सास का भोसड़ा
हर रोज़ तो चुदवाती है मेरी बुर चोदी सास, अम्मी ? फिर भी उसका मन नहीं भरता ? पता नहीं कितना बड़ा भोसड़ा है बहन चोद उसका, माँ ? वह तो
लण्ड पकड़ने के लिए मर्दों के पीछे पीछे भागा करती है, अम्मी ? लण्ड पकड़ने का कोई भी मौका हाथ से जाने नहीं देती मेरी भोसड़ी वाली मेरी सास ? अभी कल की ही बात है, अम्मी। नेरी नन्द का दोस्त असद आ गया। मेरी सास ने बात करते करते उसकी पैंट के ऊपर से ही उसके लण्ड पर हाथ रख दिया और उसे दबा कर पूंछा तूने मेरी बेटी को कभी अपना लण्ड पकड़ाया की नहीं ? उसने कहा नहीं आंटी अभी नहीं पकड़ाया ? तब सासू बोली अरे क्या कर रही है माँ की लौड़ी मेरी बेटी ? उसने अभी तक तेरा लण्ड नहीं पकड़ा तो फिर जवानी का मज़ा कैसे लेगी वो भोसड़ी वाली ? उसकी माँ की चूत ? आने दो बुर चोदी को मैं समझाऊंगी उसे की लण्ड पकड़ने में देरी न किया करे ? लाओ दिखाओ तो ज़रा मुझे अपना लण्ड ? मैं पूँछूँगी उससे की इतना बढ़िया लण्ड तूने अभी तक क्यों नहीं पकड़ा ? मैं उसकी जगह होती तो अब तक जाने कितनी बार पकड़ चुकी होती तेरा लण्ड और चुदवा चुकी होती बेटा तुमसे ? मैं तो कहती हूँ की तुम कल ही उसे पकड़ाओ अपना लण्ड और पेल दो अपना लौड़ा बहन चोद उसकी बुर में ? तब देखो कितना मज़ा आता है तुम्हे भी और उसे भी ? अरे जवानी में तुम लोग चोदा चोदी नहीं करोगे तो कब करोगे ? मैं इतना जरूर कह सकती हूँ की तुम्हे मेरी बेटी की बुर चोदने में बड़ा मज़ा आएगा बेटा ? एक बार तो चोद कर देखो उसे असद ?
यही कहते कहते मेरी सास ने उसकी पैंट खोल कर लण्ड पकड़ ही लिया ?
मैं चुपचाप खिड़की से सब कुछ देख रही थी। सासू ने धीरे से अपने कपडे खोलने शुरू किये और जब वह बिना कपड़ों के हो गयीं तो असद उसे घूर घूर कर देखने लगा। उसकी निगाह सासू की चूंची और उसके भोसड़ा पर टिक गयी। उधर लण्ड तो टन टना कर खड़ा हो गया। सासू उसे पकड़ कर सहलाने लगी। लण्ड और सख्त होता चला गया।
वह बोली :- हाय रब्बा, देखो तो असद, तेरा लण्ड तो बढ़ता ही जा रहा है ? बिलकुल मर्दों वाला लौड़ा हो गया है तेरा, बेटा ?
अब बताओ इतना बढ़िया लण्ड आजतक नहीं पकड़ा मेरी बेटी ने ? भोसड़ी वाली पता नहीं कहाँ गांड मराया करती है अपनी ? ऐसा कहा और फिर उसने लण्ड का चुम्मा कई बार लिया और उसे पुचकारा ? लण्ड का तनाव बढ़ता गया ? उसका सुपाड़ा फूल गया।
इधर मेरी लार टपक रही थी। मैं चाहती थी की इसे मैं चूसूँ और अपने चूत में पेलूँ ? खैर मैं सब कुछ बैठी बैठी देखती रही। लण्ड एकदम गीला हो गया। असद बोला आंटी मैं मुंह में ही झड़ जाऊंगा ? सासू ने एक बार लण्ड बाहर निकाला और बोली माँ के लौड़े झड़ना हो तो मुंह में ही झड़ जाना लेकिन अब मैं लौड़ा मुंह से नहीं निकालूंगी समझे भोसड़ी वाले असद ? वह जल्दी जल्दी लण्ड चूसने लगी। पीने लगी लण्ड ? सपड़ सपड़, चपर चपर, पच्च पच्च की आवाजें आने लगी। सासू एक हाथ से पेल्हड़ थाम कर लौड़ा पूरा मुंह में घुसा लेती थी। बिना झांट का लौड़ा वाकई बड़ा सुन्दर और तगड़ा लग रहा था। आखिर में असद के लण्ड ने उगल दिया अपना वीर्य सासू के मुंह में ? सासू उसे पूरा का पूरा पी गयी और लण्ड चाट चाट कर एकदम चिकना कर दिया। जाते जाते उससे बोली बेटा किसी दिन आना और मेरा भोसड़ा चोद के जाना ?
मेरी सास है शबाना, मेरी ननद है सारा और मैं हूँ नगमा इस घर की बहू ?
नन्द की चूत
एक दिन इत्तिफ़ाक़ से मैं सासू के साथ शॉपिंग के लिए चली गयी। एक घंटा के बाद सासू बोली नगमा तू घर चली जा मैं अपनी सहेली के घर जा रही हूँ और शाम तक आऊँगी। हां थोड़ी देर भी हो सकती है। मैं वापस घर आ गयी और दरवाजा का ताला खोल कर अपने कमरे में चली गयी। थोड़ी देर बाद निकली तो मुझे अपनी नन्द की आवाज़ सुनायी पड़ी। मैं चुप चाप झाँक कर देखने लगी। मैंने देखा की एक अंकल सोफे पर बैठे है और उसके बगल में बैठी है मेरी नन्द सारा खान ? अंकल तो बड़े गोरे चिट्टे और हैंडसम थे। दोनों की बात चीत हो रही थी तो मैं भी उनकी बातें सुनने लगी ?
यह सुनकर मेरा दिल बाग़ बाग़ हो गया ? मैं सोंचने लगी की मेरी नन्द कितना ख्याल रखती है मेरी चूत का ? सारा ने इंची टेप से लौड़ा नापा तो साला ९" लंबा और ५ १/२" मोटा निकला लण्ड ? मैं जबरदस्त तरीके से ललचा गयी लेकिन मुझे यकीन हो गया की जल्दी ही यह लौड़ा मेरी बुर में घुसेगा ? सारा आवाज़ लगाते हुए ऊपर आने लगी तब तक मैं बाथ रूम में घुस गयी। मैं बोली हां सारा मैं बाथ रूम में हूँ ?
वह बोली :- अरी मेरी बुर चोदी भाभी, बाथ रूम में क्या अपनी झांटें उखाड़ रही है तू बहन चोद ?
मैंने जबाब दिया :- झांटें उखाड़ नहीं रही हूँ, झांटें बना रही हूँ मेरी माँ की लौड़ी सारा ? (मैं तो पहले ही बना चुकी झांटें ये बहाना था उससे कहने का )
वह बोली :- जल्दी से बाहर आ मुझे एक लण्ड तेरी बुर में अभी पेलना है ? जल्दी से आ जा नहीं तो लौड़ा बहन चोद भाग जाएगा ?
मैं सब जानती ही थी। मैं जब बाथ रूम से निकली तो बिलकुल नहाई धोई हुई थी। मैंने पेटीकोट चूंचियों तक बांधे हुआ था और वैसे ही सारा के साथ चल पड़ी। बसीर अंकल ने मुझे देखा तो बड़ी देर तक देखता ही रहा ?
सारा बोली :- देखो भाभी, ये है मेरा बसीर अंकल ? पहले इसी मोहल्ले में रहता था और यहाँ लड़कियों की बुर चोदा करता था। लड़कियों की माँ चोदता था और लोगों की बीवियां चोदता था। लेकिन इसने न मुझे कभी चोदा और न मेरी माँ चोदी ? अब यह दूसरे मोहल्ले में चला गया है और मुझसे मिलने आया है। मैंने बहन चोद इसका लौड़ा पकड़ लिया। देखो न तभी तो बिलकुल नंगा बैठा है मादर चोद ? मैं चुदाने वाली ही थी की मुझे तेरी बुर का ख्याल आ गया भाभी। अब तुम इसका लौड़ा पकड़ो चाटो, चूसो और अपनी बुर में मेरे सामने पेलो। मैं तेरी बुर चुदवाना चाहती हूँ।
मैंने कहा :- अरे यार मैं चुदाऊंगी तो तेरी बुर की आग कैसे बुझेगी ?
वह बोली :- अरे भाभी ये भोसड़ी वाला बहुत बड़ा चोदू है भाभी। ये तो दोनों की बुर एक साथ चोद सकता है ? तुम इसका लौड़ा तो पकड़ के देखो पहले ? बस उसने मेरे पेटीकोट का नाड़ा खींच लिया और मैं बिलकुल नंगी हो गयी। मुझे नंगी द्देख कर अंकल का लौड़ा फनफना उठा। वह खड़ा हो गया और मुझे अपनी तरफ खींच कर चिपका लिया। मेरी चूंची मसलने लगा। मैं उसकी गांड पर हाथ फेरने लगी। उधर सारा नीचे बैठ कर उसका लौड़ा चाटने लगी। थोड़ी देर में सारा उठ खड़ी हुई और अपनी चूंचियां नुचवाने लगी। मैं नीचे बैठ कर लण्ड पीने लगी।
लण्ड इतना बढ़िया था की मैं मस्त हो गयी। मैं लण्ड का पूरा मज़ा लेने में जुट गयी। उसके पेल्हड़ पकडे पकडे लण्ड का एक एक इंच बड़े मजे से चाट रही थी। इस तरह मैंने आजतक किसी और का लण्ड नहीं चाटा ? यहाँ तक की मैंने कभी अपने मियां का भी लौड़ा इस तरह नहीं चाटा ? फिर सारा ने मुझे चित लिटा दिया और लण्ड घुसा दिया मेरी बुर में ? मैं चुदाने लगी एक मंजी हुई रंडी की तरह ? बहुत दिनों के बाद आज मैं इतने मस्त लौड़े से चुदवा रही थी। अंकल सारा की चूंचियां चाटने लगा। उसकी बुर चाटने लगा। मुझे लगा की बसीर भोसड़ी का बड़ा एक्सपर्ट है बुर चोदने में ? वह बोला हाय सारा बहू तेरी चूत चोदने में मुझे जितना मज़ा मिल रहा है उतना मज़ा मुझे किसी की बुर चोदने में नहीं मिला। तुम तो बहुत अच्छी तरह चुदवा लेती हो बहू ? लगता है तुमने पहले भी खूब चुदवाया है अपनी बुर ?
मैंने कहा अंकल तुमने सही कहा। मैं जब कॉलेज में थी तो लड़कों से खूब चुदवाया करती थी। एक दिन घर में मुझे चुदवाते हुए मेरी माँ ने देख लिया। लेकिन वह नाराज़ नहीं हुई बल्कि मुझसे कहा बेटी एक नहीं कई लड़कों से एक साथ चुदाया करो। उस दिन से मैं अपनी माँ चुदाने लगी अंकल ? तब तक अंकल ने लौड़ा मेरी बुर से निकाल कर सारा की बुर में ठोंक दिया। वह चुदवाते हुए बोली अरे अंकल मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ था। उस दिन एक कमरे मैं एक लड़के से चुदवा रही थी और मेरी माँ दूसरे कमरे में किसी और से चुदवा रही थी। अचानक वह मेरे कमरे में आ गयी और मुझे चुदवाते हुए देख लिया। वह बोली बेटी रुको मैं अभी आती हूँ। वह गयी और अंकल का लौड़ा पकडे पकडे फिर वापस आ गयी बोली बेटी लो तुम इसका लौड़ा अपनी बुर में पेलो और उसका लौड़ा मेरी बुर में घुसा दो। बस उसी दिन से हम दोनों साथ साथ चुदवाने लगी। अंकल ने हम दोनों को हर तरफ से चोदा और आखिर में हम उसका झड़ता हुआ लण्ड पीकर मस्त हो गयी।
सास का भोसड़ा - बहू की बुर - नन्द की गांड
उस दिन आसमान पर बादल छाये हुए थे। बरसात हो रही थी। भयंकर गर्मी के बाद आज की बरसात बड़ी अच्छी लग रही थी। हम तीनो सास बहू और नन्द चाय पकौड़ी पर बैठ कर खुली खुली बातें कर रही थी। मौसम इतना अच्छा था की सबकी नियत ख़राब होने लगी। बहार का मौसम तो ठण्डा था लेकिन अंदर चूत में आग लगी हुई थी।
इतने में मेरी नन्द सारा बोली :- हाय भाभी, ऐसे में तो गरम गरम पकौड़ा नहीं गरम गरम लौड़ा मिले तो मज़ा आ जाये ?
मैंने कहा :- तू भोसड़ी की हमेशा लौड़ा के बारे में ही सोंचती रहती है ? तेरी चूत कभी ठंढी नहीं होती क्या ?
वह बोली :- होती है मेरी प्यारी भाभी, लेकिन कोई ठंढा करने वाला लौड़ा मिले तब न ?
सास बोली :- अरी बहू, असली बात तो यह है की जवानी में किसी की भी चूत ठंढी नहीं होती ? वह भी चूत कोई चूत है जो जवानी में ठंढी हो जाये ? मेरा भोसड़ा साला बहन चोद आजतक ठंढा नहीं हुआ बहू ? तो तुम लोगों की चूत कैसे ठंढी हो जाएगी ?
इतने में किसी ने दरवाजा खटखटाया, सारा ने दरवाजा खोला तो बोली अरे ससुर जी आप ? आप अचानक कैसे आ गये ? वह बोला अरे बहू आज बरसात हो रही है। घर जाते जाते भीग जाऊंगा तो मैंने सोंचा की क्यों न मैं अपने बहू के माईके चला जाऊं ? इसलिए मैं आ गया। वह बोली अरे बड़ा अच्छा किया आपने चलो मैं आपको अपनी अम्मी और भाभी से मिलवाती हूँ। मैं उसे अंदर ले आई और बोली अम्मी ये है अफज़ल मियां मेरे ससुर ? ससुर से कहा ये है मेरी अम्मी शबाना और ये है मेरी भाभी नगमा ? फिर वह शामिल हो गया हमारी महफ़िल में ? सारा ने मेरे कान में कहा भाभी इसका लौड़ा बड़ा मस्त है आज तो इससे चुदवा ही लो ? भोसड़ी का बड़ा मस्त चोदने वाला है मेरा ससुर ? फिर उसने अपनी अम्मी के कान में कहा अम्मी, इसका लौड़ा बड़ा लंबा चौड़ा है आज इसे बिना अपना भोसड़ा चुदवाये जाने मत देना ? मैंने इससे चुदवाकर देखा है ? ससुर बोला तुम लोग क्या खुसुर फुसुर कर रही हो ? सारा बोली कुछ नहीं ससुर जी बस यूँ ही ?
बाहर का दरवाजा इत्तिफ़ाक़ से खुला ही रह गया और इतने में मेरी सास का जीजा नादिर आ गया। सास बोली अरे जीजू तू बड़े अच्छे मौके से आ गया। उसने फिर हम सबको अपने जीजू से मिलवाया ? सास ने मेरे कान में कहा बहू इसका लण्ड बाद मोटा है साला चूत में चिपक कर घुसता है। बिना चुदवाये जाने मत देना बहू भोसड़ी वाले को और अपनी बेटी सारा के कान में कहा बेटी ये तेरा खालू बुर बहुत बढ़िया चोदता है मैं तो चुदवाती भी हूँ और इसका लण्ड भी पीती हूँ। तुम भी लण्ड पी कर देख ले ? अच्छा मौका है ?
तब तक एक और लड़का घुस आया। मैंने देखते ही कहा अरे आरिफ तुम यहाँ ? वह बोला भाभी मैंने सोंचा की मैं वहां जाकर अपनी भाभी को सरप्राईज़ दूंगा इसलिए बिना बताये आ गया। मैंने उसे सब से मिलवाया और कहा ये मेरी दीदी का देवर आरिफ है। तब मैंने सारा के कान में कहा बड़ा मस्त लड़का है और इसका लण्ड भी बड़ा सख्त और लंबा है। मैं तो कहती हूँ की तू आज इससे गांड मरा ले सारा अपनी ? फिर मैंने अपनी सास के कान में कहा सासू जी, इसका ८" का लौड़ा बड़ा सख्त है ? इससे अपना भोसड़ा चुदवा ले तू ? ये माँ का लौड़ा, जब आता है तो मेरी बुर चोद कर ही जाता है
अब माहौल बिलकुल गरम हो गया । किसी को कोई शर्म नहीं रही। जिसका जो मन आया वो कहने लगा। नशा चढ़ चुका था। सास बोली अच्छा तो अब सब मादर चोदों और भोसड़ी वालों अपने अपने पकडे खोल डालो। तुम सब बुर चोदियों एकदम नंगी हो जाओ। अब नंगे नंगे / नंगी नंगी शराब पीने का मज़ा लो ? फिर क्या ५ मिनट में किसी के बदन पर कोई भी कपडा नहीं नज़र आ रहा था। औरतों की निगाह मर्दों के लण्ड पर टिक गयी और मर्दों की निगाह औरतों की चूंची और चूत पर। इतने में सास ने सारा के ससुर अफज़ल का लौड़ा पकड़ लिया। सारा मेरी दीदी के देवर आरिफ का लौड़ा पकड़ कर हिलाने लगी। मैंने भी हाथ बढाकर सास के जीजू नादिर का लण्ड पकड़ा और चूमने लगी।
थोड़ी देर में मैं नादिर से चुदवाने लगी। मेरी सास ने अफज़ल का लण्ड अपने भोसड़ा में घुसा लिया और मजे से भकाभक चुदवाने लगी। उधर सारा ने आरिफ का लौड़ा अपनी गांड में घुसा लिया। वह बोली भाभी आज बहुत दिनों के बाद मेरी गांड मराने की तमन्ना पूरी हो रही है।
इस तरह रात भर हम तीनो ने लण्ड बदल बदल कर खूब मस्ती से चुदवाया और जवानी का भरपूर मज़ा लिया ?
०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=० समाप्त
हर रोज़ तो चुदवाती है मेरी बुर चोदी सास, अम्मी ? फिर भी उसका मन नहीं भरता ? पता नहीं कितना बड़ा भोसड़ा है बहन चोद उसका, माँ ? वह तो
लण्ड पकड़ने के लिए मर्दों के पीछे पीछे भागा करती है, अम्मी ? लण्ड पकड़ने का कोई भी मौका हाथ से जाने नहीं देती मेरी भोसड़ी वाली मेरी सास ? अभी कल की ही बात है, अम्मी। नेरी नन्द का दोस्त असद आ गया। मेरी सास ने बात करते करते उसकी पैंट के ऊपर से ही उसके लण्ड पर हाथ रख दिया और उसे दबा कर पूंछा तूने मेरी बेटी को कभी अपना लण्ड पकड़ाया की नहीं ? उसने कहा नहीं आंटी अभी नहीं पकड़ाया ? तब सासू बोली अरे क्या कर रही है माँ की लौड़ी मेरी बेटी ? उसने अभी तक तेरा लण्ड नहीं पकड़ा तो फिर जवानी का मज़ा कैसे लेगी वो भोसड़ी वाली ? उसकी माँ की चूत ? आने दो बुर चोदी को मैं समझाऊंगी उसे की लण्ड पकड़ने में देरी न किया करे ? लाओ दिखाओ तो ज़रा मुझे अपना लण्ड ? मैं पूँछूँगी उससे की इतना बढ़िया लण्ड तूने अभी तक क्यों नहीं पकड़ा ? मैं उसकी जगह होती तो अब तक जाने कितनी बार पकड़ चुकी होती तेरा लण्ड और चुदवा चुकी होती बेटा तुमसे ? मैं तो कहती हूँ की तुम कल ही उसे पकड़ाओ अपना लण्ड और पेल दो अपना लौड़ा बहन चोद उसकी बुर में ? तब देखो कितना मज़ा आता है तुम्हे भी और उसे भी ? अरे जवानी में तुम लोग चोदा चोदी नहीं करोगे तो कब करोगे ? मैं इतना जरूर कह सकती हूँ की तुम्हे मेरी बेटी की बुर चोदने में बड़ा मज़ा आएगा बेटा ? एक बार तो चोद कर देखो उसे असद ?
यही कहते कहते मेरी सास ने उसकी पैंट खोल कर लण्ड पकड़ ही लिया ?
मैं चुपचाप खिड़की से सब कुछ देख रही थी। सासू ने धीरे से अपने कपडे खोलने शुरू किये और जब वह बिना कपड़ों के हो गयीं तो असद उसे घूर घूर कर देखने लगा। उसकी निगाह सासू की चूंची और उसके भोसड़ा पर टिक गयी। उधर लण्ड तो टन टना कर खड़ा हो गया। सासू उसे पकड़ कर सहलाने लगी। लण्ड और सख्त होता चला गया।
वह बोली :- हाय रब्बा, देखो तो असद, तेरा लण्ड तो बढ़ता ही जा रहा है ? बिलकुल मर्दों वाला लौड़ा हो गया है तेरा, बेटा ?
अब बताओ इतना बढ़िया लण्ड आजतक नहीं पकड़ा मेरी बेटी ने ? भोसड़ी वाली पता नहीं कहाँ गांड मराया करती है अपनी ? ऐसा कहा और फिर उसने लण्ड का चुम्मा कई बार लिया और उसे पुचकारा ? लण्ड का तनाव बढ़ता गया ? उसका सुपाड़ा फूल गया।
इधर मेरी लार टपक रही थी। मैं चाहती थी की इसे मैं चूसूँ और अपने चूत में पेलूँ ? खैर मैं सब कुछ बैठी बैठी देखती रही। लण्ड एकदम गीला हो गया। असद बोला आंटी मैं मुंह में ही झड़ जाऊंगा ? सासू ने एक बार लण्ड बाहर निकाला और बोली माँ के लौड़े झड़ना हो तो मुंह में ही झड़ जाना लेकिन अब मैं लौड़ा मुंह से नहीं निकालूंगी समझे भोसड़ी वाले असद ? वह जल्दी जल्दी लण्ड चूसने लगी। पीने लगी लण्ड ? सपड़ सपड़, चपर चपर, पच्च पच्च की आवाजें आने लगी। सासू एक हाथ से पेल्हड़ थाम कर लौड़ा पूरा मुंह में घुसा लेती थी। बिना झांट का लौड़ा वाकई बड़ा सुन्दर और तगड़ा लग रहा था। आखिर में असद के लण्ड ने उगल दिया अपना वीर्य सासू के मुंह में ? सासू उसे पूरा का पूरा पी गयी और लण्ड चाट चाट कर एकदम चिकना कर दिया। जाते जाते उससे बोली बेटा किसी दिन आना और मेरा भोसड़ा चोद के जाना ?
मेरी सास है शबाना, मेरी ननद है सारा और मैं हूँ नगमा इस घर की बहू ?
नन्द की चूत
एक दिन इत्तिफ़ाक़ से मैं सासू के साथ शॉपिंग के लिए चली गयी। एक घंटा के बाद सासू बोली नगमा तू घर चली जा मैं अपनी सहेली के घर जा रही हूँ और शाम तक आऊँगी। हां थोड़ी देर भी हो सकती है। मैं वापस घर आ गयी और दरवाजा का ताला खोल कर अपने कमरे में चली गयी। थोड़ी देर बाद निकली तो मुझे अपनी नन्द की आवाज़ सुनायी पड़ी। मैं चुप चाप झाँक कर देखने लगी। मैंने देखा की एक अंकल सोफे पर बैठे है और उसके बगल में बैठी है मेरी नन्द सारा खान ? अंकल तो बड़े गोरे चिट्टे और हैंडसम थे। दोनों की बात चीत हो रही थी तो मैं भी उनकी बातें सुनने लगी ?
- बसीर अंकल जबसे तुम इस मोहल्ले से गए हो तबसे यहाँ सन्नाटा हो गया है ? आप के जैसा हंसमुख आदमी कोई दिखाए नहीं पड़ता ।
- हां मुझे भी यहाँ की याद बहुत आती है। मुझे तुम और तेरी अम्मी खूब याद आती है ?
- अम्मी भी तुम्हारी बहुत याद करती है ? तुम अम्मी से खूब बातें करते थे न अंकल ? (सारा थोड़ा अंकल से सट कर बैठ गयी)
- हां तेरी अम्मी तो बहुत अच्छी है सारा ? बड़ी मस्त बातें करती है ?
- अंकल एक बात बताओ तब तो अम्मी तेरा लण्ड खूब पकड़ती होंगी ? तुमने तो खूब चोदा होगा मेरी अम्मी का भोसड़ा ?
- अरे नहीं सारा, तेरी अम्मी ने न कभी पकड़ा मेरा और न मैंने कभी पकड़ाया उसे ?
- हाय दईया, क्या कह रहो हो अंकल ? मेरी बुर चोदी अम्मी ने तेरा लौड़ा कभी पकड़ा ही नहीं ? बड़ी बुद्धू है भोसड़ी की मेरी अम्मी ? तेरा लौड़ा हरामजादी मेरी अम्मी ने पकड़ा ही नहीं ? उसकी बिटिया की बुर अंकल ? आने दो उसे मैं उसकी खबर लेती हूँ मादर चोद की ? बहन चोदूंगी मैं उसकी ? लेकिन एक बात है इसके पहले की मैं अम्मी की गांड मारू, तुम अपना लौड़ा दिखा तो दो मुझे अंकल ? (ऐसा कह कर उसने अंकल के पैजामे का नाड़ा खोल दिया। फिर अंकल को खड़ा किया तो पैजामा धड़ाम से नीचे गिर गया और अंकल भॉसडी का एकदम नंगा हो गया। सारा लण्ड पकड़ कर बोली हां देखो मैं कह रही थी न की तेरा लौड़ा बड़ा मस्त और मोटा तगड़ा होगा ? साला बिलकुल तोप जैसा है लौड़ा और तोप के गोले जैसा है लण्ड का सुपाड़ा ? मेरी बहन चोद हरामजादी माँ ने इतने बढ़िया लण्ड से अपना भोसड़ा नहीं चुदवाया कभी ?) वैसे अंकल किस किस को चोदा है तूने ?
- गिना तो नहीं है सारा मैंने कभी लेकिन इस मोहल्ले की कोई ऐसी लड़की नहीं जिसे मैंने चोदा न हो ? कोई ऐसी बीवी नहीं जिसे मैंने चोदा न हो और कोई ऐसी लड़की माँ नहीं है जिसे मैंने चोदा न हो ?
- तो फिर मेरी माँ का भोसड़ा कैसे रह गया भोसड़ी के अंकल ? मेरी चूत क्यों कोरी रह गयी। मेरी बुर क्यों तरसती रह गयी तेरे लण्ड के लिए ? तूने अभी तक मुझे क्यों नहीं चोदा और मेरी माँ क्यों नहीं चोदी ?
- मेरा एक उसूल है सारा मैं मोहल्ले में एक घर छोड़ कर बाकी सभी घर की चूत, बुर और भोसड़ा सब चोदता हूँ ? जो गांड मरवाना चाहती है उसकी गांड भी मारता हूँ। जो भोसड़ी की एक बार चुदवा लेती है मुझसे वह बार बार चुदवाने आती है और अपनी बेटी भी चुदवाती है अपनी माँ भी चुदवाती है। यहाँ तक की लोग चोरी छिपे अपनी बीवियां भी चुदवाते है मुझसे ?
- बड़े कमाल के आदमी हो अंकल ?
- यह मेरा कमाल नहीं है , सारा ? यह सब मेरा लण्ड का कमाल है ?
- देखो भोसड़ी के अंकल अब यह मोहल्ला तेरा मोहल्ला तो है नहीं ? अब तो तू मेरी माँ का भोसड़ा चोद सकता है न ? मेरी बुर में लण्ड पेल सकता है न ? आज मुझे यही चोदो और फिर चोदो मेरी माँ का भोसड़ा ? हां एक बात और मेरी अम्मी तो हैं नहीं घर पर लेकिन मेरी नगमा भाभी आने वाली है अभी ? आज मैं यह लौड़ा उसकी बुर में जरूर पेलूँगी ? आज मैं अपने सामने चुदवाऊँगी अपनी भाभी की बुर ?
यह सुनकर मेरा दिल बाग़ बाग़ हो गया ? मैं सोंचने लगी की मेरी नन्द कितना ख्याल रखती है मेरी चूत का ? सारा ने इंची टेप से लौड़ा नापा तो साला ९" लंबा और ५ १/२" मोटा निकला लण्ड ? मैं जबरदस्त तरीके से ललचा गयी लेकिन मुझे यकीन हो गया की जल्दी ही यह लौड़ा मेरी बुर में घुसेगा ? सारा आवाज़ लगाते हुए ऊपर आने लगी तब तक मैं बाथ रूम में घुस गयी। मैं बोली हां सारा मैं बाथ रूम में हूँ ?
वह बोली :- अरी मेरी बुर चोदी भाभी, बाथ रूम में क्या अपनी झांटें उखाड़ रही है तू बहन चोद ?
मैंने जबाब दिया :- झांटें उखाड़ नहीं रही हूँ, झांटें बना रही हूँ मेरी माँ की लौड़ी सारा ? (मैं तो पहले ही बना चुकी झांटें ये बहाना था उससे कहने का )
वह बोली :- जल्दी से बाहर आ मुझे एक लण्ड तेरी बुर में अभी पेलना है ? जल्दी से आ जा नहीं तो लौड़ा बहन चोद भाग जाएगा ?
मैं सब जानती ही थी। मैं जब बाथ रूम से निकली तो बिलकुल नहाई धोई हुई थी। मैंने पेटीकोट चूंचियों तक बांधे हुआ था और वैसे ही सारा के साथ चल पड़ी। बसीर अंकल ने मुझे देखा तो बड़ी देर तक देखता ही रहा ?
सारा बोली :- देखो भाभी, ये है मेरा बसीर अंकल ? पहले इसी मोहल्ले में रहता था और यहाँ लड़कियों की बुर चोदा करता था। लड़कियों की माँ चोदता था और लोगों की बीवियां चोदता था। लेकिन इसने न मुझे कभी चोदा और न मेरी माँ चोदी ? अब यह दूसरे मोहल्ले में चला गया है और मुझसे मिलने आया है। मैंने बहन चोद इसका लौड़ा पकड़ लिया। देखो न तभी तो बिलकुल नंगा बैठा है मादर चोद ? मैं चुदाने वाली ही थी की मुझे तेरी बुर का ख्याल आ गया भाभी। अब तुम इसका लौड़ा पकड़ो चाटो, चूसो और अपनी बुर में मेरे सामने पेलो। मैं तेरी बुर चुदवाना चाहती हूँ।
मैंने कहा :- अरे यार मैं चुदाऊंगी तो तेरी बुर की आग कैसे बुझेगी ?
वह बोली :- अरे भाभी ये भोसड़ी वाला बहुत बड़ा चोदू है भाभी। ये तो दोनों की बुर एक साथ चोद सकता है ? तुम इसका लौड़ा तो पकड़ के देखो पहले ? बस उसने मेरे पेटीकोट का नाड़ा खींच लिया और मैं बिलकुल नंगी हो गयी। मुझे नंगी द्देख कर अंकल का लौड़ा फनफना उठा। वह खड़ा हो गया और मुझे अपनी तरफ खींच कर चिपका लिया। मेरी चूंची मसलने लगा। मैं उसकी गांड पर हाथ फेरने लगी। उधर सारा नीचे बैठ कर उसका लौड़ा चाटने लगी। थोड़ी देर में सारा उठ खड़ी हुई और अपनी चूंचियां नुचवाने लगी। मैं नीचे बैठ कर लण्ड पीने लगी।
लण्ड इतना बढ़िया था की मैं मस्त हो गयी। मैं लण्ड का पूरा मज़ा लेने में जुट गयी। उसके पेल्हड़ पकडे पकडे लण्ड का एक एक इंच बड़े मजे से चाट रही थी। इस तरह मैंने आजतक किसी और का लण्ड नहीं चाटा ? यहाँ तक की मैंने कभी अपने मियां का भी लौड़ा इस तरह नहीं चाटा ? फिर सारा ने मुझे चित लिटा दिया और लण्ड घुसा दिया मेरी बुर में ? मैं चुदाने लगी एक मंजी हुई रंडी की तरह ? बहुत दिनों के बाद आज मैं इतने मस्त लौड़े से चुदवा रही थी। अंकल सारा की चूंचियां चाटने लगा। उसकी बुर चाटने लगा। मुझे लगा की बसीर भोसड़ी का बड़ा एक्सपर्ट है बुर चोदने में ? वह बोला हाय सारा बहू तेरी चूत चोदने में मुझे जितना मज़ा मिल रहा है उतना मज़ा मुझे किसी की बुर चोदने में नहीं मिला। तुम तो बहुत अच्छी तरह चुदवा लेती हो बहू ? लगता है तुमने पहले भी खूब चुदवाया है अपनी बुर ?
मैंने कहा अंकल तुमने सही कहा। मैं जब कॉलेज में थी तो लड़कों से खूब चुदवाया करती थी। एक दिन घर में मुझे चुदवाते हुए मेरी माँ ने देख लिया। लेकिन वह नाराज़ नहीं हुई बल्कि मुझसे कहा बेटी एक नहीं कई लड़कों से एक साथ चुदाया करो। उस दिन से मैं अपनी माँ चुदाने लगी अंकल ? तब तक अंकल ने लौड़ा मेरी बुर से निकाल कर सारा की बुर में ठोंक दिया। वह चुदवाते हुए बोली अरे अंकल मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ था। उस दिन एक कमरे मैं एक लड़के से चुदवा रही थी और मेरी माँ दूसरे कमरे में किसी और से चुदवा रही थी। अचानक वह मेरे कमरे में आ गयी और मुझे चुदवाते हुए देख लिया। वह बोली बेटी रुको मैं अभी आती हूँ। वह गयी और अंकल का लौड़ा पकडे पकडे फिर वापस आ गयी बोली बेटी लो तुम इसका लौड़ा अपनी बुर में पेलो और उसका लौड़ा मेरी बुर में घुसा दो। बस उसी दिन से हम दोनों साथ साथ चुदवाने लगी। अंकल ने हम दोनों को हर तरफ से चोदा और आखिर में हम उसका झड़ता हुआ लण्ड पीकर मस्त हो गयी।
सास का भोसड़ा - बहू की बुर - नन्द की गांड
उस दिन आसमान पर बादल छाये हुए थे। बरसात हो रही थी। भयंकर गर्मी के बाद आज की बरसात बड़ी अच्छी लग रही थी। हम तीनो सास बहू और नन्द चाय पकौड़ी पर बैठ कर खुली खुली बातें कर रही थी। मौसम इतना अच्छा था की सबकी नियत ख़राब होने लगी। बहार का मौसम तो ठण्डा था लेकिन अंदर चूत में आग लगी हुई थी।
इतने में मेरी नन्द सारा बोली :- हाय भाभी, ऐसे में तो गरम गरम पकौड़ा नहीं गरम गरम लौड़ा मिले तो मज़ा आ जाये ?
मैंने कहा :- तू भोसड़ी की हमेशा लौड़ा के बारे में ही सोंचती रहती है ? तेरी चूत कभी ठंढी नहीं होती क्या ?
वह बोली :- होती है मेरी प्यारी भाभी, लेकिन कोई ठंढा करने वाला लौड़ा मिले तब न ?
सास बोली :- अरी बहू, असली बात तो यह है की जवानी में किसी की भी चूत ठंढी नहीं होती ? वह भी चूत कोई चूत है जो जवानी में ठंढी हो जाये ? मेरा भोसड़ा साला बहन चोद आजतक ठंढा नहीं हुआ बहू ? तो तुम लोगों की चूत कैसे ठंढी हो जाएगी ?
इतने में किसी ने दरवाजा खटखटाया, सारा ने दरवाजा खोला तो बोली अरे ससुर जी आप ? आप अचानक कैसे आ गये ? वह बोला अरे बहू आज बरसात हो रही है। घर जाते जाते भीग जाऊंगा तो मैंने सोंचा की क्यों न मैं अपने बहू के माईके चला जाऊं ? इसलिए मैं आ गया। वह बोली अरे बड़ा अच्छा किया आपने चलो मैं आपको अपनी अम्मी और भाभी से मिलवाती हूँ। मैं उसे अंदर ले आई और बोली अम्मी ये है अफज़ल मियां मेरे ससुर ? ससुर से कहा ये है मेरी अम्मी शबाना और ये है मेरी भाभी नगमा ? फिर वह शामिल हो गया हमारी महफ़िल में ? सारा ने मेरे कान में कहा भाभी इसका लौड़ा बड़ा मस्त है आज तो इससे चुदवा ही लो ? भोसड़ी का बड़ा मस्त चोदने वाला है मेरा ससुर ? फिर उसने अपनी अम्मी के कान में कहा अम्मी, इसका लौड़ा बड़ा लंबा चौड़ा है आज इसे बिना अपना भोसड़ा चुदवाये जाने मत देना ? मैंने इससे चुदवाकर देखा है ? ससुर बोला तुम लोग क्या खुसुर फुसुर कर रही हो ? सारा बोली कुछ नहीं ससुर जी बस यूँ ही ?
बाहर का दरवाजा इत्तिफ़ाक़ से खुला ही रह गया और इतने में मेरी सास का जीजा नादिर आ गया। सास बोली अरे जीजू तू बड़े अच्छे मौके से आ गया। उसने फिर हम सबको अपने जीजू से मिलवाया ? सास ने मेरे कान में कहा बहू इसका लण्ड बाद मोटा है साला चूत में चिपक कर घुसता है। बिना चुदवाये जाने मत देना बहू भोसड़ी वाले को और अपनी बेटी सारा के कान में कहा बेटी ये तेरा खालू बुर बहुत बढ़िया चोदता है मैं तो चुदवाती भी हूँ और इसका लण्ड भी पीती हूँ। तुम भी लण्ड पी कर देख ले ? अच्छा मौका है ?
तब तक एक और लड़का घुस आया। मैंने देखते ही कहा अरे आरिफ तुम यहाँ ? वह बोला भाभी मैंने सोंचा की मैं वहां जाकर अपनी भाभी को सरप्राईज़ दूंगा इसलिए बिना बताये आ गया। मैंने उसे सब से मिलवाया और कहा ये मेरी दीदी का देवर आरिफ है। तब मैंने सारा के कान में कहा बड़ा मस्त लड़का है और इसका लण्ड भी बड़ा सख्त और लंबा है। मैं तो कहती हूँ की तू आज इससे गांड मरा ले सारा अपनी ? फिर मैंने अपनी सास के कान में कहा सासू जी, इसका ८" का लौड़ा बड़ा सख्त है ? इससे अपना भोसड़ा चुदवा ले तू ? ये माँ का लौड़ा, जब आता है तो मेरी बुर चोद कर ही जाता है
अब माहौल बिलकुल गरम हो गया । किसी को कोई शर्म नहीं रही। जिसका जो मन आया वो कहने लगा। नशा चढ़ चुका था। सास बोली अच्छा तो अब सब मादर चोदों और भोसड़ी वालों अपने अपने पकडे खोल डालो। तुम सब बुर चोदियों एकदम नंगी हो जाओ। अब नंगे नंगे / नंगी नंगी शराब पीने का मज़ा लो ? फिर क्या ५ मिनट में किसी के बदन पर कोई भी कपडा नहीं नज़र आ रहा था। औरतों की निगाह मर्दों के लण्ड पर टिक गयी और मर्दों की निगाह औरतों की चूंची और चूत पर। इतने में सास ने सारा के ससुर अफज़ल का लौड़ा पकड़ लिया। सारा मेरी दीदी के देवर आरिफ का लौड़ा पकड़ कर हिलाने लगी। मैंने भी हाथ बढाकर सास के जीजू नादिर का लण्ड पकड़ा और चूमने लगी।
थोड़ी देर में मैं नादिर से चुदवाने लगी। मेरी सास ने अफज़ल का लण्ड अपने भोसड़ा में घुसा लिया और मजे से भकाभक चुदवाने लगी। उधर सारा ने आरिफ का लौड़ा अपनी गांड में घुसा लिया। वह बोली भाभी आज बहुत दिनों के बाद मेरी गांड मराने की तमन्ना पूरी हो रही है।
इस तरह रात भर हम तीनो ने लण्ड बदल बदल कर खूब मस्ती से चुदवाया और जवानी का भरपूर मज़ा लिया ?
०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=० समाप्त
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