Friday, August 15, 2014

कहानी पढ़ के माँ चुदाने लगी

जी हां यह बात बिलकुल सच है की मैं कहानियां पढ़ पढ़ कर माँ चुदाने लगी हूँ। एक दिन मैं नेट पर पैठ कर इधर उधर कुछ ढूंढ रही थी तो मेरे
हाथ "chulbuleblogs" की कहानियां लग गयी। मैंने एक कहानी पढ़ी तो मेरी चूत गरम हो गयी।  मेरे तन बदन में आग लग गयी।  दूसरी कहानी पढ़ी तो मेरे कपडे उत्तर गये मैं एक दम नंगी हो गयी।  कमरे के दरवाजे खिड़की सब बंद कर लिया था।  ये सारी कहानियां माँ चुदाने वाली थी।  तीसरी कहानी पढ़ी तो बाप रे बाप वह इतनी गरम थी मेरी उंगलियां मेरी चूत में घुस गयी ? मैं भी माँ चुदाने के बारे में सोंचने लगी।  मैं जानती थी की ये सब काल्पनिक कहानियां है लेकिन पढ़ने पर ऐसा लग रहा था की ये सब मेरी आँखों के सामने हो रहा है। मैं अपनी माँ चुदा रही हूँ , माँ का भोसड़ा चुदा रही हूँ और माँ मेरी बुर चुदा रही है।  मैं मस्त होती जा रही थी। मेरी चुदाने की इच्छा बढ़ती जा रही थी ? लण्ड पीने और चाटने की इच्छा बढती जा रही थी। मैं हर रोज़ "chulbuleblogs" की कहानियां पढ़ने लगी और लिखने वाले को गालियां देने लगी की भोसड़ी वाला इतनी गरम कहानियां क्यों लिखता है माँ का लौड़ा ? बहन चोद जब तू लिखता होगा तो तेरे लण्ड का क्या हाल होता होगा ? और अगर तू लिखती होगी तो मेरी तरह तेरी भी चूत जल रही होगी बुर चोदी ? तू तो भोसड़ी वाली कहीं चुदवा लेती होगी पर मैं कहाँ जाऊं अपनी बुर चुदवाने और कहाँ जाऊं अपनी माँ का भोसड़ा चुदवाने ? यही सब खायलात मेरे मन में आते रहते है जब मैं कहानी पढ़ती हूँ पर ऐसा कोई दिन नहीं होता जब मैं ३/४ कहानी न पढूं ? बिना पढ़े न मैं रह सकती हूँ और न मेरी चूत ?
मैं उस समय २२ साल की थी ।  इसी तरह मैं हर रोज़ कमरे का दरवाजा खिड़की बंद करके और अपने सारे कपडे उतार कर कहानियां पढ़ने लगी।
दोस्तों, मैं वाकई कहानी पढ़ते पढ़ते एक दिन माँ चुदाने लगी अपनी ? ये सब कैसे हुआ, मैं आपको सुनाती हूँ :-
मेरा नाम सबा है और मेरी अम्मी का सायरा। हम दोनों के पास लैपटॉप है ? हम दोनों अलग अलग लैपटॉप इस्तेमाल करती है।  मैंने जब "chulbuleblogs" की कहानियां पढनी शुरू की तो मुझे खूब मज़ा आने लगा ? दिन हो चाहे रात मुझे जब भी मौका मिलता, मैं पढ़ने लगती हूँ कहानियां ? कहानियां पढ़ने में दरवाजा बंद करने की जरुरत नहीं लेकिन जब कहानी गर्म है और मुझे चूंची दबानी है और चूत सहलानी है तो दरवाजा बंद करना ही पढता है।
एक दिन मैं जब कमरे के बाहर आयी तो अम्मी के लैपटॉप पर नज़र पड़ी।  अम्मी बाथ रूम गयी थी मैं लेपटोप के नजदीक गयी तो देखा की "chulbuleblogs" की माँ चुदाने की कहानी "अपनी माँ चुदवाती है मेरी बेटी" खुली हुई है। मैं समझ गयी की अम्मी भी वही कहानियां पढ़ती है जो मैं पढ़ती हूँ। अम्मी के वापस आते ही मैं वहां से भाग आयी। थोड़ी देर में मैं चुपके से फिर निकली तो देखा की अम्मी के कमरे की खिड़की खुली है।  मैं चुपके से झाँकने लगी।  मैंने देखा की अम्मी भी अपना भोसड़ा सहला रही है और चूंची दबा रही है। मैंने पहली बार अम्मी का भोसड़ा देखा ? अपनी दोनों टांगें फैलाये कहानी पढ़ने में मस्त थी। उसकी मस्त चूंचियां तनी हुई थी। 
                                       "वह कहानी थी जिसमे बेटी अपनी माँ चुदवाती है और माँ अपनी बेटी चुदवाती है"
                               "कहानी पढ़कर जैसे मैं अपनी माँ चुदाना चाहती हूँ वैसे ही अम्मी भी अपनी बेटी चुदाना चाहती होगी" 
अब मैं इस तरह का तमाशा कई दिनों तक देखती रही। उसके बाद अम्मी मुझसे बड़े प्यार से बातें करने लगी।  कभी कभी हंसी मजाक भी करने लगी ।  कभी कभी मेरे सामने किसी और को गाली भी देने लगी।  इधर मैं भी कुछ करना चाहती थी जिससे यह मालूम हो की मैं माँ चुदाना चाहती हूँ। एक दिन मैंने भी दरवाजा खोल कर लैपटॉप पर माँ चुदाने की कहानी खोल ली और अम्मी से कहा अम्मी मेरी जींस नहीं मिल रही है कहाँ रखा उसे तुमने ? वह बोली मैं अभी आती हूँ।  वह कमरे में आ गयी और मैं बहाने से बाथ रूम चली गयी।  जब वापस आ रही थी तो मैंने देखा की अम्मी माँ चुदाने की कहानी पढ़ने लगी। मैं जब अंदर आयी तो वह मुस्कराकर बोली  सबा तू लैपटॉप खोल कर न जाया कर इसे कोई और पढ़ लेता तो ,,,,,,,,,,,,,,,,? वैसे यह कहानी बड़ी मस्त है ? इसी तरह की और कहानियां है इसमें ? वह मुस्कराती हुई चली गयी।
दूसरे दिन मैंने अम्मी को फोन पर बात करते हुए सुना - अम्मी बोल रही थी :-
हाय अल्ला, तू ज़ाहिरा भोसड़ी वाली अभी तक अपनी माँ नहीं चुदवा सकी ,,,,,,,,,,,,,,,,? क्या कर रही है तू गांड मरा रही है क्या ,,,,,,,,? अच्छा चुदाने लगी हो अपनी माँ का भोसड़ा ? खूब चुदाओ बड़ा मज़ा आएगा तुझे ,,,,,,,,,,,? अरे उसकी की तो मैं माँ चोद दूँगी किसी दिन ,,,,,,,,? हां वो तो लण्ड खूब चूसती है बुर चोदी,,,,,,,,,,,,,,,,, वाओ, तेरी माँ तेरी बुर चुदवाती है, वाह क्या बात है  ,,,,,,,, ? फिर क्या तू तो बड़ी नसीबवाली है ,,,,,,,, हा मैं चुदवाऊँगी अपनी बेटी ,,,,,,,,,,? अरे यार किसी दिन हो जायेगा न ,,,,,,,,,,,,,, ? मेरी बेटी भी चुदाने लगेगी अपनी माँ ,,,,,,,,,,,,,? कोई बात नहीं, थोड़ा सब्र कर ले ,,,,,,,, क्या उसकी बहन की बुर  ,,,,,,,,,,,? मैं उसकी गांड में भूसा भर दूँगी ,,,,,,,,,,,,,?  हां यार मेरी बेटी भी लण्ड पीती है ,,,,,,,,,,,,,,? उसका अब्बा बेटी चोद बड़ा हरामी है मगर उसका लौड़ा बड़ा मस्त है,,,,,,,,,,,,,,,,, हां उससे कहो जब चाहे तब चोद ले मेरा भोसड़ा ,,,,,,?  ओ के ,,,?
  • अम्मी ने फोन बंद किया और जैसे ही वह पीछे मुड़ी तो मुस्कराकर बोली हाय सबा तूने बुर चोदी मेरे बातें सुन लीं ?
  • मैंने कहा - हां अम्मी मैंने सब बातें सुन ली। 
  • तो तू जान गयी की ज़ाहिरा अपनी माँ चुदवाती है ?
  • हां जान गयी हूँ और मैं यह भी जान गयी हूँ की उसकी माँ अपनी बेटी चुदवाती है। 
  • हाय दईया, तो तू सब कुछ जान गयी है भोसड़ी वाली ? 
  • हां मैं सब कुछ जान गयी हूँ बहन चोद ?
  • तो बता कहानियों में क्या लिखा है जो तू पढ़ रही थी उस दिन ?
  • उस कहानी में लड़की अपनी माँ चुदवाती है और फिर माँ अपनी बेटी चुदवाती है।
  • तो तूने कभी चुदवाई अपनी माँ, भोसड़ी वाली ?
  • मुझे तो मालूम ही नहीं था की कैसे चुदवाई जाती है माँ ? लेकिन कहानियों से मैं सब कुछ जान गयी हूँ अम्मी ?
  • तो फिर अब तू पहले अपनी माँ चुदा भोसड़ी की सबा ? और वैसे ही चुदा अपनी माँ जैसे कहानी में लड़की अपनी माँ चुदवाती है।  
दूसरे दिन जब मैं घर आयी तो अम्मी के कमरे से कुछ सुगबुगाहट हो रही थी।  मैं खिड़की से झाँकने लगी।  मैंने देखा की अम्मी किसी अंकल के पैजामे के अंदर हाथ डाल कर उसका लण्ड सहला रही है और बातें भी कर रही है
अम्मी बोली - हसरत आज तेरा लौड़ा कुछ ज्यादा ही मोटा लग रहा है बहन चोद ?
वह बोला :- अरे सायरा भाभी जब तुम मेरे लण्ड पकड़ती हो न तब ये साल फूल कर कुप्पा हो जाता है।
अम्मी बोली :- हसरत सुना है की तू लड़कियां कम और लड़कियों की माँ ज्यादा चोदता है ?
वह बोला :- नहीं भाभी बात यह है की जो लड़की मेरा लण्ड पकड़ती है वही कहती है की अंकल मेरी माँ का भोसड़ा चोदो क्योंकि तेरा लौड़ा इतना बड़ा है की मेरी माँ को इससे चुदाने में बड़ा मज़ा आएगा ? बस वे मुझे अपनी माँ चुदाने ले जाती है। 
तब मैं बड़ी बेशर्मी से कमरे के अंदर घुस गयी और बोली तो फिर भोसड़ी के अंकल तुझे लण्ड मुझे पकड़ाना चाहिए ? तूने सीधे मेरी अम्मी को पकड़ा दिया लण्ड ? आ इधर भोसड़ी का मेरे पास ? लड़की को अभी तक लण्ड दिखाया तक नहीं और उसकी माँ को पकड़ा दिया लण्ड ? उससे गन्दी गन्दी बातें कर रहा है तू बेटी चोद ? अंकल थोड़ा सकपका गया।  तब तक अम्मी बोली अरे ये सबा है मेरी बेटी ? बड़ी मस्त है, जवान है, खूबसूरत है और सेक्सी है। हसरत लो तुम पहले इसे पकड़ाओ लण्ड मैं तब तक बाथ रूम से आती हूँ।
जब अम्मी वापस आयी तब तक मैं अंकल को बिलकुल नंगा करके उसका लण्ड चाटने लगी थी ।  तब अम्मी ने मेरे एक एक करके सारे कपडे उतार दिया ।  मैं मादर चोद नंगी हुई तो मस्ती मेरे सर पर चढ़ गयी, मैं और तेजी से लण्ड चाटने लगी। थोड़ी देर में लण्ड अम्मी को पकड़ा कर मैं उसके कपडे उतारने लगी। वह भी निः वस्त्र हो गयी। अब हम दोनों मिलकर लण्ड चाटने लगी।  थोड़ी देर में मैंने लण्ड अम्मी के भोसड़ा में टिका दिया और अंकल की गांड पर एक धक्का दिया।  लण्ड घुस गया माँ के भोसड़ा में और फिर अंकल चोदने लगा ? मैं चुदवाने लगी अपनी माँ का भोसड़ा ? अंकल की कमर पकड़ कर बार बार लण्ड अम्मी के भोसड़ा में पेल रही थी।  मैं उसी तरह माँ चुदाने लगी जिस तरह उस कहानी में वो लड़की अपनी माँ चुदा रही थी।  अम्मी बड़ी खुश हो रही थी। मैं अंकल के पेल्हड़ सहलाने लगी ? आज पहली बार माँ चुदा रही हूँ मैं अपनी ?
अम्मी बोली :- हाय सबा, तू बुर चोदी, अपनी माँ का भोसड़ा चुदा रही है ?
मैं बोली :- हां मैं अपनी माँ भोसड़ा चुदा रही हूँ तो तेरी गां
ड में क्यों जलन हो रही है माँ की लौड़ी ?
हम तीनो ठहाका लगा र,हंसने लगी। अंकल के जाने के बाद हम दोनों ने खूब नहाया और फिर खाना खाकर बैठी ही थी की मेरी एक दोस्त नाज़ आ गयी।
वह बोली  :- हाय सबा, आज तू बड़ी खुश नज़र आ रही है ?
मेरे बोलने के पहले ही मेरी अम्मी बोली :- अरे सुनो नाज़, आज सबा ने पहली बार अपनी माँ का भोसड़ा चुदाया है इसलिए वह खुश है ?
नाज़ बोली :- वाओ, आंटी मैं जानती हूँ की माँ चुदाने में कितनी ख़ुशी होती है ? मैंने भी जब पहली बार अपनी माँ चुदवाई थी तो हुत खुश हुई थी।
मैं बोली :- तो अब क्या तू खुश नहीं है ?
नाज़ बोली :- नहीं ऐसा नहीं है यार?  मैं भी बहुत खुश हूँ लेकिन मेरी अम्मी मुझसे ज्यादा खुश है क्योंकि वह आजकल अब अपनी बेटी की बुर खूब चुदवा रही है। कल भी चुदवाया था और आज भी चुदवायेगी ?
तब मेरी अम्मी बोली :- तेरी माँ का भोसड़ा नाज़ ? मैं भी चुदवा सकती हूँ अपनी बेटी ? 
दूसरे दिन शाम को जब अम्मी घर आयी तो उसके साथ दो आदमी थे। अम्मी ने मुझे बुलाया और देखो ये है भोसड़ी का साहिद और ये है मादर चोद वज़ीर ? दोनों ही मेरे बॉय फ्रेंड्स है ? वह फिर और सुनो शाहिद और वज़ीर ये है मेरी बुर चोदी बेटी सबा ? बड़ी सेक्सी है और बड़ी मुंह फट है ? बेटी ज़रा ड्रिंक्स बनाकर लाओ और अपने अंकल को पिलाओ ? मैं जब ड्रिंक्स बनाकर लाई तो मैंने देखा की मेरी अम्मी उन दोनों का लण्ड चाट रही है।  मुझे देखते ही बोली बेटी अब तुम लण्ड चाटो  मैं ड्रिंक्स बनाती हूँ।  मुझे बताओ की तुम कौन सा लण्ड अपनी माँ के भोसड़ा में पेलोगी और कौन सा लण्ड अपनी चूत में ? मैं बड़ी बेशर्मी से दोनों लण्ड पकड़ कर चूसने लगी। फिर मैं बोली अम्मी मैं दोनों लण्ड अपनी माँ के भोसड़ा में पेलूँगी ? मैं दोनों से चुदवाऊँगी अपनी माँ और माँ का भोसड़ा ? मैं कहानी पढ़ कर इतनी प्रभावित हो गयी की माँ चुदाने के लिए बड़ी बेताब हो गयी। मैं दोनों लण्ड पकड़ कर चाटने चूसने लगी और जब अम्मी वापस आयी तो मैंने उसका भोसड़ा खोला और एक लण्ड घुसा दिया।  लौड़ा जब पूरा घुसा और अंकल भकाभक चोदने लगे तो मुझे बड़ा अच्छा लगा।  मैंने दूसरा लण्ड उसके मुंह में घुसेड़ दिया।  मैं  पेल्हड़ सहलाने लगी।  अम्मी जब लण्ड अदल बदल  कर खूब मस्ती से चुदवा लोइया और झड़ते हुए लण्ड हम दोनों ने चाटे तो उन दोनों को जाने नहीं दिया।  वह बोली आज मैं अपनी बेटी की बुर  जरूर चुदवाऊँगी।  वे दोनों नंगे नंगे खाना खा कर थड़ा आर्म करने लगे इधर मैं भी नंगी नंगी खाना खा कर अम्मी से बातें करने लगी।  
थोड़ी देर में ज़ाहिारा की माँ मुमताज़ आ गयी।  मैं तो नंगी ही बैठी थी और अम्मी ने उसे अंदर बुला लिओया।  अम्मी ने फिर अपनी साल उतार दी तो वह भी नंगी हो गयी मुमताज़ आंटी के आगे।
आंटी बोली :- हाय सायरा तू बहन चोद नंगी क्यों है ? क्या हो रहा था यहाँ मुझे भी बताओ न ?
तब तक मैं नंगी नंगी उसके सामने आ गयी।
मुझे देखते ही वह बोली  :- हाय अल्ला, कोई बहुत बड़ी पार्टी हो रही है क्या ? किसी की बुर चुद रही है की भोसड़ा सबा ?
मैंने कहा :- हां आंटी आज मैं अपनी माँ का भोसड़ा चुदा रही हूँ।
वह बोली :- वाओ, तो तुम भी बिलकुल मेरी बेटी ज़ाहिरा की तरह अपनी माँ चुदवाती हो ?
मैं बोली :- अरे आंटी मैंने ज़ाहिरा से ही सीखा है माँ चुदाना ?
आंटी बोली :- तम जानती हो की ज़ाहिरा ने कहाँ से सीखा है माँ चुदाना ? उसने "चुलबुलेब्लोग्स" से सीखा है माँ चुदाना ? वह सेक्स की कहानियां खूब पढ़ती है। रात को दो दो बजे तक कहानियां पढ़ती रहती है बुर चोदी ? जिस कहानी का असर उस पर होता है वही वह करने लगाती है।  पहले एक कहानी थी "सहेली के मियां से चुदवाया" ज़ाहिरा वह कहानी पढ़कर इतनी मस्त हुई की उसने अपनी सहेली को बुलाया और कहाँ मैं तेरे मियां से चुदवाऊँगी ? उसकी सहेली मान और फिर ज़ाहिरा ने उसके सामने ही उसके मियां से खूब जम कर चुदवाया ? ऐसे ही जब उसने माँ चुदाने कहानियां पढ़ी तो एक दिन मुझसे बोली अम्मी मैं आज अपनी माँ का भोसड़ा चुदवाऊँगी।  मैं दो सेकण्ड को रुक गयी  फिर बोली ठीक है तू चुदवा ले अपनी माँ ?  रात को वह दो अंकल को लेकर मेरे कमरे में आ गयी और उनके लण्ड पकड़ कर बोली अम्मी यही दोनों लण्ड है जिन्हे आज घुसेड़ घुसेड़ कर मैं अपनी माँ का भोसड़ा चुदवाऊँगी। मैं भी जोश में आ गयी।  मैंने अपना भोसड़ा दिखाते हुए कहा ले चुदवा ले अपनी माँ का भोसड़ा बुर चोदी ज़ाहिरा ? बस उस दिन उसने मेरा भोसड़ा बड़े मन से चुदवाया ?
अम्मी बोली :- यार मुमताज़ इसी तरह मेरी बेटी ने भी अपनी माँ का भोसड़ा चदुवाया है।  पर अब मैं उसकी बुर चुदवाऊँगी।
आंटी बोली :- हां जरूर चोदो , मैं तुम्हारी हेल्प करूंगी उसकी बुर चुदवाने में ?
इस तरह फिर शाहिद और वज़ीर दोनों अंकल मुझे चोद कर गये ।  

०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०  समाप्त 
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