आज क्लब में जुआं खेलते समय मैं जब सब कुछ हार गयी तो आखिर में मैंने अपने पति का लण्ड दांव पर लगा दिया ? इत्तिफ़ाक़ से वह भी हार गयी मैं ?
अब कल मिसेज रागिनी और मिसेज कामिनी मेरे पति का लण्ड पकड़ेगीं और अपनी चूत चुदवा चुदवा कर मज़ा लेंगी भोसड़ी वाली ? मैं चुपचाप अकेली बैठी हुई तमाशा देखूँगी। अगर मैं जीत जाती तो मैं उन दोनों के मियां से चुदवाती मुझे दोनों लण्ड का मज़ा मिलता ? मैंने इसी लालच में अपने पति का लण्ड उन दोनों के लण्ड के सामने दांव पर लगाया था लेकिन पांसा पलट गया ? अब मैं हार गयी। मुझसे मेरा लण्ड चला गया। अब मैं उन लोगों से चुदवा नहीं सकती ? अब वे चुदवायेंगी मेरे पति से ? सारे मर्दों के बीच में मेरे मरद का लौड़ा सबसे मोटा और तगड़ा है। कल बुर चोदी रागिनी और कामिनी दोनों मेरे सामने मेरे हसबैंड से चुदवायेंगी और मैं बैठे बैठे अपनी झांटें उखाड़ूँगी।
इतने में रंजीत मेरे पास आया और बोला शेफाली भाभी यही होता है जुआं खेलने में ? मैंने भी उस दिन अपनी बीवी की चूत रितेश की बीवी की चूत के सामने दांव पर लगा दिया और हार गया ? बस फिर क्या रितेश चोदने लगा मेरी बीवी की चूत और मैं बैठे बैठे चुदवाने लगा अपनी बीवी की बुर ? अचानक रितेश ने अपना लण्ड मेरी बीवी की गांड में टिका दिया उसे देख कर मैं चिल्ला पड़ा अरे यार मैं अपनी बीवी की चूत हारा हूँ गांड नहीं ? मैंने गांड नहीं उसकी चूत दांव पर लगाई थी। तुम उसकी चूत चोद सकते हो लेकिन गांड नहीं मार सकते ? तब उसने अपना लण्ड हटाया मेरी बीवी की गांड से ? और फिर भाभी ये हार जीत तो जुएं में होती रहती है ? कभी इधर कभी उधर होता रहता है भाभी ? जिस दिन तेरा हसबैंड तेरी बुर दांव पर लगा कर हार जायेगा उस दिन तुम्हे इन लोगों से चुदवाने का मौका मिल जायेगा ? मैं तो कहता हूँ की उस दिन तुम अपनी बुर के साथ साथ गांड भी दांव पर लगवा लेना ताकि तुम्हे चूत चुदाने के साथ साथ गांड मराने का भी मौका मिल जाए ?
मैं बोली :- और अगर वह जीत गया तो फिर वह बीवियों की बुर भी चोदेगा और गांड भी मारेगा ? तब मैं क्या बैठी बैठी अपने हसबैंड के दूसरों की बीवियां चोदने के धक्के गिनूंगी, बहन चोद ? तब तो न कोई मेरी बुर में लण्ड पेलेगा और न मेरी गांड में ? मुझे तो फायदा तब है जब मैं अपने मियां का लण्ड दांव पर लगा कर जीत जाऊं तब उनके लण्ड हमारे हो जाएंगे और मैं उनसे चुदवाऊँगी ? इसी तरह मेरा हसबैंड मेरी चूत दांव पर लगा कर हार जाए तो वो लोग मेरी चूत चोदेंगे ? समझे भोसड़ी के रितेश ?
दूसरे दिन मैं जैसे ही आयी तो देखा की रागिनी और कामिनी दोनों ही मेरा इंतज़ार कर रही है। मैं अपने हसबैंड शिवा के साथ पहुँच गयी तो वे दोनों मेरे पति को आँखे फाड़ फाड़ कर देखने लगी। दोनों मेरे पास आयी और मैंने उन्हें अपने मियां से मिलवाया ? मैंने कहा यार शिवा कल मैं जुएं में तेरा लण्ड हार गयी थी। तो ये दोनों आज मेरे सामने ही तुमसे चुदवायेंगी ? इन्हे तुमसे चुदवाने का हक़ है ? मैं बैठी हूँ तुम चोदो इन दोनों भोसड़ी वालियों की चूत ? रागिनी और कामिनी ने पहले अपने अपने कपडे उतारे और फिर दोनों मिलकर शिवा के कपडे उतारने लगी। मेरा मरद जब नंगा हुआ तो उसका लौड़ा टन्ना कर खड़ा हो गया जिसे रागिनी ने पकड़ लिया और कामिनी उसे चूमने लगी। उधर मेरा पति कामिनी की बुर चाट रहा था। थोड़ी देर में रागिनी लण्ड ने अपनी चूत में पेला और चुदवाने लगी। कामिनी अपनी चूंची मेरे मियां के मुंह में घुसा कर चुसाने लगी। मैं बैठी हुई अपने मरद को चोदते हुए देख रही थी। रागिनी चुदवाने में बड़ी एक्सपर्ट लग रही थी। तब कामिनी घूम कर लण्ड के पास आ गयी और उसने रागिनी की बुर से लौड़ा खींच कर अपनी बुर में घुसा लिया ? मैंने फिर कामिनी को चुदवाते हुए देखा ? मुझे तो दोनों भोसड़ी वाली बिलकुल रंडी लग रही थी। हालांकि मैं भी रंडी की तरह चुदवाती हूँ पर ये तो माँ की लौड़ी मुझसे भी आगे है ? मैं आँखे फाड़ फाड़ कर दोनों की चुदाई देखने लगी
कामिनी बोली :- हाय शेफाली तेरा मियां तो बहुत बढ़िया चोद लेता है बुर ?
मैंने जबाब दिया :- हां यार तुम सही कह रही हो पर कामिनी तेरी बुर तो अब भोसड़ा बन चुकी है ?
वह बोली :- अरे यार जब हर दिन तीन तीन चार चार लण्ड इसमें घुस कर भकाभक चोदेंगें तो चूत बुर चोदी भोसड़ा बन ही जाएगी ? तेरी भी चूत आज नहीं तो कल भोसड़ा बन जाएगी ? क्योंकि मैं देख रही हूँ की तू भी हर रोज़ २/३ बार अपने मियां का लण्ड दांव पर लगा देती है।
मैंने कहा :- यार इसके अलावा भी मेरा मियां भी तो मेरी चूत दिन में २/३ बार दांव पर लगता है और जब वह हार जाता है मुझे लोगों से चुदवाना पड़ता है। इस तरह मेरी चूत बुर चोदी चुदती ही रहती है ?
रागिनी बोली :- तो ठीक ही तो है न ? चूत का और काम ही क्या है ? एक तो मूतना और दूसरा चुदाना ?
इतने में मैंने देखा की मिसेज बाला एक मोटा काला काला लण्ड पकड़े हुए चली आ रही है। मैंने कहा हाय बाला लौड़ा तो बड़ा सॉलिड और सुन्दर है बाला। वह बोली हां भाभी मैं अभी अभी इसे जीत कर आ रही हूँ। इस लण्ड में आगे मैंने अपने मियां का लण्ड दांव पर लगाया था तो मैं जीत गयी ? अब मैं इससे जी भर चुदवाऊँगी ? मैंने कहा वाओ, तब तो खूब मज़ा आएगा तुम्हे। मुझे भी काला लौड़ा बहुत पसंद है। वह बोली तो फिर आओ न मेरे साथ तुम भी चुदवा लो ? मैंने कहा कैसे ? जीता तुमने है लण्ड तो मैं कैसे चुदवा सकती हूँ। वह बोली नहीं यार ऐसा नहीं है ? मैं जीत कर इस लण्ड की मालकिन बन गयी हूँ दो घंटे के लिए ? मेरा हक़ है इस पर मैं जो चाऊं करूँ ? इसे अपनी बुर में पेलूँ या किसी और की बुर में पेलूँ ? मुझे कोई भोसड़ी वाला रोक नहीं सकता ? इसका हसबैंड मुझे कतई रोक नहीं सकता ? ले पकड़ बहन चोद लण्ड , शेफाली और मज़ा ले तब तक मैं इसे अपनी बुर चटवाती हूँ। मैं तो लण्ड पकड़ कर बड़ी खुश हुई और काले लण्ड का मज़ा लेने लगी।
मैं लौड़ा चाट ही रही थी की वहां से रितेश निकला। उसने एक नंगी औरत का हाथ पकड़ा था। मुझसे बोला शेफाली भाभी देखो कल मैं अपनी बीवी की बुर हार गया था ? आज मैं जीत गया हूँ। ये शेखर की बीवी सुरेखा है मैं इसकी बुर जीत कर आ रहा हूँ। अब मैं इसे यहीं पटक पटक के चोदूंगा ? इधर मैं काले लण्ड से चुदवाने लगी उधर वह सुरेखा की बुर चोदने लगा।
वह बोला भाभी वहां जबरदस्त जुआँ हो रहा है। लोग धड़ाधड़ अपनी बीवी की बुर दांव पर लगा रहे है। जीत जातें है तो हारने वाले की बीवी चोदते है और हार जातें है तो अपनी बीवी चुदवाते है। और बीवियां धकापेल अपने अपने मियां का लण्ड दांव पर लगा रही है। हार जाती है तो उनके मियां दूसरों की बीवियां चोदते है और जीत जाती है तो खुद लण्ड पकड़ कर खूब भकाभक चुदवाती है। चारों तरह बड़ा मज़ा आ रहा है भाभी ? यहाँ तो ज़न्नत है भाभी ?
मैंने पूंछा ;- रितेश तेरी बीवी कहाँ है ?
वह बोला - अभी वह मेरी चुदाई रही है बैठी बैठी ? मैं जब उसकी बुर हारूँगा तो वह किसी से चुदवाने चली जाएगी ? नहीं तो सुरेखा को चोदने के बाद वह भी मेरा लण्ड दांव पर लगा देगी ?
इतने में बाला बोली यार तुम इससे चुदवाओ मैं किसी और से चुदवाने जा रही हूँ। बस फिर तो मुझे ज्यादा ही मज़ा आने लगा। मुझे काला लौड़ा बड़ा मज़ा दे रहा था। मोटा और सख्त काला लण्ड मैं ज़िन्दगी में आज पहली बार चाट रही हूँ। मैंने फिर चूत फैला दी और लौड़ा पेल कर चुदवाने लगी अपनी बुर ? सबके सामने भकाभक चुदवाये चली जा रही थी मैं ? फिर मैंने पीछे से चुदवाया और आखिर में झड़ता हुस लण्ड पिया ?
दूसरे दिन क्लब ११ बजे ही शुरू हो गया। मैं अपने पति के साथ १२ बजे पहुंची। अचानक मैंने देखा की बाला एकदम नंगी नंगी मेरी तरफ दौड़ती हुई आ रही है। उसके पीछे दो नंगे मर्द फि दौड़ते हुए चले आ रहे है।
वह बोली :- हाय शेफाली मैंने अभी अभी रागिनी और कामिनी के मर्दों के लण्ड जीत लिया है। देखो न दोनों मेरे पीछे आ रहे है। रागिनी और कामिनी दोनों ने कल तेरे मियां से चुदवाया था आज तुम उन दोनों के मियों से चुदवाओ ? रागिनी का मर्द रूपक और कामिनी का मर्द करन दोनों के लण्ड बड़े मस्त है यार। मैंने तुम्हारी हार का बदला ले लिया है। तुम दोनों मादर चोदों से चुदवाओ ? अब मैं अपने पति से अपनी बुर दांव पर लगवाने जा रही हूँ।
मैं तो बुर चोदी रागिनी और कामिनी पर खार खाये बैठी ही थी। मैं बहुत खुश थी की अब मैं उन दोनों के लण्ड चोदने जा रही हूँ। मैंने अपने कपडे खोल डाले और उन दोनों को नंगा करके दोनों लण्ड पकड़ लिया ? लण्ड एकदम से टन्ना गए तो मैं बारी बारी से उनका सुपाड़ा चाटने लगी ? रागिनी और कामिनी मेरे सामने आ भी गयी।
मैंने कहा :- हाय रागिनी तेरे मरद का लौड़ा बड़ा मोटा ताज़ा है यार मुझे तो चुदवाने में खूब मज़ा आएगा और कामिनी तेरे मियां का भी लौड़ा जबरदस्त है ? कल जब तुम मेरे पति से चुदवा रही थी तो मैंने सोंचा नहीं था की मैं इतनी जल्दी तेरे मियों से चुदवाऊँगी ?
रागिनी बोली :- यार शेफाली सच बात तो यह है की तेरे मियां का लण्ड यहाँ सबसे मोटा और तगड़ा है ? इसलिए हमें खूब मज़ा आया चुदवाने में ? मैं तो बार बार अपने मियां का लण्ड दांव पर लगाऊंगी ताकि तुम हार जाओ और हमें फिर से तेरे मरद से चुदवाने का मौका मिले ? सिर्फ एक बार चुदवाने से मन नहीं भरा यार ? तब तक रूपक ने लण्ड मेरी चूत में ठोंक दिया और चोदने लगा मुझे ? मैं इधर करन का लण्ड मुंह में लेकर चूसने लगी। रागिनी और कामिनी दोनों बुर चोदी मेरे सामने बैठी हुई अपने अपने मियां को मेरी बुर चोदते हुए देख रही थी। मैं भी मस्त होकर बिलकुल रंडी की तरह चुदवाने में जुट गयी। मैं अपनी गांड उठा उठा कर खूब चुदवा रही थी। मन ही मन मैं बड़ी खुश हो रही थी की मैंने हरे हुए लण्ड का बदला ले लिया।
एक दिन जब मैं अपने मियां का लण्ड दांव पर लगाने बैठी तो देखा की सामने मरीना आंटी बैठी हुई है अपने मियां का लण्ड दांव पर लगाने के लिए ?
मैंने कहा :- आंटी बहुत दिनों से मेरी इच्छा थी अंकल का लण्ड पकड़ने की लेकिन मुझे क्या मालूम था की मैं एक दिन इसका लण्ड जीत जाऊँगी ?
आंटी बोली :- मेरी बुर चोदी शेफाली तू चिंता न कर मैं भी कभी जीतूंगी तेरे मियां का लण्ड ? मैं भी कभी घुसेड़ूँगी अपने भोसड़ा में तेरे मियां का लण्ड ? बस फिर क्या मैंने बड़ी देर तक अंकल से चुदवाया और आखिर में जब लण्ड खलास होने वाला था तो उसका मारा सटासट मुठ्ठ और फिर पी गयी उसका लण्ड ? देखने वाले बहन चोद बड़ी मस्ती से देख रहे थे मुझे लण्ड पीते हुए ?
तो दोस्तों, इस क्लब में इसी तरह लोग एक दूसरे की बीवियां चोदते रहते है और अपनी बीवियां चुदवाते रहते है ?
अब देखो न जुआं खेलने वालों की कितनी भीड़ लगी है। किस किस तरह की आवाजें आ रही है -
"मैं अपने मियां का लण्ड दांव पर लगाती हूँ ,,,, ? मैं अपनी बीवी की चूत दांव पर लगाता हूँ ,,,, ? मैं अपनी बीवी की गांड दांव पर लगाता हूँ ,,,,,, ? मैं अपने पति का लण्ड २४ घंटे के लिए दांव पर लगाती हूँ,,,,,,,,,,? मैं एक घंटा लण्ड पीने के लिए अपने पति का लण्ड दांव पे लगाती हूँ ,,,,,,, ? मैं अपनी बीवी की बुर रात भर के लिए दांव पे लगाता हूँ ,,,,, ,? मैं अपनी बीवी की चूंची एक घंटे के लिए दांव पे लगाता हूँ ,,,,,,,,, ? मैं विदेशी लण्ड के आगे देशी लण्ड दांव पे लगाती हूँ ,,,,,,,? आदि आदि "
यही सब मस्ती से होता रहता है इस क्लब में ?
==०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=० समाप्त
अब कल मिसेज रागिनी और मिसेज कामिनी मेरे पति का लण्ड पकड़ेगीं और अपनी चूत चुदवा चुदवा कर मज़ा लेंगी भोसड़ी वाली ? मैं चुपचाप अकेली बैठी हुई तमाशा देखूँगी। अगर मैं जीत जाती तो मैं उन दोनों के मियां से चुदवाती मुझे दोनों लण्ड का मज़ा मिलता ? मैंने इसी लालच में अपने पति का लण्ड उन दोनों के लण्ड के सामने दांव पर लगाया था लेकिन पांसा पलट गया ? अब मैं हार गयी। मुझसे मेरा लण्ड चला गया। अब मैं उन लोगों से चुदवा नहीं सकती ? अब वे चुदवायेंगी मेरे पति से ? सारे मर्दों के बीच में मेरे मरद का लौड़ा सबसे मोटा और तगड़ा है। कल बुर चोदी रागिनी और कामिनी दोनों मेरे सामने मेरे हसबैंड से चुदवायेंगी और मैं बैठे बैठे अपनी झांटें उखाड़ूँगी।
इतने में रंजीत मेरे पास आया और बोला शेफाली भाभी यही होता है जुआं खेलने में ? मैंने भी उस दिन अपनी बीवी की चूत रितेश की बीवी की चूत के सामने दांव पर लगा दिया और हार गया ? बस फिर क्या रितेश चोदने लगा मेरी बीवी की चूत और मैं बैठे बैठे चुदवाने लगा अपनी बीवी की बुर ? अचानक रितेश ने अपना लण्ड मेरी बीवी की गांड में टिका दिया उसे देख कर मैं चिल्ला पड़ा अरे यार मैं अपनी बीवी की चूत हारा हूँ गांड नहीं ? मैंने गांड नहीं उसकी चूत दांव पर लगाई थी। तुम उसकी चूत चोद सकते हो लेकिन गांड नहीं मार सकते ? तब उसने अपना लण्ड हटाया मेरी बीवी की गांड से ? और फिर भाभी ये हार जीत तो जुएं में होती रहती है ? कभी इधर कभी उधर होता रहता है भाभी ? जिस दिन तेरा हसबैंड तेरी बुर दांव पर लगा कर हार जायेगा उस दिन तुम्हे इन लोगों से चुदवाने का मौका मिल जायेगा ? मैं तो कहता हूँ की उस दिन तुम अपनी बुर के साथ साथ गांड भी दांव पर लगवा लेना ताकि तुम्हे चूत चुदाने के साथ साथ गांड मराने का भी मौका मिल जाए ?
मैं बोली :- और अगर वह जीत गया तो फिर वह बीवियों की बुर भी चोदेगा और गांड भी मारेगा ? तब मैं क्या बैठी बैठी अपने हसबैंड के दूसरों की बीवियां चोदने के धक्के गिनूंगी, बहन चोद ? तब तो न कोई मेरी बुर में लण्ड पेलेगा और न मेरी गांड में ? मुझे तो फायदा तब है जब मैं अपने मियां का लण्ड दांव पर लगा कर जीत जाऊं तब उनके लण्ड हमारे हो जाएंगे और मैं उनसे चुदवाऊँगी ? इसी तरह मेरा हसबैंड मेरी चूत दांव पर लगा कर हार जाए तो वो लोग मेरी चूत चोदेंगे ? समझे भोसड़ी के रितेश ?
दूसरे दिन मैं जैसे ही आयी तो देखा की रागिनी और कामिनी दोनों ही मेरा इंतज़ार कर रही है। मैं अपने हसबैंड शिवा के साथ पहुँच गयी तो वे दोनों मेरे पति को आँखे फाड़ फाड़ कर देखने लगी। दोनों मेरे पास आयी और मैंने उन्हें अपने मियां से मिलवाया ? मैंने कहा यार शिवा कल मैं जुएं में तेरा लण्ड हार गयी थी। तो ये दोनों आज मेरे सामने ही तुमसे चुदवायेंगी ? इन्हे तुमसे चुदवाने का हक़ है ? मैं बैठी हूँ तुम चोदो इन दोनों भोसड़ी वालियों की चूत ? रागिनी और कामिनी ने पहले अपने अपने कपडे उतारे और फिर दोनों मिलकर शिवा के कपडे उतारने लगी। मेरा मरद जब नंगा हुआ तो उसका लौड़ा टन्ना कर खड़ा हो गया जिसे रागिनी ने पकड़ लिया और कामिनी उसे चूमने लगी। उधर मेरा पति कामिनी की बुर चाट रहा था। थोड़ी देर में रागिनी लण्ड ने अपनी चूत में पेला और चुदवाने लगी। कामिनी अपनी चूंची मेरे मियां के मुंह में घुसा कर चुसाने लगी। मैं बैठी हुई अपने मरद को चोदते हुए देख रही थी। रागिनी चुदवाने में बड़ी एक्सपर्ट लग रही थी। तब कामिनी घूम कर लण्ड के पास आ गयी और उसने रागिनी की बुर से लौड़ा खींच कर अपनी बुर में घुसा लिया ? मैंने फिर कामिनी को चुदवाते हुए देखा ? मुझे तो दोनों भोसड़ी वाली बिलकुल रंडी लग रही थी। हालांकि मैं भी रंडी की तरह चुदवाती हूँ पर ये तो माँ की लौड़ी मुझसे भी आगे है ? मैं आँखे फाड़ फाड़ कर दोनों की चुदाई देखने लगी
कामिनी बोली :- हाय शेफाली तेरा मियां तो बहुत बढ़िया चोद लेता है बुर ?
मैंने जबाब दिया :- हां यार तुम सही कह रही हो पर कामिनी तेरी बुर तो अब भोसड़ा बन चुकी है ?
वह बोली :- अरे यार जब हर दिन तीन तीन चार चार लण्ड इसमें घुस कर भकाभक चोदेंगें तो चूत बुर चोदी भोसड़ा बन ही जाएगी ? तेरी भी चूत आज नहीं तो कल भोसड़ा बन जाएगी ? क्योंकि मैं देख रही हूँ की तू भी हर रोज़ २/३ बार अपने मियां का लण्ड दांव पर लगा देती है।
मैंने कहा :- यार इसके अलावा भी मेरा मियां भी तो मेरी चूत दिन में २/३ बार दांव पर लगता है और जब वह हार जाता है मुझे लोगों से चुदवाना पड़ता है। इस तरह मेरी चूत बुर चोदी चुदती ही रहती है ?
रागिनी बोली :- तो ठीक ही तो है न ? चूत का और काम ही क्या है ? एक तो मूतना और दूसरा चुदाना ?
इतने में मैंने देखा की मिसेज बाला एक मोटा काला काला लण्ड पकड़े हुए चली आ रही है। मैंने कहा हाय बाला लौड़ा तो बड़ा सॉलिड और सुन्दर है बाला। वह बोली हां भाभी मैं अभी अभी इसे जीत कर आ रही हूँ। इस लण्ड में आगे मैंने अपने मियां का लण्ड दांव पर लगाया था तो मैं जीत गयी ? अब मैं इससे जी भर चुदवाऊँगी ? मैंने कहा वाओ, तब तो खूब मज़ा आएगा तुम्हे। मुझे भी काला लौड़ा बहुत पसंद है। वह बोली तो फिर आओ न मेरे साथ तुम भी चुदवा लो ? मैंने कहा कैसे ? जीता तुमने है लण्ड तो मैं कैसे चुदवा सकती हूँ। वह बोली नहीं यार ऐसा नहीं है ? मैं जीत कर इस लण्ड की मालकिन बन गयी हूँ दो घंटे के लिए ? मेरा हक़ है इस पर मैं जो चाऊं करूँ ? इसे अपनी बुर में पेलूँ या किसी और की बुर में पेलूँ ? मुझे कोई भोसड़ी वाला रोक नहीं सकता ? इसका हसबैंड मुझे कतई रोक नहीं सकता ? ले पकड़ बहन चोद लण्ड , शेफाली और मज़ा ले तब तक मैं इसे अपनी बुर चटवाती हूँ। मैं तो लण्ड पकड़ कर बड़ी खुश हुई और काले लण्ड का मज़ा लेने लगी।
मैं लौड़ा चाट ही रही थी की वहां से रितेश निकला। उसने एक नंगी औरत का हाथ पकड़ा था। मुझसे बोला शेफाली भाभी देखो कल मैं अपनी बीवी की बुर हार गया था ? आज मैं जीत गया हूँ। ये शेखर की बीवी सुरेखा है मैं इसकी बुर जीत कर आ रहा हूँ। अब मैं इसे यहीं पटक पटक के चोदूंगा ? इधर मैं काले लण्ड से चुदवाने लगी उधर वह सुरेखा की बुर चोदने लगा।
वह बोला भाभी वहां जबरदस्त जुआँ हो रहा है। लोग धड़ाधड़ अपनी बीवी की बुर दांव पर लगा रहे है। जीत जातें है तो हारने वाले की बीवी चोदते है और हार जातें है तो अपनी बीवी चुदवाते है। और बीवियां धकापेल अपने अपने मियां का लण्ड दांव पर लगा रही है। हार जाती है तो उनके मियां दूसरों की बीवियां चोदते है और जीत जाती है तो खुद लण्ड पकड़ कर खूब भकाभक चुदवाती है। चारों तरह बड़ा मज़ा आ रहा है भाभी ? यहाँ तो ज़न्नत है भाभी ?
मैंने पूंछा ;- रितेश तेरी बीवी कहाँ है ?
वह बोला - अभी वह मेरी चुदाई रही है बैठी बैठी ? मैं जब उसकी बुर हारूँगा तो वह किसी से चुदवाने चली जाएगी ? नहीं तो सुरेखा को चोदने के बाद वह भी मेरा लण्ड दांव पर लगा देगी ?
इतने में बाला बोली यार तुम इससे चुदवाओ मैं किसी और से चुदवाने जा रही हूँ। बस फिर तो मुझे ज्यादा ही मज़ा आने लगा। मुझे काला लौड़ा बड़ा मज़ा दे रहा था। मोटा और सख्त काला लण्ड मैं ज़िन्दगी में आज पहली बार चाट रही हूँ। मैंने फिर चूत फैला दी और लौड़ा पेल कर चुदवाने लगी अपनी बुर ? सबके सामने भकाभक चुदवाये चली जा रही थी मैं ? फिर मैंने पीछे से चुदवाया और आखिर में झड़ता हुस लण्ड पिया ?
दूसरे दिन क्लब ११ बजे ही शुरू हो गया। मैं अपने पति के साथ १२ बजे पहुंची। अचानक मैंने देखा की बाला एकदम नंगी नंगी मेरी तरफ दौड़ती हुई आ रही है। उसके पीछे दो नंगे मर्द फि दौड़ते हुए चले आ रहे है।
वह बोली :- हाय शेफाली मैंने अभी अभी रागिनी और कामिनी के मर्दों के लण्ड जीत लिया है। देखो न दोनों मेरे पीछे आ रहे है। रागिनी और कामिनी दोनों ने कल तेरे मियां से चुदवाया था आज तुम उन दोनों के मियों से चुदवाओ ? रागिनी का मर्द रूपक और कामिनी का मर्द करन दोनों के लण्ड बड़े मस्त है यार। मैंने तुम्हारी हार का बदला ले लिया है। तुम दोनों मादर चोदों से चुदवाओ ? अब मैं अपने पति से अपनी बुर दांव पर लगवाने जा रही हूँ।
मैं तो बुर चोदी रागिनी और कामिनी पर खार खाये बैठी ही थी। मैं बहुत खुश थी की अब मैं उन दोनों के लण्ड चोदने जा रही हूँ। मैंने अपने कपडे खोल डाले और उन दोनों को नंगा करके दोनों लण्ड पकड़ लिया ? लण्ड एकदम से टन्ना गए तो मैं बारी बारी से उनका सुपाड़ा चाटने लगी ? रागिनी और कामिनी मेरे सामने आ भी गयी।
मैंने कहा :- हाय रागिनी तेरे मरद का लौड़ा बड़ा मोटा ताज़ा है यार मुझे तो चुदवाने में खूब मज़ा आएगा और कामिनी तेरे मियां का भी लौड़ा जबरदस्त है ? कल जब तुम मेरे पति से चुदवा रही थी तो मैंने सोंचा नहीं था की मैं इतनी जल्दी तेरे मियों से चुदवाऊँगी ?
रागिनी बोली :- यार शेफाली सच बात तो यह है की तेरे मियां का लण्ड यहाँ सबसे मोटा और तगड़ा है ? इसलिए हमें खूब मज़ा आया चुदवाने में ? मैं तो बार बार अपने मियां का लण्ड दांव पर लगाऊंगी ताकि तुम हार जाओ और हमें फिर से तेरे मरद से चुदवाने का मौका मिले ? सिर्फ एक बार चुदवाने से मन नहीं भरा यार ? तब तक रूपक ने लण्ड मेरी चूत में ठोंक दिया और चोदने लगा मुझे ? मैं इधर करन का लण्ड मुंह में लेकर चूसने लगी। रागिनी और कामिनी दोनों बुर चोदी मेरे सामने बैठी हुई अपने अपने मियां को मेरी बुर चोदते हुए देख रही थी। मैं भी मस्त होकर बिलकुल रंडी की तरह चुदवाने में जुट गयी। मैं अपनी गांड उठा उठा कर खूब चुदवा रही थी। मन ही मन मैं बड़ी खुश हो रही थी की मैंने हरे हुए लण्ड का बदला ले लिया।
एक दिन जब मैं अपने मियां का लण्ड दांव पर लगाने बैठी तो देखा की सामने मरीना आंटी बैठी हुई है अपने मियां का लण्ड दांव पर लगाने के लिए ?
- मैं उसे देखते ही बोली :- वाओ, मरीना आंटी तुम यहाँ ? इस क्लब में जुआं खेलने आयी हो ?
- वह बोली - अरी शेफाली तू यहाँ कैसे ? कब से आने लगी है तू यहाँ ?
- मैं तो अभी एक साल से ही आ रही हूँ आंटी ?
- मैं तो जबसे यह क्लब खुला है तबसे आ रही हूँ।
- ओ मई गॉड ? जैकब अंकल कहाँ है आंटी ?
- वो देखो न पीछे बैठे है। मैं यहाँ उसका लण्ड दांव पर लगाने के लिए बैठी हूँ।
- हाय आंटी एक बात बताऊँ अंकल मुझे बड़े सेक्सी लगते है ? मैं जब भी इन्हे देखती हूँ तो मेरे अंदर कुछ तो कुछ होने लगता है ?
- अरी शेफाली मैं जब तुम्हारे हसबैंड जैसे जवान मर्दों को देखती हूँ न तेरे भोसड़ा में बहुत कुछ होने लगता है। मैं तो यहाँ जवान लड़कों से चुदवाने आती हूँ। तेरे अंकल का लण्ड दांव पर लगाती हूँ और जब जीत जाती हूँ तो उसके लण्ड से चुदवाती हूँ।
- अंकल क्या करते है आंटी ?
- अंकल मेरा भोसड़ा दांव पर लगते है। जीत जाता है तो किसी का भोसड़ा चोदता है और हार जाता है तो मेरा भोसड़ा चुदवाता है। बस यही मस्त्ती करने मैं यहाँ आती हूँ।
- मैं तो अब अंकल का लण्ड जीतना चाहती हूँ। अब मेरी चूत जैकब अंकल के लण्ड के लिए मचल उठी है आंटी ?
- गॉड ब्लेस यू मेरी बेटी ?
मैंने कहा :- आंटी बहुत दिनों से मेरी इच्छा थी अंकल का लण्ड पकड़ने की लेकिन मुझे क्या मालूम था की मैं एक दिन इसका लण्ड जीत जाऊँगी ?
आंटी बोली :- मेरी बुर चोदी शेफाली तू चिंता न कर मैं भी कभी जीतूंगी तेरे मियां का लण्ड ? मैं भी कभी घुसेड़ूँगी अपने भोसड़ा में तेरे मियां का लण्ड ? बस फिर क्या मैंने बड़ी देर तक अंकल से चुदवाया और आखिर में जब लण्ड खलास होने वाला था तो उसका मारा सटासट मुठ्ठ और फिर पी गयी उसका लण्ड ? देखने वाले बहन चोद बड़ी मस्ती से देख रहे थे मुझे लण्ड पीते हुए ?
तो दोस्तों, इस क्लब में इसी तरह लोग एक दूसरे की बीवियां चोदते रहते है और अपनी बीवियां चुदवाते रहते है ?
अब देखो न जुआं खेलने वालों की कितनी भीड़ लगी है। किस किस तरह की आवाजें आ रही है -
"मैं अपने मियां का लण्ड दांव पर लगाती हूँ ,,,, ? मैं अपनी बीवी की चूत दांव पर लगाता हूँ ,,,, ? मैं अपनी बीवी की गांड दांव पर लगाता हूँ ,,,,,, ? मैं अपने पति का लण्ड २४ घंटे के लिए दांव पर लगाती हूँ,,,,,,,,,,? मैं एक घंटा लण्ड पीने के लिए अपने पति का लण्ड दांव पे लगाती हूँ ,,,,,,, ? मैं अपनी बीवी की बुर रात भर के लिए दांव पे लगाता हूँ ,,,,, ,? मैं अपनी बीवी की चूंची एक घंटे के लिए दांव पे लगाता हूँ ,,,,,,,,, ? मैं विदेशी लण्ड के आगे देशी लण्ड दांव पे लगाती हूँ ,,,,,,,? आदि आदि "
यही सब मस्ती से होता रहता है इस क्लब में ?
==०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=० समाप्त
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