मेरे दिल की दहलीज़ पर कभी तुम आती तो समझ जाते
कि तन्हाई की अज़ीयत से मुझे मौत क्यूँ आसान लगी..
***
जिस्म में दर्द का बहाना सा बना कर..
हम टूट कर रोते हैं तेरी याद में अक्सर..
***
चाँद की चाँदनी में एक पालकी बनाई है
यह पालकी हमने बड़े प्यार से सजाई है
दुआ है ए हवा तुझसे.. ज़रा धीरे चलना,
मेरे यार को बड़ी प्यारी नींद आई है…
कि तन्हाई की अज़ीयत से मुझे मौत क्यूँ आसान लगी..
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जिस्म में दर्द का बहाना सा बना कर..
हम टूट कर रोते हैं तेरी याद में अक्सर..
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चाँद की चाँदनी में एक पालकी बनाई है
यह पालकी हमने बड़े प्यार से सजाई है
दुआ है ए हवा तुझसे.. ज़रा धीरे चलना,
मेरे यार को बड़ी प्यारी नींद आई है…
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