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यही लण्ड चोदूंगी मैं |
मैं यह सब बातें अपनी कविता आंटी से व्हिक्सी पीते पीते कर रही थी। मुझे दारू पीना बहुत पसंद है लेकिन लिमिट में ही। मेरी आंटी इसमें मेरा साथ देती हैं। उस दिन हम दोनों बड़ी मस्ती के मूड में थीं।
मेरी कविता आंटी बहुत अच्छी हैं। मैं जितना उससे प्यार करती हूँ उतनी ही उसकी इज़्ज़त भी करती हूँ। हालांकि वह मुझसे १५ साल बड़ी हैं लेकिन मुझे अपनी सहेली की तरह ही मानती हैं और मुझसे उसी तरह पेश आतीं हैं। हम दोनों एक दूसरे से बिलकुल सहेलियों की तरह सम्बन्ध बना कर रखतीं हैं . हमारी दोस्ती बड़ी पक्की और नजबूत है। हम आपस में हर तरह की बातें करती हैं। गन्दी से गन्दी बातें, भद्दी से भद्दी बातें, अश्लील बातें, सेक्स की बातें, लण्ड बुर चूत गांड चोदा चोदी की बातें खुल कर करतीं हैं। एक दूसरे को गाली भी खूब देतीं हैं। गाली गलौज से हम एक दूसरे से काफी नजदीक आ जातीं हैं।
उस दिन मैं जब उससे मिली तो बहुत हॉट थी । मेरे मन में सेक्स के अलावा कुछ भी नहीं था। मेरे मन में चोदा चोदी,लण्ड, बुर, चूत की बातें ही घूम रहीं थी। उसी जोश में मैं कह बैठी - आंटी, मैं तेरे मियां का लण्ड चोदूंगी। आंटी भी बहुत जोश में थी। वह भी तुरंत बोली - तू अगर मेरे मियां का लण्ड चोदेगी तो मैं तेरे मियां का लण्ड चोदूंगी। मैं बहुत खुश हो गयी क्योंकि आंटी ने मेरे मन की बात कह दी। मैं मन ही मन सोचने लगी की जब मैं आंटी के आगे अंकल से चुदवाऊँगी और मेरा मियां मेरे आगे आंटी की बुर चोदेगा तो कितना मज़ा आएगा ?
अब वह दिन दूर नहीं जब मैं अंकल का लण्ड अपनी चूत में पेलूँगी और आंटी मेरे मियां का लण्ड अपनी चूत में पेलेंगीं।
कविता आंटी के हसबैंड करन अंकल को मैं अच्छी तरह जानती हूँ । वह एक लम्बे चौड़े स्मार्ट और हैंडसम आदमी है। मैंने एक बार उसका नंगा बदन देखा था। उसकी चौड़ी छाती और बलिष्ठ भुजाएं देख कर मैं उसे मन ही मन अपना दिल दे बैठी और सोंचने लगी की इसका लण्ड भी गोरा चिट्टा, लंबा चौड़ा और इसकी भुजाओं की तरह बलिष्ठ होगा ? एक बार भी अगर मुझे लण्ड पकड़ने का मौक़ा मिल जाए तो मज़ा आ जाये ? मैं उसी दिन से अंकल का लण्ड चूसने के लिए तरस रही हूँ। अंकल की उम्र लगभग ४२ साल की है और आंटी की ४० साल ?
आंटी बोली रीना कल मेरा हसबैंड आ जायेगा मैं उसे तैयार कर लूंगी फिर तुम मेरे सामने ही चोदना उसका लण्ड ? तब तक तुम भी अपने हसबैंड से बात कर लो। मैंने कहा अरे आंटी मेरे हसबैंड का लण्ड तो तेरे नाम से ही खड़ा हो जाता है फिर भी मैं बात कर लूंगी। मेरी शादी के अभी दो साल ही हुए हैं । मैं २५ साल की हूँ और वह २७ साल का ? उसका लण्ड कड़क है आंटी और मेरी चूत टाईट है। मज़ा आ जाएगा। दूसरे दिन आंटी ने मुझे सवेरे सवेरे ही फोन किया और बोली हाय रीना मुबारक हो तुम्हे मेरा हसबैंड तैयार हो गया है। तुम बताओ तुमने अपने हबी से बात की ? मैंने अरे आंटी, अंकल मेरा हबी तो तेरे नाम पर ही उछल पड़ा. उधर अंकल भी मान गये है तो फिर क्या कहना ? अब देर किस बात की आंटी ? जानती हो मेरे हबी ने क्या कहा ? उसन कहा आंटी भले ही ४२ साल की हों पर मेरे लिए वह अभी २२ साल की हैं। मुझे वह बहुत सेक्सी लगतीं हैं।
आंटी बहुत खुश हो गयी और बोली रीना तो फिर आज शाम की ७ बजे आ जाना। शाम को मैं अपने हसबैंड रोहित के साथ आंटी के घर पहुँच गयी। रोहित जींस और शर्ट मे था और मैं भी ? मैंने न ब्रा पहनी और न पैंटी। जींस के नीचे सीधे बुर और टॉप के नीचे सीधे चूंची ? मेरी चूंचियां भी बड़ी बड़ी और सेक्सी हैं। मुझे देख कर अंकल के चेहरे पर चमक आ गयी और रोहित से मिलकर आंटी की मुस्कराहट फूट पड़ी। आंटी ने फ़ौरन ड्रिंक्स शुरू कर दी और हम चारों मस्ती से पीने लगे शराब।
कविता आंटी - हा अब बोलो रीना तुम क्या कह रहीं थीं उस दिन की मैं तेरे मियां का ,,,,, चोदूंगी ?
मैं - अरे आंटी, जब आपने इतना बताया है तो पूरी बात दो न ?
आंटी - नहीं वह बात तेरे मुंह से ही अच्छी लगेगी। बताओ न तुम्हे शर्माने की कोई जरुरत नहीं है। शरमाओगी तो मज़ा कैसे पाओगी ?
मैंने - मैंने कहा था की मैं तेरे मियां का 'लण्ड' चोदूंगी ?
मेरे मुंह से 'लण्ड' सुनकर करन अंकल की आँखें चमकने लगीं और वह बड़ी जोर से हंस पड़ा ?
मैं फिर बोली हाय आंटी अब तुम बताओ की मेरे बाद तुमने क्या कहा था ? वह बोली हां मैंने कहा था की "रीना, अगर तुम मेरे मियां का लण्ड चोदोगी तो मैं भी तेरे मियां का लण्ड चोदूंगी" इसी बात पर हम सब खिलखिला कर हंस पड़े।
मैंने हाथ इधर उधर करके अपने टॉप की दो बटन खोल दी और तो मेरी चूंचियां बाहर झाँकने लगीं। अंकल की निगाह वहीँ टिक गयी। आंटी ने तो ब्लाउज़ पहना ही नहीं था। सिर्फ एक बहुत छोटी सी ब्रा पहन रखी थी और उसके ऊपर साड़ी। साड़ी का पल्लू बार बार गिरा कर आंटी मेरे हसबैंड को अपनी चूंचियां दिखा रही थीं।
मेरा हसबैंड चूंचियों का बड़ा शौक़ीन है। वह बुर चोदे चाहे न चोदे लेकिन चूंचियां जरूर चोदता है
मुझे नशा होने लगा था और मैं अंकल की तरफ सिमटती जा रही थी। तब तक अंकल ने अपना हाथ मेरी चूंचियों पर रख ही दिया और मैं उसकी जांघें सहलाने लगी। अंकल ने मेरी चुम्मी ली। मेरे होंठ चूमे और बोले वाओ, रीना तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो ? उसने मुझे चिपका लिया । मेरी चूंचियां उसकी छाती से चिपक गयीं और मैं मस्त होने लगी। मेरा हाथ अपने आप अंकल का लौड़ा ढूंढने लगा। उधर आंटी तो अपनी चूंचियां खोल कर खड़ी हो गयीं और अपनी बाहें मेरे हबी के गले में डाल दीं। मेरा हबी उसकी चूंचियां चूमने लगा और आंटी उसका लण्ड टटोलने लगीं। इतने में आंटी मेरे हबी को लेकर बेड जाने लगीं और मुझे भी आने का इशारा किया।
मैं भी अंकल के साथ उसकें पीहे पीछे चल पड़ी। कमरे के अंदर घुसते ही आंटी ने अपना पेटीकोट भी खोल डाला। अब वह मादर चोद सबके आगे बिलकुल नंगी हो गयी। उसका नंगा बदन वाकई बड़ा सेक्सी था। मेरे हबी की गर्मी बढ़ने लगी। मैंने भी अपने कपडे खोल डाले और जब मेरी चूत खुल कर बाहर आई तो अंकल उसे बार बार सहला सहला कर मज़ा लेने लगे। वह बोला वाओ, कितनी खूबसूरत है रीना तेरी बुर ? कितनी मादक है तेरी चूत, रीना ? कितनी मस्त और प्यारी है, तेरी चूत ? आज मैं बहुत दिनों के बाद एक बेहद सेक्सी चूत देख रहा हूँ। अंकल की बातों से मैं गद गद हो गयी। उधर मेरे हबी ने आंटी की चूत चूम कर कहा हाय आंटी तेरी चूत तो अभी १६ साल की ही है । मैं तो बहुत दिनों से तुम्हे चोदने की सोंच रहा था आंटी पर आज तो मौक़ा मिल ही गया। आंटी बोली नहीं रोहित मैंने तेरी बीवी से वादा किया है की वह पहले नहीं, मैं पहले तेरे हसबैंड का लण्ड चोदूंगी ? तो तुम मुझे बाद में चोदना पहले मैं तुम्हे चोदूंगी ? आंटी की इस बात ने हम अबके अंदर एक नया जोश भर दिया।
इतने में मैंने अंकल के सारे कपडे खोल कर फेंक दिया। जब केवल चड्ढी बची तो उसके उभार से मालूम हो रहा है की लौड़ा कितना बड़ा और मोटा है ? मैं मन ही मन खुश भी हो रही थी और उसे पूरा नंगा देखने के लिए उत्साहित भी हो रही थी । वह मेरे सामने खड़ा था । मैंने चड्ढी के दोनों तरफ अपनी उंगलियां फंसा ली और झट्ट से नीचे खींच दिया तो लण्ड टन्न से मेरे गाल पर लगा . एक ही नज़र में लण्ड ने मेरा दिल जीत लिया। एकदम गोरा चिट्टा लण्ड, बिना झांट का इतना बड़ा लण्ड, इतना मोटा लण्ड देख कर मैं मस्त हो गयी। उसका सुपाड़ा पूरा का पूरा बाहर निकला हुआ था और एकदम चिकना था। उसके पेल्हड़ भी सेक्सी लग रहे थे। मैंने लण्ड की कई बार चुम्मी ली और फिर मुठ्ठी से पकड़ कर बार बार ऊपर नीचे करने लगी . लण्ड और सख्त होने लगा। मैंने कहा आंटी अंकल का लण्ड मेरी उम्मीद से ज्यादा निकला ? बड़ा सेक्सी है इसका लण्ड ?
तब तक आंटी भी मेरे हबी को पूरा नंगा कर चुकी थी। उसका लण्ड पकड़ कर हिला रही थीं। वह बोली हाय रीना तेरे मियां का लौड़ा भोसड़ी का बड़ा मस्त है और सेक्सी है ? कितना मोटा ताज़ा है तेरे हबी का लण्ड बहन चोद ? मैं तो अभी से इससे मोहब्बत करने लगी हूँ। ऐसा कह कर आंटी बड़े प्यार से लण्ड चूमने लगीं ? मुझे यह देख कर बड़ा मज़ा आ रहा था की कोई मेरे मियां के लण्ड को प्यार कर रही है ? इधर मैं अंकल का लण्ड चाटने लगी उधर आंटी मेरे मियां का लण्ड ? मैं अंकल की आँखों में आँखें डाल कर लण्ड कभी चाट रही थी तो कभी पूरा मुंह में घुसेड़ कर चूस रही थी। बार बार लण्ड मुंह में घुसेड़ती और फिर बाहर निकालती। लण्ड से लार निकलने लगी और वह मेरी लार से घुल मिल गयी। लण्ड एकदम गीला हो गया और अब अंकल बार बार लण्ड मेरे मुंह के अंदर बाहर करते हुए मेरा मुंह वैसे चोदने लगे जैसे की वह बुर चोदी जाती है ? उसे और मस्ती आने लगी। कमरे का सीन ठीक वैसा ही था जैसा मैंने सोंचा था। आंटी भी मेरी तरह मेरे मियां का लण्ड चूसने लगीं ? उसके पेल्हड़ भी चूमने और चाटने लगीं । हम दोनों एक दूसरे के सामने एक दूसरे के हसबैंड के लण्ड का मज़ा लूटने लगीं।
मेरी चूत बिलकुल भठ्ठी की तरह जल उठी थी और अब मैं काबू नहीं कर पा रही थी। बस मैं टांग उठा कर चढ़ बैठी अंकल के लण्ड पर। लण्ड बहन चोद गप्प से अंदर घुस गया । मैं कूद कूद कर चोदने लगी लण्ड ? मैं फिर थोड़ा झुक कर अपनी गांड उठा उठा के उसी तरह चोदने लगी लण्ड जैसे मर्द बुर चोदतें हैं। मुझे इस स्टाइल से चोदने मे एक अलग तरह का मज़ा आने लगा।
मैं बोली :- अब देख बुर चोदी कविता आँटी, मैं कैसे तेरे मरद का लण्ड चोद रही हूँ ?
वह बोली :- तू भी देख ले भोसड़ी की रीना, मैं कैसे तेरे मियां का लण्ड चोद रही हूँ ?
आंटी भी मेरे हबी के ऊपर चढ़ कर उसका लण्ड चोदने में जुटीं थी। ऐसा लग रहा था की जैसे हम दोनों के बीच लण्ड चोदने का कोई competition हो रहा है ? मस्ती हम चारों लोगों में सवार थी। दोनों मरद के लण्ड बहन चोद बड़े सख्त हो गये थे। मैं समझ गयी की जैसे हम दोनों बीवियों को मज़ा आ रहा है वैसे ही इन दोनों मियों को भी आ रहा है। हम दोनों बड़ी देर तक लण्ड चोदतीं रहीं ? थोड़ी देर में बाजी पलट गयी मैं नीचे हो गयी अंकल ऊपर। अब वह मझे चोदने लगा। मेरी बुर चोदने लगा मेरी चूत में धकापेल लण्ड घुसाने लगा। मैं भी उसका साथ बराबर दे रही थी। मुझे लण्ड अपनी चूत में बार बार घुसवाने में खूब मज़ा आ रहा था। मेरी गांड की तरफ आंटी अपना मुंह करके लेट गयीं। मेरा मुंह उसकी गांड की तरफ हो गया। मेरा मरद अपना लण्ड आंटी के भोसड़ा में घुसेड़ कर भकाभक चोदने लगा। दोनों आमने सामने थे। दोनों को एक दूसरे की बीवी चोदने में बड़ा आनंद आने लगा।
अंकल ने कहा :- रोहित मुझे तेरी बीवी चोदने में बहुत अच्छा लग रहा है ? क्या मस्त चुदवाती है यार तेरी बीवी ? अब तो मैं इसे अक्सर चोदा करूंगा।
मेरा मरद बोला :- अंकल मुझे भी आंटी का गरम गरम भोसड़ा चोदने में खूब मज़ा आ रहा है। अब तो मैं इसे जब भी मौक़ा मिलेगा, चोदूंगा।
तब तक मैं बोली :- हाय अंकल, गचागच चोदो, पूरा पेल के चोदो मेरे राजा ? तेरा लौड़ा बड़ा बढ़िया है यार। गांड से जोर लगा लगा के चोदो मुझे। रंडी की तरह चोदो मुझे भोसड़ी के अंकल ? मेरे लण्ड में बड़ा दम है बहन चोद ?
उधर आंटी बोल रही थी :- हाय रोहित तेरा लौड़ा साला बड़ा कड़क है यार। मेरे भोसड़ा के छक्के छूट रहें है। मुझे अपनी बीवी की तरह चोदो मेरे राजा। मेरी गांड भी मारो ? मेरी चूंचियां भी चोदो ? हाय रे तुम बड़े हसीन हो रोहित ? अब तुम जब चाहो तब चोदो मुझे। मेरा भोसड़ा खुला है खुला ही रहेगा तेरे लिए। उसके बाद एक एक करके दोनों लण्ड उगलने लगे अपना अपना वीर्य और हमने खूब चाट चाट कर चूसा एक दूसरे मियां का लण्ड ? इस तरह रात में तीन तीन बार चुदवाया हम दोनों ने ?
एक हफ्ते बाद आंटी ने मुझे बुला भेजा और मैं फ़ौरन पहुँच गयी उसके घर । उसने मुझे अंदर बैठाया और बोली रीना इससे मिलो यह है मेरी बहन की बेटी अनीता । इसकी शादी अभी एक साल पहले ही हुई है। मैंने इससे तेरे बारे में सब कुछ बता दिया है। मेरे मुंह से निकला हाय दईया आंटी क्या तुमने सच मुच सब कुछ बता दिया है। क्या तमने 'वो' भी बता दिया है ? वह बोली हां मैंने यह भी बता दिया है की तेरे मरद का लौड़ा ८"x ५१/२" का है और बड़ा मस्त चोदने वाला है ? मैंने कहा आंटी तुम बड़ी मादर चोद हो ? वह बोली मादर चोद मैं नहीं मादर चोद है अनीता जो तेरे पति का लण्ड अपनी चूत में घुसाना चाहती है। अनीता बोली हाय मौसी तुझे बिलकुल शर्म नहीं आती मेरी बुर चोदी ? आंटी बोली देख अनीता जिन्हे चुदवाने का शौक होता है वो शर्माती नहीं हैं। तब अनीता मुझसे बोली यार रीना सुनो सच बात तो यह है की मेरी भोसड़ी की कविता मौसी मेरे पति का लण्ड अपने भोसड़ा में पेलना चाहती है। अपना भोसड़ा चुदवाना चाहती मेरे पति से ? तब मैंने कहा ठीक है तुम मेरे पति का लण्ड अपने भोसड़ा में पेलो ? मैं मौसा का लौड़ा अपनी चूत में पेलूँगी ?
इसके बाद मौसी ने तेरी बातें मुझे बतायीं। बस मैं गरम हो गयी और बोली अब तो मैं रीना के मियां से चुदवा कर ही जाऊँगी। अचानक मौसी ने बताया की अनीता तू अपने पति के साथ तो आई नहीं है तो फिर किसका लण्ड पेलेगी तू मेरे भोसड़ा में। वह बोली पति नहीं तो क्या मैं अपने देवर के साथ तो आई हूँ। उसी का लण्ड पेलूँगी मैं तेरी बुर में मौसी ? मैंने कहा अनीता तू अपने देवर से चुदवाती है क्या ? वह बोली हां रीना एक दिन मैंने उसका खड़ा लण्ड देख लिया था बस मेरा दिल आ गया उस पर और मैंने लकड़ लिया लण्ड । उसी दिन से मैं अपने देवर से चुदवाने लगी। तब तक आंटी बोली अरी रीना आज तो तेरा करन अंकल भी नहीं हैं। लेकिन चिंता की कोई बात नहीं है मेरा भी एक देवर है मैं उससे चुदवाती हूँ। मैं शाम को उसे बुला लूंगी। मैं समझ गयी की आंटी अपने देवर से चुदवाती है और अनीता भी मादर चोद अपने देवर से चुदवाती है। ये औरतें भोसड़ी वालियां जाने किस किस से चुवाया करतीं है इसीलिए कहा गया है की स्त्री का चरित्र मनुष्य क्या देवता भी नहीं जानते ?
बस बन गया रात में चोदा चोदी का प्रोग्राम ? शाम को सब लोग इकठ्ठा हो गये। मैं और मेरा पति रोहित, आंटी और उसका देवर समर, अनीता और उसका देवर आकाश ? मैंने दारू पीते पीते अनीता के देवर के लण्ड पर हाथ रख दिया। अनीता आंटी के देवर का लण्ड पकड़ने लगी और आंटी मेरे पति का लण्ड ? हम तीनो अपने हाथ का लण्ड चूमने चाटने और चूसने लगी ।
मैंने कहा :- हाय आंटी आज मैं सबसे पहले अनीता के देवर का लण्ड चोदूंगी ?
अनीता बोली :- मैं भी मौसी के देवर का लण्ड चोदूंगी, रीना ? तुम देखती जाओ मैं कितनी मस्ती से चोदती हूँ लण्ड ?
आंटी बोली :- तो बुर चोदियों, सुनो मैं रीना के मियां का लण्ड आज फिर सबके सामने चोदूंगी और तुम दोनों को बताऊँगी की कैसे चोदा जाता है लण्ड ? वो रात हमारी ऐय्यासी की रात थी। आंटी ने लण्ड भकाभक चोद कर दिखा दिया की कैसे चोदा जाता है लण्ड ?
दूसरी पारी में मैंने आंटी के देवर का लण्ड चोदा। आंटी ने अनीता के देवर का लण्ड चोदा और अनीता ने मेरे मियां का लण्ड चोदा ?
हम लोगों की लण्ड "चोदने की कहानी" धीरे धीरे मशहूर होने लगी और तमाम बीवियां अपने अपने मर्द का लण्ड चुदवाने हमारे पास आने लगीं ? वे अपने मरद का लण्ड चुदवाने लगीं तो उनके मरद अपनी बीवियां चुदवाने लगे ?
इस तरह दिन पर दिन हमारी ऐय्यासी बढती गयी और हम लोग लण्ड चोदने में एक्सपर्ट हो गयीं।
०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०= समाप्त
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