Sunday, May 10, 2015

दक्षिणा में नादान लड़कियों का कौमार्य

Nabalig Ladkiyon ka Kaumary Dakshina me

थाने, महाराष्ट्र की पुलिस ने एक तांन्त्रिक को गिरफ़्तार किया है, जो परिवार की दिक्कतें दूर करने के बदले परिवार की अपरिपक्व बालाओं का कुंवारापन दक्षिणा के रूप में मांगा करता था।
आरोप है कि तान्त्रिक अब तक 22 कन्याओं का शील भंग कर चुका है। पुलिस ने बताया कि आरोपी विजय थांबे बीमा एजेंट है और स्वयं को तान्त्रिक बताता है। पुलिस ने उसके घर में छापा मारा और 15 वर्ष की एक बालिका को मुक्त कराया।
आरोपी ने बालिका को बन्धक बना कर रखा हुआ था।
तान्त्रिक पैसे दे कर अपना प्रचार करवाता था
आरोपी तान्त्रिक अपनी एक साथी (दलाल) संग आसपास के क्षेत्र में इन्श्योरेन्स करने लोगों के घर जाया करता था। इसी बीच परिवार की दिक्कतें दूर करने के लिए पूजा-पाठ आदि बताया करता था।
दोनों की निगाह क्षेत्र के ऐसे घरों पर रहती थी जिनके माली हालात किसी नुकसान से खराब हो गए हों।

आरोपी उनके यहाँ पूजा करवा कर दक्षिणा में परिवार की बालिका का कौमार्य मांगता था।
आरोपी तान्त्रिक अपनी साथि औरत को संदेश्वाहक के तौर पर इस्तेमाल करता था जो उसके लिए काम करती थी।
तान्त्रिक ने क्षेत्र के कुछ परिवारों को पैसे देकर अपना अनुयायी बना लिया था, जो विजय के तन्त्र-मन्त्र से परेशानियाँ दूर होने का प्रचार-प्रसार करते थे।
पुलिस ने उसी के भक्त को बनाया मुख़बिर

थाने अपराध शाखा की चाइल्ड प्रोटेक्शन यूनिट को 3 महीने पहले तान्त्रिक विजय के बारे में सूचना मिली थी। इस पर दो बार पुलिस दल ने छापा मारा, लेकिन वह पुलिस की पकड़ में नहीं आ सका।
फिर पुलिस ने उसके एक भक्त व्यवसायी को अपना मुख़बिर बनाया और तान्त्रिक को 15 वर्ष की एक बालिका संग दुष्कर्म करते रंगे हाथों गिरफ्तार किया।

थाने अपराध शाखा पुलिस ने जानकी हिन्डाले नाम की एक औरत को हिरासत में लिया है जो तान्त्रिक के लिए शिकार खोजा करती थी। इन दोनों पर चाइल्ड प्रोटेक्शन एक्ट, अंधविश्वास फैलाने और बलात्कार की धारायें लगाई गई हैं।
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