ी का ? मैं तो खूब चुदवाती हूँ अपने ससुर से ?
- अच्छा अब रात में मिलूंगी मैं ?
रात को मैं सोफिया के घर पहुँच गयी। सोफिया ने अपनी मियां साजिद से मिलवाया।  वैसे मैं पहले भी मिल चुकी लेकिन आज मिलना बहुत ख़ास है। वह जानता है की आज वह मुझे चोदेगा और मैं जानती हूँ की मैं इससे चुदवाऊँगी। हम दोनों ने हाथ मिलाया और एक दूसरे को देख कर मुस्कराई ? उधर से सिफया का जीजू अनीस अहमद आ गया।  वह भी मुझे बड़ा पसंद आया। हम सबने पहले तो थोड़ी देर तक बातें की फिर निदा ने मेरा हाथ पकड़ अपने मियां के लण्ड पर रख दिया और बोली ले निदा पकड़ ले न मेरे मिया का लण्ड ?  मैंने भी लण्ड ऊपर से दबा दिया।  वह बोला हाय निदा खोल कर दबाओ न प्लीज ? ऐसा कहा और मेरी चूंची दबाने लगा।  मैं भी बोली हाय मेरे राजा खोल कर दबाओ न प्लीज ? फिर हम दोनों हंस पड़े ? हम दोनों एक दूसरे के कपडे उतारने लगे ? आखिर में मेरा पेटीकोट खुला तो चूत रानी उसकी आँखों के सामने आ गयी। 
                "उसका एक हाथ चूत पर चला गया दूसरा चूंची पर ? खुदा ने अगर तीसरा हाथ दिया होता तो वह गांड पर चला जाता"
तब तक उसका लौड़ा भी खुल कर मैदान में आ गया।  मैंने लण्ड पकड़ा और बोली हाय दईया कितना मस्त लौड़ा है तेरे मरद का सोफिया बिलकुल मेरे ससुर के लण्ड की तरह है बहन चोद ? ये तो आज मेरी चूत की गांड में दम कर देगा ? इतने में उसने अपने जीजू को भी नंगा कर दिया।  उसका लौड़ा भी टन्ना उठा।  मैं बोली वाओ, तेरे जीजू का लौड़ा भी बड़ा चोदू लगता है भोसड़ी वाला ? देखो कैसे घोड़े की तरह हिनहिनाने लगा है ? यार मुझे तो दोनों लण्ड बहुत अच्छे लग रहे है ? सोफिया बोली तू चिंता न कर बुर चोदी निदा ? पहले मेरे मरद से चुदवा ले।  दूसरी पारी माँ मैं जीजू का लण्ड तेरी बुर में घुसा दूँगी ? मैं जान गयी हूँ की तेरा दिल मेरे जीजू के लण्ड पर आ गया है और तू उससे भी चुदवाना चाहती है।
मैं उसके मियां का लण्ड मुंह में घुसा कर मजे से चूसने लगी। फिर अपनी चूत फैलाकर लण्ड घुसा लिया।  लण्ड साला चारों तरफ से चिपक कर घुस रहा था मुझे बड़ा मज़ा आने लगा।  बार लण्ड अंदर बाहर होता तो चुदाने में आनंद आने लगा।  मैं सोंचने लगी की हाय गैर मर्दों के लण्ड में कितना मज़ा है ? हर लण्ड मज़ा नया होता है ? ससुर का लण्ड घुसेड़ा टी मज़ा कुछ और था। साजिद का लण्ड कुछ अलग तरह का मज़ा ड्डे रहा है अभी अनीस का लण्ड कुछ और तरह का मज़ा देगा ? बीवियां शायद इसी लिए कई मर्दों से चुदवाती है। अब देखो न सोफिया बुर चोदी को कैसे अपनी गांड उठा उठा कर चुदवा रही है ऐसे अपने मियां से नहीं चुदवाती भोसड़ी वाली ? मैं भी गचर गचर चुदवाने में जुटी थी। सोफिया का मरद मुझे चोद कर चल गया ?
चुदवाने के बाद मैं सोफिया की अम्मी के कमरे में गयी।   मैं बाहर से ही देखने लगी।  मैंने देखा की वह तो सोफिया के ससुर से अपना भोसड़ा दनादन्न चुदवाये चली जा रही है। मैं लौट कर आई और सोफिया को बताया तो वह बोली अरी निदा मेरी माँ बहुत बड़ी चुदक्कड़ औरत है यार ? अब देखो यही लौड़ा मुझे कल चोद रहा था और आज वो मेरी माँ चोद रहा है।  मैंने कहा तो फिर कल वो तेरी दोस्त निदा की बुर चोदेगा उसके बाद निदा की माँ चोदेगा ? हम दोनों मस्ती से हंसने लगी। 
दूसरी पारी में मैंने उसके जीजू का लण्ड पकड़ा और सोफिया लण्ड के पेल्हड़ सहलाने लगी।  इतने में एक लड़का कमरे में घुस आया। 
उसे देख कर सोफिया बोली  :- हाय कासिम तू सही वख्त पर आ गया।  चल खोल अपने कपडे और दिखा मुझे अपना लण्ड ? उस दिन मैं ठीक से तेरा लण्ड देख भी नहीं पायी थी। आजा मादर चोद बहन का लौड़ा साले आज तो चोद ले मेरी चूत ?
उसका लौड़ा जैसे ही सोफिया की आँखों के सामने आया तो वह लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी।  लण्ड बहन चोद खड़ा हो गया। वह बोली हाय निदा देख ये भी लौड़ा मस्त है यार ? इससे भी चुदवाने में मज़ा आएगा ? सोफिया पीने लगी लण्ड ?  मैं उसके सामने उसके जीजू का लण्ड पीने लगी ? वह बोली यार निदा आज मुझे तेरे साथ चुदवाने में बड़ा अच्छा लग रहा है।  वैसे मैं अम्मी के साथ भी चुदवाती हूँ, अपनी खाला के साथ चुदवाती हूँ, अपनी दीदी के साथ चुदवाती हूँ, अपनी सास के साथ चुदवाती हूँ और अपनी जेठानी देवरानी के साथ तो अक्सर चुदवाती हूँ पर तेरे साथ चुदवाने का मज़ा कुछ और ही है ? हम दोनों भकाभक चुदाने बिज़ी हो गयीं ?  मेरी चूत उसके जीजू का लौड़ा चोद रहा था और उसकी चूत कासिम का लौड़ा चोद रहा था।  मेरी नज़र कासिम के लण्ड पर टिकी थी।  मैं उसके भी लण्ड माँ मज़ा लेना चाहती थी।  तब तक सोफिया खुद बोल पड़ी अबे भोसड़ी के कासिम अब तू अपना लण्ड निदा की बुर में घुसा दे ? उसकी बुर चोद ले भोसड़ी के बड़ा मज़ा आएगा।  मैं अपनी जीजू का लौड़ा अपनी गांड में घुसाती हूँ।  सोफिया मस्ती से गांड मरवाने लगी अपनी ? मैंने इसी तरह रात भर सोफिया के घर अपनी बुर चुदवाई और गांड भी मरवाई।
मैं दूसरे दिन अपनी माँ के साथ बैठी बातें कर रही थी।  मेरा ससुर बाहर गया था। अब्बा भी घर पर नहीं था। मुझे अचानक अपनी दोस्त सायरा का ख्याल आ गाय। मैंने फ़ौरन उसको फोन लगा दिया।
  • मैं बोली हाय सायरा क्या कर रही हो ? 
  • वह बोली यार अभी तो मैं अपने ससुर की झांटें बना रही हूँ। 
  • झांटें बना रही हो ? तो फिर उसका लण्ड भी चूसती होगी ?
  • हां चूसती हूँ यार ? अब इतना बढियां लण्ड कौन भोसड़ी वाली नहीं चूसेगी ? मैं तो उससे चुदवाती भी हूँ ?
  • और  किस किसकी झांटें बनाती है तू मादर चोद ?
  • कभी जेठ की झांटें बनाती हूँ कभी देवर की झांटें,  कभी नंदोई की झांटे और कभी अपने मियां के दोस्तों की झांटें ?
  • तो इसका मतलब तू इन सबसे चुदवाती भी है भोसड़ी वाली ?
  • हां बिलकुल चुदवाती हूँ ? झांटें बनाने की कीमत तो लूंगी ही न ? और फिर एक बात सुन बुर चोदी निदा ये बुर ससुरी है किस काम के लिए ? इसमें लण्ड नहीं पेलूँगी तो क्या इस बुर का आचार डालूंगी।  चुदाने के अलावा और किस काम की है ये बुर चोदी,  बुर ?
उसकी आत सुन कर मुझे हंसी आ गयी। 

०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=० समाप्त      
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