Thursday, October 2, 2014

नन्द की इतनी बड़ी चूत ?

अरे अम्मी, अभी अभी २३ साल की हुई है मेरी नन्द और देखो कितने बड़े बड़े लण्ड गपागप्प अपनी चूत में
घुसेड़ती चली जा रही है बहन चोद ? इसे न तो कोई शर्म है और न ही कोई झिझक ? मानती हूँ की इसकी शादी हो गयी है पर वह भी ६ महीने पहले ही, कोई बहुत ज्यादा दिन नहीं हुए हैं। इसका मतलब है की वह शादी के पहले से ही चुदवा रही है भोसड़ी वाली ? मैं तो हैरान हूँ यह देख कर की मेरी नन्द अभी से आठ आठ नौ नौ इंच के लण्ड गप्प से ले लेती है अपनी चूत में और आह भी नहीं करती ?  उई माँ, मर गयी, इतना मोटा पेल दिया लण्ड, ऐसा भी नहीं कहती ससुरी, बस लण्ड घुसाकर भकाभक चुदवाने लगती है माँ की लौड़ी ? देखो न अम्मी कितनी मस्त हो रही है बुर चोदी मेरी नन्द इतने बड़े बड़े लण्ड से चुदवाकर ? लगता है की उसे कोई फरक ही नहीं पड़ता ?
अम्मी बोली :- अरी नसीबा तेरी नन्द अपने कॉलेज में जरूर कई लड़कों से चुदवाती होगी ? कोई नयी दुल्हन इतनी अच्छी तरह से इतनी जल्दी खुलकर नहीं चुदवा सकती ?
मैंने कहा :- मुझे तो लगता है की वह अपने कुनबे में भी कई मर्दों से चुदवाती रही है ? और ससुराल में भी मर्दों को पटा लिया है इसने ? अब पता नहीं की कौन लोग है जो चोद रहे है इसकी चूत ? दोनों के लण्ड जबरदस्त है।  दोनों सालों की उम्र लगभग एक जैसी लग रही है लेकिन हां दोनों भोसड़ी के मेरे अंकल के बराबर है ?
हम दोनों बात कर ही रही थी की उधर मेरी नन्द बोली :- अबे भोसड़ी के पूरा लण्ड पेलने में तेरी गांड फट रही है क्या ?  कभी जवान लड़की की बुर नहीं चोदी क्या ? मादर चोद अभी तक मुठ्ठ मारता रहा है क्या तू ? जब मेरी बुर चोदने में तेरा यह हाल है तो तू मेरी माँ का भोसड़ा कैसे चोदेगा ? पसीना छूट जायेगा तेरा मेरी माँ चोदने में ?
मैं तो दंग हो गयी इतनी भद्दी भद्दी गन्दी गन्दी बातें अपनी नन्द के मुंह से सुनकर ? मगर एक बात साफ़ हो गयी की मेरी नन्द अपनी माँ का भोसड़ा चुदवाती है। इतने में उसके मुंह से निकला भोसड़ी के ससुर तेरा लौड़ा है बड़ा चोदू ? चारों तरफ से चिपक चिपक कर चोद रहा है मेरी बुर और ये तेरे दोस्त का मादर चोद लण्ड भी मुझे बड़ा मज़ा दे रहा है। तुम दोनों भोसड़ी वाले क्या हमेशा साथ साथ चोदते हो ? वह बोला नहीं बहू ऐसा हमेशा नहीं होता लेकिन कभी कभी हो जाता है। मैं जब चोदने जाता हूँ तो इसे साथ ले लेता हूँ और ये जब चोदने जाता है तो मुझे साथ ले लेता है ।  मैंने कहा तो फिर तम्हारी बीवियां क्या कुछ नहीं कहती ? उसने जबाब दिया वो भोसड़ी वाली क्या कहेंगी ? वे तो खुद ही गैर मर्दों से चुदवाया करती है ? लण्ड चूसती है बहन चोद गैर मर्दों के ? तब तक ससुर का दोस्त बोला अरे बहू ये तेरा ससुर मेरी बीवी चोदता है और मैं इसकी बीवी चोदता हूँ।
अब तो बात और साफ़ हो गयी।  मेरी नन्द अपने ससुर से और उसके दोस्त दोनों से चुदवा रही है।
अम्मी बोली :- नहीं ऐसा नहीं है, नसीबा ? न तो यह आदमी तेरी नन्द का ससुर है और न ही यह उसके ससुर का लण्ड है ? ये तो कोई और ही आदमी है जिसे मैं भी नहीं पहचानती ?
मैं बोली :- हाय दईया, अम्मी क्या तुम इसके ससुर को पहचानती हो ? क्या उसके लण्ड को भी पहचानती हो तुम ? क्या तूने उसका लण्ड पकड़ कर देखा है ?
अम्मी बोली :- हां बेटी हां, मैं उसे पहचानती हूँ और उसके लण्ड को भी। तेरी नन्द के ससुर का लण्ड थोड़ा मोटा है और उसका सुपाड़ा बिलकुल तोप के गोला की तरह है ? इसका तो सुपाड़ा नुकीला है बहन चोद ? यह तो वो लण्ड है ही नहीं बेटी ? अब यह भी बात पक्की हो गयी की तेरी नन्द किसी और से चुदवा रही है बुर चोदी अपने ससुर से नहीं ?
मैंने कहा :- अच्छा, तो आज मैं मारूंगी अपनी नन्द की गांड ? पर तूने ये तो बताया ही नहीं की तुमने कब पकड़ा मेरी नन्द के ससुर का लण्ड, अम्मी  ? 
अम्मी बोली :- अरे उस दिन तेरी सास यानी तेरी नन्द की माँ खुद उसका लण्ड चूस रही थी। उस दिन घर  में केवल तेरी सास और तेरी नन्द का ससुर दोनों ही थे ?  अचानक मैं घुस गयी कमरे में ।  तब मैंने देखा की तेरी सास अपने समधी का लण्ड चाट रही है।  वह भी नंगी है और समधी भी नंगा है। मेरी नज़र लण्ड पर पड़ी तो मैं इतना मोटा और मस्त लण्ड देखकर ललचा गयी। मेरी नियत डोल गयी।  मैं बोली हाय अल्ला, क्या जबरदस्त लौड़ा है, ज़रीना तेरी बेटी के ससुर का ? मेरी तो चूत में आग लग गयी है बहन चोद  ?
तब वह बोली अरी शबाना आ जा अपना भोसड़ा खोल कर और ले ले लण्ड का मज़ा ? लण्ड वाकई बड़ा मस्त है ? बस उस दिन मैंने पहले चुदवाया और उसने बाद में ? तभी से मैं उसका लण्ड पहचानती हूँ । उधर कमरे में जब एक एक करके दोनों झड़ने लगे और मेरी नन्द हया उन्हें चाटने लगी।  लण्ड के रस का स्वाद लेने लगी तो हम दोनों खिसकी से उठकर बाहर चली आयीं।
  • दूसरे दिन मैंने हया से पूंछा :- यार तू भोसड़ी की अपने माईके में भी ससुराल वालों से चुदवाती है ? कल तू किस किस का लण्ड अपनी चूत में घुसा घुसा कर चुदवा रही थी ?  
  • अरे भाभी एक तो मेरे ससुर का लण्ड था और दूसरा उसके दोस्त का लण्ड ? 
  • तेरी शादी के अभी ६ महीने ही हुए है और तू ससुर क्या ससुर के दोस्तों से भी चुदवाने लगी।
  • अरे भाभी चूत को इन बातों से क्या मतलब ? उसे तो बस लण्ड चाहिए लण्ड ? मुझे उसका लण्ड पसंद आ गया तो मैंने चुदवा लिया।  दूसरे दिन वह बोला हया बहू तुम मेरे दोस्त से चुदवा लोगी ?  मैंने कहा हां लौड़ा दमदार होगा तो जरूर चुदवा लूंगी ? जब मैंने उसका लौड़ा पकड़ा, भाभी तो मुझे अच्छा लगा बस मैं भकाभक चुदवाने लगी।  पर तुम्हे किसने बताया ये सब भाभी ?
  • कल मैंने और मेरी अम्मी ने मिलकर तेरी चुदाई देखी ? तेरी चूत तो बहुत बड़ी है हया ? इतने बड़े बड़े लण्ड एकदम से खा जाती है तेरी चूत ? मैंने देखा है तेरी चूत को लण्ड खाते हुए ?
  • अरे यार, तो फिर बताया क्यों नहीं मुझे ? मैं तेरी चूत चुदवा देती भाभी और तेरी माँ का भोसड़ा भी ?
  • अब यह बता वो तो तेरा ससुर नहीं था ? तू झूंठ क्यों बोल रही है ?
  • अरे भाभी वह मेरा खालू ससुर था।  मेरे मियां का खालू ।  एक दिन मैंने अपने मिया को खाला का भोसड़ा चोदते हुए देख लिया था बस मैंने उसी रात को खालू ससुर का लौड़ा पकड़ लिया और कहा भोसड़ी के खालू आज तुम मेरी बुर चोदो ? वह मुस्कराया और मेरी चूंची दबा दी।  मैंने उसके लौड़े पर थप्पड़ मार कर कहा अब पेलो न यही लौड़ा मेरी चूत में ? वह पहला दिन था जब  मैंने उससे चुदवाया।
  • तेरे असली ससुर का लौड़ा कैसा है हया ?  
  • यह बात तो तुम मेरी अम्मी यानी अपनी सास से पूंछ लो ? वह चुदवा चुकी है मेरे ससुर से ?  उस दिन मेरा ससुर ही मुझसे बोला सुनो हया बहू आज मैं तेरी माँ का भोसड़ा चोद कर आ रहा हूँ। बड़ी मस्ती से चुदवाती है तेरी माँ ?
  • मैं तुम्हे एक राज़ की बात बताती हूँ वह शायद तुझे नहीं मालूम ?
  • हां हां बता न भोसड़ी की जल्दी से, मेरी भाभी ? 
  • तेरे ससुर ने मेरी भी माँ का भोसड़ा चोदा है हया ? और जानती हो हया, मेरी अम्मी तो ठीक से पहचानती है तेरे ससुर का लण्ड ?  कल जब तू अपने खालू ससुर से चुदवा रही थी तो मेरी अम्मी बोली ये लौड़ा हया के ससुर का नहीं है किसी और का हैं ? मैं उसका लौड़ा पहचानती हूँ। 
  • हाय अल्ला, इसका मतलब तेरी माँ भी लण्ड की जबदस्त शौक़ीन है। भाभी अब तो मैं किसी दिन चोदूंगी तेरी माँ का भोसड़ा ? मैं तो पहले अपने खालू ससुर का ही लौड़ा पेल दूँगी उसकी बुर में ?
  • पहले तू मेरी बुर चोद ले हया,  फिर मेरी माँ चोदना ? और हां किसी दिन अपने शौहर का लण्ड तो पेल दे मेरी चूत में, बुर चोदी हया  ?  आज तक मैंने उसका लौड़ा देखा ही नहीं बहन चोद ?  
  • मैं आज ही तेरी तमन्ना पूरी कर देती हूँ, भाभी ?   
उसके बाद हया अपनी ससुराल चली गयी.  उसकी ससुराल इसी शहर में है।  एक दिन उसका फोन आया की नसीबा भाभी आज शाम को आ जाना और फिर रात भर मेरे साथ रहना ? मैंने कहा ये बताओ की प्रोग्राम क्या है  ? वह बोली प्रोग्राम तेरे आने के बाद बताऊँगी भाभी ? मैं समझ गयी की शायद वह मुझे कोई सरप्राईज़ देना चाहती है . शाम को मैं अपनी झांटें वगैरह बनाकर तैयार होकर उसकी ससुराल पहुँच गयी। मैंने देखा की घर में तो बिलकुल  सन्नाटा पसरा पड़ा है।  तब तक दौड़ कर आई बोली भाभी आदाब आओ बैठो ? मैंने पूंछा घर में कोई नहीं है क्या ? वह बोली हमारे पड़ोस एक निकाह हो रहा है वहीँ सब लोग गए है और रात भर वहीँ रहेंगे ? मौक़ा अच्छा है इसलिए मैंने तुम्हे बुला लिया भाभी।
तब तक पीछे से तीन जवान लड़के आ गये।  हया बोली भाभी इनसे मिलो।  ये मादर चोद तीनो मेरे मियां के दोस्त है । आज मेरा मियाँ अपनी खाला की बिटिया की बुर चोदने गया है, रात भर चोदेगा और कल वापस आएगा ।  मैं इन तीनो से एक एक बार चुदवा चुकी हूँ। ये तीन और मेरा मियां मिलकर एक दूसरे की बीवियां चोदते है। आज रात में हम तुम इन तीनो से चुदवायेंगी। हया का प्लान तो मुझे बहुत अच्छा लगा और मेरी चूत में जबरदस्त जोश आ गया।
हया उठी और सबके सामने मेरे कपडे खोलने लगी और मैं भी उसके कपडे उतारने लगी। देखते ही देखते हम दोनों उन तीनो लड़कों के सामने नंगी हो गयी।  तीनो भोसड़ी के हमें नंगी देख देख कर मज़ा लेने लगे।   चूत पर हाथ रखा और कहा वाओ यार तेरी चूत वाकई बड़ी मस्त है हया इसीलिए मस्ती से बड़े बड़े लण्ड खा जाती है।  तब उसने मेरी चूत सहलानी शुरू कर दिया और बोली भाभी तेरी भी चूत मस्त है बस इसे थोड़ा और इस्तेमाल किया करो। जैसे मैं हर रोज़ २/३ लण्ड इसमें पेलती हूँ उसी तरह तुम भी २/३ लण्ड रोज़ पेला करो।  ये बुर चोदी बुर बड़े काम की चीज है भाभी ?
इतना कह कर वह लड़कों के कपडे खोलने लगी।  मैं भी उसके साथ जुट गयी।  बस २ मिनट में वे तीनो मादर चोद नंगे हो गए।  तीनो के लण्ड टन टनाने लगे। मैंने कहा हाय दईया, ये तो तीनो बड़े बढ़िया लण्ड है हया ? वह बोली हां भाभी बड़े मस्त लौड़े है इन भोसड़ी वालों के, तभी तो मैं इन्हे अक्सर बुला कर चुदवाती रहती हूँ। तब मैंने एक लौड़ा मुंह में घुसेड़ लिया और चूसने लगी उधर मेरे सामने हया भी मस्ती से लौड़ा चूसने लगी। थोड़ी देर में उसने एक लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया मैं बुर चुदवाती हुई लण्ड चूसने लगी और लण्ड चूसते हुए बुर चुदवाने लगी। मुझे सबके साथ कई मर्दों से चुदवाने में बड़ा मज़ा आता है। उस दिन हम दोनों ने लण्ड अदल बदल कर खूब चुदवाया रात भर ।  एक बार तो हया में एक लण्ड मेरी बुर में घुसा दिया और एक लण्ड मेरी गांड में। फिर एक लण्ड मेरे मुंह में डाल कर बोली हाय मेरी बुर चोदी नसीबा भाभी, आज तीनो लौड़ों के एक साथ चुदवाने का मज़ा लो।
कुछ दिन बाद मैं अपने माईके चली आई।  एक दिन मैं जब बाज़ार जा रही थी तभी मेरे ससुर आ गया।  अम्मी ने उसे बड़े अदब से बैठाया और चाय नास्ता करने लगी।  मैंने भी आदाब बोला और बैठ कर उसके साथ चाय पीने लगी। फिर मैं बाजार चली गयी। वहाँ से जब वापस आई तो अम्मी ने दरवाजा खोला। बड़ी देर लगा दी तूने अपनी माँ चुदाने में नसीबा ( अम्मी को बात बात पर गाली देने की आदत है ) मैं सीधे अपने कमरे में चली गयी. फिर अम्मी ने आवाज़ लगायी नसीबा भोसड़ी की क्या कर रही है तू जल्दी आ मेरे कमरे में। मैं जैसे ही कमरे में घुसी वैसे देखा की सोफे पर मेरी अम्मी अपने सारे कपडे उतार कर बैठी हुई है। उसके अगल बगल दो मर्द भी नंगे बैठे हुए है। उसके दोनों हाथों के एक एक लण्ड है ? अम्मी मुझे एक लण्ड दिखाते हुए बोली ले नसीबा देख ये तेरे ससुर का लण्ड है। फिर दूसरा लण्ड दिखाते हुए बोली और ये तेरे ससुर के दोस्त का लण्ड है। मैं भी मस्ती में आ गयी ।  मैंने ससुर का लण्ड पकड़ कर कहा आज मैं यही लण्ड तेरे भोसड़ा में पेलूँगी ? तो अम्मी ने दूसरा लण्ड पकड़ कर मुझसे कहा इसे तेरी बुर में पेलूँगी नसीबा ?   
  • इतने में हया का फोन आ गया वह बोली :- हाय मेरी बुर चोदी भाभी क्या कर रही हो ? 
  • अपनी माँ का भोसड़ा चुदा रही हूँ, हया ? तू बता तू बहन चोद क्या कर रही है ?
  • मैं भी अपनी माँ चुदा रही हूँ भाभी ? मैंने अभी अपने हाथ से अपने ससुर लण्ड पेला है अपनी माँ के भोसड़ा में ?
  • यार क्या इत्तिफ़ाक़ है ? मैं भी अपने ससुर का लण्ड अपनी माँ के भोसड़ा में घुसा रही हूँ।
  • हाय, अल्ला, तू मेरे अब्बा से अपनी माँ चुदवा रही है, मेरी भोसड़ी वाली भाभी ?
  • और तू भी तो अपनी माँ चुदा रही है, मेरी माँ की लौड़ी, हया ?   
फिर हम दोनों फोन पर ही खिलखिलाकर  पड़ी।

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