Sunday, August 17, 2014

मेरी माँ चोदो भोसड़ी के ससुर

जिस दिन मेरी निगाह ससुर के लण्ड पर पड़ी उसी दिन से मैं बेचैन रहने लगी। मेरे मन से उसके लण्ड की झलक निकल ही नहीं रही थी। मैं आँखें बंद करती तो  मुझे उसका लटकता हुआ लण्ड ही दिखाई पड़ता ? मेरा मन  बार बार यही सोंचा करता की कब वह दिन आएगा जब मैं अपने ससुर का लण्ड पकड़ूंगी ? उसका लण्ड अपने हाथ में लूंगी ? उसका लण्ड कब चूमूँगी, चाटूंगी और चूसूंगी ? मैं लण्ड पकड़ने के लिए हर पल का और हर मौके का इंतज़ार करने लगी।  आखिर कार एक दिन आ ही गया जब मैंने लण्ड पकड़ लिया और अपनी हसरत पूरी की।   
मगर मैं आपको सबसे पहले तो ओ सीन बताऊँगी जहाँ मेरी निगाह सबसे पहले ससुर के लण्ड पर पड़ी थी।  उस दिन मैं घर पर अकेली थी।  मेरे साथ केवल मेरा ससुर था।  सुबह का वख्त था वह बाथ रूम गया था नहाने ? इत्तिफ़ाक़ से मैं उसके बेड रूम में किसी काम से गयी। मैंने देखा की बेड पर एक तौलिए रखी है। और अंदर बाथ रूम से ससुर के नहाने की आवाज़ आ रही है।  मैं समझ गयी की वह तौलिया ले जाना भूल गया है और वह बाहर जरूर आएगा तौलिया उठाने ? इसलिए मैं छुप कर नज़ारा देखने लगी।  हुआ वही जो मैं कह रही थी।  ससुर बाहर आया वो समझा की कमरे में कोई नहीं है तो वह नंगा नंगा ही बाहर निकल आया। और वहीँ तौलिया से अपना बदन पोंछने लगा।  तब मैंने उसका लटकता हुआ लण्ड देखा।  हाय अल्ला, कितना बड़ा लण्ड है मेरे मन ने कहा ? जब यह खड़ा होगा बहन चोद तो कितना बड़ा हो जाएगा ? जिसकी बुर में घुसेगा उसकी तो आफत कर देगा ? सुपाड़ा एकदम खुला हुआ था।  उससे पानी टपक रहा था , झांटें बिलकुल साफ़ थी।  पेल्हड़ औसत साइज़ के थे।  मैं ललचा गयी।  मेरा मन हुआ की मैं दौड़ कर अभी लण्ड पकड़ लूँ पर मैं रुक गयी लेकिन दिन पर दिन मैं बेचैन होती गयी लण्ड पकड़ने के लिए ?
हालांकि मजाक मजाक में मेरी नन्द ने कहा था एक दिन की भाभी कभी मेरे अब्बा का लौड़ा पकड़ कर देखना तुम्हे मज़ा आ जाएगा ? उस समय मैंने वो बात हवा में उड़ा दी लेकिन आज मैं उसे सच मान रही हूँ। 
अब मैं बताती हूँ की मैंने लण्ड वास्तव में पकड़ा कैसे ?
एक दिन ऐसा और आया जबकि घर में केवल मैं और ससुर थे।  शाम को सास का फोन आ गया  वह बोली बहू आज रात को मैं नहीं आ पाऊँगी कल आऊँगी। मैंने ससुर को बता दिया।
रात को करीब ११ बजे ससुर मेरे पास आया बोला बहू ऊपर से कुछ सामान निकालना है थोड़ो मदद करो।  वह केवल तौलिया पहने हुआ था। वह एक स्टूल पर चढ़ गया और सामान खींच लिया उसे उठा भी लिया सामान वज़न था।  उसने दोनों हाथों से जोर लगाया तो इधर उसकी तौलिया ढीली हो गयी और वह खुल गयी। तौलिया नीचे गिर गयी और ससुर मेरे आगे बिलकुल नंगा हो गया।  अब वह सामान छोड़ भी नहीं सकता था क्यों की एक तो सामान वज़न था और दूसरे गिरने से वह टूट भी जाता।  मैंने कहा ससुर जी तुम नंगे होने की चिंता न करो मैं उस तरफ नहीं द्देख रही हूँ। तुम सामान उतारो बस ? जबकि मेरी निगाह उसके लण्ड पर ही थी। मैं फिर बोली जल्दी से सामान नीचे उतार लो मैं हेल्प करती हूँ। 
मैंने सामान पकड़ कर नीचे रखवा लिया । इसी बीच मैंने भी अपनी नाईटी के दो बटन खोल दिया और अपनी चूंचियां नंगी नंगी दिखा दी उसे ? चूंची बाहर और निपल्स भी बाहर ? उसने मस्ती से देखा मेरी बड़ी बड़ी सुडौल और सेक्सी चूंचियां ?  तब उसने तौलिया उठायी और लपेटने लगा।  मैंने बड़ी बेशर्मी से तौलिया उसके हाथ से छीन लिया और बोली मैंने जब तुम्हे भोसड़ी के नंगा देख ही लिया है तो थोड़ी देर तक और मुझे देख लेने दो ? मैंने मुस्कराकर उसका लण्ड पकड लिया और बोली मैं इस बहन चोद को पकड़ कर देख लेती हूँ। बस ससुर को भी जोश में आ गया और उसने मुझे अपनी और खींच कर चिपका लिया।
तब तक मैंने नाईटी खोल दी।  वह नीचे गिर पड़ी और मैं मादर चोद बिलकुल नंगी हो गयी उसके सामने ? मेरी चिकनी, चकाचक और मस्त चूत देख कर वह पागल हो गया। वह मेरे गाल चूमने लगा, मेरे होंठ, मेरी आँखें, मेरी कान और मेरी गर्दन चूमने लगा बोला मुस्कान बहू तुम बहुत सेक्सी हो ? मैंने कहा तेरा लण्ड भी बड़ा सेक्सी है बहन चोद ? और खूबसूरत भी बहुत है ससुर जी भोसड़ी के ? वह मेरे मुंह से गाली सुनकर गद गद हो गया।  मैं नीचे घुटनो के बल बैठ कर उसका लण्ड चूमने, चाटने और चूसने लगी।  मेरी ख़ुशी का ठिकाना न था।  मेरे मन में कहा खुदा ने मेरी तमन्ना पूरी कर दी।  मैं लण्ड चूसने में जुट गयी। और पेल्हड़ सहलाने का मज़ा लेने लगी।
मेरा नाम है मुस्कान, मेरी सास है मिसेज फ़रज़ाना, ससुर है फज़ल, नन्द का नाम है तराना और नंदोई है अफज़ल।  मेरी अम्मी का नाम है मिसेज रेहाना और अब्बा है रहमान 
आम की गुठली की तरह मैं बार बार सुपाड़ा मुंह में घसेड लेती और फिर बाहर निकालती। सुपाड़े के चारों ओर जबान फिराती और लण्ड से निकलती हुई लार चाट जाती ? हौले हौले पेल्हड़ सहलाने लगी।  पेल्हड़ चूमने लगती।  मैं पूरी तरह मशगूल हो गयी लण्ड में ? ससुर का लण्ड इतना बढ़िया होगा मैं यह सोंच भी नहीं सकती थी कभी।  आज हकीकत मेरे सामने है।  मैं नसीबवाली हूँ की मुहे इतने बढ़िया लण्ड से चुदवाने का मौक़ा मिल रहा है।  मैंने जिस दिन इसे अपनी माँ के भोसड़ा में पेलूँगी उस दिन मेरी माँ बड़ी खुश होंगी ?
मैंने कहा ससुर भोसड़ी के तेरा लण्ड मेरी जान ले रहा है।  तू मादर इसे सबकी बुर में पेलता क्यों नहीं ? सबको चोदता क्यों नहीं ? वह जोश में आकर किटकिटा कर बोला पहले मैं इस बुर चोदी मुस्कान की बुर में पेल कर खूब कस कस के चोद लूँ बाकी मैं बाद में सोचूंगा ? ऐसा कह कर वो लौड़ा पूरा घुसेड़ कर मुझे भकाभक चोदने लगा।  मैं भी मस्ती में बोलने लगी चोद साले मेरी बुर ? पूरा लौड़ा घुसा के चोद ? तेरी बहन की बुर साले कोई कसर न छोड़ना चोदने में ? मैं तेरी रंडी हूँ साले खूब जोर लगा के चोद ले मेरी बुर ? मार ले मेरी गांड ? घुसा दे मेरे मुंह में लण्ड नहीं तो मैं उखाड़ लूंगी तेरी झांटें ? चोद दूँगी तेरी बिटिया की बुर ? बस मैं मस्ती से गाली बक बक कर चुदवाने लगी। 
मैंने देखा की वह मेरी गालियां खूब एन्जॉय कर रहा है।  जब लण्ड झड़ने लगा तो मैने उसे मुंह में घुसा लिया।  उसका सारा वीर्य अपने मुंह में ही उगलवा लिया।  मुझे वीर्य पीने में बड़ा मज़ा आता है।  मैं वीर्य ब्रेड में मक्खन की तरह लगा कर अक्सर खाती हूँ। मैं तो कॉलेज में अक्सर लड़कों के लण्ड का वीर्य निकाल निकाल कर पिया करती थी।
                                                 अब मेरा ससुर के साथ चोदा चोदी का रिस्ता पक्का हो गया
मैं बिंदास चुदवाने लगी और वह बिंदास चोदने लगा।
एक दिन जब मैं उसका लण्ड पकड़ कर मस्ती कर रही थी तो मैंने कहा मेरी माँ चोदो भोसड़ी के ससुर ? मैं तेरा लण्ड अपनी माँ के भोसड़ा में घुसेड़ूँगी ?
वह बोला :- ये तो मैं बहुत दिनों से सोंच रहा हुँ.
मैंने कहा :- बस आने वाले शनिवार को मैं तुम्हे अपने माईके ले चलूंगी वहां तुम मेरी माँ चोदना ?
उसके बाद मैंने धकापेल चुदवाया अपंने ससुर से ?
शाम को मेरी नन्द आ गयी और उसके पीछे से मेरी सास भी।
मेरी नन्द बोली :- अरी मुस्कान भाभी तूने बहन चोद पकड़ा मेरे अब्बा का लण्ड की नहीं ?
मैंने कहा :- हां यार तू तो मादर चोद सच कह रही थी पर मैंने ही उसे हंसी में उड़ा दिया था ।  तेरे अब्बा का लौड़ा तो साला बड़ा हरामजादा है ?
वह बोली :- अच्छा तो चुदवा लिया तूने अपनी बुर मेरी बदचलन भाभी ?
मैं बोली :- क्यों नहीं चुदवा लूंगी बहन चोद ? जब घर में खाना रखा तो भला कौन भूँखा रह सकता है। लेकिन तू बता तूने कितनी बार चुदवाया अपने अब्बा से ?
वह बोला :- गिना नहीं भाभी लेकिन मज़ा खूब लिया मैंने अपने अब्बा के लण्ड का ?
तब तक मेरी सास आ गयी । 
वह बोली :- हाय मेरी बहू मुस्कान, तू कहाँ माँ चुदा रही है अपनी।  मैं जाने कहाँ कहाँ तुझे ढूंढती फिर रही हूँ। 
मैंने कहा :- अरे सासू जी मैं तो यही हूँ तेरी इस बुर चोदी बेटी के सामने ?
वह बोली :- मेरी बेटी ससुरी बड़ी हरामजादी है बहू , जाना जाती है वहां अपनी माँ का भोसड़ा चुदवाती है।  अभी वो मुझे अपनी ससुराल ले गयी तो वहां भी अपने ससुर का लण्ड मेरे भोसड़ा में पेल दिया और फिर बैठ कर चुदवाया अपनी माँ का भोसड़ा बुर चोदी तराना ने ?
मैंने पूंछा :- तो फिर उसने किससे चुदवाया सासू जी ?
वह बोली :- उस भोसड़ी वाली ने अपने नंदोई का लण्ड घुसेड़ लिया था बहू और फिर सबके सामने खुल्लम खुल्ला चुदवाया।  अभी उसकी शादी का एक साल भी नहीं हुआ, बुर चोदी सबसे चुदवाने लगी है अपनी ससुराल में ? सुना है अपने जेठ के लण्ड की रोज़ मालिश करती है मादर चोद तराना ?
अगले शनिवार को मैं ससुर के साथ अपने माईके आ गयी।  मुझे देख कर मेरी अम्मी बड़ी खुश हो गयी। 
  • मैंने कहा अम्मी ये है मेरा भोसड़ी का ससुर फज़ल ?
  • अम्मी बोली अरी बेटी ज़रा तमीज़ से बात किया कर ? अपने ससुर को गाली देती है तू बुर चोदी ? 
  • मैं बोली अरे अम्मी मेरे ससुर को मेरी गाली अच्छी लगती है वह बिलकुल भी बुरा नहीं मानता ? मैंने फिर कहा अम्मी दारू का इंतज़ाम करो हमारी तरह मेरा ससुर भी दारू पीता है। 
  • बस फिर क्या हम तीनो बैठ कर दारू पीने लगे। थोड़ा नशा चढ़ा तो मैं बोली अम्मी तुम्हे मेरा ससुर कैसा लग रहा है ?  
  • वह बोली ये तो बड़ा स्मार्ट है बेटी।  बड़ा हैंडसम लग रहा है बहन चोद ?
  • अरे अम्मी ये बिना कपड़ों के ज्यादा हैंडसम लगता है ?
  • हाय अल्ला, क्या कह रही तू हरामजादी मुस्कान ?
  • हां मैं ठीक कह रही हूँ अम्मी कहो तो मैं इसे बिना कपड़ों के दिखा दूँ तुझे ?
  • तो आखिर कितने कपडे पहने रहता है ?
  • एक भी नहीं अम्मी चड्ढी भी नहीं ?
  • वाओ, तो तू क्या अपने ससुर को बिना चड्ढी के देख चुकी है  ?
  • मैं तो रोज़ ही देखती हूँ अम्मी एक बात कहूँ बड़ा प्यारा लगता है मेरा ससुर और मेरे ससुर का "वो" ? 
  • "वो" माने लण्ड बेटी ? तो क्या तू अपने ससुर का रोज़ लण्ड देखती है बुर चोदी ?
  • हां अम्मी इसमें हर्ज़ क्या है ? मुझे अच्छा लगता है इसलिए मैं देखती हूँ। 
  • शाबाश बेटी आज तूने मेरे मन का काम कर दिया। दरअसल मेरी बहन की बेटी अपने ससुर का लण्ड पकड़ती है।  एक दिन वह मेरे घर आयी बोली  खाला तेरी बेटी क्या अपने ससुर का लण्ड पकड़ती है ? मैंने कहा नहीं वो नहीं पकड़ती है ? वह बोली कैसे पकड़ेगी बहन चोद वो तो पुराने खायलात की लड़की है।  गाँव की लड़की जैसी है।  मुझसे बहुत पिछड़ गयी है।  आजकल लडकिया सबके लण्ड पकड़ती है खाला और सबसे चुदवाती है।  तेरी बेटी अभी तक अपने ससुर का लण्ड तक पकड़ नहीं पाई ?
  • अच्छा ये बताओ अम्मी क्या वह अपने ससुर से अपनी माँ चुदवाती है ?
  • नहीं बेटी नहीं वो माँ तो नहीं चुदवाती अपने ससुर से मैं यह बात अच्छी तरह जानती हुँ.
  • आज मैं अपने ससुर से चुदवाऊँगी अपनी माँ का भोसड़ा ? तब तो वह मानेगी बुर चोदी की मैं उसके आगे हूँ ?   
  • हां बेटी मान तो जाएगी वो पर तू माँ का भोसड़ा चुदवायेगी,  ये कैसे होगा ?
  • तुम देखती जाओ अभी यहीँ होगा सब कुछ, अम्मी ? 
फिर मैंने कहा की एक एक पैग दारूऔर बना के लाओ न अम्मी।  वह अंदर चली गयी।  जब वह वापस आयी तो देखा की मैं ससुर का लण्ड पकड़ कर हिला रही हूँ।  मुझे देख वह बोली हाय दईया कितना प्यारा लौड़ा है तेरे ससुर का बेटी ? कितना मस्त लौड़ा है बहन चोद मुस्कान ? मेरे मुह में तो पानी आ गया बेटी।  अब मैं दारू नहीं लण्ड पीयूंगी बेटी ? मैंने लौड़ा दिखा कर कहा लो न अम्मी ये तेरे ही लिए है ? अम्मी ने उसे पकड़ा और चाटने लगी लण्ड ? मैं घूम कर आयी और एक एक करके सारे कपडे अम्मी के उतार दिया।  उसका भोसड़ा दिखा कर ससुर से बोली ले भोसड़े के देख ले मेरी अम्मी का भोसड़ा इसे तुझे आज यहीं चोदना है।  अम्मी ने कहा मुस्कान ज़रा पकड़ लौड़ा।  मैंने पकड़ लिया तब अम्मी घूमकर मेरे सारे कपडे उतार दिया ? मैं भी सबके सामने नंगी हो गयी।  मैंने कहा ससुर भोसड़ी के अब चोदो न मेरी माँ का भोसड़ा ? ससुर नशे में था ही चढ़ बैठा साला मेरी अम्मी के भोसड़ा पे ? घुसे दिया गप्प से अपना लौड़ा उसके भोसड़ा में ? मैं भी नीचे लेट गयी और अपनी माँ चुदवाते हुए बीच बीच में लण्ड चाटने लगी। थोड़ी देर में वह अम्मी का भोसड़ा पीछे से चोदने लगा।  फिर अम्मी ने उसके लण्ड पर बैठ कर चुदवाया। 
तब तक मेरी नन्द का फोन आ गया। 
वह बोली :- मुस्कान भाभी अपने ससुर से अपनी माँ का भोसड़ा चदुवा रही हो ?
मैंने कहा :- जैसे तू अपने ससुर से अपनी माँ का भोसड़ा चुदवाती है वैसे मैं भी अपनी माँ चुदवा रही हूँ।
वह बोली :- अब तू जल्दी आ जा भाभी ? कल मेरी नन्द का असुर आ रहा है मेरी माँ चोदने और साथ साथ उसने कहा है की मैं तेरी भाभी की बुर भी चोदूंगा ? बोलो मुस्कान भाभी आओगी न अपनी बुर चुदवाने ?
मैंने कहा :- मैं चुदवाने के लिए हर जगह चली जाती हूँ।  तू चिंता न कर मैं आ जाऊँगी अपनी सास का भोसड़ा चुदाने ?
मैं उससे बात करने के बाद फिर माँ चुदाने लगी।
०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=० समाप्त
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