रात के १० बजे थे। मैं अपने कमरे में बैठी हुई "chulbuleblogs" www.chulbuleblogs.blogspot.com की मस्त कहानियां पढ़ रही
थी। कहानियां इतनी गरम थी की पढ़ते पढ़ते मैं अपनी चूंचियां मसलने लगी। मेरा हाथ मेरी चूत में चला गया। धीरे धीरे मैं अपने कपडे उतारने लगी। अभी कहानी आधी ही हुई थी की मेरी चूत बहुत गरम हो गयी। चुदासी हो गयी मेरी चूत। अब तक मैं करीब करीब पूरी नंगी हो चुकी थी। कहानी आगे बढती गयी तो मेरी ऊँगलियाँ मेरी बुर में घुस गयी। मैं अपनी ऊगलियॉँ से ही अपनी चूत चोदने लगी। सहसा मेरे कान में आवाज़ आयी ....... .
"मेरा भोसड़ा चुदवा दो भाभी ? देखो न कितना भूँखा है मेरा भोसड़ा, बहन चोद ? दो दिन से इसे कोई भी लण्ड नहीं मिला खाने को ज़रीना भाभी ?" आसिफ़ा
यह आवाज़ मेरी फ़रज़ाना बुआ की थी।
मेरी अम्मी बोली :- तुझे अपने भोसड़ा की पड़ी है मेरी नन्द रानी ? चौबीस घंटे तो मेरे भी भोसड़ा के हो गए उसे भी कोई लौड़ा नहीं मिला ? जला जा रहा है मेरा भोसड़ा बहन चोद ? पता नहीं आज पूरी रात कैसे कटेगी ?
बुआ बोली :- हाय अल्ला, जाने कब मिलेगा लौड़ा ? कब मिलेगा मुझे कोई चोदने वाला ?
अम्मी बोली :- अब इतनी रात गये तुझे कोई लौड़ा मिलने वाला नहीं ? हां एक बार तू तमन्ना से कह कर देख ले ? वह शायद कोई इंतज़ाम कर दे तेरा ? बुआ सीधे मेरे कमरे में आ गयी। मैं तो आधी नंगी बैठी हुई थी। वह मुझसे बोली हाय मेरी तमन्ना बिटिया कुछ करो न प्लीज। अपने किसी बॉय फ्रेंड को बुलाकर मेरे भोसड़ा चुदवा दो ? तू तो अपनी माँ का भोसड़ा चुदवाती ही रहती है ? आज अपनी बुआ का भोसड़ा चुदवा दो प्लीज ?
मैं बोली :- अगर मेरे बस होता तो मैं अपनी माँ का भोसड़ा पहले चुदवा देती ? मेरी हरामजादी बुआ ? आज वाकई मुझे कोई नहीं मिल रहा है चोदने वाला ? देख न मैं खुद ऊंगलियों से काम चला रही हूँ।
बुआ बोली :- तेरा काम तो ऊंगलियों से चल जायेगा तमन्ना तेरी तो चूत है ? पर मेरे भोसड़ा में पूरा हाथ भी घुस जाए तो कुछ नहीं होगा ? इसमें तो कोई हलब्बी लौड़ा ही काम कर सकता है। जब तक यह लण्ड नहीं खायेगा तब तक चैन से नहीं बैठेगा ?
अचानक मेरी सहेली आसिफ़ा का फोन आ गया
अम्मी बोली :- बेटी तूने अपने लिए किसी लण्ड का इंतज़ाम किया है ?
मैं बोली :- अरे अम्मी अब रहने दो न ? मैं आज अपनी माँ भोसड़ा चुदवाकर ही सो जाऊँगी। उधर बुआ की बुर भी चुद जाएगी। मैं मस्ती से दोनों का भोसड़ा चुदता हुआ देख कर मज़ा लूंगी ?
अचानक मुझे शहनाज़ आंटी का ख्याल आ गया। मैंने उसे फोन लगा दिया और खुल कर बातें करने लगी।
इधर मैं तमन्ना, मेरी अम्मी ज़रीना बेगम, मेरी बुआ फ़रज़ाना उधर आसिक, अनजान अंकल शफीक अंकल और अल्ताफ अंकल ? अम्मी ने फ़टाफ़ट ड्रिंक्स का इंतज़ाम कर दिया। सबको एक एक पैग पकड़ा दिया। सबने एक साथ चियर्स कहा और पीने लगे। हम सब एक गोला बनाकर बैठे हुए थे। सब लोग बहुत खुश थे। इतने में बुआ बोली :- अल्ला, का करम देखा भाभी ? अभी आधे घंटे पहले हमारे सामने एक भी मरद नहीं था। हमसब एक मरद तरस रही थी और अब आधे घंटे ही चार चार मरद हमारे सामने बैठे है ? अम्मी - आई फ़र्ज़ना आ, मैं कह रही थी न की मेरी बेटी से कहो वही इस समय कुछ कर सकती है और उसने कर दिया ?
बुआ - हां भाभी तमन्ना ने तो मेरा दिल जीत लिया। मैं तो इसकी गुलाम हो गयी हूँ ?
मैंने कहा :- अरी बुआ क्यों झूंठ बोल रही है तू ? मेरी नहीं, तू तो लण्ड की गुलाम है ?
अम्मी बोली :- नहीं बेटी, तेरी बुआ लण्ड की उतनी गुलाम नहीं है जितना बुआ का भोसड़ा गुलाम है लण्ड का ? जब तक इसको लण्ड नहीं मिलता तब तक इसका भोसड़ा साला इधर उधर नाचा नाचा घूमा करता है ? तेरी बुआ बुर चोदी बहुत बड़ी गुलाम है लण्ड की, बेटी ? अम्मी की बातें सुन कर सबने ठहाका लगाया और खूब तालियां बजाई ?
मैंने कहा :- बुआ जी ? मैं तो कहती हूँ की भोसड़ा हो मेरी बुआ का भोसड़ा जैसा ? बिलकुल बेशरम, निर्लज्ज, बेहाया, बदचलन और निडर ? तू बिलकुल चिंता न कर मेरी बुर चोदी बुआ ? आज मैं तेरा भोसड़ा खूब जम कर चुदाऊंगी ?
बुआ बोली :- देखो बेटी तमन्ना मैं जब चुदाने निकली हूँ तो फिर शर्म किस बात की ?
ऐसी ही बातें करते करते एक एक पैग शराब खत्म हो गयी। फिर दूसरा पैग चालू हुआ। मैं एक सिप करके बोली देखो अम्मी मैं तो अभी अपनी सहेली आसिफा के मियां से चुदवाऊँगी ? उसने अपनी हसबैंड को मुझे चोदने के लिए भेजा है। अम्मी ने कहा - अरी फ़रज़ाना बता भोसड़ी की तू किससे चुदवायेगी ? उसने कहा भाभी तुम जिससे कहो मैं उससे चुदवा लूँ ? पहले तुम बताओ भाभी की तुम अपने भोसड़ा में किसका लण्ड पेलोगी ? अम्मी बोली - मैं तो सबसे पहले अंजाना का लौड़ा तेरे भोसड़ा में पेलूँगी उसके बाद शफीक का लण्ड अपने भोसड़ा में पेलूँगी और फिर साथ साथ हम दोनों मिल कर अल्ताफ का लण्ड चाटेंगी ? सबने हां कर दी।
मैं उठ कर आसिक के पास बैठ गयी और उसी जाँघों पर हाथ रख कर सहलाने लगी। धीरे धीरे मैं हाथ उसकी टांगों के बीच ले गयी और दबा कर कहा हाय जीजा बहन का लौड़ा साला तू मुझे बड़ा नमकीन लग रहा है ? बड़ा सेक्सी लग रहा है तू मुझे बहन चोद ? अब इस भोसड़ी वाले लण्ड को खोल कर दिखाओ ? मैं देखना चाहती हूँ की क्या तेरा लौड़ा भी इसी तरह सेक्सी है ?
बुआ अंजाना अंकल से चिपक कर बैठ गयी। धीरे से अपनी चूंचियां खोल कर दिखा दी। अंकल का लौड़ा उछलने लगा अंदर ही अंदर ? बुआ ने उसके पैजामे के अंदर हाथ घसेड दिया और लण्ड छू लिया वह बोला वाओ, येतो मादर चोद अभी से खड़ा है ? यार इसे कैद में क्यों रखा है ? बाहर निकालो न बेटी चोद को मैं भी तो दीदार करूँ ? बस उसने नाड़ा खींच लिया और अपिजामा खोल कर फेंक दिया। बुआ उसका लण्ड हिलाने लगी।
उधर अम्मी ने शफीक को अपने पास बुलाया और बोली देखो मेरे देवर भोसड़ी के आज तुझे मेरा भोसड़ा चोदना है। तमन्ना ने बताया की तुम शहनाज़ का भोसड़ा खूब चोदते हो। तेरे साथ अल्ताफ भी मादर चोद शहनाज़ की बुर चोदता है ये माज़रा क्या है ? वह बोला अरे भाभी शहनाज़ का मियां मेरी बीवी चोदता है अल्ताफ़ की बीवी चोदता है तो फिर हम क्यों न चोदें उसकी बीवी ? इसलिए हम तीनो एक दूसरे की बीवियां चोदते है। हम तो शहनाज़ का भोसड़ा चोदने आये थे पर उसने कहा जाओ और तमन्ना का माँ चोदो ? अब हम दोनों तमन्ना की माँ चोदेंगें और चोदने के बाद ही जाएंगे ? अम्मी ने फिर जबाब दिया अरे मादर चोदों तमन्ना की माँ ही नहीं तमन्ना की बुर भी चोदो ? वो खुद बिना तुमसे चुदवाये तुम्हे जाने नहीं देगी।
तब तक मैं इधर आसिक का लौड़ा चाट चा कर मस्त हो गयी थी। मेरी चूत एकदम भठ्ठी की तरह लजाने लगी। तब चूत फैलाकर उसका लौड़ा अंदर घुसेड़ लिया बस मैं झमाझम चुदवाने लगी। मेरे बिलकुल बगल बुआ भी अनजान से चुदवाने लगी और एक हाथ से अस्सीक के पेल्हड़ भी सहलाने लगी। मैं समझ गयी की बुआ ससुरी अभी आसिक से भी चुदवायेगी . वैसे मुझे भी चुदवाते हुए अनजान अंकल के पेल्हड़ सहलाने में मज़ा आ रहा था। अम्मी ने अपना भोसड़ा खोल दिया और गपाक से घुसा लिया शफीक का लण्ड ? फिर अपना हाथ बढाकर अल्ट्ाफ का लौड़ा पकड़ लिया और उसे चाटने लगी। बगल में बुआ भी जबान निकाल निकाल कर अल्ताफ का लौड़ा चाटने लगी। यह रात जो बिलकुल वीरान होने जा रही थी अचानक रंगीन हो गयी। तीन चूत और चार लण्ड का धमाल एक ही कमरे में होने लगा। चुदने लगा माँ का भोसड़ा, बुआ का भोसड़ा और चुदने लगी मेरी चूत ? मुझे तो इसी तरह से सबके साथ चुदवाने में मज़ा आता है। मैं प्लान बना रही हूँ की मैं आसिफा के घर जाकर इसी तरह उसकी माँ का भोसड़ा चुदवाऊँगी ? आसिफा के मियां का लण्ड मुझे पसंद आ गया। साला देखो कैसे मेरी बुर चोदता चला जा रहा है ?
आसिक बोला :- यार तमन्ना आज मेरी तमन्ना पूरी हुई। मैं बहुत दिनों से तुम्हे चोदने की फिराक में था। मेरी बीवी बड़ी अच्छी है जिसने मुझे तेरी बुर दिलवाई ? अब वादा करो तुम मुझसे जब कब चुदवाती रहोगी ?
मैंने कहा :- हां मैं वादा करती हूँ मैं तुमसे आगे भी चुदवाती रहूंगी ? पर भोसड़ी के जीजा सुन लो जिस दिन मेरी शादी होगी उसी दिन मैं आसिफा की बुर अपने मियां से चुदवाऊँगी ?
तब तक बुआ बोली :- हाय तमन्ना आज मुझे चुदाने में बड़ा मज़ा आ रहा है। मेरा भोसड़ा साला मस्त हुआ जा रहा है। ज़रीना भाभी तेरी बेटी तो बहुत अच्छी है जो बिचारी सबका भोसड़ा चुदवाया करती है।
अम्मी बोली :- हां मेरी नन्द रानी ? मुझे अपनी बेटी पर नाज़ है ? मैं तो कहती हूँ की अल्ला सबको ऐसी ही बेटी दे जो अपनी माँ का भोसड़ा अपने सामने खुल कर चुदवाये ?
थोड़ी देर में हम तीनो कुतिया की तरह चुदवाने लगी। उधर अम्मी ने अल्ताफ का लौड़ा अपनी चूत में पेल लिया और शफीक का लण्ड चाटने लगी। फिर एक एक करके लण्ड खलास होने लगे और उगलने लगे वीर्य ?
दूसरी पारी में मैंने आसिक का लण्ड अम्मी को पकड़ा दिया ? बुआ से कहा तुम इस बार शफीक और अल्ताफ अंकल दोनों से एक साथ चुदवाओ ? बुआ खुश होकर दोनों लण्ड बारी बारी से पीने लगी। मैंने अनजान अंकल का लौड़ा अपने हाथ में लिया और चूसने लगी।
इधर लण्ड बदले तो चूत अपने आप बदल गयी। मज़ा फिर दूना होने लगा ? मैंने तो सोंच ही लिया था आज बुआ का भोसड़ा फाड़ डालूंगी मैं ? इतने लण्ड घुसेड़ूँगी इसके भोसड़ा में की यह एक हफ्ते तक चुदाने का नाम न लेगी। अभी सवेरा होने दो मैं ३/४ लण्ड और बुला लूंगी ? भोसड़ा ही क्या मैं तो बुर चोदी बुआ की गांड भी फाड़ने की फिराक में हूँ ? हर तरफ से ठोंकूंगी लण्ड ? तभी इस मादर चोद बुआ की तमन्ना पूरी होगी ?
-०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=० समाप्त
थी। कहानियां इतनी गरम थी की पढ़ते पढ़ते मैं अपनी चूंचियां मसलने लगी। मेरा हाथ मेरी चूत में चला गया। धीरे धीरे मैं अपने कपडे उतारने लगी। अभी कहानी आधी ही हुई थी की मेरी चूत बहुत गरम हो गयी। चुदासी हो गयी मेरी चूत। अब तक मैं करीब करीब पूरी नंगी हो चुकी थी। कहानी आगे बढती गयी तो मेरी ऊँगलियाँ मेरी बुर में घुस गयी। मैं अपनी ऊगलियॉँ से ही अपनी चूत चोदने लगी। सहसा मेरे कान में आवाज़ आयी ....... .
"मेरा भोसड़ा चुदवा दो भाभी ? देखो न कितना भूँखा है मेरा भोसड़ा, बहन चोद ? दो दिन से इसे कोई भी लण्ड नहीं मिला खाने को ज़रीना भाभी ?" आसिफ़ा
यह आवाज़ मेरी फ़रज़ाना बुआ की थी।
मेरी अम्मी बोली :- तुझे अपने भोसड़ा की पड़ी है मेरी नन्द रानी ? चौबीस घंटे तो मेरे भी भोसड़ा के हो गए उसे भी कोई लौड़ा नहीं मिला ? जला जा रहा है मेरा भोसड़ा बहन चोद ? पता नहीं आज पूरी रात कैसे कटेगी ?
बुआ बोली :- हाय अल्ला, जाने कब मिलेगा लौड़ा ? कब मिलेगा मुझे कोई चोदने वाला ?
अम्मी बोली :- अब इतनी रात गये तुझे कोई लौड़ा मिलने वाला नहीं ? हां एक बार तू तमन्ना से कह कर देख ले ? वह शायद कोई इंतज़ाम कर दे तेरा ? बुआ सीधे मेरे कमरे में आ गयी। मैं तो आधी नंगी बैठी हुई थी। वह मुझसे बोली हाय मेरी तमन्ना बिटिया कुछ करो न प्लीज। अपने किसी बॉय फ्रेंड को बुलाकर मेरे भोसड़ा चुदवा दो ? तू तो अपनी माँ का भोसड़ा चुदवाती ही रहती है ? आज अपनी बुआ का भोसड़ा चुदवा दो प्लीज ?
मैं बोली :- अगर मेरे बस होता तो मैं अपनी माँ का भोसड़ा पहले चुदवा देती ? मेरी हरामजादी बुआ ? आज वाकई मुझे कोई नहीं मिल रहा है चोदने वाला ? देख न मैं खुद ऊंगलियों से काम चला रही हूँ।
बुआ बोली :- तेरा काम तो ऊंगलियों से चल जायेगा तमन्ना तेरी तो चूत है ? पर मेरे भोसड़ा में पूरा हाथ भी घुस जाए तो कुछ नहीं होगा ? इसमें तो कोई हलब्बी लौड़ा ही काम कर सकता है। जब तक यह लण्ड नहीं खायेगा तब तक चैन से नहीं बैठेगा ?
अचानक मेरी सहेली आसिफ़ा का फोन आ गया
- वह बोली :- हाय तमन्ना कैसी है तू ? क्या कर रही है तू ?
- सच बताऊँ ? चूत में उंगलियां कर रही हूँ ?
- क्यों क्या कोई लौड़ा नहीं मिला तुझे क्या ?
- कहाँ मिला यार ? पूरा दिन हो गया न मैंने अपनी बुर चुदवाई और न अपनी माँ का भोसड़ा ?
- हाय रे तू अपनी माँ का भोसड़ा भी चुदवाती है बुर चोदी ? तुझे शर्म नहीं आती ?
- चुदवाने वाली को कोई शर्म नहीं आती तो फिर मुझे क्यों आये ? माँ का क्या मैं तो अपनी बुआ का भोसड़ा भी चुदवाती हूँ बोल है कोई उसका भोसड़ा चोदने वाला ?
- हां है तो पर तेरी बुआ तैयार होगी ? पूंछ लो उससे ?
- पहले मुझे बता वो कौन है भोसड़ी का ?
- मेरे पड़ोस का अनजान अंकल वैसे तो मेरी भाभी का भोसड़ा चोदने आया है पर आज उसका मन चुदाने का नहीं है ? कहो तो भेज दूँ उसे तेरे पास ?
- हां हां भेज दो यार ? न होने से तो अच्छा ही है ? और भी कोई है बोल न जल्दी से ?
- मैं एक बात कहने लिए तुझे फोन किया है तमन्ना ?
- हां बोलो क्या बात है ? उस दिन मेरे मियां आसिफ ने तुम्हे देखा था। तुम भी एक बार मिल चुकी हो उससे ? तुम उसे बहुत पसंद आ गयी हो ? वह तुम्हे चोदना चाहता है ? मेरी गुज़ारिश है की तू उससे चुदवा ले ?
- हां चुदवा लूंगी पर मेरी शादी हो जाने के बाद जब मैं कहू तो तुम भी मेरे मियां से चुदवा लेना। नखरे मत करना नहीं तो मैं तेरी माँ चोद दूँगी ?
- नहीं मैं ख़ुशी ख़ुशी चुदवा लूंगी। मैं अभी आधे घंटे में दोनों को भेज रही हूँ।
अम्मी बोली :- बेटी तूने अपने लिए किसी लण्ड का इंतज़ाम किया है ?
मैं बोली :- अरे अम्मी अब रहने दो न ? मैं आज अपनी माँ भोसड़ा चुदवाकर ही सो जाऊँगी। उधर बुआ की बुर भी चुद जाएगी। मैं मस्ती से दोनों का भोसड़ा चुदता हुआ देख कर मज़ा लूंगी ?
अचानक मुझे शहनाज़ आंटी का ख्याल आ गया। मैंने उसे फोन लगा दिया और खुल कर बातें करने लगी।
- मैंने पूंछा शहनाज़ तेरा मियां यानी अंकल कहाँ है ?
- वह तो अपनी ससुराल गया है, बेटी तमन्ना ?
- तो घर में कोई मरद है की नहीं ?
- हां है मेरा देवर है, मेरा बहनोई है, मेरा नंदोई है। मेरे मियां के दो दोस्त भी है।
- तो वे सब बहन चोद क्या कर रहे है ?
- मेरा देवर मेरी बहन की बुर चोद रहा है, मेरा बहनोई मेरी नन्द की चूत में लण्ड पेले हुए है और मेरा नंदोई मेरी देवरानी की बुर चोदने में लगा है ? मैं भी अपने मियां के दोस्तों से चुदवाने जा रही हूँ।
- वाओ, तब तो बड़ा मज़ा आ रहा होगा, आंटी ? तेरे घर में क्या कोई अपनी बीवी नहीं चोदता क्या ?
- अरे बेटी मेरे घर में दूसरे की बीवियां चोदने का रिवाज़ है। यहाँ सारे मर्द मादर चोद दूसरे की बीवियां चोदते है। बीवियां भी बुर चोदी गैर मर्दों से मस्त होकर चुदवाती हैं तभी तो मैं भी गैर मर्दों से चुदवाने जा रही हूँ।
- देखो आंटी आज तू मत चुदवाओ ? आज वो दोनों मरद मेरे पास भेज दे ? आज मेरी बुआ को और मेरी माँ को चोदने वाला कोई नहीं है। मैं उनसे अपनी बुआ का भोसड़ा और माँ का भोसड़ा चुदाऊंगी ?
- बस इतनी सी बात है तमन्ना ? मैं अभी भेज देती हूँ।
इधर मैं तमन्ना, मेरी अम्मी ज़रीना बेगम, मेरी बुआ फ़रज़ाना उधर आसिक, अनजान अंकल शफीक अंकल और अल्ताफ अंकल ? अम्मी ने फ़टाफ़ट ड्रिंक्स का इंतज़ाम कर दिया। सबको एक एक पैग पकड़ा दिया। सबने एक साथ चियर्स कहा और पीने लगे। हम सब एक गोला बनाकर बैठे हुए थे। सब लोग बहुत खुश थे। इतने में बुआ बोली :- अल्ला, का करम देखा भाभी ? अभी आधे घंटे पहले हमारे सामने एक भी मरद नहीं था। हमसब एक मरद तरस रही थी और अब आधे घंटे ही चार चार मरद हमारे सामने बैठे है ? अम्मी - आई फ़र्ज़ना आ, मैं कह रही थी न की मेरी बेटी से कहो वही इस समय कुछ कर सकती है और उसने कर दिया ?
बुआ - हां भाभी तमन्ना ने तो मेरा दिल जीत लिया। मैं तो इसकी गुलाम हो गयी हूँ ?
मैंने कहा :- अरी बुआ क्यों झूंठ बोल रही है तू ? मेरी नहीं, तू तो लण्ड की गुलाम है ?
अम्मी बोली :- नहीं बेटी, तेरी बुआ लण्ड की उतनी गुलाम नहीं है जितना बुआ का भोसड़ा गुलाम है लण्ड का ? जब तक इसको लण्ड नहीं मिलता तब तक इसका भोसड़ा साला इधर उधर नाचा नाचा घूमा करता है ? तेरी बुआ बुर चोदी बहुत बड़ी गुलाम है लण्ड की, बेटी ? अम्मी की बातें सुन कर सबने ठहाका लगाया और खूब तालियां बजाई ?
मैंने कहा :- बुआ जी ? मैं तो कहती हूँ की भोसड़ा हो मेरी बुआ का भोसड़ा जैसा ? बिलकुल बेशरम, निर्लज्ज, बेहाया, बदचलन और निडर ? तू बिलकुल चिंता न कर मेरी बुर चोदी बुआ ? आज मैं तेरा भोसड़ा खूब जम कर चुदाऊंगी ?
बुआ बोली :- देखो बेटी तमन्ना मैं जब चुदाने निकली हूँ तो फिर शर्म किस बात की ?
ऐसी ही बातें करते करते एक एक पैग शराब खत्म हो गयी। फिर दूसरा पैग चालू हुआ। मैं एक सिप करके बोली देखो अम्मी मैं तो अभी अपनी सहेली आसिफा के मियां से चुदवाऊँगी ? उसने अपनी हसबैंड को मुझे चोदने के लिए भेजा है। अम्मी ने कहा - अरी फ़रज़ाना बता भोसड़ी की तू किससे चुदवायेगी ? उसने कहा भाभी तुम जिससे कहो मैं उससे चुदवा लूँ ? पहले तुम बताओ भाभी की तुम अपने भोसड़ा में किसका लण्ड पेलोगी ? अम्मी बोली - मैं तो सबसे पहले अंजाना का लौड़ा तेरे भोसड़ा में पेलूँगी उसके बाद शफीक का लण्ड अपने भोसड़ा में पेलूँगी और फिर साथ साथ हम दोनों मिल कर अल्ताफ का लण्ड चाटेंगी ? सबने हां कर दी।
मैं उठ कर आसिक के पास बैठ गयी और उसी जाँघों पर हाथ रख कर सहलाने लगी। धीरे धीरे मैं हाथ उसकी टांगों के बीच ले गयी और दबा कर कहा हाय जीजा बहन का लौड़ा साला तू मुझे बड़ा नमकीन लग रहा है ? बड़ा सेक्सी लग रहा है तू मुझे बहन चोद ? अब इस भोसड़ी वाले लण्ड को खोल कर दिखाओ ? मैं देखना चाहती हूँ की क्या तेरा लौड़ा भी इसी तरह सेक्सी है ?
बुआ अंजाना अंकल से चिपक कर बैठ गयी। धीरे से अपनी चूंचियां खोल कर दिखा दी। अंकल का लौड़ा उछलने लगा अंदर ही अंदर ? बुआ ने उसके पैजामे के अंदर हाथ घसेड दिया और लण्ड छू लिया वह बोला वाओ, येतो मादर चोद अभी से खड़ा है ? यार इसे कैद में क्यों रखा है ? बाहर निकालो न बेटी चोद को मैं भी तो दीदार करूँ ? बस उसने नाड़ा खींच लिया और अपिजामा खोल कर फेंक दिया। बुआ उसका लण्ड हिलाने लगी।
उधर अम्मी ने शफीक को अपने पास बुलाया और बोली देखो मेरे देवर भोसड़ी के आज तुझे मेरा भोसड़ा चोदना है। तमन्ना ने बताया की तुम शहनाज़ का भोसड़ा खूब चोदते हो। तेरे साथ अल्ताफ भी मादर चोद शहनाज़ की बुर चोदता है ये माज़रा क्या है ? वह बोला अरे भाभी शहनाज़ का मियां मेरी बीवी चोदता है अल्ताफ़ की बीवी चोदता है तो फिर हम क्यों न चोदें उसकी बीवी ? इसलिए हम तीनो एक दूसरे की बीवियां चोदते है। हम तो शहनाज़ का भोसड़ा चोदने आये थे पर उसने कहा जाओ और तमन्ना का माँ चोदो ? अब हम दोनों तमन्ना की माँ चोदेंगें और चोदने के बाद ही जाएंगे ? अम्मी ने फिर जबाब दिया अरे मादर चोदों तमन्ना की माँ ही नहीं तमन्ना की बुर भी चोदो ? वो खुद बिना तुमसे चुदवाये तुम्हे जाने नहीं देगी।
तब तक मैं इधर आसिक का लौड़ा चाट चा कर मस्त हो गयी थी। मेरी चूत एकदम भठ्ठी की तरह लजाने लगी। तब चूत फैलाकर उसका लौड़ा अंदर घुसेड़ लिया बस मैं झमाझम चुदवाने लगी। मेरे बिलकुल बगल बुआ भी अनजान से चुदवाने लगी और एक हाथ से अस्सीक के पेल्हड़ भी सहलाने लगी। मैं समझ गयी की बुआ ससुरी अभी आसिक से भी चुदवायेगी . वैसे मुझे भी चुदवाते हुए अनजान अंकल के पेल्हड़ सहलाने में मज़ा आ रहा था। अम्मी ने अपना भोसड़ा खोल दिया और गपाक से घुसा लिया शफीक का लण्ड ? फिर अपना हाथ बढाकर अल्ट्ाफ का लौड़ा पकड़ लिया और उसे चाटने लगी। बगल में बुआ भी जबान निकाल निकाल कर अल्ताफ का लौड़ा चाटने लगी। यह रात जो बिलकुल वीरान होने जा रही थी अचानक रंगीन हो गयी। तीन चूत और चार लण्ड का धमाल एक ही कमरे में होने लगा। चुदने लगा माँ का भोसड़ा, बुआ का भोसड़ा और चुदने लगी मेरी चूत ? मुझे तो इसी तरह से सबके साथ चुदवाने में मज़ा आता है। मैं प्लान बना रही हूँ की मैं आसिफा के घर जाकर इसी तरह उसकी माँ का भोसड़ा चुदवाऊँगी ? आसिफा के मियां का लण्ड मुझे पसंद आ गया। साला देखो कैसे मेरी बुर चोदता चला जा रहा है ?
आसिक बोला :- यार तमन्ना आज मेरी तमन्ना पूरी हुई। मैं बहुत दिनों से तुम्हे चोदने की फिराक में था। मेरी बीवी बड़ी अच्छी है जिसने मुझे तेरी बुर दिलवाई ? अब वादा करो तुम मुझसे जब कब चुदवाती रहोगी ?
मैंने कहा :- हां मैं वादा करती हूँ मैं तुमसे आगे भी चुदवाती रहूंगी ? पर भोसड़ी के जीजा सुन लो जिस दिन मेरी शादी होगी उसी दिन मैं आसिफा की बुर अपने मियां से चुदवाऊँगी ?
तब तक बुआ बोली :- हाय तमन्ना आज मुझे चुदाने में बड़ा मज़ा आ रहा है। मेरा भोसड़ा साला मस्त हुआ जा रहा है। ज़रीना भाभी तेरी बेटी तो बहुत अच्छी है जो बिचारी सबका भोसड़ा चुदवाया करती है।
अम्मी बोली :- हां मेरी नन्द रानी ? मुझे अपनी बेटी पर नाज़ है ? मैं तो कहती हूँ की अल्ला सबको ऐसी ही बेटी दे जो अपनी माँ का भोसड़ा अपने सामने खुल कर चुदवाये ?
थोड़ी देर में हम तीनो कुतिया की तरह चुदवाने लगी। उधर अम्मी ने अल्ताफ का लौड़ा अपनी चूत में पेल लिया और शफीक का लण्ड चाटने लगी। फिर एक एक करके लण्ड खलास होने लगे और उगलने लगे वीर्य ?
दूसरी पारी में मैंने आसिक का लण्ड अम्मी को पकड़ा दिया ? बुआ से कहा तुम इस बार शफीक और अल्ताफ अंकल दोनों से एक साथ चुदवाओ ? बुआ खुश होकर दोनों लण्ड बारी बारी से पीने लगी। मैंने अनजान अंकल का लौड़ा अपने हाथ में लिया और चूसने लगी।
इधर लण्ड बदले तो चूत अपने आप बदल गयी। मज़ा फिर दूना होने लगा ? मैंने तो सोंच ही लिया था आज बुआ का भोसड़ा फाड़ डालूंगी मैं ? इतने लण्ड घुसेड़ूँगी इसके भोसड़ा में की यह एक हफ्ते तक चुदाने का नाम न लेगी। अभी सवेरा होने दो मैं ३/४ लण्ड और बुला लूंगी ? भोसड़ा ही क्या मैं तो बुर चोदी बुआ की गांड भी फाड़ने की फिराक में हूँ ? हर तरफ से ठोंकूंगी लण्ड ? तभी इस मादर चोद बुआ की तमन्ना पूरी होगी ?
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