
शादी से सिर्फ दो साल पहले मैंने सेक्स के बारे में सब कुछ जान लिया था . लण्ड पकड़ना, लण्ड चाटना, लण्ड चूसना, लण्ड पीना और लण्ड पेलना सब कुछ जान गयी थी मैं . हुआ यह की एक दिन मैंने अपनी खाला को चुदवाते हुए रंगें हाथों पकड़ लिया था . वह मुझसे सिर्फ चार साल ही बड़ी है . जब मैंने उसे पकड़ा तो मैंने कहा खाला आज ही मुझे इसी लण्ड से लण्ड पकड़ने से लेकर चुदाने तक सब सिखाओ ? और अगर तुमने ऐसा नहीं किया तो मैं तेरा भंडा फोड़ कर दूँगी . माँ चोद दूँगी मैं तेरी ? बस खाला थोडा सहम गयीं . मैंने कहा नहीं खाला मैं तेरी इज़ज़त में दाग नहीं लगने दूँगी . पर मैं आज सब कुछ सीख कर ही जाऊंगी . रात भर यहीं रहूंगी तेरे पास तेरे कमरे में ?
खाला बोली अगर तुझे सीखना ही है तो आधे घंटे रुक जाओ . तब तक मैं एक लण्ड का और इंतज़ाम कर लूं . मैं तुम्हे पहले बताऊंगी और फिर कर के दिखाऊंगी . मैं जैसे जैसे करती जाँऊ, वैसे वैसे तुम भी करती जाना ? जो क्रियाएँ मैं बताऊंगी उसे तुमसे करवाऊंगी तभी तू अच्छी तरह सीख पायेगी मेरी बुर चोदी नाज़ ? अगर तूने ठीक से मन लगा कर नहीं सीखा तो आज मैं चोदूँगी तेरी माँ ? मैं हंसने लगी .
खाला ने फोन पर किसी से बात की और थोड़ी देर में दरवाजे की घंटी बज उठी . खाला खुद उठ कर दरवाजा खोलने गयीं . फिर उसके साथ आता हुआ मैंने एक जवान लड़का देखा . लड़का बड़ा स्मार्ट और तगड़ा तंदुरुस्त था . मुझे एक ही झलक में पसंद आ गया . खाला ने धीरे से उसे नंगा किया और मुझे उसका लौड़ा पकड़ा दिया . खुद उस आदमी का लौड़ा पकड़ लिया जिससे वह चुदवा रही थी . खाला ने मुझे वाकई अच्छी तरह सब कुछ कर के और मुझसे करवा के सिखा दिया . मैंने एक ही रात में लण्ड पकड़ने से लेकर चुदवाने तक सीख लिया .
बाद में खाला ने कहा नाज़ दो बातें ज़िन्दगी भर के लिए याद कर लो :-
पहली बात - सेक्स एक ऐसा खेल है जिसमे सभी खिलाडी जीतते है हारता कोई नहीं .
दूसरा बात - इस खेल को जितना खेला जाता है उतना ही ज्यादा आनंद आता जाता है .
इसलिए इस खेल की खूब प्रैक्टिस करो . मेरे साथ प्रैक्टिस करो या फिर किसी के भी साथ, लेकिन कर जवानी का असली मज़ा सिर्फ सेक्स में है कहीं और नहीं ?
मेरे कॉलेज में एक नाज़नीन मेम थी . मैं उनकी बड़ी चहेती स्टूडेंट थी . उसने मुझे गाली देते हुए खूब सुना है . मेरी गालियां बहुत एन्जॉय करती है मेम ? वह मुझे अपने घर बुलाने लगी . धीरे धीरे मैं उसके नजदीक आ गयी . उनसे हंसी मजाक करने लगी . फिर अचानक वह मुझसे गाली दे दे कर बात करने लगी . मुझे मज़ा आने लगा . एक दिन उसने मेरे सामने ही अपने सारे कपडे उतार दिया . फिर मुझे भी नंगी करके देखा उसने ?
- बातों बातों में एक दिन वह बोली:- नाज़ सच सच बताओ आजतक तुमने कितने लण्ड पकड़ें है ?
- मैंने कहा मेम याद नहीं है लेकिन हां ४/५ लण्ड तो पकड़ ही चुकी हूँ .
- उनमे से कितने लण्ड तुमने चोदा है ?
- मेम चोदा तो कोई भी लण्ड नहीं ? पर क्या लण्ड भी चोदा जाता है ?
- अरी पगली असली मज़ा तो लण्ड चोदने में है ?
- पर मुझे तो मालूम नहीं की लण्ड कैसा चोदा जाता है ? मैं तो अभी तक यही समझती रही की बुर चोदी जाती है लण्ड नहीं ?
- अच्छा कल इतवार है तुम मेरे घर दिन में ११ बजे आना ? मैं तुम्हे लण्ड चोदना सिखाऊंगी .
मेरी शादी हुई . मैं दुल्हन बन कर ससुराल आ गयी . दूसरे दिन सुहागरात का दिन आया .
"मैं आपको बता दूं की यहाँ सुहागरात का एक अनोखा रिवाज़ है . सुहागरात का सारा इंतज़ाम नन्द करती है . पहली चुदाई शौहर करता है . यानी दुल्हन की चूत का उद्घाटन शौहर ही करता है . उसके बाद दुल्हन उससे चुदवाती है जिसे उसे चोदने के लिए उसकी नन्द कमरे में भेजती है ."
मेरी नन्द सारा खान है . उसकी उम्र मुझसे २ साल ज्यादा है . उसकी शादी हो चुकी है . बड़ी शोख और चंचल क़िस्म की है मेरी ननद . बड़ी हंसमुख और बहुत गहरी मजाक करने वाली है मेरी ननद ? सुहागरात को मैं दुल्हन बन कर कमरे में अपने शौहर के इंतज़ार में बैठी थी . मैं खुदा से यही दुआ कर रही थी की लौड़ा मेरे मन का हो ? लम्बा चौड़ा हो ? मोटा हो और मस्त चोदने वाला हो ? मेरा एक एक पल बड़ी मुश्किल से कट रहा था . मैं उसका लण्ड देखने के लिए बेताब हो रही थी .
अचानक दरवाजा खुला और वह आ गया . मेरे दिल की धड़कने बढ़ने लगी . हालाँकि लण्ड मेरे लिए कोई नयी चीज नहीं थी पर हां हनीफ का लण्ड तो मेरे लिए नया ही था . मैं लण्ड के दीदार के लिए तड़प उठी . हनीफ ने मेरा घूंघट उठाया . वैसे वह मुझे पहले देख चुका था लेकिन दुल्हन के रूप में आज देख रहा था . उसने माथा चूमा होंठ चूमे, गाल चूमा और गले से लगा लिया . बोला जाने मन बड़ी खूबसूरत तो तुम ? मैंने कहा ज़नाब आप भी बहुत हैंडसम है स्मार्ट है . हम दोनों एक दूसरे से लिपट गये . फिर उसने धीरे धीरे मेरे कपडे उतारने शुरू किया . मेरा दुपट्टा मेरा ब्लाउज़, मेरी ब्रा . हाय अल्ला, मेरे मुंह से निकला अब क्या एक ही बार में मुझे पूरी नंगी कर दोगे ? मुझे भी तो मौका दो न प्लीज ? मैंने उसकी कमीज़ खोल दी . बनियाइन उतार दी उसकी नंगी छाती देख कर तसल्ली हुई . वह मेरी चूंची सहलाने लगा . मैं उसकी छाती के बाल सहलाने लगी . अचानक उसने मेरे पेटीकोट के अंदर हाथ घुसेड़ दिया . मेरी छोटी छोटी झांटों पर ऊँगलियाँ फिराने लगी . वह बोला हाय क्या मखमली झांटें है तेरी नाज़ ? मैं थोडा शर्मा गयी .
तब तक मैंने उसके पैजामे का नाडा खींच लिया . नीचे उसके नेकर निकल आयी . उसके उभार से मैं लण्ड के साईज़ का अंदाज़ा लगाने लगी . तब एकदम से उसने मेरा पेटीकोट खोल दिया और मेरी नंगी चूत उसकी आँखों के सामने नाचने लगी . उसने चूत पर हाथ फेरा और बोला वाह खुदा ने कितनी प्यारी चूत बनाई है तेरी ? वह झुका और मेरी चूत चूम लिया . मैं भी जोश में आ गयी . मैंने उसकी नेकर नीचे घसीट दी . उसे नंगा कर दिया . उसका लौड़े पर मेरी नज़र पड़ी . हाथ में आ गया लौड़ा और मैं हिलाने लगी .
उधर उसका लौड़ा बढ़ता गया और इधर मेरी मुस्कान बढती गयी . लौड़ा ८" से आगे जाकर रुका ? मोटा इतना की मेरी एक मुठ्ठी में नहीं आया बहन चोद ?
मैंने खुदा को शुक्रिया बोला ? मैं सोंचने लगी की अब तो मेरा आगे भी कई नये नये लण्ड पकड़ने का रास्ता खुल गया है . इसका लौड़ा इतना बढ़िया है की इससे लोगों की बीवियां चुदवाने के लिए तैयार हो जाएँगी ? और तब मुझे उनके मर्दों से चुदाने का मौका अपने आप मिल जायेगा . मेरी चूत यही सब सोंच कर बड़ी गरम हो गयी . चूंचियां फड़क उठी और गांड कसमसाने लगी . मैंने लण्ड का सुपाड़ा मुँह में घुसा लिया और चूसने लगी . मेरा मियां मेरी चूत चाटने लगा . मैं बिलकुल मस्त हो गयी थी . मेरी आग और तेज होती जा रही थी . तब मैं कहा हाय दईया जल्दी पेलो न लण्ड मेरी चूत में . अब एर न करो मेरा राजा ? मेरी चूत भठ्ठी हो गयी है . उसने जैसे ही लौड़ा पेला, मेरी चूत ने उसका स्वागत किया और गमागम चुदवाने लगी . आज मुझे चुदाने का एक अनोखा मज़ा रहा है . आज एक दुल्हन अपने दूल्हे से चुदवा रही है .
मेरा मियां जब मुझे चोद कर चला गया तब मैं बाथ रूम जाकर तैयार होकर फिर आ गयी . इतने में एक लड़का एकदम नंगा नंगा मेरे बगल में आ गया . मैं मुड़ी और बोली वाओ, नकी मेरे नंदोई राजा, अब तुम चोदोगे भोसड़ी के मुझे ? मैंने जब उसका लौड़ा देखा तो अंदर ही अंदर खुश भी हुई. लौड़ा मस्त था . मेरे हाथ ने अपने आप लौड़ा पकड़ लिया . मैंने अपनी जबान निकाली और लण्ड चाटने लगी . इतने में मुझे लगा की मेरे कंधे पर किसी ने कुछ रख दिया . मैंने मुड़ कर देखा तो पाया की वह एक और लण्ड था . मैंने उसका चेहरा देखा . मैं बोली अरे हबीब तुम ? तुम मुझे चोदने आये हो ? तुम्हे मेरी नन्द ने भेजा है ? तू क्या अपनी बीवी किसी और से चुदवा रहा है ? हबीब मेरे मियां का दोस्त है . यह बात जरुर है की मैं मन ही मन उससे चुदवाना चाहती थी पर कभी चुदाया नहीं . आज पहली बार उसका लौड़ा देख रही हूँ . मैं मस्ती से दोनों लण्ड बारी बारी से चूसने लगी . फिर मैंने नकी को नीचे लिटा दिया और चढ़ गयी उसके खड़े लण्ड पे . लण्ड बहन चोद घुस बुर में ? मैं ऊपर से ही चोदने लगी उसका लण्ड ? हबीब का लण्ड मुझे बड़ा टेस्टी लग रहा था . मैंने मन में कहा वाह कितनी मस्त है मेरी सुहागरात ? एक लण्ड के साथ दो लण्ड और मिल गये . मैं लण्ड चोदे चली जा रही थी . इस समय मुझे जिस तरह नाज़नीन मेम ने लौड़ा चोदना सिखाया था मैं अपने नंदोई का लौड़ा वैसे ही चोद रही थी . और वह बहन चोद चुद रहा है . उसे ऐसा मज़ा कभी नहीं आया होगा पहले ?
इतने में मैंने देखा कि कमरे में मेरा जीजू आ गया . मेरा असद जीजू . मैं बोली अरे तुम क्या मेरी नन्द की बुर चोद कर आये हो मादर चोद ? तुमने मेरी बुर चोदने के लिए मेरी नन्द से सिफारिस की है इसलिए तू मुझे चोदने आया है . ठीक है पहले अपना लौड़ा खोल कर दिखा मुझे ? उसने फ़ौरन अपने कपडे उतार दिया . उसका लौड़ा बेटी चोद पहले से ही खड़ा था . मैंने उसे पकड़ा और हिला हिला कर मज़ा लेने लगी . अब मैं तीनो लण्ड चोदने के मूड में आ गयी . अचानक नकी बोला भाभी मैं खलास होने वाला हूँ . मैंने कहा अरे वाह ? तेरा लौड़ा पिघलने वाला है ? मैंने उसे नीचे से निकाला और उसकी जगह हबीब को लिटा दिया . मैं असद का लण्ड चाटने लगी . और नकी का मुठ्ठ मार कर उसका रस निचोड़ लिया . वह बाहर चल गया . अब मैं जीजू का लण्ड चूसते हुए हबीब का लण्ड चोदने लगी .
हबीब बोला :- भाभी आपने इस तरह चुदवाना से सीखा ? ऐसे तो मेरी भी नहीं चुदवाती ?
मैं बोली :- तुझे क्या मालूम भोसड़ी के की आजकल लड़कियां लौड़ा चोदने लगी है .
असद बोला :- हां यार हबीब भाभी सही कह रही है . अभी मैं कल अपने दोस्त की बीवी चोद रहा था वही भी इसी तरह चुदवा रही थी . शायद इन लोगों ने चुदाने का तरीका बदल दिया है ?
मैं बोली :- अरे मादर चोदों भोसड़ी वालों, मैं चुदवा नहीं रही हूँ . मैं तो तुम्हे चोद रही हूँ . तेरा लण्ड चोद रही हूँ . अभी तो मैं अपनी गांड से चोदूँगी तेरा लण्ड ? अपनी चूंची से चोदूँगी तेरा लण्ड ? फिर मैंने वाकई असद को दिवार के सहारे खड़ा कर दया और मैंने अपनी गांड उसकी तरफ कर दी . आगे मैंने एक स्टूल रख लिया . मैं स्टूल पकड़ कर अपनी गांड आगे पीछे करने लगी . मैं गांड से ही लण्ड चोदने लगी . थोड़ी देर में मैंने हबीब का लण्ड अपनी चूंची के बीएच में घुसा लिया और उसे चोदने लगी . इन दोनों बहन चोदों को इतना मज़ा आया कि इनके लण्ड उगलने लगे वीर्य ? एक साला मेरी चूंची में ही झाड़ गया और दूसरा मेरे चूतड़ों पर . मैं भी तब तक खलास हो चुकी थी . वे दोनों बाहर चले गये .
बाहर मेरी ननद ने हबीब से पूंछा :- भाई जान तुम लोग ठीक से चोद कर आ रहे हो मेरी भाभी को ?
हबीब बोला :- हम लोग चोद कर नहीं चुदा का आ रहे है . भाभी ने हम सब को चोदा ?
ननद ने टाइम देखा . रात के ३ बजे थे . उसने सोंचा की अब किसको भेजूं ? अभी तो पूरी रात पड़ी है . तब तक नन्द मेरे कमरे में आ गयी ? मैंने कहा :- हां ननद रानी अब किस मादर चोद का लौड़ा भेज रही हो ?
वह बोली :- अरे भाभी आप तो चुदा नहीं रही है बल्कि सबको चोद रही है ?
मैंने बोली :- हां मेरी ननद रानी आजकल दुल्हन चुदवाती नहीं है बल्कि चोदती है . गांड मरवाती नहीं है बल्कि मारती है ?
तब तक ननद ने अपने ससुर को आते हुए देखा . ननद ने उससे कहा अरे अब्बा ससुर इधर आओ न ?
ननद बोली :- अब्बू ससुर आज तुम भी दुल्हन चोद लो न ? तुमने बहन चोद अपनी बहू यानी मुझे खूब चोदा है . आज तुम बहू की भाभी चोद कर देखो ? तेरे इस हरामी भोसड़ी वाले लण्ड को खूब मज़ा आयेगा ? अरे हां मैं एक बात तो बताना ही भूल गयी . ये दुल्हन ऐसी है जो मर्द चोदती है . मर्द का लौड़ा चोदती है . इसलिए तुम भी अपना लौड़ा चुदवा लो ?
फिर ननद मुझसे बोली :- भाभी इसका लण्ड साला ९" का हो जाता है . मोटा भी मजे का है ? ज़रा संभाल के चोदना इसका लण्ड ?
मैंने हाथ बढाकर उसका लण्ड पकड़ लिया और उसे घसीटती हुई अपने बेड पर ले गयी .
मैंने कहा :- मेरी ननद रानी तुम यही बैठो ? मैं तेरे सामने ही तेरे ससुर का लण्ड चोदूँगी ? आज मैं इसकी गांड भी मारूंगी ? यह भी याद करेगा की कभी किसी जबरदस्त दुल्हन से पाला पड़ा था ? =
०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=० समाप्त
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