कहानी : उफ़ मामी ये क्या किया - 1
यह बात कोई 6 महीने पहले की है लेकिन है बिलकुल सच्ची !
मैं किसी काम से मामा के यहाँ गया जो कि शहर में रहते हैं। जब मैंने घर पहुंचकर घण्टी बजाई तो दरवाजा मेरी मामी ने खोला।
और गजब……… मैंने देखा तो फिर देखता ही रह गया। मेरी मामी इतनी खूबसूरत थीं कि उनको देखते ही मेरा मुँह खुला का खुला ही रह गया, चौंका तब जब कि मामी ने पूछा कि कहाँ खो गये?
मेरे मुँह से आह की आवाज निकल गई। मैंने कहा- आप में ही खो गया हूँ ! आप सुन्दर ही इतनी हैं कि होश ही न रहा !
यह सुनकर मामी शरमा गईं और कहा- उंह ! चलो अंदर !
मैं अंदर आ गया तो मामी से पूछा- मामा कहाँ हैं ?
तो मामी ने बताया- वे काम से शहर से बाहर गये हुए हैं, शाम तक आ जायेंगे।
उस समय दस बज़े थे। तब मामी बोली- तुम बैठो, मैं चाय लेकर आती हूँ।
मैं वहाँ पर बैठ गया और मामी चाय लेने चली गईं। मैं मामी के बारे में सोच रहा था। उनकी उम्र 20 साल की थी और फिगर 34-26-34. वोह गॉड. अब मैं सोचने लगा कि कैसे मामी की चुदाई की जाये। लेकिन मुझे कुछ ज्यादा मेहनत नहीं करनी पडी मामी ने खुद ही शुरूआत कर दी। थोड़ी देर बाद मामी चाय लेकर आ गई। चाय पीते हुए मैं मामी को बड़े ध्यान से देख रहा था, खास तौर से उनकी चूचियों को जो कि उस समय टॉप में से छलक कर बाहर आने को हो रही थीं और जींस की पैंट में कसे हुए चूतड़ ! वाह वाह क्या गजब के थे ! पतली कमर लोच खाती हुई ! मस्त मस्त ! सब कुछ मस्त ही तो था।
यह सब देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया था। मामी यह जानकर भी अंजान बनकर बैठी हुई थीं कि मैं उनको देख रहा हूँ और मुस्कुरा भी रही थीं।
अचानक मामी ने मुझसे पूछा- क्या देख रहे हो?
और मैं हड़बड़ा गया। इसी हड़बड़ाहट में मेरी थोड़ी सी चाय मेरे लंड के पास जांघों पर गिर गई। चाय गर्म थी इसलिए मैं जोर से चीख पड़ा। मेरी चीख सुनकर मामी खड़ी हो गईं और मेरी तरफ लपकी। इसी हड़बड़ाहट में वे चाय को मेज पर रखना भूल गईं और उनकी चाय जो कि आधी से भी कम बची हुई थी उनकी भी बुर के पास जांघों पर गिर गई। मैंने फौरन ही चाय मेज पर रखी और मामी की तरफ़ लपक कर उनकी जींस पर से चाय झाड़ने लगा। चाय झाड़ते हुए कई बार मेरा हाथ उनकी बुर पर भी लगा।
यह बात कोई 6 महीने पहले की है लेकिन है बिलकुल सच्ची !
मैं किसी काम से मामा के यहाँ गया जो कि शहर में रहते हैं। जब मैंने घर पहुंचकर घण्टी बजाई तो दरवाजा मेरी मामी ने खोला।
और गजब……… मैंने देखा तो फिर देखता ही रह गया। मेरी मामी इतनी खूबसूरत थीं कि उनको देखते ही मेरा मुँह खुला का खुला ही रह गया, चौंका तब जब कि मामी ने पूछा कि कहाँ खो गये?
मेरे मुँह से आह की आवाज निकल गई। मैंने कहा- आप में ही खो गया हूँ ! आप सुन्दर ही इतनी हैं कि होश ही न रहा !
यह सुनकर मामी शरमा गईं और कहा- उंह ! चलो अंदर !
मैं अंदर आ गया तो मामी से पूछा- मामा कहाँ हैं ?
तो मामी ने बताया- वे काम से शहर से बाहर गये हुए हैं, शाम तक आ जायेंगे।
उस समय दस बज़े थे। तब मामी बोली- तुम बैठो, मैं चाय लेकर आती हूँ।
मैं वहाँ पर बैठ गया और मामी चाय लेने चली गईं। मैं मामी के बारे में सोच रहा था। उनकी उम्र 20 साल की थी और फिगर 34-26-34. वोह गॉड. अब मैं सोचने लगा कि कैसे मामी की चुदाई की जाये। लेकिन मुझे कुछ ज्यादा मेहनत नहीं करनी पडी मामी ने खुद ही शुरूआत कर दी। थोड़ी देर बाद मामी चाय लेकर आ गई। चाय पीते हुए मैं मामी को बड़े ध्यान से देख रहा था, खास तौर से उनकी चूचियों को जो कि उस समय टॉप में से छलक कर बाहर आने को हो रही थीं और जींस की पैंट में कसे हुए चूतड़ ! वाह वाह क्या गजब के थे ! पतली कमर लोच खाती हुई ! मस्त मस्त ! सब कुछ मस्त ही तो था।
यह सब देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया था। मामी यह जानकर भी अंजान बनकर बैठी हुई थीं कि मैं उनको देख रहा हूँ और मुस्कुरा भी रही थीं।
अचानक मामी ने मुझसे पूछा- क्या देख रहे हो?
और मैं हड़बड़ा गया। इसी हड़बड़ाहट में मेरी थोड़ी सी चाय मेरे लंड के पास जांघों पर गिर गई। चाय गर्म थी इसलिए मैं जोर से चीख पड़ा। मेरी चीख सुनकर मामी खड़ी हो गईं और मेरी तरफ लपकी। इसी हड़बड़ाहट में वे चाय को मेज पर रखना भूल गईं और उनकी चाय जो कि आधी से भी कम बची हुई थी उनकी भी बुर के पास जांघों पर गिर गई। मैंने फौरन ही चाय मेज पर रखी और मामी की तरफ़ लपक कर उनकी जींस पर से चाय झाड़ने लगा। चाय झाड़ते हुए कई बार मेरा हाथ उनकी बुर पर भी लगा।
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