
इतने में पीछे से एक आवाज़ आयी नहीं छोटी भाभी, इसकी कोई जरुरत नहीं है बड़ी भाभी की बुर में लण्ड मैंने ही पेला था ? मैं जब उस दिन नीचे उतरा तो देखा की भाभी बड़े मजे से किसी का लण्ड चाट रही है ? उसको लण्ड चाटते हुए देख कर और उसकी मस्तानी बुर देख कर मेरा लण्ड खड़ा हो गया फिर मैं अपने आपको रोक यही पाया और उसकी बुर पीछे से चोदने लगा ? चूंकि मैं बड़ी भाभी को पहली बार चोद रहा हा और उसकी बुर मुझे बड़ा मज़ा दे रही थी, मैं यह ही समझ गया की भाभी को भी मज़ा आ रहा है, इसलिए मैं जल्दी जल्दी चोदने लगा और फिर एकदम से खलास हो गया ? बस खलास होते मैं भाग खड़ा हुआ ? तो छोटो भाभी, अब तुम जो सज़ा मुझे देना चाहो वो दे दो ? मैंने मुड़ कर देखा तो वह असद था हमारा मुंह बोला देवर जो पड़ोस के घर में रहता है और हमारे घर में घर की तरह आता जाता रहता है ? मैंने कहा असद अगर तू बता देता की मैं चोद रहा हूँ भाभी तो तेरी क्या गांड फट जाती ? तेरी क्या माँ चुद जाती साले ? वह बोला अरे भाभी यह सब बताने का समय कहाँ था ?
लण्ड जब बुर के सामने होता है तो वह न तो बोलता है और न किसी को बोलने देता है, वो तो सीधे घुस जाता है अंदर
मैंने कहा अब तेरी सज़ा यह है की तू मेरी जेठानी की बुर इसी समय सबके सामने चोद कर दिखा ? तेरा लण्ड इतना बढ़िया है की जेठानी को दुबारा चुदाने में ज्यादा मज़ा आएगा ? लेकिन चोदने के पहले मैं तेरा लण्ड पकड़ कर देखूँगी। अचानक मेरा मियां और मेरा देवर किसी काम से बाहर चले गए। बाकी लोग बैठे रहे ? ऐसा कह कर मैंने उसकी लुंगी में हाथ घुसेड़ दिया और उसका लण्ड पकड़ कर अंदर ही अंदर मसलने लगी। वह बोला भाभी तूने तो मेरी लुंगी में हाथ घुसा दिया ? मैं बोली अभी तो मैं लण्ड तेरी गांड में घुसा दूँगी,
सब लोग हंस पड़े।
फिर मैंने लुंगी खोल कर फेंक दी तो लौड़ा टन टनाता हुआ सबके सामने आ गया। मैं बोली वाओ, बाप रे बाप इतना बड़ा लण्ड ? इतना मोटा लण्ड ? तू तो मेरी माँ का भोसड़ा चोद देगा बहन चोद ? अच्छा हां तभी तो मेरी जेठानी को मज़ा आ रहा था चुदवाने में ? जेठानी की चूत खुली हुई थी। मैं उसका लण्ड पकड़ कर उसके पास ले गयी और उसे जेठानी की बुर में घुसा दिया। वह बोली हाय मेरी देवरानी बड़ा बढ़िया लण्ड पेला है तूने मेरी बुर में ? बस वह चुदवाने लगी और मैं आगे बढ़ गयी। मैंने ससुर की लुंगी में हाथ डाल दिया और कहा भोसड़ी के अपनी बहू चुदा रहा है तू माँ का लौड़ा ? मेरी गाली सुनकर उसका लौड़ा फनफनाकर कर खड़ा हो गया और मैंने उसको नंगा कर दिया। उसका लण्ड चाटने लगी मैं ? तब तक मेरी सास आ गयी कमरे में। उसने चोदा चोदी देखी तो उसका भोसड़ा मचल उठा। वह आगे बढ़ी और मेरे नंदोई का लौड़ा पकड़ कर हिलाने लगी।
तब तक मेरी नन्द भी आ गयी । वह बोली हाय मेरी अम्मी तू भोसड़ी की बड़ी हरामजादी है ? मेरे ही मियां का लण्ड पकड़ कर चूस रही है माँ की लौड़ी ? उसकी अम्मी बोली तेरी माँ का भोसड़ा मेरी बेटी ? तू भी तो मेरे मियां का लौड़ा चूसती है बुर चोदी ? नन्द बोली हां हां चुदवा ले मेरे मियां से, मैं जानती हूँ की तुझे उसका लौड़ा बड़ा अच्छा लगता है ? फिर मेरी नन्द घूमी अपने खालू का लण्ड पकड़ लिया। खालू वही बैठा था मादर चोद ? खालू का लौड़ा बाहर निकला तो हम सब देख कर मज़ा लेने लगी।
अब महफ़िल में मैं अपने ससुर से चुदवाने लगी, जेठानी असद से चुदवाने लगी, मेरी सास मेरे नंदोई से चुदवाने लगी और मेरी नन्द अपने खालू से चुदवाने लगी। हम चारों खुल्लम खुल्ला मस्ती से पराये मर्दों के लण्ड का मज़ा लूटने लगी।
ससुर का लण्ड तो मैं पहले पकड़ चुकी थी। लेकिन आज मुझे कुछ ज्यादा ही मोटा लग रहा है और कड़क लग रहा है। मैंने उसके कान में कहा भोसड़ी के आज तेरा लौड़ा पगला गया है क्या बहन चोद ? देखो आज तो बिलकुल लोहे की तरह सख्त हो गया है मोटा भी हो गया है - मैं तेरी जेठानी की बुर देख कर बड़ा मस्त हो रहा हूँ - क्यों क्या इसके पहले उसकी बुर नहीं देखी - नहीं यार नहीं देखा छोटी बहू, हा अँधेरे में जरूर पेला है लौड़ा उसकी बुर में कई बार - तू मादर चोद अँधेरे में खूब चोदता है बुर ऐसा क्यों ? - लण्ड को बुर का दरवाजा अँधेरे में दिख जाता है फिर उजाले की क्या जरुरत है - हा मुझे भी दिखा था तेरा लण्ड पहली बार उस दिन चांदनी रात में छत पर ? -- हा हां बिलकुल वो तो बहुत बढ़िया दिन था - मैं ऊपर किसी काम से गयी थी। तब मैंने देखा तू बहन चोद एकदम नंगा अपनी दोनों टांगें फैलाकर लेटा हुआ है और तेरा टन टना रहा है आसमान टाक रहा है तेरा लौड़ा ? मेरी एक नज़र पड़ी तो मेरी चूत बालबाला उठी वह बोली अब मैं यही लण्ड अपने अंदर लूंगी। मेरे बदन में आग लग गयी , मैं भूल गए तू मेरा ससुर है ? मुझे तो, सच बताऊँ, खड़ा लण्ड देख कर कोई नाता रिस्ता याद नहीं रहता ? बस मैं बड़ी बेशरम हो जाती हूँ सीधे सीधे लण्ड पर अटैक कर देती हूँ। वही हुआ उस दिन मैं इ हाथ बढ़ा कर फ़ौरन पकड़ लिया तेरा लण्ड ? तू भी भोसड़ी का उत्तेजित हो गया और मेरी चूंची दबाने लगा ?
मैं समझ गयी की आज मेरा ससुर अपनी बहू की बुर चोदेगा ?
और यह भी समझ गयी की आज बहू अपने ससुर का लण्ड अपनी बुर में पेलेगी ?
मुझे तेरा लण्ड पसंद आ गया और तुझे मेरी चूत ? बस तू चोदने लगा मुझे भकाभक और मैं चुदवाने लगी तुमसे भकाभक - हां मेरी छोटी बहू तू तो चुदवाने में बड़ी मस्त है, इतने लण्ड खा कर भी तेरी चूत एकदम टाईट बनी हुई है - हां बिलकुल मेरी चूत चोदने में लोगों की गांड फट जाती है, अभी कल ही तेरा दोस्त जब मुझे चोदने लगा तो उसे अपना लौड़ा घुसेड़ने में ही पसीना आ गया और जब बार बार लण्ड अंदर बाहर करने लगा तो वह खुद ही चिल्लाने लगा बोला हाय रे इतनी टाईट चूत है तेरी की मेरे लण्ड की ऐसी की तैसी हो रही है ? मैंने कहा सीधे सीधे कहो तेरी माँ चुद रही है साले ? वह बोला हां यार माँ तो चुद रही है मेरी लेकिन आज मैं तुझे चोद कर ही जाऊंगा ? बस मादर चोद मेरे खलास होने के पहले ही खुद खलास हो गया भोसड़ी वाला और भाग खड़ा हुआ - लेकिन मैं नहीं भागूंगा छोटी बहू मैं तो तुझे खलास करके ही डैम लूंगा - हां मैं जानती हूँ तुझे और तेरे लण्ड को भी ? तू तो बड़ा हरामी चोदू है गांडू कहीं का ?
बस मैं फिर बड़े जोर जोरे से चुदवाने लगी। उधर मेरी सास अपने दामाद से धकाधक चुदवाये चली जा रही थी और उसके सामने मेरी नन्द बुर चोदी धक्के पे धक्का लगवा रही थी। और मेरी जेठानी तो इतनी मस्त थी चुदवाने में उसे यह ख्याल ही नहीं रहा की अब असद नहीं बल्कि असद का दोस्त उसकी बुर चोद रहा है। मेरी जेठानी भोसड़ी की अक्सर आँख बंद कर के चुदवाती है। थोड़ी देर में जब मेरा ससुर झड़ा तो मैं उसका लण्ड पीने लगी, मेरी नन्द अपने खालू का लण्ड पीने लगी, मेरी सास अपनी बेटी के मियां का लण्ड पीने लगी और जेठानी असद के दोस्त का लण्ड ?
चुदाई के बाद सब लोग नंगे नंगे ही घर भर में घुमते रहे। करीं डेढ़ दो घंटे के बाद फिर महफ़िल जम गयी। इस बार मैं असद के दोस्त का लण्ड सहलाने लगी, जेठानी ने लपक कर अपने ससुर का लण्ड पकड़ लिया, मेरी सास ने अपने जीजा का लण्ड पकड़ लिया और मेरी नन्द अपने मामू का लण्ड हिलाने लगी। , उसका मियां जा और उसी समय उसका मामू आ गया। मुझे मालूम हुआ की उसके मामू का लौड़ा भी बड़ा जबरदस्त है। जब मेरी नन्द उसका लौड़ा हिलाने लगी तो मैं उसे बड़े गौर से देख रही थी। मेरी नन्द अपने मामू से बात करने लगी।
- भोसड़ी के मामू इतने दिनों के बाद आया है तू माँ का लौड़ा ? इतने दिनों से कहाँ गांड मरा रहा था तू अपनी ? (मामू बहन चोद मेरी नन्द से सिर्फ दो साल ही बड़ा था )
- गांड मरा नहीं था यार ? गांड मार रहा था ?
- किसकी गांड मार रहा था तू ?
- तेरी नन्द की गांड मार रहा था ? हां मैं तेरी ससुराल पहुँच गया । मेरा मन तेरी सास का भोसड़ा चोदने का था लेकिन वह घर पर नहीं थी और फिर बात बात में ही तेरी नन्द ने मेरा लण्ड पकड़ लिया ? उसने कहा यार पहले मेरी गांड मारो बाद में मेरी बुर चोदना ? मुझे गांड मराने का बड़ा शौक है तो मैं उसकी गांड मारने लगा ?
- तो बाद में उसकी बुर चोदी की नहीं तूने ?
- हां चोदी न उसकी बुर ? और फिर उसकी अम्मी भी आ गयी तब उसका भी चोदा भोसड़ा ?
- मैंने पूंछा - तुम कबसे असद को जानते हो ?
- मैं बचपन से जानता हूँ। हम दोनों साथ साथ पढ़े है खेले है कूदें है
- तो फिर साथ साथ लड़कियां भी चोदते होगे ?
- हां बिलकुल ? जो लड़की मैं चोदता हूँ वह लड़की असद भी चोदता है और जो लड़की वह चोदता है उसे मैं भी चोदता हूँ ?
- तो फिर अपनी अपनी बीवियों के साथ क्या करते हो भोसड़ी के ?
- यही करता हूँ यार ? वह मेरी बीवी चोदता है और मैं उसकी बीवी चोदता हूँ।
- बीवी के अलावा और किस किस को चोदते हो तुम दोनों ?
- वह मेरी बहन चोदता है और में उसकी बहन चोदता हूँ, वह मेरी भाभी चोदता है और मैं उसकी भाभी चोदता हूँ ?
- तो तुम दोनों फिर एक दूसरे की माँ भी चोदते होगे ?
- हां मैंने एक बार गलती से उसकी माँ चोद ली थी ? मैं समझा की वह मेरी खाला है पर वह थी असद की माँ ? जब लण्ड उसके भोसड में घुसा तब मैंने उसका मुंह देखा और बोला वाओ, आंटी आप ? वह बोली बेटा जब लौड़ा पेल ही दिया है मेरी बुर में तो फिर मजे से चोद लो ? तब मैंने भी मस्ती से चोदा उसकी माँ ? अब उसने मेरी माँ चोदी की नहीं यह मुझे नहीं मालूम ?
- अच्छा अब तू मुझे गांड से जोर से लगा के चोद ?
ऐसे ही एक रात को करीब १० बजे मैं अचानक जेठानी के कमरे में चली गयी। मैंने देखा की जेठानी अपनी चूंचियां खोले हुए बैठी हैं, हां पेटीकोट जरूर पहने है। उसके बगल में एक बड़ा हैंडसम आदमी बैठा है उसकी भी छाती बिलकुल खुली है। घने घने बाल है उसकी छाती पर। उसका पैजामा भी खुला हुआ नीचे पड़ा है और वह बिलकुल नंगा बैठा है। जेठानी हौले हौले उसका लण्ड सहला रही है और लण्ड बिलकुल अज़गर की तरह फूलता जा रहा है। एकदम चिकना बिना झांट का मोटा तगड़ा लण्ड देख कर मेरे मुंह में तो पानी आ गया। मैं ललचा गयी और एकदम से चुदासी हो गयी। मेरा मन हुआ की मैं लौड़ा इसी समय कच्चा चबा जाऊं ? मैं फिर रुकी नहीं और फ़ौरन अंदर कमरे में घुस गयी। मुझे देख कर जेठानी बोली आओ न मेरी बुर चोदी देवरानी ज़रा पकड़ कर देखो इसका लण्ड (वह लण्ड मुझे दिखाती हुई बोली) मैंने कहा हाय रब्बा इतना बड़ा और इतना प्यारा लौड़ा आज मैं पहली बार देख रही हूँ जीजी ? हाय इसका सुपाड़ा तो मेरी जान लिए ले रहा है जीजी ? कौन है ये मादर चोद, जीजी ? पहले क्यों नहीं आया हमें लौड़ा पकड़ाने भोसड़ी का ? जेठानी बोली अरी सुन तो ये है मेरा बहन चोद मामू जान ? मैं अपनी शादी के पहले इसका लौड़ा खूब चूसती थी। मेरी दो सहेलियां भी इसका लण्ड चूसती थी। मैं उन दोनों के मामू के लण्ड चूसती थी इसलिए मैं अपने मामू का लौड़ा उन्हें चुसवाती थी। आज तू इसे चूस कर और चुदवा कर मज़ा ले ले मेरी भोसड़ी की देवरानी। मैंने कहा हाय जीजी तूने तो मेरे मन की बात कह दी है। अच्छा ले तू लौड़ा चाटना शुरू कर मैं ज़रा बाहर होकर आती हूँ। मैं जेठानी के मामू का लण्ड अपने सारे कपडे उतार कर नंगी नंगी चाटने लगी। मामू मेरी चूत चाटने लगा और मेरी चूंची दबाने लगा। मुझे एक नया मज़ा मिलाने लगा।
उसका लौड़ा मेरे लिए बिलकुल नया था। मैं मस्ती में चूर होने लगी। इतने में मेरी नन्द नंगी नगी एक लण्ड हाथ से पकडे हुए मेरे कमरे में आ गयी बोली अरे भाभी अब मुझे पकड़ाओ न बड़ी भाभी के मामू का लण्ड और लो तुम पकड़ो मेरे ससुर का लण्ड ? आज सवेरे ही इसने मेरी माँ का भोसड़ा चोदा है और अब मैं इससे अपनी दोनों भाभियों की बुर चुदवाऊँगी। तुम मेरे ससुर से चुदवाओ मैं मामू से चुदवाती हूँ। मैंने कहा यार थोड़ी देर और रुक जाओ मैं ज़रा ठीक से पी लूँ इसका लण्ड ? फिर मैं तेरे ससुर से चुदवाऊँगी। ऐसा कह कर मैं लण्ड का मुठ्ठ मारने लगी। थोड़ी ही देर में लण्ड ने उगल दिया वीर्य मेरे मुंह में और मैंने अपनी नन्द के सामने ही मामू का लौड़ा खूब चाट चाट कर पिया ?
इतने में जेठानी भी पेटीकोट खोल के एक लण्ड पकडे पकडे कमरे में आ गयी।
उसे देख कर मैं बोल पड़ी - अरे जीजी ये तो माँ का लौड़ा मेरा खालू है ?
वह बोली: - हां तो क्या खालू बुर नहीं चोदता ? उसका लण्ड खड़ा नहीं होता क्या ?
मैं बोली: - नहीं ऐसी बात नहीं जीजी लौड़ा तो इसका बड़ा मस्त है पर यह साला गांडू है जीजी ? यह सबकी गांड मारता है ? इसे गांड मारने का बड़ा शौक है ?
वह बोली: - तो क्या यह बुर नहीं चोदता तेरा खालू ?
मैं बोली :- हां जीजी बुर तो यह अपनी बीवी की भी नहीं चोदता है। ये तो अपनी बीवी की बस गांड मारता है ?
जेठानी बोली : - तो क्या इसकी बीवी बिना चुदाये रहती है ?
मैं बोली :- नहीं जीजी, इसकी बीवी की बुर मेरा अब्बा चोदता है ? इसकी बीवी को मेरे अब्बा का लौड़ा बहुत पसंद है। आये दिन चुदवाया करती है इसकी है बीवी मेरे अब्बा से ? और जब कभी मेरी माँ को गांड मराने की इच्छा होती है तो वह खालू से मरवा लेती है अपनी गांड ?
जेठानी बोली :- चलो आज मैं इससे गांड ही मरवा लेती हूँ।
अब कमरे में मैं नन्द के ससुर से चुदवाने लगी, नन्द जेठानी के मामू से चुदवाने लगी और जेठानी मेरे खालू से गांड मरवाने लगी।
जेठानी झुक कर गांड मरवा रही थी, उसका मुंह ठीक मेरी चूत के पास था जिसमे नन्द के ससुर का लण्ड आ जा रहा था। जेठानी मेरी बुर चुदते हुए बड़ी नजदीकी से देख रही थी। ससुर का लण्ड बार घुसते निकलते देख रही थी। उसने लण्ड चाटना शुरू किया। बीच बीच में लण्ड मेरी बुर से निकाल लेती और फिर चाट लेती ? मुझे भी मज़ा आता नन्द के ससुर को भी और जेठानी को भी। मेरे सामने मेरी नन्द तो रंडी की तरह जेठानी के मामू से चुदवाने में जुटी थी।
मैंने नन्द के ससुर से पूंछा :- भोसड़ी के अंकल तुम तो अपनी बहू की बुर खूब चोदते होगे ?
वह बोला :- नहीं मैं खूब नहीं चोदता हूँ, मेरी बहू ही मुझसे खूब चुदवाती है। रात में जब वह मेरा लौड़ा पकड़ लेती है तो मुझे चोदना ही पड़ता है ?
मैंने कहा :- तेरा लौड़ा तेरी बहू ही पकड़ लेती है की कोई और भी ?
वह बोला :- देखो आजकल का रिवाज़ यह है की अगर तुम्हारा लौड़ा मोटा तगड़ा है तो उसे पकड़ने के लिए सभी दौड़ पड़ती है चाहे वह किसी की बहू हो, किसी की बेटी हो, किसी की बीवी हो, या फिर किसी की माँ हो ? सबको इस तरह के लण्ड से चुदवाने की ख्य्वाहिश होती है ? आजकल बहू, बेटियां, बीवियां सभी बड़ी बेशरम और निर्लज्ज हो गयी है उन्हें किसी का लण्ड पकड़ने में कोई झिझक नहीं होती ? अभी कल ही मैं पड़ोस में गया था तो मेरी पड़ोसन ने बात ही बात में मेरे लण्ड का ज़िकर अपनी बेटी से कर दिया ? उसने बस इतना ही कहा की अंकल का लण्ड बड़ा मस्त है ? बस उसकी लड़की मेरे पीछे पड़ गयी और अपनी माँ के सामने ही बोली अंकल मुझे लण्ड पकड़ाओ ? आज मैं तेरा पियूंगी ? बिना लण्ड पिए मैं तुम्हे जाने नहीं दूँगी। तब पड़ोसन ने मुझे आँख मारी और वह लड़की मेरे कपडे खोल कर मेरा लण्ड पीने लगी।
दूसरे दिन जब मैं अपनी सास के कमरे में गयी तो वह अपनी बेटी के देवर से भकाभक चुदवा रही है और उसकी बेटी यानी मेरी नन्द मेरी सास के देवर से चुदवा रही है। मतलब यह की नन्द अपने ही चचा जान से चुदवाने में मस्त हो रही है। यानी :-
देवर मेरा चूत तुम्हारी - देवर तेरा चूत हमारी
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सूचना -
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