जब आपका फोन आया था तब मैं अपनी माँ चुदा रही थी सर ? मेरी माँ का भोसड़ा इतनी मस्ती से चुद रहा था कि उससे निगाह हटाना मेर्रे बस में नहीं था . हालाँकि मेरे हाथ में भी एक लण्ड था जिसे मैं अपनी माँ के साथ चूस रही थी . मैं भी निः वस्त्र थी . नंगी थी बिलकुल मैं ? लेकिन मेरा मूड चुदाने का नहीं था . फिर भी मैं लण्ड को छोड़ नहीं सकती थी . मेरी चूत में आग लगी थी और मेरा माँ का भोसड़ा गपागप्प लण्ड खाता जा रहा था . चोदने वाले के लण्ड में बड़ा दम था सर ? मैं जल्दी से जल्दी आपके पास आना चाहती थी . तब तक भोसड़ा चोदने वाला लण्ड मेरे हाथ में आ गया और मेरे हाथ वाला लण्ड भोसड़ा चोदने लगा . दोनों लण्ड बहन चोद बड़े शानदार थे सर लेकिन उससे ज्यादा शानदार है मेरी माँ का भोसड़ा . तब मैंने सोंच लिया की मैं अपनी माँ चुदवा कर ही जाऊंगी भले ही थोड़ी देर हो जाये ?
अब बताओ सर मैं पहले आपका लौड़ा पकडूं की आपके दोस्त का लौड़ा ? दोनों का पकड़ो न . सर ने कहा और मैं दोनों मादर चोदों के कपडे खोलने लगी .
मेरा नाम मिस सारा खान है। मैं २८ साल की एक शादी शुदा लड़की हूँ और एक बड़ी कंपनी में काम करती हूँ। मेरा बॉस मिस्टर इब्राहिम है। वह ४५ साल का है और बड़ा गोरा चिट्टा और स्मार्ट है। जिस दिन वह ऑफिस में आया था मैं उसी दिन से उसके लण्ड के बारे में सोंचने लगी थी। उसके लण्ड के साईज़ का अनुमान लगाने लगी थी। यह तो पक्का था कि लण्ड गोरा है पर कितना बड़ा है यह देखने वाली बात थी। मैं उसी दिन से उसका लण्ड पकड़ने के चक्कर में घूमने लगी। उसे रिझाने के लिए मैं अपनी चूंचियां आधी खोल कर ऑफिस आने लगी। मैंने देखा की ऑफिस के और लोग भी मेरी तरफ बढ़ने लगे। मैं उनसे भी प्यार से बातें करने लगी।
मैंने एक दिन इसका ज़िकर अपनी अम्मी से किया और कहा कि अम्मी मुझे लगता है की मेरे बॉस का लौड़ा बड़ा मजबूत और लम्बा चौड़ा होगा ? मैं उसे जल्दी से जल्दी पकड़ना चाहती हूँ। जब से उसे देखा है मेरी चूत में आग लगी है माँ ? अम्मी बोली देखो सारा किसी आदमी को देख कर उसके लण्ड के बारे में पता लगाना बहुत कठिन है। हां सोंच सोंच कर मज़ा ले सकती हो। सुनो मैं तुम्हे एक बात बता रही हूँ की
"आदमी के साईज़ से उसके लण्ड का साईज़ मत नापो ? दोनों अलग अलग होते है। लम्बे आदमी का लण्ड छोटा हो सकता है और छोटे आदमी का लण्ड बड़ा हो सकता है ? मोटे आदमी का लण्ड पतला हो सकता है और पतले आदमी का लण्ड मोटा हो सकता है। इसलिए लण्ड का साईज़ लण्ड पकड़ कर उसे खड़ा करके ही पता लगाया जा सकता है। मालूम नहीं किस आदमी का लण्ड अपने मन को भा जाये ? अतः सबसे हंस कर बातें करो और उसके लण्ड पकड़ो। अगर लण्ड का साईज़ पसंद आ जाये तो उसे पकड़ती रहो नहीं तो छोड़ दो भोसड़ी वाले को। किसी और का पकड़ो लण्ड ।"
अम्मी की बात सुन कर मेरे दिल में और खलभली होने लगी। मैं जल्दी से उसका लौड़ा पकड़ना चाहती थी। एक दिन ऑफिस में काफी काम था। मैं देर तक रुक भी गयी लेकिन काम ख़तम नहीं हुआ। तब बॉस बोला सारा कल इतवार है। क्या तुम मेरे घर आ सकती हो ? मैं यह सुनकर बहुत खुश हुई। मुझे लगा कि जो मैं सोच रही थी वही बात इसने कह दी। मैंने फ़ौरन कह दिया हां सर कल मैं आपके घर आ जाऊंगी। दूसरे दिन सवेरे ११ बजे मैंने डोर बेल बजा दी। उसने दरवाजा खोला तो मैंने देखा कि वह केवल एक बारबूडा पहने है ? उसका नंगा बदन देख कर मैं मोहित हो गयी। उसकी चौड़ी छाती और छाती पर घने बाल देख कर मैं मन ही मन उसे अपना दिल दे बैठी। मैंने साड़ी पहनी थी। गहरे गले का स्लीवलेस ब्लाउज़ पहना था। मेरी चूंचियां आधे से ज्यादा खुली थी। निपल्स को छोड़ कर सब कुछ बाहर था। मैं उसका काम करने लगी।
तब तक वह बोला सारा क्या तुम बियर पीती हो ? मैंने कहा हां पीती बियर क्या मैं तो व्हिस्की भी पी लेती हूँ। उसने ड्रिंक्स बना दी और हम दोनों पीते पीते काम करने लगे। मैं बार बार अपनी साडी का पल्लू गिरा कर उसे चूंचियां दिखा देती थी। मैंने समझ लिया की वह भी मेरी चूंचियां बड़े गौर से देख रहा है। मेरी नज़र भी उसके लण्ड पर थी। बरबूडा के नीचे उसके उठते बैठते जब अंदर ही अंदर लण्ड हिलता था तो मुझे बड़ा मज़ा आता था।मन करता था की अभी इसे पकड़ लूं लेकिन मैं काम खतम करने में जुटी थी। इधर दो पैग ख़तम हो चुके थे। नशा भी चढ़ने लगा था। अचानक वह बोला सारा देखो अब काम ख़तम हो गया है। कहो तो एक छोटा सा पैग और हो जाये सारा ? मैंने कहा हां सर बिलकुल हो जाये ? मैंने झुक कर पैग उठाया तो मेरा पल्लू गिर गया और मेरी चूंची उसने अंदर तक देख ली।
वह बोला :- सारा तुम बहुत खूबसूरत हो ?
मैंने जबाब दिया :- सर आप भी बहुत स्मार्ट है। आप मुझे बड़े अच्छे लगते है।
वह बोला :- वाओ, क्या बात कही है तुमने ? पर मैं तो तुम्हे पहली बार देखते ही दिल दे बैठा ?
मैं बेबाकी से बोली :- दिल के साथ 'वो' भी दो न सर ( मैंने उसके लण्ड कि तरफ इशारा करके कहा ) वह मुस्करा पड़ा और कहा :- अरे सारा तुम जो चाहो ले सकती हो ? मैं तुम्हे सब कुछ देने को तैयार हूँ।
ऐसा कह कर उसने मुझे अपनी तरफ खींच लिया। मैं भी लिपट गयी। साड़ी नीचे गिरा दी और अपनी चूंचियां उसे बदन पर रगड़ने लगी। उसकी छाती के बालों पर ऊँगलियाँ फिराने लगी। तब तक उसने मेरी चूंची दबा दी। मैंने कहा और जोर से दबाओ न। दोनों को दबाओ सर ? ये ससुरी बड़ा परेशान करती है मुझे ? बस मैंने उसके लण्ड पर हाथ मारा और कहा वाओ ये तो बहन चोद तैयार ही बैठा है ? इतन में उसने मेरा ब्लाउज़ खोल दिया। ब्रा उतार दी और नंगी चूंचियां चूसने लगा। एक हाथ धीरे से मेरे पेटीकोट में घुसेड़ दिया। मेरी चूत टटोलने लगा। उसके बाद उस हरामजादे ने मेरा पेटीकोट ही खोल दिया। मैं बिलकुल नंगी हो गयी उसके आगे। उसने मेरे सारे बदन पर हाथ फेरा। मैं भी थोड़ी देर में नीचे बैठ गयी और उसकी नेकर खींच कर फेंक दी। उसका खड़ा लण्ड मेरे हाथ में आ गया। मैं खुश हुई की लौड़ा मेरे मन का निकला। ८" से बड़ा होगा और ५" से ज्यादा मोटा ? मेरी ऊगलियॉँ ने उसकी नाप ले ली। मैं लण्ड चारों तरफ से देखने लगी। उसका सुपाड़ा चाटने लगी। छोटी छोटी झांटों वाला लण्ड मुझे बड़ा प्यारा लग रहा था। मैं तो लण्ड में ही खोती चली गयी।
उस दिन मैंने बॉस से जी भर के चुदवाया ? बातों ही बातों ने उसके कहा कि सारा मुझे गांड मारने का भी शौक है। मैंने कहा हां सर मैं गांड भी मरवाती हूँ। लेकिन आज नहीं फिर कभी मार लेना मेरी गांड ?
मैं जब घर वापस आयी तो बहुत खुश थी।
उस दिन जब मेरे बॉस का फोन आया तो मैं बड़े मन से अपनी माँ चुदा रही थी। दो मर्द एक साथ मेरी माँ चोद रहे थे। तभी मैंने कहा सर, मैं माँ चुदा कर आऊंगी जो आपने ऊपर पढ़ा। मैं इब्राहिम सर के कपडे खोलने लगी और उसके दोस्त के भी। सबसे पहले मैंने बॉस का लौड़ा खोला और उसे हिलाने लगी। दूसरे हाथ से मैंने उसके दोस्त का लौड़ा पकड़ा। वह भी बहन चोद बड़ा तगड़ा था। मैंने उसे चूमा और दोनों लण्ड बारी बारी से चाटने लगी। फिर दोनों ने मिलकर मेरे कपडे खोल डाले। मुझे सोफे पर बैठा दिया और दोनों अगल बगल बैठ गए। मैं एक हाथ में एक का लण्ड दूसरे हाथ में दूसरे का लण्ड पकड़ कर सहलाने लगी। वे दोनों मेरी एक एक चूंची दबाने लगे उसे मसलने लगे और चूमने लगे। दोनों ही नीचे मेरी चूत पर हाथ फेरने लगे। मैं मस्त होने लगी।
अब बताओ सर मैं पहले आपका लौड़ा पकडूं की आपके दोस्त का लौड़ा ? दोनों का पकड़ो न . सर ने कहा और मैं दोनों मादर चोदों के कपडे खोलने लगी .
मेरा नाम मिस सारा खान है। मैं २८ साल की एक शादी शुदा लड़की हूँ और एक बड़ी कंपनी में काम करती हूँ। मेरा बॉस मिस्टर इब्राहिम है। वह ४५ साल का है और बड़ा गोरा चिट्टा और स्मार्ट है। जिस दिन वह ऑफिस में आया था मैं उसी दिन से उसके लण्ड के बारे में सोंचने लगी थी। उसके लण्ड के साईज़ का अनुमान लगाने लगी थी। यह तो पक्का था कि लण्ड गोरा है पर कितना बड़ा है यह देखने वाली बात थी। मैं उसी दिन से उसका लण्ड पकड़ने के चक्कर में घूमने लगी। उसे रिझाने के लिए मैं अपनी चूंचियां आधी खोल कर ऑफिस आने लगी। मैंने देखा की ऑफिस के और लोग भी मेरी तरफ बढ़ने लगे। मैं उनसे भी प्यार से बातें करने लगी।
मैंने एक दिन इसका ज़िकर अपनी अम्मी से किया और कहा कि अम्मी मुझे लगता है की मेरे बॉस का लौड़ा बड़ा मजबूत और लम्बा चौड़ा होगा ? मैं उसे जल्दी से जल्दी पकड़ना चाहती हूँ। जब से उसे देखा है मेरी चूत में आग लगी है माँ ? अम्मी बोली देखो सारा किसी आदमी को देख कर उसके लण्ड के बारे में पता लगाना बहुत कठिन है। हां सोंच सोंच कर मज़ा ले सकती हो। सुनो मैं तुम्हे एक बात बता रही हूँ की
"आदमी के साईज़ से उसके लण्ड का साईज़ मत नापो ? दोनों अलग अलग होते है। लम्बे आदमी का लण्ड छोटा हो सकता है और छोटे आदमी का लण्ड बड़ा हो सकता है ? मोटे आदमी का लण्ड पतला हो सकता है और पतले आदमी का लण्ड मोटा हो सकता है। इसलिए लण्ड का साईज़ लण्ड पकड़ कर उसे खड़ा करके ही पता लगाया जा सकता है। मालूम नहीं किस आदमी का लण्ड अपने मन को भा जाये ? अतः सबसे हंस कर बातें करो और उसके लण्ड पकड़ो। अगर लण्ड का साईज़ पसंद आ जाये तो उसे पकड़ती रहो नहीं तो छोड़ दो भोसड़ी वाले को। किसी और का पकड़ो लण्ड ।"
अम्मी की बात सुन कर मेरे दिल में और खलभली होने लगी। मैं जल्दी से उसका लौड़ा पकड़ना चाहती थी। एक दिन ऑफिस में काफी काम था। मैं देर तक रुक भी गयी लेकिन काम ख़तम नहीं हुआ। तब बॉस बोला सारा कल इतवार है। क्या तुम मेरे घर आ सकती हो ? मैं यह सुनकर बहुत खुश हुई। मुझे लगा कि जो मैं सोच रही थी वही बात इसने कह दी। मैंने फ़ौरन कह दिया हां सर कल मैं आपके घर आ जाऊंगी। दूसरे दिन सवेरे ११ बजे मैंने डोर बेल बजा दी। उसने दरवाजा खोला तो मैंने देखा कि वह केवल एक बारबूडा पहने है ? उसका नंगा बदन देख कर मैं मोहित हो गयी। उसकी चौड़ी छाती और छाती पर घने बाल देख कर मैं मन ही मन उसे अपना दिल दे बैठी। मैंने साड़ी पहनी थी। गहरे गले का स्लीवलेस ब्लाउज़ पहना था। मेरी चूंचियां आधे से ज्यादा खुली थी। निपल्स को छोड़ कर सब कुछ बाहर था। मैं उसका काम करने लगी।
तब तक वह बोला सारा क्या तुम बियर पीती हो ? मैंने कहा हां पीती बियर क्या मैं तो व्हिस्की भी पी लेती हूँ। उसने ड्रिंक्स बना दी और हम दोनों पीते पीते काम करने लगे। मैं बार बार अपनी साडी का पल्लू गिरा कर उसे चूंचियां दिखा देती थी। मैंने समझ लिया की वह भी मेरी चूंचियां बड़े गौर से देख रहा है। मेरी नज़र भी उसके लण्ड पर थी। बरबूडा के नीचे उसके उठते बैठते जब अंदर ही अंदर लण्ड हिलता था तो मुझे बड़ा मज़ा आता था।मन करता था की अभी इसे पकड़ लूं लेकिन मैं काम खतम करने में जुटी थी। इधर दो पैग ख़तम हो चुके थे। नशा भी चढ़ने लगा था। अचानक वह बोला सारा देखो अब काम ख़तम हो गया है। कहो तो एक छोटा सा पैग और हो जाये सारा ? मैंने कहा हां सर बिलकुल हो जाये ? मैंने झुक कर पैग उठाया तो मेरा पल्लू गिर गया और मेरी चूंची उसने अंदर तक देख ली।
वह बोला :- सारा तुम बहुत खूबसूरत हो ?
मैंने जबाब दिया :- सर आप भी बहुत स्मार्ट है। आप मुझे बड़े अच्छे लगते है।
वह बोला :- वाओ, क्या बात कही है तुमने ? पर मैं तो तुम्हे पहली बार देखते ही दिल दे बैठा ?
मैं बेबाकी से बोली :- दिल के साथ 'वो' भी दो न सर ( मैंने उसके लण्ड कि तरफ इशारा करके कहा ) वह मुस्करा पड़ा और कहा :- अरे सारा तुम जो चाहो ले सकती हो ? मैं तुम्हे सब कुछ देने को तैयार हूँ।
ऐसा कह कर उसने मुझे अपनी तरफ खींच लिया। मैं भी लिपट गयी। साड़ी नीचे गिरा दी और अपनी चूंचियां उसे बदन पर रगड़ने लगी। उसकी छाती के बालों पर ऊँगलियाँ फिराने लगी। तब तक उसने मेरी चूंची दबा दी। मैंने कहा और जोर से दबाओ न। दोनों को दबाओ सर ? ये ससुरी बड़ा परेशान करती है मुझे ? बस मैंने उसके लण्ड पर हाथ मारा और कहा वाओ ये तो बहन चोद तैयार ही बैठा है ? इतन में उसने मेरा ब्लाउज़ खोल दिया। ब्रा उतार दी और नंगी चूंचियां चूसने लगा। एक हाथ धीरे से मेरे पेटीकोट में घुसेड़ दिया। मेरी चूत टटोलने लगा। उसके बाद उस हरामजादे ने मेरा पेटीकोट ही खोल दिया। मैं बिलकुल नंगी हो गयी उसके आगे। उसने मेरे सारे बदन पर हाथ फेरा। मैं भी थोड़ी देर में नीचे बैठ गयी और उसकी नेकर खींच कर फेंक दी। उसका खड़ा लण्ड मेरे हाथ में आ गया। मैं खुश हुई की लौड़ा मेरे मन का निकला। ८" से बड़ा होगा और ५" से ज्यादा मोटा ? मेरी ऊगलियॉँ ने उसकी नाप ले ली। मैं लण्ड चारों तरफ से देखने लगी। उसका सुपाड़ा चाटने लगी। छोटी छोटी झांटों वाला लण्ड मुझे बड़ा प्यारा लग रहा था। मैं तो लण्ड में ही खोती चली गयी।
उस दिन मैंने बॉस से जी भर के चुदवाया ? बातों ही बातों ने उसके कहा कि सारा मुझे गांड मारने का भी शौक है। मैंने कहा हां सर मैं गांड भी मरवाती हूँ। लेकिन आज नहीं फिर कभी मार लेना मेरी गांड ?
मैं जब घर वापस आयी तो बहुत खुश थी।
- अम्मी बोली :- अपनी माँ चुदा के आ रही है तू इतनी देर से ?
- नहीं अपनी माँ चुदा के नहीं, अपनी बुर चुदा के आ रही हूँ अम्मी ?
- किससे चुदा के आ रही तू माँ की लौड़ी ?
- अरे अम्मी आज तो अपने बॉस से चुदा कर आ रही हूँ मैं ?
- हाय अल्ला, कितना बड़ा है लौड़ा उसका ? ठीक से चोदा उस भोसड़ी वाले ने तुम्हे ?
- हां अम्मी बड़ा मज़ा आया उससे चुदाने में ? अब तो मैं अपनी माँ भी चुदाऊंगी उससे ?
- हां जरुर चुदाना तेरी माँ का भोसड़ा बिलकुल तैयार बैठा है बहन चोद ?
- अरे अम्मी क्या मस्त लौड़ा है उसका ? साला चोदता ही रहता है झड़ने का नाम ही नहीं लेता ?
- ऐसा ही लौड़ा तो पसंद करता है तेरी माँ के भोसड़ा ?
- हां, मैं जल्दी ही पेलूँगी बॉस का लण्ड अपनी माँ की चूत में ?
उस दिन जब मेरे बॉस का फोन आया तो मैं बड़े मन से अपनी माँ चुदा रही थी। दो मर्द एक साथ मेरी माँ चोद रहे थे। तभी मैंने कहा सर, मैं माँ चुदा कर आऊंगी जो आपने ऊपर पढ़ा। मैं इब्राहिम सर के कपडे खोलने लगी और उसके दोस्त के भी। सबसे पहले मैंने बॉस का लौड़ा खोला और उसे हिलाने लगी। दूसरे हाथ से मैंने उसके दोस्त का लौड़ा पकड़ा। वह भी बहन चोद बड़ा तगड़ा था। मैंने उसे चूमा और दोनों लण्ड बारी बारी से चाटने लगी। फिर दोनों ने मिलकर मेरे कपडे खोल डाले। मुझे सोफे पर बैठा दिया और दोनों अगल बगल बैठ गए। मैं एक हाथ में एक का लण्ड दूसरे हाथ में दूसरे का लण्ड पकड़ कर सहलाने लगी। वे दोनों मेरी एक एक चूंची दबाने लगे उसे मसलने लगे और चूमने लगे। दोनों ही नीचे मेरी चूत पर हाथ फेरने लगे। मैं मस्त होने लगी।
- अचानक बॉस ने पूंछा - सारा, तुम अपनी माँ बहुत चुदवाती हो क्या ?
- हां सर, मेरी माँ बहुत सेक्सी है। लोग उसका भोसड़ा चोदने के लिए लाईन लगाते है।
- तो तुमने मुझे कभी अपनी माँ से नहीं मिलवाया ?
- मैं तो कहने ही वाली थी सर, कि किसी दिन मेरी माँ चोदो ? मैंने तेरे लण्ड के बारे में सब कुछ बता दिया है अम्मी को। बस उसी दिन से उसके भोसड़ा में आग लगी है। वो तो बस तेरा इंतज़ार कर रही है।
- बॉस का दोस्त चार्ली बोला - क्या मैं भी चोद सकता हूँ तेरी माँ ?
- हां क्यों नहीं ? तेरा भी लौड़ा बड़ा शानदार है। भोसड़ा चोदने वाला है। मेरी अम्मी को मज़ा आएगा।
- तो क्या तेरी माँ तेरे सामने चुदवाती है ?
- हां भोसड़ी के मेरी माँ मेरे सामने चुदवाती है और मैं उसके सामने चुदवाती हूँ। तेरी गांड क्यों फट रही है तुझे चोदना हो तो बताओ ? तेरा मादर चोद लण्ड बड़ा मज़ा करेगा उसे चोद कर ?
- बोलो कब बुला रही हो मुझे अपनी माँ चुदाने के लिए ?
- पहले मेरी बुर चोद कर दिखाओ ? मैं भी तो देखूं की कैसे चोदता है ?
बस चार्ली ने घुसा दिया लण्ड और चोदने लगा उधर मैं इब्राहिम का लण्ड चूसने लगी। चार्ली का चोदने का स्टाइल मुझे पसंद आया। मैं भी गांड उठा उठा कर चुदाने लगी। थोड़ी देर में बॉस ने भी घुसा दिया बुर में लण्ड। उसने भी खूब चोदा मुझे ?
चलते चलते मैंने बॉस को दे दिया न्योता मेरी माँ चोदने का ? दुसरे दिन इतवार था। बॉस मेरे घर चार्ली के साथ आ गया। मैंने दोनों को अपनी माँ से मिलवाया। फिर ड्रिंक्स शुरू कर दी। जब थोडा नशा हुआ तो मैंने कहा अम्मी ये है मेरा बॉस इब्राहिम जिसके लण्ड के बारे में मैं तुम्हे बता चुकी हूँ। और ये है इसका दोस्त चार्ली ? इसका लौड़ा भी मस्त है माँ ? ये दोनों मेरी माँ चोदने चोदने है।
माँ बोली :- तो तुम भोसड़ी वालों ने मेरी बेटी की बुर खूब चोदी है ?
बॉस बोला :- हां भाभी चोदा तो है और खूब मज़ा भी लिया है। मुझे इसी ने बताया कि मैं माँ चुदवाती हूँ। तो मेरी इच्छा हो गयी इसलिए मैं आ गया आपके पास ?
माँ बोली :- तो तुम्हे मेरी बेटी की बुर कैसी लगी ? उसे लौड़ा पिलाने में तुम्हे मज़ा आया की नहीं ?
चार्ली बोला :- हां भाभी खूब मज़ा आया चोदने में भी और लौड़ा पिलाने में भी ?
माँ बोली :- तो अब उसकी माँ चोदने का मज़ा लूटो ? खोलो अपने अपने लण्ड ? इब्राहिम तुम अपना लण्ड मेरे दाहिने हाथ में रखो और चार्ली तुम अपना लण्ड मेरे बाएं हाथ में रखो। मैं दोनों लण्ड पहले चाट कर और चूस कर देखूँगी। उसके बाद चुदवाऊंगी अपना भोसड़ा ? अच्छा यह बताओ तुमने मेरी बेटी की गांड मारी है कभी ? दोनों ने कहा - नहीं भाभी गांड तो नहीं मारी उसकी ?
वह बोली :- तो फिर आज मैं सिखाऊंगी तुम्हे की लड़की की गांड कैसे मारी जाती है ?
बस देखते ही देखते दोनों लण्ड माँ के हाथ में आ गए। मैं भी अपने कपडे खोल कर अपनी माँ चुदाने का मज़ा लेने लगी।
०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=० समाप्त
चलते चलते मैंने बॉस को दे दिया न्योता मेरी माँ चोदने का ? दुसरे दिन इतवार था। बॉस मेरे घर चार्ली के साथ आ गया। मैंने दोनों को अपनी माँ से मिलवाया। फिर ड्रिंक्स शुरू कर दी। जब थोडा नशा हुआ तो मैंने कहा अम्मी ये है मेरा बॉस इब्राहिम जिसके लण्ड के बारे में मैं तुम्हे बता चुकी हूँ। और ये है इसका दोस्त चार्ली ? इसका लौड़ा भी मस्त है माँ ? ये दोनों मेरी माँ चोदने चोदने है।
माँ बोली :- तो तुम भोसड़ी वालों ने मेरी बेटी की बुर खूब चोदी है ?
बॉस बोला :- हां भाभी चोदा तो है और खूब मज़ा भी लिया है। मुझे इसी ने बताया कि मैं माँ चुदवाती हूँ। तो मेरी इच्छा हो गयी इसलिए मैं आ गया आपके पास ?
माँ बोली :- तो तुम्हे मेरी बेटी की बुर कैसी लगी ? उसे लौड़ा पिलाने में तुम्हे मज़ा आया की नहीं ?
चार्ली बोला :- हां भाभी खूब मज़ा आया चोदने में भी और लौड़ा पिलाने में भी ?
माँ बोली :- तो अब उसकी माँ चोदने का मज़ा लूटो ? खोलो अपने अपने लण्ड ? इब्राहिम तुम अपना लण्ड मेरे दाहिने हाथ में रखो और चार्ली तुम अपना लण्ड मेरे बाएं हाथ में रखो। मैं दोनों लण्ड पहले चाट कर और चूस कर देखूँगी। उसके बाद चुदवाऊंगी अपना भोसड़ा ? अच्छा यह बताओ तुमने मेरी बेटी की गांड मारी है कभी ? दोनों ने कहा - नहीं भाभी गांड तो नहीं मारी उसकी ?
वह बोली :- तो फिर आज मैं सिखाऊंगी तुम्हे की लड़की की गांड कैसे मारी जाती है ?
बस देखते ही देखते दोनों लण्ड माँ के हाथ में आ गए। मैं भी अपने कपडे खोल कर अपनी माँ चुदाने का मज़ा लेने लगी।
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