- अच्छा तो तुम अकेले अकेले अपना भोसड़ा चुदा रही हो मौसी ? अभी तक तुमने मुझे खूब चूतिया बनाया ? मैं समझती थी की तू किसी दिन मेरी भी बुर में लौड़ा घुसेड़ेगी पर तू तो बड़ी स्वार्थी निकली ? लौड़ा मिला तो चुप चाप अपनी बुर में घुसेड़ लिया तूने, बहन चोद ?
- क्या कह रही है तू माँ की लौड़ी ? चूतिया तो तुमने मुझे बनाकर रखा है अभी तक ? तू कहती थी की मैं तुम्हे अपने बॉय फ्रेंड का लौड़ा पिलाऊंगी मौसी ? पर आजतक नहीं पिलाया ? उस दिन जब मैंने तुझे लौड़ा पीते हुए देखा तो मेरी बहन चोद झांटें सुलगने लगी।
- पर तू तो उस दिन अपनी सहेली के घर गयी थी ? मुझे क्या मालूम की तू भोसड़ी वाली वापस लौट आयी है ? नहीं तो मैं तेरे मुंह में घुसा देती वही लौड़ा ?
- अरे जा जा तू बुर चोदी बड़ी झूंठी है। इधर उधर के सारे लण्ड अपने मुंह में डाल लेती है या फिर बुर में घुसा लेती है। मुझसे पूंछती तक नहीं ? आज तक तूने कोई मोटा लौड़ा नहीं पकड़ाया मुझे ?
- मोटे लण्ड तो मर्दों के होते है मौसी लड़कों के नहीं ? हां तेरे जैसा भोसड़ा चोदने वाले लण्ड ? और तुझको तो अंकल लोगों के लण्ड मिलते है न ? आजतक तूने किसी अंकल का लण्ड मेरी हाथ में रखा ? नहीं ना ?
- कौन कहती है भोसड़ी वाली की मर्दों के ही लण्ड बड़े बड़े होते है लड़कों के नहीं ? मैं कई लड़कों के लण्ड जानती हूँ जो मर्दों के लण्ड से बड़े है ? उनसे चुदवाने में ज्यादा मज़ा आता है।
- तो भोसड़ी वाली वही लौड़े मेरी बुर में पेलती क्यों नहीं ? मुझे ऐसे लण्ड पकड़ाने में तेरी गांड फटती है क्या ? तेरी माँ तो नहीं चुदेगी न ? चुदेगी तो मेरी चूत ?
- लगता है की आजकल बड़ी चुदक्कड़ हो रही है तू ? मुझे भी ज्यादा चुदवाने में निकल रही है तू बुर चोदी ? अभी से इतना चुदायेगी तो बहुत जल्दी तेरी बुर भोसड़ा बन जायेगी ?
- तुझे क्या मालूम मौसी मैं चुदवाती कम हूँ पीती ज्यादा हूँ लण्ड ? लेकिन बिना चुदवाये मैं किसी को जाने नहीं देती ? लण्ड का जूस पूरा निचोड़ लेती हूँ। एक एक बूँद पी जाती हूँ।
- पीती तो मैं भी हूँ लण्ड ? पर चुदवाने में कोई कसर उठा नहीं रखती ? लौड़ा पूरा का पूरा घुसेड़वा लेती हूँ चूत में और जब तक मैं ढीली नहीं हो जाती तब तक लौड़ा छोड़ती नहीं हूँ।
- और अगर तेरे झड़ने के पहले ही लण्ड झड़ गया तो ?
- तो उसे चूस चाट कर पी जाती हूँ और फिर दूसरा लण्ड पेल कर चुदाने लगती हूँ।
- तू है ससुरी बड़ी तेज चुदाने में मौसी ? लेकिन आज से तुम अकेले नहीं चुदाओगी ? मैं तेरे साथ चुदाऊंगी ? और अगर तूने मेरे बिना चुदा लिया तो मैं तेरी माँ चोद दूँगी ?

ये ३० साल की एक गोरी गोरी बेहद खूबसूरत मदत मस्त बड़ी बड़ी चूंचियों वाली और मस्त गांड वाली ही तो है मैं मेरी "बुर चोदी" कविता मौसी ? मुम्बई में अपने ही फ़्लैट में रहती है। मौसी ने भले ही शादी न की हो लेकिन उसका रहन सहन एक शादी शुदा औरत की ही तरह है। नाक में एक छोटी सी नथनी पहनती है, माथे पर बिंदी लगाती है और मांग में हल्का सा सिन्दूर डाल लेती है। साड़ी के साथ स्लीवलेस और डीप नेक का ब्लाउज़ पहनती है उसके नीचे एक छोटी सी ब्रा जिससे केवल निपल्स ही छिपते है, पहन लेती है। मौसी जब चलती है तो आगे से उसकी चूंचियां उछलती है और पीछे से उसकी गांड मटकती है। उसे देखने के लिए लोग इंतज़ार करते है। देखने वाले आगे से भी देखते है और पीछे से भी। कुछ लोग तो बहन चोद मौसी को देख कर अपना लण्ड सहलाने लगते है।
मैंने जब पूंछा की मौसी आपको सबलोग कविता भाभी क्यों कहते है ? वह बोली देख मेरी माँ की लौड़ी आरती मुझे भाभी कहलाने में मज़ा आता है। सबको देवर बनाने में मज़ा आता है। मैंने कहा ऐसा क्या मज़ा आता है ? वह बोली देवर और भाभी का रिस्ता चोदा चोदी का होता है। लण्ड और चूत का होता है। जब कोई मुझे भाभी कहता है तो मेरी चूत गरम हो जाती है और मन करता है की मैं उससे चुदवा लूं ? देवर का भी लण्ड भाभी को देख कर चोदने के लिए मचल उठता है। मैंने कहा वाह मौसी वाह ? बहुत सही बात कही है तुमने पर जब लोग पूंछते है की तेरा मरद कहाँ है तब ? तब मैं कहती हूँ की वह विदेश में काम करता है ? अब किस भोसड़ी वाले की क्या गरज है की वह पता लगाये ? मौसी की बातें मुझे अच्छी लगी।
मेरा नाम आरती है। मैं २८ साल की गोरी चिट्टी, सुन्दर और सेक्सी लड़की हूँ। मेरी भी चूंचियां मौसी की टक्कर की है और गांड उसके बराबर है। मैं मौसी के साथ ३ महीने से रह रही हूँ। वह भी एक कॉलेज में पढ़ाती है और मैं भी एक कॉलेज में पढ़ाती हूँ। मैं मौसी से न तो लण्ड पकड़ने में कम हूँ और न ही चुदवाने में ? हम दोनों में बड़ा प्यार है पर कभी कभी बहन चोद खट पट हो ही जाती है। वह मेरी "बुर चोदी" कविता मौसी है और मैं उसकी "भोसड़ी वाली" आरती हूँ। और मैं भी मौसी की तरह शादी शुदा औरत में भेष में रहने लगी। हम उम्र होने के नाते मैं मौसी से बहुत खुल गयी हूँ। खुल कर बातें करती हूँ। अश्लील बातें करती हूँ और गाली गलौज़ भी करती हूँ। एक दिन वह बोली आरती मुझे मौसी मत कहा करो। मुझे बुर चोदी कविता ही कहा करो जैसे मैं तुम्हे भोसड़ी वाली आरती कहती हूँ।
एक दिन मैं जब घर में आयी तो देखा की टी वी पर एक ब्लू फ़िल्म चल रही है। दो मिनट तक तो मेरी नज़र टी वी से हटी नहीं क्योंकि उस पर थे दो मस्त मोटे मोटे लण्ड ? फिर जैसे ही मैंने आँख घुमाई तो देखा की मौसी बिलकुल नंगी बैठी हुई है। मैंने कहा हाय दईया तेरी चूंचियां कितनी बड़ी बड़ी बुर चोदी ? वह बोली वाओ, आओ न भोसड़ी वाली कपडे उतार कर और देखो बड़े बड़े लण्ड ? फिर अपनी चूंचियों से मेरी चूंचियां नाप लेना ? मैं अपने सारे कपडे उतार कर उसके साथ फ़िल्म देखने लगी।
मौसी के संग चोदा चोदी
- मैंने कहा :- हाय मेरी बुर चोदी कविता एक लण्ड मेरे मुंह में घुसेड़ दो जल्दी से। देखो न कुक्कु मुझे चोद रहा है। मैं चुदवाते हुए भी एक लण्ड चूसूंगी,मौसी, मुझे तो दो लण्ड से चुदाने में बड़ा मज़ा आता है मौसी ? तू भी एक लण्ड अपने भोसड़ा में घुसा कर दूसरा अपने मुंह में डाल कर देख ? वह बोली :- हां हां मैं भी आ रही हूँ आरती, मेरी भी चूत गरम हो गयी है। देखो न कितने लण्ड साले टन टना रहे है मैं इन सबको ठोंक लूंगी अपने भोसड़ा में अपनी गांड में अपने मुंह में ? हां ले तब तक तू संजू का लौड़ा चूस ? मैं अभी आती हूँ। तेरे बगल में लेट कर ही चुदवाऊँगी। थोड़ी देर में मौसी मेरे बगल में आकर लेट गयी और उसके सामने लड़के अपने अपने लण्ड टन टनाते हुए आ गए। वह बोली आ भोला तू मेरी चूत में पेल अपना लौड़ा और तू गन्नू अपना लौड़ा मेरे मुह में घुसा दे। मैं भी आरती की तरह लण्ड चूसूंगी और लण्ड भोसड़ा में घुसा के चुदवाऊँगी ?
- मैंने पूंछा :- इतनी देर से अपनी माँ चुदा रही थी तू , भोसड़ी की कविता ?
- वह बोली :- माँ नहीं चुदा रही थी, झांटें बना रही थी अपनी आरती ?
- झांटें बना के तू क्या उखाड़ लेगी ससुरी ?
- तेरे बाप का लण्ड उखाड़ लूंगी मैं, माँ की लौड़ी आरती ?
- तो तू मेरे बाप का लौड़ा उखाड़ती है मेरी बुर चोदी कविता मौसी ?
- हां री तेरा बाप मेरा जीजा लगता है भोसड़ी वाला। मेरा हक़ है उसके लण्ड पर ? मैं उसकी साली हूँ।
- अच्छा साली तो आधी घरवाली होती है तू तो पूरी घर वाली हो गयी है बुर चोदी कविता ?
- तो क्या हुआ तेरी गांड क्यों जल रही है ? तू भी किसी को जीजा बना के ठोंकवा ले लौड़ा अपनी चूत में ?
- मैं तो अपने मौसा का ठोंक लेती लौड़ा अपनी बुर में ? पर मेरी बुर चोदी मौसी शादी ही नहीं की ?
- शादी नहीं की तो उसके बॉय फ्रेंड्स के लौड़े घुसा ले न अपनी बुर में ?
- वही तो कर रही हूँ मैं ? देख न दो दो लण्ड मेरी चूत चोद रहे है ?
अचानक एक आवाज़ आयी अरे दीदी मेरी भी चूत बुर चोदी चुदासी हो गयी है। मुझे भी कम से कम एक लण्ड दे दो न प्लीज। मैंने देखा तो वह रेनू थी मेरी पड़ोस में रहती है ?
मैंने उससे पूंछा :- तू भोसड़ी वाली यहाँ आयी कैसे ?
वह बोली :- दीदी मैं छत से दीवार फांद कर आयी हूँ। मुझे कुछ आभाष हो गया था की आज आरती दीदी चुदवाने वाली है बस मैं ऊपर से ही देखने की कोशिश करने लगी। आप जब ऊपर का दरवाजा बंद करने आयी थी तो मैं दुबक कर छुप गयी थी। मैंने जब एक साथ इतने टन टनाते हुए लण्ड देखे तो मेरी चूत सहन न कर सकी। वह खुल कर बाहर आ गयी. मेरी चूंचियां भी खुल कर सामने आ गयी ? फिर गांड कहाँ रुकने वाली थी दीदी ? वह बहन चोद नंगी हो गयी। फिर मैंने सारे कपडे खोल डाले और नंगी होकर आ गयी तुम्हारे साथ चुदवाने ? दीदी नाराज़ न होना ? मारना हो तो मुझे मार लेना ? गालियां देना हो तो दे लेना मगर मेरी बुर में भी एक लण्ड जरुर घुसेड़ देना ? मैं बड़ी गरम हो गयी हूँ। मेरी चूत भठ्ठी हो गयी है दीदी ?
मैंने कहा :- हां गाली जरुर दूँगी ? आ जा मेरी बुर का लण्ड निकाल कर तू अपनी बुर में घुसा ले ? उधर मेरी मौसी के हाथ से एक और लौड़ा छीन ले ? तू भी दो दो लण्ड से चुदाना शुरू कर दे ? मैं जानती हूँ की जवानी में चूत को लण्ड की कितनी जरुरत होती है ?
उसके बाद हम तीनो ने मिलकर खूब अपनी अपनी बुर चुदवाई और गांड मरवाई।
हमारी हिम्मत बढती गयी और हम रोज़ रोज़ किसी न किसी लड़के को पकड़ लेती और फिर उसके लण्ड का पूरा पूरा मज़ा लूटती ? यह बात सच है की अगर मेरी मौसी न होती ? या फिर मैं मौसी के संपर्क में न आती तो मुझे इतने लौड़ों का मज़ा न मिल पाता ?
अब तो मैं चुदवाने में इतनी एक्सपर्ट हो गयी हूँ की कोई रंडी भी बुर चोदी मेरा मुकाबला नहीं कर सकती
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