
इत्तिफ़ाक़ से अब मैं एक ऐसी जगह नौकरी करती हूँ जहाँ लण्ड पकड़ने का बहुत स्कोप है। मैंने धीरे धीरे इसका फायदा उठाना शुरू किया और आज हाल यह है की या तो मैं लड़कों को अपने घर बुला कर उनके लण्ड पकड़ती हूँ या फिर लड़के खुद मेरे घर आकर मुझे लण्ड पकड़ा देते है। मैं इस तरह हर दिन २/३ लण्ड का मज़ा लूटती हूँ। मैं यहाँ मुंबई में अपने फ़्लैट में रहती हूँ। मेरी मदर नहीं है और फादर भी अभी कुछ दिन पहले नहीं रहे। मैं उन्ही के फ़्लैट में रहती हूँ। हां मेरी एक मौसी है मिस निशा। उसने भी शादी नहीं की है और मेरी तरह इसी शहर में अकेली रहती है।
मैं आपको उस दिन की बात बता रही हूँ जब मैंने कॉलेज ज्वाइन किया था। मुझे स्मार्ट लड़के बड़े अच्छे लगते है मैं हमेशा बन ठन कर कॉलेज जाती हूँ। मेरी क्लास में लड़के मुझसे खूब सवाल पूंछते है और मैं सबका जबाब मुस्कराकर यार फिर हँसते हुए देती हूँ। मैं कपडे बड़े तंग पहनती हूँ। मेरी चूंचियां बड़ी बड़ी है और मुझे चूंची दिखाने में बड़ा मज़ा आता है। मेरी चूंचियां आधी तो बाहर ही निकली रहती है। मैं लो वेस्ट की जींस पहनती हूँ और अपने बड़े बड़े चूतड़ मटका मटका कर चलती हूँ। जींस तो इतनी लो होती है की अगर दो बटन खुल जाएँ तो कोई भी आसानी से मेरी झांटें और मेरी बुर का दरवाजा देख सकता है। मैं कुछ चुने हुए लड़कों को सेक्सी तीछी निगाह से देखती हूँ और उनके लण्ड के साइज़ का अनुमान लगाया करती हूँ। सोंचती रहती हूँ की इसका लण्ड ऐसा होगा उसका लण्ड वैसा होगा ? इसका मोटा होगा तो उसका लंबा होगा ? मेरी एक और अच्छी आदत है की मैं जो पढ़ाती हूँ उसका इम्तिहान जरूर लेती हूँ। हर हफ्ते कोई न कोई इम्तिहान लेती हूँ। इसलिए लड़कों ने मेरा नाम इम्तिहान वाली मेम रख दिया है। मैं भी अपने इस नये नाम को खूब एन्जॉय करती हूँ।
वह इतवार का दिन था मैं बाथ रूम में नहा रही थी और बस निकलने ही वाली थी की किसी ने बेल बजा दी । मैंने फ़ौरन अपना पेटीकोट चूंचियों तक खींच कर बांध लिया और दरवाजा खोल दिया। मैंने देखा की मेरी क्लास का एक सौरभ नाम का लड़का खड़ा है। मैं अंदर ही अंदर खुश हुई और उसे अंदर बैठा लिया। सौरभ उन लड़कों में से है जिनके लण्ड के बारे में मैं अक्सर सोंचा करती हूँ।
वास्तव में मैं झांटें बनाकर और फिर नहाकर आयी थी । मेरे अंदर मस्ती सवार थी। मैंने सोंचा की मैं इसे गालियां सुनाऊँगी तो इसे मज़ा आएगा और इसके लण्ड में सुरसुरी पैदा होगी। मैं सोफ़ा पर बैठ गयी और उसे कुर्शी पर बैठा दिया।
- मैंने पूंछा :- हां बोलो सौरभ क्या बात है ?
- वह बोला :- मेम परसों मेरा इम्तिहान है और मैं उस दिन बाहर जा रहा हूँ।
- बाहर क्या गांड मराने जा रहा है तू ? भोसड़ी के बाहर जाना ज्यादा जरुरी है की इम्तिहान ?
- मेम जरूरी तो इम्तिहान है लेकिन मजबूरी में जाना पड़ रहा है एक शादी अटेंड करनी है मेम ?
- क्यों क्या तेरे लण्ड में ज्यादा खुजली हो रही है आजकल ? शादी में क्या तू लड़कियों को लौड़ा पकड़ायेगा अपना ?
- नहीं मेम, प्लीज जाने दो न मुझे ?
- ओ के जाओ तो यहाँ मेरे पास किसलिए आये हो ?
- इसलिए की आप मेरा इम्तिहान कल ही ले लीजिये ?
- मैं बोली ठीक है तुम मेरे सामने आकर खड़े हो जाओ ?
मैं बोली तेरा इम्तिहान तो कल लूंगी लेकिन तेरे लण्ड का इम्तिहान आज ही लूंगी मैं ?
आज अगर तेरा लण्ड पास हो गया तो तुझे इम्तिहान देने की जरुरत ही नहीं है। मैं ऐसे ही तुझे पास कर दूँगी ? मैंने उसकी कमीज खोल दी। उसकी पेंट खोल कर नीचे फेंक दी उसकी बनियाइन निकाल ली अब केवल चड्ढी बची ? उसके दोनों हाथ ऊपर थे। चड्ढी के ऊपर से उसके लण्ड का साइज़ साफ़ साफ़ मालूम पड़ रहा था ? तब तक मैंने अपना पेटीकोट खोल कर फेंक दिया . मैं मादर चोद बिलकुल नंगी हो गयी। मैंने देखा की उसका लण्ड मुझे नंगी देख कर और फनफनाने लगा और वह बाहर आने के लिए तड़पने लगा। उसके हाथ अभी ऊपर ही थे मैंने झट्ट से चड्ढी नीचे गिरा दी तो लौड़ा साला टन्ना कर सामने आ गया। सब इन नज़र में ही मुझे लण्ड पसंद आ गया। मैं उसे पकड़ कर हिलाने लगी। लण्ड और कड़क हो गया। मैंने उसे कई बार चूमा पुचकारा और थप्पड़ मार मार कर लण्ड से बातें की। सौरभ के हाथ नीचे आये तो सीधे मेरी चूंचियों पर टिक गये ? वह मेरी चूंचियां मसलने लगा। मैं भी मस्त होने लगी और सोंचने लगी की आज बहुत दिनों के बाद कोई बढ़िया लौड़ा हाथ लगा है। मैं उसके ऊपर चढ़ बैठी और घूम कर चूत उसके मुंह पे रख दी। वह मेरी चूत चाटने लगा और इधर मैं झुककर लण्ड चूसने लगी। मेरी चूत की और भड़क उठी तो मैंने सीधे लौड़ा घुसेड़ लिया और चुदवाने लगी। मैं बड़ी खुश थी आज सवेरे से लण्ड के दर्शन हो गये और चुदाने का मौक़ा मिल गया।
मैं पूंछा :- सौरभ, कॉलेज कौन कौन सी लड़कियां पकड़ती है लण्ड ?
वह बोला :- बहुत लड़कियां है मेम, पर गौरी और सपना ये दो लड़कियां खूब पकड़ती है लण्ड ? ये तो लड़कों के लण्ड पर हाथ मार मार कर चलती है। और हां मैंने सुना है पूजा मेम भी लण्ड पकड़ती है लड़कों के ? उसके बाद वह मस्ती से चोदने लगा मेरी बुर ?
दूसरे दिन मैंने गौरी को अपने कमरे में बुलाया और अंदर के सिटकिनी बंद करके बैठ गयी ।
- मैंने सीधे सीधे पूंछा :- तुम कितने लड़को के लण्ड पकड़ चुकी हो और आजकल कितने लड़कों के लण्ड पकड़ रही हो, गौरी ? (गौरी थोड़ा घबरा गयी उसके माथे पे पसीना आ गया तब मैंने कहा अरे गौरी घबराओ नहीं ? देखो मुझे भी लण्ड पकड़ना अच्छा लगता है ? मैं तो बस सच्चाई जानना चाहती हूँ बस ? )
- वह बोली :- मेम, अभी तक ८/१० लड़कों के लण्ड पकड़ चुकी हूँ ? पर अभी मैं ५/६ लड़कों के लण्ड पकड़ रही हूँ। किसी दिन दो किसी दिन तीन लण्ड पकड़ लेती हूँ, मेम ?
- चुदवाती कितने लड़कों से हो तुम ?
- मेम. अभी तक तो ३/४ लड़कों से ही चुदवाती हूँ ?
- अबकी इतवार को मेरे घर २/३ लड़कों के साथ आ सकती हो जिनके लण्ड दमदार हों बहन चोद ?
- हां मेम, आ जाऊँगी ? और अच्छे लण्ड वाले लड़कों को लेकर आऊँगी।
- सपना बुर चोदी कैसी लड़की है, गौरी ?
- बड़ी हरामजादी है, भोसड़ी वाली ? वह तो यहाँ के टीचरों के लण्ड पकड़ती है।
- तेरे साथ कभी लण्ड पकड़ा है उसने ?
- हां मेम कई बार पकड़ा है लण्ड हम दोनों ने एक साथ ? वह मुझसे खुली है और मैं उससे ?
इतवार को सवेरे करीब ११ बजे वह मेरे घर दो लड़कों के साथ आ गयी । गर्मी के दिन अंदर ये सी रूम में ले गयी और व्हिस्की चालू कर दी। गौरी बोली मेम ,,,? मैंने उसे टोका देखो गौरी मैं यहाँ मेम नहीं हूँ चोद ? मैं यहाँ मादर चोद बरखा हूँ और तुम हो बुर चोदी गौरी ? यहाँ हम सब दोस्त है। मुझसे अपने दोस्तों की तरह बातें करो नहीं तो मैं तेरी माँ चोदूंगी ? गौरी बोली ठीक है तो मेरी भोसड़ी वाली बरखा मैं कह रही की यह है टोनी और यह है टोनी का दोस्त टिंकू ? ये दोनों दूसरे कॉलेज के लड़के है लेकिन बड़े मजबूत लण्ड वाले है माँ के लौड़े ? इसलिए मैं इन्हे ले आयी। मैं अपने बाल संवारते हुए और चूंचियां उभारते हुए बोली हाय टोनी और टिंकू तुम कबसे चोद रहे हो इन लड़कियों की बुर ? - टोनी बोला मुझे चोदते हुए यही कोई दो साल हो गए है बरखा - कभी शादीशुदा औरत की चूत चोदी है तुमने ? - हां चोदी है और बड़े मजे से चोदी है। ऐसी औरतें खूब उछल उछल के चुदवाती है - कभी किसी का भोसड़ा चोदा है तुमने ? - नहीं अभी मैंने किसी लड़की माँ नहीं चोदी ? हा चोदना चाहता हूँ ? - लड़कियों की गांड मारते हो भोसड़ी के तुम ? - सिर्फ उन लड़कियों की गांड मारता हूँ जो अपनी गांड मरवाना चाहती है। जबरदस्त न किसी की गांड मारता हूँ और न किसी की बुर ? - अरे गौरी तो फिर खोलो न इन मादर चोदों के कपडे और दिखाओ मुझे इनके लण्ड ? - अरे यार पहले मैं तो अपने कपडे खोल लूँ ? मेरी चूत और चूंची देख कर इनके लण्ड में मस्ती सवार होगी ?
गौरी तो देखते ही देखते नंगी हो गयी ? वह लण्ड खोलने के पहले मेरी तरफ मुड़ी और मेरे कपडे खोलने लगी। बोली अरे मेरी बुर चोदी बरखा इन बिचारों को अपनी बुर तो दिखाओ पहले, अपनी चूंचियां तो दिखाओ इनको पहले, अपनी गांड तो पेश करो इनके आगे तब मैं इनके लण्ड खोल कर दिखाऊँगी ? मेरा मस्त नंगा बदन वे दोनों आँखे फाड़ फाड़ के देखने लगे। इतने में गौरी ने पहले टोनी के सारे कपडे खोल डाले और उसका लण्ड पकड़ के खूब हिलाया। मैं एकटक लण्ड देखे जा रही थी। फिर उसने मुझे लण्ड पकड़ाते हुए कहा ले मेरी बहन की लौड़ी बरखा पकड़ इस भोसड़ी वाले का लण्ड ? मैंने पकड़ लिया लण्ड तो साला वह और कड़क हो गया। मैंने टोनी का लण्ड चूमा, उसे पुचकारा और प्यार से जबान निकाल कर सुपाड़ा चाटने लगी। आज मैं पहली बार किसी लड़की के सामने लण्ड चाट रही थी। मेरी चूत की आग धधकने लगी। इतने में मेरे सामने टिंकू का भी लण्ड टन टनाता हुआ आ गया . गौरी बोली बरखा हरामजादी ये बहन चोद ये भी लौड़ा चाटना शुरू कर ? अब मैं दोनों लण्ड बारी बारी से चाटने लगी। गौरी घूम कर मेरी बुर चाटने लगी। थोड़ी देर में मैंने कहा गौरी अब तुम दोनों लण्ड चाटो मैं तेरी बुर चाटती हूँ।
मैं मस्त होकर दोनों लण्ड देखती हुई गौरी की बुर चाटने का मज़ा लेने लगी। अचानक डोर बेल बज उठी ? मैंने मन में कहा अब कौन भोसड़ी का डिस्टर्ब करने आ गया ? मैं उठी और एक चादर लपेट कर दरवाजा खोला तो देखा की मेरे कॉलेज के दो लड़के फ़राज़ और ईशान खड़े है। फ़राज़ बोला बरखा मेम, गौरी है क्या यहाँ ? मैंने कहा हां है तो काम बताओ अपना ? वह बोला मेम, गौरी ने कहा था की आज हम दोनों का इम्तिहान बरखा मेम अपने घर में लेंगी ? इसलिए हम लोग इम्तिहान देने आये है । मैं बोली अच्छा तुम लोग बैठो मैं गौरी को भेजती हूँ। मैं मन में बहुत खुश हुई की आज पहली बार मुझे मुस्लिम लण्ड पकड़ने का मौक़ा मिलेगा ? मैंने गौरी को भेज दिया और उन दोनों के लण्ड मैं चूसने लगी।
बस १० मिनट में ही गौरी उन दोनों के लण्ड पकडे पकड़े कमरे में आ गयी और बोली अरी मेरी भोसड़ी वाली बरखा ले अब लेले इन दोनों लण्ड का इम्तिहान ? मैंने कहा यार गौरी तुझे बहन चोद ये लण्ड के इम्तिहान की बात कैसे मालूम हो गयी ? वह बोली मुझे सौरभ ने सब बता दिया है की तुम लड़कों के लण्ड का इम्तिहान लेती हो ? उन दोनों ने मुझे एकदम नंगी नंगी दो दो लण्ड चाटते हुए देखा तो उनके लण्ड बहन चोद और टन्ना गये और मेरी नज़र उन दोनों लौड़ों पर टिक गयी। क्या मस्त लौड़े थे उन दोनों के ? दोनों के सुपाड़े साले एकदम साफ़ सुथरे चमक रहे थे। लण्ड मोटे तगड़े थे और टन टना रहे थे। मैं उठी और बोली लाओ इन मादर चोदों के लण्ड का इम्तिहान मैं लेती हूँ। मैं अपने दोनों हाथों से लण्ड पकड़ कर चूमने लगी। गौरी टोनी और टिंकू का लण्ड पकड़ कर चूसने अब मेरी चूत बिलकुल भठ्ठी बन चुकी थी। थोड़ी देर तक दोनों लण्ड चाटने के बाद मैंने फ़राज़ का लौड़ा बुर में घुसेड़ लिया और चुदवाने लगी। ईशान का लौड़ा मुंह में घुसा लिया। उधर गौरी भी टोनी से चुदवाने लगी और टिंकू का लण्ड चूसने लगी। हम दोनों साड़ी दुनिया भूल कर चुदाने में मस्त हो गयी। इतने में गौरी ने आँख मारी तो फ़राज़ ने मेरी बुर से लण्ड निकाल कर गौरी की बुर में घुसा दिया और टोनी इधर आकर मेरी बुर में घुसा दिया अपना लण्ड ? लण्ड की अदला बदली से मज़ा दूनी रफ़्तार से बढ़ने लगा। फिर मैंने एक एक करके चारों लण्ड अपनी बुर में पेला ? मेरे सामने गौरी ने चारों लण्ड से खूब चुदाया ?
अब गौरी मेरे लिए कॉलेज में मेरी स्टूडेंट और घर में मेरी दोस्त बुर चोदी गौरी हो गयी। मैं उसके लिए कॉलेज में मेम और घर में भोसड़ी वाली बरखा हो गयी। इसी तरह अब ये चारों लड़के भी मेरे घर मुझे चोदने आने लगे ? एक दिन इतवार को मैंने सपना को अपने घर बुला लिया।
- मैं बोली:- सुना है तुम लड़कों के लण्ड पकड़ती हो सपना ?
- मेम लड़कों के ही नहीं मैं तो बहन चोद सारे टीचरों के भी लण्ड पकड़ती हूँ।
- तो तुम्हे लड़कों के लण्ड में ज्यादा मज़ा आता है की टीचरों के लण्ड में ?
- लड़कों के लण्ड बड़े स्वीट और प्यारे होते है कड़क भी होते है और साइज़ भी अच्छा होता है लेकिन वे अधिकतर जल्दी खलास हो जाते है। इसलिए मैं लड़कों के लण्ड पीती ज्यादा हूँ। मुझे उनका मुठ्ठ मार कर लण्ड पीना अच्छा लगता है। कुछ लड़कों से चुदवा भी लेती हूँ लेकिन टीचरों से चुदवाने में ज्यादा मज़ा आता है क्योंकि वे जल्दी नहीं झड़ते और बड़ी मस्ती से बुर चोदते है।
- कितने टीचरों से चुदवाती हो तुम ?
- सिर्फ जैकब को छोड़ कर बाकी सब भोसड़ी के मुझे चोदते है। अपने अपने घर बुला के चोदते है।
- किसका लौड़ा तुम्हे सबसे ज्यादा अच्छा लगता है ?
- माइकल का लौड़ा, आरिफ का लौड़ा, बलबीर का लौड़ा, शेखर का लौड़ा और जैकी का लौड़ा ? ये पांच मेरे पसंदीदा लण्ड है मेम ?
- सुना है तू अपनी माँ भी चुदवाती है ?
- हां मेम मुझे माँ चुदाने का शौक है। कॉलेज के अलावा भी कई मर्दों से अपनी माँ चुदवाती हूँ।
- तो तू अपनी बरखा मेम की बुर नहीं चुदवा सकती क्या ?
- क्यों नहीं चुदवा सकती मेम ? आपने पहले कभी बताया ही नहीं ? कहो तो आज ही चुदवा दूँ तेरी बुर ?
- हां चुदा दो मैं तैयार हूँ।
- ओ के आज रात को मैं कुछ लोगों के साथ आपके घर आती हूँ।
माइकल बोला :- यार बरखा आजकल तुम लड़कों का बहुत इम्तिहान ले रही हो ?
सपना बोली :- अरे भोसड़ी के माइकल, लड़कों का नहीं, लड़कों के लण्ड का इम्तिहान लेती है ये बुर चोदी बरखा ? बिना लण्ड पकडे किसी को पास ही नहीं करती है माँ की लौड़ी ? बड़ी चालाक और बड़ी सेक्सी लड़की है मेरी बरखा मैडम ?
जैकी बोला :- इसका मतलब है की आज हमारे लण्ड का भी इम्तिहान है ?
मैं बोली :- हां यह बात तो है ? अगर मुझे तुम्हारा लण्ड पसंद आया तो उसे प्यार करूंगी वरना गांड पर लात मार कर भगा दूँगी ?
मेरी यह बात सुनकर माइकल ने मुझे अपनी तरफ खींच कर चिपका लिया और मेरे गाल की चुम्मी ले ली ? जैकी मेरी चूंची दबाकर बोला हाय मेरी जान बड़ी नमकीन लगती हो तुम बरखा ? मेरा तो लण्ड ही साला तेरे नाम से खड़ा हो जाता है। मैं जब सपना की बुर चोदता हूँ तो तेरा नाम लेता हूँ।
सपना बोली :- और जब तुम मोनिका की बुर चोदते हो तो मेरा नाम लेते हो ? तुम मर्दों की यही जाति होती है ?
सब लोग हंसने लगे
सपना ने माइकल के कपडे खोल कर उसे नंगा किया। लौड़ा पकड़ कर मुझसे कहा देखो बरखा इसका लौड़ा कैसा लग रहा है तुम्हे ? मैंने लौड़ा अपने हाथ में लिया तो वह फनफना उठा। तब तक सपना ने मेरे कपडे खोल कर उसका हाथ मेरी चूंची पर रख दिया। वह आगे बढ़ी और जैकी को भी निः वस्त्र कर दिया। उसका लण्ड भी टन टना उठा और वह खुद उसका सुपाड़ा चाटने लगी। हम मादर चोद चारों एकदम नंगे हो गये और मेरे सामने नाचने लगे दो दो लण्ड ? मैंने और सपना ने एक एक करके दोनों से रात भर चुदवाया ? और फिर इन दोनों से आगे भी चुदवाने का सिलसिला चल पड़ा।
एक दिन अचानक मेरी मौसी निशा आ गयी उसके साथ दो मर्द भी थे। मौसी उनका परिचय करवाती हुई बोली ये है प्रभात तेरा मौसा और ये है पवन तेरा मौसा ? मैं यह सुनकर हैरान रह गयी।
- मैं बोली अरे मौसी क्या आपने दो दो मर्द से एक साथ शादी की है ?
- मेरा एक नहीं दो नहीं मेरे कई पति है बरखा रानी ? दरअसल मैं जितने लोगों से चुदवाती हूँ वो सब मेरे पति है।
- बाप रे बाप तू तो बड़ी चुदक्कड़ है हरामजादी मौसी ?
- और तू क्या कम है बुर चोदी बरखा ? तू तो घर में लड़कों के लण्ड का इम्तिहान लेती है। इम्तिहान के नाम पर पकड़ पकड़ के लड़कों के लण्ड पीती है तू ? चुदवाती है तू बहन चोद सबसे ?
- ये सब तुमको किसने बताया मौसी ?
- मैं तेरे कॉलेज गयी थी वहां मुझे सब मालूम हो गया है। अब तो लड़के अपने आप अपने लण्ड का इम्तिहान देने के लिए आते है तेरे पास ? तू तो बड़ी कामिनी है बरखा ? लड़कों को खूब चूतिया बनाती है तू ?
- देखो मौसी, जवानी बिना लण्ड के नहीं कटती ? मुझे तो लण्ड पकड़ने का और चुदवाने का कोई न कोई बहाना चाहिए ?
- तो फिर ले न मैं तेरे लिए दो लण्ड लाई हूँ। आज मैं तेरी बुर अपने सामने चुदवाऊँगी बरखा ?
=०=०=०= ०=०=०=०=०=० समाप्त
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