Thursday, February 13, 2014

"लण्ड" पिया करो बेटी ?

देखो बेटी, यहाँ जितने लोग बैठे है ये सब तेरी होने वाली ससुराल के है। इन सबके लण्ड पियो बेटी ? ये है तेरा होने वाला देवर, ये है तेरा होने वाला जेठ, ये
है तेरा होने वाला नंदोई, और ये है तेरा होने वाला खालू ससुर ? इन चारों को खुश कर दे बेटी। ये सब साले आपस में एक दूसरे की बीवियां चोदते है और ये देखना चाहते है की क्या हमारी होने वाली भाभी या बहू भी उसी तरह सबसे चुदवाया करेगी ? अब तू यह साबित कर दे की तुझे किसी के लण्ड से कोई परहेज नहीं है। तू बड़ी बिंदास है लण्ड पीने में और किसी से भी चुदवाने में ? तुझे न तो कोई शर्म है और न ही किसी भोसड़ी वाले का डर ?
एक बात की गाँठ बाँध ले बेटी की जो जितने ज्यादा लण्ड पीती है उसको ज़िन्दगी में उतने ही ज्यादा लण्ड मिलते है और जवानी में सबसे ज्यादा प्रिय सिर्फ लण्ड ही होता है। जाने कितनी लड़कियां ऐसी है दुनिया में जो केवल एक लण्ड के लिए ज़िन्दगी भर तरसती रहती है। यहाँ देखो कितने लोग अपना लण्ड तुझे पकड़ाने के लिए बैठे है।  फिर अम्मी ने धीरे से मेरे कान में कहा देखो सना इनमे से आधे तो साले हिलाते ही झड़ जायेंगे ? बस प्यार से एक बार अपने सारे कपडे उतार कर मस्त गालियां देते हुए हिलाना शुरू कर दे लण्ड फिर तो देखना पके आम की तरह सब के सब झड़ने लगेंगें मादर चोद ?
अम्मी की बात सुन कर मेरे अंदर जोश आ गया और मैं सबसे पहले अपने देवर की तरफ बढ़ी तो वह बहन चोद खड़ा हो गया और मुझे अपनी ओर खींच लिया।  मैं भी उससे लिपट गयी।  मैं उसके कान में बोली भोसड़ी के पहले मेरे कपडे उतार कर मुझे नंगी कर और फिर पकड़ा दे मुझे अपना खड़ा लण्ड ? बहन का लौड़ा जल्दी कर नहीं तो मैं ज़िन्दगी भर मारूंगी तेरी गांड ? वह फ़टाफ़ट मेरे कपडे खोलने लगा।  पहले उसने मेरा दुपट्टा छीना फिर मुझे अपनी ओर घसीट कर मेरा कुर्ता उतारने लगा, फिर समीज खोलने लगा।  समीज खुलने के बाद मेरी एक छोटी सी ब्रा था।  उसके अंदर से मेरी दो बड़ी बड़ी चूंचियां झाँक रही थी। मेरे देवर को जोश आया और उसने ब्रा हुक खोल दिया तब मेरी चूंचियां नंगी नंगी उसके सामने उछाल पड़ी।  बाकी बैठे हुए सारे मरद अपना अपना लण्ड सहलाने लगे। उसके बाद उसने मेरे पेटीकोट का नाडा खोल डाला।  नाडा खुलते ही पेटीकोट धड़ाम से नीचे गिर पड़ा और मैं मादर चोद सबके सामने हो गयी पूरी नंगी। यहाँ तो मैंने कुछ ना नुकुर किया वरना मैं तो मर्दों के आगे नंगी रहना ही पसंद करती हूँ।  न मैं कपडे पहनती हूँ और न किसी मरद को पकडे पहनने देती हूँ।  मैं थोड़ा नाटक कर रही हूँ यहाँ ?
मैं जब नंगी हुई तो देवर के कपडे खोलने लगी।  कमीज बनियाइन पैजामा सब एक ही झटके में खोल डाला मैंने। जब उसकी नेकर घुटनो के बल बैठ कर खोली तो लौड़ा फंफनाकर खड़ा हो गया। मैंने लौड़ा मुठ्ठी में लिया तो वह और कड़ा हो गया।  २/३ बार लण्ड चूमा और बोली इस भोसड़ी वाले का लौड़ा तो बड़ा मस्त है अम्मी ? देखो न सुपाड़ा तो कितना सेक्सी लग रहा है, अम्मी मैंने तो इसे कच्चा खा जाऊंगी। मेरी बातें सुनकर सबके लण्ड सनसना उठे। इतने में मैंने जेठ की तरफ एक हाथ बढ़ाया।  मैंने कहा अम्मी मेरे जेठ का लौड़ा पकड़ा दो मुझे ? इस बहन चोद को नंगा कर दो न माँ ? अम्मी उठी और जेठ के कपडे खोल कर उसका लण्ड मेरे दूसरे हाथ में पकड़ा दिया। मैं घूम कर उसे चाटने लगी।  दो दो लण्ड एक साथ चाटने और चूसने का मज़ा लेने लगी मैं।  फिर पूरा पूरा लण्ड मुंह में भर कर पीने लगी लण्ड ? कभी देवर का लण्ड कभी जेठ का लण्ड ? बार बार दोनों लण्ड मुंह में घुसा कर पीती रही ? मेरा होने वाला नंदोई और खालू ससुर मुझे आँखे फाड़ फाड़ कर देखने लगे। मैं देवर का लौड़ा मुंह में ही चारों तरफ से चाट रही थी।  उसका सुपाड़े के चरों तरफ जबान घुमा रही थी। लण्ड लार नकाल रहा था।  लार मेरी भी निकल रही थी।  लौड़ा एकदम गीला हो गया था। इतने में वह बोला हाय भाभी मैं खलास होने वाला हूँ।  मुंह से निकालो लण्ड भाभी ? मैंने लण्ड भरे हुए मुंह से बोली हूँ।  वह साला तुरंत झड़ गया।  उसका सारा वीर्य मेरे मुंह में मेरे होठों पर और मेरी चूंचियों पर गिरने लगा। लौड़ा साल बड़ा कड़क हो गया।  मैंने उसे मुंह से निकाला तो लाल लाल टमाटर जैसा निकला।  फिर ठण्डा होने लगा लण्ड । तब तक अम्मी ने तौलिये से मेरा बदन पोंछा .
मेरे दूसरे हाथ में था जेठ का लण्ड ? मैं पूरी तरफ उस पर जुट गयी।  वह भी बहन चोद देवर के लण्ड की ही तरह मोटा और सालिड था। मैंने बाहर से जबान निकाल कर सुपाड़ा चारों तरफ से चाटने लगी।  लण्ड घुमा घुमा कर चाटने लगी।  दूसरे हाथ से पेल्हड़ थाम लिया और बीच बीच में पेल्हड़ भी चाटने लगी।  मेरी अम्मी मुझे लण्ड चाटते कर बड़ी खुश हो रही थी।  इतने में खालू ससुर मस्ती में आ गया वह अम्मी से बोला हाय भाभी  अगर तुम भी अपना भोसड़ा दिखा दो तो मज़ा आ जाये ? अपनी चूंची दिखा दो माहौल बढ़िया हो जाये भाभी।  अम्मी बोली अबे भोसड़ी के तेरी लार क्या मेरे भोसड़ा पे गिरेगी ? लेकिन ठीक है मैं दिखा देती हूँ तुम्हे ? लेकिन तुम्हे मेरा भोसड़ा चाटना पड़ेगा ? वह बोला हां चाट लूँगा भाभी तेरा भोसड़ा ? अम्मी ने धीरे धीरे करके कपडे उतारे और उसके सामने एकदम नंगी खड़ी हो गयी।  अम्मी की मस्त बड़ी बड़ी चूंचियां देख कर उसका लौड़ा साला आफत करने लगा। उसने अम्मी के भोसड़ा पर हाथ लगाया और अपने मुंह से चूंची चाटने लगा।  फिर झुक कर भोसड़ा भी चाटना शुरू किया।  तब तक इधर जेठ का लौड़ा भी उगलने लगा वीर्य। मेरे मुंह में भर गया गाढ़ा गाढ़ा वीर्य और फिर टपकने लगा मुंह से चूंची पर।
मैं बाथ रूम गयी और लौट कर जब आयी तो मैं नंदोई के सामने खड़ी हो गयी। तब तक खालू बोला भाभी अब जल्दी से पकड़ लो मेरा लौड़ा ? अम्मी बोली नहीं आज मैं नहीं पकडूँगी तेरा लण्ड ? आज तो मेरी बेटी ही पकड़ेगी तेरा लौड़ा ?  मुझे लण्ड पकड़ाने और मेरा भोसड़ा चोदने किसी और दिन आना ? फिर अम्मी ने उसे नंगा कर दिया।  उधर मैंने नंदोई को नंगा कर दिया।  दोनों लण्ड मेरी आँखों के सामने टन टनाने लगे। मैं मस्ती से झूम उठी। मैं दोनों लण्ड बारी बारी से चाटने लगी। मेरी चूत में तो आग लगी थी लेकिन मैंने उसे काबू में कर रखा था। दोनों लण्ड मुझे पसंद आ गये ? मैं मन ही मन बड़ी खुश हो रही थी कि शादी के बाद भी मुझे लौड़ों की कमी नहीं महसूस होगी। २/३ लण्ड तो रोज़ ही मिल जायेंगे चुदाने को ?
इतने में खालू बोला:-  मैं तेरी चूत में घुसेड़ दूं लौड़ा, सना ? तेरी बुर चोद लूं सना ?
मैंने कहा :- नहीं ससुर जी आज नहीं ? मेरी बुर में पहला लण्ड मेरे शौहर का ही घुसेगा ? मैं सबसे पहले अपने मियां से ही चुदवाऊँगी ?
यह सुन कर वे सब लोग बड़े खुश हुए। 
मैंने कहा :- मैं तुम सबका लौड़ा चाटूँगी और चूसूंगी ? मुठ्ठ मारूंगी और पियूंगी तुम लोगों के लण्ड पर अपनी बुर में नहीं पेलूँगी।  मेरी चूत मेरे शौहर की धरोहर है। 
          मेरी चूत में या तो मेरे मियां का लण्ड घुसेगा या फिर उसका लण्ड जिसकी इज़ाज़त मेरा मियाँ देगा ?
                             मेरा मियां जिसका लण्ड चाहे उसका लण्ड मेरी चूत में पेल सकता है  
इतने में इधर नंदोई का लण्ड भल भला कर मेरे मुंह में गिरा दिया अपना सारा मक्खन  ? अब बचा खालू का लौड़ा ? मैं उसे पूरे जोश से और पूरे मन से खचाखच मारने लगी मुठ्ठ। लौड़ा साला चमकने लगा । उसका चमकता हुआ सुपाड़ा बड़ा सेक्सी लगने लगा। अम्मी मेरा हौसला बढ़ाने लगी। मुझे इन चारों में बहन चोद इसी का लण्ड मोटा लगा।  मैं बोली साले खालू के लौड़े तेरी माँ की चूत साले जल्दी से निकल नहीं तो मैं चोदूँगी तेरी माँ का भोसड़ा।  गांडू साला क्या कर है अंदर ? तेरी बहन की बुर, देखती हूँ तेरी गांड में कितना दम है ?  मैंने गाली बकते हुए स्पीड तेज कर दी।  मेरी गालियां सुन कर लौड़ा और सख्त हो गया, खालू को मज़ा आने लगा और इतने में अचानक एक पिचकारी मेरे मुंह में गिरी। उगलने लगा उसका लौड़ा वीर्य और मुझे जीत का अनुभव होने लगा। सबने बजाई खूब तालियां और मैं उस झड़ते हुए लण्ड को बड़ी देर तक चाटती रही। मैं बाथ रूम चली गयी नहाने धोने के लिए  .
शादी हो जाने के बाद जब सुहागरात का मौका आया तो मेरी नन्द मेरे पास आयी और बोली जानती हो भाभी हमारे यहाँ सुहागरात दो दिन मनाई जाती है। एक छोटी सुहागरात जिसमे रात में दूल्हा अपनी दुल्हन एक बंद कमरे में चोदता है और दूसरी बड़ी सुहागरात जिसमे  न दूल्हा अपनी दुल्हन चोदता है और न ही दुल्हन अपने दूल्हे से चुदवाती है ? यहाँ सब शादी शुदा लोग एक साथ एक ही बड़े हाल में एक दूसरे के सामने खुल्लम खुल्ला एक दूसरे की बीवियां चोदते है। बीवियां भी भोसड़ी वाली खूब पराये मर्दों से खुल्लम खुल्ला दनादन चुदवाती है।  इस दिन अपनी बीवी चोदना मना है और अपने मियां का लण्ड पकड़ना मना है और उससे चुदवाना मना है। कोई भी ऐसा लौड़ा नही होगा जो दुल्हन की बुर में न घुसे ? यानि सारे मर्द चोदेंगे तुझे भाभी उस दिन और कोई ऐसा लौड़ा नहीं होगा जो दुल्हन अपनी बुर में न घुसाये ? यानि सबके लण्ड घुसाना और सबसे चुदवाना जरुरी होता है मेरी बुर चोदी भाभी उस दिन ? मेरे मन तो लड्डू फूटने लगे।  तब तक मेरी सास आ गयी वह बोली इसमें एक और बात है मेरी बहू रानी। इस दिन न तेरे अम्मी अब्बा साथ रहेंगे और न तेरे मियां के अम्मी अब्बा ? ये दोनों कपल एक अलग कमरे में होंगे। वहाँ दूल्हे का अब्बा दुल्हन की माँ चोदेगा और दुल्हन का अब्बा दूल्हे की माँ चोदेगा ?  मेरे माईके में भी सुहागरात खुल कर मनाई जाती है लेकिन यहाँ तो कुछ ज्यादा ही खुल्लम खुल्ला होता है।  मुझे तो मज़ा आएगा और मैं इसका पूरा फायदा उठाऊंगी।  ये सब मैं सोंचने लगी।
छोटी सुहागरात में मेरे कमरे में मेरा शौहर आया और मेरे घूंघट उठा कर धीरे धीरे मेरे सारे कपडे उतार दिया।  मैं नंगी नंगी उसकी बाहो में समा गयी।  वह मेरी चूंची चूसने लगा और मेरी चूत सहलाने लगा । तब तक मेरे हाथ ने उसका लौड़ा पकड़ लिया। पकड़ते ही मेरे मन ने कहा वाओ लौड़ा तो मेरे मन का है।  मोटा है और लंबा भी।  सुपाड़ा भी बड़ा है जिससे चुदवाने में मज़ा आएगा। मैंने जम कर बड़ी बेशर्मी से खूब चुदाया।  रात में तीन बार चुदाया ? सवेरे वह अपने आप बोला देखो सना मेरी जान तुम यहाँ सबसे चुदवाया करो।  किसी को मना नहीं करना जो भी अपना लौड़ा तेरी बुर में पेलना चाहे तो पेलवा लेना।  अभी मेरे कई दोस्त तुम्हे चोदने आयेंगे क्योंकि मैं उनकी बीवियां चोदता हूँ। चुदाई का खूब मज़ा लो।  सबके लण्ड का मज़ा लो।  कल बड़ी सुहागरात है कल सबके लण्ड अपनी बुर में घुसा घुसा कर खूब चुदाना ? सब मादर चोदों को गाली देना।  सबके सामने बड़ी बेशर्मी और बड़ी बेबाकी से गाड़ गांड उठा उठा कर खूब चुदाना ? मैं सबके मुंह से तेरी चुदाई की तारीफ सुनना चाहता हूँ। जब सब लोग बोलेंगे की सना बहुत बढ़िया चुदवाती है तो मुझे बड़ा फक्र होगा तुम्हारे पर।  और सुनो कल नहीं मैं किसी और दिन तुम्हारी माँ भी चोदूँगा ?  मैंने कहा अरे मेरी अम्मी तो तुमसे चुदाने के लिए बड़ी बेताब है।  अगर तुम मेरे सामने मेरी माँ चोदोगे तो मुझे बहुत अच्छा लगेगा। 
दूसरे दिन मेरी नन्द आयी मेरे पास और बोली भाभी देखो आज तो सभी साले अपना अपना लौड़ा खड़ा करके तेरी बुर चोदने आयेंगे।  पर आओ पहले देखो क्या हो रहा है हाल में ? मैंने देखा की मेरी देवरानी जेठ से चुदा रही है।  जेठानी देवर से चुदवा रही है। खालू  बुआ की बुर चोद रहा है। फूफा साला पड़ोसन का भोसड़ा चोद रहा है। मामू जान मेरी छोटी बहन की बुर में लण्ड पेले हुए है।  मेरा बहनोई मेरी मामी का भोसड़ा चोदने में लगा है।  मेरी बड़ी ननद मेरे चाचू से चुदवा रही है। चची जान मेरे जीजा का लौड़ा पी रही है।  खालू ससुर अपने दोस्त की  बीवी चोद रहा है और उसका मियां पड़ोसन की बिटिया की बुर चोद रहा है।  मैंने अपनी नन्द से कहा यार इतने सारे लण्ड आज मेरी बुर में कैसे घुसेंगे ? और अगर घुसेंगे तो मेरी बुर का क्या हाल होगा ? वह बोली नहीं भाभी यह सुहागरात २/३ दिन तक चलेगी।  जब तक सारे मर्द तेरी बुर चोद नहीं लेते तब तक यह सुहागरात ख़तम नहीं होगी ? अच्छा सबसे पहले तुम मेरे मियां से चुदाओ भाभी ? मैं इसका लण्ड तेरी बुर में पेलती हूँ।  मेरी नन्द ने लौड़ा मेरी चूत में ठोंक दिया और बैठ कर मजे से चुदवाने लगी मेरी चूत ? इसी तरह एक एक करके सब लोग आते रहे और मेरी बुर चोदते रहे ? मेरी नन्द भी मेरे सामने चुदवाती रही अपनी बुर ? ०

=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=  समाप्त                       
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