ये कैसा माहौल है इस घर का ? मुझे अपने मियां से चुदाने का समय ही नहीं मिलता ? जिसको देखो वही मेरे मियां से चुदाने में लगी हुई है . मैं रात भर उसके आने का इंतज़ार करती हूँ पर मुझे मालूम होता है कि वह कभी इसकी बीवी चोद रहा है कभी उसकी बीवी चोद रहा है . कभी उसकी माँ चोद रहा है कभी इसकी माँ चोद रहा है . कभी उसकी बेटी चोदने में लगा है कभी इसकी बेटी चोदने में ? उसके लण्ड पर पूरा अधिकार मेरा है पर हक़ बहन चोद सब जमा रही है . एक दिन के लिए भी मेरे मियां का लौड़ा मेरे लिए नहीं छोड़ती ये सब की सब भोषड़ी वालियां ?
यहाँ तो जिससे मन हो उससे चुदवा लो और जिसको चाहो उसको चोद लो .
लेकिन कोई भोषड़ी वाला मुझे चोदने नहीं आता ? इसलिए मैंने यह तय कर लिया है कि मैं आज तेरे मियां से चुदवाऊंगी जेठानी जी ? बुरा न मानना जीजी, जेठ जी का लण्ड चाहे जैसा हो पर आज मैं उसे अपनी चूत में जरुर पेलूँगा और रात भर चुदाऊंगी ? देखती हूँ कौन मेरा क्या उखाड़ लेती है ?
जेठानी बोली :- हां मेरी देवरानी, तुम ठीक कह रही हो ? तुम चिंता न करो आज मैं खुद आकर अपने मियां का लौड़ा तेरी बुर में घुसेड़ूँगी . और हां अपने मियां का ही नही बल्कि सबके मियां के लण्ड तेरी चूत में पेलूँगी . जब तेरे मियां के लण्ड पर सब अपना अपना हक़ जमाती है तो तेरा भी हक़ सबके मियां के लण्ड पर है ? मैं देखती हूँ की किसकी गांड में कितनी दम है जो तुम्हे चुदवाने से रोके ? यहाँ बहन चोद कोई एक झांट भी नहीं उखाड़ पायेगी ?
मेरा नाम आयसा है मेरा मियां उस्मान है . मेरी जेठानी रेश्मा है और जेठ रेहान है .
मेरी शादी अभी एक साल पहले ही हुई है . मेरी जेठानी की शादी ३ साल पहले हुई थी . मैं एक २३ साल की मद मस्त जवना बीवी हूँ . मैं जैसे जैसे जवान हुई वैसे वैसे मेरे अंदर लण्ड देखने की और लण्ड पकड़ने की इच्छा बढ़ने लगी . सबसे पहले मैंने १४ साल की उम्र में लण्ड पकड़ा था . वह लण्ड मेरे मामू का था क्योंकि वह भी उस समय १८ साल का था . मैंने उसका लण्ड कई बार पकड़ा और उसी से मैंने लण्ड मुंह में लेना सीखा . फिर लण्ड चाटना और चूसना सीखा . मामू ने मुझे लण्ड का मुठ्ठ मारना सिखाया . वीर्य पीना सिखाया . पहले तो मुझे बड़ा अजीब सा लगा . एक बकठाटा हुआ सा स्वाद . एक गाढ़ा सा लसलसा सफ़ेद गरम गरम क्रीम जैसी चीज जब उसके लण्ड से निकली तो उसने कहा आयसा इसे चाट लो . मैंने चाट तो लिया पर थोड़ी देर में कुल्ला करके थूंक दिया . दो तीन बार ऐसा हुआ लेकिन फिर उसका स्वाद अच्छा लगने लगा . मामू ने कहा आयसा जो भी लण्ड से निकले उसे पिया करो इसी को लण्ड पीना कहते है . उस दिन से मैं लण्ड पीना सीख गयी .
एक बार मैं अपने पड़ोस के एक अंकल के घर गयी . उसका नाम था एडवर्ड . बड़े गोरे चिट्टे और हैंडसम थे अंकल . मेरे अंदर बड़ी मस्ती भरी थी . मैं अंकल से हंसी मजाक कर लेती थी . दोपहर का समय था . अंकल अकेले थे . मैं उससे मजाक करने लगी . मेरे मुंह से निकला भोषड़ी के अंकल आज तुम ज्यादा ही हसीं लग रहे हो मुझे .गाली देना मैंने अपनी अम्मी से सीख लिया था . मेरी अम्मी खूब गाली बकती है . एक दिन मुझसे बोली - आयसा, तू क्या माँ चुदाने गयी थी अपनी ?
एक दिन और बोली - आयसा, तू किससे गांड मरा के आ रही है, बहन चोद ?
बस मैं भी ऐसा ही बोलने लगी . एक दिन मैं भी अनायास पूंछ बैठी - किसका लौड़ा हिला के आ रही हो अम्मी ? पहले तो अम्मी चुप रही मगर फिर हंस पड़ी और चली गयी .
मैंने जोश में आके अंकल से कह दिया - अंकल मुझे अपना लण्ड पिलाओ ?
वह मुझे भूंखी निगाहों से देखने लगा . वह बोला आयसा तुम लण्ड पकड़ना जानती हो . मैंने कहा हां अंकल मैं खूब पकड़ती हूँ लण्ड ? मेरे मुंह से लण्ड सुनकर उसका लण्ड टन्ना कर खड़ा हो गया . वह बोला तो फिर देर क्यों करती हो पकड़ो न मेरा लण्ड ? मैंने उसकी लुंगी के अंदर हाथ डाला और पकड़ लिया लण्ड ? मुझे अहसास हुआ कि इसका लण्ड मामू के लण्ड से बड़ा भी है और मोटा भी ? मैंने लुंगी खोल दी .
मैंने जब लण्ड देखा तो बोली :- हाय अल्ला, लण्ड इतना बड़ा होता है अंकल ?
अंकल बोला :- इसे मस्ती से पकड़ो और चूमो तो यह और बड़ा हो जायेगा .
मैं लण्ड चूमने लगी . अंकल का हाथ मेरी चूंचियों पर चला गया . मेरी चूंची बड़ी बड़ी हो गयी थी . मैं लण्ड चाटने लगी चूसने लगी और फिर मारने लगी सड़का . मैं दनादन्न लण्ड ऊपर नीचे करती जा रही थी . उसका सुपाड़ा बार बार चमक उठता था . आखिर में जब वह झड़ने लगा तो मैं मुंह खोल कर सारा वीर्य पी गयी . फिर लण्ड चाट चाट कर साफ कर दिया . मुझे बड़ा मज़ा आया . लण्ड का साईज़ मुझे इतना पसंद आ आया की मैं जब कब जाती रही और लण्ड पीती रही . मुझे वह लण्ड आज भी याद है . धीरे धीरे मैंने अंकल से चुदवाना भी शुरू कर दिया . मेरी कहानी सुनकर मेरी जेठानी बहुत खुश हुई . रात को करीब ११ बजे मैं अपने कमरे में अकेली ही बैठी थी . अचानक जेठानी आ गयी . वह बिलकुल नंगी थी . मैं उसे देखती ही रह गयी . वह बड़ी मस्त लग रही थी . मैंने कहा जीजी तुम तो बिना कपड़ों के ज्यादा खूबसूरत लगती हो . वह बोली अरी आसमा तुम भी तो अपने कपडे उतारो ? मैंने कहा मुझे कौन भोषड़ी वाला चोदने आ रहा है जो मैं कपडे उतारूँ ? इतने में मैंने देखा की जेठानी के पीछे जेठ जी खड़े है . जेठानी ने एक हाथ से जेठ जी का लण्ड पकड़ा और दूसरे हाथ से मेरा हाथ पकड़ कर लण्ड मेरे हाथ में रख दिया .
वह बोली लो मेरी प्यारी देवरानी ये है मेरा मियां और ये है मेरे मियां का लण्ड ? आज रात भर खूब चुदाओ .
उसके जाते ही जेठ मेरे ऊपर टूट पड़ा . पहले तो उसने मुझे अपनी बाहों में भर लिया . मेरे गाल खूब चूमे, मेरे होंठ चूमने लगा मेरे स्तन सहलाने लगा . मेरी चूतड़ों पर हाथ फेरने लगा . फिर वह धीरे से मेरा गाउन उतारने की कोशिश करने लगा . उसकी सारी बटन खोल दी . मेरी चूंचियां नंगी हो गयी उसके सामने . वह चूंची देख कर पागल हो गया .अपना मुंह मेरी चूंची पर रगड़ने लगा . निपल्स मुंह में लेने लगा . वह बहन चोद नंगा तो था ही . मेरा हाथ उसका लौड़ा सहलाने लगा . उसने फिर धीरे से मेरा गाउन खोल कर नीचे फेंक दिया . मेरी चूत भी खुल कर उसके सामने आ गयी . उसने चूत पर हाथ फेरा और बोला हाय मेरी जान तेरी चूत तो बिलकुल मक्खन मलाई जैसी लग रही है . आज पहली बार इतनी मस्त चूत देख रहा हूँ मैं ? ऐसा कह कर उसने मुझे चित लिटा दिया और मेरे ऊपर चढ़ गया . अपना लौड़ा मेरे मुंह की तरफ कर दिया और अपना मुंह मेरी चूत पर रख दिया . वह चाटने लगा में चूत ? बहुत दिनी के बाद कोई मेरी बुर चाट रहा था . मुझे उस समय बड़ा मज़ा आ रहा था . मैं लड़कों से कभी अपनी चूत चटवाया करती थी . आज वही मज़ा मुझे मिल रहा था . मेरा जेठ मादर चोद अपना लौड़ा मेरे मुंह में घुसेड़े हुए मेरी बुर चाटने में जुटा था . मुझे बुर चटाने के साथ साथ लौड़ा चाटने में खूब मज़ा आने लगा मैं मस्त होने लगी . मन में सोंचने लगी कितना बढ़िया है मेरे जेठ का लण्ड ?
थोड़ी देर में वह चित लेट गया और मैं उसकी दोनों टांगों के बीच बैठ कर उसका लौड़ा मुठियाने लगी . उसके पेल्हड़ सहलाने लगी . उसका सुपाड़ा बार बार चूमने चाटने लगी . लौड़ा मुझे इतना पसंद आया कि मेरी नज़र उससे हट ही नहीं रही थी . झांटे बिलकुल साफ़ थी इसलिए मुझे लण्ड चूसने में और पेल्हड़ चाटने में कोई दिक्कत नहीं थी . अब तक मेरी चूत बहुत गरम हो गयी थी . फिर मैं माहि रुकी और आगे खसक कर उसके लण्ड पर बैठ गयी . लण्ड मेरी चूत में पूरा का पूरा घुस गया . मैं अपनी गांड उछाल उछाल कर लौड़ा चोदने लगी . जेठो को भी मज़ा आने लगा . मैंने कहा मेरी जान जेठ जी भोषड़ी के तुम्हे कैसा लग रहा है ? वह बोला हाय आसमा तुम बड़ी मस्त बीवी हो ? मुझे क्या मालूम था कि तुम इतना बढ़िया चुदवा लेती हो . मैंने कहा मैं चुदवा भी लेती हूँ और चोद भी लेती हूँ जेठ जी . आज मैं तेरे लण्ड की माँ चोदूंगी ? मैं जोर जोर से लण्ड पर कूदने लगी . मेरी चूत से रस टपकने लगा . लौड़ा साला और सख्त होता जा रहा था .
इतने में किसी ने एक लण्ड किसी ने मेरे कंधे पर रख दिया . लण्ड साला इतना लम्बा था कि उसका सुपाड़ा मेरी आँखों के सामने आ गया . मैं एकदम से पीछे घूमी तो देखा की एक अनजान आदमी एकदम नंगा मेरे कंधे पर लण्ड रखे खड़ा है . इतने में जेठानी फिर मेरे सामने आ गयी और बोली आयसा ये मेरे अब्बू का लण्ड है ? मैंने देखा की उसका लण्ड जेठ के लण्ड से बड़ा है और मोटा भी ज्यादा है . उसे पकड़ते ही मेरी चूत की आग और भड़क उठी . जेठानी फिर बोली अरी आयसा मेरा अब्बू मेरी ननद को अपना लण्ड चूसा रहा था . मैंने कहा अब्बू मेरी इस बुर चोदी ननद को छोडो मैं इसकी बुर में किसी और का लौड़ा पेल दूँगी तुम चलो मेरी देवरानी की बुर चोदो ? वह बड़ी चुदासी है बिचारी . अब तुम इन दोनों लौड़ों से खूब मस्ती से चुदवाओ मैं अपने खालू का लौड़ा अपनी नन्द की बुर में पेलने जा रही हूँ . जेठानी चली गयी . मैंने उसे अब्बू का लण्ड मुंह में लिया और चूसने लगी . थोड़ी देर के बाद मैं जेठानी के अब्बू का लण्ड अपने चूत में घुसेड़ा . उसने एक ही बार में पूरा लण्ड पेल दिया , मेरे मुंह से चीख निकल गयी ओई माँ कितना मोटा है मादर चोद तेरा लण्ड ? मेरी तो चूत फट जायेगी भोषड़ी के अंकल ? लेकिन इतना हक्कानी लौड़ा पेलवान में मुझे मज़ा आया . मैं भकाभक चुदाने लगी अपने जेठानी के अब्बू से ? मैं समझ गयी की मेरी जेठानी भी अपने अब्बू से इसी तरह चुदवाती है . उधर मैं जेठ का लण्ड चूसने लगी . मैं बार बार लण्ड की अदला बदली करके चुदवाने का मज़ा लेने लगी . फिर एकदम से बिना बताये जेठ का लौड़ा झड़ गया और मेरे मुंह में ही उगल दिया अपना वीर्य . अंकल मुझे गचागच चोदे चला जा रहा था . उसने पीछे से भी चोदा और फिर मुझे अपनी गोदी में बैठ के चोदा . वह बोला आयसा अब मैं खलास होने वाला हूँ . तो मैं घूम गयी और लण्ड का मुठ्ठ मारने लगी . उसकी दनादन्न ३/४ पिचकारी मेरे मुंह में सीधे चली गयी . मैं तो लण्ड पीने में वैसे ही माहिर थी .
मैंने जम कर पिया जेठानी के अब्बू का लण्ड .
फिर मैं बाथ रूम गयी और नहा धो कर वापस आ गयी . मैं अपना बदन पोंछ रही थी . और फिर तौलिया मर्दों कि तरह लपेट कर शीशे के सामने खड़ी हो कर अपनी चूंचियां देखने लगी . अचानक किसी ने मेरे पीछे से मेरी कमर में अपने दोनों हाथ दाल दिया . मैंने उसका मुंह शीशे में देख लिया और कहा हाय रे नंदोई जी, मेरी चूंची पीने आये हो . वह बोला हां भाभी मुझे बड़ी भाभी ने बताया कि मेरी देवरानी की चूत बड़ी मस्त है . तुम वहीं जाकर मेरी देवरानी बुर चोदो . ऐसा कह कर उसने मेरी तौलियां खोल दी . तौलियां नीचे गिर पड़ी और मेरी चूत उसे साफ साफ शीशे में दिख गयी . वाह बोला अरे वाह कितनी प्यारी है भाभी तेरी बुर ? इसमें लौड़ा पेल कर कितना मज़ा आएगा ? मैंने कहा क्यों मेरी नन्द की बुर में लौड़ा पेल कर तुझे मज़ा नहीं आता ? वह बोला अरे भाभी उसकी चूत में तो जाने कितने लोग अपना लौड़ा पेलते है . अभी वह मेरे दो दोस्तों से चुदवा रही है . और उन दोनों की बीवियां कहीं और चुदवाने गयी है . मैंने नंदोई का लौड़ा पकड़ लिया . एक नए तरह लण्ड मेरे हाथ में आया तो मैं खुश हो गयी . हालांकि मैं अभी अभी बुरी तरह से झड़ चुकी थी . लेकिन मैं लण्ड खेलने लगी . मेरी गर्मी बढती गयी . मै मदहोश होती गयी .
सवेरे उठ कर मैं जेठानी के कमरे में गयी . वह बोली अच्छा हुआ तुम मेरे पास आ गयी . चलो तुम्हे एक नज़ारा दिखाती हूँ . जेठानी मुझे एक कमरे में ले गयी . वहाँ मैंने देखा कि कोई मेरी माँ चोद रहा है . फिर मैंने गौर से उसका लण्ड देखा तो कहा अरे जेठानी जी ये तो वही लण्ड है जो मुझे रात में चोद रहा था .
जेठानी बोली हां आयसा मेरा अब्बू तेरी माँ चोद रहा है .
रात को जब मेरा अब्बू तुम्हे चोद कर आया तो वह थोड़ी देर के लिए बाहर चल गया . एक घंटे के बाद जब वह वापस आया तो देखा कि तेरी माँ आयी हुई है . उसका दिल तेरी माँ पे आ गया . तेरी माँ भी उसके बगल में बैठ गयी . उसने मेरे अब्बू के लण्ड पर हाथ रख दिया . अब अब्बू को ताव आ गया और वह चढ़ बैठा तेरी अम्मी के ऊपर और पेल दिया अपना लौड़ा तेरी अम्मी के भोषडा में ? मजे की बात यह है की यह सब कुछ मेरे सामने हुआ . मैं तेरी माँ चुदते हुए देखने लगी . तब मुझे ख्याल आया की क्यों न तुम्हे भी दिखाऊँ . तुम भी अपनी माँ चुदते हुए देखो . मैंने कहा हां मेरी अम्मी हरामजादी जहाँ लण्ड देखती है बस वही इसकी लार टपकने लगती है . अरे मेरी माँ तो मेरे बॉय फ्रेंड्स के लण्ड पकड़ लेती थी . धीरे धीरे मैं भी खुल गयी . तब मैं खुद अपने दोस्तों से अपनी माँ चुदवाने लगी . फिर मेरी जेठानी मुझे दूसरे कमरे में ले गयी .
वहाँ मैंने देखा की मेरा मियां अपनी खाला का भोषडा चोद रहा है . खालू बहन चोद बैठा बैठा अपनी बीवी मेरे मियां से चुदवा रहा है . वह अपना हाथ लुंगी में डाल कर अपना लौड़ा सहला रहा है . उसकी लुंगी के नीचे उसका लण्ड टन टना रहा है . जेठानी ने उसकी लुंगी खींच ली तो वह बिलकुल नंगा हो गया . जेठानी ने उसका लण्ड पकड़ा और बोली साले कुत्ते इतना बढियां लण्ड होते हुए तू मादर चोद अपनी बीवी किसी और से चुदवा रहा है . वह बोली अरे रेश्मा मेरी बीवी को तरह तरह के लण्ड से चुदवाने का शौक है . तब जेठानी बोली तो मेरी देवरानी को भी तरह तरह के लण्ड से चुदवाने का शौक है . यह कह कर जेठानी ने मुझे लण्ड पकड़ा दिया और कहा लो आयसा इसे अपनी बुर में पेलो और चुदाओ . इस तरह मैं खालू से चुदवाने लगी .
तब मेरा हसबैंड बोला हां खालू मैं तेरी बीवी चोद रहा हूँ , तुम मेरी बीवी चोदो .
इस तरह मेरी जेठानी ने सबके लण्ड मेरी चूत में पेल पेल कर मुझे ससुराल में चुदाना सिखाया .
०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=० समाप्त
यहाँ तो जिससे मन हो उससे चुदवा लो और जिसको चाहो उसको चोद लो .
लेकिन कोई भोषड़ी वाला मुझे चोदने नहीं आता ? इसलिए मैंने यह तय कर लिया है कि मैं आज तेरे मियां से चुदवाऊंगी जेठानी जी ? बुरा न मानना जीजी, जेठ जी का लण्ड चाहे जैसा हो पर आज मैं उसे अपनी चूत में जरुर पेलूँगा और रात भर चुदाऊंगी ? देखती हूँ कौन मेरा क्या उखाड़ लेती है ?
जेठानी बोली :- हां मेरी देवरानी, तुम ठीक कह रही हो ? तुम चिंता न करो आज मैं खुद आकर अपने मियां का लौड़ा तेरी बुर में घुसेड़ूँगी . और हां अपने मियां का ही नही बल्कि सबके मियां के लण्ड तेरी चूत में पेलूँगी . जब तेरे मियां के लण्ड पर सब अपना अपना हक़ जमाती है तो तेरा भी हक़ सबके मियां के लण्ड पर है ? मैं देखती हूँ की किसकी गांड में कितनी दम है जो तुम्हे चुदवाने से रोके ? यहाँ बहन चोद कोई एक झांट भी नहीं उखाड़ पायेगी ?
मेरा नाम आयसा है मेरा मियां उस्मान है . मेरी जेठानी रेश्मा है और जेठ रेहान है .
मेरी शादी अभी एक साल पहले ही हुई है . मेरी जेठानी की शादी ३ साल पहले हुई थी . मैं एक २३ साल की मद मस्त जवना बीवी हूँ . मैं जैसे जैसे जवान हुई वैसे वैसे मेरे अंदर लण्ड देखने की और लण्ड पकड़ने की इच्छा बढ़ने लगी . सबसे पहले मैंने १४ साल की उम्र में लण्ड पकड़ा था . वह लण्ड मेरे मामू का था क्योंकि वह भी उस समय १८ साल का था . मैंने उसका लण्ड कई बार पकड़ा और उसी से मैंने लण्ड मुंह में लेना सीखा . फिर लण्ड चाटना और चूसना सीखा . मामू ने मुझे लण्ड का मुठ्ठ मारना सिखाया . वीर्य पीना सिखाया . पहले तो मुझे बड़ा अजीब सा लगा . एक बकठाटा हुआ सा स्वाद . एक गाढ़ा सा लसलसा सफ़ेद गरम गरम क्रीम जैसी चीज जब उसके लण्ड से निकली तो उसने कहा आयसा इसे चाट लो . मैंने चाट तो लिया पर थोड़ी देर में कुल्ला करके थूंक दिया . दो तीन बार ऐसा हुआ लेकिन फिर उसका स्वाद अच्छा लगने लगा . मामू ने कहा आयसा जो भी लण्ड से निकले उसे पिया करो इसी को लण्ड पीना कहते है . उस दिन से मैं लण्ड पीना सीख गयी .
एक बार मैं अपने पड़ोस के एक अंकल के घर गयी . उसका नाम था एडवर्ड . बड़े गोरे चिट्टे और हैंडसम थे अंकल . मेरे अंदर बड़ी मस्ती भरी थी . मैं अंकल से हंसी मजाक कर लेती थी . दोपहर का समय था . अंकल अकेले थे . मैं उससे मजाक करने लगी . मेरे मुंह से निकला भोषड़ी के अंकल आज तुम ज्यादा ही हसीं लग रहे हो मुझे .गाली देना मैंने अपनी अम्मी से सीख लिया था . मेरी अम्मी खूब गाली बकती है . एक दिन मुझसे बोली - आयसा, तू क्या माँ चुदाने गयी थी अपनी ?
एक दिन और बोली - आयसा, तू किससे गांड मरा के आ रही है, बहन चोद ?
बस मैं भी ऐसा ही बोलने लगी . एक दिन मैं भी अनायास पूंछ बैठी - किसका लौड़ा हिला के आ रही हो अम्मी ? पहले तो अम्मी चुप रही मगर फिर हंस पड़ी और चली गयी .
मैंने जोश में आके अंकल से कह दिया - अंकल मुझे अपना लण्ड पिलाओ ?
वह मुझे भूंखी निगाहों से देखने लगा . वह बोला आयसा तुम लण्ड पकड़ना जानती हो . मैंने कहा हां अंकल मैं खूब पकड़ती हूँ लण्ड ? मेरे मुंह से लण्ड सुनकर उसका लण्ड टन्ना कर खड़ा हो गया . वह बोला तो फिर देर क्यों करती हो पकड़ो न मेरा लण्ड ? मैंने उसकी लुंगी के अंदर हाथ डाला और पकड़ लिया लण्ड ? मुझे अहसास हुआ कि इसका लण्ड मामू के लण्ड से बड़ा भी है और मोटा भी ? मैंने लुंगी खोल दी .
मैंने जब लण्ड देखा तो बोली :- हाय अल्ला, लण्ड इतना बड़ा होता है अंकल ?
अंकल बोला :- इसे मस्ती से पकड़ो और चूमो तो यह और बड़ा हो जायेगा .
मैं लण्ड चूमने लगी . अंकल का हाथ मेरी चूंचियों पर चला गया . मेरी चूंची बड़ी बड़ी हो गयी थी . मैं लण्ड चाटने लगी चूसने लगी और फिर मारने लगी सड़का . मैं दनादन्न लण्ड ऊपर नीचे करती जा रही थी . उसका सुपाड़ा बार बार चमक उठता था . आखिर में जब वह झड़ने लगा तो मैं मुंह खोल कर सारा वीर्य पी गयी . फिर लण्ड चाट चाट कर साफ कर दिया . मुझे बड़ा मज़ा आया . लण्ड का साईज़ मुझे इतना पसंद आ आया की मैं जब कब जाती रही और लण्ड पीती रही . मुझे वह लण्ड आज भी याद है . धीरे धीरे मैंने अंकल से चुदवाना भी शुरू कर दिया . मेरी कहानी सुनकर मेरी जेठानी बहुत खुश हुई . रात को करीब ११ बजे मैं अपने कमरे में अकेली ही बैठी थी . अचानक जेठानी आ गयी . वह बिलकुल नंगी थी . मैं उसे देखती ही रह गयी . वह बड़ी मस्त लग रही थी . मैंने कहा जीजी तुम तो बिना कपड़ों के ज्यादा खूबसूरत लगती हो . वह बोली अरी आसमा तुम भी तो अपने कपडे उतारो ? मैंने कहा मुझे कौन भोषड़ी वाला चोदने आ रहा है जो मैं कपडे उतारूँ ? इतने में मैंने देखा की जेठानी के पीछे जेठ जी खड़े है . जेठानी ने एक हाथ से जेठ जी का लण्ड पकड़ा और दूसरे हाथ से मेरा हाथ पकड़ कर लण्ड मेरे हाथ में रख दिया .
वह बोली लो मेरी प्यारी देवरानी ये है मेरा मियां और ये है मेरे मियां का लण्ड ? आज रात भर खूब चुदाओ .
उसके जाते ही जेठ मेरे ऊपर टूट पड़ा . पहले तो उसने मुझे अपनी बाहों में भर लिया . मेरे गाल खूब चूमे, मेरे होंठ चूमने लगा मेरे स्तन सहलाने लगा . मेरी चूतड़ों पर हाथ फेरने लगा . फिर वह धीरे से मेरा गाउन उतारने की कोशिश करने लगा . उसकी सारी बटन खोल दी . मेरी चूंचियां नंगी हो गयी उसके सामने . वह चूंची देख कर पागल हो गया .अपना मुंह मेरी चूंची पर रगड़ने लगा . निपल्स मुंह में लेने लगा . वह बहन चोद नंगा तो था ही . मेरा हाथ उसका लौड़ा सहलाने लगा . उसने फिर धीरे से मेरा गाउन खोल कर नीचे फेंक दिया . मेरी चूत भी खुल कर उसके सामने आ गयी . उसने चूत पर हाथ फेरा और बोला हाय मेरी जान तेरी चूत तो बिलकुल मक्खन मलाई जैसी लग रही है . आज पहली बार इतनी मस्त चूत देख रहा हूँ मैं ? ऐसा कह कर उसने मुझे चित लिटा दिया और मेरे ऊपर चढ़ गया . अपना लौड़ा मेरे मुंह की तरफ कर दिया और अपना मुंह मेरी चूत पर रख दिया . वह चाटने लगा में चूत ? बहुत दिनी के बाद कोई मेरी बुर चाट रहा था . मुझे उस समय बड़ा मज़ा आ रहा था . मैं लड़कों से कभी अपनी चूत चटवाया करती थी . आज वही मज़ा मुझे मिल रहा था . मेरा जेठ मादर चोद अपना लौड़ा मेरे मुंह में घुसेड़े हुए मेरी बुर चाटने में जुटा था . मुझे बुर चटाने के साथ साथ लौड़ा चाटने में खूब मज़ा आने लगा मैं मस्त होने लगी . मन में सोंचने लगी कितना बढ़िया है मेरे जेठ का लण्ड ?
थोड़ी देर में वह चित लेट गया और मैं उसकी दोनों टांगों के बीच बैठ कर उसका लौड़ा मुठियाने लगी . उसके पेल्हड़ सहलाने लगी . उसका सुपाड़ा बार बार चूमने चाटने लगी . लौड़ा मुझे इतना पसंद आया कि मेरी नज़र उससे हट ही नहीं रही थी . झांटे बिलकुल साफ़ थी इसलिए मुझे लण्ड चूसने में और पेल्हड़ चाटने में कोई दिक्कत नहीं थी . अब तक मेरी चूत बहुत गरम हो गयी थी . फिर मैं माहि रुकी और आगे खसक कर उसके लण्ड पर बैठ गयी . लण्ड मेरी चूत में पूरा का पूरा घुस गया . मैं अपनी गांड उछाल उछाल कर लौड़ा चोदने लगी . जेठो को भी मज़ा आने लगा . मैंने कहा मेरी जान जेठ जी भोषड़ी के तुम्हे कैसा लग रहा है ? वह बोला हाय आसमा तुम बड़ी मस्त बीवी हो ? मुझे क्या मालूम था कि तुम इतना बढ़िया चुदवा लेती हो . मैंने कहा मैं चुदवा भी लेती हूँ और चोद भी लेती हूँ जेठ जी . आज मैं तेरे लण्ड की माँ चोदूंगी ? मैं जोर जोर से लण्ड पर कूदने लगी . मेरी चूत से रस टपकने लगा . लौड़ा साला और सख्त होता जा रहा था .
इतने में किसी ने एक लण्ड किसी ने मेरे कंधे पर रख दिया . लण्ड साला इतना लम्बा था कि उसका सुपाड़ा मेरी आँखों के सामने आ गया . मैं एकदम से पीछे घूमी तो देखा की एक अनजान आदमी एकदम नंगा मेरे कंधे पर लण्ड रखे खड़ा है . इतने में जेठानी फिर मेरे सामने आ गयी और बोली आयसा ये मेरे अब्बू का लण्ड है ? मैंने देखा की उसका लण्ड जेठ के लण्ड से बड़ा है और मोटा भी ज्यादा है . उसे पकड़ते ही मेरी चूत की आग और भड़क उठी . जेठानी फिर बोली अरी आयसा मेरा अब्बू मेरी ननद को अपना लण्ड चूसा रहा था . मैंने कहा अब्बू मेरी इस बुर चोदी ननद को छोडो मैं इसकी बुर में किसी और का लौड़ा पेल दूँगी तुम चलो मेरी देवरानी की बुर चोदो ? वह बड़ी चुदासी है बिचारी . अब तुम इन दोनों लौड़ों से खूब मस्ती से चुदवाओ मैं अपने खालू का लौड़ा अपनी नन्द की बुर में पेलने जा रही हूँ . जेठानी चली गयी . मैंने उसे अब्बू का लण्ड मुंह में लिया और चूसने लगी . थोड़ी देर के बाद मैं जेठानी के अब्बू का लण्ड अपने चूत में घुसेड़ा . उसने एक ही बार में पूरा लण्ड पेल दिया , मेरे मुंह से चीख निकल गयी ओई माँ कितना मोटा है मादर चोद तेरा लण्ड ? मेरी तो चूत फट जायेगी भोषड़ी के अंकल ? लेकिन इतना हक्कानी लौड़ा पेलवान में मुझे मज़ा आया . मैं भकाभक चुदाने लगी अपने जेठानी के अब्बू से ? मैं समझ गयी की मेरी जेठानी भी अपने अब्बू से इसी तरह चुदवाती है . उधर मैं जेठ का लण्ड चूसने लगी . मैं बार बार लण्ड की अदला बदली करके चुदवाने का मज़ा लेने लगी . फिर एकदम से बिना बताये जेठ का लौड़ा झड़ गया और मेरे मुंह में ही उगल दिया अपना वीर्य . अंकल मुझे गचागच चोदे चला जा रहा था . उसने पीछे से भी चोदा और फिर मुझे अपनी गोदी में बैठ के चोदा . वह बोला आयसा अब मैं खलास होने वाला हूँ . तो मैं घूम गयी और लण्ड का मुठ्ठ मारने लगी . उसकी दनादन्न ३/४ पिचकारी मेरे मुंह में सीधे चली गयी . मैं तो लण्ड पीने में वैसे ही माहिर थी .
मैंने जम कर पिया जेठानी के अब्बू का लण्ड .
फिर मैं बाथ रूम गयी और नहा धो कर वापस आ गयी . मैं अपना बदन पोंछ रही थी . और फिर तौलिया मर्दों कि तरह लपेट कर शीशे के सामने खड़ी हो कर अपनी चूंचियां देखने लगी . अचानक किसी ने मेरे पीछे से मेरी कमर में अपने दोनों हाथ दाल दिया . मैंने उसका मुंह शीशे में देख लिया और कहा हाय रे नंदोई जी, मेरी चूंची पीने आये हो . वह बोला हां भाभी मुझे बड़ी भाभी ने बताया कि मेरी देवरानी की चूत बड़ी मस्त है . तुम वहीं जाकर मेरी देवरानी बुर चोदो . ऐसा कह कर उसने मेरी तौलियां खोल दी . तौलियां नीचे गिर पड़ी और मेरी चूत उसे साफ साफ शीशे में दिख गयी . वाह बोला अरे वाह कितनी प्यारी है भाभी तेरी बुर ? इसमें लौड़ा पेल कर कितना मज़ा आएगा ? मैंने कहा क्यों मेरी नन्द की बुर में लौड़ा पेल कर तुझे मज़ा नहीं आता ? वह बोला अरे भाभी उसकी चूत में तो जाने कितने लोग अपना लौड़ा पेलते है . अभी वह मेरे दो दोस्तों से चुदवा रही है . और उन दोनों की बीवियां कहीं और चुदवाने गयी है . मैंने नंदोई का लौड़ा पकड़ लिया . एक नए तरह लण्ड मेरे हाथ में आया तो मैं खुश हो गयी . हालांकि मैं अभी अभी बुरी तरह से झड़ चुकी थी . लेकिन मैं लण्ड खेलने लगी . मेरी गर्मी बढती गयी . मै मदहोश होती गयी .
सवेरे उठ कर मैं जेठानी के कमरे में गयी . वह बोली अच्छा हुआ तुम मेरे पास आ गयी . चलो तुम्हे एक नज़ारा दिखाती हूँ . जेठानी मुझे एक कमरे में ले गयी . वहाँ मैंने देखा कि कोई मेरी माँ चोद रहा है . फिर मैंने गौर से उसका लण्ड देखा तो कहा अरे जेठानी जी ये तो वही लण्ड है जो मुझे रात में चोद रहा था .
जेठानी बोली हां आयसा मेरा अब्बू तेरी माँ चोद रहा है .
रात को जब मेरा अब्बू तुम्हे चोद कर आया तो वह थोड़ी देर के लिए बाहर चल गया . एक घंटे के बाद जब वह वापस आया तो देखा कि तेरी माँ आयी हुई है . उसका दिल तेरी माँ पे आ गया . तेरी माँ भी उसके बगल में बैठ गयी . उसने मेरे अब्बू के लण्ड पर हाथ रख दिया . अब अब्बू को ताव आ गया और वह चढ़ बैठा तेरी अम्मी के ऊपर और पेल दिया अपना लौड़ा तेरी अम्मी के भोषडा में ? मजे की बात यह है की यह सब कुछ मेरे सामने हुआ . मैं तेरी माँ चुदते हुए देखने लगी . तब मुझे ख्याल आया की क्यों न तुम्हे भी दिखाऊँ . तुम भी अपनी माँ चुदते हुए देखो . मैंने कहा हां मेरी अम्मी हरामजादी जहाँ लण्ड देखती है बस वही इसकी लार टपकने लगती है . अरे मेरी माँ तो मेरे बॉय फ्रेंड्स के लण्ड पकड़ लेती थी . धीरे धीरे मैं भी खुल गयी . तब मैं खुद अपने दोस्तों से अपनी माँ चुदवाने लगी . फिर मेरी जेठानी मुझे दूसरे कमरे में ले गयी .
वहाँ मैंने देखा की मेरा मियां अपनी खाला का भोषडा चोद रहा है . खालू बहन चोद बैठा बैठा अपनी बीवी मेरे मियां से चुदवा रहा है . वह अपना हाथ लुंगी में डाल कर अपना लौड़ा सहला रहा है . उसकी लुंगी के नीचे उसका लण्ड टन टना रहा है . जेठानी ने उसकी लुंगी खींच ली तो वह बिलकुल नंगा हो गया . जेठानी ने उसका लण्ड पकड़ा और बोली साले कुत्ते इतना बढियां लण्ड होते हुए तू मादर चोद अपनी बीवी किसी और से चुदवा रहा है . वह बोली अरे रेश्मा मेरी बीवी को तरह तरह के लण्ड से चुदवाने का शौक है . तब जेठानी बोली तो मेरी देवरानी को भी तरह तरह के लण्ड से चुदवाने का शौक है . यह कह कर जेठानी ने मुझे लण्ड पकड़ा दिया और कहा लो आयसा इसे अपनी बुर में पेलो और चुदाओ . इस तरह मैं खालू से चुदवाने लगी .
तब मेरा हसबैंड बोला हां खालू मैं तेरी बीवी चोद रहा हूँ , तुम मेरी बीवी चोदो .
इस तरह मेरी जेठानी ने सबके लण्ड मेरी चूत में पेल पेल कर मुझे ससुराल में चुदाना सिखाया .
०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=० समाप्त
0 comments: